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Benefits of Lassi in Summers: गर्मियों में अक्सर खुद को सेहतमंद और  खुद को ठंडा रखने के लिए हम कई चीजों का सेवन करते हैं. इस मौसम में ज्यादातर लोग ऐसे फूड आइटम्स का सेवन करते हैं, जो उन्हें गर्मी से बचाने के साथ ही ठंडक भी पहुंचाए. यही कारण है कि गर्मियों में पिए पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिनमें से लस्सी एक अच्छा विकल्प है. लस्सी पीने से शरीर को पोटेशियम, प्रोटीन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व मिलते हैं. आज हम आपको बताएंगे इसके कुछ ऐसे फायदों के बारे में, जिसे जानकर आप स्वाद के साथ ही अपनी सेहत के लिए भी इसे पीना शुरू कर देंगे.तो चलिए जानते हैं लस्सी पीने के क्या फायदे है. - हड्डियां मजबूत करेलस्सी पीने से हड्डियां मजबूत होती है. साथ ही इसके सेवन से मांसपेशियों का दर्द भी आसानी से दूर होता है. लस्सी में मौजूद कैल्शियम की भरपूर मात्रा थकान दूर करने में भी मदद करती है. - लू से बचाव गर्मियों में खुद को लू से बचाए रखने के लिए लस्सी पिए. लस्सी पीने से आप न सिर्फ लू से बचेंगे,बल्कि धूप की वजह से होने वाले सिरदर्द से भी आपको राहत मिलेगी. - पाचन तंत्र दुरुस्त करेगर्मियों में लस्सी पीने से पाचन तंत्र  मजबूत होता है. पोषक तत्वों से भरपूर लस्सी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो पेट से जुड़ी कई समस्याएं जैसे कब्ज, गैस और एसिडिटी से राहत दिलाता है. - तनाव दूर करेगर्मियों में धूप की वजह से अक्सर दिमाग अशांत रहता है. ऐसे में अगर आप इस मौसम में लस्सी पीते हैं, तो इससे आपका दिमाग शांत होता है और तनाव दूर होता है. साथ ही यह इंस्टेंट एनर्जी देने के साथ ही मूड भी रिफ्रेश करता है. - वजन घटाएं लस्सी पीने से वजन घटाने में काफी मदद मिलती है.साथ ही यह बेली फैट कम करने में भी काफी कारगर होती है. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप वजन घटाने के लिए लस्सी पी रहे हैं, तो शक्कर की जगह किसी अन्य चीज का इस्तेमाल करें....

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Pumpkin Seeds Benefits: कद्दू के बीज काफी गुणकारी(Pumpkin Seeds Benefits) होते है. इन बीजों  को आसानी से आहार में शामिल किया जा सकता है. इनमें अनसैचुरेटेड फैट, ओमेगा-6 फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. आप इन्हें स्नैक्स, स्मूदी मे या नाश्ते के रूप में खा सकते हैं. आइए जानते हैं कद्दू के बीज के स्वास्थ्य लाभ और इन बीजों को आहार में किस तरह से शामिल किया जा सकता है. कद्दू के बीज के फायदे (Pumpkin Seeds Benefits) दिल की सेहत के लिए फायदेमंदकद्दू के बीज एंटीऑक्सिडेंट, मैग्नीशियम, जस्ता और अनसैचुरेटेड फैट का एक अच्छा स्रोत हैं. इन बीजों में मौजूद ये सभी पोषक तत्व हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं. वजन घटाने में मददगारपोषक तत्वों से भरपूर कद्दू के बीज वजन घटाने में मदद करते हैं. इन बीजों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन के लिए फायदेमंद होता है. इन बीजों के सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और आप अनहेल्दी चीजों को खाने से बचते हैं.  हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करेकद्दू के बीज रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करते हैं, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. अनि...

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Coriander Chutney Recpie: गर्मियों के मौसम में अलग- अलग तरह  की चटनी खाने का मन करता है. चटनी खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है. बात अगर धनिया की चटनी(Dhaniya Ki Chutney) की करें तो खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ज्यादातर घरों में धनिया की चटनी बनाई जाती है.धनिया की पत्ती को अबतक आपने केवल गार्निशिंग के लिए इस्तेमाल किया होगा. लेकिन आज हम आपके लिए धनिया से बनने वाली एक अद्भुत डिश लेकर आए हैं. इसका नाम है धनिया का भर्ता.बंगाल में यह एक लोकप्रिय व्यंजन, जिसे उबले हुए चावल के साथ खाने में काफी अच्छा लगता है. धनिया भरता बनाने की सामग्री  (Coriander Chutney Recpie)1-2 गुच्छा ताजा धनिया4-5 लहसुन की कलियाँ3-4 हरी मिर्च1 चम्मच कलौंजी1-2 साबुत लाल मिर्च1-2 चम्मच सरसों का तेलनमक, स्वादानुसार धनिया भरता बनाने की विधि  (Coriander Chutney Recpie)धनिया, लहसुन और हरी मिर्च को साफ करके ब्लेंडर में डालें.एक चिकना पेस्ट तैयार करें.एक कढ़ाई में तेल गर्म करें और कलौंजी और लाल मिर्च का तड़का लगाएं.पेस्ट डालें और तब तक पकाएं जब तक यह सूख न जाए और कच्ची महक खत्म न हो जाए.चावल के साथ गरमागरम परोसें. धनिये के फायदे (Benefits of Dhaniya) रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है.खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है.हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूत कर सकता है.त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है.हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है....

