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Calcium rich foods: कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए दूध पीना ज़रूरी होता है. लेकिन दूध पीना हर किसी को पसंद नहीं होता है.वहीं, कुछ लोगों को दूध में पाए जानेवाले लेक्टॉस से एलर्जी होती है. ऐसे में आपको दूध पीना पसंद नहीं तो आप दूसरे तरीके से भी इसकी कमी को पूरी कर सकते हैं. एक व्यक्ति को हर दिन कितने कैल्शियम की जरूरत है यह उसके जेंडर, शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है. एक व्यक्ति को 500 से 2000 मिलीग्राम तक की जरूरत पड़ती है.बच्चों के 500 से 700 से तक की जरूरत पड़ती है वहीं अडलट्स और प्रेग्नेंट महिलाओं के एक हजार मिलीग्राम की जरूरत पड़ती है.  दूध के अलावा इन फूड्स में है ढेर सारा कैल्शियम   - बादाम खाकर भी आप अपने शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं. इसके लिए रात को कम से कम 12 बादम भिगो दें और सुबह इनका छिलका उतारकर खा लें. इससे आंतों में पहुंचने के बाद इन्हें पीसना और शरीर में अच्छी तरह इनकी खूबियों को सोखना आसान होता है. आप चाहें तो बादाम मिल्क भी बना सकते हैं. - संतर को विटमिन-सी के शानदार सोर्स के रूप में ज्यादा जाना जाता है. लेकिन संतरे में कैल्शियम भी अन्य फ्रूट्स की तुलना में काफी हाई होता है. इसलिए कोशिश करें कि न्यूट्रिशन से भरपूर डायट के साथ ही हर दिन कम से कम 2 संतरे जरूर खाएं. - एक ग्लास सोया मिल्क में गाय या भैस के दूध से कहीं अधिक कैल्शियम और प्रोटीन होता है. आप चाहें तो इससे कॉफी और दही बनाकर भी इसका उपयोग कर सकते हैं. - एक कटोरी हरी पत्तेदार सब्जी में करीब 100 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. ऐसे में  ग्रीन सैलेड, बीन्स सैलेड और हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं. प्रतिदिन कम से कम एक पत्तेदार सब्जी का सेवन जरूर कर लें. - बीन्स की सलाद या सब्जी का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं. हमारे देश में कई तरह की बीन्स होती हैं। तो हर दिन अलग तरह की बीन्स की सब्जी खाएं. टेस्ट भी बदलता रहेगा और सेहत भी बनी रहेगी. ...

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Nose Bleeding Reasons: नाक से खून आने को लोग आम बात समझते हैं. लेकिन, कई बार ये कुछ बीमारियों से जुड़ा हो सकता है.कई बार हाई ब्लड प्रेशर के कारण नाक से खून आने लगता है.जब ब्लड प्रेशर ज्यादा हो जाता है तो नाक की नसों पर दबाव पड़ता है और वे फटने लगती हैं. जब ब्लड प्रेशर ज्यादा हो जाता है तो नाक की नसों पर दबाव पड़ता है और वे फटने लगती हैं. इस वजह से नाक से खून बहने लगता है.नक् से खून आना एक गंभीर लक्षण माना जाता है. हाई ब्लड प्रेशर कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इससे हृदय रोग, स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं इसके और भी लक्षण. - जब व्यक्ति को हाई बीपी हो जाता है, तो सबसे पहले सिर में दर्द होने लगता है. यह सिरदर्द कभी एक तरफ सिर में, कभी पूरे सिर में या फिर कभी-कभार हो सकता है. कुछ लोगों को सुबह उठते ही सिरदर्द होती है तो कुछ को दिनभर में कई बार सिरदर्द का एहसास होता रहता है.  - सिरदर्द की वजह ये है कि जब बीपी बढ़ जाता है तो दिमाग में जाने वाली धमनियों पर दबाव पड़ता है, जिससे सिर में दर्द होता है. ऐसे में सिरदर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत हाई बीपी की जांच करवा लेनी चाहिए. - हाई ब्लड प्रेशर के कई लक्षणों में से चक्कर आना भी एक सामान्य लक्षण है. जब शरीर में ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ जाता है, तो दिमाग में जाने वाली धमनियों पर दबाव पड़ता है.इस वजह से दिमाग में पर्याप्त रक्त संचार नहीं हो पाता और व्यक्ति को चक्कर का अनुभव होने लगता है.  - हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप होने पर कई लोगों को कानों में अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगती हैं. कुछ लोगों को कानों में घनघनाहट या बजन की आवाज सुनाई देती है तो कुछ को कानों में गूंजने जैसी आवाजें आती हैं. ये आवाजें इसलिए सुनाई देती हैं क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर के कारण कान की धमनियों में रक्त का प्रवाह तेज़ी से और जोर से होने लगता है. ...

