Gram Sattu Benefits: सर्दियों में चने के सत्तू का सेवन काफी फायदेमंद होता है. ये न सिर्फ हमारे शरीर को गर्मी देता है, बल्कि हमारी इम्यूनिटी भी मजबूत करता है. इसमें मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर न सिर्फ आपके शरीर को उर्जा प्रदान करते हैं, बल्कि पाचन तंत्र मजबूत करने में भी काफी हद तक लाभदायक रहता हैं. चने के सत्तू में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो सर्दियों में खासे फायदेमंद होते हैं. चने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो शरीर को ऊर्जा देते हैं. साथ ही, चने में फाइबर भी होता है जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है. ऐसे में चलिए जानते हैं क्यों सर्दियों में चने के सत्तू को खाना जरूरी है, साथ ही ये हमारे लिए किस प्रकार से लाभदायक हो सकता है और सर्दियों के मौसम में हमें डाइट में कैसा बदलाव करना चाहिए. पोषण तत्व से भरपूर है सत्तूचने का सत्तू में उच्च पोषण पाया जाता है. चने के सुखाकर भूना जाता है, जिससे इसमें मौजूद सभी पोषक तत्व बरकरार रहते हैं. चने के सत्तू में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह एक अच्छा प्रोटीन का स्रोत है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए इसे ऊर्जा का पावरहाउस भी कहा जाता है. प्रोटीन शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होता है और सत्तू इसका अच्छा स्रोत हो सकता है. वजन कम करने में मदद करता है आजकल मोटापा एक आम समस्या बन गया है. अनहेल्दी खानपान और बढ़ती लाइफस्टाइल की वजह से लोग अधिक वजन का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में, वजन घटाने के लिए सही डाइट बहुत जरूरी है. चने का सत्तू वजन घटाने में मदद कर सकता है. चूंकि यह कम कैलोरी वाला और फाइबर से भरपूर भोजन है, इसलिए यह वजन नियंत्रण करने के लिए बहुत उपयोगी है. ब्लड शुगर को करता है कंट्रोल चने का सत्तू ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. चने के सत्तू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और यह धीरे-धीरे पचता है. इससे ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव नहीं आता. साथ ही, सत्तू में उच्च फाइबर होने से ब्लड शुगर अवशोषण धीमा हो जाता है. यह डायबिटीज रोगियों के लिए लिए अच्छा होता है. कैसे बनाएं सत्तू ड्रिंकपहले रातभर के लिए एक चम्मच चिया बीज भिगा लें, फिर एक गिलास पानी में एक चम्मच सत्तू डालें और चिया के बीज को मिक्स कर लें. इसपर से एक चुटकी काला नमक और नींबू डाल दें. इसके बाद हर रोज सुबह इसे मिक्स करके खाएं. ...
Fever Syndrome: बदलते मौसम में बच्चों का बार-बार बीमार पड़ना काफी ज्यादा परेशान करता है. एक चिंतनीय विषय है. इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके साथ ये किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है.5 साल से कम उम्र वाले बच्चों की इम्युनिटी काफी ज्यादा कमजोर होती है. जिसके कारण हल्का भी ठंडी हवा लगते ही बच्चा बीमारी पड़ जाता है. हालांकि बच्चों को बार-बार बुखार आना चिंता का विषय है.देखा जाए तो, बुखार में शरीर का तापमान 100.4 डिग्री से ज्यादा होता है, लेकिन ये बुखार बार-बार आ रहा है तो ये बात चिंताजनक हो सकती है. ये किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. अगर आपके भी बच्चे को बार-बार बुखार आ रहा है तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए बल्कि एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए. क्योंकि इसके कई कारण हो सकते हैं. इन कारणों के वजह से बार-बार बच्चे को हो सकता है फिवरआपके बच्चे को बार-बार बुखार आ रहा है तो यह वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत हो सकते हैं. पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम के कारण भी बच्चे को बार-बार फिवर हो सकता है. कई बार यह सिंड्रोम जेनेटिक डिफेक्ट के कारण भी हो सकता है. जिसके कारण शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाता है. इसके अलावा वायरस वैक्सीनेशन और बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण भी फिवर हो सकता है. बुखार के लक्षणशरीर का टेंपरेचर बढ़ रहा है और ठंड ल रही है साथ ही चिड़चिड़ापन हो रहा है. बच्चे की डाइट कम होती जा रही है. कुछ भी खा नहीं रहा है थकान और कमजोरी महसूस हो रही है. बच्चा हर बात पर जोर रो रहा है तो यह बुखार के लक्षण हो सकते हैं. कैसे करें इलाज- बार-बार बुखार होने पर उसका इलाज भी समान्य बुखार की तरह ही किया जाता है. बार-बार बुखार आने में निम्न इलाज कर सकते हैं- अगर बच्चे को बुखार है तो उसके सांस लेने पैटर्न पर निगरानी रखना जरूरी है.- बुखार होने में ढेर सारा पानी पीना फायदेमंद हो सकता है.- अगर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ है और बुखार को 5 दिन हो चुके हैं तो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.- बुखार कब और कितनी देर तक बना है, इस पर ध्यान करना जरूरी है.- बार-बार होने वाला बुखार किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. इसलिए एक्सपर्ट से सलाह लेनी जरूरी है....
