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Jaggery Tea Benefits: सर्दियों के मौसम में सुबह की शुरुआत गुड़ की चाय पीने से करनी चाहिए. इस से न सिर्फ गर्माहट मिलेगी बल्कि ताजगी और उर्जा भी मिलती है. पोषक तत्वों से भरपूर गुड़ हमारे हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द और क्रैंप्स को दूर करने में गुड़ की चाय फायदेमंद होती है. सर्दियों में इस चाय का सेवन सबसे ज्यादा किया जाता है. बता दें कि गुड़ में कैल्शियम, कॉपर, जिंक और विटामिन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं. यह शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स तनाव कम करते हैं और शरीर को आराम पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं गुड़ की चाय के और भी फायदे. - सर्दियां आते ही ठंडी हवाएं और मौसम में आए बदलाव के कारण कई लोग बीमार पड़ने लगते हैं. ऐसे में गुड़ वाली चाय पीने से शरीर की इम्युनिटी बूस्ट होती है, जिससे आप कई तरह के इंफेक्शन और बीमार पड़ने से बच सकते हैं.  - सर्दियों में लगातार गुड़ वाली चाय पीने से डाइजेशन ठीक रहता है. इसके सेवन से कब्ज समेत पेट से जुड़ी कई परेशानियां दूर होती है.  - गुड़ की चाय शरीर का मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने का काम करती है. इसके सेवन से आप अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं. शरीर में मौजूद एक्सट्रा कैलोरी को कम करता है.  - शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने या इसे बनाए रखने के लिए भी आप गुड़ की चाय का सेवन कर सकते हैं. इसके सेवन से एनीमिया की  समस्या भी नहीं होती है - विटामिन से भरपूर गुड़ की चाय जोड़ों और हड्डियों के दर्द को भी कम करने में मदद करती है. इसके सेवन से हड्डियों के सख्त होने की समस्या भी दूर होती है. गुड़ की चाय कैसे बनाएंएक पानी से भरे बर्तन में पानी और चाय पत्ती दूध को अच्छे से उबाल लें इसके  5-7 मिनट तक उबालें इसके बाद आंच को बंद कर दें और अब उसकमें गुड़ का बुरा मिला लें. उसके बाद चाय पिएं ऐसे बनाने से कभी भी चाय नहीं फटेगी....

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Pets Care in Winters: ठंड में लोग अपनी रजाइयों और कंबल में दुबके हुए हैं और तब ही बाहर निकल रहे हैं जब कोई बेहद जरूरी काम हो. हमारी आपकी तरह ठंड जानवरों को भी लगती है. इस मौसम में पेट पेरेंट्स को अपने पेटस का दयान रखना जरूरी होता है. इस मौसम में कुत्तों की डाइट का कम हो जाना सबसे बड़ी समस्या है. जाड़े में कुत्तों का अपने खाने को कम कर देना कोई नई बात नहीं है. लेकिन समस्या तब है जब आपको देखकर प्रायः उत्साहित रहने वाला आपका कुत्ता एकदम डल हो जाए. वो सिर झुकाए एक जगह पड़ा रहे और खाने पीने का पूरी तरह से त्याग कर दे. ऐसी स्थिति में कुत्ते को देखने के बाद स्वतः ही आपको इस बात का एहसास हो जाएगा कि आपके कुत्ते में कुछ तो गड़बड़ है. तो आइये बात करें उन लक्षणों पर जिनको जानने के बाद आप अपने कुत्ते को देखते ही समझ जाएंगे कि वो बीमार है या नहीं. - व्यवहारकुत्ता बीमार है या नहीं ये चीज हमें उसका व्यवहार देखकर समझ में आ जाती है. अगर आपका टॉमी खांसना और छींकना हो या फिर कम खाना पीना जैसी अजीबोगरीब तरीके का बर्ताव कर रहा है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपका कुत्ता बीमार है. - मसूड़ेकुत्ते के मसूड़े उसके स्वस्थ होने की पूरी दास्तां कह देते हैं. ध्यान रहे कि आपके कुत्ते के मसूड़े कभी पीले, नीले, सफेद या भूरे रंग के नहीं होने चाहिए. अगर कुत्ता स्वस्थ है तो उसके मसूड़े गुलाबी होंगे.  - शरीर में परिवर्तनकुत्ते कई चीजें  अपने शरीर के जाहिर बताते हैं. चाहे वो कुत्ते की आंखें, नाक और कान हों या फिर उसके बैठने का तरीका। पूंछ और शरीर की गंध कुत्ता आपको खुद संकेत दे देगी कि वो बीमार है और आपको उसे फ़ौरन ही अस्पताल लेकर जाना चाहिए.  - पेशाबकई बार देखा गया है कि डल होने की अवस्था में कुत्ते पेशाब तक का त्याग कर देते हैं या अत्यधिक करते हैं. ये दोनों ही अवस्थाएं कुत्ते के लिए एक बड़ा जोखिम हैं. यदि आपके कुत्ते के साथ ऐसा कुछ भी हो रहा है तो फ़ौरन ही उसे डॉक्टर के पास ले जाएं.  - लारयूं तो कुत्ते लार बहाते ही हैं लेकिन अगर उनकी ज्यादा लार बाह रही है और कुत्ता हांफ रहा है तो आपको ये समझ जाना चाहिए कि आपका कुत्ता गंभीर रूप से बीमार है....

