Makhana Benefits: मखाने पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसके अलावा कच्चा और भूनकर दोनों तरह का मखाना आवश्यक अमीनो एसिड से भरपूर होता है. हालाकिं ज्यादातर लोग माखने का इस्तेमाल खीर, करी, रायता और कटलेट जैसे व्यंजन बनाने में करते हैं. देसी घी में मखाने को भूनकर खाया जाए तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं और यह हेल्थ के लिए एक नहीं बल्कि कई तरीकों से फायदेमंद हो सकते हैं. ऐसे में हम यहां आपको बताएंगें कि मखाने को घी में भूनकर खाने के क्या क्या फायदे होते हैं. हड्डियों को बनाए मजबूतमखाना में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. कैल्शियम हड्डी और कार्टिलेड हेल्थ में सुधार करता है. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना घी में मखानों को तलकर उनका सेवन करें. किडनी के लिए लाभकारी मखाना ब्लड फ्लो और यूरिन को नियंत्रित करके किडनी को सवस्थ करता है.यह शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, इसलिए आपको रोजाना घी में फ्राई मखानों का सेवन करना चाहिए. वजन कम करने में लाभकारी मखाने में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो वजन कम करने में मदद करते हैं. मखाना प्रोटीन से भरपूर होता है. प्रोटीन पाचन क्रिया को धीमा करता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है. इससे भोजन करने के बीच लम्बा अंतराल आ जाता है और फूड क्रेविंग कम हो जाती है. हार्मोनल संतुलनमखाना आपके शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. बता दें पीरियड्स के दौरान मखाने क्रेविंग को नियंत्रण में रखने और अधिक खाने से रोकने में मदद करते हैं.
Benefits Of Eating Raw Coconut: नारियल को पोषक तत्वों का भंडार कहा जाता है. नारियल में पाए जाने वाले गुणों की बात करें तो कच्चे नारियल में कॉपर, सेलेनियम, आयरन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे खनिज मौजूद होते हैं. नारियल में कॉपर, सेलेनियम, आयरन, पौटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और जिंक पाया जाता है. इसके अलावा, इसमें हेल्दी फैट भी पाया जाता है. कच्चा नारियल खाने से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है. नारियल में पाए जाने वाले गुण इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कच्चे नारियल से होने वाले फायदे. यहां जानिए कच्चा नारियल खाने पर शरीर को कौन-कौनसे फायदे मिलते हैं. - वजन को कम करने में मददगार है कच्चा नारियल. नारियल में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स तेजी से शरीर में फैट को बर्न करने और भूख को दबाने में मदद कर सकते हैं. जिससे वजन को कंट्रोल किया जा सकता है. - नारियल को मेमोरी बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है. नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट और मिश्री मिलाकर हर रोज खाने से मेमोरी को बूस्ट किया जा सकता है. - कच्चे नारियल के सेवन से मतली और उल्टी जैसी समस्याएं समस्या कंट्रोल किया जा सकता है. अगर आपको मतली या उल्टी आ रही है, तो नारियल का टुकड़ा मुंह मे रखकर थोड़ी देर तक चबाने से उल्टी और मतली में राहत मिल सकती है. - फाइबर से भरपूर कच्चा नारियल कब्ज की दिक्कत को दूर करता है. कब्ज नो फाइबर डाइट लेने पर होती है. ऐसे में नारियल का सेवन फायदेमंद साबित होता है क्योंकि नारियल फाइबर से भरपूर होता है. - कच्चा नारियल पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार है. इसमें पाए जाने वाले गुण खाने को तेजी से पचाने में मदद कर सकते हैं. यह पेट का स्वास्थ्य और बाउल मूवमेंट को बेहतर...
Stomach Pain: पेट में होने वाले इस दर्द की कई वजह हो सकती हैं, लेकिन हम अक्सर इसे आम समस्या होने के कारण अनदेखा कर देते हैं और किसी पेनकिलर या घरेलू उपाय से इसे ठीक करने की कोशिश करते हैं. कुछ मामलों में लोग दवाई ले लेते हैं और उनका दर्द खत्म हो जाता है लेकिन अगर किसी को बार-बार पेट दर्द होता है तो चिंता का विषय हो सकता है और उसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. इन उपायों से कुछ समय के लिए तो पेट दर्द से निजात मिल जाता है लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या काफी गंभीर रूप भी ले सकती है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप बिना किसी लापरवाही के इस लिए तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें. अगर आप भी इस तरह से दर्द से परेशान हैं, तो हम आपको बताएंगे इसके कुछ प्रमुख और गंभीर कारणों के बारे में पीरियड्स क्रैम्प्सअक्सर माहवारी के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या होती है. पीरियड्स क्रैम्प्स की समस्या पेट के निचले दोनों भागों में महसूस होती है. कई महिलाओं में यह समस्या काफी गंभीर होती है. अपेंडिसाइटिसयदि आपके पेट के नीचे दाएं तरफ लगातार दर्द हो रहा हैं तो यह अपेंडिसाइटिस का संकेत हो सकता है. अपेंडिक्स बड़ी आंत के पास एक ट्यूब जैसी संरचना होती है, जिसमें सूजन होने से अपेंडिसाइटिस की समस्या होने लगती है.इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, दस्त, उल्टी, कमजोरी, भूख न लगना आदि शामिल हैं. किडनी की पथरीअगर आपके पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द बना हुआ है, तो इसकी वजह किडनी की पथरी हो सकती है. इन दिनों कई लोगों में यह समस्या देखने को मिल रही है. शरीर में यह स्वास्थ्य स्थिति है, कैल्शियम जमा होने के कारण होती है. किडनी में होने वाले छोटे आकार के पत्थर मूत्र प्रणाली के जरिए शरीर से बाहर निकल जाते हैं.