Benefits of Dates: खजूर खाने से शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है. दिल को मजबूत रखने के लिए हर रोज खजूर खाना बेहद जरूरी है. यह विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है जिसे खाने से सर्दी में राहत मिलती है. एक रिसर्च के मुताबिक महिलाओं को हर रोज 5 खजूर खाने चाहिए. खासकर जिन महिलाओं को पीरियड्स में काफी ज्यादा दर्द होता है उन्हें तो हर खजूर खाने चाहिए. खजूर में भारी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं. जो दिल और फेफड़ों की बीमारी से बचाता है. आइए जानें खजूर खाने के फायदे और इसे खाने का तरीका. खजूर खाने का सही समय?खजूर खाने के सही समय की बात करें तो सुबह-सुबह खाली पेट खजूर खाने से काफी लाभ होते हैं. दोपहर के स्नैक के रूप में भी इसे खाया जा सकता है और रात में सोते समय घी के साथ इसका सेवन करना काफी फायदेमंद होता है.अब सवाल ये आता है कि 1 दिन में कितने खजूर खाने चाहिए तो जवाब है कि, शुरुआत में रोजाना केवल 5 खजूर खाना ही काफी होगा. इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करना हानिकारक हो सकता हैं खजूर खाने के फायदे खजूर खाने से शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं. साथ ही शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने का काम करता है. - खजूर में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जिससे फ्री रैडिकल्स से बचाने में मदद मिलती है. - इससे हार्ट से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा कम होता है.- खजूर खाने से आंख और पेट से जुड़ी बीमारी का खतरा कम होता है . - इसमें पाया जाने वाला फ्लेवोनोइड्स नामक एंटीऑक्सीडेंट डाइबीटीज, अल्जाइमर और कई तरह के कैंसर से छुटकारा दिलाता है. - खजूर खाने से हड्डियां मजबूत होती है. इसमे विटामिन K होता है जो खून को गाढ़ा होने से रोकता है. ...
Kivi Benefits: कीवी का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. कीवी में विटामिन सी, पोटेशियम और फोलिक एसिड मौजूद होता है.इसके अलावा यह फाइबर, विटामिन ई, पॉलीफेनॉल्स, और कैरोटीनॉयड का भी बेहतरीन स्रोत है. कीवी का नियमित सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, हड्डियों को मजबूती मिलती है, खून की कमी दूर होती है और पाचन तंत्र भी बेहतर बना रहता है. एक दिन में 1 से 2 कीवी खाने से इन सभी फायदों को प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन कीवी अधिक खाने से पेट संबंधी समस्याएं भी होती है. इसलिए दिन में 2 से अधिक कीवी नहीं खानी चाहिए.आइए जानते हैं कीवी के फायदे . दिल की बीमारियों में फायदेमंद कीवी में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है जो रक्तचाप को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें फोलेट भी पाया जाता है जो हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है. विटामिन C और E जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स कीवी में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल कम करके धमनियों को स्वस्थ रखते हैं. इस प्रकार कीवी में मौजूद विभिन्न पोषक तत्व हमारे दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं. गर्भावस्था में पोषण देती हैकीवी में मौजूद फोलेट बच्चे के दिमागी विकास के लिए काफी जरूरी होता है. इतना ही नहीं गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान कीवी खाने से बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाव होता है.जब आप प्रसव के बाद अपने आहार में कीवी शामिल करती हैं, तो ये आपके घावों में को जल्दी हील करने में मदद करती है. ये प्रसवोत्तर कमजोरी को कम कर इम्युनिटी बढ़ाने में भी मददगार है. बेहतर नींद में मददगारअगर आपको रात के समय हमेशा नींद न आने की शिकायत रहती है, तो आपको अपने आहार में कीवी को जरूर शामिल करना चाहिए। कीवी में सेरोटोनिन होता है जो हमारे अंदर के हैप्पी हार्मोन को बढ़ाता है. बेहतर नींद के लिए जरूरी है कि आप रात को सोने से कम से कम एक घंटा पहले कीवी का सेवन करें. डेंगू से रिकवरी में मददडेंगू एक खतरनाक बीमारी है जिससे उबरने में समय लगता है. लेकिन कीवी डेंगू से रिकवरी करने में मदद कर सकती है. कीवी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और डेंगू से लड़ने में मदद करते हैं. कीवी का रस पीने से शरीर में तरल पदार्थ बने रहते हैं जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती. इसके अलावा, कीवी में पोटेशियम, मैग्नीशियम और जिंक भी होता है जो एनर्जी लेवल को बढ़ाते हैं.
Bad Food Combination With Jackfruit: कटहल शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर कई बीमारियों को दूर रखते हैं. कटहल की सब्जी खाने में काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है. कुछ जगहों पर लोग पकी हुई कटहल को कच्चा भी खाते हैं. इसमें पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन-A और विटामिन-C काफी मात्रा में पाया जाता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते है. हालांकि कई बार ऐसा होता है कि हेल्दी खाने के चक्कर में हम कुछ ऐसा फूड कॉम्बिनेशन बना लेते हैं जो सेहत को फायदा देने की बजाय नुकसान पहुंचाने लगता है. इन्हीं फूड कॉम्बिनेशन में से एक कटहल है. तो चलिए जानते है कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिसे कटहल के साथ कभी नहीं खाना चाहिए. 1. दूध: कटहल खाने के बाद दूध पीने से बचना चाहिए. ऐसा करने से त्वचा पर सफेद दाग और अन्य समस्याएं हो सकती हैं.कारण यह है कि कटहल में मौजूद ऑक्सलेट, दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम के साथ रिएक्शन करते हैं. इसलिए कटहल खाने के बाद कभी भी दूध नहीं पीना चाहिए. 2. पपीता: कटहल खाने के बाद पपीता खाने से बचना चाहिए. कटहल में ऑक्सलेट नामक रासायनिक यौगिक पाया जाता है. ऑक्सलेट पपीते में मौजूद कैल्शियम से रिएक्शन करके कैल्शियम ऑक्सलेट बनाता है. यह कैल्शियम की अवशोषण क्षमता को कम कर देता है जिससे हड्डियों को नुकसान हो सकता है. इसलिए कटहल खाने के बाद कम से कम 2-3 घंटे बाद ही पपीता खाना चाहिए. 3.भिंडी: कटहल के साथ भिंडी की सब्जी खाना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है. क्योंकि भिंडी और कटहल दोनों में ऐसे गुण होते हैं, जो एक साथ मिलकर त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं.भिंडी में मौजूद कुछ यौगिक कटहल में पाए जाने वाले ऑक्सलेट्स के साथ रिएक्शन कर सकते हैं. इससे ...
