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kalakand Recipe: कलाकंद का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है, यह बड़ों को ही नहीं बल्कि बच्‍चों को भी बहुत पसंद होती है. जी हां कलाकंद एक फेमस इंडियन मिठाई है और त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान खासतौर पर सर्व की जाती है. यह मुख्य रूप से दो चीजों यानि दूध और चीनी के साथ बनाई जाती है. कलाकंद की मिठाई सॉफ्ट, जूसी, स्वादिष्ट और दानेदार बनावट की होती है. इस दिवाली के मौके पर अगर आप बाजार जैसी मिठाई घर पर बनाना चाहते हैं तो हम आपके लिए कलाकंद की रेसिपी लेकर आए हैं, इसका स्वाद बेहतरीन होता है और सभी को पसंद भी आता है. आइए जानते है रेसिपी. कलाकंद  बनाने की सामग्रीमिल्‍क (फूल क्रीम) - 2 लीटरचीनी - 100 ग्रामसिरका - 2 छोटी चम्‍मचपिसी इलायची- ½ छोटा चम्मचपिस्ता कटा हुआ- 1 मुट्ठी कलाकंद  बनाने की विधि 1. सबसे पहले एक पैन में दूध लेकर इसे उबाल लें फिर इसमें चीनी को डालकर दोनों चीजों को अच्‍छी तरह से उबालें एक बार उबालने के बाद इसमें सिरका 2. 2 मिलाएं और इसे कम होने तक पकाते रहें. लेकिन बीच-बीच में इसे चलाते रहें क्‍योंकि यह कड़ाही में चिपक सकता है.3. अगर इसमें दाने बहुत बड़े हैं तो आप इसे चम्मच के पीछे से मैश कर सकती हैं. एक बार जब यह गाढ़ा हो जाए और कड़ाही किनारे छोड़ने लगे तो इसे एक ट्रे में निकालें और इसे सेट होने दें.4. जब कलाकंद ठंडा हो जाए तो इसे कटे हुए पिस्ते के साथ गार्निश करें. फिर इसे अपनी मनपसंद शेप में काटकर सर्व करें.ध्‍यान रहे कि कड़ाही में एक्‍स्‍ट्रा दूध नहीं बचा हो, यह एक संकेत है कि कलाकंद तैयार है. इस तरह की और रेसिपी जानने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें.  ...

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Diwali 2023 Balushahi Recipe: दीपावली (Diwali 2023) का त्यौहार बेहद नजदीक है और जाहिर है हम सभी तैयारियों में लगे हुए हैं. दिवाली के त्यौहार की रौनक रोशनी, खुशियां, मिठाइयां पटाखों और ढेर सारी मस्ती के साथ.घरों में मिठाइयां बन रही है तो बाजार दिए और रोशनी से सजे हुए हैं.एक चीज जो हम सभी दिवाली के त्यौहार में इंजॉय करते हैं वो है टेस्टी स्वीट्स. अगर आपके पास भी इस दिवाली समय (Diwali 2023 Time) की कमी है तो आप परेशान ना हो हम आपके लिए लेकर आए हैं एक आसान और स्वादिष्ट मिठाई रेसिपी (Tasty Sweet Recipe), जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाएगा. हम बात कर रहे हैं बालूशाही की. इसे बनाना भी आसान है और इसका टेस्ट भी लाजवाब. चलिए जानते है घर में बालूशाही बनाने की खास रेसिपी (Balushahi Recipe). बालूशाही बनाने की सामग्री मैदा- 350 ग्रामबेकिंग पाउडर- 1 छोटा चम्मच चीनी- 400 ग्राम इलायची- 2-3 ड्रॉफ फूड कलर-2 केसर थ्रेड- 3-4 घी या तेल- तलने के लिएघी- 1/2 कपनमक- चुटकी भरपानी-  आवश्यकतानुसार बालूशाही बनाने की  रेसिपी - सबसे पहले एक  बाउल लें और उसमें मैदा छानकर डाल दीजिए. स्वाद के लिए इस मैदे में एक चुटकी नमक डाल लें.- अब आटा लें और उसमें बेकिंग पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिला लें. आधा कप घी डालकर पूरी सामग्री मिला लें. थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर आटे को मिला लें. - आटे को हलके हाथों से  गूंथ कर जोड़ दें ताकि बालूशाही की लेयर अच्छी तरह बन सके.- जब आटा पूरी तरह मिक्स हो जाए तो उसे करीब 15 मिनट के लिए छोड़ दें.- अब चाशनी बनाने के लिए एक पैन लें और उसमें चीनी घुल ले फिर उसमें फूड कलर मात्रा के अनुसार डालें और करीब 2 मिनट तक चलाएं.- रेस्टिंग करने के लिए आटे को लें और इसे गूंथे बिना ही इसकी गोल-गोल लोई बनाएं. इस लोई को हल्के हाथों से दबाएं...

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Weather Change Diet: बदलता मौसम हमारे शरीर को काफी प्रभावित करता है. मौसमी बदलाव के साथ ही कई तरह के संक्रमण फैलने लगते हैं. बदलते मौसम में हमारी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे हम आसानी से बीमार पड़ जाते हैं. नवंबर महीने में मौसम में काफी उतार-चढ़ाव आने लगता है कभी सर्द तो गर्म महसूस होता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. ऐसे में हमें अपने खान-पान में कुछ ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और हमें स्वस्थ रखें. फल ऐसा ही एक आहार है जो हमारे शरीर को सही पोषक तत्व देता है और हमें बीमारियों से दूर रखता है. कुछ ऐसे ही फल हैं जो मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं आइए जानते हैं इसके बारे में. आज हम आपको ऐसे ही कुछ  फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिनके नियमित सेवन से आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहेगी और आप सर्दी, जुकाम से बचे रहेंगे.  खट्टे फल- संतरा, अमरूद, कीवी, चकोतरा, नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं. इन फलों का नियमित सेवन प्रदूषण को खराब प्रभावों को खत्म करता है और फेफड़ों को मजबूत बनाता है. आंवला- कई अध्ययन में यह देखा गया है कि आंवला खाने से लीवर पर धूलकणों का खराब प्रभाव खत्म हो जाता है. हवा में मौजूद धूलकण लीवर को क्षति पहुंचाते हैं और आंवले का सेवन उस क्षति को रोकता है. टमाटर- टमाटर में लाइकोपिन नामक एंटिऑक्सिडेंट पाया जाता है. लाइकोपिन हमारे श्वसन तंत्र के लिए सुरक्षा परत के रूप में काम करता है और श्वसन तंत्र को हवा में मौजूद धूलकण से बचाता है.  लहसुन- लहसुन खाने से इंफेक्शन और शरीर में जलन की समस्या नहीं होती है. इसमें एलीसिन पाया जाता है जो अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों से हमें बचाता है गुड़- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की कई समस्याओं में गुड़ का सेवन बहुत प्रभावी होता है. तिल के बीज के साथ गुड़ का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है. आप चाहें तो गुड़ और तिल मिलाकर उसका लड्डू बना लें और नियमित रूप से उसका सेवन करें. चुकंदर- चुकंदर में नाइट्रेट कंपाउंड्स होते हैं जो फेफड़ों को सही ढंग से काम करने में मदद करते हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक, नाइट्रेट रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाता है, ब्लड प्रेशर कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखता है. चुकंदर में मैग्नीशियम. पोटैशियम, विटामिन सी होता है जो फेफड़ों की सेहत के लिए जरूरी है.   ...

