Excess Coffee Side effects: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कॉफी एक अहम हिस्सा बन गई है. इसमें मौजूद कैफीन आपको तुरंत एनर्जी देता है. ऐसे में लोग थकान, प्रेशर से निपटने के लिए इसका काफी ज्यादा सेवन करने लगे हैं. कॉफी वैसे तो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है मगर आप अगर थकान और स्ट्रेस से निकलने के लिए इसका ज्यादा सेवन करने लगते है तो ये आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है. तो आइये आज हम आपको बताते है कि हम कितनी कॉफी पियें जो हमारे सेहत को नुकसान ना पहुंचाए. रोजाना कितने कप कॉफी पिएं? एक्सपर्ट्स के मुताबिक एडल्ट्स को रोजाना 400 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन नहीं लेना चाहिए. एक औसत कप कॉफी में लगभग 95 मिलीग्राम कैफीन होता है.ऐसे में यह दिनभर में अगर आप 4 कप कॉफी पीते हैं तो ये काफी है. इससे ज्यादा कॉफी का सेवन आपके लिए नुकसानदायक साबित होगा. हालांकि, जब बच्चे किशोरावस्था में पहुंच जाते हैं तो वह पढ़ाई के लिए खुद को जगाए रखने के लिए कॉफी का सेवन करते हैं. उन्हें भी दो कप कॉफी यानी की 100 से 200 मिलीग्राम कैफीन ही लेना चाहिए. ज्यादा कॉफी पीने के नुकसान डायबिटीज की समस्या अगर आप डायबिटीज के मरीज है तो आपको ज्यादा कॉफी का सेवन भूल कर भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे आपके शरीर का इंसुलिन गड़बड़ा सकता है और ब्लड शुगर का लेवल भी बढ़ सकता है. नींद में समस्याअगर आपको नींद नहीं आती है तो आपको कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए. क्यूंकि कैफीन नींद कम करता है. स्टूडेंट या काम करने वाले लोग नींद नहीं आने के वजह से भी इसका सेवन करते है. पेट में परेशानीअगर आप ज्यादा कैफीन का सेवन करते है तो इससे आपके पेट की दिक्कत शुरू हो सकती है. ज्यादातर लोगों का पेट ठीक नहीं रहता.डायरिया, गैस, एसिडिटी जैसी दिक्कतें शुरू होने लगती हैं.कॉफी पीने से पाको बार बार बाथरूम जाना पड़ सकता है. हड्डियों के लिए नुकसानदायक अधिक कॉफी का सेवन हड्डियों के लिए भी फायदेमंद नहीं माना जाता है. ज्यादा कॉफी के सेवन से शरीर में हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका बढ़ सकती है....
Benefits of Eating Banana: केला एक ऐसा फल है जो सस्ता होने के साथ-साथ गुणकारी भी है. यह हर मौसम में उपलब्ध होता है और भारत के हर हिस्से में पाया जाता है. एनर्जी से भरपूर इस फल को खाने से कई तरह की बीमारियां शरीर से दूर हो जाती हैं. केले में विटामिन ए, सी, विटामिन बी6, पोटैशियम, सोडियम, आयरन और विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट व फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. यही वजह है कि केले को सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. रोजाना केले का सेवन करने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. हार्ट की हेल्थ को रखता है दुरुस्तकेले में अच्छी मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है. यह हार्ट की हेल्थ का अच्छी तरह ख्याल रखता है. केला ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है. हर दिन अगर आप केले खाते हैं तो आपको दिल की बीमारियों का खतरा काफी कम हो ता है. हड्डियों को रखें मजबूत केला हड्डियों को मजबूत बनाता है. इसमें मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. केले और दूध का रोजाना सेवन करने से कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है. वेट लॉस में मददगार केले में फाइबर और विटामिन्स होते हैं जो वेट लॉस में मददगार हैं. इसमें पाए जाने वाले गुण वजन घटाने में मदद करते हैं. केले में अपेक्षाकृत कम कैलोरी होती है इसलिए यह पेट भरने वाला होता है और आपको देर तक भूख नहीं लगती है. किडनी के लिए फायदेमंद केले में पोटैशियम होता है जो हेल्दी किडनी फंक्श और ब्लडप्रेशर के लिए बेहद जरूरी है. पोटैशियम आपके गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है....
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के व्रत के दिन, अगर आप चाहते हैं कि पूरे दिन आपको भूख न लगे, तो सुबह-सुबह कुछ खास खाने की चीजें हैं जिन्हें आपको जरूर ट्राई करना चाहिए. ये चीजें न सिर्फ आपको ऊर्जा देंगी, बल्कि आपकी भूख को भी लंबे समय तक दबाए रखेंगी. हिंदू मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन व्रत करने का विशेष महत्व होता हैं अगर आप भी शिवरात्रि का व्रत करते है तो आज हम आपको उन फूड्स के बारे में बताएंगे जो व्रत के दिन सुबह खाने से आपको दिन भर के लिए तैयार कर देंगे. चलिए जानते हैं वो कौन सी चीजें हैं जिन्हें सुबह खाकर आप अपने व्रत को आसानी से और खुशी-खुशी निभा सकते हैं. व्रत के दिन क्या-क्या खाएं साबुदानासाबुदाना व्रत के दौरान एक बेहतरीन आहार है. साबुदाना खिचड़ी या खीर खाने लंबे समय तक भूख नहीं लगती और यह शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो आपको दिन भर सक्रिय और तरोताजा रखती है. समाक चावल (व्रत का चावल)व्रत में समाक चावल से बनी खिचड़ी या चावल खाना एक शानदार विकल्प है. यह पेट को हल्का रखता है और साथ ही पूरे दिन के लिए आपको संतुष्टि भी प्रदान करता है. समाक चावल पोषण से भरपूर होते हैं और व्रत के दौरान आपको ऊर्जावान बनाए रखते हैं. फलव्रत के समय केला, सेब, और पपीता जैसे फल खाना बहुत फायदेमंद है. ये फल फाइबर से भरे होते हैं जो लंबे समय तक पेट को भरा रखने में मदद करते हैं और बार-बार भूख लगने की समस्या को कम करते हैं. खीरा और तरबूजये फल और सब्जियां जल्दी भूख नहीं लगने देते और आपको हाइड्रेटेड रखते हैं. ये खाद्य पदार्थ आपके व्रत को आसान बना सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप पूरे दिन स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करें. ड्राई फ्रूट्स महाशिवरात्रि व्रत में आपक साबूदाना का सेवन आसानी से कर सकते हैं. शिवरात्रि के व्रत में साबूदाना के सेवन से व्रतखंडित नहीं होता हैं। इसको आप पापड़, खिचड़ी या किसी पकवान के माध्यम से खा सकते हैं....