Gram Sattu Benefits: सर्दियों का मौसम आते ही हमारी डाइट में भी बदलाव आ जाता है. ठंड के मौसम में हमें ऐसा खाना चाहिए जो हमें गर्म रख सके और हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए. ऐसे में चने का सत्तू बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. चने के सत्तू पोषक तत्वों से भरपूर होता हैं. इसमें कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो सर्दियों में फायदेमंद होते हैं. चने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो शरीर को ऊर्जा देते हैं. साथ ही, चने में फाइबर भी होता है जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है. आइए जानते हैं कि सर्दियों में चने के सत्तू को खाना क्यों जरूरी हो जाता है और यह हमारे शरीर के लिए किस प्रकार लाभदायक होता है. अपने आहार में सत्तू शामिल करने के कई स्वास्थ्य लाभ 1. पाचन के लिए फायदेमंदसत्तू में उच्च मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है जो आंतों के लिए बहुत अच्छा होता है. यह कोलन को साफ करता है.यह पेट फूलना, कब्ज और एसिडिटी, सूजन और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से लड़ने में मदद करता है. 2. उच्च पोषण मूल्यसत्तू को सूखा भूना जाता है, जिससे सभी पोषक तत्व बने रहते हैं. यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम से भरपूर होता है. सत्तू प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और इसे ऊर्जा का पावरहाउस भी माना जाता है. 3. वजन घटाने में सहायकअगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो खाली पेट सत्तू का सेवन शुरू कर दें.यह सूजन को कम करने में मदद करता है और चयापचय को भी बढ़ाता है और कैलोरी को प्रभावी ढंग से बर्न करता है. सत्तू कैल्शियम और कई अन्य खनिजों और आयरन जैसे विटामिन से भरपूर होता है, जो रक्त परिसंचरण में मदद करता है. 4. बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैसत्तू एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है और मधुमेह रोगियों के लिए एक बढ़िया विकल्प है. यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है. इसमें उच्च फाइबर उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है. 5. त्वचा और बालों एक लिए फायदेमंदसत्तू गर्मियों के दौरान शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है, जिससे त्वचा में चमक आती है. परंपरागत रूप से सत्तू का उपयोग बालों की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है. आयरन से भरपूर, यह बालों के झड़ने को कम करने में मदद करता है. साथ ही बालों की जड़ों में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाकर बालों की गुणवत्ता में सुधार करता है. सत्तू का सेवन करते समय इन बातों का रखें ख्यालइसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गैस बन सकती है. इसलिए जिन लोगों को गैस्ट्रिक समस्या है, उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.साथ ही जिन लोगों को गॉल ब्लैडर में पथरी की समस्या है, उन्हें भी सत्तू के सेवन से बचना चाहिए. इसके अलावा, जिन लोगों को चने से एलर्जी है या जिन्हें पचने में मुश्किल होती है, उन्हें सत्तू खाने से बचना चाहिए.
Vitamin D Foods: विटामिन D शरीर के लिए बेहद जरूरी है. इसकी मदद से शरीर बेहतर ढंग से काम करता है.लोगों में मिथ है कि विटामिन डी की पूर्ति सिर्फ और सिर्फ धूप से ही की जा सकती है. इस जरूरी पोषक तत्व की अगर कमी आ जाए तो जोड़ों में दर्द समेत कई दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं. ये विटामिन शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में काम आता है. इसी कारण इसे हड्डियों के लिए बेहद जरूरी माना जाता है.इसके अलावा विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) से डिप्रेशन और मूड स्विंग होने जैसी समस्याएं भी हो सकता हैं. यहां तक की दिल की बीमारियां भी घेर सकती हैं. इसकी कमी से कैंसर तक हो सकता है. ऐसे में कुछ फूडस विटामिन डी की कमी को दूर कर सकते हैं. विटामिन D की कमी पूरी करने वाले फूड्स वसायुक्त मछलीअपनी डाइट में सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसी वसायुक्त मछलियां शामिल कर विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं. इनके सेवन से शरीर को ओमेगा 3 फैटी एसिड मिल सकता है. अनानास का सेवनशरीर में विटामिन सी और डी की कमी के लिए आप अनानास का सेवन कर सकते हैं. इसमें विटामिन्स के अलावा कैल्शियम और फास्फोरस भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. दिन में एक टाइम अनानास का सेवन जरूर करें. अंडे की जर्दीविटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए अंडे की जर्दी का सेवन कर सकते हैं. यह विटामिन डी का अच्छा स्रोत माना जाता है. अंडे को उबालकर खाने से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी शरीर को मिल जाता है. पालक है बेस्ट सोर्सपत्तेदार सब्जी पालक में कई विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं. इसमें विटामिन डी, सी और ए के अलावा काफी ज्यादा आयरन पाया जाता है. आप पालक की सब्जी के अलावा इसकी स्मूदी भी बना सकते हैं. सर्दियों में पालक के पराठे खूब खाए जाते हैं. फोर्टिफाइड फूड्सशरीर में विटामिन डी की जरूरत को पूरी करने के लिए दूध और संतरे के रस का सेवन कर सकते हैं. कुछ फोर्टिफाइड फूड्स जैसे अनाज में...
Eat Saag And Boost Immunity: सर्दियां आते ही बाजार में तरह-तरह के साग मिलने लगते हैं. इन्हें बनाने के कुछ तरीके ऐसे हैं कि बच्चे भी आसानी से प्लेट सफाचट कर जाएं. ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. इनसे इम्यूनिटी तो बढ़ती ही है साथ ही हड्डियां भी मजबूत होती हैं.दरअसल, दाल पालक बहुत फेमस और हेल्दी उत्तर भारतीय रेसिपी है. दाल और पालक दोनों में ही भरपूर प्रोटीन के साथ कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हैं. ऐसे में यदि हेल्थ से सम्बंधित किसी भी तरह की समस्या को दूर करना हो तो, पालक और मूंग की दाल एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इन दोनों का कॉम्बिनेशन खाने का स्वाद बढ़ा देते हैं. यदि आप इसको ढाबा स्टाइल में बनाते हैं तो बड़े ही क्या बच्चे भी इसके स्वाद के दीवाने हो जाएंगे. इसको आसान तरीके से बनाने के लिए आप हमारी बताई रेसिपी फॉलो कर सकते हैं. आइए जानते हैं ढाबा स्टाइल में दाल-पालक बनाने का आसान तरीका. दाल-पालक बनाने के लिए सामग्रीपीली मूंग दाल- 2 कप, बारीक कटी पालक- 3 कप, बारीक कटा टमाटर- 1 कप, घी- 2-3 चम्मच, दाल चीनी- 1 इंच, राई - 2 चम्मच, जीरा- 2 चम्मच, हींग- 1/2 चम्मच, लौंग- 4-5, तेज पत्ता- 1-2, पिसा अदरक- 2 चम्मच, कटी हरी मिर्च- 1-2, चम्मच पिसा लहसुन- 3, लाल मिर्च पाउडर- 2 चम्मच,हल्दी पाउडर- 1 चम्मच, धनिया पाउडर- 2-3 चम्मच, गरम मसाला- 2 चम्मच, नमक- स्वादानुसार, नींबू का रस- 2 चम्मच दाल-पालक बनाने की रेसिपी- स्वाद से भरपूर दाल-पालक बनाने के लिए सबसे पहले मुंग दाल को पानी में अच्छी तरह से धो लें. फिर इसको करीब 10 मिनट के लिए भीगने के लिए छोड़ दें. - इसके बाद पालक को भी पानी से अच्छी तरह धोकर उसके डंठल निकलकर बारीक काट लें. अब एक प्रेशर कुकर लेंगे, जिसमें घी डालकर हल्की आंच में गर्म होने के लिए रख दें. - जब घी पिघलने लगे तो इसमें राय, जीरा, हींग, तेज पत्ता, लौंग और दालचीनी डाल दें. जब राय और जीरा चटक जाए तो उसमे अदरक, लहसुन और हरी मिर्च को भी मिला दें. ध्यान रखें कि, अदरक, लहसुन और हरी मिर्च को करीब 25-30 सेकंड तक सेकना है.- इसके बाद बारीक कटे टमाटर कुकर में डालें और उसे बाकी मसाले के साथ करछी की मदद से अच्छे तरह मिला दें. इसको नरम होने तक पकाएंगे. अब दाल पालक में बाकी के मसाले लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर और गरम मसाला भी दें. - इसके ऊपर से स्वादानुसार नमक भी एड कर दें. इसके अलावा, इस टमाटर की ग्रेवी में आधा नींबू का रस भी मिला दें. कुछ सेकंड के बाद इसमें कटी हुई पालक को डाल दें. अब सभी सामग्री को अच्छे से मिलाते हुए धुली हुई मुंग दाल मिला दें.- इसके...