लेकिन बड़े आकार के पत्थर निकल नहीं पाते हैं, जिससे पीठ के निचले हिस्से, पेट और कमर में गंभीर दर्द की समस्या होने लगती है. इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या आईबीएसइर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या आईबीएस एक ऐसी दीर्घकालिक स्थिति है, जो हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करती है. आसान शब्दों में समझें तो यह आंतों के खराब होने वाली एक स्थिति है, जिसकी वजह से ही पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द महसूस हो सकता है. इसकी वजह से दस्त, कब्ज, सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कैंसरलगातार पेट में दर्द और नाभि के ऊपर वाले हिस्से में बेचैनी की वजह पेट का ट्यूमर हो सकती है. इसके अलावा पेट में सूजन या तरल पदार्थ के उत्पन्न होने की वजह कैंसर हो सकता है. अमेरिकन कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक दर्द, अपच और सीने में जलन पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
Dark Chocolate Benefits: डार्क चॉकलेट का सेवन स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है.डार्क चॉकलेट में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल्स से लड़कर हमारी स्किन को हेल्दी रखते हैं. यह त्वचा की रंगत को भी बेहतर बनाता है और इसे चमकदार बनाता है. आइए जानते हैं डार्क चॉकलेट कैसे स्किन पर कैसे अप्लाई करें और यह चेहरे को ग्लोइंग कैसे बनाता है. ड्राई स्किन के लिए बेस्टडार्क चॉकलेट ड्राई स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होता है. डार्क चॉकलेट में विटामिन-ए, बी1, सी, डी और ई होता है. इसलिए इसका रोजाना सेवन करना स्किन के लिए अच्छा होता है. यह स्किन को सभी पोषक तत्व प्रदान कर अन्दर से मुलायम बनाता है. यूवी किरणों से बचाएएक्सपर्ट्स के मुताबिक डार्क चॉकलेट में ऐसे तत्व भी मौजूद होते हैं जो हमें सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाते हैं. इन यूवी किरणों के कारणों स्किन की ऊपरी परत पर प्रभाव पड़ता है, स्किन पर लालगी आती है जो अनचाहे दानों को पैदा करती है. ऐसे में डार्क चॉकलेट की सेवन और डार्क चॉकलेट से बना हुआ होम मेड फेस पैक दोनों ही लाभदायक सिद्ध होते हैं. बालों में शाइन लाएडार्क चॉकलेट में शहद और योगर्ट मिलाकर इस पेस्ट को बालों में हेयर पैक की तरह लगाएं. लगाने के बाद प्लास्टिक थी थैली से सिर कवर कर लें और एक घंटे के लिए छोड़ दें. इसके बाद ठंडे पानी और शैम्पू के इस्तेमाल से बाल धो लें. हेयर ग्रोथ के लिए भी परफेक्टडार्क चॉकलेट को डाइट में शामिल करने से बालों की ग्रोथ बढ़ती है और दो मुंहे बाल कम होते है. इसे खाने से बालों तक कॉपर, जिंक, आयरन और अन्य जरूरी मिनरल्स पहुंचेंगे.इनकी मदद से बालों तक भरपूर ऑक्सीजन और ब्लड पहुंचेगा और बालों को बढ़ने में मदद करेगा. झुर्रियां कम करेचेहरे पर झुर्रियां या अनचाही लाइनों के कारण चेहरा मुरझाया हुआ और बेजान लगने लगता है. इससे बचने के लिए रोजाना डार्क चॉकलेट का एक टुकडा खाएं. इसके सेवन से बॉडी में बनने वाल स्ट्रेस हार्मोन्स को कंट्रोल किया जा सकता है. इन्हीं के कारण चेहरे पर झुर्रियां बनती हैं.
Raw onion Benefits: अनूठे स्वाद और पौष्टिक गुणों भरपूर कच्चा प्याज लगभग हर भारतीय किचन में इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि कुछ लोगों को इसका तीखा स्वाद और खुशबू पसंद नहीं होती , लेकिन कच्चा प्याज खाने से कई सारे फायदे होते हैं. प्याज में सोडियम, फोलेट, पोटेशियम, विटामिन A, C, E, कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. प्याज न केवल जख्मों का इलाज करता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इसके रस और कच्चा प्याज खाने से कई फायदे मिलते हैं. अगर आप अपनी डाइट में कच्चे प्याज शामिल करते हैं, तो इससे सेहत में काफी सुधार हो सकता है. तो चलिए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं, कच्चे प्याज खाने के फायदों के बारे में. पाचन में सहायककच्चा प्याज फाइबर से भरपूर होता है. जो पाचन के लिए आवश्यक होता है. यह शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है. कच्चा प्याज खाने से आप कब्ज और बवासीर जैसी कई बीमारियों से बच सकते हैं. इम्यून सिस्टम को करता है मजबूतकच्चा प्याज विटामिन-सी से समृद्ध है. इससे आप सर्दी और फ्लू जैसी बीमारियों से बच सकते हैं. इसलिए खाने में कच्चा प्याज जरूर शामिल करें, इसके अलावा कच्चा प्याज खाने से शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है. आंखो की रोशनी बढ़ाती हैकच्चा प्याज खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है क्योंकि इसमें विटामिन A, C और E पाए जाते हैं जो आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ये आंखों की कमजोरी को दूर करते हैं और उन्हें मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं. मुहांसों के लिए फायदेमंदकच्चा प्याज मुहांसों और त्वचा की समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है. इसमें सल्फर यौगिक पाया जाता है जो मुहांसों को सूखाने में मदद करता है. यह त्वचा को साफ और मुलायम बनाए रखता है. कच्चे प्याज में क्वर्सेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो स्किन को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाता है. दिल के लिए फायदेमंदप्याज में फ्लेवोनॉयड्स और थायोसल्फाइनेट्स नामक यौगिक भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये दोनों ही दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं.फ्लेवोनॉयड्स शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके दिल के लिए फायदेमंद होते हैं. ...