Pregnancy Tips: बॉलीवुड की हिट एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone), जल्द ही मां बन ने वाली हैं. दीपिका पादुकोण की उम्र 35 साल से ज्यादा है, जबकि असल में 30 साल की उम्र प्रेगनेंसी के लिए अच्छी मानी जाती है. हालांकि, बॉलीवुड एक्ट्रेस ही नहीं आज कई महिलाएं 30 साल बाद या 35 की उम्र तक गर्भधारण करती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस उम्र में कंसीव करना कितना सेफ और कितना मुश्किल है.जिसके बाद अब 38 की उम्र में एक्ट्रेस मां बनने जा रही हैं. वैसे तो आज के समय में 30 के बाद बच्चा करना बहुत ही कॉमन हो गया है. लेकिन उम्र के साथ प्रेगनेंसी से जुड़े रिस्क को नकारा नहीं जा सकता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस उम्र में प्रेगनेंट होने के बाद आपको अपनी डाइट में क्या-क्या बदलाव करने चाहिए. साथ ही डायटिशियन से जानिए कि किस तरह का खानपान समस्या पैदा कर सकता है. डॉक्टर के मुताबिक, 30 की उम्र के बाद से महिलाओं फर्टिलिटी यानी प्रजनन क्षमता कम होने लगती है. हालांकि, ज्यादातर महिलाओं को शुरू-शुरू में ज्यादा परेशानी नहीं आती लेकिन 35-36 की उम्र के बाद कुछ महिलाओं की फर्टिलिटी हाई रहती है तो कुछ की कम होने लगती है. ऐसे में उम्र बढ़ने के साथ एग्ज की संख्या में कमी आने लगती है, जिससे फर्टिलिटी कम हो जाती है. इसके साथ ही 30 के बाद प्रेगनेंसी से जुड़ी दूसरी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं. 35 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी में आने वाली दिक्कतें- गर्भपात या मिसकैरिज का रिस्क बहुत ज्यादा होता है.- जेस्टेशनल डायबिटीज होने का खतरा- जन्म लेने वाले बच्चे का कम वेट- डिलीवरी के वक्त कॉम्प्लिकेशन्स और सीजेरियन का रिस्क - खून गाढ़ा होने और थक्के बनने के साथ डीप वेन थ्रॉम्बोसिस की समस्या इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस उम्र में प्रेगनेंट होने के बाद आपको अपनी डाइट में क्या-क्या बदलाव करने चाहिए. साथ ही डायटिशियन से जानिए कि किस तरह का खानपान समस्या पैदा कर सकता है. हेल्दी डाइट लेंप्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो डाइट पर ध्यान दें. ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्वों को खाने में शामिल करें. फोलिक एसिड वाले फूड्स जैसे पालक, बीन्स, दाल और सूरजमुखी के बीज को अपनी डाइट में शामिल करें. भरपूर नींद लेंवैसे तो भरपूर नींद हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, लेकिन अगर आप 35 के बाद प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो खुद को पूरा आराम दें. कम से कम 7 घंटों की नींद लें. एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कम नींद के चलते प्रेग्नेंसी में दिक्कतें आ सकती हैं और बच्चा कमजोर पैदा हो सकता है. एक्सरसाइज करेंएक्सरसाइज और मेडिटेशन को अपनी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बनाएं. अगर आपको एक्सरसाइज करने में आलस लगता है या फिर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो योग करें. इससे प्रेग्नेंसी के दौरान आने वाली मुश्किलों से आप बच जाएंगे. ...
Healthy Lungs Tips: हेल्दी फेफड़े हमें कई तरह की बीमारियां जैसे अस्थमा, निमोनिया आदि के खतरे से बचाते हैं. बदलते लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड्स के कारण फेफड़े कमजोर हो रहे हैं, जिससे लोगों को सांस फूलने या सांस लेने में समस्याएं हो रही हैं. फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप अपनी डाइट में कुछ हेल्दी फूड्स शामिल कर सकते हैं. हम आपको कुछ ऐसे मसालों के बारे में बता रहे हैं, जो आसानी से आपको आपके किचन में मिल जाएंगे. यह आपके भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ आपके फेफड़ों और श्वसन तंत्र को मजबूत करेंगे. इससे आप सांस संबंधी दिक्कतों को खुद से दूर रख सकते हैं. हल्दी किचन में मौजूद हल्दी कई सारी बीमारियों के लिए लाभदायक है. इसमें पाए जाने वाला यौगिक करक्यूमिन होता है. इसके अंदर शक्तिशाली एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, प्रदूषण के चलते संक्रमण से होने वाले श्वसन नली में होने वाले सूजन को कम करता है. साथ ही श्वसन तंत्र को इम्यूनिटी प्रदान करता है, जिससे फेफड़ों को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है. पालकपालक में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. जो सांस से जुड़ी समस्या को कम करते हैं। इसके अलावा, पालक विटामिन-सी का समृद्ध स्रोत है, जो फेफड़ों को स्वस्थ रखता है. ब्रोकलीफेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप अपनी डाइट में ब्रोकली शामिल कर सकते हैं। यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, इसमें विटामिन सी, फोलेट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो फेफड़ों को हेल्दी रखते हैं. अदरकअदरक खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें एंटी इंफ्लमेटरी गुण पाए जाते हैं. फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप अपनी डाइट में अदरक शामिल कर सकते हैं. लहसुन मेडिसिनल गुणों के चलते लहसुन का सेवन खूब किया जाता है. इसका सेवन आपके आपका श्वसन तंत्र को फायदा पहुंचाता है.इसमें सल्फर का एलिसिन नाम का यौगिक होता है, जिसमें एंटी बैक्टेरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं. लहसुन का सेवन सांस संबंधी संक्रमणों से बचाता है. यह जिद्दी से जिद्दी कफ को फेफड़ों से बाहर निकालने में मदद करता है.