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Cow Vs Buffalo milk: कैल्शियम हड्डियों का घनत्व बढ़ाता है और इन्हें अंदर से मजबूती प्रदान करता है. ऐसे में कहा जाता है दूध पीना हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और कई बीमारियों से बचाता है. घर के बड़े-बजुर्गों से अक्सर सुना होगा कि अच्छी नींद चाहिए तो रात के वक्त भैंस का दूध पिएं. हालांकि  खोया, दही, खीर, पायसम, मलाई, कुल्फी और घी बनाने के लिए भैंस का दूध बेहतर माना जाता है. लेकिन, सवाल ये है कि कौन सा दूध आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, गाय का दूध या भैंस का दूध. किस दूध को पीना हड्डियों से जुड़ी इन बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है. तो, आइए जानते हैं  सबसे ज्यादा कौन से दूध में कैल्शियम होता है. - हर व्यक्ति के लिए जरूरी है और इसलिए अगर आप अपने शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं तो गाय का दूध पीना शुरू कर दें. गाय के दूध में 90 प्रतिशत पानी होता है और यह आपके शरीर को हाइड्रेट करने के लिए एकदम सही है. - गाय के दूध में भैंस के दूध की तुलना में फैट की मात्रा कम होती है. यही कारण है कि भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक गाढ़ा होता है. गाय के दूध में 3-4 प्रतिशत वसा होती है. इसलिए इसे पचने में समय लगता है और इसे पीने के बाद काफी देर तक भूख भी नहीं लगती है. - भैंस के दूध में अधिक कैलोरी होती है क्योंकि इसमें प्रोटीन और फैट अधिक होती है. एक कप भैंस के दूध में 237 कैलोरी होती है, जबकि एक कप गाय के दूध में 148 कैलोरी होती है. - गाय के दूध की तुलना में भैंस के दूध में 10-11 प्रतिशत प्रोटीन होता है. प्रोटीन की अधिक मात्रा होने के कारण भैंस का दूध छोटे बच्चों और बूढ़ों को नहीं देना चाहिए. - इन दोनों प्रकार के दूध में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अलग-अलग होती है. भैंस के दूध में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है, इसलिए यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा साबित होता है जो पीसीओडी, उच्च रक्तचाप, किडनी की समस्याओं और मोटापे से पीड़ित हैं. भैंस के  दूध में कैल्शियम की मात्रा? अगर आप भैंस का दूध 250 लेते हैं तो उसमें कैल्शियम की मात्रा 412 mg कैल्शियम होगा. साथ ही इसमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और क्लोराइड होता है. जो सेहत के लिए अच्छा होता है. इसमें पाई जाने वाली फैट हड्डियों के लिए काफी अच्छा होता है.  गाय के दूध में कैल्शियम की मात्रा?एक कप गाय का दूध में 305 mg कैल्शियम होता है. ये दूध अगर आप रोजाना पीते हैं तो हड्डी से जुड़ी बीमारी कम होती है. यह कैल्शियम का अच्छा सोर्स है.साथ ही इस दूध में प्रोटीन, विटामिन ए और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.  दोनों प्रकार के दूध को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है और दोनों के अपने स्वास्थ्य लाभ हैं. तो आप क्या पीना चाहते हैं यह आप पर निर्भर करता है. आपको बस इस बात का ध्यान रखना है कि आप रोजाना दूध पिएं. अ...