Benefits of Eating soaked raisins and gram: किशमिश पोषक तत्वों का भंडार होती है. किशमिश का इस्तेमाल आमतौर पर खीर या फिरनी में ज्यादा होता है. साथ ही साथ इंडियन मिठाइयों के ऊपर टॉपिंग के रूप में भी किया जाता है. किशमिश को सूखे अंगुर से बनाया जाता है. जिसमें भरपूर मात्रा में आयरन, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. आज हम बात करेंगे किशमिश और चना को भिगोकर खाने के फायदे. खाली पेट किशमिश और चना खाने से आंत एकदम सही रहता है. चना और किशमिश में भारी मात्रा में फाइबर होता है. जिसे पानी में भिगोकर खाने से काफी ज्यादा फायदा मिलता है. भीगी हुई किशमिश कब्ज को रोकने में मदद करती है और पाचन क्रिया दुरुस्त करती है. खासकर यह बीपी के मरीज के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. ब्लड प्रेशर कंट्रोल में करनाब्लड प्रेशर का मरीज अगर खाली पेट किशमिश और चना खाता है तो इसे उसे काफी ज्यादा फायदा पहुंचता है. इसलिए खासकर हाई बीपी वालों को खाली पेट चना और किशमिश खाना चाहिए. हड्डियों को मजबूत करने का कामकिशमिश खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं. किशमिश में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता हैं. भीगी हुई किशमिश पोषक तत्वों से भरपूर होती है. और यह आपकी हड्डियों और सेहत के लिए फायदेमंद है. वजन घटानावजन कंट्रोल करने की सोच रहे हैं तो आप किशमिश खाली पेट खा सकते हैं. जैसे आपको मीठा खाने पर कंट्रोल करना है तो आप भीगी हुई किशमिश खा सकते हैं इससे आपकी मीठे की क्रेविंग कंट्रोल हो जाएगी. वजन कंट्रोल करने में यह काफी मददगार है. इम्युनिटी के लिए अच्छा है किशमिशकिशमिश में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होती है. ऐसे में यह आपकी इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है. साथ ही अगर आपके शरीर में कहीं इंफेक्शन है तो उसे भी ठीक करने का काम किशमिश करती है....
Winter Diet Tips: ठंडे मौसम में मक्का, ज्वार, जौ, रागी आदि बाजरा बहुत फायदेमंद होता है. इनमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं. कड़ाके की सर्दी में इन भुट्टों को अपने आहार में शामिल करने से हमारा पाचन तंत्र मजबूत रहता है. ये हमें सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाते हैं. इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. तो सर्दियों में मक्के का सेवन करें और बीमारियों से दूर रहें. - मिलेट्स में एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर पाए जाते है. एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर के अंदर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को बचाते हैं. साथ ही फाइबर कम कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है. - मिलेट्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. फाइबर हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने का काम करता है. यह पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, एसिडिटी आदि से राहत दिलाता है. - मिलेट्स खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग होने का एक प्रमुख कारण है. अतः मिलेट्स के सेवन से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है और दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है. - मिलेट्स में मौजूद अघुलनशील फाइबर प्रीबायोटिक का काम करता है, जो हमारी आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है. ये बैक्टीरिया भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं. ...
Jaggery Tea Benefits: सर्दियों के मौसम में सुबह की शुरुआत गुड़ की चाय पीने से करनी चाहिए. इस से न सिर्फ गर्माहट मिलेगी बल्कि ताजगी और उर्जा भी मिलती है. पोषक तत्वों से भरपूर गुड़ हमारे हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द और क्रैंप्स को दूर करने में गुड़ की चाय फायदेमंद होती है. सर्दियों में इस चाय का सेवन सबसे ज्यादा किया जाता है. बता दें कि गुड़ में कैल्शियम, कॉपर, जिंक और विटामिन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं. यह शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स तनाव कम करते हैं और शरीर को आराम पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं गुड़ की चाय के और भी फायदे. - सर्दियां आते ही ठंडी हवाएं और मौसम में आए बदलाव के कारण कई लोग बीमार पड़ने लगते हैं. ऐसे में गुड़ वाली चाय पीने से शरीर की इम्युनिटी बूस्ट होती है, जिससे आप कई तरह के इंफेक्शन और बीमार पड़ने से बच सकते हैं. - सर्दियों में लगातार गुड़ वाली चाय पीने से डाइजेशन ठीक रहता है. इसके सेवन से कब्ज समेत पेट से जुड़ी कई परेशानियां दूर होती है. - गुड़ की चाय शरीर का मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने का काम करती है. इसके सेवन से आप अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं. शरीर में मौजूद एक्सट्रा कैलोरी को कम करता है. - शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने या इसे बनाए रखने के लिए भी आप गुड़ की चाय का सेवन कर सकते हैं. इसके सेवन से एनीमिया की समस्या भी नहीं होती है - विटामिन से भरपूर गुड़ की चाय जोड़ों और हड्डियों के दर्द को भी कम करने में मदद करती है. इसके सेवन से हड्डियों के सख्त होने की समस्या भी दूर होती है. गुड़ की चाय कैसे बनाएंएक पानी से भरे बर्तन में पानी और चाय पत्ती दूध को अच्छे से उबाल लें इसके 5-7 मिनट तक उबालें इसके बाद आंच को बंद कर दें और अब उसकमें गुड़ का बुरा मिला लें. उसके बाद चाय पिएं ऐसे बनाने से कभी भी चाय नहीं फटेगी....