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Good Health Tips: फल सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते है. रोजाना फल खाने चाहिए इससे शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं. दरअसल, फल विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व से भरपूर होता है. जो शरीर को कई तरह की बीमारी से बचाता है. संतरा, नींबू, अंगूर और कीनू ये सभी खट्टे फल हैं जो अपने शानदार स्वाद के लिए जाने जाते हैं. यह एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट है जो प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करता है और कोलेजन बढ़ाने में भी मदद करता है. लेकिन क्या आप जानते है कि फल खाने का सही वक्त क्या होता है? बता दें कि फल खाने का सही वक्त सुबह के नाश्ते के बाद और दोपहर के खाने के पहले का होता है. वहीं रात के वक्त फल खाने से बचना चाहिए. क्योंकि यह आपके पेट में गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग की दिक्कत बढ़ाती है.  - फल अम्लीय होते हैं और दोपहर के भोजन के तुरंत बाद इनका सेवन कुछ व्यक्तियों के लिए पाचन को खराब कर सकता है. एसिडिटी के कारण बेचैनी, अपच या सीने में जलन हो सकती है, खासकर एसिड रिफ्लक्स से ग्रस्त लोगों को ऐसा करने से बचना चाहिए. - कुछ व्यक्तियों को भोजन के बाद फल खाने पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉबल्मस जैसे पेट में दर्द, सूजन या गैस हो सकती है. खासकर अगर उनका पाचन तंत्र संवेदनशील हो. इसलिए ऐसे लोगों को भूलकर भी खट्टे फलों का सेवन खाने के साथ नहीं करना चाहिए. - भोजन के बाद सीधे सेवन करने पर फलों में कुछ कंपाउंड्स की मौजूदगी विशिष्ट पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकती है. इससे आवश्यक खनिजों और विटामिनों की कमी शरीर में होती है और आपको फल खाने का फायदा भी नहीं होता है. 

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Blood Sugar Controling Tips: ब्लड शुगर का बढ़ना या घटना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए समस्याकारक स्थिति मानी जाती है. लंबे समय तक शुगर का लेवल बढ़े रहने से शरीर के अन्य अंगों जैसे आंखें, हार्ट, किडनी पर भी नकारात्मक असर हो सकता है. ज़्यदातर डायबिटीक के शिकार लोगों में  शुगर लेवल अधिक होने की समस्या देखी जाती है. लेकिन, शुगर बढ़ने की तरह ही इसका लो होना भी आपके लिए बड़ी मुश्किलों का कारण बन सकता  है. यह गंभीर खतरे का  संकेत देती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा बहुत ज़्यदा होता है. ये ज्यादातर डायबिटीज के ऐसे मरीजों में देखने को मिलता है, जो पहले से ही डायबिटीज का इलाज करवा रहे होते हैं.अगर समय पर इलाज न मिले तो झटके आना, जबड़े सख्त होना, समझने में कमी और कोमा का खतरा हो सकता है. यही कारण है कि डायबिटीज मरीजों को रेगुलर तौर पर शुगर की जांच करवाने की सलाह दी जाती है. कैसे होता है हाइपोग्लाइसीमियाजब ब्लड शुगर यानी ग्लूकोज का लेवल फिजिकल तौर पर  कम हो जाता है तब हाइपोग्लाइसीमिया होता है. डायबिटीज की दवा ज्यादा होने या सुलिन लेने के साथ शुगर कम करने वाले अन्य उपाय हाइपोग्लाइसीमिया की वजह बन सकते हैं. खाली पेट ज्यादा शराब पीने से अचानक से शुगर लेवल नीचे आ जाता है. अगर किसी बीमारी की वजह से शरीर ज्यादा मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करने लगे तो हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है.  शुगर लो होने पर क्या करें अचानक से शुगर लेवल कम हो जाए तो तुरंत 15 से 20 ग्राम तेज काम करने वाले कार्बोहाइड्रेट या मीठे बिस्किट देना चाहिए. इसके अलावा फलों का रस, सोडा, शहद या मीठी कैंडी भी शुगर बढ़ाने में काम आ सकती हैं. जैसे ही थोड़ा आराम मिले तुरंत डॉक्टर के पास मरीज को ले जाना चाहिए. ...

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Blood Clot in Winters: हमारे शरीर में सबसे ज्यादा खून की जरूरत दिमाग को ही पड़ती है. दिल जब खून पंप करता है तो वह शरीर के बाकी हिस्सों के साथ दिमाग तक भी पहुंचता  है.उस खून को दिमाग के हर हिस्से तक पहुंचाने का काम खून की नलियां करती हैं.बात करें सर्दियों की तो इस मौसम में ब्लड क्लॉट बनने की समस्या काफी ज्यादा होती है. शरीर में खून के थक्के बनने से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा रहता है. साथ ही हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. आइए जानते हैं आखिर सर्दियों में ब्लड क्लॉट (Blood Clot) क्यों होता है और इससे कैसे बच सकते हैं.  एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्दी के मौसम में नसों के सिकुड़ने का जोखिम हो सकता है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो ब्लड क्लॉट बनाने का कारण हो सकता है. जब शरीर लंबे समय तक कम तापमान में रहता है तो खून के थक्के जमने का रिस्क बढ़ जाता है.   ब्लड क्लॉट बनने  के कारण - सर्दियों में प्यास कम लगने से लोग लिक्विड कम लेते हैं. जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. ब्लड क्लॉट का यह भी एक कारण है. सर्दियों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होने से भी शरीर में सूजन आ सकती है और खून के थक्के जम सकते हैं. - सर्दियों में अक्सर लोग बाहर जाना कम कर देते हैं और घर में ही रहते हैं. ऐसे में उनकी शारीरिक एक्टिविटीज कम हो जाती है. इससे शरीर एक्टिव नहीं रह पाता है. कम शारीरिक गतिविधि की वजह से मोटापा और हाई बीपी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. ब्लड क्लॉट बनने से कैसे रोकें- दिन में कम से कम 7- 8  गिलास पानी जरूर पिएं.- सुबह जल्दी उठ कर एक्सरसाइज करें.- छाती या सिर में अचानक तेज दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. ...