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Eye Care Tips: धूल, मिट्टी, प्रदूषण के अलावा मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर की स्क्रीन को देखकर बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे आंखों की रोशनी धीमी होने लगती है. जिस वजह से आंखों की हेल्थ पर ध्यान देना काफी जरूरी हो जाता है. अगर आप भी 40 की उम्र में प्रवेश करने जा रहे हैं और आंखों को हेल्दी रखना चाहते हैं तो जरूरी है कि कुछ बातों का ख्याल रखें. आज हम आपके साथ आंखों को स्वस्थ रखने और दृष्टि समस्याओं को रोकने के लिए कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं. - अच्छी डाइट लेंअपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स जरूर शामिल करें. ये आपकी ओवरऑल हेल्थ के साथ ही आंखों के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं.  विटामिन सी, हरे पत्तेदार सब्जियां और मछली, पालक, संतरा जैसी चीजों का सेवन करें.  - आंखों का चेकअपआंखों की हेल्थ को बरकरार रखने के लिए समय-समय पर आंखों का चेकअप कराएं. इससे आंखों में होने वाले किसी भी समस्या का पता सही समय रहते  चल जाएगा और आपको आगे चलकर किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा.  - स्मोकिंग न करें स्मोकिंग कई बीमारियों का मुख्य कारण है. इससे खासतौर पर आंखों की हेल्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे मोतियाबिंद, ऑप्टिक नर्व डैमेज, विजन लॉस और अंधेपन की समस्या बढ़ती है - हाइड्रेटेड रहेंआंखों और ओवरऑल हेल्थ के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आंखों में होने वाली ड्राइनेस की समस्या दूर होती है, जिससे आंखों को आराम मिलता है. - ज़्यदा स्क्रीन पर काम न करें लंबे समय तक स्क्रीन में देखने की वजह से भी आंखों की हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ता है. स्क्रीन टाइम को कम करते समय हर एक घंटे के बाद 20 मिनट का ब्रेक लें...

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Room Heater Side-effects: भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस ठंड से बचाव के लिए लोग अलग-अलग उपाय कर रहे हैं.वहीं खुद को गर्म रखने के लिए लोग घंटो सुबह से शाम तक रूम हीटर के सामने बैठे रहते हैं. चाहे फिर वो ऑफिस हो या घर हो. ज़्यदा देर हीटर चलाकर सोने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है. इससे खासतौर पर हृदय रोग वाले लोगों को सीने में दर्द हो सकता है, जबकि हृदय रोग से पीड़ित धूम्रपान करने वालों को, साथ ही छोटे बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से खतरा होता है.ऑक्सीजन की कमी होने के कारण लोगों की दम घुटने से मौत हो जाती है.   रूम हीटर से होने वाली गंभीर समस्याएं - नाक से बह सकता है खून  लंबे समय तक हीटर के सामने बैठने से आपके नाक से खून बह सकता है.जिससे की आपके सर में दर्द भी हो सकता है. इसके अलावा नाक के अंदर की त्वचा सूखने लग जाती है. - त्वचा के लिए है नुकसानदायक अगर आप लंबे समय तक हीटर के सामने बैठते हैं तो  इसका बुरा प्रभाव आपकी त्वचा पर हो सकता है. इसका सबसे ज्यादा असर आप चेहरे पर हो सकता है. जिससे आपके चेहरे पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं. हीटर की हीट एलर्जी से आपके सिर की त्वचा गर्म हो जाती है जिससे आपको बाल झड़ने की समस्या हो सकती है.  - आंखों पर पड़ता है बुरा असर ज्यादा देर तक हीटर के सामने बैठने से हमारी आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो जाती है, जिससे आंखों में जलन और खुजली हो सकती है. वहीं अगर आप लंबे समय तक रुम हीटर के सामने रहते हैं तो आपको कंजेक्टिवाइटिस की समस्या भी हो सकती है. - फेफड़ों पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव रूम हीटर हवा में ऑक्सीजन को खत्म कर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस प्रवाहित करता है जो सांस के जरिए हमारे फेफड़ों तक पहुंचकर हमारे लिए बेहद खतरनाक साबित होती है. यदि आप सांस संबंधी किसी तरह की समस्या से परेशान हैं तो आपको रूम हीटर का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए....

