Egg Identify: सर्दियों के मौसम में लोग प्रोटीन और अन्य कई पोषक तत्वों के लिए अंडो क सेवन करते है.अंडा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है जो ठंड में फायदेमंद साबित होता है. वहीं सर्दियों में इसका डिमांड तेजी से बढ़ने के कारण कई लोग नकली अंडों का भी शेल करते हैं.अंडे धड़ल्ले से मिल रहे हैं. दरअसल नकली अंडा में केमिकल, रबड़ और ना जानें किन-किन चीजों को मिलकर बाजार में इसे बनाया जा रहा है. नकली अंडे खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि हम यह जानें कि जो अंडे खरीद रहे हैं वे असली हैं या नहीं.अंडे की असलियत की पहचान कुछ आसान तरीकों से की जा सकती है. ऐसे करें असली-नकली की जांच पानी में डालकर करें चेकअसली और नकली अंडे की पहचान आप पानी में डाल कर सकते हैं. इसके लिए एक कटोरा यह गिलास में पानी भरकर उसमें अंडा डाल दे. अगर अंडा पानी के अंदर डूब जाता है तो समझ जाइए कि वह अंडा असली है. क्योंकि असली अंडे का घनत्व पानी से अधिक होता है इसलिए वह पानी में डूब जाता है. वहीं अगर अंडा पानी पर तैरने लगता है तो वह अंडा नकली है. नकली अंडों हवा, प्लास्टिक या मिट्टी से बनाई जाती है जिससे उनका वजन हल्का हो जाता है और वह पानी में तैरते है. वजन से महसूस करनेअंडे की असलियत की दूसरी पहचान उसके वजन को महसूस करके की जा सकती है. जब आप किसी अंडे को हाथ में उठाकर पकड़ते हैं तो असली अंडा बहुत हल्का लगेगा. उसका वजन मामूली होगा और आपको कोई असुविधा नहीं होगी. गंध से करें पहचानअसली और नकली अंडे की पहचान सूंघ कर भी कर सकते हैं. जब आप असली अंडे को सूंघेंगे तो एक मधुर स्वाभिक गंध का एहसास होगा. वही. नकली अंडे में ऐसी कोई सुगंध नहीं होती है.नकली अंडों में एक अलग गंध आती है जो किसी रासायनिक पदार्थ का होता है. सेल की जांच कर करें पहचानअसली अंडे का सेल काफी मजबूत और हल्का बड़ा होता है. वही नकली अंडे का सेल पतला, धुंधला या सफेद हो सकता है. इसके अलावा नकली अंडे का सेल आसानी से टूट जाता है जबकि असली अंडे का सेल तोड़ने के लिए थोड़ा दबाव डालना पड़ता है.
Pinni Recipe: पंजाबियों का खाना जितना स्वाद में में लाजवाब होता है उतना सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद होता है. यहां की लस्सी हो यहां की पिन्नियां, हेल्थी रहने के लिए हर चीज का सेवन किया जाता है. खास कर गर्भवती महिलाओं को देसी घी और मेवों से युक्त पिन्नियां खाने की सलाह दी जाती है. सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के लिए भी आप इन्हें खास सकते हैं. इस ठंड के मौसम में घर में पिन्नियां बनाकर जरूर स्टोर करें. सामग्री (Pinniyan Ingredients) गेहूं का आटा - 2 कप (300 ग्राम) तगार - 2 कप (300 ग्राम) घी - 1.25 कप (300 ग्राम) बादाम - ½ कप (75 ग्राम) काजू - ½ कप (75 ग्राम) सूखा नारियल - ½ कप (50 ग्राम) खरबूजे के बीज - ½ कप (50 ग्राम) खाने वाली गोंद - ¼ कप (50 ग्राम) हरी इलायची पाउडर - 1 छोटा चम्मच पिन्नियां बनाने की विधि (How to make Pinniyan)- सबसे पहले कढ़ाही में 1/2 कप घी डालकर गर्म करें. अब मीडियम गर्म घी में गोंद डालकर तल लेंगे. फ्लेम को मीडियम आंच पर ही रखें. जिससे गोंद अच्छे से फूल जाए, इसे एक बाउल में निकालकर रख लें. इसमें आपको करीबन 3 मिनट का समय लगेगा. - मीडियम फ्लेम पर फूलने तक और हल्का रंग बदले के बाद हम इन्हें अलग बाउल में निकाल लेंगे. इसके बाद इसी घी में काजू डालकर ब्राउन होने तक रोस्ट कर लें. इसके बाद आधा कप खरबूजे के बीज को ड्राई रेस्ट करेंगे. इन्हें एक अलग पैन में भून लें जिसमें ...
Orange Benefits In Winter Season: सर्दियों में आपको हेल्थ संबंधी परेशानियों से बचना है और इम्युनिटी को मजबूत रखनाा है तो हर रोज एक संतरा खाना चाहिए.संतरा में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनसे आप सर्दियों में फिट व तंदुरुस्त रह सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ठंड के मौसम में यह खट्टा फल आपको कई बीमारियों से बचा सकता है.आज हम आपको बताएंगे कि हर रोज संतरा खाने के होते हैं ये गजब के फायदे. 1. संतरों में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो शरीर की इम्युनिटी के लिए बेहद जरूरी होता है. ठंड में इम्युनिटी वीक होने से आए दिन सर्दी-जुकाम होता रहता है. संतरा इम्यून सिस्टम मजबूत करता है और बीमारियों से बचाता है. 2. इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन को मजबूत करता है. घुलनशील फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे आप बार-बार खाने से बचते हैं और आपका वजन काबू में रहता है. इसकी वजह से शरीर में कैलोरी की मात्रा कम रहती है. 3. संतरा को डाइट में शामिल किया जाए, तो उम्र मैक्यूलर डिजनरेशन नामक कंडीशन से बचा जा सकता है. मैक्यूलर डिजनरेशन की वजह से आंखी की रोशनी कम होने लगती है और अंधेपन की समस्या हो सकती है. 4. खट्टे फल खासकर संतरा स्ट्रोक का खतरा कम करता है. ऐसा माना जाता है कि संतरे में मौजूद फ्लेवोनोइड्स दिल की बीमारियों को बढ़ने से रोकते हैं. इसके साथ ही ये ब्लड सेल्स के फंक्शन को भी बेहतर करते हैं. 5. संतरे में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स मस्तिष्क को संज्ञानात्मक गिरावट (Cognitive Decline) से बचाने में भी मदद कर सकता है. इससे अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. ...