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मनुष्य का दिमाग कभी भी विचारों से मुक्त नहीं होता. हर समय हम कुछ न कुछ सोचते रहते हैं. हमारे अंदर विचारों का समंदर चलता रहता है. हमारा आंतरिक संवाद (खुद से बातें करना) हमारे विचारों, भावनाओं और कार्यों को आकार देता है. भले ही हम इस पर गंभीरता से विचार ना करें लेकिन जिस तरह से हम खुद से बात करते हैं, यह चीज हमारे आत्मविश्वास, निर्णय लेने और ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती है. इसलिए सकारात्मक आत्म-चर्चा यानी खुद से पॉजिटिव बात करना बेहद जरूरी है. यह जीवन में आपके व्यवहार को प्रभावित करता और दिमाग पर गहरा प्रभाव डालता है. यहां हम आपको सेल्फ टॉक के कुछ फायदे बता रहे हैं जिन्हें हर किसी को जानना चाहिए और इनका इस्तेमाल अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए. सेल्फ टॉक के फायदे - सकारात्मक आत्म-चर्चा तनाव कम करने का एक शक्तिशाली उपकरण है. नकारात्मक विचारों को फिर से परिभाषित करके और रचनात्मक समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर व्यक्ति तनाव को अधिक प्रभावी ढंग से दूर कर सकता है जिससे इमोशनल बेनेफिट होता है.  - चर्चा सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देती है. आपका आत्मविश्वास बढ़ाती है और आत्म-विश्वास को मजबूत करती है. जब चुनौतियों या अवसरों का सामना करना पड़ता है तो एक सहायक आंतरिक संवाद साहसिक कदम उठाने और आत्म-संदेह को दूर करने के लिए जरूरी प्रोत्साहन देता है. - जब व्यक्ति सकारात्मक आंतरिक बातचीत में संलग्न होते हैं तो वे परिस्थितियों का निष्पक्ष रूप से आकलन करने और सूचित विकल्प चुनने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होते हैं जिससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में योगदान मिलता है.  - सकारात्मक व्यवहार और रचनात्मक रवैये से सेल्फ टॉक लचीलापन के गुणों को विकसित करती है. यह व्यक्तियों को असफलताओं से उबरने, अनुभवों से सीखने और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रतिकूल परिस्थितियों को अपनाने में सक्षम बनाता है....

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Stress Free ExamsTips: स्कूलों मे परीक्षाओं का माहौल शुरू हो चुका है. बोर्ड एग्जाम्स की तैयारियों में बच्‍चे दिन रात एक किए हुए हैं.  इसके लिए कई बच्‍चे ग्रुप स्‍टडी का भी सहारा ले रहे हैं. परीक्षाओं की वजह से घर में भी एक तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. परीक्षा में अच्छा परिणाम लाने और पेरेंट्स टीचर्स की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश में कई बच्चे काफी तनाव में हैं. कुछ बच्चे बोर्ड एग्जाम को लेकर इतना ज्यादा प्रेशर ले लेते हैं कि उन्हें स्ट्रेस और एंजाइटी होने लगती है. आइए जानते है ऐसे में माता-पिता को किस तरह से अपने बच्चों का स्ट्रेस कम करना चाहिए. बच्चों को अकेला ना छोड़े जब आपका बच्चा लेट नाइट स्टडीज करता है, तो आप कोशिश करें कि उसके साथ नहीं तो उसके आसपास रहे ताकि बच्चों को जरूरत हो तो बीच-बीच में उसे खाने के लिए कुछ देते रहे, कॉफी, दूध जैसी चीज उसे बीच-बीच में देते रहे ताकि उसका मन डाइवर्ट हो और वो टेंशन ना लें. मनोबल बढ़ाएंमाता पिता की कही हुई बातें बच्चों के दिमाग पर गहरी छाप छोड़ती है. ऐसे में परीक्षा की तारीख नजदीक आने पर कभी भी बच्चों के सामने कुछ निगेटिव बातें नहीं करने चाहिए. जब पेरेंट्स कुछ मनोबल वाली बात बोलते हैं तो ये उन्‍हें काफी बेहतर महसूस कराता है और वे बेहतर करने के लिए जुट जाते हैं. आराम करने का समय दें बोर्ड एग्जाम के दौरान पढ़ना तो जरूरी है, लेकिन आराम भी बहुत जरूरी है. माता-पिता को यह बात समझने की कोशिश करनी चाहिए कि अगर आपका बच्चा घंटों तक बैठकर पढ़ रहा है, तो उसे कुछ देर के लिए आराम करने दें ताकि आराम करने के बाद वह दोबारा से अच्छी तरह से फोकस कर पाए बच्चों से खुलकर  बात करें एग्जाम टाइम में बच्चे बहुत अकेला फील कर सकते हैं, इसलिए पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वह अपने बच्चों की भावनाओं और चिंताओं को समझें. अपनी फिलिंग्स उनके सामने रखें ताकि वह भी अपने मन की बात आपको बता सकें. पॉजिटिव माहौल बनाएं बच्चों के स्ट्रेस और एंजाइटी को दूर करने के लिए एग्जाम टाइम को लेकर बच्चों पर प्रेश...