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Beetroot Side effects: शरीर में  खून की कमी हो जाने पर अक्सर चुकंदर खाने की सलाह दी जाती है.चुकंदर में विटामिन A और C जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं. चुकंदर खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है और इम्यूनिटी मजबूत होती है और स्किन और आंखों के लिए फायदेमंद होता है.  इसके साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में भी चुकंदर खाना फायदेमंद होता है. चुकंदर खाने के कई फायदे हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए नुकसान भी हो सकते हैं. हमें अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से चुकंदर खाना चाहिए. आइए जानते हैं यहां कि किन लोगों को चुकंदर नहीं खाना चाहिए. - लो ब्लड प्रेशरचुकंदर में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है. पोटेशियम रक्तचाप को कम करने में मदद करता है. ऐसे में चुकंदर खाने से रक्तचाप और भी गिर सकता है. इससे थकान, चक्कर आना, बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, लो ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोगों को चाहिए कि वे चुकंदर का सेवन बिल्कुल न करें. या फिर अगर खाना बेहद जरूरी हो तो डॉक्टर से परामर्श लेकर ही बहुत कम मात्रा में खाए.  - किडनी स्टोन चुकंदर में ऑक्सलेट नामक एक पदार्थ होता है जो किडनी स्टोन बना सकता है. इसलिए जिन लोगों को पहले से किडनी स्टोन की समस्या है उन्हें चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए. चुकंदर खाने से किडनी में स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है.  - लिवर को पहुंचाता है नुकसान जिसके  पहले से ही लिवर की क्षमता कमजोर हो उसके लिए चुकंदर और भी ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है. लिवर की सूजन हो सकती है, संक्रमण होने का खतरा रहता है और लिवर संबंधी रोग गंभीर रूप ले सकते हैं. इसलिए जिन लोगों को पहले से ही लिवर संबंधी कोई बीमारी है, उन्हें चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए.  - एलर्जी चुकंदर से होने वाली एलर्जी के कारण स्किन रैशेज, लालिमा, खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं. जिन लोगों को चुकंदर से हलकी सी भी एलर्जी होती है तो उन्हें चुकंदर खाने से पूरी तरह बचना चाहिए....

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Pistachio Benefits for health: पिस्ता (Pistachio) बादाम, किशमिश और काजू की अपेक्षा ये ड्राई फ्रूट खाने में बहुत कम प्रयोग किया जाता है, लेकिन फिर भी उसके बेशुमार फायदे हैं.ये ऐसा मेवा है जिसे खाने में ना केवल स्वाद आता है बल्कि इसके ढेर सारे सेहत संबंधी फायदे इसे खाने को मजबूर कर देते हैं. हलवा हो या कोई भी  मिठाई, पिस्ता सब चीजो का स्वाद बढ़ा देता है. सर्दियों में रोज तीन से चार पिस्ता खाने से आपका दिल स्वस्थ रहता है और शरीर मजबूती बना रहेगी. चलिए जानते हैं कि पिस्ता के सेवन (Pistachio Benefits for health)से क्या क्या फायदे मिलते हैं.  पोषक तत्वो से भरपूर  पिस्ता प्रोटीन और कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स कहा जाता है. पिस्ता में फाइबर से भरपूर होता है. इसलिए इसे खाने के बाद देर तक भूख नहीं लगती और वजन भी कंट्रोल होता है. पिस्ता में फाइबर के साथ साथ कार्बोहाइड्रेट्स, अमिनो एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन के, विटामिन डी और विटामिन सी भी होता है.  हृदय रोग से मिलेगी सुरक्षा हृदय रोग से जुड़ी बीमारियों से पीड़ितो के लिए पिस्ता काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. दरअसल, पिस्ता में कार्डियोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी पाई जाती है जो हृदय रोगों से बचाए रखने का एक विशेष गुण होता है. इसलिए हृदय रोग से बचे रहने के लिए पिस्ता का सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं. इम्यू...