Benefits of Raisin Water: ड्राई फ्रूट्स शरीर के लिए काफी फयदेमंद होता. आज हम किशमिश के फायदे के बारे में बात करेंगे.छोटी सी दिखने वाली किशमिश शरीर को कई बड़े फायदे पहुंचा सकती है. पकवान में इसका इस्तेमाल न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि हमारे शरीर से कमजोरी को भी दूर कर सकता है. शरीर के लिए किशमिश जितनी फायदेमंद होती है उससे कई गुना ज्यादा फायदा किशमिश का पानी होता है. इसका नियमित रूप से सेवन करना अनेक समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है. आइए जानें किशमिश के फायदों के बारे में. किशमिश के पानी से होने वाले फायदे जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की शिकायत है, उन्हें किशमिश के पानी का सेवन करना चाहिए. एक रिसर्च में पाया गया है कि किशमिश के पानी के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है. किशमिश में एल्कलाइन गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में बनने वाले एसिड को नियंत्रित करते हैं, जिससे एसिडिटी की समस्या नहीं होती. किशमिश में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है. यही कारण है कि किशमिश को एक इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में डाइट में शामिल करना चाहिए. किशमिश में मौजूद विटामिन सी और आयरन स्किन और बालों के लिए फायदेमंद हो सकता है. हेल्दी स्किन और बालों के लिए नियमित रूप से किशमिश का पानी पीना चाहिए. किशमिश का पानी बनाने और पीने का तरीका पानी - 200 मिलीकिशमिश - 80 से 90 ग्राम एक कंटेनर लें उसमें पानी उबाल लें और फिर उस गर्म पानी में रात भर किशमिश भिगोकर रख दें. सुबह किशमिश निकालकर अलग रख लें और फिर पानी को हल्का गर्म कर लें. फिर उसे थोड़ा देर बाद पी लें. रोजाना खाली पेट किशमिश का पानी पिएंखाना खाने के 30 मिनट पहले किशमिश का पानी पिएंयह पानी शरीर की गंदगी बाहर निकालने का काम करता है.
Best Indoor Plants for Pollution : आज कल प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गया है. कई शहरों की हवा जहरीली हो गई है. जिसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ रहा है. वायुमंडल में हानिकारक गैसें और कण भर गए हैं जो हमारे स्वास्थ्य को खराब कर रहे हैं. दिवाली (Diwali) के नज़दीक आते ही कई शहरों के लोग बढ़ते प्रदूषण (pollution) से परेशान होने लगते हैं. बदलता मौसम (Weather Change) और उस पर तेजी से बढ़ता प्रदूषण शरीर को बीमार बना सकता है. प्रदूषण से सांस (Breath), अस्थमा (Asthma)और एलर्जी (Allergy) से परेशान रहने वाले लोगों को परेशानी होने लगती है.आज हम बात करेंगे की घर के अंदर हवा को कैसे थोड़ी साफ की जाए. ऐसे में घरों के अंदर हवा कुछ साफ करने से लिए कुछ पौधे लगाए जा सकते हैं. जो घर के अंदर लगाने से हवा को साफ करने में मदद कर सकते हैं. चलिए जानते हैं घर में वायु प्रदूषण से बचाव के लिए कौन से पौधे लगाएं. 1....
Diwali Recipes 2023: दिवाली का त्योहार आने वाला है और इस त्योहार पर हर घर में मिठाइयों की भरमार होती है. इस दिवाली कुछ हेल्दी और मीठास से भरपूर व्यंजन बनाना बेहतर विकल्प हो सकता है. बिना चीनी के बनाया हुआ कलाकंद एक ऐसी मिठाई है जो मेहमानों को बेहद पसंद आएगी . जो की स्वाद के साथ हेल्दी भी होगी. वैसे तो इस मिठाई को आप बाजार से भी खरीद कर ला सकते हैं लेकिन घर में आप इसको हेल्दी और शुद्ध बना सकते हैं, चलिए जानते हैं बिना चीनी के कलाकंद बनाने की आसान रेसिपी. कलाकंद मिठाई बनाने के लिए चाहिए यह चीजें- इलायची पाउडर- 1 चम्मचपिस्ता- 1 चम्मच (बारीक कटा कटा हुआ)काजू- 1 चम्मच (बारीक कटा कटा हुआ)घी- जरूरत अनुसारपनीर- 250 ग्रामखोया- 250 ग्रामक्रीम- आधा कपदूध- आधा कपमिठास के लिए आप पिसी हुई गुड़ या कोकोनट शुगर इस्तेमाल कर सकते हैं. जानें बनाने की विधि- कलाकंद बनाने के लिए सबसे पहले आप खोया और पनीर बराबर मात्रा में लें और उसे कद्दूकस कर लें.- खोया और पनीर के मिश्रण में दूध और क्रीम अच्छी तरह से मिलाएं और इसको मिक्स कर लें.- अब एक कढ़ाई में घी गर्म करें और इसमें खोया-पनीर का मिश्रण डालकर मध्यम आंच पर पकाएं.- जब मिश्रण अच्छे से पक जाए तो इसको आंच से उतार लें.- जब इसमें इलायची पाउडर मिक्स करें और अच्छे से मिलाएं.- चीनी के जगह पर कोकोनट शुगर या फिर गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं इसको भी अच्छी तरह से मिला लें.- इसके बाद जब यह थोड़ा ठंडा हो जाएं तो इसे चोकोर शेप में काट लें.- इसके बाद इसके ऊपर बारीक बादाम और पिस्ता डाल कर गार्निश करें- इसके बाद इसे फ्रिज में स्टोर करके रखें.- इस तरह आपका स्वादिष्ट कलाकंद तैयार. इसे एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें. परोसते समय गर्म करके सर्व कर सकते हैं. ...