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Ginger Water Benefits: इस समय उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड से ठिठुर रहा है. कंपकंपाती ठंड और घने कोहरे ने सभी को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है. सर्दियों में अक्सर हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से हम आसानी से कई बीमारियों और संक्रमणों का शिकार हो जाते हैं. हालांकि, अपने खानपान में सही बदलाव कर आप खुद को इस मौसम में भी हेल्दी रख सकते हैं. चलिए जानते है रोज सुबह अदरक का पानी पीने से आपकी सेहत को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं. - डायबिटीज में फायदेमंदअदरक का पानी डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बेहद खास होता है. अदरक का पानी आपको हाइड्रेट रखने के साथ ही आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए भी लाभदायक होता है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण डायबिटीज के कारण होने वाली अन्य समस्याओं को मैनेज करने में मदद करते हैं. - पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद सर्दियों में अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याएं लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है. ऐसे में अदरक का पानी पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसे रोजाना पीने से आपको सूजन, पेट फूलने जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है. - इम्युनिटी बढ़ाएसर्दियों में अक्सर हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से हम आसानी से बीमारियों और संक्रमणों की चपेट में आ जाते हैं. ऐसे में अदरक का पानी पीने से आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है, क्योंकि अदरक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। - गठिया के दर्द से राहत अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते  है. यही वजह है कि यह गठिया के दर्द से भी राहत दिलाने में मदद सकता है और सूजन को कम कर सकता है. यह सर्दियों के दौरान होने वाली एक अन्य समस्या मांसपेशियों के दर्द से आराम देने के लिए लाभदायक होता  है. - वजन कम करने में मददगारसर्दियों के मौसम में अक्सर कई लोग अपने बढ़ते वजन की वजह से परेशान रहते हैं. ऐसे में अदरक का पानी वजन मेंटेन करने में आपकी मदद करता है. कम कैलोरी होने की वजह से यह वजन कम करने में मददगार हो सकता है....

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Home Remedies for Back Pain: जमीन पर सोना तो जैसे बीते जमाने की बात हो गई है. आजकल लोग अपने बिस्तर से किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं. कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जिन्हें अपने बिस्तर के अलावा कहीं नींद नहीं आती. हालांकि इतने आराम के बाद भी ज्यादातर लोगों को कमर दर्द की शिकायत होती  है. यह सुनकर आपको भी काफी हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह बात सच है कि जमीन पर सोने से न केवल पीठ दर्द गायब होता है बल्कि इससे शरीर को कई फायदे भी होते  हैं.शुरुआत में 1-2 दिन परेशानी होती है,लेकिन लंबे समय में इस के  कई फायदे होते  हैं. आइए जानते है जमीन पर सोने से क्या फायदे मिलते हैं. जमीन पर सोने के फायदे - जमीन पर सोने से कंधे और कूल्हे में होने वाले दर्द से बहुत आराम मिलता है. इससे पीठ दर्द, कंधा और गर्दन की दर्द में राहत मिलती है. - जमीन पर सोने से रीढ़ की हड्डी में दर्द और अकड़न कम होती है. जब आप गद्दे पर सोते हैं तो रीढ़ की हड्डी अकड़ जाती है. जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है. रीढ़ की हड्डी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ा हुआ रहता है. इसका सीधा कनेक्शन ब्रेन से जुड़ा हुआ है - जो लोग जमीन पर सोते हैं उनका पोश्चर ठीक रहता है और कमर दर्द भी कम हो जाती है. - जमीन पर सोने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है. जिसके कारण मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम हो जाता है. जमीन पर सोने का सही तरीका- जमीन पर सोने के लिए एक पतली चटाई का इस्तेमाल करें और अगर आपको...

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Home remedies for headache in winters: सर्दियों में जब किसी व्यक्ति को ठंड लगती है तो सबसे शुरुआती लक्षण सिर दर्द होना होता है. यह सिर दर्द 2-5 दिनों तक भी रह सकता है. यह सिर दर्द सुबह उठने के बाद कहीं बाहर से आने के बाद कभी भी हो सकता है. कई बार तो, ये दर्द इतना जयादा होता है कि लोगों को सिर उठाने तक में दिक्कत होती है.ऐसी स्थिति में लंबे समय तक इस सिरदर्द से परेशना रहने से अच्छा है कि आप इनके कारणों के बारे में जानें और फिर इन घरेलू उपायों (home remedies for headache due to cold weather) का आजमा लें. तो, जानते हैं सिर में ठंड लगने के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय. सिर में ठंड लगने के क्या कारण हो सकते हैं?जब भी कोई व्यक्ति अचानक से ठंडी हवा के कॉन्टैक्ट में आता है तो उसे ठंड लग जाती  है. क्योंकि ठंडी हवा में बैरोमीटर का दबाव कम हो जाता है. हवा के दबाव में इस बदलाव से साइनस या कान में दर्द हो सकता है. अगर ठंडी हवा ड्राई है तो सिरदर्द और माइग्रेन की शिकायत हो सकती है. सिर में अगर एक बार ठंड लग जाए तो यह काफी दिनों तक रहता है.  सिर में ठंड लगने के लक्षण - सिर को नीचे से ऊपर की ओर उठाते वक्त तेज दर्द होता है - मुंह, गले या गर्दन के आसपास दर्द शुरू हो ज...