Benefits of Gond Laddu: सर्दियां आ गई हैं और इसी के साथ कई बीमारियां आपको अपना शिकार बना सकती हैं। ऐसे में डाइट में कुछ इम्यूनिटी बूस्टर फूड्स को शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. सर्दी के मौसम में सुबह-सुबह एक सोंठ का लड्डू खाने से शरीर को पूरे दिन के लिए ऊर्जा और गर्माहट मिल जाती है.सोंठ में मौजूद गुण शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करते हैं और हमें अंदर से गर्म रखते हैं. ये सर्दी-जुकाम को कम करने में मददगार है.साथ ही ये फेफड़ों की मजबूती देने के साथ हड्डी की सेहत के लिए फायदेमंद है. आइए जानते है सोंठ का लड्डू कैसे बनाते हैं ? सोंठ के लड्डू बनाने की रेसिपी:सामग्री:सोंठ - 25 ग्राम, गुड़ - 250 ग्राम, गोंद - 50 ग्राम, कद्दूकस किया हुआ नारियल - 2 बड़े चम्मच, खसखस - 2 चम्मच, हल्दी पाउडर - 2 चम्मच, पिस्ता और, काजू - बारीक कटा हुआ, देसी घी - 50 ग्राम लड्डू बनाने की जाने विधि- सबसे पहले गोंद को तोड़कर बादाम के साथ एक मिनट तक अच्छे से पीस लें. - एक पैन या कड़ाही में 4 चम्मच घी गर्म करें. जब घी गर्म हो जाए तो गोंद डालकर मीडियम आंच पर 5 से 7 मिनट तक लगातार चलाते हुए भूनें.- गर्म घी में गुड़ डालें और हल्का गर्म करते हुए पूरी तरह पिघला लें. गुड़ को अलग एक प्लेट में निकाल लें.- उसी पैन में बचा हुआ घी गर्म करें. फिर काजू को गुलाबी होने तक तलें.अब इसमें खसखस मिलाए और ढक कर रख दें.- गुड़ और सोंठ को एक बाउल में अच्छे से मिला लें.- जब गोंद की भुनी हुई मिश्रण ठंडी हो जाए, तो एक प्लेट पर बेलन की सहायता से इसे अच्छे से कुचल कर पीस लें.- अब पीसा हुआ गोंद, बादाम पाउडर, नारियल, पिस्ता-काजू, खसखस, गुड़ और सोंठ की मिश्रण को एक साथ अच्छे से मिला लें.- अब गूंथ कर लड्डू बना लें और हवा में सूखने के लिए रख दें.- आपके स्वादिष्ट स...
Benefits of Honey: सर्दियों में शहद का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है. शहद में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर की बीमारियों को दूर करते हैं. औषधीय गुणों से भरपूर शहद आपको कई गंभीर समस्याओं से बचा सकता है.यह स्वादिष्ट होने के साथ सेहत से भरपूर है.इसमें कैल्शियम, कॉपर, पोटैशियम, मैंगनीज, जिंक जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह वजन कम करने के साथ कई बीमारियों को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है. तो आइए जानते हैं, किन समस्याओं में शहद बेहद कारगर साबित हो सकता है. गले में खराश से दिलाए राहतमुलेठी और शहद, दोनों में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं. यह मिश्रण गले में खराश और दर्द की समस्या से राहत दिला सकता है. हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता हैएंटीऑक्सीडेंट से भरपूर शहद दिल की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूद प्रोपोलिस कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करता है, लेकिन अगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही डाइट में शहद शामिल करें. इम्यूनिटी को बनाए मजबूतमुलेठी और शहद का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है. दरअसल, यह दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है. नियमित रूप से मुलेठी और शहद का सेवन करने से आप कई मौसमी बीमारियों और संक्रमण की चपेट में आने से बच सकते हैं. वजन घटाने के लिए कारगर उपायशहद मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है.इसके अलावा यह भूख को भी कंट्रोल करता है, जिससे ज्यादा खाने से बच सकते हैं. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह में एक गिलास गुनगुने पानी में शहद और नींबू का रस मिक्स करें और इसे खाली पेट पिएं. यह ड्रिंक वजन कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है. अनियमित पीरियड्स को ठीक करेजिन महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है, उनके लिए मुलेठी और शहद का सेवन लाभकारी हो सकता है.इससे पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद मिलती है. इसके लिए आप गिलास पानी में एक चम्मच मुलेठी पाउडर और शहद मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं. स्किन को मुलायम बनाएंशहद एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है. यह एक नेचुरल मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है. आप इसे स्किन केयर रूटीन में जरूर शामिल करें, इसके इस्तेमाल से ड्राई स्किन की समस्या से राहत पा सकते हैं.