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Chana-Gud Benefits: गुड़ और चने का सेवन सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी माना जाता है. कुछ लोग सुबह-सुबह गुड़ और चना खाते हैं. इसे खाने से शरीर की हर तरह की कमजोरी दूर हो जाती है. चना प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, तो वही गुड़ में फास्फोरस, आयरन, पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं.यह इतना फायदेमंद (Chana-Gud Benefits) होता है कि इससे इंसान मजबूत हो जाता है. इन गुणो की वजह से चना-गुड़ साथ खाने की सलाह दी जाती है. इससे शरीर में एनर्जी आती है और वह मजबूत बनता है.चलिए जानते हैं चना-गुड़ खाने के फायदे.. वजन कम करने में मददगारअगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो वेट लॉस डाइट में गुड़ और चना शामिल कर सकते हैं. गुड़ और चना मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है. जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है। गुड़ में मौजूद पोटैशियम वजन घटाने में प्रभावी है. दिल की सेहत रखे दुरुस्तअगर आप गुड़ और चना का सेवन रोजाना करते हैं तो आप काफी सेहतमंद रहते हैं. पोटेशियम की भरपूर मात्रा होने के चलते दिल की सेहत दुरुस्त रहती है और हार्टअटैक का जोखिम कम होता है. यह शरीर के वजन को भी कंट्रोल करता है. गुड़-चना खाने से शरीर का मेटाबॉल्जिम बेहतर होता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.  खून की कमी हो सकती है दूरअगर आप एनीमिया से पीड़ित हैं, तो चना और गुड़ आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.इन दोनों में आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में खून की कमी को दूर करता है, हड्डियां होती हैं स्ट्रॉन्गरोजाना चना-गुड़ के सेवन से हड्डियां स्ट्रॉन्ग होती हैं. एक रिसर्च के अनुसार, 40 साल के बाद जब हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. इससे शरीर के जोड़ो में दर्द होने लगता है. चना गुड़ खाने से यह समस्या नहीं होती है और आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं. कब्ज से छुटकाराअगर आपकी पाचन खराब है और एसिडिटी-कब्ज जैसी समस्याएं हैं तो चना-गुड़ खाने से इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है. इससे पाचन क्रिया बेहतर बनती है. इसलिए प्रतिदिन चना-गुड़ का सेवन करना चाहिए....

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How To Find Real And Fake Cashew: भारत में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है.आने वाले हफ्ते में दिवाली है तो वहीं उसके बाद शादियों का दौर भी शुरू हो जाएगा. दिवाली में गिफ्ट्स के रूप में लोग तरह-तरह की चीजे देते हैं. इसमें मिठाई से लेकर ड्राई फ्रूट्स तक शामिल होते हैं.ड्राइफ्रूट्स में काजू सबसे ज्यादा लोगों के पसंदीदा होते हैं. अगर हम आपसे कहें कि ड्राई फ्रूट्स में शामिल काजू नकली हो सकता है तो आप क्या करेंगे. इन काजू को खाने से सेहत बिगड़ने का खतरा है. तो चलिए आपको बताते हैं काजू की शुद्धता की कैसे पहचान कर सकते हैं.  ऐसे करें पहचानकाजू की क्वालिटी चेक करें क्वालिटी से भी आप काजू की पहचान कर सकते हैं. असली काजू जल्दी खराब नहीं होता. वहीं खराब क्वालिटी के काजू में बहुत जल्दी गघुन या कीड़े लग जाते हैं. इसलिए काजू खरीदने से पहले उसकी क्वालिटी जरूर चेक करें कलर से पहचान करें अगर आप चाहें तो कलर की मदद से काजू की पहचान कर सकते हैं. दरअसल काजू का रंग बिल्कुल सफेद होता है. लेकिन नकली काजू हल्का पीला सा नजर आता है. ऐसे में काजू खरीदते वक्त रंग का खास ध्यान रखें और सफेद रंग के काजू को ही चुनें.  स्वाद से लगाएं पता असली और नकली काजू के टेस्ट में भी थोड़ा अंतर होता है. साथ ही असली काजू खाते समय दांतों में बिल्कुल नहीं चिपकता है. वहीं नकली काजू दांत में आसानी से चिपक जाता है. काजू के साइज काजू के साइज पर ध्यान देकर आप आसानी से असली और नकली काजू को पहचान सकते हैं. असली काजू तकरीबन 1 इंच लम्बा और हल्का मोटा होता है. वहीं नकली काजू के साइज और शेप में काफी फर्क दे...