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Benefits of Bay Leaves: तेजपत्ता के कई  जबरदस्त फायदे हैं, जो सेहत के लिए  गुणों का खजाना है. यह अक्सर हमारी रसोई में मसाले के रूप में इस्तेमाल होता है. सुबह-सुबह उबाले गए तेजपत्ते का पानी पीने से आपको कई अद्भुत स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं. यह सिर्फ एक पारंपरिक नुस्खा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक शोधों द्वारा भी समर्थित एक स्वास्थ्यवर्धक प्रक्रिया है. इसमें कई तरह के विटामिन जैसे ए, बी, सी, ई, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज होते हैं.तेजपत्ते को पानी में उबालकर पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. यह हमारे रक्तचाप को कंट्रोल में रखने में भी सहायक है.चलिए जानते हैं तेजपत्ता पानी कैसे बनाएं और इसके फायदे. तेजपत्ते से होने वाले  फायदे- तेजपत्ते में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं  जो आपके वजन को तेजी से कम करते है. तेजपत्ते का पानी भूख को कम करता है और शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है. - रोजाना तेजपत्ते का पानी पीने से पेट से जुड़ी कई कब्ज, अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं. - एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. एंटीऑक्सीडेंट, फ्री रेडिकल्स नामक हानिकारक तत्वों से लड़ते हैं जो कई बीमारियों के कारण बनते हैं - तेजपत्ते में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है. विटामिन सी हमारी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी होता है. यह फेफड़ों और हृदय रोगों से लड़ने में भी सक्षम होता है.   - तेजपत्ता के पानी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारी कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं कैसे बनाएं तेजपत्ता का पानी?- सबसे पहले ताजे तेजपत्ते की कुछ पत्तियां लें. इन पत्तियों को अच्छे से धो लें. एक ग्लास पानी लेकर उबाल लाएं. - जब पानी उबल जाए तो इसमें तेजपत्ते की कुछ पत्तियां डाल दें.- 5 से 10 मिनट तक इन्हें पानी में उबालें. इसके बाद गैस बंद करके पानी को थोड़ा ठंडा होने दें. - अब इस पानी को छान कर एक कप में निकाल लें और गर्मागर्म पी जाएं. आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा अदरक या नींबू का रस मिला सकते हैं. ...

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Jaggery Recipe: गुड़ का उपयोग न केवल मिठाई बनाने में, बल्कि रोजमर्रा के खानपान में भी होता है. यह प्राकृतिक रूप से पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और विटामिन्स पाए जाते हैं.  यह सर्दियों में इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है. सर्दियों में हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. ऐसे में जब शरीर को अधिक ऊर्जा और गर्मी की आवश्यकता होती है उसके लिए गुड़ खाना फायदेमंद होता है. गुड़ शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. गुड़ में मौजूद आयरन और फोलेट खून की कमी को दूर करने में भी मददगार होते हैं. गुड़ खांसी, सर्दी, और फ्लू जैसी सामान्य सर्दी से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में भी मदद करता है. आइए जानते हैं गुड़ की कुछ खास और आसान रेसिपीज के बारे में जो न केवल आपके स्वादिष्ट लगेगा, बल्कि आपकी सेहत का भी ख्याल रखेंगी.  सामग्री:तिल (सफेद) - 1 कपगुड़ (कुटा हुआ) - ½ कपघी - 2 बड़े चम्मचइलायची पाउडर - ½ चम्मचकाजू या बादाम (वैकल्पिक) - ¼ कप, कटे हुए बनाने की विधि:- सबसे पहले एक कड़ाही में तिल को सुनहरा होने तक भूने . - अब उसी कड़ाही में थोड़ा घी डालें और गुड़ को मध्यम आंच पर पिघलाएं.गुड़ को अच्छे से पिघलने दें ताकि वह चिकनाई युक्त हो जाए.- पूरी तरह से पिघल जाने के बाद, इसमें भुने हुए तिल, इलायची पाउडर, और कटे हुए काजू या बादाम मिलाएं.- सारी सामग्री को अच्छे से मिलाएं और गर्म होने पर ही छोटे-छोटे लड्डू बना लें. यदि मिश्रण बहुत गर्म है, तो थोड़ा ठंडा होने दें.- लड्डू बनाने के बाद उन्हें ठंडा होने दें और फिर एयरटाइट डिब्बे में रखें....