Health Benefits of Carrots: गाजर को सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है. ये ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट बल्कि कई तरह के पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है.गाजर में विटामिन A, K, C, पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम और आयरन जैसे सभी जरूरी विटामिन और मिनरल्स होते हैं. गाजर में एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो बहुत लाभदायक होता है. आइए जानते हैं कि गाजर खाने से शरीर को किस-किस तरह के फायदे (Health Benefits of Carrots) मिलते हैं. - हेल्दी आंखों के लिए जरूरी पोषणगाजर में बीटा कैरोटीन,अल्फा कैरोटीन, ल्युटीन और जियाक्सैथिन तत्व भी होते हैं. जो उम्र बढ़ने के साथ नजर को कमजोर होने से बचाते हैं. इसके अलावा, यह गुण स्ट्रेस और हानिकारक किरणों से भी आंखों की मसल्स को सुरक्षित रखते हैं. - कैंसर का खतरा कम करते हैंगाजर कैंसर की संभावना को कम करती है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट आपके शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. गाजर में दो मुख्य प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट कैरोटीनॉयड और एंथोसायनिन होते हैं. कैंसर से लड़ने के लिए ये एंटी...
Benefits of Power Nap: सुबह से जी-जान लगाकर काम करना और फिर थोड़ी देर के लिए आराम कर लेना किसे नहीं भाता. जागने के बाद से घंटों की मेहनत के बीच अगर 20 मिनट की भी पावर नैप मिल जाए, तो उठने के बाद बॉडी में गजब की फुर्ती आ जाती है. लगता है मानो दिमाग और शरीर चार्ज हो गया है. एक व्यस्त और थका देने वाले दिन में छोटी सी झपकी आपकी प्रोडक्टिविटी को काफी बढ़ा सकती है और इसके कई दूसरे भी फायदे हैं. अगर आप घर से काम कर रहे हैं या फिर ऑफिस में हैं, तब भी आप कुछ मिनट की पॉवर नैप लेने की कला सीख सकते हैं. जानिए दिन में कामकाज के दौरान छोटी सी झपकी के फायदे (power nap benefits). पावर नैप के फायदे 1. पावर नैप लेने के बाद अगले 6 घंटे आप एक्टिव और जोशीला महसूस करेंगे.2. पावर नैप (Power Nap) लेने से शरीर और दिमाग रिलैक्स महसूस करते हैं.3. अमेरिकन स्लीप एसोसिएशन के मुताबिक वयस्कों के लिए पावर नैप कई तरह से फायदेमंद होता है.4. पावर नैप लेने से मूड अच्छा रहता है, जो फोकस्ड होकर काम करने में मदद करता है.5. पावर नैप लेने से दिल सेहतमंद रहता है, स्ट्रेस कम होता है साथ ही दिल की बीमारियों का ख़तरा घटता है. सिर्फ 20-30 मिनट का ही हो पावर नैपस्लीप फाउंडेशन के मुताबिक पावर नैप 30 मिनट से अधिक का नहीं होना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि आधे घंटे से अधिक की देर सोने की वजह से शरीर गहरी नींद में चला जाता है. जिसकी वजह से बिना नींद पूरी किए उठने पर सुस्ती महसूस हो सकती है. इससे ज्यादा समय तक झपकी लेने पर आपकी रात की नींद पर असर पड़ सकता है. जरूरी नही...
Peanuts For Diabetes: भारत में डायबिटीज के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. डायबिटीज महामारी की तरह फैल रही है और हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रही है. डायबिटीज होने पर लोगों का ब्लड शुगर बढ़ जाता है और उसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है. सही खान-पान और दवाओं के जरिए डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. हालांकि कुछ फूड्स ऐसे भी होते हैं, जिनका सेवन करने से तेजी से ब्लड शुगर बढ़ सकता है.सर्दियों के मौसम में अधिकतर लोग मूंगफली का लुत्फ उठाते हैं. शुगर के मरीज भी मूंगफली खा लेते हैं, लेकिन क्या उनके लिए ऐसा करना सही होता है? इस बारे में जरूरी बातें जान लेते हैं. डायबिटीज में मूंगफली खाना सही या गलत डायबिटीज में मूंगफली का सेवन करना मरीजों के लिए सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड कम होता है और इसमें भरपूर पोषक तत्वों की मात्रा पाई जाती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि डायबिटीज के मरीजों को मूंगफली का सेवन ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें फैट की मात्रा पाई जाती है और कई बार फैट की मात्रा ज्यादा होने से ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ सकता है. - मूंगफली खाने से ना सिर्फ ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है, बल्कि इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है. खासकर, सर्दियों में मूंगफली का सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट और फाइबर की मात्रा भरपूर होती है, जो हमें एनर्जी देती है. - ठंड के मौसम में इम्यूनिटी को भी बढ़ाती है, इतना ही नहीं मूंगफली में पोटेशियम, कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन को दुरुस्त करते हैं. ऐसे में आप 100 ग्राम मूंगफली का सेवन एक दिन में कर सकते है, इसमें 590 कैलोरी मौजूद होती है.