Jackfruit Tips: कटहल की सब्जी खाने में काफी स्वादिष्ट होती है. कुछ जगहों पर लोग पकी हुई कटहल को कच्चा भी खाते हैं. इसमें पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन-A और विटामिन-C काफी मात्रा में पाया जाता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है. कटहल के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि कहटल खाने के बाद क्या चीजें बिलकुल नहीं खानी चाहिए. आयुर्वेद में कटहल के साथ 5 चीजों को खाने की मनाही है. माना जाता है कि ये पांच चीजें कटहल के आगे-पीछे या साथ खाने से जहरीली बन जाती हैं. कटहल खाने के बाद इन चीजों का सेवन आपको कर सकता है बीमार पपीताकटहल खाने के बाद तुरंत बाद पपीते के सेवन करने से शरीर में सूजन हो सकता है. इसलिए कभी भी कटहल खाने के बाद पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए. पान कई लोगों को खाने के बाद पान खाने की आदत होती है, पान खाने से पाचन बेहतर होता है, लेकिन कटहल खाने के तुरंत बाद पान खाने से आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती है. भिंडी कटहल के साथ भिंडी की सब्जी का सेवन आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है. दरअसल, भिंडी और कटहल में कई ऐसे गुण होते हैं, जो साथ में मिलकर स्किन से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकते हैं. दूधकटहल खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए. इससे सफेद दाग और त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए कभी भी कटहल खाने के बाद दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. शहद शहद स्वाद में मीठा होता है और कई बार लोग खाने के बाद शहद का सेवन करते हैं, लेकिन कटहल खाने के बाद शहद का सेवन आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. कटहल खाने के होते हैं कई फायदे- कटहल में एंटीऑक्सीडेंटऔर लैक्टिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है.- रफेज से भरपूर कटहल पेट और वेट दोनों के लिए अच्छा होता है.- ये इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करता है.- एनिमिया में भी इसे खाना बहुत फायदा करता है क्योंकि इसमें आयरन बहुत होता है.- विटामिन-बी कटहल बहुत होता है इसलिए कच्चा कटहल डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा होता है.- ये बल्ड में इंसुलीन के लेवल को सुधारता है.इसलिए कटहल खाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि, इसके भरपूर फायदे मिल सकें....
Sugar Free Pills Side Effects: डायबिटीज के मरीज अक्सर अपनी चाय या कॉफी में मिठास के लिए चीनी की जगह शुगर फ्री का उपयोग करते हैं. लेकिन ये चीजें आपको भले ही शुगर फ्री खाने की चीजें उपलब्ध करवा देती हैं लेकिन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां (Sugar Free Side Effects) भी बिल्कुल फ्री में दे सकती हैं. शुगर फ्री पिल्स में कृत्रिम मिठास वाले पदार्थ होते हैं. ये पिल्स चीनी की जगह इस्तेमाल किए जाते हैं. इससे डायबिटीज वाले लोग चीनी खाए बिना अपनी चाय या कॉफी को मीठा बना लेते हैं. ऐसे में क्या शुगर फ्री पिल्स खाना सेहत के लिए अच्छा है या नहीं आइए आज यहां जानते हैं. शुगर फ्री पिल्स के साइड इफेक्ट्स1. कृत्रिम शुगर का लंबे समय तक उपयोग करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां ...
Quick Recpie Of Onion Pickle: प्याज़ एक ऐसी चीज है जिसके बिना सब्जी या फिर सलाद की कल्पना ही नहीं की जा सकती. मसालेदार सब्जी की ग्रेवी हो या सलाद का स्वाद बढ़ाना हो प्याज का होना बेहद जरूरी होता है वैसे तो आपने कई तरह के व्यंजनों में प्याज़ का इस्तेमाल किया होगा लेकिन क्या कभी आपने प्याज का अचार खाया है.जी हां आज तक आपने आम, नींबू, मिर्च और कटहल का अचार तो खूब खाया होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं सब्जी और सलाद में इस्तेमाल की जाने वाली प्याज के अचार की रेसिपी. बिल्कुल ठीक पढ़ रहे हैं आप हम बात कर रहे हैं प्याज के अचार की जो खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही फायदेमंद भी. अगर आपको भूख न लगने की समस्या हो रही है तो प्याज का अचार भूख बढ़ाने का भी काम कर सकता है. तो चलिए जानते हैं प्याज के अचार की फटाफट बनने वाली रेसिपी. Recipe Of Onion pickle प्याज का अचार बनाने की सामग्री:1 किलो प्याज- 3 बड़े चम्मच सौंफ 3 चम्मच मिर्च पाउडर1 छोटा चम्मच हींग नमक स्वादनुसार2 कप पानी 1 कप सिरका 200 मिली सरसों का तेल कैसे बनाएं प्याज का अचार ?- छोटे प्याज़ काटकर विनेगर में भिगोने से पहले उन्हें गोल टुकड़ों में काट लीजिए. इसके बाद छिले हुए प्याज को पानी में अच्छी तरह धोकर छान लीजिए. - ध्यान रहे प्याज को कांच के जार, सिरेमिक जार या किसी नॉन रिएक्टिव जार में रखें. इस बात का खास ख्याल रखें कि स्टील का जार या प्लास्टिक जार का इस्तेमाल न करें क्योंकि विनेगर इनके साथ रिएक्ट कर सकता है.- अब एक कटोरी में, 1 चम्मच सफेद सिरका या एप्पल साइडर सिरका और पानी डाल दें. ध्यान दें कि अगर छोटे प्याज आकार में बड़े हैं, तो विनेगर और पानी की क्वांटिटी बढ़ा दें. - फिर इसमें स्वादानुसार नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं. अब सिरके के मिश्रण को प्याज़ वाले जार में डालें. आप चाहें तो सीधा जार में सिरका, पानी और नमक मिला सकते हैं. - प्याज को विनेगर के घोल में 2 से 3 दिन के लिए रूम टेम्प्रेचर पर रहने दें. जब प्याज का अचार 2 से 3 दिन में बन जाए तो जार को फ्रिज में रख कर स्टोर करें. - अब इसे किसी भी नॉर्थ इंड...