Healthy Skin Tips: बढ़ती उम्र के साथ- साथ त्वचा अपनी रंगत खोने लगती है. हालांकि ये बदलाव उम्र की वजह से कम और गलतियों की वजह से ज्यादा आता है. खानपान की गलत आदतें, सिगरेट-शराब की लत, ज्यादा तनाव व स्ट्रेस, प्रदूषण, स्किन की केयर न करना, ऐसे कई कारण हैं जो आपकी त्वचा को आपकी उम्र से ज्यादा बूढ़ा बना देते हैं. त्वचा को लंबे समय तक जवान रखने के लिए सही स्किन केयर तो जरूरी है ही, मगर इसके साथ सही खानपान भी बहुत जरूरी है. ऐसे में जरूरी है कि बढ़ती उम्र के साथ ही अपनी डाइट का ख्याल रखना शुरू कर दिया जाए. यहां हम आपको तीन ऐसे फल के बारे में बता रहे हैं जिन्हें हर किसी को रोज खाना चाहिए. अनारअनार में कई विटामिन्स और मिनरल्स, खासकर फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में पाए जाते है इसलिए अनार भी आपकी त्वचा को बूढ़ा होने से बचाता है. अनार में मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स कोलेजन की प्रक्रिया को तेज करते हैं. कोलेजन के कारण ही त्वचा की इलास्टिसिटी बढ़ती है, जिससे झुर्रियां नहीं पड़ती हैं और त्वचा जवान लगती है. पपीता पपीता पोषक तत्वों का खजाना है. यह विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है. ये त्वचा स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माना जाता है. इसमें मौजूद पपाइन नामक एंजाइम आपकी त्वचा को जवान बनाए रखने में मदद कर सकता है. पपीते में ढेर सारे एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जिससे त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा मिलती है. एवोकाडो एवोकाडो भारत में पिछले कुछ समय में काफी पॉपुलर हुआ है. वास्तव में यह विटामिन्स और पोषण तत्वों की खजाना है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए, ई, सी, बी और विटामिन के पाया जाता है. इसके अलावा इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम और सोडियम जैसे पोषक तत्व भी शामिल हैं. एवोकाडो त्वचा के दाग-धब्बे और झुर्रियां दूर रखने में मदद करता है. कीवी कीवी का इस्तेमाल आपकी स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होता है. अपने एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण कीवी त्वचा पर होने वाले रैशेज, मुहासों और सूजन को कम कर त्वचा को साफ रखने में मदद करता है. कीवी विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट का एक उत्तम स्रोत है जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर आपकी त्वचा को स्वस्थ और जवान बनाए रखता है....
Health Tips: अक्सर लोगों को सुबह-सुबह कॉफी पीना अच्छा लगता है.हालांकि कॉफी पीने के कई फायदे हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज़ का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. अगर आप सुबह खाली पेट कॉफी का सेवन करते हैं, तो इससे आपको फायदे की जगह सेहत को गंभीर नुकसान हो सकते हैं.ऐसे में आप अपने सुबह की शुरुआत गुनगुना पानी पीने से कर सकते हैं, जो आपके सेहत के लिए फायदेमंद है. तो आइए जानते हैं, खाली पेट कॉफी पीने के नुकसान. हालांकि कॉफी आपको पूरे दिन ऊर्जावान और तरोताजा रहने में मदद कर सकती है, लेकिन जब आप इसे खाली पेट पीते हैं तो कॉफी के कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं. पोषण विशेषज्ञ और आहार विशेषज्ञ, दीप्ति लोकेशप्पा हमें इसके बारे में सब कुछ बताती हैं. चिंता और घबराहटकैफीन एक उत्तेजक है जो सतर्कता और ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकता है. हालांकि खाली पेट इसका सेवन करने से इसका प्रभाव बढ़ सकता है जिससे चिंता, घबराहट और तनाव बढ़ सकता है. उत्तेजना की यह बढ़ी हुई स्थिति असुविधाजनक हो सकती है और दैनिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करती है. पाचन संबंधी समस्याखाली पेट कॉफी पीने से सीने में जलन की समस्या हो सकती है. इससे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम जैसे आंतों से जुड़ी बीमारी हो सकती है. अगर आप खाने के कुछ देर बाद कॉफी पीते हैं, तो इन समस्याओं से बच सकते हैं. तनावकैफीन शरीर में कॉर्टिसोल को उत्तेजित करता है. इसका अधिक स्तर स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है. यह कमजोर प्रतिरक्षा, वजन बढ़ना और मूड संबंधी विकार पैदा कर सकता है. खाली पेट कॉफी पीने से अत्यधिक तनाव की प्रतिक्रिया हो सकती है जिससे संभावित रूप से तनाव संबंधी स्थितियां बिगड़ सकती हैं. ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव कैफीन इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज चयापचय को प्रभावित कर सकता है जिससे रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है. जब खाली पेट कॉफी का सेवन किया जाता है तो इससे रक्त शर्करा में तेजी से वृद्धि हो सकती है. ...