Dry skin solution: सर्दियों में शरीर में खुजली की समस्या एक आम परेशानी है. जैसे-जैसे मौसम गर्म से ठंडा होने लगता है, हवा में नमी कम हो जाती है जिससे हमारी त्वचा ड्राई और रूखी होने लगती है. इस ड्राइनेस का असर हमारी त्वचा पर सबसे ज्यादा पड़ता है. जिससे त्वचा सूखी, रूखी और तनी हुई महसूस होती है और बाद में उसपर खुजली होने लगती है. यह खुजली इतनी ज्यादा होने लगती है कि व्यक्ति को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. जानें एक्सपर्ट के अनुसार सर्दियों में अपनी त्वचा की ख्याल कैसे करें. मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करेंशॉवर से बाहर निकलने के तीन मिनट के भीतर अपने पूरे शरीर पर गाढ़ी और बिना खुशबू वाली मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगानी चाहिए।क्रीम लोशन की तुलना में अधिक हाइड्रेटिंग होती हैं.ये मलहम जितनी चिपचिपी भी नहीं होती हैं.नहाने के तुरंत बाद मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने से यह त्वचा में गहराई तक प्रवेश करता है और अतिरिक्त नमी को बरकरार रखता है. ज्यादा गर्म पानी से न नहाएं सर्दियों के मौसम में हम ठंड से बचने के लिए गर्म पानी से नहाना पसंद करते हैं, लेकिन ज्यादा गर्म पानी से नहाना हमारी त्वचा की नमी व मॉइस्चर को खत्म कर देता है, जिससे वो सूखी और रूखी हो जाती है.यही नहीं गर्म पानी से नहाने से त्वचा की नेचुरल प्रोटेक्टिव ओइल्स व लिपिडस भी साफ हो जाते हैं जो त्वचा के लिए जरूरी होते हैं. इसलिए सर्दियों में रूम टेंपरेचर या गुनगुने पानी से नहाना चाहिए. खुशबू वाले प्रोडक्ट से बचें ऐसे किसी भी उत्पाद से बचें, जिनमें खुशबू हो। शैम्पू, कंडीशनर, परफ्यूम, सुगंधित लॉन्ड्री डिटर्जेंट, फैब्रिक सॉफ्टनर या ड्रायर शीट का इस्तेमाल नहीं करें. संवेदनशील त्वचा होने पर प्रोडक्ट का चुनाव करते समय विशेष सावधानी (winter rashes) बरतें। फ़ैब्रिक सॉफ़्नर और ड्रायर शीट को एक साथ छोड़ना सबसे अच्छा है. सरसों तेल से करें मालिशआप सर्दी के मौसम में त्वचा पर सरसों का तेल लगाएं जो कि सबसे ज्यादा उपयोगी होता है चेहरे और गर्दन को छोड़कर आप पूरे शरीर पर इस तेल से मालिश करें. आपको 24 घंटे के अंदर जब भी समय मिले आप तेल का मालिश करे सकते हैं. रूम हिटर में कम रहें ज्यादा रूम हीटर में रहने के कारण भी शरीर की नमी खत्म हो जाती है. ऐसे में जब त्वचा सूखी और रूखी हो जाती है तो उस पर खुजली होने लगती है.इसलिए गर्म कपड़े पहने हिटर में कम रहें. ...
Rub Ghee On The Soles Of Your Feet: हम में से काफी लोग त्वचा की सुंदरता है लिए तमाम कोशिशें करते हैं, लेकिन मनचाहा नतीजा नहीं मिल पाता. अगर हम कहें कि आपकी त्वचा का कनेक्शन पैरों के तलवे से है तो शायद यकीन कर पाना मुश्किल होगा. कई स्किन केयर एक्सपर्ट का मानना है अगर हम पैरों के तलवों में देसी घी से मालिश करेंगे तो चेहरे में जबरदस्त ग्लो आ सकता है. पैरों के तलवों की मालिश करने से शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिलता है. यह तनाव कम करती है और अच्छी नींद लाती है. साथ ही कई बीमारियों को भी दूर करता है. आपको बता दें कि यदि आप रात में घी से पैरों के तलवों की मालिश करते हैं तो आपके चेहरे पर निखार आ सकता है. ये आयुर्वेदिक उपचार की विधि है जो सदियों से इस्तेमाल की जा रही है. ऐसा करने से न सिर्फ स्किन को फायदा होता है, बल्कि कई अन्य समस्याएं भी दूर हो जाती है. तलवों में देसी घी मलने के फायदे- फुट सोल में घी से मसाज करने से चेहरे में गजब का निखार आ सकता है, साथ ही स्किन की कई समस्याओं का भी अंत हो जाएगा.- अगर आपके लाइफ पार्टनर सोते वक्त जोर जोर से खर्राटे लेते हैं, तो आज से उनके तलवों में घी लगाएं- अगर आप बिस्तर में लेटने से पहले पैरों में घी से मालिश करेंगे तो इससे माइंड रिलैक्स हो जाएगा और फिर टेंशन दूर हो जाएगी- जो लोग इनडाइजेशन या पेट की समस्या से परेशान रहते हैं उनके लिए ये तरीका काफी काम आ सकता है- जिन लोगों को रात के वक्त सुकून की नींद नहीं आती वो सोने से पहले तलवों में देसी घी से मालिश जरूर करें. इस तरह करें घी की मालिशआप रात में सोने से पहले हाथेली में देसी घी को अच्छी तरह मल लें और फिर पैरों के तलवे में मालिश करें. घी को तब तक रगड़ते रहें जब तक कि पैर गर्म न हो जाए. फिर आराम से सो जाएं, कुछ ही दिनों में इसका असर साफ नजर आ जाएगा. ...
