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Pregnancy Food: प्रेग्नेंट महिलाएं गलती से भी न करें इन चीजों का सेवन,वरना हो सकता है मिसकैरेज

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Pregnancy Food: प्रेग्नेंसी में आमतौर पर डॉक्टर हेल्दी और पोषण युक्त फूड खाने की सलाह देते हैं. इस दौरान मां को कई चीजों का स्वाद चखने की क्रेविंग होती है और वो इस दौरान मनपंसद खाना खाने की कोशिश करती है. क्रेविंग के चलते प्रेग्नेंसी में मनपंसद खाना सही है लेकिन इस दौरान अल्ट्राप्रोसेस्ड और फास्ट फूड को अवॉइड करना चाहिए. खासकर इस दौरान डिब्बा बंद और प्रोसेस्ड फूड को खाने से  बचना चाहिए. चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान किन चीजों को खाने से पहले दो बार सोचना चाहिए. 

सीफूड और फिश
फिश प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत मानी जाती है और इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है. गर्भवती महिला के लिए ये दोनों पोषक तत्‍व बहुत उपयोगी होते हैं, लेकिन इसमें अधिक मात्रा में मरकरी होता है जो बच्‍चे के लिए घातक साबित हो सकता है.
इसके अलावा गर्भवती महिला को सीफूड खाने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि इसकी वजह से सूजन, चकत्ते, उल्टी या दस्त का खतरा रहता है. अगर आपको फिर भी फिश या सीफूड खाने की क्रेविंग हो रही है तो इसे अच्छे से साफ करके और पकाकर ही खाएं.

कच्चा मांस
गर्भवती महिला को पहले तीन महीनों कच्चा मांस नहीं खाना चाहिए. कच्चे मांस में बहुत से साल्मोनेला, ई-कोलाई जैसे कई जीवाणु होते हैं जो कि फूड प्वाइजनिंग का कारण बनते हैं. यदि आप मांसाहारी हैं और मांस खाए बिना नहीं रह सकती हैं तो इसे अच्छी तरह से पकाकर खाएं. 

दूध
दूध को कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है जो गर्भवती महिला के लिए अच्छा होता है. लेकिन कभी भी बिना पाश्चुरीकृत वाला दूध न पिएं. Unpasteurized Milk में बहुत से बैक्टीरिया और रोगाणु होते हैं जो गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए हानिकारक होते हैं इसलिए हमेशा पाश्चुरीकृत दूध का ही सेवन करें या दूध को उबालकर पिएं. 

कच्चा पपीता
गर्भावस्था के दौरान कच्चे और अधपके पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए. इसे खाने से गर्भाशय में संकुचन पैदा हो सकता है जिससे गर्भपात होने की संभावना रहती है. पपीते में लेटेक्स, पपेइन और पेप्सिन नामक पदार्थ होते हैं जो भ्रूण के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं.

अनानास
वैसे तो अनानास सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में इसे खाने से बचना चाहिए. अनानास में ब्रोमलिन एंजाइम होता है जो गर्भाशय को मुलायम कर सकता है और इससे लेबर पेन शुरू हो सकता है. इसलिए प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में अनानास न खाएं.

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