Sore Throat : सर्दियों में गला खराब होना या गले में खराश आम बीमारी है. यह किसी को कभी भी हो सकती है. अक्सर इसे सामान्य इंफेक्शन माना जाता (Sore Throat) है. लेकिन इसके पीछे गंभीर कारण भी हो सकते हैं. इसलिए कभी भी इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है. गला शराब होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. आइए जानते हैं गला खराब होने का क्या-क्या कारण हो सकता है.गला खराब होने के लक्षणगले में चुभन, दर्द होना, निगलने में परेशानी, नाक बहना, बुखार होना, खांसी और कंजंक्टिवाइटिस गाला ख़राब होने के लक्षण हो सकता है. हालांकि, ये लक्षण कई खतरनाक बीमारियों का भी संकेत देते हैं. गले में खराश के 5 गंभीर कारण 1. गंभीर एलर्जीकई बार एलर्जी की वजह से भी गले में खराश और जलन की समस्या हो सकती है. धूल, मिट्टी या किसी फूड की एलर्जी से भी ऐसा हो सकता है. इस स्थिति में हालत खराब हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर की मदद लें. 2. बैक्टीरियल इंफेक्शनगले में खराश की समस्य्या कई बार खुद से ठीक नहीं होती है. ऐसे में यह स्ट्रेप्टोकोकल यानी स्ट्रेप थ्रोट बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो सकता है. इसे नजरअंदाज करने पर रूमेटिक फीवर, किडनी इन्फ्लेम्शन और पस से भरा फोड़ा होने का खतरा रहता है. ऐसे में डॉक्टर से टेस्ट करवाकर पता लगा सकते हैं और इसका इलाज तुरंत शुरू हो सकता है. 3. कैंसर अगर गले में खराश की समस्या लगातार बनी है तो ये कैंसर का भी लक्षण हो सकता है. इसकी शुरुआत larynx, pharynx या टॉन्सिल से हो सकती है. ऐसे में इसे इग्नोर करने की बजाय तुरंत डॉक्टर के पास जाकर टेस्ट करवाना चाहिए. 4. लंबी बीमारी से बाह...
Alcohol And Smoking Combination: आजकल यंगस्टर के लिए शराब और सिगरेट एक ट्रेंड बनता जा रहा है.शराब और सिगरेट दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. धूम्रपान से फेफड़े का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, सीओपीडी और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं. वहीं, शराब पीने से मुंह, गले और स्तन कैंसर, स्ट्रोक, ब्रेन डैमेज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, दोनों का कॉम्बिनेशन (Alcohol And Smoking Side Effects) उससे भी ज्यादा खतरनाक है. आइए जानते हैं एल्कोहल और स्मोकिंग का कॉम्बिनेशन सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है.धूम्रपान और शराब के बीच का संबंधजो लोग धूम्रपान और शराब दोनों एक साथ पीते हैं, वे अक्सर कहते हैं कि ये दोनों आदतें एक-दूसरे को कॉम्पलिमेंट करती हैं, और जब वे शराब पीते हैं तो उन्हें धूम्रपान करने का अधिक मन होता है और इसके विपरीत भी.यह आपको आश्चर्यचकित कर सकता है कि धूम्रपान और शराब पीने का इतना गहरा संबंध क्यों प्रतीत होता है. हालांकि, इस पर अभी तक कोई निश्चित उत्तर नहीं है, लेकिन शोध से पता चलता है कि निकोटीन शराब के आनंददायक प्रभावों को बढ़ा देती है, जिससे कि शराब पीने के बाद व्यक्ति को सिगरेट पीने की इच्छा होती है. जानलेवा है सिगरेट-शराब का कॉम्बिनेशन1. कैंसर बढ़ने का खतराशराब और धूम्रपान दोनों ही अलग-अलग तरह के कैंसर को पैदा कर सकते हैं. इसके जोखिम काफी ज्यादा होते हैं. दोनों के एक साथ सेवन से मुंह, गले और अन्नप्रणाली से जुड़ी गंभीर और खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं. 2. दिल की गंभीर बीमारियों का खतराशराब पीने और सिगरेट का धुआं उड़ाने से हार्ट से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना तक...