Benefits of Sweet Patato: भारत में मौसम के बदलते ही खानपान भी बदल जाता है. जैसे ही सर्दियां आती हैं बाजार में शरीर को गर्म रखने वाली सब्जियां भी आने लगती हैं.लेकिन इस सीज़न में सर्दी खांसी के साथ मौसमी बीमारियों का डर भी लगा रहता है. ऐसे में कई बार लोग खाने को लेकर अपना मन मार लेते हैं. लेकिन अगर हम ये कहें कि एक चीज़ है जो खाने में भी बेहद स्वादिष्ट लगती है और इसे खाने से आपके आसपास कोई बीमारी भी नहीं फटेकगी. जी, हां हम बात कर रहे हैं सर्दियों में पाए जानेवाले फल शकरकंद की. शकरकंद यानी स्वीट पोटैटो एक ऐसा फूड है जिसमें पोषक तत्वों की भरमार है. इसे कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और फैट फ्री कैलरी का पावरहाउस भी कहा जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि शकरकंद को डाइट में शामिल करने से आपको क्या क्या फायदे होंगे. - पोषक तत्वों से भरपूर शकरकंद पोषक तत्वों से भरपूर है.इसमें फाइबर की मात्रा एक बोल ओटमील से भी ज्यादा होती है जिससे की आपका पेट भी भर जाता है और आपका वेट कंट्रोल में रहता है. ठंड के मौसम में बहुत से लोग सब्जियों की जगह शकरकंद इसलिए इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसे बनाने में कम समय लगता है और खाने में भी बेहद स्वादिष्ट लगता है. - इम्यून को बनाए मजबूतशकरकंद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. ऐसे में सर्दियों में शकरकंद का सेवन आपके लिए बेहद लाभकारी हो सकता है. इसके सेवन से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी. इसमें मौजूद विटामिन सी आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है. इसके सेवन से आप कई तरह की मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं. - त्वचा को चमकदार बनाती हैंएक मध्यम शकरकंद में लगभग 0.335 मिलीग्राम मैंगनीज होता है. मैंगनीज एक कोलेजन-उत्पादक खनिज है, इसलिए अच्छा मात्रा में ये खनिज मिलने से हाइड्रेशन में सुधार और त्वचा की लोच को बढ़ाकर त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है. - डाइजेशन करे बेहतरफाइबर से भरपूर यह शकरकंद का सेवन करने से आपका डाइजेशन दुरुस्त हो जाएगा. अगर आपका खाना नहीं पांच रहा है तो आप अपने डाइट में इस फल को ज़रूर शामिल करें. - आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी हैजब आपकी आँखों को स्वस्थ रखने की बात आती है, तो गाजर एकमात्र ऐसी सब्जी नहीं है जिसका आपको सेवन करना चाहिए.शकरकंद बीटा कैरोटीन जैसे कैरोटीनॉयड का भी अच्छा स्रोत है, जो शकरकंद को नारंगी रंग देता है और सूजन से लड़ते हुए आपकी आंखों के स्वास्थ्य की रक्षा करता है. - बॉडी को हाइड्रेटेड रखता है शकरकंदशकरकंद में मौजूद ग्लाइमेक्स इंडेक्स शरीर में ब्लड शुगर लेवल को मैनेज रखता है. जो लोग एक हेल्दी डायट प्लान कर रहे हों उन्हें इसका सेवन ज़रूर केना चाहिए.शकरकंद शरीर को हाइड्रेटेड रखता है क्योकिं इसमें पानी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. ...
Sunbathing Benefits: सर्दियों के मौसम में गुनगुनी धूप का आनंद लेना सभी को अच्छा लगता है. हल्की गर्माहट भरी इस धूप में बैठने से न सिर्फ शरीर को गर्माहट मिलती है बल्कि सेहत के लिए भी कई फायदे होते हैं.ठंड के मौसम में आमतौर पर जोड़ो में दर्द और अकड़न की समस्या बढ़ जाती है। धूप सेंकने से इन समस्याओं से कुछ हद तक आराम मिल सकता है. ठीक उसी तरह जैसे हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है, वैसे ही सूर्य की रोशनी यानी धूप भी हमारे स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए बेहद जरूरी होती है. साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. इसलिए सर्दियों में भी रोजाना कुछ समय धूप सेंकना बेहद जरूरी हो जाता है. विटामिन डी सर्दियों में भी धूप से विटामिन डी मिलता है दरअसल, हमारा शरीर सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर विटामिन डी का निर्माण करता है. यह विटामिन हमारी हड्डियों के लिए बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद कर हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है. विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर व रुक्खी हो जाती हैं और टूटने का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप धूप से विटामिन डी प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए सुबह 8 बजे से पहले धूप लेना सही माना जाता है आप इस समय में सिर्फ 10 मिनट की धूप लेना भी काफी होगा. मजबूत बनती है इम्यूनिटी सर्दियों में धूप सेंकने से इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने में मदद मिलती है.बॉडी को धूप लगने से व्हाइट ब्लड सेल्स (डब्ल्यूबीसी) का पर्याप्त मात्रा में निर्माण हो पाता है, जिससे बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है. बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों और संक्रमणों का मुकाबला करने में सक्षम हो पाता है. सर्दी के मौसम में वैसे भी बीमारी जल्दी पकड़ करती है. कम होता है स्किन इंफेक्शन का खतराधूप सेंकने से खून साफ होता है और फंगल प्रॉब्लम, एग्जिमा, सोरायसिस और स्किन संबंधी दूसरी कई बीमारियां दूर होती हैं. यह बीपी को कम करने में भी मदद करती है. मूड अच्छा बना रहता है धूप में रहने से शरीर में एंडोर्फिन्स नामक हार्मोन्स का स्राव होता है जो हमारे मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. ये हार्मोन्स शरीर और दिमाग को आराम पहुंचाते हैं और तनाव को कम करने में सहायक होते हैं. सूरज की रोशनी में रहकर हमारा मन ज्यादा शांत और प्रसन्न रहता है.