Pets Care in Winters: ठंड में लोग अपनी रजाइयों और कंबल में दुबके हुए हैं और तब ही बाहर निकल रहे हैं जब कोई बेहद जरूरी काम हो. हमारी आपकी तरह ठंड जानवरों को भी लगती है. इस मौसम में पेट पेरेंट्स को अपने पेटस का दयान रखना जरूरी होता है. इस मौसम में कुत्तों की डाइट का कम हो जाना सबसे बड़ी समस्या है. जाड़े में कुत्तों का अपने खाने को कम कर देना कोई नई बात नहीं है. लेकिन समस्या तब है जब आपको देखकर प्रायः उत्साहित रहने वाला आपका कुत्ता एकदम डल हो जाए. वो सिर झुकाए एक जगह पड़ा रहे और खाने पीने का पूरी तरह से त्याग कर दे. ऐसी स्थिति में कुत्ते को देखने के बाद स्वतः ही आपको इस बात का एहसास हो जाएगा कि आपके कुत्ते में कुछ तो गड़बड़ है. तो आइये बात करें उन लक्षणों पर जिनको जानने के बाद आप अपने कुत्ते को देखते ही समझ जाएंगे कि वो बीमार है या नहीं. - व्यवहारकुत्ता बीमार है या नहीं ये चीज हमें उसका व्यवहार देखकर समझ में आ जाती है. अगर आपका टॉमी खांसना और छींकना हो या फिर कम खाना पीना जैसी अजीबोगरीब तरीके का बर्ताव कर रहा है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपका कुत्ता बीमार है. - मसूड़ेकुत्ते के मसूड़े उसके स्वस्थ होने की पूरी दास्तां कह देते हैं. ध्यान रहे कि आपके कुत्ते के मसूड़े कभी पीले, नीले, सफेद या भूरे रंग के नहीं होने चाहिए. अगर कुत्ता स्वस्थ है तो उसके मसूड़े गुलाबी होंगे. - शरीर में परिवर्तनकुत्ते कई चीजें अपने शरीर के जाहिर बताते हैं. चाहे वो कुत्ते की आंखें, नाक और कान हों या फिर उसके बैठने का तरीका। पूंछ और शरीर की गंध कुत्ता आपको खुद संकेत दे देगी कि वो बीमार है और आपको उसे फ़ौरन ही अस्पताल लेकर जाना चाहिए. - पेशाबकई बार देखा गया है कि डल होने की अवस्था में कुत्ते पेशाब तक का त्याग कर देते हैं या अत्यधिक करते हैं. ये दोनों ही अवस्थाएं कुत्ते के लिए एक बड़ा जोखिम हैं. यदि आपके कुत्ते के साथ ऐसा कुछ भी हो रहा है तो फ़ौरन ही उसे डॉक्टर के पास ले जाएं. - लारयूं तो कुत्ते लार बहाते ही हैं लेकिन अगर उनकी ज्यादा लार बाह रही है और कुत्ता हांफ रहा है तो आपको ये समझ जाना चाहिए कि आपका कुत्ता गंभीर रूप से बीमार है....
Cow Vs Buffalo milk: कैल्शियम हड्डियों का घनत्व बढ़ाता है और इन्हें अंदर से मजबूती प्रदान करता है. ऐसे में कहा जाता है दूध पीना हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और कई बीमारियों से बचाता है. घर के बड़े-बजुर्गों से अक्सर सुना होगा कि अच्छी नींद चाहिए तो रात के वक्त भैंस का दूध पिएं. हालांकि खोया, दही, खीर, पायसम, मलाई, कुल्फी और घी बनाने के लिए भैंस का दूध बेहतर माना जाता है. लेकिन, सवाल ये है कि कौन सा दूध आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, गाय का दूध या भैंस का दूध. किस दूध को पीना हड्डियों से जुड़ी इन बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है. तो, आइए जानते हैं सबसे ज्यादा कौन से दूध में कैल्शियम होता है. - हर व्यक्ति के लिए जरूरी है और इसलिए अगर आप अपने शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं तो गाय का दूध पीना शुरू कर दें. गाय के दूध में 90 प्रतिशत पानी होता है और यह आपके शरीर को हाइड्रेट करने के लिए एकदम सही है. - गाय के दूध में भैंस के दूध की तुलना में फैट की मात्रा कम होती है. यही कारण है कि भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक गाढ़ा होता है. गाय के दूध में 3-4 प्रतिशत वसा होती है. इसलिए इसे पचने में समय लगता है और इसे पीने के बाद काफी देर तक भूख भी नहीं लगती है. - भैंस के दूध में अधिक कैलोरी होती है क्योंकि इसमें प्रोटीन और फैट अधिक होती है. एक कप भैंस के दूध में 237 कैलोरी होती है, जबकि एक कप गाय के दूध में 148 कैलोरी होती है. - गाय के दूध की तुलना में भैंस के दूध में 10-11 प्रतिशत प्रोटीन होता है. प्रोटीन की अधिक मात्रा होने के कारण भैंस का दूध छोटे बच्चों और बूढ़ों को नहीं देना चाहिए. - इन दोनों प्रकार के दूध में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अलग-अलग होती है. भैंस के दूध में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है, इसलिए यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा साबित होता है जो पीसीओडी, उच्च रक्तचाप, किडनी की समस्याओं और मोटापे से पीड़ित हैं. भैंस के दूध में कैल्शियम की मात्रा? अगर आप भैंस का दूध 250 लेते हैं तो उसमें कैल्शियम की मात्रा 412 mg कैल्शियम होगा. साथ ही इसमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और क्लोराइड होता है. जो सेहत के लिए अच्छा होता है. इसमें पाई जाने वाली फैट हड्डियों के लिए काफी अच्छा होता है. गाय के दूध में कैल्शियम की मात्रा?एक कप गाय का दूध में 305 mg कैल्शियम होता है. ये दूध अगर आप रोजाना पीते हैं तो हड्डी से जुड़ी बीमारी कम होती है. यह कैल्शियम का अच्छा सोर्स है.साथ ही इस दूध में प्रोटीन, विटामिन ए और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. दोनों प्रकार के दूध को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है और दोनों के अपने स्वास्थ्य लाभ हैं. तो आप क्या पीना चाहते हैं यह आप पर निर्भर करता है. आपको बस इस बात का ध्यान रखना है कि आप रोजाना दूध पिएं. अ...