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Curd Making Tips: दही स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. दही से आपके शरीर को प्रोटीन और कई दूसरे पोषक तत्व मिलते हैं. बच्चों के लिए भी दही बहुत फायदेमंद होती है. अगर घर का जमा दही हो तो स्वाद और बढ़ जाता है. घर पर बना दही ज्यादा क्रीमी और फ्रेश होता है. हालांकि कुछ लोगों को घर में दही जमाना नहीं आता है. हालांकि सर्दी के मौसम में दही आसानी से नहीं जमती है. ऐसे में दही जमाने के कुछ टिप्स (Curd making tips) ट्राई करके आप सर्दियों में भी एकदम बाजार जैसी गाढ़ी परफेक्ट दही जमा सकते हैं. आज हम आपको सर्दियों में दही जमाने के कुछ ट्रिक्स और टिप्स बता रहे हैं. इस तरह आप ठंड में आसानी से दही बना सकते हैं. जानते हैं टिप्स. - सर्दियों में दही जमाने के लिए आप गर्म पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल तापमान ठंडा होने से दही पतली और पानी जैसी होती है. ऐसे में अगर आप चाहें तो दही के कंटेनर को गर्म पानी में रख सकते हैं. जिससे कंटेनर में गर्माहट बनी रहेगी और दही अच्छी तरह से जम जाएगी. - गर्मियों में दही जमाने के लिए लोग गुनगुने दूध का इस्तेमाल करते हैं. मगर सर्दी के मौसम में गर्म दूध में दही जमाना बेहतर होता है. वहीं दही जमाने के लिए कैसरोल कंटेनर का उपयोग करें. जिससे आपकी दही परफेक्टली जम जाती है. - सर्दी में दही जमाते समय दूध में जामन की मात्रा दोगुनी कर दें. वहीं जामन को दूध में मिलाने के बाद बर्तन को किसी अंधेरी और बंद जगह पर रखें. ऐसे में आप दही वाले कंटेनर को माइक्रोवेव में भी स्टोर कर सकते हैं. इससे दही जल्दी और गाढ़ी जमेगी. - सर्दियों में दही जमाने के लिए आप गर्म पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल तापमान ठंडा होने से दही पतली और पानी जैसी होती है. ऐसे में अगर आप चाहें तो दही के कंटेनर को गर्म पानी में रख सकते हैं. जिससे कंटेनर में गर्माहट बनी रहेगी और दही अच्छी तरह से जम जाएगी. - कई बार गर्म दूध में दही जमाने और दही का कंटेनर गर्म करने के बावजूद दही नहीं जमती है. जिसका कारण सर्दियों का ठंडा वातावरण होता है. ऐसे में दही जमाने के बाद कंटेनर को गर्म करें और फिर इसके चारों तरफ से गर्म कपड़ा लपेट दें. जिससे कंटेनर में गर्मी बनी रहेगी और दही आसानी से जम जाएगी....