Heart attack: हार्ट अटैक (Heart Attack) उम्र देख कर नहीं आता है. आजकल हार्ट अटैक कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है. गुजरात में नवरात्रि पर्व का जश्न पूरे धूम-धाम से मनाया जा रहा है.हालांकि, इसी दौरान गरबा कार्यक्रमों के बीच हार्ट अटैक के कई मामले सामने आ रहे हैं. पिछले 24 घंटों में पूरे गुजरात में गरबा आयोजनों में दिल का दौरा पड़ने से 12 मौतें हुई हैं. पीड़ितों में अधेड़ उम्र के वयस्कों के साथ-साथ 17 साल का एक लड़का भी शामिल है.गुजरात के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे में गरबा इवेंट्स के दौरान दिल का दौरा पड़ने से 12 लोगों की मौत हो गई है. गरबा के दौरान हार्ट अटैक से मौतरिपोर्ट के मुताबिक 17 साल का एक लड़का का दिल का दौड़ा पड़ने से मौत हो गई है. जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन वही पर उसकी मौत हो गई. बड़ौदा में 13 साल के लड़के का भी हार्ट अटैक से मौत हो गया. अहमदाबाद से भी ऐसी घटना सामने आई है. जहां पर गरबा खेलते हुए हार्ट अटैक से लोगों की मौत हो गई. क्या है हार्ट अटैक की असली वजह?हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक हार्ट अटैक या हार्ट से जुड़ी बीमारी के पीछे सबसे बड़ा कारण है गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल. फेस्टिव सीजन के दौरान लोग बाहर का सामान या ऑयली फूड आइटम काफी ज्यादा और लगातार खाते हैं तो ऐसे में मुमकिन है कि उन्हें हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक हार्ट हमारे शरीर का पंप है वह खून को पंप करने का काम करता है. ऐसे में जब हम जिम, एक्सरसाइज या डांस करते हैं तो हमारा पूरा शरीर काफी ज्यादा एक्टिव रहता है. जिसके कारण हमारे शरीर को ज्यादा काम करना पड़ता है. जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है. इस दौरान हार्ट का रेट बढ़ जाता है. शरीर को ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए होती है. लेकिन ऐसे में कोई बीपी का मरीज है तो उससे हार्ट से जुड़ी दिक्कत हो सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज या बीपी के मरीज को पता होनी चाहिए उन्हें कितनी देर तक वर्कआउट करना चाहिए. जितना आपके शरीर के लिए जरूरी है उतना ही करें. अगर आपको एक्सरसाइज या डांस करने के दौरान बहुत ज्यादा सांस फूलने लगे तो आपको सावधानी बरतनी चाहिए. हाइड्रेट रेहना जरूरी हैइन दिनों मौसम काफी बदल रहा है. ऐसे में खुद को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है. कई लोग ऐसे हैं जो ठीक से पानी तक नहीं पीते. यानि हर एक इंसान को 3 लीटर या अपने शरीर के हिसाब से पानी जरूर पीना चाहिए. लेकिन वह पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं जिसके कारण हार्ट की समस्या हो सकती है. खाने में ज्यादा से ज्यादा नमक का इस्तेमालकुछ लोग खाने में काफी ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में उनके शरीर में गड़बड़ी पैदा हो सकती है. नींद की कमीफेस्टिवल के दौरान काफी ज्यादा दौड़भाग के कारण नींद की कमी हो सकती है. ऐसे में आपको अपनी लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना बेहद है जरूरी. हाई बीपीकई बार इंसान को पता नहीं होता है कि उनकी बीपी हाई है और वह गलत खानपान की वजह से हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल की बीमारी के मरीज, डायबिटीज और बीपी वाले लोगों को ज्यादा देर तक गरबा या किसी भी तरह का डांस नहीं करना चाहिए....
Breast Cancer Awareness: खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से दुनियाभर में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। हार्मोंस में बदलाव और खराब लाइफस्टाइल ब्रेस्ट कैंसर की सबसे बड़ी वजह है. पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसकी वजह खराब लाइफस्टाइल है. लोग पहले के मुकाबले कम फिजिकली एक्टिव हो रहे हैं, लंबे समय तक सिटिंग जॉब्स में रहना और हार्मोंस में गड़बड़ी होना इसकी वजह हो सकती है. महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन ज्यादा बनने पर भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. आइये जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कैसे कम किया जा सकता है. शराब और सिगरेट से दूर रहेंएक्सपर्ट्स के मुताबिक जो महिलाएं बहुत ज्यादा शराब और सिगरेट पीती हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. इसलिए आपको खुद पर कंट्रोल रखना चाहिए. सिगरेट पीने से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं. और वह शरीर के दूसरे ऑर्गन को भी काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं. वजन कंट्रोल में रखे एक उम्र के बाद महिलाओं का वजन तेजी से बड़ने लगता है. खासकर एक महिला की उम्र 35 साल के आसपास हो गई है तो जरूरी है कि वह अपने आप को ज्यादा से ज्यादा फिट रखें. फिजिकली एक्टिव रहें और अपने हेल्थ को मेंटेन में रखें. क्योंकि बढ़ते उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढता है. ब्रैस्ट फीडिंग जरूर करें कुछ महिलाएं बच्चे को फीड कराने से बचती है तो ऐसा न करें अपने बच्चे को जरूर फीड कराएं. यह मां और बच्चा दोनों के लिए बहुत जरूरी है. ज्यादा से ज्यादा फीड कराने से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है. इससे आपका वजन कंट्रोल में रहेगा. शरीर हेल्दी भी रहेगा. हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल अपनाएंअपनी लाइफस्टाइल और डाइट का खास से खास ख्याल रखें. हरी साग-सब्जी सेहत के लिए बेहद जरूरी है. साथ ही रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं. लाइफस्टाइल अच्छी रहेगी और आप भी अच्छा फिल करेंगे. अगर आप हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या किसी भी तरह के गर्भनिरोधक गोली खा रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर बात कर लें. अगर फैमिली में किसी को ब्रेस्ट कैसर हुआ है तो आप एक उम्र के बाद बार-बार खुद से भी चेक कर सकते हैं. साथ ही डॉक्टर के पास रूटीन चेकअप के लिए भी जा सकते हैं. ...