Haldi Identifying Tips: हल्दी आयुर्वेद से लेकर मॉर्डन साइंस तक में प्रसिद्ध है. दरअसल, हल्दी में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो व्यक्ति की इम्युनिटी को बेहतर बनाते हैं. सर्दियों में अधिकतर लोग दूध के साथ हल्दी का सेवन करते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक, किसी भी चोट का घाव भरने के लिए हल्दी बहुत ही उपयोगी होती है. आजकल मिलावटी चीजों की बाजार में भरमार है. हल्दी भी इन्हीं में से एक है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि मिलावटी हल्दी की पहचान आप घर पर किस प्रकार कर सकते हैं और नकली हल्दी के सेवन से बच सकते हैं. सर्दी-जुकाम होने पर हल्दी वाला दूध या चोट लगने पर हल्दी का लेप अक्सर इन छोटी-छोटी परेशानियों में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आजकल ज्यादातर लोग मार्केट में मिलने वाले हल्दी का इस्तेमाल करते हैं. मार्केट में मिलने वाली हल्दी में काफी ज्यादा मिलावट होती है और वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होती है. ऐसे में हम कैसे पता करें कि जिस हल्दी का हम किचन से लेकर स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं वह असली है या नकली. आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं कि इस ट्रिक्स के जरिए आप मार्केट में मिलने वाली हल्दी असली है या नकली इसे आप आराम से पहचान लेंगे. बस आपको करने होगें ये काम. कैसे करें नकली हल्दी की पहचान- नकली हल्दी की पहचान करने के लिए आपको सबसे पहले ये काम करना है. एक गिलास में नॉर्मल पानी लेना है. उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर डालना है. - उसके बाद उसे अच्छे से घोल लें. घोलने के बाद आपको देखना है कि अगर हल्दी नकली होगी तो गिलास के नीचे जाकर जमा हो जाएगी. - आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नकली या मिलावटी हल्दी को पानी में घोलने के बाद उसका रंग गाढ़ा या चटक हो जाता है. वहीं पानी में हल्दी पाउडर मिलाते ही पानी का रंग हल्का पीला होने लगता है. नकली हल्दी स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होता है. - आप अपनी हथेली पर एक चुटकी हल्दी पाउडर रखें और इसे अंगूठे से मसल कर देखें. अगर हल्दी शुद्ध है तो यह आपके हाथ पर पीला दाग छोड़ेगी. नकली हल्दी से बनी चीजों के सेवन से व्यक्ति को पेट संबंधी कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए बाजार से हल्दी खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें. ...
Liver Disease Symptoms: लिवर हमारे शरीर में कई तरह के काम करता है. बीते कुछ सालों से लोगों को काफी ज्यादा संख्या में लिवर डिजीज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लिवर डैमेज होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप इसके शुरुआती संकेतों और लक्षणों को इग्नोर ना करें. लिवर में दिक्कत होने पर हमारा शरीर कई तरह के संकेत देता है. लिवर डिजीज के संकेत हमारे पैरों में भी नजर आते हैं. तो अगर आपके पैरों में भी ये लक्षण और संकेत नजर आ रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके लिवर में कोई ना कोई दिक्कत हो रही है. आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में - हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर डॉक्टर का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति को पैर के तलवे में अक्सर दर्द रहता है तो लिवर में खराबी के संकेत हो सकते हैं. खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से लिवर की बीमारी बेहद आम हो गई है. जैसा की आपको पता है लिवर हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग होता है. अगर यह ठीक से फंक्शन न करे तो शरीर ठीक से काम नहीं करेगा. लिवर डैमेज होने पर पैरों में दिखते हैं ये संकेत पैरों में सूजनहेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक लिवर डैमेज होने पर पैरों, घुटनों, और तलवों में सूजन और दर्द महसूस होने लगते हैं. यह लिवर की बीमारी से जुड़ी हो सकती है. जैसे- हैपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, सिरोसिस, फैटी लिवर की बीमारी और कैंसर. लिवर में जब हेपेटाइटिस बी या सी हो जाए तो लिवर कैंसर की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में खास ख्याल रखने की जरूरत है. अगर शरीर का ठीक से ध्यान नहीं रखा गया तो लिवर की बीमारी सिरोसिस का रूप ले सकती है. जिससे आपको लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाएगा. यह पैरों में सूजन का कारण हो सकता है. पैरों के तलवे में खुजलीहेपेटाइटिस जब अपने एडवांस स्टेज में होता है तो तलवे में खुजली हो सकती है. साथ ही आपके स्किन पर भी खुजली शुरू हो सकती है. Pruritus और लिवर की बीमारी के दौरान भी हाथ-पैर ड्राई होने लगते हैं. ऐसे में आपको अपने शरीर पर लगातार मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करने की जरूरत है. पैर के तलवे में दर्दपैर सुन्न होना, कमजोरी और नर्व डैमेज क्रोनिक लिवर की बीमारी हो सकती है. इसमें नॉन अल्कोहॉलिक लिवर की बीमारी शामिल है. लिवर की बीमारी होने पर पैर में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है. पैरों का सुन्न होनालीवर की समस्या से पीड़ित लोगों को हेपेटाइटिस सी इंफेक्शन या अल्कोहॉलिक लिवर डिजीज के कारण पैर सुन्न होने या झनझनाहट का एहसास हो सकता है. ये दोनों ही समस्या डायबिटीज के मरीजों में भी देखने को मिलती है जो लिवर की समस्याओं से पीड़ित लोगों में काफी आम है क्योंकि लिवर ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. ये सभी दिक्कतें पेरिफेरल न्यूरोपैथी के कारण होती हैं, जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर की नसों को नुकसान पहुंचाता है. इन कारणों के चलते करना पड़ता है लिवर डिजीज की समस्या का सामना- किसी दवाई की वजह से साइड इफेक्ट होना - डाइट में बहुत ज्यादा चीनी का सेवन करना - अत्यधिक मात्रा में प्रोसेस्ड फूड का सेवन करना - सब्जियां ना खाना शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन करना डाइट में बहुत ज्यादा प्रोटीन शामिल करना...