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Thigh Fat Loss Exercise: जांघ में चर्बी जमा होने की समस्या बहुत ही कॉमन है. आमतौर पर इसका कारण जेनेटिक, बढ़ती उम्र और हार्मोन में बदलाव होता है. ऐसे में यदि आप अपनी थाई को मजबूत और शेप में रखना चाहते हैं तो इन चीजों को करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.ऐसे में कई लोगों का मिनी ड्रेस पहनने का सपना भी अधूरा रह जाता है. चाहे डेनिम शॉर्ट्स हो, मिनी स्कर्ट हो या कोई और शार्ट ड्रेस ही क्यों ना हो मोटी जांघों (Fat Thigh) पर ये ड्रेसेस अच्छी नहीं लगती है. ऐसे में अगर आप शॉर्ट ड्रेसेस पहनना चाहते हैं और अपनी जांघों की चर्बी (Thigh Fat) को कम करना चाहते हैं तो इन तरीकों को आजमा सकते हैं. - लंजेसलंज  एक्सरसाइज आपके पेट, जांघों और बट को टोन करती  हैं. यह वर्कआउट पैरों को मजबूत बनाए रखने में मददगार है क्योंकि यह दोनों पैरों पर एक साथ काम करता है. इसे और कठिन बनाने के लिए अपनी जांघों के चारों ओर एक रेजिस्टेंस बैंड लगा सकते हैं. - स्क्वाट्सस्क्वाट्स करने से भी जांघ की चर्बी को तेजी से कम किया जा सकता है, इसके लिए पैरों को बराबर चौड़ाई में खोलें, पैरों की उंगलियों को थोड़ी बाहर की ओर रखें. छाती को ऊपर रखें, कंधे को पीछे रखें और एक कोर पोजीशन में आए. अब अपने हिप्स को पीछे करते हुए घुटने को मोड़े जैसे कि आप कुर्सी पर बैठ रहे हैं, फिर दोबारा खड़े हो जाएं और इस एक्सरसाइज को 20 से 25 बार दोहराएं. - रस्सी कूदनारस्सी कूदना बच्चों का खेल माना जाता है, लेकिन यह मजेदार तो है ही, साथ ही प्रभावी भी है. यह फ्लैट एब्स के लिए सबसे अच्छे व्यायामों में से एक है जो आपकी लेग मसल्स को भी टोन करता है. - बर्पीजबर्पीज करने से भी पैरों की चर्बी को तेजी से कम...

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Tips for better sleep: रात दिन जिंदगी में चल रहे उतार-चढ़ाव के कारण लोग ठीक से सो भी नहीं पाते हैं. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी आदतों के कारण देर रात तक जागते रहते हैं और सुबह फ्रेश महसूस नहीं करते हैं. यदि प्रतिदिन सुकून की नींद नहीं लेंगे, तो कई तरह की शारीरिक समस्याएं शुरू हो सकती हैं. कुछ लोग तो स्लीप डिसऑर्डर इन्सोम्निया के शिकार भी हो जाते हैं और जब रात में नींद नहीं आती है तो नींद आने की दवा खाने लगते हैं. लेकिन, बार-बार दवाओं का सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है.ऐसे में आप गहरी नींद सोने के लिए कुछ आसान से टिप्स को कुछ दिनों के लिए फॉलो करके देखें. मोबाइल  का कम प्रयोग करें रिसर्च के मुताबिक  सोने से पहले ब्लू लाइट के संपर्क में आने से आपकी नींद डिस्टर्ब होती है. इसलिए सोने से करीब एक से डेढ़ घंटे पहले तक मोबाइल, लैपटॉप का इस्तेमाल न करें. साफ बिस्तर एक्सपर्ट्स के मुताबिक जो लोग प्रतिदिन अपने  बिस्तर को साफ करते हैं, उनकी गहरी नींद आने की संभावना अधिक होती है और उनकी हेल्थ भी अच्छी रहती है. वहीं एक रिसर्चर्स में भी पाया गया है कि गंदे कमरे में सोने से एंग्जाइटी बढ़ती है.  साफ चादरआपको कम से कम हर हफ्ते में तकिया और चादर के कवर को धोने की जरूरत है. हालांकि, यदि आपको अस्थमा, एक्जिमा या धूल-मिट्टी से एलर्जी है तो इसका खास ख्याल रखें. इससे नींद अच्छी आएगी.  दिन में कम सोएं दिन में लंबी झपकी रात की नींद में बाधा डाल सकती है इसलिए अगर दिन में आलस या नींद आए तो एक घंटे से अधिक ना सोएं. हालांकि, यदि आप रात में काम करते हैं तो आपको अपनी नींद पूरी करने के लिए एक दिन पहले सोना होगा. ...