Chia Seeds Benefits: महिलाओं के लिए चिया सीड्स किसी सुपर फूड की तरह ही है. इसमें फाइबर, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस की प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. यह महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है. इसे डाइट में शामिल कर महिलाएं हेल्दी और फिट बना सकती हैं. चिया सीड्स के सेवन से वेट लॉस से हार्ट की समस्या तक से निजात मिलता है. हड्डियां मजबूत करनी है या फिर शुगर लेवल कंट्रोल करना है तो चिया सीड्स का इस्तेमाल कर सकती हैं. आइए जानते हैं महिलाएं के लिए कितना फायदेमंद है चिया सीड्स. वेट लॉस के लिए रामबाण चिया सीड्स को डाइट में शामिल करने से वजन कम होता है. इसमें पाया जाने वाला सॉल्यूबल फाइबर डाइजेशन को सही करता है. इससे ज्यादा वक्त तक पेट भरा हुआ महसूस करता है. अपच और एसिडिटी की प्रॉब्लम्स भी नहीं होती है. बालों के लिए फायदेमंदचिया सीड्स बालों के लिए रामबाण से कम नहीं है. अगर आप इन्हें रोज खाते हैं तो चिया सीड्स बालों की ग्रोथ अच्छी करते हैं. चिया सीड्स बालों को अंदर से पोषण देते हैं. यह बालों को टूटने और झड़ने से भी बचाते हैं. स्किन के लिए रामबाण चिया सीड्स का सेवन करने पर आपकी स्किन पर वक्त से पहले बुढ़ापे के निशान नहीं आते हैं. इसे खाने से स्किन हाइड्रेट रहती है. इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन स्किन डैमेज को रिपेयर करता है और आपको जवान और खूबसूरत बनाता है. ओमेगा-3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा स्किन के सूजन को कम करती हैं और एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मददगार हो सकते हैं. हड्डियां होगी मजबूतचिया सीड्स में फॉस्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम काफी अच्छे मात्रा में पाया जाता है. इससे महिलाओं की हड्डियां मजबूत बनती हैं. चिया सीड्स खाने से हड्डियों से संबंधित कोई भी बीमारी नहीं होती. उसका खतरा भी कम हो सकता है.
Benefits of Pineapple: अनानास एक उष्णकटिबंधीय फल है जो बाहर से कठोर और कांटेदार दिखता है, हालांकि अंदर से यह बहुत मीठा और रसदार होता है.अनानास सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन सी और कई अन्य जरूरी तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं.पाइन एप्पल अपने अलग स्वाद के लिए मशहूर है, यही वजह है कि लोग इस फल को बड़े चाव से खाते हैं और इसका जूस पीना भी पसंद करते हैं. अनानास(Benefits of Pineapple) में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को कई समस्याओं से दूर रखने में मदद करते हैं लेकिन इस फल को खाने के कई नुकसान भी हैं. इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन न करें. आज हम आपको अनानास खाने के फायदे बारे में बताएंगे. अनानास के फायदे(Benefits of Pineapple) रोग प्रतिरोधक क्षमताअनानास को विटामिन सी का अच्छा स्रोत माना जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद कर सकता है. अनानास इम्युनिटी पावर बढ़ाने में भी लाभदायक है. वजन कम करनाअनानास विटामिन सी से भरपूर होता है. वजन घटाने के लिए अनानास का जूस बहुत फायदेमंद माना जाता है. अनानास में कैलोरी कम होती है, जो वजन घटाने में मदद कर सकता है. आंखों के स्वास्थ्य की रक्षा करता हैकई अध्ययनों से पता चला है कि अनानास हमें धब्बेदार अध: पतन से बचाता है. यह हमारी आंखों की रोटिन को नष्ट कर देता है और इस रोग के कारण हम धीरे-धीरे अंधे हो जाते हैं. अनानास में बीटा कैरोटीन होता है, इसलिए इसे रोजाना खेलने से आंखों की बीमारी का खतरा 30 प्रतिशत तक कम हो जाता है. यह हमारी आंखों को स्वस्थ रखता है. हड्डियों के निर्माण में मदद करता हैअनानास कैल्शियम और मैंगनीज से भरपूर होता है. कैल्शियम हड्डियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मैंगनीज हड्डियों को मजबूत बनाता है. पोषक तत्वों की कमी दूर करता हैअनानास पोषण का एक बड़ा स्रोत है. यह विटामिन ए और सी, कैल्शियम, पोटेशियम...
Glowing Skin Tips: स्किन को ग्लोइंग और चमकदार बनाने के लिए लोग महंगे से महंगे स्किन ट्रीटमेंट करवा रहे हैं लेकिन वो यह नहीं जानते कि स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए इनसे ज्यादा जरूरी हेल्दी डाइटहै. हेल्दी डाइट हेल्दी स्किन की कुंजी है और शरीर व स्किन को हेल्दी रखने में फल आपकी बहुत मदद करते हैं, फलों में पानी की मात्रा ज़्यदा होती है, जो त्वचा को हाइड्रेट रखने के साथ उसे हेल्दी रखते हैं.फल ढेरों विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स समेत कई पोषक तत्वों से भरे होते हैं, जो आपकी त्वचा को पोषण पहुंचाने के साथ जवां बनाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपनी डाइट में कुछ फलों को शामिल करके हेल्दी और सुंदर स्किन पा सकते हैं. सेब(Apple)सेब में फाइबर, विटामिन ए, बी समेत ढेरों पोषक तत्व और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर में फ्री-रेडिकल्स से लड़ते हैं. फ्री रेडिकल्स शरीर में एजिंग बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. यह कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने के साथ हमारी स्किन को वक्त से पहले बूढ़ा बनाते हैं. ऐसे में सेब में मौजूद पोषक तत्व इन फ्री-रेडिकल्स से लड़ते हैं और हमारी स्किन की सुरक्षा करते हैं. तरबूज (Watermelon) तरबूज में विटामिन ए, ई और सी पाए जाते हैं जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं. खानपान में तरबूज शामिल करने पर स्किन को पर्याप्त मात्रा में नमी भी मिलती है और स्किन कई गुना बेहतर बनने में भी मदद मिलती है संतरा (Orange)संतरा विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो स्किन को हेल्दी रखने के लिए बेहद जरूरी विटामिन होता है. यह त्वचा को लचीलापन और जवां रखता है. इसके अलावा विटामिन सी स्किन को रिपेयर करने का भी काम करता है. संतरे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो त्वचा की सूजन, जलन और रेडनेस को कम करने में मदद करते हैं. बेरीज (Berries)स्ट्राबेरीज, रैस्पबेरीज, ब्लूबेरीज और गोजी बेरीज जैसे फल अपने शानदार एंटीऑक्सिडेंट्स के लिए मशहूर हैं जो शरीर को फ्री रैडिकल्स से बचाते हैं. इसके अलावा यह त्वचा की डेड सेल्स को हटाकर पोर्स को खोलते हैं जिससे आपकी स्किन को ऑक्सिजन लेने में मदद मिलती है.इनमें ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो एजिंग की प्रक्रिया को स्लो करते हैं और चेहरे पर चमक बढ़ाते हैं. यह नई कोशिकाओं को बढ़ाकर त्वचा की बनावट में भी सुधार करते हैं....