Brown rice vsWhite rice: खराब लाइफस्टाइल (Lifestyle) और खानपान के बीच खुद के वजन को कंट्रोल रखना ही बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में कई लोग व्हाइट चावल न खाकर दोपहर के खाने में ब्राउन चावल ही खाते हैं. ब्राउन चावल में व्हाइट चावल की तुलना में अधिक फाइबर, पोषक तत्व से भरपूर होते हैं.सफेद चावल या ब्राउन चावल? डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट हमेशा दो तरह के चावल खाने की सलाह दी जाती है. सफेद चावल और ब्राउन चावल. ब्राउन राइस खाने के फायदे और सफेद चावल खाने के फायदे लगभग समान हैं, लेकिन फिर भी लोग यह तय नहीं कर पाते हैं कि वजन घटाने के दौरान उन्हें कौन सा चावल खाना चाहिए. सफेद चावल और ब्राउन चावल को बनाने का तरीका सफेद चावल को बनाने के लिए धान के दाने के छिलके को हटाकर तैयार किया जाता है, इसके कारण ज्यादातर पोषक तत्व भी निकल जाते हैं . परन्तु इसके कारण ही सफेद चावल को लंबे समय तक रखा जा सकता है, और पकने के बाद नरम हो जाता है. वहीं ब्राउन चावल एक साबुत अनाज वाला चावल है, जिसका चोकर हटाया नहीं जाता हैं. सफेद चावल की तुलना में ब्राउन चावल अधिक स्वादिष्ट होता है. क्योंकि इसमें अधिक फाइबर होता है, परन्तु ब्राउन चावल को पकाने में अधिक समय लगता है, और सफेद चावल की तुलना में इसको कम समय तक ही रख सकते हैं. पोषक तत्वों से भरापूरा सफेद चावल की तुलना में ब्राउन चावल को अच्छा माना जाता है. साबुत अनाज में अनाज के तीनों भाग होते हैं, इसका चोकर अनाज के सबसे अच्छा भाग हैं और इनमें फाइबर, विटामिन और खनिज होते हैं. ब्राउन राइस फाइबर, मैग्नीशियम, और विटामिन बी का अच्छा स्रोत है. इसके विपरीत, सफेद चावल एक छटा हुआ अनाज है. जिसमें भूसी चोकर हटा दी जाती हैं, यही कारण है कि भूरे चावल की तुलना में इसमें फाइबर, विटामिन और खनिज कम होते हैं. खाने में स्वाद से भरपूर सफेद चावल की तुलना में ब्राउन चावल में ज्यादा स्वादिष्ट और चबाने में आसान होता है. जिससे अधिक उम्र के लोगों की यह पहली पसंद बन गया है. चावल की वैरायटी के आधार पर ब्राउन चावल ज्यादा खुशबूदार भी होता है. दूसरी ओर, सफेद चावल पकाने पर हल्का स्वाद और नरम बनावट वाला होता है. भूरे चावल की तुलना में यह कम सुगंधित भी होता है. परन्तु सफेद चावल की ऐसी बहुत सी वैरायटी है जिनकी खुशबू ही उनकी पहचान है. सेहत के लिए अच्छा सफेद चावल की तुलना में ब्राउन चावल को स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य ज्यादा अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह एक साबुत अनाज है. ब्राउन चावल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, इसका एक बड़ा फायदा है कि यह सफेद की तुलना में खून में चीनी की मात्रा को कम करता है जिससे ब्लड शुगर जैसी समस्याओं ...
Brown Bread vs White Bread: ब्रेड खाना आजकल के जीवनशैली में आम हो गया है.इन दिनों लोग ब्रेकफास्ट में ब्रेड खाना ज्यादा पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ब्राउन ब्रेड और व्हाइट ब्रेड में से आंत के लिए कौन सा बेहतर है. इसमें हम इसके फायदे और नुकसान के बारे में बात करेंगे - ब्राउन ब्रेड व्हाइट ब्रेड से थोड़ा अलग होती है. ब्राउन ब्रेड साबुत गेहूं के आटे से बनती है, जिसमें गेहूं के दानों के सभी भाग होते हैं. इसमें फाइबर, विटामिन और खनिज होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. वहीं, व्हाइट ब्रेड रिफाइंड आटे से बनता है, जिसमें केवल गेहूं के दानों का भ्रूणपोष होता है. इसमें फाइबर और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. - ब्राउन ब्रेड में फाइबर, विटामिन बी, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं. इनमें विटामिन और खनिजों की सही मात्रा होती है, जो आपके शारीरिक कार्यों को सहारा प्रदान करती है. साथ ही ब्राउन ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. - सफेद ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ सकता है. हालांकि, इसे पूरी तरह से बाहर करने की जरूरत नहीं है, बल्कि आपको धीरे-धीरे इसे कम करना चाहिए. अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो ब्राउन ब्रेड खाएं . इसमें अधिक पोषण होता है और यह आपके आंतों के लिए भी बेहतर है. लेकिन हमेशा यह ध्यान रखें कि डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है, खासकर यदि आपको कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या है....
Heath Tips: आज अधिकतर लोग वॉशरूम में पर्सनल यूज के लिए टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं.लेकिन क्या आपको पता इंटरनल बॉडी पार्ट में टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंफेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा टॉयलेट पेपर के कारण ही होता है. यह बात आपको थोड़ी हैरान कर सकती है जब आपको पता चले कि टॉयलेट पेपर से इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह आपको गंभीर रूप से परेशान कर सकती है. यह इंफेक्शन थाई के आसपास के एरिया में हो सकते हैं. इस कारण नहीं करना चाहिए इस्तेमाल- टॉयलेट पेपर के ज्यादा इस्तेमाल से बॉडी के इंटर्नल पार्ट्स में खुजली हो सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं प्राइवेट पार्ट में रेडनेस और खुजली हो सकती है. क्योंकि यह सभी प्रोडक्ट प्रिजर्वटिव करके परफ्यूम मिलाई जाती है. - स्मेल वाले टॉयलेट पेपर और वेट वाइपस का ज्यादा इस्तेमाल करने प्राइवेट पार्ट में गंभीर खुजली और रैसेस हो सकते हैं. - इन प्रोडक्ट्स में बहुत ज्यादा केमिकल मिलाए जाते हैं जो प्राइवेट पार्ट के पीएच को काफी ज्यादा प्रभावित कर सकता है. जिसके कारण बैक्टीरिया और यीस्ट इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. कैंसर का खतराकभी भी जब आप टॉयलेट पेपर या वेट-टिश्यूज का इस्तेमाल करते हैं तो उसके स्किन पर रगड़ना नहीं चाहिए क्योंकि वह काला करने के साथ उस एरिया में खुजली कर देता है. टॉयलेट पेपर में फार्मल्डिहाइड (Formaldehyde) कार्बनिक होता है, जो टॉयलेट पेपर में मौजूद होता है, जिससे जलन हो सकती है. इसके अलावा इससे कैंसर का भी खतरा होता है. ...