Eye Care Tips: धूल, मिट्टी, प्रदूषण के अलावा मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर की स्क्रीन को देखकर बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे आंखों की रोशनी धीमी होने लगती है. जिस वजह से आंखों की हेल्थ पर ध्यान देना काफी जरूरी हो जाता है. अगर आप भी 40 की उम्र में प्रवेश करने जा रहे हैं और आंखों को हेल्दी रखना चाहते हैं तो जरूरी है कि कुछ बातों का ख्याल रखें. आज हम आपके साथ आंखों को स्वस्थ रखने और दृष्टि समस्याओं को रोकने के लिए कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं. - अच्छी डाइट लेंअपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स जरूर शामिल करें. ये आपकी ओवरऑल हेल्थ के साथ ही आंखों के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं. विटामिन सी, हरे पत्तेदार सब्जियां और मछली, पालक, संतरा जैसी चीजों का सेवन करें. - आंखों का चेकअपआंखों की हेल्थ को बरकरार रखने के लिए समय-समय पर आंखों का चेकअप कराएं. इससे आंखों में होने वाले किसी भी समस्या का पता सही समय रहते चल जाएगा और आपको आगे चलकर किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. - स्मोकिंग न करें स्मोकिंग कई बीमारियों का मुख्य कारण है. इससे खासतौर पर आंखों की हेल्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे मोतियाबिंद, ऑप्टिक नर्व डैमेज, विजन लॉस और अंधेपन की समस्या बढ़ती है - हाइड्रेटेड रहेंआंखों और ओवरऑल हेल्थ के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आंखों में होने वाली ड्राइनेस की समस्या दूर होती है, जिससे आंखों को आराम मिलता है. - ज़्यदा स्क्रीन पर काम न करें लंबे समय तक स्क्रीन में देखने की वजह से भी आंखों की हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ता है. स्क्रीन टाइम को कम करते समय हर एक घंटे के बाद 20 मिनट का ब्रेक लें...
Room Heater Side-effects: भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस ठंड से बचाव के लिए लोग अलग-अलग उपाय कर रहे हैं.वहीं खुद को गर्म रखने के लिए लोग घंटो सुबह से शाम तक रूम हीटर के सामने बैठे रहते हैं. चाहे फिर वो ऑफिस हो या घर हो. ज़्यदा देर हीटर चलाकर सोने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है. इससे खासतौर पर हृदय रोग वाले लोगों को सीने में दर्द हो सकता है, जबकि हृदय रोग से पीड़ित धूम्रपान करने वालों को, साथ ही छोटे बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से खतरा होता है.ऑक्सीजन की कमी होने के कारण लोगों की दम घुटने से मौत हो जाती है. रूम हीटर से होने वाली गंभीर समस्याएं - नाक से बह सकता है खून लंबे समय तक हीटर के सामने बैठने से आपके नाक से खून बह सकता है.जिससे की आपके सर में दर्द भी हो सकता है. इसके अलावा नाक के अंदर की त्वचा सूखने लग जाती है. - त्वचा के लिए है नुकसानदायक अगर आप लंबे समय तक हीटर के सामने बैठते हैं तो इसका बुरा प्रभाव आपकी त्वचा पर हो सकता है. इसका सबसे ज्यादा असर आप चेहरे पर हो सकता है. जिससे आपके चेहरे पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं. हीटर की हीट एलर्जी से आपके सिर की त्वचा गर्म हो जाती है जिससे आपको बाल झड़ने की समस्या हो सकती है. - आंखों पर पड़ता है बुरा असर ज्यादा देर तक हीटर के सामने बैठने से हमारी आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो जाती है, जिससे आंखों में जलन और खुजली हो सकती है. वहीं अगर आप लंबे समय तक रुम हीटर के सामने रहते हैं तो आपको कंजेक्टिवाइटिस की समस्या भी हो सकती है. - फेफड़ों पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव रूम हीटर हवा में ऑक्सीजन को खत्म कर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस प्रवाहित करता है जो सांस के जरिए हमारे फेफड़ों तक पहुंचकर हमारे लिए बेहद खतरनाक साबित होती है. यदि आप सांस संबंधी किसी तरह की समस्या से परेशान हैं तो आपको रूम हीटर का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए....