Healthy Personality Tips: आज के दौर में लगभग हर कोई कहीं न कहीं अकेलापन महसूस करता है. चाहे आप परिवार के साथ रह रहे हों या अकेले हों, अगर आप किसी से बात नहीं कर सकते तो अकेलापन महसूस होना स्वाभाविक है. कभी-कभी हम लोगों के बीच रहकर भी अकेलापन महसूस करते हैं. सुबह उठते ही या अकेले बैठते ही मन में खालीपन का एहसास होता है. जैसे सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं होना चाहिए. ऐसा महसूस होना कि आप जी नहीं रहे हैं अगर आप भी हर वक्त खालीपन और अकेलापन महसूस करते हैं (Health Tips) तो हम आपकी परेशानी समझ सकते हैं. ये सभी भावनाएं कई लोगों में उत्पन्न हुई होंगी लेकिन क्या आप जानते है इसका कारण क्या है? इन सभी भावनाओं का कारण एक ही है और वह कारण है खुद से प्यार न करना (Personality Tips). आइए जानते हैं इन भावनाओं से कैसे निपटें. - उन लोगों के साथ समय बिताएं जिन्हें आपकी देखभाल और सहायता की आवश्यकता है. अपने घर के बुजुर्गों या छोटे बच्चों का ख्याल रखें. यदि आप अकेले रहते हैं, तो अनाथालय या वृद्धाश्रम में लोगों से मिलें (पर्सनैलिटी टिप्स).अपने से कम भाग्यशाली लोगों की मदद करने से आपको कम अकेलापन महसूस होगा. - अकेलेपन को दूर करने के लिए आपको खुद से और दूसरों से प्यार करना सीखना होगा. जब आप अकेले हों तो अपने बारे में 5 अच्छी बातें लिखें. खुद के साथ कुछ समय बिताना (Personality Tips) बहुत जरूरी है. यह आपके और आपके बाहर की दुनिया के बीच बेहतर संबंध बनाएगा. - अकेलापन अक्सर लोगों को जगाए रखता है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बना लें.शारीरिक परिश्रम और योग से अपने शरीर को थकाएं और अपने दिमाग को आराम दें. - यह समझने की कोशिश करें कि आप अपने जीवन में क्या खो रहे हैं. क्या आपको अपने साथ किसी की जरूरत है? क्या आप अपने करियर या नए लोगों से मिलने के अवसरों (पर्सनैलिटी टिप्स) को ल...
Home Remedy For Cold And Cough: देशभर में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है. ये मौसम कई प्रकार की बीमारियों और संक्रमण के खतरे को बढ़ाता है. सर्दियों की शुरुआत में इंफ्लूएंजा के संक्रमण के साथ कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में जुकाम-खांसी की समस्या होते रहना काफी सामान्य है.आज हम आपको सर्दी जुकाम से बचने के लिए घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं. जिनका उपयोग करके आप सर्दी के मौसम में मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं. अदरक वाली चायअदरक की चाय बनाने के लिए ताजे अदरक के एक छोटे टुकड़े को कद्दूकस करके पानी में उबाल लें. अदरक में नेचुरल एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कंजेशन को कम करने और गले की खराश को शांत करने में मदद कर सकते हैं शहद और नींबू की चायएक कप गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच शहद और आधे नींबू का रस मिलाएं, गले की खराश से राहत पाने और खांसी से राहत पाने के लिए इस चाय की चुस्की लें. खारे पानी के गरारेएक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इससे गरारे करें. यह गले की खराश को शांत करने और जलन को कम करने में मदद कर सकता है. भाप लेनाएक बड़े बर्तन में पानी उबालें. जब यह भाप बन जाए तो इसे आंच से उतार लें और इसमें यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूंदें मिलाएं. बर्तन के ऊपर झुकें और भाप लेने के लिए अपने सिर को तौलिये से ढक लें, इससे नाक में जमा कफ को साफ करने में मदद मिल सकती है. हल्दी दूधएक कप दूध गर्म करें और उसमें एक चम्मच हल्दी मिलाएं. इस मिश्रण को अच्छे से मिलाएं और सोने से पहले पी लें. हल्दी में नेचुरल एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं.