Winter Soup: सर्दी (winter)आते ही इम्यूनिटी (immunity)कमजोर होने लगती है और लोग बार-बार मौसमी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि सर्दी के मौसम में इम्यूनिटी इतनी मजबूत रहे कि आप इस मौसम को इन्जॉय कर सकें. ऐसे में आपको गाजर और अदकर का सूप पीना चाहिए जो इन्यूमिटी बूस्टर सूप (immunity booster soup)के रूप में मशहूर हो चुका है. चलिए जानते हैं कि गाजर और अदरक का सूप शरीर के लिए कितना फायदेमंद है और साथ ही जानेंगे इसे बनाने का तरीका. कैसे बनाएं गाजर और अदरक का सूप - गाजर और अदरक का सूप बनाना आसान है. सबसे पहले अदरक और गाजर को बारीक टुकड़ों में काट लीजिए.- अब एक कड़ाई या पैन में थोड़ा सा ऑलिव ऑयल डालकर गर्म कीजिए और उसमें लहसुन, प्याज डालकर भून लीजिए. इसमें जीरा और काली मिर्च और नमक स्वादानुसार डालिए. - इसके बाद अदरक डालकर हल्का सा भूनिए और दो कप पानी इसमें एड कर दीजिए. पहला उबाल आने पर कटा हुआ गाजर भी इसमें डालकर कुछ देर उबलने दीजिए. - करीब 10 मिनट उबलने दीजिए ताकि गाजर अच्छे से पक जाए. अब इसे पैन से उतार कर बाउल में डालिए और हरे धनिए से गार्निश कीजिए. सर्दियों में गाजर और अदरक के सूप के फायदे - गाजर और अदरक का सूप पीने में काफी स्वादिष्ट होता है और इसके साथ साथ य...
Benefits of Dates: खजूर खाने से शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है. दिल को मजबूत रखने के लिए हर रोज खजूर खाना बेहद जरूरी है. यह विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है जिसे खाने से सर्दी में राहत मिलती है. एक रिसर्च के मुताबिक महिलाओं को हर रोज 5 खजूर खाने चाहिए. खासकर जिन महिलाओं को पीरियड्स में काफी ज्यादा दर्द होता है उन्हें तो हर खजूर खाने चाहिए. खजूर में भारी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं. जो दिल और फेफड़ों की बीमारी से बचाता है. आइए जानें खजूर खाने के फायदे और इसे खाने का तरीका. खजूर खाने का सही समय?खजूर खाने के सही समय की बात करें तो सुबह-सुबह खाली पेट खजूर खाने से काफी लाभ होते हैं. दोपहर के स्नैक के रूप में भी इसे खाया जा सकता है और रात में सोते समय घी के साथ इसका सेवन करना काफी फायदेमंद होता है.अब सवाल ये आता है कि 1 दिन में कितने खजूर खाने चाहिए तो जवाब है कि, शुरुआत में रोजाना केवल 5 खजूर खाना ही काफी होगा. इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करना हानिकारक हो सकता हैं खजूर खाने के फायदे खजूर खाने से शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं. साथ ही शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने का काम करता है. - खजूर में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जिससे फ्री रैडिकल्स से बचाने में मदद मिलती है. - इससे हार्ट से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा कम होता है.- खजूर खाने से आंख और पेट से जुड़ी बीमारी का खतरा कम होता है . - इसमें पाया जाने वाला फ्लेवोनोइड्स नामक एंटीऑक्सीडेंट डाइबीटीज, अल्जाइमर और कई तरह के कैंसर से छुटकारा दिलाता है. - खजूर खाने से हड्डियां मजबूत होती है. इसमे विटामिन K होता है जो खून को गाढ़ा होने से रोकता है. ...
Kivi Benefits: कीवी का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. कीवी में विटामिन सी, पोटेशियम और फोलिक एसिड मौजूद होता है.इसके अलावा यह फाइबर, विटामिन ई, पॉलीफेनॉल्स, और कैरोटीनॉयड का भी बेहतरीन स्रोत है. कीवी का नियमित सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, हड्डियों को मजबूती मिलती है, खून की कमी दूर होती है और पाचन तंत्र भी बेहतर बना रहता है. एक दिन में 1 से 2 कीवी खाने से इन सभी फायदों को प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन कीवी अधिक खाने से पेट संबंधी समस्याएं भी होती है. इसलिए दिन में 2 से अधिक कीवी नहीं खानी चाहिए.आइए जानते हैं कीवी के फायदे . दिल की बीमारियों में फायदेमंद कीवी में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है जो रक्तचाप को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें फोलेट भी पाया जाता है जो हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है. विटामिन C और E जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स कीवी में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल कम करके धमनियों को स्वस्थ रखते हैं. इस प्रकार कीवी में मौजूद विभिन्न पोषक तत्व हमारे दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं. गर्भावस्था में पोषण देती हैकीवी में मौजूद फोलेट बच्चे के दिमागी विकास के लिए काफी जरूरी होता है. इतना ही नहीं गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान कीवी खाने से बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाव होता है.जब आप प्रसव के बाद अपने आहार में कीवी शामिल करती हैं, तो ये आपके घावों में को जल्दी हील करने में मदद करती है. ये प्रसवोत्तर कमजोरी को कम कर इम्युनिटी बढ़ाने में भी मददगार है. बेहतर नींद में मददगारअगर आपको रात के समय हमेशा नींद न आने की शिकायत रहती है, तो आपको अपने आहार में कीवी को जरूर शामिल करना चाहिए। कीवी में सेरोटोनिन होता है जो हमारे अंदर के हैप्पी हार्मोन को बढ़ाता है. बेहतर नींद के लिए जरूरी है कि आप रात को सोने से कम से कम एक घंटा पहले कीवी का सेवन करें. डेंगू से रिकवरी में मददडेंगू एक खतरनाक बीमारी है जिससे उबरने में समय लगता है. लेकिन कीवी डेंगू से रिकवरी करने में मदद कर सकती है. कीवी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और डेंगू से लड़ने में मदद करते हैं. कीवी का रस पीने से शरीर में तरल पदार्थ बने रहते हैं जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती. इसके अलावा, कीवी में पोटेशियम, मैग्नीशियम और जिंक भी होता है जो एनर्जी लेवल को बढ़ाते हैं.