Baasi Roti Benefits: हम सबके घर में अक्सर ऐसा होता होगा कि रात को एक से दो रोटी बच ही जाती होगी. बहुत से लोग इसे अगले दिन सुबह खा लेते हैं, पर कुछ लोग इसे फेंक देते हैं. लेकिन हम आपको बता दें कि बासी रोटी का सेवन बहुत फायदेमंद है. यह ताजी रोटी से भी ज्यादा कहीं ताकतवर होती है.मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के अनुसार (Basi Roti Benefits) ताजी रोटी के मुकाबले बासी रोटी में गुड बैक्टीरिया भी ज्यादा पाएं जाते हैं, जो आपके गट हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं. बासी रोटी में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर पाए जाते है. कब्ज से छुटकाराबासी रोटी में फाइबर की मात्रा ज्यादा होता है, जो सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. फाइबर न सिर्फ पाचन को बेहतर बनाता है, बल्कि कब्ज की समस्या को भी दूर करने का काम करता है. बासी रोटी से पेट फूलने की समस्या और एसिडिटी से छुटकारा मिल जाता है. शरीर के दोता है ताकत बासी रोटी खाने से शरीर को काफी ज्यादा ताकत मिलती है.इसलिए सुबह नाश्ते में बासी रोटी खाना अच्छा माना जाता है. इससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए इस रोटी के कई फायदे हैं. वेट लॉस में मिलेगी मददबासी रोटी के अंदर डाइटरी फाइबर होते हैं, जो वजन मैनेज करने में मदद कर सकते हैं. क्योंकि ऐसे फाइबर पेट को देर तक भरा रखते हैं और भूख से बचाते हैं. ऐसे में मोटापे के शिकार लोगों के लिए इसे खाना फायदेमंद साबित हो सकता है.ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल सुबह के वक्त बासी रोटी को ठंडे दूध के साथ पीना हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. न्यूट्रिशनिस्ट्स के मुताबिक मॉर्निंग में ठंडा दूध पीने से रक्तचाप कंट्रोल रहता है. दूसरे लोग बासी रोटी को सब्जी के साथ भी खा सकते हैं. इम्यून सिस्टम बेहतर बनाएलंबे समय तक रखे जाने वाले आटे या अनाज यौगिक जीवाणुओं का विकास में सहायक होते हैं. इसलिए रातभर रखी गई रोटी में काफी प्रीबायोटिक बन जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम के लिए सही माने जाते हैं. इसलिए इनका सेवन करना चाहिए.
Dehydration: हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए सबसे जरूरी सलाह दी जाती है बार-बार पानी पीने की. ज़्यदा पानी पीने से शरीर कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बच सकता है. दरअसल, शरीर को पानी की उचित मात्रा ना मिलने पर सबसे पहले डिहाइड्रेशन (Dehydration) की समस्या होती है. जब शरीर में पानी जरूरी मात्रा से भी कम हो जाता है तो समस्याएं होने लगती हैं. इससे इलेक्ट्रोलाइट्स में असंतुलन पैदा होने लगता है. जिससे चक्कर आना, भ्रम, दिल तेज धड़कना और बेहोशी जैसी दिक्कतें आ सकती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं पानी की कमी से क्या-क्या प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. पेट की बीमारियों का खतराबोतल में बंद पानी के सेवन से बीपीए नाम का केमिकल पेट में पहुंचने पर पाचन क्रिया प्रभावित होती है इससे खाना हजम नहीं होता है. व्यक्ति को कब्ज व पेट में गैस की समस्या घेर लेती है. मेंटल हेल्थ हो सकता है खराबरिसर्च में पता चला है कि डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी से फोकस में कमी, थोड़ी देर के लिए याददाश्त का जाना, डिप्रेशन और थकान महसूस हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि डिहाइड्रेशन से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन कम होता है, जिससे काम करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. किडनी का सही तरह से काम न करनाब्लड से गंदे पदार्थों को फिल्टर करने और फ्लूइड बैलेंस का काम किडनी का होता है. जब पानी कम पीते हैं तो ये ठीक तरह से काम नहीं कर पाते हैं और पेशाब कम आता है, जिससे गंदे पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं. ऐसे में लंबे समय तक डिहाइड्रेशन होने से किडनी स्टोन, यूटीआई और किडनी डैमेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
Pregnancy Food: प्रेग्नेंसी में आमतौर पर डॉक्टर हेल्दी और पोषण युक्त फूड खाने की सलाह देते हैं. इस दौरान मां को कई चीजों का स्वाद चखने की क्रेविंग होती है और वो इस दौरान मनपंसद खाना खाने की कोशिश करती है. क्रेविंग के चलते प्रेग्नेंसी में मनपंसद खाना सही है लेकिन इस दौरान अल्ट्राप्रोसेस्ड और फास्ट फूड को अवॉइड करना चाहिए. खासकर इस दौरान डिब्बा बंद और प्रोसेस्ड फूड को खाने से बचना चाहिए. चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान किन चीजों को खाने से पहले दो बार सोचना चाहिए. सीफूड और फिशफिश प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत मानी जाती है और इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है. गर्भवती महिला के लिए ये दोनों पोषक तत्व बहुत उपयोगी होते हैं, लेकिन इसमें अधिक मात्रा में मरकरी होता है जो बच्चे के लिए घातक साबित हो सकता है.