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Millets Benefits: क्या है पीएम मोदी की फिटनेस का राज़ ? अक्सर हम सोचते हैं कि पीएम मोदी ऐसी कौन सी डाइट लेते हैं, जिससे वह बढ़ती उम्र में भी हेल्दी और फिट नजर आते हैं, तो आपको बता दें कि पीएम मोदी अपनी डाइट में ग्लूटेन नहीं लेते हैं और यह ग्लूटेन आम तौर पर रोटी या चावल से मिलता है. इसकी जगह वह मिलेट यानी कि बाजार को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, जो स्वाद के साथ-साथ सेहत में भी कमाल होता है. पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कई सेलिब्रिटीस ने इसे अपनी डाइट में शामिल किया हुआ है. तो चलिए जानते है बाजार खाने के कई बेहतरीन फायदों के बारे में.ग्लूटेन फ्री डाइट के लिए बेस्ट बाजरा नेचुरली रूप से ग्लूटेन-फ्री होता है, जो इसे ग्लूटेन इन्टॉलरेंस या सीलिएक से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बेस्ट डाइट बनाता है. ये गेहूं और अन्य ग्लूटेन युक्त अनाज का बेहतरीन सब्सीट्यूट हो सकता है. पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट यानी कि बाजरा आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, डाइटरी फाइबर, विटामिन (जैसे बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन) और आयरन मैग्नीशियम, फास्फोरस शामिल हैं. पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देंबाजरा डाइटरी फाइबर का एक बेस्ट सोर्स है, जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और कब्ज को रोकता है. फाइबर हेल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवल को बनाए रखने और ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में भी मदद करता है. एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर बाजरा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने में मदद करते हैं और शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं.  ...

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Alcohol Side Effects In Winters: सर्दियों में कई लोग जमकर शराब पीते हैं. लोगों का मानना है कि शराब पीने से शरीर को गर्माहट मिलती है और ऐसे में लोग ठंड के मौसम में ज्यादा शराब का सेवन करने लगते हैं. अगर आप भी सर्दियों में ज्यादा शराब पी रहे हैं तो आपको अलर्ट हो जाएं क्योंकि ये सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इस मौसम में ज्यादा शराब पीने से हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है.  सर्दियों में ज्यादा शराब पीने से दिल को खतरा हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सर्दियों में शराब पीने की वजह से बॉडी का टेंपरेचर कम हो जाता है. जिस वजह से बॉडी में ब्लड वैसल्स सिकुड़ जाती हैं और बीपी हाई होने लगता है. इस वजह से हार्ट अटैक के रिस्क बढ़ जाते हैं. इतना ही नहीं सर्दियों में ज्यादा ड्रिंक करने से खून के थक्के बनने लगते हैं और प्लॉक के फटने के रिस्क बढ़ जाते हैं. प्लॉक का फटना और खून के थक्के बनना हार्ट अटैक के कारणों में शुमार किए जाते हैं.  सर्दियों में हार्ट अटैक से बचाव के तरीके - हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक सर्दियों में शराब पीने से शरीर कुछ देर के लिए गर्म रहता है लेकिन कुछ समय के बाद एकदम ठंडा हो जाता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए सर्दियों में ज्यादा शराब पीने से बचना चाहिए. - वो लोग जिनका ब्लड प्रेशर हाई रहता है और जो दिल के मरीज हैं, उनको इस मौसम में शराब से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. बुजुर्गों को भी सर्दी के मौसम में शरीर का खास ध्यान रखना चाहिए. - सर्दियों में हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए शरीर को गर्म कपड़ों से ढककर रखना चाहिए. ठंडे पानी की बजाय गर्म या गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए. ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने की कोशिश करनी चाहिए. बुजुर्गों को समय पर अपनी दवाएं लेनी चाहिए. इसके साथ ही स्ट्रेस लेने से बचना चाहिए....

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How to remove Specs Permanently: आंखों की रोशनी कम हो जाना आजकल काफी आम बात हो गई है। छोटी-छोटी उम्र में बच्चों को नंबर के चश्मे लग जाते हैं. हर दिन Myopia और Hyperopia के केस बढ़ते जा रहे हैं. इसके अलावा भी आंखों से सम्बंधित बीमारियां जैसे कि ग्लूकोमा, कैटरेक्ट, मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी आदि आपके दुनिया को देखने के तरीके को प्रभावित कर सकते हैं. आंखों की रोशनी को बेहतर करने और उसे सुधारने के लिए काफी कुछ किया जा सकता हैएक समय ऐसा भी आता है, जब इंसान को दिखना ही बंद हो जाता है. अगर आपके साथ भी आंखों से जुड़ी समस्या हो रही है तो कुछ आयुर्वेदिक उपायों के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है. नेत्र तर्पणनेत्र तर्पण  आंखों के लिए काफी फायदेमंद होती है. यह एक तरह का आयुर्वेदिक इलाज है, जिसमें औषधि घी को इंसान की आंखों में डाला जाता है. नेत्र तर्पण करते समय आंखों को ठीक से खोलकर रखना चाहिए. नेत्र तर्पण से आंखों की रोशनी मजबूत होती है.  त्रिफला त्रिफला आयुर्वेदिक बूटी को कहा जाता है, जो आंखों के लिए हर तरह से फायदेमंद होती है. अच्छे रिजल्ट्स के लिए त्रिफला पाउडर को पानी में मिलाकर आंखों को अच्छी तरह धो लें. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के अनुसार, त्रिफला पानी से आंखों को धोने से आपकी नजर मजबूत होगी. इसके साथ ही आंखों पर जोर पड़ना भी कम हो जाता है. त्राटक त्राटक एक तरह की मेडिटेशन प्रैक्टिस है जो किसी भी एक चीज जैसे मोमबत्ती या दिये की लौ पर ध्यान लगाकर की जाती है. त्राटक से ना सिर्फ आपका फोकस सुधरता है, बल्कि यह आंखों की रोशनी के लिए भी फायदेमंद है.  नेत्र धौति नेत्र धौति भी आंखों के लिए काफी फायदेमंद होती है. आंखों को साफ करने के लिए नेत्र धौति एक ऐसी आयुर्वेदिक तकनीक है जिसमें आंखों को खोलकर साफ पानी से धोना होता है. यह तकनीक आपकी आंखों की गंदगी को पूरी तरह साफ कर देती है....