Beetroot Side effects: शरीर में खून की कमी हो जाने पर अक्सर चुकंदर खाने की सलाह दी जाती है.चुकंदर में विटामिन A और C जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं. चुकंदर खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है और इम्यूनिटी मजबूत होती है और स्किन और आंखों के लिए फायदेमंद होता है. इसके साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में भी चुकंदर खाना फायदेमंद होता है. चुकंदर खाने के कई फायदे हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए नुकसान भी हो सकते हैं. हमें अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से चुकंदर खाना चाहिए. आइए जानते हैं यहां कि किन लोगों को चुकंदर नहीं खाना चाहिए. - लो ब्लड प्रेशरचुकंदर में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है. पोटेशियम रक्तचाप को कम करने में मदद करता है. ऐसे में चुकंदर खाने से रक्तचाप और भी गिर सकता है. इससे थकान, चक्कर आना, बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, लो ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोगों को चाहिए कि वे चुकंदर का सेवन बिल्कुल न करें. या फिर अगर खाना बेहद जरूरी हो तो डॉक्टर से परामर्श लेकर ही बहुत कम मात्रा में खाए. - किडनी स्टोन चुकंदर में ऑक्सलेट नामक एक पदार्थ होता है जो किडनी स्टोन बना सकता है. इसलिए जिन लोगों को पहले से किडनी स्टोन की समस्या है उन्हें चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए. चुकंदर खाने से किडनी में स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है. - लिवर को पहुंचाता है नुकसान जिसके पहले से ही लिवर की क्षमता कमजोर हो उसके लिए चुकंदर और भी ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है. लिवर की सूजन हो सकती है, संक्रमण होने का खतरा रहता है और लिवर संबंधी रोग गंभीर रूप ले सकते हैं. इसलिए जिन लोगों को पहले से ही लिवर संबंधी कोई बीमारी है, उन्हें चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए. - एलर्जी चुकंदर से होने वाली एलर्जी के कारण स्किन रैशेज, लालिमा, खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं. जिन लोगों को चुकंदर से हलकी सी भी एलर्जी होती है तो उन्हें चुकंदर खाने से पूरी तरह बचना चाहिए....
Pistachio Benefits for health: पिस्ता (Pistachio) बादाम, किशमिश और काजू की अपेक्षा ये ड्राई फ्रूट खाने में बहुत कम प्रयोग किया जाता है, लेकिन फिर भी उसके बेशुमार फायदे हैं.ये ऐसा मेवा है जिसे खाने में ना केवल स्वाद आता है बल्कि इसके ढेर सारे सेहत संबंधी फायदे इसे खाने को मजबूर कर देते हैं. हलवा हो या कोई भी मिठाई, पिस्ता सब चीजो का स्वाद बढ़ा देता है. सर्दियों में रोज तीन से चार पिस्ता खाने से आपका दिल स्वस्थ रहता है और शरीर मजबूती बना रहेगी. चलिए जानते हैं कि पिस्ता के सेवन (Pistachio Benefits for health)से क्या क्या फायदे मिलते हैं. पोषक तत्वो से भरपूर पिस्ता प्रोटीन और कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स कहा जाता है. पिस्ता में फाइबर से भरपूर होता है. इसलिए इसे खाने के बाद देर तक भूख नहीं लगती और वजन भी कंट्रोल होता है. पिस्ता में फाइबर के साथ साथ कार्बोहाइड्रेट्स, अमिनो एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन के, विटामिन डी और विटामिन सी भी होता है. हृदय रोग से मिलेगी सुरक्षा हृदय रोग से जुड़ी बीमारियों से पीड़ितो के लिए पिस्ता काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. दरअसल, पिस्ता में कार्डियोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी पाई जाती है जो हृदय रोगों से बचाए रखने का एक विशेष गुण होता है. इसलिए हृदय रोग से बचे रहने के लिए पिस्ता का सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं. इम्यू...
Benefits of Bay Leaves: तेजपत्ता के कई जबरदस्त फायदे हैं, जो सेहत के लिए गुणों का खजाना है. यह अक्सर हमारी रसोई में मसाले के रूप में इस्तेमाल होता है. सुबह-सुबह उबाले गए तेजपत्ते का पानी पीने से आपको कई अद्भुत स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं. यह सिर्फ एक पारंपरिक नुस्खा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक शोधों द्वारा भी समर्थित एक स्वास्थ्यवर्धक प्रक्रिया है. इसमें कई तरह के विटामिन जैसे ए, बी, सी, ई, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज होते हैं.तेजपत्ते को पानी में उबालकर पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. यह हमारे रक्तचाप को कंट्रोल में रखने में भी सहायक है.चलिए जानते हैं तेजपत्ता पानी कैसे बनाएं और इसके फायदे. तेजपत्ते से होने वाले फायदे- तेजपत्ते में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो आपके वजन को तेजी से कम करते है. तेजपत्ते का पानी भूख को कम करता है और शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है. - रोजाना तेजपत्ते का पानी पीने से पेट से जुड़ी कई कब्ज, अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं. - एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. एंटीऑक्सीडेंट, फ्री रेडिकल्स नामक हानिकारक तत्वों से लड़ते हैं जो कई बीमारियों के कारण बनते हैं - तेजपत्ते में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है. विटामिन सी हमारी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी होता है. यह फेफड़ों और हृदय रोगों से लड़ने में भी सक्षम होता है. - तेजपत्ता के पानी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारी कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं कैसे बनाएं तेजपत्ता का पानी?- सबसे पहले ताजे तेजपत्ते की कुछ पत्तियां लें. इन पत्तियों को अच्छे से धो लें. एक ग्लास पानी लेकर उबाल लाएं. - जब पानी उबल जाए तो इसमें तेजपत्ते की कुछ पत्तियां डाल दें.- 5 से 10 मिनट तक इन्हें पानी में उबालें. इसके बाद गैस बंद करके पानी को थोड़ा ठंडा होने दें. - अब इस पानी को छान कर एक कप में निकाल लें और गर्मागर्म पी जाएं. आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा अदरक या नींबू का रस मिला सकते हैं. ...