Benefits of Wet Dates: छुहारा एक ड्राई फ्रूट है.ये एक पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है जो ताकत को बनाए रखने के लिए जाना जाता है. छुहारे में हाई आयरन और पोटेशियम होता है, जो उन्हें हेल्दी डाइट में शामिल करने के लिए जरूरी बनाता है. लेकिन इसका (Dates) का स्वाद हर किसी को पसंद तो नहीं आता. सर्दियों में छुहारा खाने से इम्युनिटी मजबूत होने के साथ हिमोग्लोबिन भी बढ़ता है. सर्दी में इसे खाने के लिए इसलिए भी कहा जाता है कि क्योंकि इसमें आयरन होता है और यह शरीर में गर्मी पैदा करता है. यह पोषण से भरपूर होता है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे माइक्रोन्यूट्रीएंट्स से भरपूर होता है जो हड्डी और दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. अगर आप सर्दी के मौसम में भिगोए हुए छुहारा खाली पेट खाते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. भिगोए हुए छुहारे खाने के फायदे स्किन को रखता है हेल्दीछुहारे में विटामिन डी और विटामिन सी होता हैं, जो स्किन हेल्थ (Skin Health) में सुधार कर सकता है. इस ड्राई फ्रूट (Dry Fruit) में जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो झुर्रियों और फाइन लाइन्स को दूर रखकर उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षणों को रोकने में मदद करते हैं. वेट लॉस में हेल्पफुलअगर आप तेजी में वजन कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप ब्रेकफास्ट में छुहारा खा सकते हैं. यह आपके शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देने के साथ-साथ कैलरी बर्न करने में मददगार साबित होती है. साथ ही यह तेजी में वेट लॉस करती है. यह शरीर को एनर्जी देती है जिससे आपको एक्सरसाइज करने में मदद मिलती है. दिमाग के लिए फायदेमंदये हेल्दी और स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट ब्रेन हेल्थ (Brain Health) के लिए बेहतरीन माना जाता है. छुहारे में ब्रेन बूस्टिंग गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं. इसका डेली सेवन हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकता है. छुहारा दिल के लिए फायदेमंदअगर आप दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं तो छुहारा आपके लिए बेस्ट है. यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है. इसमें एंटीऑक्सिडेंट, हाइपोलिपिडेमिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एपोप्टोटिक होते हैं जो स्ट्रोक और हार्ट अटैक के जोखिम को कम करते हैं. ...
Foods to avoid Empty Stomach: सुबह आप जो पहली चीज खाते हैं, वो ही यह तय करते हैं कि आपका बाकी का दिन कैसा रहेगा. स्वस्थ भोजन की आदतें पूरे दिन आपके मूड और शरीर की ताकत में सुधार करती हैं.खाने के चुनाव के साथ-साथ खाने के सही समय का भी ध्यान रखना जरूरी है. कुछ खाद्य पदार्थ हमारे पेट में गड़बड़ी पैदा करते हैं और अगर खाली पेट सेवन किया जाए तो इससे आंत या पाचन संबंधी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं, चाहे वे आम तौर पर कितने भी स्वस्थ क्यों न हों. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको खाली पेट खाने से बचना चाहिए. मीठी पेस्ट्री और डोनट्सपेस्ट्री और डोनट्स नाश्ते के लिए स्वादिष्ट है लेकिन पौष्टिक नहीं हैं. रिफाइन शुगर और अनहेल्दी फैट से भरपूर खाना आपके शरीर के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इसके बजाय, साबुत अनाज के विकल्प चुनें जैसे नट बटर के साथ साबुत गेहूं का टोस्ट या सब्जियों और लीन प्रोटीन के साथ घर का बना नाश्ता रैप करें. ऑयली फूड आइटमतले हुए अंडे, बेकन, या हैश ब्राउन जैसी चीजें पारंपरिक नाश्ते की तरह लग सकती हैं. उनकी चिकनाई असुविधा और सुस्ती का कारण बन सकती है. तले हुए खाद्य पदार्थ आपके पाचन तंत्र के लिए ठीक नहीं है. और उनकी हाई कैलोरी सामग्री आपको अपने दिन की शुरुआत के लिए आवश्यक पूरे दिन एनर्जी देती है. सब्जियों के साथ तले हुए अंडे या नाश्ते के लिए क्विनोआ बाउल जैसे ग्रिल्ड या बेक्ड खाना बेस्ट है. प्रोसेस्ड मीट सॉसेज और बेकन जैसे फैट से भरपूर मांस में आमतौर पर सोडियम, अनहेल्दी फैट और सैचुरेशन की मात्रा अधिक होती है. इन मांस को रोजाना खाने से दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ता है. टर्की या चिकन ब्रेस्ट जैसे कम प्रोटीन वाले मांस ही खाने चाहिए. टोफू स्क्रैम्बल या पौधे-आधारित सॉसेज जैसे वेजिटेरियन खाने ज्यादा अच्छे होते हैं. चॉकलेटजब हम खाली पेट खाने की बात करते हैं तो मीठे खाद्य पदार्थों का भी सेवन नहीं करना चाहिए. बहुत-से लोग अपने दिन की शुरुआत प्रोटीन बार से करते हैं, लेकिन विशेषज्ञ सुबह उठने के तुरंत बाद चॉकलेट खाने की सलाह नहीं देते हैं. पाश्चराइज्ड चीनी खाली पेट खाने के लिए सबसे खराब खाद्य समूहों में से एक हैं. सिर्फ चॉकलेट ही नहीं, बल्कि किसी भी उच्च चीनी वाले भोजन और पेय का सेवन खानी पेट करने से बचना चाहिए. खट्टे फलवैसे तो फल पूरे दिन सेवन करने के लिए स्वस्थ होते हैं, फिर भी उन्हें खाली पेट खाने से बचना चाहिए. सुबह खट्टे और उच्च फाइबर वाले फल जैसे संतरा, अनानास, कीवी, नींबू और अमरूद खाने से बचना बुद्धिमानी है. उच्च फ्रक्टोज और फाइबर सामग्री चयापचय को धीमा कर सकती है और आपके पेट को पूरे दिन उदास रख सकती है....