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Remedies to Increase Cow Milk: दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है. कुछ प्रजाति की गाय बहुत अधिक दुग्ध उत्पादन करती हैं, जबकि कुछ प्रजाति की गायों का दूध सामान्य स्तर का होता है. पहले लोग ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन लगाकर दूध अधिक दोह लेते थे. लेकिन इसके बॉडी पर निगेटिव इफेक्ट और अन्य परेशानियों को देखते हुए इसकी बिक्री बैन कर दी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि गाय के दूध बढ़ाने के लिए किसी तरह की दवा या फिर इंजेक्शन की जरूरत नहीं है. साधारण नुस्खों को अपनाकर गाय के दूध दोहन की क्षमता बढ़ाई जा सकती है. आज हम ऐसे ही नुस्खों पर बात करते हैं, जिन्हें आजमाकर गाय के दूध की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. अगर आपकी गाय-भैंस के दूध देने की कम क्षमता के चलते आप परेशान है तो आपको चिंता करने की जरुत नहीं है. हम आपको ऐसा तरकी बताने जा रहे हैं जिससे आपके दुधारू  पशु के दूध देने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में दुधारू पशुओं के आहार पर कम ध्यान दिया जाता है. पशुओं को सर्वोत्तम आहार और चारा खिलाना चाहिए लेकिन भारत में इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसे में दूध देने वाले पशुओं को सही चारा और दाना उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है. लोबिया, बरसीम और ल्यूसर्नजो गायें जो प्रतिदिन लगभग पांच किलोग्राम दूध देती हैं, उन्हें आवश्यक मात्रा में पैरा भूसा या कड़वी के साथ लगभग 30 किलोग्राम हरी बरसीम या लूरसन खिलाया जा सकता है. फिर अलग अनाज की कोई जरूरत नहीं रह जाती. सूखी घास आवश्यक मात्रा में उपलब्ध होने पर दूध उत्पादन के लिए हरी बरसीम, लूसर्न या लोबिया ही पशुओं को खिलानी चाहिए. गर्भवती गाय का आहारगर्भवती पशुओं को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के छह महीने के बाद भ्रूण के विकास की गति बढ़ जाती है, इसलिए गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में आहार से अतिरिक्त पोषक तत्वों की आपूर्ति करना आवश्यक होता है. अतः यदि तीन माह के अन्दर हरा चारा उपलब्ध हो तो 10-15 किलोग्राम हरे चारे के साथ 30-50 ग्राम खनिज लवण तथा 30 ग्राम सादा नमक दें। गर्भवती गाय को बच्चा देने से लगभग 15 दिन पहले 2-2.5 किलो दाना दें. विटामिन भी है जरूरीब्याने से पहले गाय को पका हुआ दलिया और गुड़ खिलाना चाहिए। साथ ही कुछ दिनों तक गेहूं का चापर/ज्वार/गेहूं का दलिया, मीठा तेल आदि भी देना चाहिए. बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद से ही आहार कम मात्रा में देना शुरू कर देना चाहिए और लगभग दो सप्ताह में आहार की पूरी मात्रा देनी चाहिए.

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Afeem advantages and risks: अफीम पोस्त के पौधे से प्राप्त एक शक्तिशाली मादक पदार्थ है. हर देश में अफ़ीम को लेकर अलग-अलग क़ानून हैं. भारत में इसकी खेती प्रतिबंधित है.यह खसखस/खसखस के पौधे से प्राप्त एक शक्तिशाली औषधि है. अफ़ीम का उपयोग दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता था और आज भी कुछ दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है. हालांकि, इसके दुरुपयोग से लत, गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है. आज की इस खबर में हम आपको अफ़ीम से जुड़े कुछ फ़ायदों और जोखिमों (Afeem Benefit and Risks) के बारे में बताएंगे. अफ़ीम के फायदे अफ़ीम का उपयोग सदियों से प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में किया जाता  है. इसका उपयोग अभी भी कुछ चिकित्सीय संदर्भों में किया जाता है, जो की  कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद होता है. ओपियेट्स श्वसन से  मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकता है, जिससे खांसी और अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं से राहत मिलती है. ये कई बीमारियों के लिए उपयोगी है. अफ़ीम के नुकसान ओपियेट्स के अत्यधिक उपयोग से नशीली दवाओं की लत लग सकती है, और लंबे समय तक उपयोग से शारीरिक निर्भरता हो सकती है.ओपियेट की अधिक मात्रा घातक हो सकती है, जिससे श्वसन अवसाद और यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है.ओपियेट्स का अत्यधिक उपयोग स्मृति, ध्यान और निर्णय लेने सहित संज्ञानात्मक का...

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Benefits of Tulsi: तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है और हर घर में आसानी से मिल जाता है. तुलसी भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा में एक अद्वितीय स्थान रखती है. यह धार्मिक महत्व के साथ आयुर्वेद में भी काफी काम आता है. बहुत से लोग ऐसे है जिन्हें इसके फायदों के बारे में जानकारी नहीं है, आप भी तुलसी से होने वाले फायदों से अंजान है, तो यह खबर आपके लिए है. तुलसी स्वस्थ के लिए काफी फायदेमंद मानी गई है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट के अलावा एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. जो हमे बीमारियों से बचाते हैं साथ ही स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में. इन बीमारियों के लिए है फायदेमंद :-- तुलसी के अंदर एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में सहायक होते  है .रोजाना तुलसी के पत्तों से काढा बनाकर पीने से इम्यून सिस्टम सुरक्षित और मजबूत बनाता है इसके लिए रोजाना आधे गिलास गर्म पानी में 3 से 4 तुलसी पत्ते के मिलाकर पीने से शरीर स्वस्थ रहता है. - तुलसी के पत्ते  एंटीऑक्सीडेंट गुणो से भरपूर होते हैं जो सर दर्द को कम करने में मदद करते है.  तुलसी के पत्तों को ले कर उन्हें पीस कर रस निकाल और फिर इसे माथे पर लगाने से माइग्रेन का दर्द को कम होता है और सर दर्द से राहत मिलती  है. - तुलसी में मौजूद उपयोगी गुण किडनी को स्वस्थ रखने में मदद कर करते हैं. इसके लिए रोजाना एक गिलास गर्म पानी में तीन तुलसी के पत्ते को उबालकर एक चम्मच शहद के मिलाकर पीने से किडनी स्टोन कि समस्या दूर करने में मदद मिलती है. - खांसी से राहत पाने के लिए तुलसी के पत्तियों से रस निकाल कर आधा चम्मच हल्दी के साथ गर्म दूध में मिलाकर पीना से गले की सूजन को कम करने में मदद मिलती है और खांसी से आराम मिलता है. - तुलसी के पौधे में रक्त को शुद्ध करने के गुण होते हैं. तुलसी के पत्तों में विशेष यौगिक तुलसीन होता है, जो खून की को साफ करने में मदद करता है. यह इससे मुहासा की समस्या दूर होती है और रोजाना आधे गिलास गर्म पानी में चार तुलसी पत्ते मिलाकर पीने से रक्त से संबंधित समस्या दूर होती है....