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Air Pollution Safety Tips: बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों को  सांस लेने में तकलीफ, आंखों का लाल होना, गले में खराश जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा  है. प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण स्मॉग है. फॉग में हानिकारक गैसों के मिलने की वजह से स्मॉग बनता है, जो हमारी सेहत के लिए इतना खतरनाक होता है कि इससे फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा भी रहता है. ऐसे में जरूरी है कि आप खुद को अपने परिवार वालों को इस खतरनाक एयर पॉल्यूशन से बचाएं. चलिए जानते हैं कि किन उपायों से आप एयर पॉल्यूशन की जद में आने से बच सकते हैं.  एयर पॉल्यूशन से कैसे करें बचाव       मास्क लगाकर ही बाहर निकलेंऐसे में जब हवा में जहरीले कण तैर रहे हैं, आपको जब भी बाहर निकलना हो तो मास्क लगाकर ही बाहर निकलें. अपने बच्चों को भी मास्क पहनाकर बाहर जाने दें. बाजार में आपको अच्छी क्वालिटी के मास्क मिल जाएंगे और कोशिश करें कि बाजार या अन्य जगहों पर जाते समय मास्क जरूर लगाएं.  इंडोर प्लांट्स लगाएंअपने घर के भीतर स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट जैसे पौधों को लगाएं. इन्हें ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं होती और ये आपके घर की हवा को शुद्ध करने में भी मदद करते हैं. ये हवा में मौजूद प्रदूषक को साफ करते हैं और ऑक्सीजन भी रिलीज करते हैं. इस वजह से आपको सांस लेने में तकलीफ नहीं होती और प्रदूषण के होने वाले दुष्प्रभावों से बच सकते हैं. एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें अपने घर की हवा को फिल्टर करने के लिए अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं. य...

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Yoga For Pollution: जहां एक तरफ त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है वहीं दूसरी ओर दिल्ली-NCR में बढ़ता वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. खासकर दिवाली के आस-पास यहां की हवा अधिक प्रदूषित हो जाती है. जहरीली हवा में सांस लेना कठिन हो जाता है और लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. देश के कई हिस्सों खासतौर से दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के आसपास के इलाकों में पाल्यूशन खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है. एयर पॉल्यूशन (Health problems due to Air Pollution) के कारण लोगों के गले में दर्द, खांसी, सर्दी, जुकाम, आंखों में दर्द और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या हो रही है.ऐसे में योग और प्राणायाम वायु प्रदूषण से बचाव का एक अच्छा और सस्ता विकल्प है. योग से शरीर की नाड़ियां शुद्ध होती हैं और विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं. योगासन और प्राणायाम करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है जिससे प्रदूषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. वायु प्रदूषण से बचने के लिए जानें कौन सा योग और प्राणायाम करें. कपालभाति प्राणायामकपालभाति प्राणायाम वायु प्रदूषण से बचाव के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इस प्राणायाम में गहरी सांस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और शरीर को बेहतर तरीके से ऑक्सीजन लेने...

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Healthy Habits: ये बात तो हम सभी जानते हैं कि आज मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. सभी लोग मोबाइल को अपने पास ही रखना चाहते हैं. यही वजह है कि हम जहां भी जाते हैं मोबाइल फोन हमारे साथ ही रहता है.मोबाइल फोन को लेकर लोगों का एडिक्शन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि टॉयलेट में भी लोग अपने मोबाइल को इस्तेमाल करते हैं.लोगों का कहना है कि ऐसा करके वह अपने खाली टाइम का सदुपयोग करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं बाथरूम में बैठकर फोन इस्तेमाल करना आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बाथरूम में फोन का इस्तेमाल करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इससे कई तरह की सेहत से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं इसके कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बढ़ता है खतरनाक बीमारी का खतरा हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाथरूम में बैठकर फोन इस्तेमाल करने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है जिसे आम भाषा में पाइल्स भी कहा जाता है. बवासीर की समस्या काफी दर्दनाक होती है और इसमें कई बार खून भी निकलता है. यह तब होता है जब आपके मलाशय या गुदा द्वार में नसों के गुच्छे सूज जाते हैं. आमतौर पर यह मलाशय की नसों का 'वैरिकोज वेन्‍स' रोग होता है. बवासीर मलाशय के अंदरूनी या गुदा के बाहरी भाग में भी हो सकता है. कीटाणुओं का वाहक बन सकता है आपका फोनस्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं जो फोन आप टॉयलेट से बाहर लेकर आते हैं उसका अगर परीक्षण किया जाए तो यह कीटाणुओं के घर जैसा दिख सकता है. हम अपने हाथों को तो धो लेते हैं पर फोन को साफ नहीं करते हैं. ऐसे में लंबे समय तक जर्म्स फोन की स्क्रीन पर रह सकते हैं और जब-जब इसपर हाथ लगाते हैं तो उसके माध्यम से ये नाक और मुंह के रास्ते पेट में जा सकते हैं. कब्ज का भी बढ़ जाता है जोखिमटॉयलेट में लंबे समय तक फोन के इस्तेमाल के कारण कब्ज होने का खतरा हो सकता है, क्योंकि आपका शरीर बाथरूम में बहुत लंबे और अप्राकृतिक समय तक बैठने का आदी हो जाता है. इसके अलावा, वॉशरूम में आपका 30 मिनट तक बैठने का समय बवासीर का भी खतरा बढ़ा देता है. इस आदत से कैसे पाएं छुटकाराजरूरी है कि बाथरूम जाते समय आप फोन को अपने साथ लेकर ना जाएं. इससे बवासीर का खतरा तो कम होता ही है साथ ही बैक्टीरिया के बढ़ने का खतरा भी कम हो जाएगा. इसके अलावा अगर आपके घर में वेस्टर्न टॉयलेट है तो सीट पर बैठते समय पैरों के नीचे एक स्टूल लगाकर बैठें. इससे आपकी सिटिंग पोजीशन ठीक होगी जिससे मल निकलने में आसानी होगी.