Benefits of Makhan: हम लोग रोज बाजार में मिलने वाले पैकेट बंद पीले रंग के मक्खन का उपयोग करते हैं. इस मक्खन को लोग खूब खाते हैं और इसे एक हेल्दी ऑप्शन के तौर पर देखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में दूध से तैयार किया गया मक्खन बाजार में मिलने वाले इस मक्खन से कई गुना हेल्दी होता है. हालांकि ये दोनों ही मक्खन दूध से तैयार किए जाते हैं लेकिन फिर क्या कारण है कि घर पर बना बाजार में मिलने वाले मक्खन से ज्यादा हेल्दी होता है. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको सफेद मक्खन के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में बताने जा रहे हैं. हेल्दी रहेगा हार्टसफेद मक्खन में हेल्दी फैट, जैसे कि मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट होते हैं। ये फैट हमारे हृदय के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं और हार्ट रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं. इसके साथ ही सफेद मक्खन का सेवन करने से हमारे शरीर में गुड़ कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है, जो हमारे हार्ट के लिए भी फायदेमंद है. वेट लॉस में मददगारपीले मक्खन की तुलना में सफेद मक्खन में फैट और कैलोरी कम होती है. इसलिए वजन कम करने की सोच रहे हैं तो अपनी डाइट में पीले मक्खन की जगह सफेद मक्खन शामिल करना बेहतर माना जाता है. सफेद मक्खन उनकी सेहत के लिए भी अच्छा होता है.पाचन बेहतर बनाएसफेद मक्खन प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो डाइजेस्टिव हेल्थ को अच्छा मानते हैं. प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है, जिससे पाचन बेहतर बनता है. इसलिए सफेद मक्खन ज्यादा फायदेमंद होता है. पोषक तत्वों का खजानासफेद मक्खन विटामिन से भरपूर होता है. इसमें विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये सभी पोषक तत्व हम सभी के शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं. इनके सेवन से कई तरह के फायदे मिलते हैं. बाल-त्वचा बनाए हेल्दीसफेद मक्खन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है. ये त्वचा और बालों के लिए अच्छा माना जाता है. एंटीऑक्सीडेंट तत्व कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाने में मदद करते हैं, जो उम्र बढ़ने के साथ त्वचा और बालों की समस्याओं का कारण बनती है.
Best milk drinking Time: खुद को हेल्दी रखने के लिए दूध पीना बेहद जरूरी है. दूध में मौजूद विटामिन डी और कैल्शियम हड्डियों को जीवनकाल तक मजबूत रखता है. इसके अलावा यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ ही बीमारियों से भी बचाव करता है. ऐसे तमाम स्वास्थ्य लाभ हैं, जो दूध पूरा करने की क्षमता रखता है. यही कारण है ज्यादातर लोग दूध का सेवन करते हैं. कई लोग सुबह खाली पेट दूध पीना पसंद करते हैं तो कुछ लोग शाम में दूध पीते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इसे पीने का परफेक्ट टाइमिंग. आइए जानते है दूध पीने का सही समय: दूध पीने का सही समय क्या? बेशक इसपर लोगों की अलग-अलग राय हो, लेकिन एक्सपर्ट रात को दूध पीने की सलाह देते हैं. रात में दूध पीने से अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है. साथ ही सोते समय एक्टिविटी का स्तर भी कम होता है. इसलिए शरीर दूध से ज्यादा से ज्यादा कैल्शियम अवशोषित कर लेता है. हालांकि, यदि आप दूध दिन में भी दूध पीते हैं तो नुकसान कोई नहीं है. जो लोग बॉडी बनाने के लिए दूध पीते हैं उन्हें दिन के वक्त दूध पीना चाहिए. अगर ऐसे लोग दिन में दूध पीते हैं तो उन्हें पूरे दिन एनर्जी मिलती है. बच्चों को सुबह के वक्त क्रीम से भरपूर दूध पीना चाहिए. इसमें कैल्शियम काफी ज्यादा होती है. और हड्डी भी मजबूत होती है. दूध पीने से शरीर में पोटेशियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलती है. रात में दूध पीने के 4 चमत्कारी लाभअनिद्रा से होगा बचावदिन के बजाय रात को दूध पीना अधिक फायदेमंद होता है. ऐसे में यदि आप रात को नियमित दूध पीने से अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है. इससे आप अनिद्रा का शिकार होने से बच जाएंगे. दांत दर्द से राहतदूध को पीने से दांतों में होने वाले दर्द से निजात मिल सकती है. दरअसल, दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है, जो दांतों की परेशानियों से बचाव करता है. मांसपेशियां-हड्डियां स्ट्रॉन्ग होंगीनियमित दूध पीना अच्छी आदतों में एक है. इसका सेवन करने से शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं. सदियों से शरीर को फिट और फाइन रखने के लिए दूध पीने की सलाह दी जाती रही है. लेकिन यदि आप वयस्क हैं तो रात को दूध पीना अधिक फायदेमंद रहेगा. एनर्जी मिलेगी भरपूरकुछ लोग हल्की सी मेहनत करते ही थकान का अहसास करने लगते हैं. ऐसे लोगों के लिए दूध का सेवन बेहतर ऑप्शन है. यदि आप दूध का नियमित सेवन करते हैं तो आप लंबे समय तक ऊर्जा लबालब बने रहेंगे. खासकर बच्चों को दूध जरूर पिलाना बेहद जरूरी है.