Jaggery Recipe: गुड़ का उपयोग न केवल मिठाई बनाने में, बल्कि रोजमर्रा के खानपान में भी होता है. यह प्राकृतिक रूप से पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और विटामिन्स पाए जाते हैं. यह सर्दियों में इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है. सर्दियों में हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. ऐसे में जब शरीर को अधिक ऊर्जा और गर्मी की आवश्यकता होती है उसके लिए गुड़ खाना फायदेमंद होता है. गुड़ शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. गुड़ में मौजूद आयरन और फोलेट खून की कमी को दूर करने में भी मददगार होते हैं. गुड़ खांसी, सर्दी, और फ्लू जैसी सामान्य सर्दी से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में भी मदद करता है. आइए जानते हैं गुड़ की कुछ खास और आसान रेसिपीज के बारे में जो न केवल आपके स्वादिष्ट लगेगा, बल्कि आपकी सेहत का भी ख्याल रखेंगी. सामग्री:तिल (सफेद) - 1 कपगुड़ (कुटा हुआ) - ½ कपघी - 2 बड़े चम्मचइलायची पाउडर - ½ चम्मचकाजू या बादाम (वैकल्पिक) - ¼ कप, कटे हुए बनाने की विधि:- सबसे पहले एक कड़ाही में तिल को सुनहरा होने तक भूने . - अब उसी कड़ाही में थोड़ा घी डालें और गुड़ को मध्यम आंच पर पिघलाएं.गुड़ को अच्छे से पिघलने दें ताकि वह चिकनाई युक्त हो जाए.- पूरी तरह से पिघल जाने के बाद, इसमें भुने हुए तिल, इलायची पाउडर, और कटे हुए काजू या बादाम मिलाएं.- सारी सामग्री को अच्छे से मिलाएं और गर्म होने पर ही छोटे-छोटे लड्डू बना लें. यदि मिश्रण बहुत गर्म है, तो थोड़ा ठंडा होने दें.- लड्डू बनाने के बाद उन्हें ठंडा होने दें और फिर एयरटाइट डिब्बे में रखें....
Curd Making Tips: दही स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. दही से आपके शरीर को प्रोटीन और कई दूसरे पोषक तत्व मिलते हैं. बच्चों के लिए भी दही बहुत फायदेमंद होती है. अगर घर का जमा दही हो तो स्वाद और बढ़ जाता है. घर पर बना दही ज्यादा क्रीमी और फ्रेश होता है. हालांकि कुछ लोगों को घर में दही जमाना नहीं आता है. हालांकि सर्दी के मौसम में दही आसानी से नहीं जमती है. ऐसे में दही जमाने के कुछ टिप्स (Curd making tips) ट्राई करके आप सर्दियों में भी एकदम बाजार जैसी गाढ़ी परफेक्ट दही जमा सकते हैं. आज हम आपको सर्दियों में दही जमाने के कुछ ट्रिक्स और टिप्स बता रहे हैं. इस तरह आप ठंड में आसानी से दही बना सकते हैं. जानते हैं टिप्स. - सर्दियों में दही जमाने के लिए आप गर्म पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल तापमान ठंडा होने से दही पतली और पानी जैसी होती है. ऐसे में अगर आप चाहें तो दही के कंटेनर को गर्म पानी में रख सकते हैं. जिससे कंटेनर में गर्माहट बनी रहेगी और दही अच्छी तरह से जम जाएगी. - गर्मियों में दही जमाने के लिए लोग गुनगुने दूध का इस्तेमाल करते हैं. मगर सर्दी के मौसम में गर्म दूध में दही जमाना बेहतर होता है. वहीं दही जमाने के लिए कैसरोल कंटेनर का उपयोग करें. जिससे आपकी दही परफेक्टली जम जाती है. - सर्दी में दही जमाते समय दूध में जामन की मात्रा दोगुनी कर दें. वहीं जामन को दूध में मिलाने के बाद बर्तन को किसी अंधेरी और बंद जगह पर रखें. ऐसे में आप दही वाले कंटेनर को माइक्रोवेव में भी स्टोर कर सकते हैं. इससे दही जल्दी और गाढ़ी जमेगी. - सर्दियों में दही जमाने के लिए आप गर्म पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल तापमान ठंडा होने से दही पतली और पानी जैसी होती है. ऐसे में अगर आप चाहें तो दही के कंटेनर को गर्म पानी में रख सकते हैं. जिससे कंटेनर में गर्माहट बनी रहेगी और दही अच्छी तरह से जम जाएगी. - कई बार गर्म दूध में दही जमाने और दही का कंटेनर गर्म करने के बावजूद दही नहीं जमती है. जिसका कारण सर्दियों का ठंडा वातावरण होता है. ऐसे में दही जमाने के बाद कंटेनर को गर्म करें और फिर इसके चारों तरफ से गर्म कपड़ा लपेट दें. जिससे कंटेनर में गर्मी बनी रहेगी और दही आसानी से जम जाएगी....