Bad Food Combination With Jackfruit: कटहल शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर कई बीमारियों को दूर रखते हैं. कटहल की सब्जी खाने में काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है. कुछ जगहों पर लोग पकी हुई कटहल को कच्चा भी खाते हैं. इसमें पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन-A और विटामिन-C काफी मात्रा में पाया जाता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते है. हालांकि कई बार ऐसा होता है कि हेल्दी खाने के चक्कर में हम कुछ ऐसा फूड कॉम्बिनेशन बना लेते हैं जो सेहत को फायदा देने की बजाय नुकसान पहुंचाने लगता है. इन्हीं फूड कॉम्बिनेशन में से एक कटहल है. तो चलिए जानते है कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिसे कटहल के साथ कभी नहीं खाना चाहिए. 1. दूध: कटहल खाने के बाद दूध पीने से बचना चाहिए. ऐसा करने से त्वचा पर सफेद दाग और अन्य समस्याएं हो सकती हैं.कारण यह है कि कटहल में मौजूद ऑक्सलेट, दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम के साथ रिएक्शन करते हैं. इसलिए कटहल खाने के बाद कभी भी दूध नहीं पीना चाहिए. 2. पपीता: कटहल खाने के बाद पपीता खाने से बचना चाहिए. कटहल में ऑक्सलेट नामक रासायनिक यौगिक पाया जाता है. ऑक्सलेट पपीते में मौजूद कैल्शियम से रिएक्शन करके कैल्शियम ऑक्सलेट बनाता है. यह कैल्शियम की अवशोषण क्षमता को कम कर देता है जिससे हड्डियों को नुकसान हो सकता है. इसलिए कटहल खाने के बाद कम से कम 2-3 घंटे बाद ही पपीता खाना चाहिए. 3.भिंडी: कटहल के साथ भिंडी की सब्जी खाना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है. क्योंकि भिंडी और कटहल दोनों में ऐसे गुण होते हैं, जो एक साथ मिलकर त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं.भिंडी में मौजूद कुछ यौगिक कटहल में पाए जाने वाले ऑक्सलेट्स के साथ रिएक्शन कर सकते हैं. इससे ...
Gram Sattu Benefits: सर्दियों का मौसम आते ही हमारी डाइट में भी बदलाव आ जाता है. ठंड के मौसम में हमें ऐसा खाना चाहिए जो हमें गर्म रख सके और हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए. ऐसे में चने का सत्तू बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. चने के सत्तू पोषक तत्वों से भरपूर होता हैं. इसमें कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो सर्दियों में फायदेमंद होते हैं. चने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो शरीर को ऊर्जा देते हैं. साथ ही, चने में फाइबर भी होता है जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है. आइए जानते हैं कि सर्दियों में चने के सत्तू को खाना क्यों जरूरी हो जाता है और यह हमारे शरीर के लिए किस प्रकार लाभदायक होता है. अपने आहार में सत्तू शामिल करने के कई स्वास्थ्य लाभ 1. पाचन के लिए फायदेमंदसत्तू में उच्च मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है जो आंतों के लिए बहुत अच्छा होता है. यह कोलन को साफ करता है.यह पेट फूलना, कब्ज और एसिडिटी, सूजन और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से लड़ने में मदद करता है. 2. उच्च पोषण मूल्यसत्तू को सूखा भूना जाता है, जिससे सभी पोषक तत्व बने रहते हैं. यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम से भरपूर होता है. सत्तू प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और इसे ऊर्जा का पावरहाउस भी माना जाता है. 3. वजन घटाने में सहायकअगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो खाली पेट सत्तू का सेवन शुरू कर दें.यह सूजन को कम करने में मदद करता है और चयापचय को भी बढ़ाता है और कैलोरी को प्रभावी ढंग से बर्न करता है. सत्तू कैल्शियम और कई अन्य खनिजों और आयरन जैसे विटामिन से भरपूर होता है, जो रक्त परिसंचरण में मदद करता है. 4. बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैसत्तू एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है और मधुमेह रोगियों के लिए एक बढ़िया विकल्प है. यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है. इसमें उच्च फाइबर उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है. 5. त्वचा और बालों एक लिए फायदेमंदसत्तू गर्मियों के दौरान शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है, जिससे त्वचा में चमक आती है. परंपरागत रूप से सत्तू का उपयोग बालों की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है. आयरन से भरपूर, यह बालों के झड़ने को कम करने में मदद करता है. साथ ही बालों की जड़ों में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाकर बालों की गुणवत्ता में सुधार करता है. सत्तू का सेवन करते समय इन बातों का रखें ख्यालइसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गैस बन सकती है. इसलिए जिन लोगों को गैस्ट्रिक समस्या है, उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.साथ ही जिन लोगों को गॉल ब्लैडर में पथरी की समस्या है, उन्हें भी सत्तू के सेवन से बचना चाहिए. इसके अलावा, जिन लोगों को चने से एलर्जी है या जिन्हें पचने में मुश्किल होती है, उन्हें सत्तू खाने से बचना चाहिए.
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