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Disadvantages Of Eating Excess Raisins:  किशमिश (Raisins) सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती हैं. स्वाद में मीठी होने के साथ ही किशमिश में कई अच्छे गुण भी पाए जाते हैं. इसमें आयरन, फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम और कॉपर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. किशमिश उन लोगों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होती है जिनकी एनर्जी काफी लो रहती है. किशमिश का खाने से शरीर की कई बीमारी और कमजोरी दूर होती है और इससे पाचन शक्ति भी मजबूत होती है.यूं तो किशमिश सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है लेकिन किसी भी चीज को सीमित मात्रा में खाने से ही उसका फायदा मिलता है अधिक मात्रा में किसी भी चीज का सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है. किशमिश के साथ भी कुछ ऐसा ही है. एक दिन में कितनी किशमिश खानी चाहिएएक दिन में आधा कप से एक कप तक किशमिश का सेवन पर्याप्त होता है यानी करीब 25 से 50 ग्राम तक किशमिश खाना फायदेमंद हो सकता है. ज्यादा किशमिश खाना नुकसानदायक हो सकता है. किशमिश में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. लेकिन अधिक मात्रा में किशमिश खाने से कैलोरी इनटेक ज्यादा हो सकता है. इसलिए एक दिन में 50 ग्राम से अधिक किशमिश नहीं खानी चाहिए.गर्भवती महिलाओं और डायबिटीज के मरीजों को किशमिश और भी कम खानी चाहिए.  - वजन बढ़ता है किशमिश का अधिक खाने से वजन बढ़ता है. ज्यादा मात्रा में किशमिश खाने से कैलोरी इनटेक बहुत अधिक हो जाता है जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है. किशमिश के फायदे उठाने के लिए इसको  सीमित मात्रा में ही खाएं ज्यादा नहीं.  - डायबिटीज मरीजों के लिए नुकसानदायक किशमिश में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है जो डायबिटीज वालों के लिए हानिकारक है.इसलिए डायबिटीज के रोगियों को किशमिश का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए नहीं तो यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है.  - स्किन एलर्जीकिशमिश खाने से कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप पहली बार किशमिश खा रहे हैं और आपको स्किन रैशेज या त्वचा में खुजली होती है तो इसका सेवन करने से बचें. - सांस की समस्या ज्यादा किशमिश खाने से एलर्जी जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है जिससे सांस संबंधित समस्या हो सकती है. ज्यादा किशमिश का सेवन सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है.  - पेट संबंधित समस्याकिशमिश में फाइबर और फ्रुक्टोज जैसे पदार्थ अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र पर दबाव डालते है. अधिक मात्रा में किशमिश खाने से कब्ज, गैस और ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, किशमिश में मौजूद शर्करा भी पेट संबंधी तकलीफों का कारण बन सकती है. ...

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Benefits of Soaked Dates: छुहारा एक पौष्टिक और स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट है. जो हर किसी को पसंद तो नहीं आता लेकिन इसके खाने के कई फायदे है. छुहारे में हाई आयरन और पोटेशियम होता है, जो उन्हें हेल्दी डाइट में शामिल करने के लिए जरूरी बनाता है. सर्दी में इसे खाने के लिए इसलिए भी कहा जाता है कि क्योंकि इसमें आयरन होता है और यह शरीर में गर्मी पैदा करता है. यह पोषण से भरपूर होता है. हमारे घरों में छुहारे को भिगोकर सेवन किया जाता है क्योंकि माना जाता है कि ये दूध के साथ और भी पौष्टिक होता है और दूध में भिगोने के बाद ये और भी सॉफ्ट हो जाता है. दूध और छुहारे के फायदे (Benefits of Milk And Dates) कमाल के होते हैं. अगर आप सर्दी के मौसम में भिगोए हुए छुहारा खाली पेट खाते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है.  1. पौष्टिक होते हैंछुहारे कई जरूरी विटामिन और खनिजों का स्रोत हैं. हाई कैलोरी के बाउजूद खजूर में लाभकारी पोषक तत्व (Nutrients) और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. छुहारे में फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैंगनीज, आयरन, विटामिन बी6 और कॉपर शामिल होते हैं. 2. वेट लॉस में हेल्पफुलअगर आप तेजी में वजन कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप ब्रेकफास्ट में छुहारा खा सकते हैं. यह आपके शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देने के साथ-साथ कैलरी बर्न करने में मददगार साबित होती है. साथ ही यह तेजी में वेट लॉस करती है. यह शरीर को एनर्जी देती है जिससे आपको एक्सरसाइज करने में मदद मिलती है.  3. दिमाग के लिए फायदेमंदये हेल्दी और स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट ब्रेन हेल्थ (Brain Health) के लिए बेहतरीन माना जाता है. छु...

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Garlic Benefits: लहसुन (garlic) खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है इसलिए ये हर घर में भोजन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.सर्दियों के मौसम में लहसुन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. लहसुन में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो सर्दी-जुकाम, फ्लू जैसी बीमारियों से लड़ने और इन्हें रोकने में मदद करते हैं.  रोजाना लहसुन की एक कली खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई बीमारियों से बचाव होता है.लहसुन के कई  स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे सर्दी में हमें सुरक्षा पहुंचाना यहां तक कि ये हमारे रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल (cholesterol level) के स्तर को कम करने में मदद करने की भी क्षमता रखता है.आइए जानते हैं इसके बारे में  सर्दी-जुखाम में फायदेमंदसर्दियों में सर्दी-जुखाम जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. मौसम बदलने से बच्चों और बड़ों दोनों को इनफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन अगर आप नियमित रूप से अपने आहार में लहसुन का सेवन करते हैं तो इन समस्याओं से बच सकते हैं.लहसुन में कई गुण पाए जाते हैं और इस वजह से लहसुन का सेवन करने से सर्दी-जुखाम जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. लहसुन आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और  सर्दी-जुखाम को भी दूर भगाता है.  लहसुन से बढ़ाएं इम्यूनिटीसर्दियों के मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. जिससे सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियां होने लगती हैं. ऐसे में इम्यूनिटी को मजबूत बनाना बहुत जरूरी हो जाता है.लहसुन में एलिसिन नामक यौगिक होता है जिसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं.ये गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसलिए सर्दियों में लहसुन का सेवन करके इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है. ठंड से र...