इसके अलावा गर्भवती महिला को सीफूड खाने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि इसकी वजह से सूजन, चकत्ते, उल्टी या दस्त का खतरा रहता है. अगर आपको फिर भी फिश या सीफूड खाने की क्रेविंग हो रही है तो इसे अच्छे से साफ करके और पकाकर ही खाएं. कच्चा मांसगर्भवती महिला को पहले तीन महीनों कच्चा मांस नहीं खाना चाहिए. कच्चे मांस में बहुत से साल्मोनेला, ई-कोलाई जैसे कई जीवाणु होते हैं जो कि फूड प्वाइजनिंग का कारण बनते हैं. यदि आप मांसाहारी हैं और मांस खाए बिना नहीं रह सकती हैं तो इसे अच्छी तरह से पकाकर खाएं. दूधदूध को कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है जो गर्भवती महिला के लिए अच्छा होता है. लेकिन कभी भी बिना पाश्चुरीकृत वाला दूध न पिएं. Unpasteurized Milk में बहुत से बैक्टीरिया और रोगाणु होते हैं जो गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए हानिकारक होते हैं इसलिए हमेशा पाश्चुरीकृत दूध का ही सेवन करें या दूध को उबालकर पिएं. कच्चा पपीतागर्भावस्था के दौरान कच्चे और अधपके पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए. इसे खाने से गर्भाशय में संकुचन पैदा हो सकता है जिससे गर्भपात होने की संभावना रहती है. पपीते में लेटेक्स, पपेइन और पेप्सिन नामक पदार्थ होते हैं जो भ्रूण के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. अनानासवैसे तो अनानास सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में इसे खाने से बचना चाहिए. अनानास में ब्रोमलिन एंजाइम होता है जो गर्भाशय को मुलायम कर सकता है और इससे लेबर पेन शुरू हो सकता है. इसलिए प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में अनानास न खाएं....
Cancer Gene Therapy: कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. हर साल न जाने कैंसर की बीमारी से पीड़ित कितने लोग अपना दम तोड़ देते हैं. दरअसल, इस बीमारी के ज्यादातर मरीज एकदम लास्ट स्टेज पर डॉक्टर के पास पहुंचते हैं. जिसकी वजह से उनका इलाज देर से शुरू होता है. हालांकि, ये भी सच है कि कुछ सालों में कैंसर के इलाज में कई तरह की नई-नई तकनीक भी इस्तेमाल होने लगी है. इसमें सर्जरी, कीमो और रेडिएशन थेरेपी जैसे नए ट्रीटमेंट हैं. इनके अलावा अब जीन थेरेपी (Cancer Gene Therapy) से भी कैंसर का इलाज किया जा रहा है. जीन थेरेपी को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं, आइए जानते हैं इस थेरेपी के बारे में. क्या है जीन थेरेपीहेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जीन थेरेपी में मरीज के खराब जींस को अच्छे जींस से बदला जाता है, जिससे कैंसर सेल्स की ग्रोथ रुक जाती है. इस थेरेपी की मदद से टारगेटेड सेल्स तक सीधे थेरेपैटिक जींस पहुंचाए जाते हैं. आज के समय में ऑन्कोजीन साइलेंसिंग का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है. इसमें ऑन्कोजीन म्यूटेड जीन भी होते हैं, जिनसे कैंसर सेल्स की ग्रोथ पर ब्रेक लगाया जाता है. इन ऑन्कोजीन पर जीन थेरेपी से अलग-अलग तरीके से टारगेट करते हैं. कैंसर का इलाज और पर्सनलाइज्ड तरीकाडॉक्टर बताते हैं कि जीन थेरेपी में मरीज का इलाज पर्सनलाइज्ड तरीके से होता है. हर मरीज के जेनेटिक मेकअप के माध्यम से इलाज होता है. हालांकि, कैंसर के इलाज में जीन थेरेपी अभी अपने शुरुआती स्टेज में है. इस पर रिसर्च चल रही है. इसके अभी तक सभी ट्रायल सफल रहे हैं. इस थेरेपी से कैंसर के इलाज में काफी फायदा हो सकता है....
Hookah Side Effects: आज युवाओं के बीच हुक्का तेजी से अपनी जगह बना रहा है .इस बढ़ते चलन के देखते हुए कर्नाटक में इसे बैन (Hookah Ban In Karnataka) कर दिया गया है. हुक्का एक तरह का नशा है, जिसकी लत बढ़ती जा रही है. ऐसे में यहां जानना जरूरी है कि आखिर हुक्का सेहत के लिए कितना खतरनाक है, जिससे इस पर पाबंदी लगा दी गई है. आइए हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानते हैं. हुक्का के धुएं में कम से कम 82 जहरीले केमिकल और कार्सिनोजेन्स (chemicals and carcinogens) की पहचान की गई है. पानी से गुजरने के बावजूद, तंबाकू (Tobacco) में मौजूद खतरनाक केमिकल काफी हद तक आपको नुकसान पहुंचाते हैं. इसके अलावा, जब हुक्का में तंबाकू को गर्म करने के लिए कोयला का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे स्वास्थ्य से जुड़े दूसरे जोखिम पैदा होते हैं. धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, मेटल और दूसरे हानिकारक केमिकल निकलते हैं. हुक्का कितना नुकसानदायकहेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पुराने समय से ग्रामीण इलाकों में इसका इस्तेमाल ज्यादा होता था. लोग हुक्का में तंबाकू डालकर पीते थे लेकिन पिछले कुछ सालों में शहरों में हुक्का तेजी से बढ़ा रहा है. इ...