Real jaggery and Fake jaggery : सर्दियों में लोग रोजाना गुड़ खाना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इससे शरीर में गर्मी बनी रहती है. गुड़ आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद जरूर होता है, लेकिन आजकल बाजारों में मुनाफे के नाम पर नकली गुड़ बनाने का काम बढ़ गया है. नकली गुड़ आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक है. इसे खाने से आपके शरीर को बड़ा नुकसान हो सकता है.आज हम आपको असली और नकली गुड़ पहचानने का आसान तरीका बताएंगे. जिसके जरिए आप आराम से पता लगा सकते हैं कि आपने जो गुड़ खरीदा है वह असली है या नकली? नकली गुड़ में मिली होती है ये सभी चीजें गुड़ आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है. इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन और विटामिन बी जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. गुड़ की तासीर गर्म मानी जाती है इसलिए ठंड के दिनों में इसे खाया जाता है.आजकल लोग नकली कारोबार के जरिए ज्यादा पैसा कमा रहे हैं. नकली और मिलावटी गुड़ में कैल्शियम कार्बोनेट और सोडियम बाइकार्बोनेट मिलाया जाता है. जो शरीर के लिए काफी ज्यादा हानिकारक होता है. जबकि इसे सही रंग देने के लिए सोडियम बाइकार्बोनेट का इस्तेमाल किया जाता है ताकि ये ऑरिजनल दिखे. सही रंग का गुड़ हमेशा अधिक भूरा गुड़ चुनें. पीले या हल्के भूरे रंग वाले गुड़ न खरीदने का कोशिश करें क्योंकि पूरी संभावना है कि वह नकली है. गन्ने के रस को बहुत देर तक उबालने के बाद उसमें कैमिकल चेंजेज होते हैं. जिसकी वजह से इसका रंग गहरा लाल और भूरा हो जाता है. ऐसा होता है नकली गुड़ का रंग बाजार में मिलने वाला नकली गुड़ आपको सफेद, हल्का पीला या कुछ लाल (चमकदार) रंग का मिल जाएगा. अगर आप इसे पानी में डालेंगे तो मिलावटी पदार्थ बर्तन के नीचे बैठ जायेंगे, जबकि शुद्ध गुड़ पानी में पूरी तरह घुल जायेगा. ...
Good Sleeping Formula: कई लोगों को सोने में परेशानी होती है, दिन भर लोग थकान और सुस्ती महसूस करते हैं, लेकिन जब रात को सोने का समय होता है तो नींद नहीं आती. ऐसे में अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब हमारे पास समय पर और अच्छी नींद पाने का फॉर्मूला है, जो हम आपको बताने जा रहे हैं. इससे आप पूरी रात बच्चों की तरह बेफिक्र होकर सो पाएंगे और साथ ही पूरे दिन एक्टिव भी रह पाएंगे. ध्यान दें कि अच्छी नींद के इस आसान फॉर्मूले को '10-3-2-1-0' कहा जाता है. विशेषज्ञ इस फॉर्मूले के तहत बेहतर नींद का दावा करते हैं. इस फॉर्मूले में हमें अपने शरीर की जैविक घड़ी को सही करने के लिए कुछ बातों का सख्ती से पालन करना होगा. इसके साथ ही व्यक्ति को समय पर सोना और जागना (Better स्लीपिंग टिप्स) चाहिए और अपनी नींद से किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए. यह फॉर्मूला आपकी अच्छी नींद में मददगार होगा, तो आइए इस फॉर्मूले को समझते हैं, साथ ही यह भी ध्यान रखें कि इसका पालन करते समय हमें कुछ बातों (Health Tips) का सख्ती से पालन करना होगा. तो सूत्र '10-3-2-1-0' का अर्थ कुछ इस प्रकार है. - सोने से दस घंटे पहले कैफीन का सेवन बंद कर देना चाहिए- बिस्तर पर जाने से तीन घंटे पहले पेट खराब करने वाला खाना खाना बंद कर दें.- दो घंटे पहले होमवर्क का दबाव न डालें.- एक घंटे पहले टीवी या स्क्रीन बंद कर दें- यह शून्यकाल है, इस शून्यकाल में आपको नींद आने लगेगी क्यों जरूरी है '10-3-2-1-0' फॉर्मूला: इसे (Better स्लीपिंग टिप्स) फॉलो करके आप चैन की नींद सो पाएंगे। साथ ही इसमें बताए गए नियम शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं....
Benefits of Ghee in Winters:घी को सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. ठंड के मौसम में अक्सर घी खाने की सलाह दी जाती है. लेकिन कई लोगों का ये मानना है कि घी खाने से वजन बढ़ता है. आपको बता दें कि सीमित मात्रा में घी (Ghee Ke Fayde) का सेवन करने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. क्योंकि घी में हेल्दी फैट पाया जाता है, जो शरीर के लिए बेहद अहम है. असल में ठंड के मौसम में हमारी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है जिसके चलते हम बीमारियों की चपेट में भी जल्दी आ जाते हैं. तो चलिए जानते हैं सर्दियों में घी खाने के फायदे- 1. आपको गर्म रखता हैघी आपको सर्दियों में गर्म रखता है. इसमें एक तटस्थ स्वाद भी है जो आपके भोजन के स्वाद को चमकने देता है. आप इसका एक चम्मच रोटी पर डाल सकते हैं या अपनी सब्जी में इस्तेमाल कर सकते हैं. 2. स्वास्थ्य और पाचन में सुधार करता है घी के पोषण मूल्य में गैस्ट्रिक रस शामिल हैं जो पाचन को सुविधाजनक बनाने में मदद करते हैं. गैस्ट्रिक जूस में एंजाइम होते हैं जो भोजन को सरल यौगिकों में तोड़ने में मदद करते हैं. तो, अपनी रोटी में एक चम्मच घी मिलाने से न केवल यह नरम हो जाएगी बल्कि आपकी मल त्यागने में भी आसानी होगी. 3. सर्दी और खांसी का इलाज करता है आयुर्वेद का मानना है कि घी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल दोनों गुण होते हैं, जो इसे खांसी और सर्दी के इलाज में प्रभावी बनाता है. शुद्ध गाय के घी की कुछ गर्म बूंदें नाक में डालने से तुरंत सर्दी से राहत मिलती है. 4.त्वचा को अंदर से मॉइस्चराइज़ करता है घी न केवल बा...