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Dengue Prevention: देशभर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.डेंगू में मरीज को तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द आदि की समस्या होती है. इस बुखार में ब्लड प्लेटलेट्स भी तेजी से गिरने लगते हैं. ऐसे में मरीज को अपनी डाइट का विशेष ख्याल रखना चाहिए, जिससे जल्द रिकवर होने में मदद मिलेगी. हेल्दी डाइट लेने से डेंगू बुखार में आराम मिल सकता है. ऐसे में आज आपको कुछ फलों के बारे में बताएंगे, जिन्हें खाने से प्लेटलेट्स काउंट तेजी से बढ़ते हैं. पपीताडेंगू में पपीता की पत्तियों को कारगर उपाय माना जाता है.यह प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में मदद करता है. आप इसे फल के रूप में भी खा सकते हैं. फाइबर से भरपूर पपीता खाने से डेंगू बुखार से ठीक होने में मदद मिलती है. नारियल पानीडेंगू बुखार में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए आप नारियल पानी पी सकते हैं. जिससे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है. नारियल पानी शरीर के टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. कीवीकीवी डेंगू के मरीजों के लिए रामबाण है. कीवी में फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन को स्वस्थ रखता है, साथ ही प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में  मदद कर सकता है. अनारअनार सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इसमें विटामिन-सी की मात्रा होती है. अनार के दाने खाने से थकान, कमजोरी आदि समस्याओं से राहत मिलती है. ये  शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करता है. इसके अलावा अनार इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है. केलापाचन को स्वस्थ रखने के लिए केला खाने की सलाह दी जाती है. यह आयरन और फोलेट का समृद्ध स्रोत है. यह शरीर को उर्जावान रखने में भी मदद करता है. प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में केला मददगार साबित हो सकता है.

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Migraine Controlling Tips: माइग्रेन का दर्द हर व्यक्ति के लिए भयानक हो सकता है, लेकिन जब आप इसे इग्नाेर करती हैं, तो यह और भी खतरनाक हो सकता है.माइग्रेन एक तरह का दर्द है, जो सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. यह बीमारी पहले 45 साल तक के लोगों में होती थी, लेकिन अब यह किसी को भी हो सकती है. माइग्रेन साधारण सिर दर्द से काफी अलग होता है. माइग्रेन में होने वाला सिर दर्द कब तक चलता है, इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में कुछ आहार ऐसे होते हैं, जो इस दर्द को और भी ज्यादा ट्रिगर कर सकते हैं. जो आप खाते हैं, कई बार वे चीजें शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी छोड़ सकती हैं. चलिए जानते हैं ऐसे फूड्स के बारे में जो माइग्रेन के लक्षणों को ट्रिगर (foods to avoid for migraine management) कर सकते हैं. माइग्रेन के लक्षणबता दें माइग्रेन एक तरफा सिर दर्द है, जो काफी पीड़ादायक होता है. बात करें इसके लक्षण की तो उल्टी, बदहजमी, आंखों के आगे काले धब्बे दिखना, कमजोरी लगना, चिड़चिड़ापन महसूस करना आदि जैसे संकेत माइग्रेन के होते हैं.  कोक (coke)जिन पेय पदार्थों में कैफीन की मात्रा अधिक होती है, वे आपके माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं. इसमें कॉफ़ी, चाय और सोडा जैसी ड्रिंक आती है. जबकि कैफीन की मध्यम मात्रा आपके सिरदर्द को कम कर सकती है या बहुत विपरीत प्रभाव डाल सकती है, जिससे माइग्रेन हो सकता है. चॉकलेट (Chocolate)चॉकलेट हम सभी को बहुत पसंद होती है.अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन के अनुसार, चॉकलेट को माइग्रेन के लिए एक आम ट्रिगर माना जाता है। माइग्रेन का अनुभव करने वाले अनुमानित 22 प्रतिशत लोगों को ये प्रभावित करता है. चीज़ (Cheese)कैमेम्बर्ट, चेडर, एजड चीज अपने स्वाद के लिए काफी पसंद किए जाते है। लेकिन इन्हें आमतौर पर माइग्रेन ट्रिगर भी कहा जाता है. न्यूरोलॉजिकल साइंसेज में प्रकाशित 2012 के एक अध्ययन में एजड चीज को माइग्रे...