Amla Benefits: आंवला का सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक लोकप्रिय पदार्थ है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आंवले के रस के साथ दिन की शुरुआत करने से पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है. इसका सेवन इम्यूनिटी मजबूत बनाने से लेकर कई गंभीर रोगों के जोखिम को कम करने के लिए किया जा सकता हैआइए अन्य कारकों पर नजर डालें जो आंवला जूस को स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक पसंदीदा विकल्प बनाते हैं. पाचन के लिए फायदेमंद अगर किसी व्यक्ति, के पाचन से जूड़ी परेशानी रहते हैं, तो उसके लिए आंवला का जूस पीना फायदेमंद हो सकता है. इसके साथ ही आंवला इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या को दूर करने में भी लाभकारी है. मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता हैआंवले का जूस पीने से मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है. मेटाबोलिक गतिविधि में यह वृद्धि बेहतर पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता करती है, जिससे वजन प्रबंधन और एनर्जी स्तर को बढ़ाने में योगदान मिलता है. मानसिक स्वास्थ्य के लिए आंवला एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जिसके कारण यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में बहुत लाभकारी है. यह ब्रेन सेल्स को डैमेज या नुकसान से सुरक्षित रखने में मददगार है. त्वचा के स्वास्थ्य में सहायता करता हैआंवले में विटामिन सी उच्च मात्रा में पाया जाता है, जो त्वचा के लचीलापन को बढ़ावा देता है और समय से पहले बूढ़ा होने से रोकती है. खाली पेट आंवले का रस त्वचा को साफ, स्वस्थ और अधिक चमकदार बनाने में योगदान दे सकता है. बालों के लिए फायदेमंद आंवला जूस एक नैचुरल ब्लड प्यूरीफायर है. शरीर में जमा गंदगी, टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है. जिससे यह त्वचा skin पर कील-मुंहासे, दाग-धब्बों आदि की समस्या दूर करने में मददगार है.
Healthy Life Tips: हम कितने समय तक जीवित रहेंगे यह कई चीजों पर निर्भर करता है. हालांकि, कुछ लाइफस्टाइल हैबिट्स जैसे हमारी डाइट, वर्कआउट आदि हमारी ओवरऑल हेल्थ को सही रखने में हमारी मदद करते हैं. हार्ट डिसीज (heart disease) के कारण मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है इसलिए एक्सपर्ट हेल्थ पर अधिक ध्यान देने पर फोकस कर रहे हैं. हार्ट की बीमारी से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण एक हार्ट विशेषज्ञ ने 3 चीजें बताई हैं जो लंबे समय तक जीने में मदद कर सकती हैं. वजन कंट्रोल करना मोटापा और अधिक वजन वाले लोगों को हार्ट रोग का खतरा ज़्यदा होता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 'जितना हो सके, अपने आदर्श शारीरिक वजन के करीब ही अपना वजन रखें. नेशनल हेल्थ सर्विस चेतावनी देता है कि अधिक वजन कई बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है. इनमें टाइप 2 डायबिटीज, कोरोनरी हार्ट डिसीज, कुछ प्रकार के कैंसर आदि शामिल हैं.' मेडिटेरेनियन डाइट फॉल करना हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 'जितना संभव हो सके मेडिटेरेनियन डाइट खाने की कोशिश करें. इसमें खूब सारी सब्जियां, फल, फलियां, साबुत अनाज और ऑलिव ऑयल जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करना होता है. 'मेडिटेरेनियन डाइट पर रिसर्च से पता चला है कि टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है जो हार्ट डिसीज में अहम भूमिका निभाते हैं.' फिजिकली एक्टिव होना एक्सपर्ट्स का कहना है कि आप ऐसी फिजिकल एक्टिविटी करें जिसे आप लंबे समय तक फॉलो कर सकें. इसलिए या तो आप पैदल चलना, योग, होम वर्कआउट जैसी एक्टिविटी चुन सकते हैं.'...
Surrogacy Law in India: एक कपल के लिए मां-बाप बनना दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है. इस अनुभव को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. लेकिन कुछ कपल्स ऐसे होते हैं जिन्हें किसी कारण यह सुख नहीं मिल पाता है. लेकिन आज साइंस और टेक्नोलॉजी ने इतनी तरक्की कर ली है कि अगर किसी कपल का बच्चा नहीं हो पा रहा है तो वह सरोगेसी के जरिए मां-बाप बनने का सुख हासिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं सरोगेसी का मतलब क्या होता है, कैसे मां-बाप बनते हैं, अपने देश में क्या कानून हैं. सरोगेसी का मतलबसरोगेसी का विकल्प उन महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है जो प्रजनन संबंधी मुद्दों, गर्भपात या जोखिम भरे गर्भावस्था के कारण गर्भ धारण नहीं कर सकतीं. सरोगेसी को आम भाषा में किराए की कोख भी कहा जाता है, यानी बच्चा पैदा करने के लिए जब कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है, तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है,यानी सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है. अपने पेट में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है. सरोगेसी कितने तरह की होती हैट्रेडिशनल सरोगेसीइस तरह की सरोगेसी में होने वाले पिता या डोनर का स्पर्म सरोगेट मदर के एग्स से मैच कराया जाता है. फिर डॉक्टर कृत्रिम तरीके से सरोगेट महिला के कर्विक्स, फैलोपियन ट्यूब्स या यूटेरस में स्पर्म को सीधे प्रवेश कराते हैं. इससे स्पर्म बिना किसी बाधा के महिला के यूटेरस में पहुंच जाता है. इस स्थिति में अगर होने वाले पिता का स्पर्म इस्तेमाल नहीं किया जाता तो किसी डोनर के स्पर्म का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर डोनर के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है तो पिता का भी बच्चे से जेनेटिकली रिलेशन नहीं होता है. जेस्टेशनल सरोगेसीइस तरह की सरोगेसी में सरोगेट मदर का बच्चे से रिलेशन जेनेटिकली नहीं होता है, यानी प्रेग्नेंसी में सरोगेट मदर के एग का इस्तेमाल नहीं होता है. इसमें सरोगेट मदर बच्चे की बायोलॉजिकल मां नहीं होती है. वे सिर्फ बच्चे को जन्म देती है. इसमें होने वाले पिता के स्पर्म और माता के एग्स का मेल या डोनर के स्पर्म और एग्स का मेल टेस्ट ट्यूब कराने के बाद इसे सरोगेट मदर के यूटेरस में ट्रांसप्लांट किया जाता है. भारत में सरोगेसी के नियम - भारत में सरोगेसी बिल्कुल मान्य है, लेकिन इसके लिए भारत सरकार ने कुछ सख्त नियम बनाए हैं ताकि जरूरतमंद कपल ही इसका इस्तेमाल कर सकें. किसी भी व्यक्ति को सरोगेसी पर व्यापार करने का अधिकार नहीं है. - कपल सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर को कोई पैसा नहीं दे सकता. कपल को सिर्फ डॉक्टर और अस्पताल का खर्च अनिवार्य रूप से देना होता है. इसके अलावा इंश्योरेंस करवाना जरूरी है. - सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट के तहत वही कपल सरोगेसी के जरिए माता-पिता बन सकते हैं जो किसी भी वजह से बच्चे को जन्म देने में असमर्थ हैं. लिव इन में रह रहे कपल्स के लिए ये सुविधा नहीं है. हालांकि ये कानून विधवा और तलाकशुदा महिला को सरोगेसी के जरिए माता बनने की इजाजत देता है. - बशर्त उनकी उम्र 35 से 45 साल के बीच होनी चाहिए....