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Increasing Hemoglobin Count : सर्दियों के मौसम में  दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं. दिल के रोगियों को इस मौसम में ज़्यदा देखभाल की जरूरत होती है. सर्दियों में रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने के ज्यादा रिस्क होता है और यही वजह है कि ब्लड फ्लो धीमा हो सकता है और दिल के मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. सर्दियों में ब्लड फ्लो मेंटेन रखने, कोलेस्ट्रॉल से बचने, बंद नसों को खोलने और दिल के रोगों का खतरा कम करने के लिए आपको अपनी खून की नसों को ब्लॉक होने से बचाने या बंद पड़ी नसों को खोलने के लिए अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए. हीमोग्लोबिन के कारण ही शरीर का तापमान बैलेंस रहता है. इसके लिए आपको इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. 1. आयरन से भरपूर आहार लें हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए तो आयरन की पूर्ति वाली चीजों का सेवन बढ़ा देना चाहिए. आयरन के लिए ऑर्गेन मीट, फूलगोभी, केले, पालक, बींस, बंदगोभी, मसूर की दाल, टोफू, बेक्ड आलू, फोर्टिफाइड सेरेल्स का सेवन बढ़ा देना चाहिए. 2.नट्स एंड सीड्सबादाम, अखरोट, चिया सीड्स  और अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्लांट स्टेरोल्स से भरपूर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में योगदान करते हैं. 3.ओट्सओट्स में बीटा-ग्लूकन होता है, एक प्रकार का घुलनशील फाइबर जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। दिल के लिए स्वस्थ नाश्ते के लिए अपने दिन की शुरुआत एक गर्म कटोरी दलिया के साथ करें. 4.विटामिन एविटामिन ए भी एब्जॉर्ब्सन को बढ़ाता है. आप फिश से विटामिन ए की प्राप्ति कर सकते हैं. इसके अलावा गाजर, विंटर स्क्वैश, शकरकंद, आम आदि में भी पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए होता है. 5.लहसुन और अनारलहसुन में एलिसिन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एथेरोस्क्लोरोटिक गुणों वाला एक यौगिक है. यह धमनियों में गंदगी के निर्माण को रोकने में मदद कर ता है. अनार एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं, जो धमनियों को खुला रखने और रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है.

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Anjeer Halwa Recipe: सर्दियों में अंजीर का हलवा सेहत के लिए फयदेमंद होता है. जी हां, अंजीर (Fig) एक फल है और इससे भी आप टेस्टी और पौष्टिक हलवा बना सकते हैं. अंजीर में ढेरों पोषक तत्व होते हैं जैसे आयरन, कैल्शियम, फाइबर, पोटैशियम, प्रोटीन, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स आदि. सर्दियों में हेल्दी रहने के लिए ये एक परफेक्ट स्वीट डिश है. इसकी तसीर गर्म होती है, जो शरीर को भी अंदर से गर्म रखती है. चलिए जानते है आखिर अंजीर का हलवा (Anjeer ka halwa) आप घर पर कैसे बना सकते हैं और इसके लिए क्या-क्या सामग्री चाहिए.  अंजीर का हलवा बनाने के लिए सामग्री (Anjeer Halwa Ingredients)सूख अंजीर- दो कप, खोया- 1 कप, इलायची पाउडर- आधा चम्मच, चीनी- आधा कप, काजू- 6-7, बादाम- 5-6, किशमिश-8-10, पिस्ता-5-6, केसर-ऑप्शनल, शुद्ध घी- 2-3 अंजीर का हलवा बनाने की विधि (How to make Fig Halwa)- अंजीर को छोटे टुकड़े में काटकर पानी में डुबाकर रख दें. इसे मुलायम होने तक ऐसे ही 2 से तीन घंटे के लिए छोड़ दें. जब सूखे अंजीर सॉफ्ट हो जाएं तो पानी निकालकर इसे मिक्सी में डाल दें. - फिर अच्छी तरह से पीसकर पेस्ट बना लें. अब एक पैन या कड़ाही को गैस पर रखें. इसमें घी 3 बड़े चम्मच घी डालकर गर्म करें. इसमें अंजीर का पेस्ट डालकर भूनें. - 8-10 मिनट तक पकाने के बाद इसमें खोया डाल दें. कम आंच करके चलाते रहें. 5 मिनट पकाने के बाद आप इसमें चीनी डाल दें. सभी ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, पिस्ता को बारीक काट लें या हल्का दरदरा पीस लें.&nb...