Dry Fruits in Winters: ड्राई फ्रूट्स का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है ये तो हम सभी जानते हैं. खासकर ठंड के मौसम में ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है. असल में कई ड्राई फ्रूट्स ऐसे हैं जिनकी तासीर गर्म होती है. इनका सेवन सर्दी के मौसम में फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि ठंड में शरीर को अंदर से गर्म रखने की जरूरत होती है.ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और वायरस और संक्रमण से लड़ने की शक्ति बढ़ाते हैं.ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और वायरस और संक्रमण से लड़ने की शक्ति बढ़ाते हैं.आइए जानते हैं सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म तासीर वाले सूखे मेवे कौन से हैं? अखरोट(Walnut) अखरोट एक ऐसा ड्राइ फ्रूट है जिसकी तासीर गर्म होती है. सर्दियों के मौसम में अखरोट का सेवन करना खासतौर पर लाभदायक होता है क्योंकि यह शरीर को अंदर से गर्म करता है. अखरोट में हेल्दी फैट्स, प्रोटीन, विटामिन ई, मैग्नीशियम, फास्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी मिलकर ऊर्जा प्रदान करते हैं और शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करते हैं. सर्दियों में नियमित रूप से अखरोट का सेवन करने से शरीर को अंदर से गर्म रखा जा सकता है और ठंड व बीमारियों से बचा जा सकता है. अंजीर(Anjeer) अंजीर एक स्वादिष्ट फल है, जिसे सूखा और गीला दोनों तरह से खाया जा सकता है. आपको बता दें कि अंजीर में कई तरह के पोषक तत्व जैसे- विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी2, आयरन, मैंगनीज, सोडियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस और क्लोरीन पाया जाता है. इतना ही नहीं इसमें मौजूद पोटैशियम ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. बादाम(Almond) बादाम की तासीर गर्म होती है और यह हमारे शरीर का तापमान बरकरार रखने में मदद करती है.बादाम में हेल्दी फैट्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये सभी मिलकर शरीर को गर्माहट प्रदान करते हैं और ठंड का असर कम करते हैं. सर्दियों में रोजाना बादाम का सेवन करने से हम खुद को ठंड, सर्दी-खांसी और अन्य बीमारियों से बचा सकते हैं. काजू(Cashew)काजू में कैलोरीज़ और वसा की मात्रा अधिक होती है जो शरीर को गर्म रखती है. सर्दियों में रोजाना काजू खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और वायरस व इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. शरीर भी अंदर से गर्म बना रहता है. पिस्ता(Pistachio)पिस्ता की गर्म तासीर सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म करने का काम करती है. पिस्ता में कैलोरीज, कार्ब्स, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, विटामिन B6, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स होते हैं....
Menstural care During Winters: पीरियड्स किसी भी महिला के लिए एक सामान्य प्रोसेस है. इन 5 दिनों तक महिलाएं पेट दर्द और कमर दर्द से परेशान रहती हैं. सर्दियों के मौसम में यह दर्द काफी बढ़ जाता है. अक्सर ऐसा कहा जाता है कि गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में यह दर्द बढ़ जाता है. कई स्टडी में इस बात का जिक्र भी किया गया कि हर 10 में से 6 महिला सर्दियों में गंभीर पेट दर्द से गुजरती हैं. अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में सर्दियों में महिलाओं के पीरियड्स का दर्द बढ़ जाता है? विटामिन-डी की कमी सर्दियों में लोग अक्सर घर के अंदर रहना पसंद करते हैं. ठंड के मौसम में लोगों में खासकर महिलाओं में विटामिन-डी की कमी हो जाती हैं. इसी वजह से पीरियड्स के दौरान दर्द बढ़ जाता है. पानी की कम मात्राठंड के मौसम में लोग कम मात्रा में पानी का सेवन करते हैं. इसी वजह से ठंड के मौसम में पीरियड्स पेन अधिक होता है. जंक फूड्स का सेवनठंड के मौसम में लोगों को के खानपान में बदलाव आ जाता है. सर्दियों के मौसम में लोगों को ऑयली फूड और जंक फूड का सेवन करना बेहद पसंद होता है. पीरियड्स के दौरान दर्द बढ़ने का ये भी एक कारण है. हेल्दी डाइटसर्दियों के मौसम में अधिकतर लोग बार बार कुछ न कुछ खाते हैं जिससे पीरियड्स पेन बढ़ जाता है. पीरियड्स के दौरान हेल्दी डाइट लें. कैफीन का इस्तेमाल कम करें और हेल्दी डाइट को फॉलो करेंठंड में अधिकतर लोग काफी ज्यादा चाय-कॉपी पीते हैं. यह आपके पीरियड्स को काफी ज्यादा प्रभावित कर सकती है और आपके दर्द को भी बढ़ा सकती है. ऐसे में ज्यादा चाय-कॉपी न पिएं बल्कि हेल्दी डाइट लें. आपका डाइट जितना ज्यादा हेल्दी रहेगा आपकी पीरियड्स उतनी हेल्दी होगी. जंक फूड्स का सेवन कम करें गर्मी के मुकाबले सर्दियों में लोग ज्यादा जंक, ऑयली और फाइड चीजें खाते हैं. जिसके कारण खानपान में काफी ज्यादा बदलाव होता है. यह आपके पीरियड्स क्रैम्प को बढ़ा सकती है. पीरियड्स में होने वाले असहनीय दर्द को कम करना है तो आप रोजाना खाली पेट दालचीनी का पानी या दालचीनी खा सकते हैं. यह बेहद गर्म होता है और यह शरीर को भी गर्म रखने का काम करता है....
लंबे समय तक काम करने, कम नींद लेने या अनियमित खानपान की वजह से हम शारीरिक और मानसिक रूप से थकान महसूस करने लगते है. ऐसे में प्रोटीन, कार्ब्स, हेल्दी फैट, विटामिंस और मिनिरल्स भरपूर मात्रा में पाए जानें वाले सुपरफूड खाने से ऊर्जा स्तर में तेजी से बढ़ोतरी होती है और आप फिर से एक्टिव हो जाते हैं. आइए जानते हैं ऐसे सुपरफूड के बारे में जो तुरंत थकान को दूर कर देगे.ये सभी आहार प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं जो हमारी कमजोरी को दूर करने में मदद करते हैं. आपके सोने का रुटीन भी आपके शरीर को थकान से भर सकता है. शरीर में ताजगी बनाए रखने के लिए आपको अपनी रोजाना की डाइट में कुछ ऐसे फूड शामिल करने चाहिए जो बॉडी में एनर्जी का लेवल बरकरार रखें.आइए जानते हैं कैसे?जानते हैं कुछ ऐसी प्राकृतिक चीजों के बारे में जो शरीर में एनर्जी लेवल बनाए रखती हैं - ओटमील(Oatmeal) इसमें प्रोटीन, मैगनीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन बी1 होता है जो एनर्जी के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है. साथ ही इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं जो एनर्जी को कम नहीं होने देते डार्क चॉकलेट(Dark Chocolate) डार्क चॉकलेट में कैफीन और थियोब्रोमाइन नामक दो रसायन होते हैं जो हमारी थकान दूर करने में मदद करते हैं. कैफीन हमारे शरीर को सक्रिय करता है और थियोब्रोमाइन दिमाग को तरोताजा करता है. इन दोनों के कारण डार्क चॉकलेट कुछ ही मिनटों में हमारी थकान को दूर कर देती है और हमें फ्रेश महसूस कराती है. सूखे मेवे(Dry Fruits) सूखे मेवों में मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और सेलेनियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो शारीरिक और मानसिक थकान को कम करते हैं. इनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो सेल्स को डैमेज से बचाते हैं. साथ ही प्रोटीन और फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाकर ऊर्जा लेवल को बढ़ाने में मदद करते हैं. इ अखरोट(Walnuts)यह एक अच्छा स्नैक है जिसे एनर्जी बढ़ाने के लिए कभी खाया जा सकता है. अखरोट में प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं जो थकान दूर करते हैं. अंडे(Eggs) अंडों में पाए जाने वाले प्रोटीन और हेल्दी फैट तत्व शरीर को ऊर्जा देते हैं. अंडों की जर्दी में भरपूर मात्रा में विटामिन B12 पाया जाता है जो एनर्जी मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी होता है. इसके अलावा, अंडों में आयरन, जिंक, सेलेनियम और अन्य खनिज पाए जाते हैं जो शारीरिक और मानसिक थकान को कम करने का काम करते हैं फलों का जूस(Fruit Juice) किसी भी फल का ताजा जूस पीने से विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं जो थकान और कमजोरी को दूर करने में मदद करता है और शरीर में ताजगी लौट आती है. ...