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Jaggrey Benefits: पीरियड्स में अधिकतर महिलाएं पेट दर्द की समस्या से परेशान रहती हैं. कई बार तो यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि महिलाएं अपने बिस्तर से उठ नहीं पाती. शरीर व हर्मोन के अनुसार सभी महिलाओं को पीरियड्स में अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ता है.ऐसे में वे दवाइयों का सहारा लेती है, जिससे जल्द आराम हो सके. लेकिन जरूरत से ज्यादा दवाइयों का सेवन हमारी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. बिना दवाइयों का सेवन कर आप पीरियड्स के दर्द से निजात पा सकती हैं. चलिए जानते हैं पीरियड्स में गुड़ खाने के फायदे. बता दें, गुड़ हमारे शरीर से गंदे खून को बहार करने में मदद करता है, साथ ही यह पीरियड में होने वाले दर्द से भी आराम दिलाता है. इसके सेवन से मोटापा जैसी समस्या भी दूर होती है.  इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे पीरियड्स में महिलाओं को गुड़ खाना चाहिए या नहीं.  पीरियड्स में गुड़ खाने के फायदे हार्मोनल बैलेंस गुड़ में मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है. महिलाओं में अनियमित पीरियड्स का एक प्रमुख कारण हार्मोनल असंतुलन है. गुड़ का सेवन हार्मोनल असंतुलन को कंट्रोल करने और रेगुलर पीरियड्स को बनाए रखने में मदद करता है. रेगुलर पीरियड्स गुड़ में ज़रूरी विटामिन और मिनरल मौजूद होते हैं जो पीरियड्स को नियमित करने में मदद करते हैं. इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जो खून में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है.गुड़ खाने से शरीर में आयरन का स्तर बढ़ता है जिससे पीरियड्स नियमित होते हैं. त्वचा के लिए फायदेमंदपीरियड्स आने से कुछ दिन पहले कई महिलाओं को एक्ने की समस्या होने लगती है. गुड़, शरीर से टॉक्सिक पदार्थ निकालता है जिससे आपकी त्वचा क्लियर बनती है. साथ ही गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो आपकी त्वचा को बेहतर बनाने में मदद करता है.  मूड स्विंग से राहतपीरियड्स में हार्मोनल असंतुलन होने के कारण महिलाओं के कफ़ि मूड स्विंग होते हैं. गुड़ एक नेचुरल मूड बूस्टर है. इसमें नेचुरल कंपाउंड होते हैं जो शरीर में अच्छा महसूस कराने वाले हार्मोन एंडोर्फिन जारी करने में मदद करते हैं.  इसके नुकसानमधुमेह रोगियों को गुड़ का सेवन बचकर करना चाहिए गुड़ में सुक्रोज अधिक मात्रा में होता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जात  है.   इसके अलावा कुछ महिलाओं को गुड़ खाने से पेट फूलना और गैस जैसी समस्या होती है. पीरियड्स में गुड़ खाना कुछ महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है, तो कुछ के लिए हानिकारक. यह आपके स्वास्थ्य और पीरियड्स के लक्षणों पर निर्भर करता है....

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Weight loss tips: आज के समय में वजन बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है.लोग चुटकियों में अपने वजन को कम (weight loss tips) करने के नुस्खें ढूंढते (home remedies for weight loss) रहते हैं. मोटापा न सिर्फ आपकी शरीर की पर्सनैलिटी को खराब करता है बल्कि कई बीमारियों का कारण भी बनता है. मोटापे की वजह से इंसान फैटी लीवर, डायबिटीज, क...

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Benefits of Drinking Milk: दूध हड्डियों की मजबूती के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है. नियमित रूप से दूध के सेवन से आपकी कमजोर हड्डियां मजबूत होती हैं. साथ ही शरीर में कैल्शियम की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है.दूध हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहद जरूरी होता है. दूध के नियमित सेवन करने के कई सारे लाभ है, लेकिन जब दूध में हम कुछ आयुर्वेदिक औषधि को मिलते हैं तब दूध और अधिक शक्तिशाली बन जाता है. दूध में कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन और ऊर्जा होती है, जिसकी मदद से हमारा शरीर मजबूत और स्वस्थ रहता हैं. लेकिन कुछ चीज ऐसी है, जिनको दूध में मिलाकर पीने से हमारे शरीर को अधिक लाभ मिलता है. दूध में मिलाएं ये चीज़े - हल्दी और केसर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ जोड़ों के दर्द को कम करते हैं. इसलिए दूध में हल्दी और केसर मिलाकर सेवन करना लाभकारी होता है. - इसके अलावा दूध में आप ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, खजूर, अंजीर, खारक डालकर पी सकते हैं इससे पाचन क्रिया मजबूत और कमजोरी दूर होती है.  यही नहीं आप दूध में अलसी के बीज, काली मिर्च, अदरक, शहद भी मिलाकर पी सकते हैं, इससे मोटापा दूर होगा और आपकी त्वचा पर निखार आएगा. दूध पीने के फायदे दूध का सेवन करने से आपको अनेकों प्रकार के लाभ मिल सकते हैं. वहीं अक्सर देखा जाता है कि छोटे बच्चे ही नहीं बड़े भी दूध पीने से कतराते हैं. लेकिन दूध पीना आपकी हड्डियों को मजबूत बनाता है. तनाव और चिंता को दूर करता है, साथ ही बालों और त्वचा के लिए यह किसी वरदान से काम नहीं है. दूध में विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए पोषक तत्व का काम करते हैं. इसीलिए दूध को अपने आहार में शामिल कर स्वस्थ जीवन जीना चाहिए. ...

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Water Benefits in Summers: इंसान के शरीर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना हुआ है. इस बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि एक इंसान की जिंदगी में पानी का क्या महत्व है. डॉक्टर्स भी सलाह देते हैं कि जितना हो सके पानी पीजिए. खासकर गर्मियों में तो खूब पानी पीजिए. क्योंकि गर्मियों में अक्सर लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. पानी न केवल बॉडी को हाइड्रेटे रखने में मदद करता है बल्कि शरीर को कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी देता है. आज हम आपको यही बताएगे कि सेहतमंद रहने के लिए हर दिन कितना पानी पीना जरूरी है और इसके फायदे क्या हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक वयस्क को शरीर को स्वास्थ्य संबंधी खतरों से सुरक्षित रखने के लिए रोजाना कम से कम 7 से 8 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए .ऐसा न करने से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है. शरीर के हिसाब से पिएं पानीएक इंसान को कितना पानी पीना चाहिए यह पूरी तरह से उसके शरीर और काम पर निर्भर करता है. अगर कोई व्यक्ति पूरे दिन धूप में काम कर रहा है तो उसके शरीर में पानी की खपत ज्यादा होगी. वहीं कोई व्यक्ति वर्क फ्रॉम होम या एसी में बैठकर काम करता है तो उसके शरीर में पानी खपत अलग होगी. इसलिए अपने शरीर के जरूरत के हिसाब से पानी पिएं.  भरपूर मात्रा में पानी पीने के फायदे  - पीने का पानी न केवल शरीर को हाइड्रेट रखता है बल्कि शरीर को एनर्जी भी देता है, जिसकी मदद से आप पूरे दिन बेहतर तरीके से परफॉर्म कर सकते हैं. जब शरीर पूरी तरह से हाइड्रेटेड होता है, तो फिजिकल एक्टिविटी में भी सुधार होता है. - अगर आप कब्ज से परेशान हैं, तो आपको जो सबसे पहली चीज करनी चाहिए वह है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना। ऐसा करने से काफी हद तक कब्ज की परेशानी में राहत मिल सकती है. - डिहाइड्रेटेड शरीर को कुछ सामान्य कामों को करने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि दिमाग हाइड्रेशन से काफी प्रभावित होता है. एक्सपर्ट्स  के मुताबिक थोड़े से डिहाइड्रेशन से भी ब्रेन के फंक्शन पर असर पड़ सकता है. - अगर किसी व्यक्ति को किडनी स्टोन है, तो उसके लिए भरपूर मात्रा में पानी पीना फायदेमंद हो सकता है. किडनी स्टोन के मरीज को आमतौर पर डॉक्टर भी ज़्यदा से ज़्यदा पानी पीने की सलाह देते हैं....