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Irregular Periods Tips: महिलाओं को हर महीने पीरियड्स की समस्या से जूझना पड़ता है. पीरियड्स के दौरान होने वाले असहनीय दर्द से ज्यादा परेशानी महिलाओं को तब होती है, जब पीरियड्स वक्त पर नहीं आते या तो देरी से या तो जल्दी-जल्दी आते हैं. मासिक धर्म का चक्र 28 दिनों के बाद खुद को दोहराता है और सभी महिलाएं 3-6 दिन मासिक धर्म का अनुभव करती हैं. इरेग्युलर पीरियड्स की समस्या इन दिनों महिलाओं को इसलिए भी ज्यादा होती है, क्योंकि जीवन शैली बहुत तेज हो गई और वे न तो खाने-पीने की ठीक से ख्याल रख पाती हैं और न ही पर्याप्त आराम मिल पाता है. यही कारण है कि कई किशोरियों में जल्दी या फिर देर से पीरियड्स शुरू होते हैं.पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) में वजन का बढ़ना, मुंहासे होना, बालों का झड़ना और भी बहुत कुछ शामिल हैं. अगर आप भी अनियमित पीरियड्स से जूझ रही हैं तो इन फूड आइटम्स का करें सेवन. इनके सेवन से आपको कई फायदे देखने को मिलेंगे.  गुड़ गुड़ में पोटैशियम और सोडियम होता है, जिसका रोजाना सेवन करने से आपको पीरियड्स समय पर लाने में मदद मिलेगी. गुड़ की तसीर गर्म होती है. ये देर से आने वाले पीरियड्स को जल्दी लाने में मदद करता है. आप गुड़ को तिल या मेवे के साथ मिलाकर इसका लड्डू भी बनाकर खा सकती हैं.  अदरक की चाय पिएं अदरक में जिंजरोल नाम का एक कपाउंड होता है, जो शरीर में सूजन की समस्या को दूर करता है और गर्भाशय के संकुचन की ओर बढ़ता है. यह आगे चलकर पीरियड्स शुरू करने में सहायता करता है.  विटामिन C से भरपूर फल खाएंपीरियड्स को जल्दी लाने के लिए विटामिन C से भरपूर फल जैसे  संतरा, नींबू, स्ट्रॉबेरी, कीवी और आंवले जैसे फलों का सेवन कर सकती हैं. आप चाहें तो विटामिन C से भरपूर फलों को अकेले नाश्ते में खा सकती हैं या फिर इनका सेवन जूस, शेक या स्मूदी के रूप में कर सकती हैं. मेथी का पानीअनियमित पीरियड्स की परेशानी को दूर करने के लिए आप खाली पेट रोजाना एक गिलास मेथी का पानी पिएं. एक चम्मच मेथी के दानों को पूरी रात पानी में भिगोकर रख दें. फिर अगले दिन पानी को किसी बर्तन में छान लें और इसे गर्म करके सुबह खाली पेट सबसे पहले इसका सेवन करें....

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Benefits of Almonds: बादाम (Almond)  सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. लेकिन रोज कितना बादाम खाना चाहिए? हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर डाइटिशियन हमेशा भीगे हुए बादाम खाने की सलाह देते हैं ताकि यह शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचते हैं. लेकिन अगर आप कम खा रहे हैं तो इसका फायदा तुरंत में दिखाई नहीं देगा.वहीं दूसरी ओर अगर महिला एक अच्छी डाइट, एक्सरसाइज, कामकाजी और खुद को फिट रखती है तो  उन्हें कई सारी बीमारियों का जोखिम कम रहता है.बादाम में भरपूर मात्रा में विटामिन ई, कैल्शियम, फैट और पौधों के प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. रोजाना कितने बादाम खाना चाहिए? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बादाम  भिगोकर रख खाने चाहिए. बादाम हर उम्र और वजन कम वाले लोगों के लिए अलग-अलग मात्रा होनी चाहिए. जैसे- 5-10 उम्र वाले बच्चों को 2-4 बादाम हर रोज खाना चाहिए. 18-20 साल वालों को 6-8 बादाम खाना चाहिए. वहीं महिलाएं काफी कम संख्या में बादाम खाती है लेकिन गाइडलाइन्स के मुताबिक हर रोज 12 बादाम खानी चाहिए.  बादाम खाने के फायदे - बादाम मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट से भरपूर होता है. जो एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करता  हैं. बादाम में मैग्नीशियम की मौजूदगी स्वस्थ रक्तचाप के स्तर को बढ़ावा देकर हृदय स्वास्थ्य का भी समर्थन करती है. - बादाम विटामिन ई सहित एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में मदद करते हैं. एंटीऑक्सिडेंट त्वचा के स्वास्थ्य का समर्थन करने में भूमिका निभाते हैं और बुढ़ापा रोधी लाभों में योगदान कर सकते हैं. - बादाम कैल्शियम का अच्छा सोर्स है.जो जोड़ों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखता है. महिलाओं के लिए कैल्शियम का सेवन बहुत जरूरी है, खासकर जब उनकी उम्र कम हो जाती है. - कैलोरी से भरपूर होने के बावजूद, बादाम वजन प्रबंधन योजना के लिए एक मूल्यवान अतिरिक्त हो सकता है. बादाम में स्वस्थ व...