Garlic In Winters: सर्दियों के मौसम में सेहत को लेकर थोड़ा जागरूक रहना पड़ता है. क्योंकि मौसम में बदलाव होते ही संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. मौसमी बीमारियों से बचने के लिए आप अपनी डाइट (Eat Garlic In Winters) में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं और बीमारियों से बच सकते हैं.सर्दियों के मौसम में लहसुन (Garlic In Winter) को सेहत के लिए काफी गुणकारी माना जाता है. लहसुन में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. गर्म तासीर वाले लहसुन को बॉडी की इम्युनिटी बढ़ाने वाला तो माना ही जाती है, मगर इसमें कई सारे ऐसे गुण होते हैं, जिनसे कई खतरनाक बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. कई संक्रामक रोगों को रोकने के लिए भी लहसुन फायदेमंद होता है. आइए आपको आज हम भूखे पेट कच्चा लहसुन खाने के फायदे के बारे में बताते हैं. ...
Healthylifestyle Tips: हमारे घर की किचन सुपरफूड्स का भंडार है इसमें हर समस्या का समाधान होता है. सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर को ठंड और बीमारियों से बचाने के लिए कुछ विशेष चीजों की आवश्यकता होती है. अजवायन और सोंठ ऐसी ही दो चीजें हैं, जिनका सर्दियों में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. अजवायन और सोंठ, दोनों में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो सर्दियों में हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं. आइए जानते हैं कि ठंडे मौसम में इन दोनों का सेवन क्यों जरूरी हो जाता है और स्वास्थ्य के लिए इनके क्या फायदे हैं. अजवाइन और सोंठ के कई फायदे हैं जो इन्हें सुपरफूड बनाते हैं - अजवाइनअजवाइन शरीर को गर्म रखने में मदद करती है. सर्दियों में इसका सेवन करने से शरीर में गर्मी बनी रहती है. यह पाचन शक्ति को बढ़ाती है और भोजन को पचाने में मदद करता है. अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं. - सोंठसोंठ गर्म मसाला है जो इम्युनिटी को मजबूत करता है और फ्लू जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है और सर्दी-जुकाम की समस्या को कम करता है. सोंठ में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को हेल्दी रखते हैं. 1.पेट की बीमारियों से देती है छुटकाराअजवाइन पेट की कई बीमारियों का रामबाण इलाज है. इसका सेवन करने से पेट दर्द, गैस, उल्टी, खट्टी डकार और एसिडिटी जैसी तमाम समस्याओं में आराम मिलता है. अजवाइन में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है और यह लैक्सटिव गुणों से भरपूर है. 2. गठिया के इलाज में फायदेमंद गठिया या अर्थराइटिस हड्डियों का एक रोक होता है जिसमें जोड़ों में सूजन आ जाती है और दर्द होता है.अजवाइन से गठिया में भी आराम मिलता है क्योंकि इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती हैं. अजवाइन के चूर्ण की पोटली बनाकर घुटनों को सेका भी जाता है, दर्द में इस से फायदा होता है. 3.वजन भी घटाती है अजवाइनअजवाइन वजन घटाने में भी काफी मददगार है. अजवाइन का पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जिससे चर्बी कम होने लगती है. एक गिलास पानी में रात भर अजवाइन भिगोकर रख दें. सुबह खाली पेट इस पानी को पियें. आप चाहें तो इसमें शहद मिलाकर पी सकते हैं, इसे पीने से जल्दी फायदा होता है. आप चाहें तो पानी में अजवाइन उबालकर भी पी सकते हैं. 4. पीरियड्स के दर्द से छुटकारा कई महिलाओं को पीरियड्स के वक्...
Peanuts Benefits: मूंगफली खाने में स्वादिष्ट तो लगती ही है, इसके कई फायदे भी हैं.इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. मूंगफली को प्रोटीन का सस्ता स्रोत माना जाता है. कुछ लोग इसे बादाम भी कहते हैं. मूंगफली में पर्याप्त मात्रा में आयरन, कैल्शियम और जिंक पाया जाता है. इसे खाने से ताकत भी मिलती है.आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में. मूंगफली के फायदे – 1. मूंगफली में कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होते हैं. रोजाना मूंगफली खाने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है. इसके साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी बेहतर करने में मदद करता है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा नहीं बढ़ता है. 2. मूंगफली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है. इससे मस्तिष्क स्वस्थ रहता है और याददाश्त बेहतर होती है. मूंगफली खाना बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. इसलिए बच्चों को रोजाना मूंगफली खिलानी चाहिए. 3. मूंगफली में कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होती है. ऐसे में इसके सेवन से हड्डियां मजबूत बनती हैं. अगर आपको दूध पीने में दिक्कत होती है तो यकीन मानिए मूंगफली इसका एक बेहतर विकल्प है. 4 . बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने के लिए भी मूंगफली का सेवन किया जाता है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे बारीक रेखाएं और झुर्रियों को बनने से रोकते हैं. 5. मूंगफली में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है. इसलिए अपने आहार में मूंगफली को शामिल करें. इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. 6. ओमेगा 6 से भरपूर मूंगफली त्वचा को कोमल और नम बनाए रखता है. कई लोग मूंगफली के पेस्ट का इस्तेमाल फेसपैक के तौर पर भी करते हैं.
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Benefits of Fenugreek Seeds: पोषक तत्वों से भरपूर ये छोटे-छोटे दाने आपको बड़ी-बड़ी बीमारियों से देतें है छुटकारा! जानें कैसे
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