Immunity Boosting Foods: सर्दियां आ गई हैं और उसके साथ ही बच्चों और बहुत से लोगों को खांसी, सर्दी, जुकाम का रिस्क भी आया है.बदलते मौसम के साथ बहुत सारे लोगो की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, वह इस मौसम में काफी जल्दी-जल्दी बीमार होते रहते हैं. इस रिस्क से बचने के लिए आपको अपनी इम्यूनिटी मजबूत बनानी चाहिए.बहुत से लोग इस मौसम में काफी सारी उल्टी सीधी चीजें खा लेते हैं, हालांकि घर पर बने गाजर के हलवे जैसे डेजर्ट से कोई भी दूर नहीं रहना चाहता है. लेकिन फिर भी इस मौसम में खास कर जब मौसम बदल रहा हो तब आपको बाहर के जंक फूड से दूर रहना चाहिए. आइए जानते हैं इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप किन चीजों का सेवन कर सकते हैं. अदरक और लहसुन(Ginger and garlic)अदरक और लहसुन का संयोजन, न केवल डिश के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि यह अपने सुपर एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से आंत हेल्थ भी बढ़ाता है. चूंकि सर्दियों का मौसम कई वायरस और बैक्टीरिया के साथ आता है इसलिए इस मौसम में अदरक-लहसुन के एंटीवायरल और रोगाणुरोधी गुण इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं. सूप(Soup)सर्दी के मौसम में गर्म गर्म सूप पीना हर किसी को पसंद होता है। इससे शरीर को काफी राहत मिलती है। सूप का सेवन करना आपकी इम्यूनिटी के लिए भी बेहतर होता है क्योंकि इसमें विटामिन, मिनरल और अन्य पौष्टिक तत्व होते हैं जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। काली मिर्च(Black pepper)काली मिर्च सबसे अच्छा मसाला है. इसे काला सोना भी कहा जाता है क्योंकि यह ना केवल खाने को टेस्टी बनाता है बल्कि यह शरीर में गर्मी भी पैदा करता है. काली मिर्च शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं में सुधार करके इम्यूनिटी को बढ़ावा देती है. इसमें कई तरह के कंपाउंड भी होते हैं. मछली और पॉएट्री(Fish and poultry) मछली और पॉएट्री प्रोटीन, विटामिन बी, (बी6 और बी12), जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भी भरपूर होते हैं जो शरीर में आरबीसी और डब्ल्यूबीसी के उत्पादन को बढ़ाते हैं जो शरीर को सुरक्षा देते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं. शकरकंद(Sweet Patato) बहुत अधिक सर्दी में अगर शकर कंद की चाट मिल जाए तो काफी मजा आ जाता है. यह आपके शरीर के लिए भी लाभदायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी और बीटा कैरोटीन होते हैं. इससे आप का इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है. ...
Healthy Habits : प्याज इंडियन खानों का एक अहम हिस्सा है. इसे खाने में टेस्ट बढ़ाने के लिए मसालों के साथ-साथ सलाद में भी इस्तेमाल किया जाता है.कई बार फ्रिज में छिले हुए प्याज को रखने से इसमें मौजूद गुण नष्ट हो जाते हैं। प्याज को छीलकर फ्रिज में स्टोर करने से बचना ही आपकी सेहत के लिए सही रहेगा, क्योंकि ये आपको बीमार कर सकती है.एक शोध में भी यह बात सामने आई है कि छीलकर रखी प्याज सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है.दरअसल, जब आप प्याज छीलती हैं, तो उसमें बहुत जल्दी बैक्टीरिया लगता है, जो ऑक्सीडाइज होने के बाद सेहत के लिए काफी हानिकारक हो जाती है. जब भी आपको खाना बनाना हो, उसी समय प्याज काटकर सब्जी या किसी भी चीज में इस्तेमाल करें.उसे फ्रिज में रखने से बचें. - कटे हुए प्याज में काफी मात्रा में नमी होती है और फ्रिज में रखने से नमी बरकरार रह सकती है. यह अतिरिक्त नमी समय के साथ प्याज को नरम और गूदेदार बना सकती है, जिससे उनकी बनावट और आकर्षण कम हो सकता है. - कटे हुए प्याज को फ्रिज में रखने से इसलिए भी मना किया जाता है क्योंकि इसमें से बेहद तेज गंध निकलता है. जो पूरे फ्रिज में फैल जाता है. प्याज में एक शक्तिशाली सुगंध होती है जो आपके रेफ्रिजरेटर में रखी दूसरी खाने वाली चीजों में भी आसानी से फैल सकती है. इसके कारण फ्रिज में रखे खाने का स्वाद भी बदल सकता है. - कटे हुए प्याज में एंजाइम होते हैं जो रेफ्रिजरेटर के ठंडे तापमान के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं. इस प्रतिक्रिया से सल्फ्यूरस यौगिकों का निर्माण हो सकता है, क्योंकि प्याज में सल्फर होता है, जो आपके व्यंजनों में एक अप्रिय, कड़वा स्वाद पैदा कर सकता है. - कुछ लोग रेफ्रिजरेशन से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए कटे हुए प्याज को फ्रीजर में रखना पसंद करते हैं. हालांकि, इस पद्धति की अपनी समस्याएं हैं. फ्रीजर में रखे कटे हुए प्याज फ्रीजर में जलने के प्रति संवेदनशील होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्वाद और बनावट का नुकसान हो सकता है.