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Ayurvedic Ubtan For Glowing Skin: त्वचा को बेदाग और चमकदार बनाने के लिए अक्सर घरों में दादी-नानी के नुस्खे खूब इस्तेमाल किए जाते हैं. वहीं, स्किन केयर की बात हो तो हम सभी जानते हैं कि किस तरह आज भी हमारी मम्मी अपनी मां के बताए नुस्खे आजमाती हैं. उस समय महिलाएं आयुर्वेदिक उबटन (Ubtan) जो कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, उसका उपयोग करके अपनी स्किन को हेल्दी रखती थीं. उबटन त्वचा की देखभाल करने वाला एक पारंपरिक भारतीय प्रोडक्ट है जिसमें कुछ जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया जाता है.उबटन न केवल सुरक्षित है बल्कि हानिकारक रसायनों से भी मुक्त होता है, जो इसे सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त बनाता है. आयुर्वेदिक उबटन को उसके प्राकृतिक अवयवों के कारण अच्छा माना जाता है. यह हल्दी, चंदन, बेसन और गुलाब जल जैसी पारंपरिक चीजों से बनता है. उबटन को बनाना बेहद आसान है और आपको हफ्ते में सिर्फ एक बार लगाने की जरूरत होती है.  चंदन का उबटन ये उबटन  ड्राई स्किन पर कमाल दिखाता है. चंदन का उबटन बनाने के लिए 3 चम्मच चंदन पाउडर लेकर इसमें 6 से 7 भीगे हुए बादाम कूटकर मिला लें. इसके बाद आपको इसमें एलोवेरा जैल डालना है और मिक्स कर लेना है. उबटन जरूरत से ज्यादा गाढ़ा हो तो इसमें पानी मिला लें. इसे 20 मिनट लगाए रखने के बाद धो लें. यह उबटन चेहरे को नमी भी देता है. बेसन का उबटन चेहरे पर बेसन का यह उबटन (Besan Ubtan) बनाकर लगाया जा सकता है. इस उबटन को बनाने के लिए कटोरी में 2 बड़े चम्मच बेसन लें. इसमें एक चम्मच चंदन का पाउडर, आधा चम्मच नीम का पाउडर और आधा चम्मच ही हल्दी मिला लें. इसमें दूध या फिर दही डालकर पेस्ट बनाएं. इस उबटन को चेहरे पर 15 से 20 मिनट लगाकर रखें और फिर धो लें. उबटन को चेहरे पर लगाने से पहले हाथों के पिछले हिस्से पर लगाकर पैच टेस्ट जरूर करें.  शहद वाला उबटन गुणकारी शहद (Honey) से उबटन बनाने के लिए एक चम्मच शहद में बराबर मात्रा में मिल्क पाउडर और नींबू का रस मिला लें. इसे चेहरे पर 15-20 मिनट लगाकर रखने के बाद धो कर हटा लें. आप नींबू की जगह पर कॉफी पाउडर मिलाकर भी इस उबटन को तैयार कर सकते हैं....

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Health Effects of Poor Sleep: नींद की कमी आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर काफी नेगेटिव असर डाल सकती है इसलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर उम्र के लोगों को पर्याप्त नींद जरूर लेनी चाहिए.स्वस्थ रहने के लिए जितना जरूरी हेल्दी खानपान है, उतना ही जरूरी नींद भी है.अगर आप सही नींद नहीं लेते, जो आप कई सारी सेहत संबंधी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं. नींद पूूरी न होने से सिर्फ मूड ही चिड़चिड़ा नहीं रहता, बल्कि इससे हार्ट और पेट संबंधी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक नींद में किसी भी तरह की बाधा सीधा हमारी हेल्थ को प्रभावित करती है.जिस वजह से हमें समय रहते इनका पता नहीं चल पाता और बाद में ये गंभीर हो जाते हैं. शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है.  हृदय की गंभीर समस्याओं का जोखिमएक्सपर्ट्स के मुताबिक नींद की कमी से रक्तचाप और तनाव बढ़ जाता है जो सीधे तौर पर हृदय के लिए दिक्कतें बढ़ाने वाली स्थिति हो सकती है. शोध के मुताबिक अनिद्रा की समस्या शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को ट्रिगर करती है, जो समय के साथ आपके दिल को कमजोर कर सकती है। वजन बढ़ सकता हैयदि आप रात में 6 घंटे से कम सोते हैं, तो इसके कारण शरीर में वसा की मात्रा अधिक हो सकती है.इसे व्यवस्थित रखने के लिए आपको रोजाना कम से कम 8 घंटे सोना चाहिए. जब आप कम नींद लेते हैं तो आपका शरीर बहुत अधिक इंसुलिन बनाता है, जिससे वजन बढ़ सकता है. यह आपके भूख को प्रभावित करने वाले हार्मोन्स के लिए भी दिक्कतों को बढ़ाने वाली स्थिति हो सकती है. हार्ट फेलियर का खतरावैज्ञानिकों का कहना है कि हृदय विफलता एक दीर्घकालिक समस्या है जो अनुमानित 60 लाख अमेरिकी लोगों को प्रभावित करती है. हार्ट फेलियर से पीड़ित लोगों की संख्या 2030 तक 46% (8 मिलियन से अधिक) बढ़ने का अनुमान है. इसके लगभग 75% रोगियों में निदान के दौरान नींद की गड़बड़ी या अनिद्रा जैसी समस्याओं का पता लगाया गया है. समय से पहले मृत्यु का खतरायदि आप रात में 5 घंटे से कम सोते हैं तो यह स्थिति आपमें समय से पहले मृत्यु के खतरों को भी बढ़ाने वाली हो सकती है. नींद की समस्याएं कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं. जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उनमें हृदय रोगों की समस्या के साथ डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और तंत्रिकाओं की दिक्कत भी होने लगती है, जो समय से पहले मृत्यु के कारणों में से एक हैं.