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Benefits of Eating Paneer: पनीर को हेल्थ के लिए लाभदायक माना जाता है.शाकाहारी हो या मंसाहारी सभी को पनीर से बने व्यंजन पसंद होते हैं..किसी भी शादी पार्टी में पनीर से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजन अपनी जगह बनाए मिलेंगे. पनीर सिर्फ स्वाद में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के हिसाब से भी काफी ज्यादा फायदेमंद होता है.पनीर में सेलेनियम और पोटेशियम होता है, जो मेंटल और फिजिकल दोनों हेल्थ के लिए बहुत लाभदायक है. पोटेशियम हमारे दिमाग के लिए, खासकर याददाश्त के लिये बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं सेलेनियम प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है. पनीर दूध से बना होने के कारण कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत है. लेकिन सवाल यह है कि क्या हर रोज पनीर खाया जा सकता है? एक दिन में  कितना पनीर खा सकते हैं?पनीर खाना हेल्थ के लिहाज से अच्छा है लेकिन हर रोज 100-200 ग्राम पनीर खाने की सलाह दी जाती है. फैट से बचने के लिए अक्सर लो कैलरी फैट या स्किम्ड मिल्क पनीर खाने की सलाह दी जाती है. आप इसे डेली लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं. इसे अपने दोपहर के खाने के सलाद के साथ भी खा सकते हैं.  पनीर खाने के लाभप्रोटीन से भरपूर होता है पनीरपनीर प्रोटीन का एक बड़ा सोर्स होता है,जो इसे शाकाहारियों और शाकाहारियों के लिए एक बेस्ट विकल्प है. 100 ग्राम पनीर में लगभग 18 ग्राम प्रोटीन होता है, जो 100 ग्राम चिकन में पाई जाने वाली प्रोटीन सामग्री के बराबर है.पेट के पाचनक्रिया को बेहतर करने में भी मदद करता है. साथ ही पनीर खाने के काफी देर तक महसूस होता है कि पेट भरा हुआ है. जिसके कारण आप ओवरइटिंग से बच सकते हैं.  हड्डियों को करता है मजबूतपनीर कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कैल्शियम न केवल हड्डियों को मजूबत बनाता है बल्कि ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को भी रोकता है. रोजाना पनीर का सेवन उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से संबंधित बीमारी होने का खतरा है. पनीर बढ़ाता है इम्युनिटीपनीर जिंक का एक महत्वपूर्ण सोर्स है, जो इम्युनिटी को मजबूज करने का काम करती है. जिंक व्हाइट ब्लड सेल्स बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. रोजाना पनीर का सेवन प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद कर सकता है. इसमें विटामिन बी12 भी होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और स्वस्थ तंत्रिका तंत्र को बनाए रखने के लिए आवश्यक है. दिल के हेल्थ के लिए अच्छा हैपनीर पोटेशियम का एक अच्छा सोर्स है, जो बीपी को कंट्रोल करने के साथ-साथ दिल को हेल्दी बनाने का काम भी करता है. इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट भी शामिल हैं, जिन्हें अच्छा फैट माना जाता है जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं.

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Cumin Side Effects: इंडियन रेसिपी में दाल, तड़का, सब्जी, खिचड़ी या किसी भी तरह की सब्जी वाली रेसिपी या नॉनवेज में जीरा का इस्तेमाल किया जाता है. साधारण से साधारण सूप हो या हेवी मसालेदार खाना जीरा का इस्तेमाल होता ही है. यह न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाता है, बल्कि इससे हमारी हेल्थ को भी बड़े फायदे होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं बहुत ज्यादा जीरा खाने से हमारी सेहत को नुकसान भी होता है.अगर कोई बोले की जीरा खाने से शरीर पर इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं तो यह सुनकर एक पल के लिए हैरानी जरूर हो सकती है.  इस आर्टिकल में हम आपको जीरा खाने से शरीर पर होने वाले साइड इफेक्ट्स केर बारे में बताएंगे  ज्यादा जीरा खाने से शरीर में होने वाले साइड इफेक्ट्सलिवर डैमेज- जीरे में मौजूद तेल अत्यधिक वाष्पशील होता है और यही कारण है कि इसके अत्यधिक सेवन से किडनी या लिवर डैमेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है. लेकिन ऐसा सिर्फ जीरे के लगातार अत्यधिक सेवन करने पर ही संभव है. इसलिए लोगों को ऐसी सलाह दी जाती है कि जीरे का सेवन हमेशा उचित मात्रा में ही किया जाए. सीने में जलन ये सभी जानते हैं कि जीरा पेट की गैस से राहत दिलाने में बड़ा कारगर है. लेकिन बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि यह हार्टबर्न यानी सीने में जलन की समस्या को ट्रिगर कर सकता है जो कि एक बेहद सामान्य डायजेस्टिव समस्या है. दरअसल जीरा बड़ी तेजी से गैस्ट्रोइंटसटाइनल ट्रैक्ट से गैस निकालने का काम करता है और इसी वजह से लोगों को हार्टबर्न की दिक्कत होती है. ऐसे में कई बार लोगों को बहुत ज्यादा डकार भी आती है.  लो ब्लड शुगर बहुत ज्यादा जीरा खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल अचानक से गिर सकता है. अगर आप ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने के लिए बहुत प्रयास करते हैं तो इसका सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. अगर आपकी सर्जरी होने वाली है तब भी आपको इसका ख्याल रखना चाहिए. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने के लिए सर्जरी होने से करीब दो सप्ताह पहले इसे ना खाने की सलाह दी जा सकती है.  नार्कोटिक इफेक्ट जीरे को उसकी नार्कोटिक प्रॉपर्टी के लिए भी जाना जाता है, इसलिए इसका इस्तेमाल बड़ी सावधानी के साथ किया जाना चाहिए. जीरे के साइड इफेक्ट्स में मेंटल क्लाउडिंग, झपकी लेना या जी मिचलाना जैसी बातें भी शामिल हैं. जीरे के अत्याधिक सेवन से ये सभी दिक्कतें बढ़ सकती हैं.  प्रेग्नेंसी या ब्रेस्ट फीडिंग इस बात के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं है कि प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग में जीरे का उपयोग एक दवा के रूप में किया जा सकता है. ऐसा करने के कुछ बुरे नतीजे भी हो सकते हैं. इसलिए डॉक्टर की सलाह लिए बगैर कोई घरेलू उपचार ना करें.