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Basant Panchami 2024: पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिए यह पर्व मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन मां सरस्वती की विषेश पूजा-अर्चना की जाती है.वसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. शास्त्रों के अनुसार वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली भी प्रसन्न होती हैं. बसंत पंचमी को श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं नए साल 2024 में बसंत पंचमी की डेट, सरस्वती पूजा का मुहूर्त. वसंत पंचमी 2024 पर पूजा का शुभ मुहूर्त14 फरवरी को वसंत पंचमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दिन पूजा के लिए आपके पास करीब 5 घंटे 35 मिनट तक का समय है. बसंत पंचमी महत्वपौराणिक कथा के अनुसार जब देवी सरस्वती ने श्रीकृष्ण को देखा तो वो उनके रूप पर मोहित हो गई और पति के रूप में पाने की इच्छा करने लगी और जब भगवान कृष्ण को इस बात का पता चला तो उन्होंने कहा कि वे तो राधा के प्रर्ति समर्पित है. ऐसे में सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उन्होंने वरदान दिया कि विद्या की इच्छा रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को जो तुम्हारा पूजन करेगा, उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी. संत पंचमी की पूजा विधि - वसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहनें और उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें. - पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.- मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएंऔर  फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं.- इसके बाद पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें.- इस दिन सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं.- इसके बाद सरस्वती वंदना एवं मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें.- आखिर में हवन कुंड बनाकर हवन सामग्री तैयार कर लें और ‘ओम श्री सरस्वत्यै नमः: स्वहा” मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें. ...

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Makhana Benefits: मखाने पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.  इसके अलावा कच्चा और भूनकर दोनों तरह का मखाना आवश्यक अमीनो एसिड से भरपूर होता है. हालाकिं ज्यादातर लोग माखने का इस्तेमाल खीर, करी, रायता और कटलेट जैसे व्यंजन बनाने में करते  हैं. देसी घी में मखाने को भूनकर खाया जाए तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं और यह हेल्थ के लिए एक नहीं बल्कि कई तरीकों से फायदेमंद हो सकते हैं. ऐसे में हम यहां आपको बताएंगें कि मखाने को घी में भूनकर खाने के क्या क्या फायदे होते हैं. हड्डियों को बनाए मजबूतमखाना में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. कैल्शियम हड्डी और कार्टिलेड हेल्थ में सुधार करता है. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना घी में मखानों को तलकर उनका सेवन करें. किडनी के लिए लाभकारी मखाना ब्लड फ्लो और यूरिन को नियंत्रित करके किडनी को सवस्थ करता है.यह शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, इसलिए आपको रोजाना घी में फ्राई मखानों का सेवन करना चाहिए. वजन कम करने में लाभकारी मखाने में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो वजन कम करने में मदद करते हैं. मखाना प्रोटीन से भरपूर होता है. प्रोटीन पाचन क्रिया को धीमा करता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है. इससे भोजन करने के बीच लम्बा अंतराल आ जाता है और फूड क्रेविंग कम हो जाती है. हार्मोनल संतुलनमखाना आपके शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. बता दें पीरियड्स के दौरान मखाने क्रेविंग को नियंत्रण में रखने और अधिक खाने से रोकने में मदद करते हैं.

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Benefits Of Eating Raw Coconut: नारियल को पोषक तत्वों का भंडार कहा जाता है. नारियल में पाए जाने वाले गुणों की बात करें तो कच्चे नारियल में कॉपर, सेलेनियम, आयरन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे खनिज मौजूद होते हैं. नारियल में कॉपर, सेलेनियम, आयरन, पौटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और जिंक पाया जाता है.  इसके अलावा, इसमें हेल्‍दी फैट भी पाया जाता है. कच्चा नारियल खाने से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है. नारियल में पाए जाने वाले गुण इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कच्चे नारियल से होने वाले फायदे. यहां जानिए कच्चा नारियल खाने पर शरीर को कौन-कौनसे फायदे मिलते हैं.  - वजन को कम करने में मददगार है कच्चा नारियल. नारियल में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स तेजी से शरीर में फैट को बर्न करने और भूख को दबाने में मदद कर सकते हैं. जिससे वजन को कंट्रोल किया जा सकता है.  - नारियल को मेमोरी बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है. नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट और मिश्री मिलाकर हर रोज खाने से मेमोरी को बूस्ट किया जा सकता है.  - कच्चे नारियल के सेवन से मतली और उल्टी जैसी समस्याएं समस्या  कंट्रोल किया जा सकता है. अगर आपको मतली या उल्टी आ रही है, तो नारियल का टुकड़ा मुंह मे रखकर थोड़ी देर तक चबाने से उल्टी और मतली में राहत मिल सकती है. - फाइबर से भरपूर कच्चा नारियल कब्ज की दिक्कत को दूर करता है. कब्ज नो फाइबर डाइट लेने पर होती है. ऐसे में नारियल का सेवन फायदेमंद साबित होता है क्योंकि नारियल फाइबर से भरपूर होता है.  - कच्चा नारियल पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार है. इसमें पाए जाने वाले गुण खाने को तेजी से पचाने में मदद कर सकते हैं. यह पेट का स्वास्थ्य और बाउल मूवमेंट को बेहतर...