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Women's Health Tips: 30 की उम्र बताती है कि बताती है कि अब आपके लापरवाही के दिन बीत चुके हैं और आप अपनी और अपनों की जिम्मेदारियां उठाने के तरह मैच्योर हो चुके हैं. हालांकि, उम्र का ये पड़ाव हर किसी के अंदर कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव लेकर आता में ये बदलाव संकेत देते हैं कि आपको अपनी लाइफस्टाइल और पर्सनैलिटी बदलनी होगी. इसलिए इस उम्र को डॉक्टर भी एक पड़ाव मानते हैं और सलाह दी जाती है कि इस उम्र के बाद लोगों को अपनी सेहत को लेकर खास ध्यान रखना चाहिए. इस आर्टिकल में हम आपको ये बताएंगे कि आपको उन बदलावों को किस तरह स्वीकार करना है और उनके साथ-साथ खुद को कैसे तब्दील करना है. खुद का ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत 30 की उम्र के बाद शरीर ज्यादा केयर मांगता है और दिमाग परिपक्व होता है. इसलिए अगर आप 30 साल के हो रहे हैं तो आपको आगे की सेहत के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए वरना आपकी लापरवाही आगे जाकर आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है.  30 साल की उम्र के बाद इन बातों का रखें ध्यान    1. 30 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म स्लो होने के चलते कैलोरी बर्निंग की प्रोसेस धीमी होने लगती है. अगर आप सही डाइट नहीं लेंगे तो जल्द ही आप मोटापे की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए तीस की उम्र के बाद आपको अपनी डाइट में बदलाव करने होंगे ताकि आप अपने वजन को कंट्रोल में रख सकें. 2. 30 की उम्र के बाद अपनी डाइट में फाइबर के लिए साबुत अनाज, आयरन के लिए हरी सब्जियां, और विटामिन्स के लिए खास डाइट लेने की जरूरत है. देखा जाए तो तीस की उम्र के बाद आपको हेल्दी डाइट जैसे , सब्जियां, फल, साबुत अनाज, नट्स, बीन्स आदि को अपनी डाइट में ज्यादा शामिल करना चाहिए.  3. 30 की उम्र के बाद रेगुलर तौर पर एक्सरसाइज और योग करना चाहिए. इससे शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी और स्टैमिना बना रहता है.रोज वॉक करने की आदत डालिए ताकि आपका वजन कंट्रोल में रहे और आपके हाथ पैर अच्छी तरह मूव करते रहें.  4. 30 की उम्र के बाद अपनी डाइट में मीठा कम करना चाहिए. अक्सर देखा जाता है कि लोग 35 साल के बाद टाइप टू डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं. इसलिए चीनी पर कंट्रोल कीजिए ताकि आगे जाकर डायबिटीज आपके शरीर पर हमला ना कर सके. 5. 30 की उम्र के बाद आपको अपने दिल का भी ख्याल रखने की जरूरत है. कोलेस्ट्रोल को बढ़ने से रोकने के लिए आपको हैल्दी ईटिंग पर फोकस करना होगा क्योंकि ज्यादा कोलेस्ट्रोल आपको हार्ट अटैक, हाई बीपी और स्ट्रोक का शिकार बना सकता है....

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How To Eat Chia Seeds: चिया सीड्स(Chia Seeds) सबसे फायदेमंद बीजों में से एक हैं.चिया सीड्स(Chia Seeds) जरूरी पोषक तत्वों जैसे विटामिन, मिनरल, फाइबर से भरपूर होते हैं जो शरीर के कामकाज के लिए जरूरी होते हैं. इनमें एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो शरीर में पुरानी बीमारियों का कारण बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं. सिर्फ एक नहीं, बल्कि चिया बीजों को खाने और उन्हें अपनी डाइट में शामिल करने के कई तरीके हैं. जानिए आप इनके फायदों को पाने के लिए कैसे खाने में शामिल कर सकते हैं. चिया बीज पानीचिया बीजों का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इन्हें रात भर पानी में भिगोकर रखा जाए और अगली सुबह इनका सेवन किया जाए. चिया वॉटर बनाने के लिए एक चौथाई कप चिया सीड्स को 4 कप पानी में 20-30 मिनट के लिए भिगो दें.  चिया सीड्स से बनाएं हेल्दी जैमचिया बीजों को जैम के साथ मिलाना अजीब लग सकता है, लेकिन मेरा विश्वास करें, वे प्राकृतिक जेल थिकनर हैं. तो, आपके पास चीनी से भरे पारंपरिक जैम का एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है जो टोस्ट या मफिन पर आसानी से फैल जाता है. इसे दही/गर्म अनाज/आइसक्रीम के ऊपर छिड़कें और बिना किसी अपराधबोध के इन्हें खाएं. चिया बीज का हलवाचिया सीड कस्टर्ड बनाना चिया सीड खाने का एक और आसान तरीका है. एक रात पहले बीजों को बादाम, सोया या नारियल के दूध के साथ मिलाकर चिया सीड का हलवा बनाएं. हलवे को शहद या मेपल सिरप से मीठा करें. गाढ़े कस्टर्ड में जमने के लिए इसे पूरी रात रेफ्रिजरेटर में रखें. सुबह ऊपर से जामुन, बादाम और दालचीनी डालकर कस्टर्ड का आनंद लें. सलाद पर चिया बीजसलाद स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और वजन प्रबंधन के लिए अच्छे विकल्प होते हैं क्योंकि वे फाइबर का एक समृद्ध स्रोत होते हैं. चिया बीज के साथ फाइबर की खुराक बढ़ाएं. ये जादुई बीज सलाद ड्रेसिंग जैसे जैतून का तेल, शहद और नींबू के रस के साथ अच्छी तरह से मिश्रित हो जाते हैं. चिया सीड्स पै...