Yoga Tips: स्वस्थ शरीर और सेहतमंद मस्तिष्क के लिए योग बहुत फायदेमंद होता है. योग से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं.नियमित योगा अभ्यास शरीर को कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है. अलग अलग तरह के योग अलग अलग शारिरिक समस्याओं में असरदार हैं. क्या जानते है कि योग करने के भी कुछ नियम होते हैं, जिन्हें ना करने से आपको फायदे की जगह उल्टा नुकसान उठाना पड़ सकता है. योग करने वाले और योग शुरू करने वाले हर इंसान को इन बातों का पता होना चाहिए. आज हम आपको योग से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको ध्यान में रख कर इसे अपनाना चाहिए. योगासन के तुरंत बाद क्या न करें योग के बाद पानी न पिएंयोगाभ्यास के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. योग के बाद पानी पीने से गले में कफ की समस्या हो जाती है. इसलिए योग करने के बाद कुछ देर इंतज़ार करने का बाद ही पानी पिएं. नहाने की गलती योग करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है इसलिए योगाभ्यास के तुरंत बाद नहाना नहीं चाहिए, इससे सर्दी जुखाम जैसी बीमारियां हो सकती हैं. योगाभ्यास के बाद खाना न खाएंयोगासन के अभ्यास के कम से कम आधे घंटे बाद ही खाना खाएं. ध्यान रखें कि हैवी डाइट न लेकर हल्का खाना ही खाएं. योगासन से पहले भी भोजन नहीं करना चाहिए. इससे अपच की समस्या हो सकती है. बीमारी में योग न करेंबीमार हो जाएं तो योग न करें. ये आपके सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. योगासन करने से ऊर्जा खर्च होती हैं. ऐसे में इस स्थिति में योग न करें. डॉक्टरी की सलाह के बाद योग करें.
Mental Peace: रोज की भागदौड़ भरी जिंदिगी में मानसिक शांति बनाए रखना एक बहुत कठिन कार्य है. हर व्यक्ति के लिए शांति से रहना मुश्किल होता जा रहा है. एक पल में जब हम दोस्तों के साथ हंसते हैं तो अगले ही पल हम असुरक्षित या उदासी महसूस करने लगते हैं. कई लोग ध्यान या योग करने का प्रयास करते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते. मन की शांति के लिए आप सबसे पहले उन बुरी आदतों को पहचानने से शुरुआत करें जो आपको मानसिक शांति नहीं मिलने दे रही हैं. हमारी ऐसी बहुत सी आदतें हैं जो खराब मानसिक स्वास्थ्य का कारण बन रही हैं. सोशल मीडिया का उपयोग सोशल मीडिया पर बिना सोचे-समझे स्क्रॉल करने की आदत डिजिटल युग में एक बड़ी समस्या बन गई है. हालांकि ये प्लेटफ़ॉर्म लोगों को जोड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, लेकिन इनके अत्यधिक उपयोग से तुलना, ईर्ष्या और चिंता हो सकती है. भविष्य की चिंता करनाभविष्य में क्या होगा, इसके बारे में लगातार चिंता करना तनाव पैदा कर सकता है, जिससे आपके मन की शांति छीन सकती है. एक सीमा से परे चीजों के बारे में अत्यधिक चिंता हानिकारक हो सकती है. ईर्षा करनाकिसी के पास आपसे ज्यादा हो सकता है और किसी के पास कम हो सकता है, लेकिन खुद की दूसरों से तुलना करना, खासकर उपलब्धियों, संपत्ति या सामाजिक स्थिति के मामले में आपको असंतुष्ट महसूस करा सकता है. ज्यादा सोचनाबहुत ज्यादा सोचना बातचीत या घटनाओं को अपने दिमाग में बार-बार दोहराना और काल्पनिक परिदृश्य बनाने से मानसिक थकावट और बेचैनी हो सकती है. जब आपका दिमाग लगातार चक्रों में घूम रहा हो तो शांति पाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. द्वेष रखनादूसरों के प्रति द्वेष, नाराजगी या क्रोध को मन में रखना आपकी मानसिक और भावनात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकता है. ये नकारात्मक भावनाओं को जीवित रखता है, जिससे मानसिक शांति का अनुभव करना कठिन हो जाता है. नकारात्मक सोच नकारात्मक आत्म-चर्चा की आदत वह है जब आप लगातार खुद की आलोचना करते रहते हैं और खुद पर संदेह करते हैं. वास्तव में यह आपके आत्मसम्मान पर बुरा प्रभाव डालती है. इससे न केवल तनाव होता है, बल्कि चिंता, हीन भावना और परिणामस्वरूप खराब मानसिक स्वास्थ्य भी होता है.
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