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Fake And Real Almonds: ड्राई फ्रूट्स हमारी सेहत को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट इसे रोजाना खाने की सलाह देते हैं. लेकिन, आजकल बाजार में मिलने वाली हर चीज में मिलावट है.जिसकी वजह से आप गंभीर रूप से बीमारी हो सकती है. ऐसे में बहुत ही सोच समझकर चीजें खरीदनी पड़ती हैं. डायबिटीज, कैंसर और पेट से जुड़ी गंभीर बीमारी इन मिलावटी खानों के खाने की वजह से ही होती है. भारत में त्योहार कोई सा भी हो ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है.इन दिनों बादाम भी मिलावटी आने लगे हैं जिनकी पहचान करना मुश्किल है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं जिससे आप बादाम की सही पहचान कर पाएंगे. कैसे करें नकली बादाम की पहचान?बादाम में भरपूर मात्रा में पोषण होता है. लेकिन कई बार हम अपने घर नकली बादाम लेकर आ जाते हैं. इन ड्राई फ्रूट्स में ऐसी मिलावट की जाती है कि ताकि यह असली नहीं नकली लगती है. आप इस ट्रिक्स से जान सकते हैं कि बादाम असली है या नकली.  असली और नकली बादाम की पहचान करने के लिए सबसे पहले इसे हाथों पर रगड़े. जिस बादाम को रगड़ने से कलर निकलने लगता है. तो समझ जाएं कि वह नकली है और उसमें मिलावट है. इसे बनाने के लिए इसमें ऊपर से पाउडर छिड़क दिया जाता है.  - असली बादामा का रंग ब्राउन होता है. जबकि नकली बादाम का रंग काफी ज्यादा डार्क होता है.  - अगर आपको पता करना है कि असली और बादाम कौन सा है तो इसे कागज में कुछ देर के लिए दबाकर रखें. ऐसे में अगर बादाम से तेल निकलकर पेपर में लग जाते हैं तो समझ जाएं कि बादाम असली है.  दोनों की पैकिंग से भी आप इसमें फर्क कर सकते हैंअसली और नकली बादाम की पैकिंग से भी आप इसका पता लगा सकते हैं. दोनों को खरीदते समय पैकिंग पर लिखी बातों को ध्यान से पढ़ें. नकली बादाम खाने से आपके शरीर को पोषण तो नहीं मिलता बल्कि दूसरी तरह की बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. ज्यादा मिलावटी चीजें खाने से कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ...

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Noni juice Benefits: नोनी जूस सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसे पीने से चेहरा जवां और सेहत दुरुस्त रहती है. बॉलीवुड एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा खान भी रोजाना ये जूस पीती हैं.नोनी जूस के स्वास्थ्य लाभ50 साल की मलाइका अरोड़ा को देखने के बाद कोई नहीं कह सकता कि वह इतनी बूढ़ी हैं. मलाइका को फिटनेस आइकॉन माना जाता है. वह खुद को फिट (मलाइका अरोड़ा फिटनेस टिप्स) रखने के लिए हमेशा हेल्दी चीजों का सेवन करती हैं.हर कोई उनके जैसी खूबसूरती और फिटनेस पाना चाहता है. मलाइका की खूबसूरत त्वचा और चमक का राज भी नोनी जूस है. आइए जानते हैं कि आखिर मलाइका को यह जूस क्यों पसंद है और इसे पीने से क्या फायदे होते हैं. नोनी जूस क्या है?नोनी एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन बी3 और आयरन से भरपूर फल है.यह कई तरह की बीमारियों में बहुत कारगर माना जाता है. यह फल एक जड़ी-बूटी की तरह काम करता है. इसके फल, रस, पत्तियां और छाल सभी का उपयोग आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जाता है. नोनी जूस के चार अद्भुत फायदेनोनी एक प्राकृतिक सुपरफूड है. यह एक ऐसा फल है जो की  एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है. यह त्वचा को अंदर और बाहर से स्वस्थ बनाते हैं और उसकी खूबसूरती को बढ़ाता  है. इसके इस्तेमाल से त्वचा जवान बनी रहती है. अपने चेहरे को खूबसूरत बनाएंनोनी जूस पीने से चेहरा खूबसूरत हो जाता है. यह जूस चेहरे से बढ़ती उम्र के निशानों को दूर करता है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट अपने एंटी-एजिंग प्रभावों के लिए जाने जाते हैं. ये त्वचा को जवां और कसावदार बनाए रखने का काम करते हैं. जिससे उम्र कम लगती है. कमजोरी दूर हो जाएगीनोनी जूस पीने से  ऊर्जा मिलती है. इस जूस में कई तरह के मिनरल्स पाए जाते हैं, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाने का काम करते हैं. अगर आप बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करते हैं तो नोनी जूस फायदेमंद हो सकता है. शुगर के मरीजों के लिए रामबाण इलाजडायबिटीज के मरीजों के लिए नोनी जूस बहुत फायदेमंद होता है. इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता और डायबिटीज़ बनी रहती है. इस वजह से यह इंसुलिन प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है.

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Weight loss Tips: त्योहारों का सीजन नज़दीक आते ही लोग अपनी फिटनेस को लेकर परेशान हो जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि फेस्टिव सीजन के दौरान घरों में कई तरह के पकवान तो बनते ही है साथ ही मिठाइयां भी जमकर खाई जाती हैं. ऐसे मौकों पर व्यक्ति खुद को मीठी और ऑयली चीजें खाने से रोक नहीं पाता. ऐसे में ऑफिस पार्टियों से लेकर फैमिली फंक्शन के दौरान वेट लॉस की चिंता सता रही है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे कि वेट लॉस नहीं भी होता है तो कम से कम आपका वेट कंट्रोल में रहे. तो चलिए जानते हैं कुछ खास टिप्स जो आपकी हेल्प कर सकते हैं. फेस्टिव सीजन में वजन को मैनेज करने के लिए अपनाएं ये टिप्स  पोर्शन कंट्रोलहम जानते हैं कि फेस्टिव सीजन में तरह-तरह के पकवान और मिठाइयों को देखकर खुद को रोक पाना काफी मुश्किल होता है, और आपको खुद को रोकना भी नहीं चाहिए. लेकिन जरूरी है कि आप सोच-समझ कर खाएं. एक साथ बहुत सारा खाने की बजाय कम मात्रा में खाएं. एक साथ खाने से आपको ओवरईटिंग की समस्या हो सकती है. साथ ही, मीठी और ऑयली चीजें खाने के साथ ही सब्जियों, प्रोटीन और साबुत अनाज को भी अपनी डाइट में शामिल करें. एक बात का ध्यान रखें कि आप सब चीजें खा सकते हैं लेकिन पोर्शन साइज का ख्याल रखें.  फिजिकल एक्टिविटी फेस्टिव सीजन में एक्सरसाइज और वर्कआउट करना काफी ज्यादा मुश्किल होता है लेकिन आपको इसमें आनाकानी नहीं करना चाहिए.अगर आपको जिम जाने का मन नहीं है तो आप फैमिली के साथ फुटबॉल या कोई आउटडोर गेम्स खेल सकते हैं. इससे आप एक्टिव भी रहेंगे और फैमिली के साथ एंजॉय भी कर पाएंगे. ज्यादा से ज्यादा सलाद का सेवन करेंजब भी भोजन करें उसके साथ ज्यादा से ज्यादा सलाद जरूर खाएं. सलाद में कैलरी की मात्रा बहुत कम और पोषक तत्वों की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. ऐसे में अगर आप ज्यादा से ज्यादा सलाद का सेवन करेंगे तो स्वाभाविक है खाना कम खा पाएंगे. इससे शरीर को पोषण भी मिल जाएगा और फैट बढ़ने से भी बच जाएगा. हाइड्रेटेड रहेंदिपावाली से सर्दियों का आगमन होने लगता है. जिसके चलते मौसम ठंडा होना शुरू हो जाता है. ठंड में पानी की प्यास काफी कम लगती है. जरूरी है कि आप अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें.इससे आपको मीठा खाने की क्रेविंग कम होगी और आपका वजन भी नहीं बढ़ेगा. वॉक करेंअगर आप त्योहार की वजह से एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं तो जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा वॉक करें. हर 2 घंटे में 15 मिनट जरूर वॉक करें. लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. और सामान खरीदने के लिए गाड़ी की बजाय पैदल जाएं.  