Benefits of Eating Tamato: रोज 1 कच्चा टमाटर खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. दरअसल, टमाटर में विटामिन सी होता है और कुछ ऐसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि आपकी सेहत के लिए कई प्रकार से काम कर सकते हैं. सबसे खास बात ये है कि जब आप टमाटर कच्चा खा रहे होते हैं तो इसका पानी आपके शरीर को हाइड्रेट कर रहा होता है.साथ ही सारे मल्टीन्यूट्रीएंट्स आसानी से शरीर को मिल रहे होते हैं. इसके अलावा कच्चा टमाटर खाने फायदे कई हैं.तो, जानते हैं रोज 1 कच्चा टमाटर खाने के फायदे. हर रोज कच्चा टमाटर खाने के फायदे दिल के लिए है फायदेमंदटमाटर में लाइकोपीन भरपूर मात्रा में होता है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट दिल की बीमारी के लिए काफी ज्यादा अच्छा होता है. यह 14 प्रतिशत दिल की बीमारी का खतरा कम करता है. यह ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है. साथ ही एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को शरीर में बढ़ाता है. दिल की बीमारी का खतरा कम करता है. डायबिटीज में फायदेमंदडाययबिटीज के मरीजों को रोज 1 टमाटर जरूर खाना चाहिए.ऐसा इसलिए कि लाइकोपीन इंसुलिन सेल्स के काम काज को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह कोशिकाओं को क्षति से बचाने, सूजन को कम करने और शरीर की रक्षा तंत्र को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है. टमाटर का फाइबर मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है और डायबिटीज की बीमारी को कम करने में मददगार है. इम्युनिटी बूस्ट करने का काम करती है टमाटरटमाटर के रस में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है. साथ ही इसमें बीटा-कैरोटीन होता है जो आपकी इम्युनिटी को मजबूत करता है. एक रिसर्च में मुताबिक टमाटर इम्युनिटी के सेल्स को बढ़ाता है. यह कई सारी बीमारियों से बचाता है. इसमें नेचुरल किलर कोशिकाएं शामिल है जो वायरल को रोकती है. कब्ज रोकने में है मददगारअपर्याप्त तरल पदार्थ और फाइबर कब्ज पैदा कर सकते हैं.टमाटर दोनों पोषक तत्व प्रदान करते हैं, एक पूरे टमाटर में चार औंस से अधिक तरल पदार्थ और डेढ़ ग्राम फाइबर होता है.टमाटर में घुलनशील और अघुलनशील दोनों होते हैं जो कि मेटाबोलिज्म को तेज करता है और कब्ज की समस्या को कम करने में मदद करता है.
Benefits of Eating Ginger: अदरक हमारे किचन का एक अहम हिस्सा है. ये किसी आयुर्वेदिक औषधि से कम नहीं है. अगर इसे कच्चा चबाएंगे, इसका जूस पिएंगे या फिर इसे हर्बल टी के साथ सेवन करेंगे तो ये हमारे स्वास्थ के लिए लाभकारी हो सकता है. कई लोग ऐसे हैं जो पूरे दिन एनर्जेटिक रहें इसके लिए सुबह-सुबह अदरक वाली चाय पीते हैं. ताकि वह पूरे दिन एनर्जी से भरपूर रहें. अदरक में जिंजरोल (Gingerol) नाम कंपाउंड पाया जाता है जो बेहद फायदेमंद है. इसके अलावा इसमें विटामिन बी3 (Vitamin B3), विटामिन बी6 (Vitamin B6), विटामिन सी (Vitamin C), आयरन (Iron), पोटेशियम (Potassium), मैग्नीशियम (Magnesium), पोटेशियम (Phosphorus), जिंक (Zinc), फोलेट (Folate), राइबोफ्लेविन (Riboflavin) और नाइसिन (Niacin) जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. आइए जानते हैं कि अदरक खाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं. अदरक खाने के फायदे पेट की बीमारियों में है फायदेमंदअगर आप थोड़ा अदरक भी हर रोज खाते हैं. तो इससे पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा कम रहता है. अदरक में पाई जाने वाली फेनोलिक एसिड पेट की जलन-एसिडिटी को कम करती है. कैंसर से बचाव अदरक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम में भी मददगार होती है. इसमें पाई जाने वाली एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर पैदा करने वाले सेल्स से लड़ती है और उसकी रोकथा...
Healthy Vegetables Habits: कुछ लोग सोचते हैं कि सब्जियों को भी फ्रिज में रखने से वे लंबे समय तक ताजा रहेंगे और खराब होने से बच जाएंगे. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. आपको फ्रिज में कुछ चुनिंदा सब्ज़ियां ही रखने चाहिए. सब्जियों को फ्रिज में रखने से अधिकतर नुकसान ही होता है. वे जहरीले हो सकते हैं. सब्जियों को फ्रिज में रखने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. जानिए कौन सीसब्ज़ियां फ्रिज में नहीं रखनी चाहिए. टमाटर विशेषज्ञों के अनुसार, टमाटर को भी हमेशा कमरे के तापमान पर ही स्टोर करना चाहिए. फ्रिज में रखने से टमाटर का स्वाद, बनावट और सुगंध प्रभावित होती है इसलिए टमाटर को ठंडी और अंधेरी जगह में सूरज की रोशनी से दूर रखें. खिड़की से आने वाली गर्म किरणें टमाटर के पकने की प्रोसेस को तेज कर देती हैं. फ्रिज में रखे टमाटर की तुलना में फ्रिज से बाहर रखे टमाटर एक सप्ताह अधिक चलने की संभावना है. आलू कच्चे आलू को खुले में एक टोकरी में रखना सबसे अच्छा माना जाता है. इसे फ्रिज में रखने से बचें. ठंडा तापमान कच्चे आलू में पाए जाने वाले स्टार्चयुक्त कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को बदल देता है और खाना पकाने पर आलू का टेस्ट मीठा हो जाएगा. इसलिए इन्हें फ्रिज में रखने से बचें. हां, सब्जी बनाने के बाद चाहें तो उन्हें फ्रिज में रख सकते हैं. खीरा खीरा को आमतौर पर सब्जी माना जाता है. कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के अनुसार, यदि खीरे को 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे तीन दिनों से अधिक समय तक रखा जाता है तो वह तेजी से सड़ने लगती है. इसलिए खीरा को फ्रिज में रखने से बचें. फ्रिज में रखने की अपेक्षा खीरे को सीधे धूप से दूर नॉर्मल जगह पर रखें. विशेषज्ञों के अनुसार, खीरे को अवोकाडो, टमाटर या खरबूजे जैसे फलों के पास भी नहीं रखा जाना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे फल पकने पर एथिलीन गैस छोड़ते हैं और खीरा उस गैस के संपर्क में आने के कारण जल्दी पीला हो सकता है. हालांकि यह गैस हानिकारक नहीं होकी लेकिन फल या सब्जियों को तेजी से पकाती है. प्याज नेशनल प्याज एसोसिएशन (एनओए) के अनुसार, प्याज को ठंडे, सूखे, अंधेरे और अच्छी तरह हवादार कमरे में रखना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि प्याज आसानी से नमी को अवशोषित करते हैं. यदि तापमान या आर्द्रता बहुत अधिक है तो प्याज अंकुरित होना या सड़ना शुरू कर सकते हैं. अगर प्याज को ठंडे कमरे के तापमान पर रखा जाता है तो प्याज दो महीने से भी अधिक चल सकते हैं. लहसुन लहसुन को भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए. क्योंकि ये भी काफी जल्दी मॉइश्चर अब्जॉर्ब करते हैं. इसलिए इन्हें भी प्याज की तरह ठंडी, शुष्क जगह पर रखें. साथ ही साथ उन्हें हवा की जरूरत होती है इसलिए लहसुन को कभी भी थैली में बंद करके ना रखें.
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