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High Cholesterol: आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान के कारण अधिकतर लोगों का कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)बढ़ रहा है.इसके कारण कम उम्र में ही लोग हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई बीपी जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.पिछले कुछ सालों में हार्ट से जुड़े मामलों में बढ़ोतरी हुई है. जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल(High Cholesterol) बढ़ने लगता है तो स्ट्रोक्स और हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारी बढ़ जाती है. कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जेनेटिक भी हो सकता है. जिसके बाद यह बीमारी बढ़ने लगती है. WHO के मुताबिक दुनियाभर में हार्ट से जुड़ी बीमारी से मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण(Symptoms of High Cholesterol) वजन बढ़नालगातार वजन बढ़ना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत होता है. अगर आपका वजन सामान्य हो लेकिन अचानक बढ़ने लगे तो समझ जाइए की आपका कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ गया है. पैरों में लगातार दर्द बिना किसी वजह के पैरों में दर्द का बने रहना हाई कॉलेस्ट्रॉल का लक्षण होता है. इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए और लंबे समय तक रहने पर डॉक्टर से तत्काल परामर्श करना चाहिए. त्वचा के रंग में बदलावयदि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई है तो आपके त्वचा के रंगों में बदलाव हो सकता है. ऐसे में हाथ-पैर के रंग पीले दिखाई दे सकते हैं. ऐसे समय में आप अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करा सकते हैं. थकान महसूस होनाअगर आपको लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है, तो यह भी हाई कोलेस्ट्रोल का संकेत होता है. जब वेन्स में कोलेसट्रॉल बढ़ने लगता है, तो अलग-अलग अंगों और मांसपेशियों तक ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता.जिससे जल्द थकान महसूस होती है. सिर में दर्द होनाहेल्...

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Tips to prevent headache: अधिकतर लोग सिर दर्द परेशान रहते हैं. इसकी कई वजहें हो सकती हैं, अधिक तनाव, तेज धूप, शरीर में पानी की कमी या कुछ अन्‍य हेल्‍थ से जुड़ी समस्‍या. सिरदर्द होने पर अक्सर लोग पेनकिलर खाते हैं जो की सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है. सिरदर्द होने पर किसी तरह का पेनकिलर तुरंत खाने से आराम तो मिल सकता है लेकिन लंबे समय के लिए यह गंभीर समस्याएं भी पैदा कर सकता है. इसलिए कभी भी सिर में दर्द होने पर तुरंत दवा खाने से बचना चाहिए.यहां हम बता रहे हैं कि आप बिना दवाओं के सिर दर्द को मिनटों में किस तरह दूर कर सकते हैं. सिरदर्द होने पर क्यों नहीं खानी चाहिए दवा?एक्सपर्ट्स के मुताबिक हेडेक से आराम पाने के लिए ज्यादातर लोग तुरंत पेनकिलर खा लेते हैं. दवाईयों का सेवन एक लिमिट में ही सुरक्षित होता है. ज्यादा पेनकिलर या कोई दवा खाने से गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. बिना डॉक्टर की सलाह दवा खाकर खरीदने की आदत भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. इससे शरीर में कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. सिरदर्द में दवा खाने के नुकसान-  दवाओं के ओवरडोज से पेट नर्वस सिस्टम और शरीर की इम्यूनिटी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.- इसकी वजह से पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे दर्द, सूजन और अपच हो सकता है.- दवा खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी खत्म हो सकती है.- सिरदर्द में बहुत ज्यादा पेनकिलर खाना दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है. इससे हार्ट अटैक का खतरा भी हो सकता है. सिरदर्द से बचाव के उपाय  1. कई बार कैप पहनने, टाइट रबर बैंड या हाई पोनीटेल की वजह से भी सिर में तेज दर्द होने की समस्‍या शुरू हो जाता है. अगर ऐसा हो तो आप अपनी उंगलियों से पोनीटेल एरिया में मसाज करें.  2. सिर दर्द को दूर करने के लिए आप हीटिंग पैड या कोल्‍ड कंप्रेस की मदद भी ले सकते हैं. अगर आपको साइनस की वजह से दर्द है तो यह तरीका काफी काम करेगा. इसके लिए आप हीटिंग पैड को गर्दन के पीछे रखें और सिर के पिछले हिस्‍से में सेक दें. इससे आराम पाने के लिए आप गुनगुने पानी से हॉट बाथ ले सकते हैं.3. एक नए शोध में पाया गया है कि अगर आपके सिर में दर्द है तो अदरक या पिपरमिंट काफी फायदेमंद हो सकता है. आप इसे मेडिसिन की तरह भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं. आप इसकी चाय या काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं. ...