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Benefits of Pista: पिस्ता सेहत के लिए अच्छा होता है. इसे खाने से कई बीमारिया दूर होती है. पिस्ता में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन बी-6 और जिंक, कॉपर जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं. डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी में भी नमकीन पास्ता काफी ज्यादा फायदेमंद है. जिन लोगों को वजन कम करना है वह रेगुलर बेसिस पर नमकीन पास्ता खा सकते हैं. लेकिन ज्यादा मात्रा में इसे खाने से आपको काफी ज्यादा नुकसान भी हो सकता है. अब जानते  है कि एक दिन में कितने पिस्ता खाने चाहिए.  1 दिन में कितने पिस्ता खाएंएक दिन में 15-20 ग्राम पिस्ता ही खाने चाहिए. इससे ज्यादा आप खाएंगे तो फायदा की जगह आपको नुकसान हो सकता है. इसलिए पिस्ता खाते वक्त एक चीज का खास ख्याल रखें कि 15-20 ग्राम ही खाएं. आप चाहे तो रोस्टेड पिस्ता खाएं या फिर उन्हें भिगो कर भी खा सकते हैं. पिस्ता खाने के फायदे वजन घटाने में मददवजन घटाने की सोच रहे हैं तो रोजाना 15-20 ग्राम पिस्ता खाएं. यह फाइबर से भरपूर होता है और आपके भूख को कंट्रोल करता है. साथ ही साथ पाचन संबंधी परेशानी से आपको निजात दिलाती है. आपको पेट से जुड़ी समस्या को ठीक करती है. डाटबिटीज में फायदेमंदडायबिटीज के मरीज आराम से पिस्ता खा सकते हैं. क्योंकि नमकीन पिस्ता ब्लड शुगर लेवल को कम करने का काम करती है. रिसर्च में भी यह बात सामने आ चुकी है कि डायबिटीज के मरीज अगर नमकीन पिस्ता खाएंगे तो ग्लाइसेमिक लेवल और शरीर में सूजन की समस्या भी कम हो सकती है.  खून की कमी दूर करेपिस्ता में भरपूर मात्रा में आयरन होता है. जिसकी वजह से एनीमिया की समस्या दूर होती है. साथ ही साथ शरीर में खून का लेवल बढ़ता है और हिमाग्लोबिन में सुधार भी होता है. पिस्ता खाने से शरीर में भरपूर एनर्जी रहती है.  त्वचा और बालों को बनाता है सिल्की और मुलायमपिस्ता में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है जिससे त्वचा और बाल की ड्राईनेस कम होती है.  पिस्ता कॉपर का भी अच्छा सोर्स है.  रोजाना पिस्ता खाने से बाल और स्किन हेल्दी बनते हैं. इम्यूनिटी मजबूत बनाएजिंक और विटामिन बी-6 से भरपूर पिस्ता आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाता है. आपको अंदर से स्ट्रॉग बनाता है. पिस्ता खाने से दिल और आंख भी हेल्दी रहता है.   ...

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Benefits of Garlic: भारत में शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां लहसुन का इस्तेमाल ना होता हो. सब्जी बनानी हो या फिर दाल में तड़का लगाना बिना लहसुन के स्वाद नहीं आता. सर्दियों के मौसम में लहसुन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. यह आपको कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है. लहसुन में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो सर्दी-जुकाम, फ्लू जैसी बीमारियों से लड़ने और इन्हें रोकने में मदद करते हैं.यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. दरअसल, लहसुन में ऐसे कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं. यह आपको सर्दी-जुकाम सेभी बचाए रखता है. आइये जानते हैं लहसुन से होने वाले फायदे. 1. सर्दी, खांसी से दिलाए मुक्तिसर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम और खांसी अक्सर लोगों को जकड़ लेती है. ऐसे में लहसुन का सेवन करने से आप सर्दी, खांसी और जुकाम से बच सकते हैं. लहसुन में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को फ्लू से होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. 2. शरीर को बनाए मजबूत अगर आप भी फिट रहना चाहते हैं तो रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां खाना शुरू कर दें. इससे आप दिन भर एक्टिव फील करेंगे. इसके साथ ही आपके शरीर को मजबूती मिलेगी.  3. हार्ट के लिए भी फायदेमंदलहसुन में ओमेगा 3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो दिल के लिए महत्वपूर्ण होता है. इससे हार्ट को मजबूती मिलती है. लहसुन के सेवन से हार्ट अटैक जैसे कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है 4.बढ़ाएं इम्यूनिटीलहसुन में एलिसिन नामक यौगिक होता है जिसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं.ये गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसलिए सर्दियों में लहसुन का सेवन करके इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है. 