Til-Gud for Winter: सर्दी के मौसम में गुड़ और तिल दो ऐसी चीजें हैं जो विंटर में ड्राई फ्रूट्स की तरह आपके शरीर में हीट पैदा नहीं करते बल्कि शरीर के तापमान को गर्म रखते हैं और लंबे समय तक उसे मेनटेन करते हैं.काजू-बादाम भी आपके शरीर को ठंड से बचाने का काम करते है लेकिन इनका असर ज़्यदा समय तक नहीं रहता. तिल में प्रोटीन (Protein), कैल्शियम, फाइबर, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-बी1, कॉपर व जिंक आदि तो पाए ही जाते हैं, इसके साथ ही सबसे जरूरी सेसमीन और सेसमोलिन नाम के दो जरूरी कंपाउंड भी इसमें होते हैं जो कैंसर (Cancer) की कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक तिल शरीर के लिए काफी अच्छे होते हैं. ठंड में तिल को गुड़ के साथ मिलाकर रेगुलर खाने से शरीर में गर्मी बनी रहती है औऱ सर्दी, खांसी, फ्लू के खतरे कम होते हैं. रोजाना तिल और गुड़ का लड्डू या 20-25 ग्राम तक तिल कुट खाना फायदेमंद होता है. तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-बी1, कॉपर और जिंक के साथ ही सेसमीन और सेसमोलिन नाम के दो कंपाउंड पाए जाते हैं, जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने का काम कर सकते हैं. तिल हार्ट डिजीज से बचाने में भी मदद करते हैं. इसकी वजह इसमें पाया जाने वाला फाइटोस्टेरॉल, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देता है. ...
Period Remedies : पीरियड्स के दौरान अधिकतर महिलाओं को पेट में भयंकर दर्द होता है.पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां अक्सर महिलाओं को मुश्किल में डाल देती हैं. कुछ महिलाओं को तो यह दर्द पीरियड्स शुरू होने से भी 2-3 दिन पहले से शुरू हो जाता है.पीरियड्स का सही समय पर आना, दर्द अधिक न होना, फ्लो का सही होना, ये सभी चीजें बहुत जरूरी हैं. ऐसे में दर्द से आराम पाने के लिए ज्यादातर महिलाएं पेनकिलर लेती हैं जोकि हेल्थ के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं. ऐसे में कुछ घरेलू उपाय है जिसे हम पीरियड्स के दौरान सुबह लें तो आपको पूरे दिन आराम मिलेगा और आराम से आप अपना काम कर सकती हैं या ऑफिस जा सकती हैं, आपको जो करना है आप कर सकती हैं वह भी बिना किसी परेशानी के आइए जानते हैं यहां . महिलाएं इन घरेलू नुस्खो को ज़रूर अपनाएं गुनगुने पानी में घीसुबह उठते ही गुनगुने पानी में एक चम्मच घी मिलाकर पीने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान काफी आराम मिलता है.यह पेट संबंधी समस्याओं और मासिक चक्र के दौरान होने वाले दर्द से राहत प्रदान करता है, इसे पीरियड्स आने से दो दिन पहले से ही नियमित रूप से पीना शुरू कर देना चाहिए.यह सूजन कम करने में मदद करता है. किशमिश और केसर का दूधपीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द, मूड स्विंग और अन्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किशमिश और केसर वाला दूध बहुत ही लाभदायक होता है. रात में 4 किशमिश और दो केसर के धागे भींगो कर सुबह उसका पानी पी लें. किशमिश में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखकर पेट संबंधी समस्याओं पर काबू पाने में मदद करते हैं. वहीं केसर में पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पेट और आंतों की सूजन कम करके आराम पहुंचाते हैं. अदरक की चायअदरक की चाय एक प्रभावी उपाय है. पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द से राहत पाने के लिए महिलाएं इसका भी सेवन कर सकती हैं. अदरक के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पेट की लाइनिंग के सूजन को कम करने में मदद करते हैं. सुबह उठते के साथ ही अदरक का काढ़ा पीने से पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है. ...
Jaundice Health Tips: पीलिया एक गंभीर बीमारी होती है जो कि लिवर को काफी कमजोर कर देती है. पीलिया का रोग ज्यादातर नवजात शिशुओं, छोटे बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्कों में देखा जाता है. पीलिया होने के बाद बरती गई लापरवाही कई बार मरीज के लिए जानलेवा तक साबित हो सकती है. पीलिया की बीमारी शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने की वजह से होती है. आमतौर पर पीलिया के इलाज के लिए एलोपैथी का सहारा लिया जाता है लेकिन इस बीमारी पर काबू करने के लिए कुछ देसी ड्रिंक्स और हमारा खानपान भी काफी अहम हो जाता है. पीलिया के मरीजों के लिए फायदेमंद जूसटमाटर का जूस टमाटर सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसमें लाइकोपीन नाम का तत्व पाया जाता है जो लिवर को हेल्दी रखने में मदद करता है. ऐसे में इसका सेवन पीलिया के मरीज के लिए लाभकारी हो सकता है. मूली का जूसमूली का जूस हमारे सिस्टम से एक्सट्रा बिलीरुबिन को बाहर निकालने में मदद करता है. इसे बनाने के लिए एक बड़ी मूली को कद्दूकस करें और इसका रस निकाल लें या मूली के ताजे पत्तों को पानी में उबाल लें. फिर इसे एक साफ मलमल के कपड़े से छान लें. इस मूली के जूस का सेवन रोजाना 2 से 3 गिलास करें. गाजर का जूसकिसी भी बीमारी में फलों और सब्जियों का जूस शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. अगर आपको पीलिया की शिकायत है तो गाजर और चुकंदर का जूस सेहत के लिए अच्छा होता है. गन्ने का जूसजब पीलिया से जल्दी ठीक होने की बात आती है तो गन्ने का जूस सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. इसका रोजाना दो बार सेवन करने से लिवर को मजबूत बनाने और इसकी एक्टिविटी को बहाल करने में मदद मिलती है. छाछ देसी ड्रिंक के तौर पर पहचानी जाने वाली छाछ गुणों के मामले में किसी से कम नहीं है. छाछ का सेवन बॉडी को हाइड्रेट करने के साथ ही लिवर के लिए भी लाभकारी होता है. रोजाना सुबह शाम छाछ पीने से पीलिया में फायदा होता है.
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