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Benefits of drinking Cinnamon Water: दालचीनी रसोईघर में पाए जाने वाला सबसे खुशबुदार मसाला है, जिसकी भीनी भीनी खुशबु से पूरा किचन महक जाता है. सुगंधित मसाला दालचीनी दालचीनी हेल्थ के हिसाब से भी बहुत ज्यादा फायदेमंद है. दरअसल, दालचीनी सिर्फ खाने का ही स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि सेहत का भी ख्याल रखता है. दालचीनी में मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिंस,और लाइकोपीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो आपके शरीर को मजबूत बनाने में मददगार साबित होते हैं. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मामूली सा दिखने वाला दालचीनी आपके लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है. ऐसे बनाएं दालचीनी का पानीसबसे पहले एक बर्तन में पानी लें उसे धीमी आंच पर गर्म कर लें. पानी जब ठीक से उबल जाए तो उसमें दालचीनी का पाउडर डाल दें. जब अच्छे से यह उबल जाए तो उस पानी को ठंडा कर लें. जब पानी ठंडा हो जाए तो उसमें शहद डाल दें. जिसके कारण इसकी करवाहट निकल जाएगी. एक खास बात इसका भी ख्याल रखना है कि दालचीनी की कड़वाहट निकल जाए इसके लिए इसमें सीमित मात्रा में शहद डाल दें.  - दिल की सेहत के लिएकोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करना है तो रोजाना दालचीनी का पानी पिएं. इससे आपका दिल हेल्दी रहेगा. सबसे अच्छी बात यह है कि नसों में जमा कोलेस्ट्रॉल आराम से बाहर निकल जाता है. जिसके कारण दिल हेल्दी रहता है. साथ ही हार्ट अटैक और उससे भी जुड़ी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.  - वजन करता है कमआप अगर वजन कम करना चाहते हैं तो रोजाना खाली पेट दालचीनी का पाउडर या पानी पिएं. इससे वेट लॉस करने में आसानी होगी. यह आपके मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाती है. साथ ही साथ यह भूख को कम करने के साथ ब्लड में शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है.  अगर आप रोजाना खाली पेट दालचीनी का पिएंगे तो मोटापा, पेट की चर्बी गल जाएगी.  - डायबिटीज के मरीज के लिए फायदेमंदडायबिटीज के मरीज के लिए दालचीनी का पानी काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. यह शरीर में ब्लड का शुगर लेवल कंट्रोल करने के साथ-साथ डायबिटीज के मरीज के लिए अच्छा होता है.  इसके पानी पीने से शरीर में इंसुलिन का लेवल भी कम होता है. दालचीनी का इस्तेमाल शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है.  - डायबिटीज के मरीज के लिए फायदेमंदडायबिटीज के मरीज के लिए दालचीनी का पानी काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. यह शरीर में ब्लड का शुगर लेवल कंट्रोल करने के साथ-साथ डायबिटीज के मरीज के लिए अच्छा होता है.  इसके पानी पीने से शरीर में इंसुलिन का लेवल भी कम होता है. दालचीनी का इस्तेमाल शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है.  - इम्यूनिटी को बनाएं मजबूतदालचीनी में एंटीबैक्टाीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आपके कमजोर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. इससे आप कई बीमारियों से दूर रहती है. इसके अलावा दालचीनी में पॉलीफिनॉल और प्रोऐंथोसाइनिडिन्स पाए जाते हैं.इन पोषक तत्वों की मदद से कब्ज और पेट से जुड़ी परेशानियां दूर हो सकती है. - स्किन के लिए फायदेमंददालचीनी का पानी सूजन को कम करके और स्वस्थ रंग को बढ़ावा देकर त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. ये मुंहासे के साथ-साथ स्किन की कई प्रॉब्लम्स को दूर कर सकता है.  ...

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Kartik Maas 2023: कार्तिक मास आज से शुरू हो चुका है. यह महीना भगवान विष्णु के अति प्रिय है और इस महीने में व्रत, तप और पूजा पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कार्तिक मास से देव तत्व भी मजबूत होता है. इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं ओर सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है। इस महीने में मां लक्ष्मी धरती का भ्रमण करती है और भक्तों को अपार धन देती हैं.इस महीने में धन और धर्म दोनों से संबंधित कई प्रयोग और नियम हैं. कार्तिक मास में विशेष रूप से श्रीहरि की उपासना की जाती है. कार्तिक मास में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है. इस महीने दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है. जो 27 नवंबर 2023  तक रहेगा. कार्तिक मास का महत्व  हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत विश्ष महत्व है. इस मास में श्री विष्णु जी के साथ तुलसी की भी पूजा अर्चना की जाती है. इस मास में स्नान, दान, दीप करने से कष्टों से छुटकारा मिलता है. पूरे कार्तिक के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. कार्तिक मास के नियम तुलसी पूजाकार्तिक महीने में तुलसी की पूजा, रोपण और विवाह कराना बहुत शुभ होता है.इस महीने में तुलसी का सेवन करना और उनकी पूजा करना खास महत्व रखता है.कहा जाता है कि इस महीने में तुलसी की पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कते दूर होती हैं. दीपदानशास्त्रों में कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान करना बताया गया है. इस महीने में नदी, पोखर, तालाब और घर के एक कोने में दीपक जलाया जाता है. इस महीने दीपदान और दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है. जमीन पर सोनाकार्तिक के महीने में भूमि पर सोना भी एक प्रमुख नियम माना गया है. धरती पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है तथा अन्य विकार भी समाप्त हो जाते हैं. तेल लगाना वर्जितकार्तिक महीने में शरीर पर तेल लगाने की भी मनाही होती है.कार्तिक महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए. दहलन खाना नहीं लेना चाहिएकार्तिक महीने में दिलहनी यानी उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर राई खाने पर भी मनाही होती है. इसके अलावा इस महीने में दोपहर में सोने को भी मना किया जाता है. कार्तिक मास उपाय कार्तिक मास में मां लक्ष्मी की कृपा के लिए दीपावली जैसा बड़ा पर्व मनाया जाता है. फिर भी कार्तिक मास में हर दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के उपाय किए जाने चाहिए. कार्तिक मास में रोज रात्रि को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की संयुक्त पूजा करें. गुलाबी या चमकदार वस्त्र धारण करके उपासना करें.