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Til-Gud for Winter:  सर्दी के मौसम में गुड़ और तिल दो ऐसी चीजें हैं जो विंटर में ड्राई फ्रूट्स की तरह आपके शरीर में हीट पैदा नहीं करते बल्कि शरीर के तापमान को गर्म रखते हैं और लंबे समय तक उसे मेनटेन करते हैं.काजू-बादाम भी आपके शरीर को ठंड से बचाने का काम करते है लेकिन इनका असर ज़्यदा समय तक नहीं रहता. तिल में प्रोटीन (Protein), कैल्शियम, फाइबर, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-बी1, कॉपर व जिंक आदि तो पाए ही जाते हैं, इसके साथ ही सबसे जरूरी सेसमीन और सेसमोलिन नाम के दो जरूरी कंपाउंड भी इसमें होते हैं जो कैंसर (Cancer) की कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक तिल शरीर के लिए काफी अच्छे होते  हैं. ठंड में तिल को गुड़ के साथ मिलाकर रेगुलर खाने से शरीर में गर्मी बनी रहती है औऱ सर्दी, खांसी, फ्लू के खतरे कम होते हैं. रोजाना तिल और गुड़ का लड्डू या 20-25 ग्राम तक तिल कुट खाना फायदेमंद होता है. तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-बी1, कॉपर  और जिंक के साथ ही सेसमीन और सेसमोलिन नाम के दो कंपाउंड पाए जाते हैं, जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने का काम कर सकते हैं.  तिल हार्ट डिजीज से बचाने में भी मदद करते हैं. इसकी वजह इसमें पाया जाने वाला फाइटोस्टेरॉल, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देता है.  ...

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Period  Remedies : पीरियड्स के दौरान अधिकतर  महिलाओं को पेट में भयंकर दर्द होता है.पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां अक्सर महिलाओं को मुश्किल में डाल देती हैं. कुछ महिलाओं को तो यह दर्द पीरियड्स शुरू होने से भी 2-3 दिन पहले से शुरू हो जाता है.पीरियड्स का सही समय पर आना, दर्द अधिक न होना, फ्लो का सही होना, ये सभी चीजें बहुत जरूरी हैं. ऐसे में दर्द से आराम पाने के लिए ज्यादातर महिलाएं पेनकिलर लेती हैं जोकि हेल्थ के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं. ऐसे में कुछ घरेलू उपाय है जिसे हम पीरियड्स के दौरान सुबह लें तो आपको पूरे दिन आराम मिलेगा और आराम से आप अपना काम कर सकती हैं या ऑफिस जा सकती हैं, आपको जो करना है आप कर सकती हैं वह भी बिना किसी परेशानी के आइए जानते हैं यहां . महिलाएं इन घरेलू नुस्खो को ज़रूर अपनाएं गुनगुने पानी में घीसुबह उठते ही गुनगुने पानी में एक चम्मच घी मिलाकर पीने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान काफी आराम मिलता है.यह  पेट संबंधी समस्याओं और मासिक चक्र के दौरान होने वाले दर्द से राहत प्रदान करता है, इसे पीरियड्स  आने से दो दिन पहले से ही नियमित रूप से पीना शुरू कर देना चाहिए.यह  सूजन कम करने में मदद करता है. किशमिश और केसर का दूधपीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द, मूड स्विंग और अन्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किशमिश और केसर वाला दूध बहुत ही लाभदायक होता है. रात में 4 किशमिश और दो केसर के धागे भींगो कर सुबह उसका पानी पी लें. किशमिश में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखकर पेट संबंधी समस्याओं पर काबू पाने में मदद करते हैं. वहीं केसर में पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पेट और आंतों की सूजन कम करके आराम पहुंचाते हैं. अदरक की चायअदरक की चाय एक प्रभावी उपाय है. पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द से राहत पाने के लिए महिलाएं इसका भी सेवन कर सकती हैं. अदरक के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पेट की लाइनिंग के सूजन को कम करने में मदद करते हैं.  सुबह उठते के साथ ही अदरक का काढ़ा पीने से पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है.  ...

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Jaundice Health Tips: पीलिया एक गंभीर बीमारी होती है जो कि लिवर को काफी कमजोर कर देती है. पीलिया का रोग ज्यादातर नवजात शिशुओं, छोटे बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्कों में देखा जाता है. पीलिया होने के बाद बरती गई लापरवाही कई बार मरीज के लिए जानलेवा तक साबित हो सकती है. पीलिया की बीमारी शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने की वजह से होती है. आमतौर पर पीलिया के इलाज के लिए एलोपैथी का सहारा लिया जाता है लेकिन इस बीमारी पर काबू करने के लिए कुछ देसी ड्रिंक्स और हमारा खानपान भी काफी अहम हो जाता है. पीलिया के मरीजों के लिए फायदेमंद जूसटमाटर का जूस टमाटर सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसमें लाइकोपीन नाम का तत्व पाया जाता है जो लिवर को हेल्दी रखने में मदद करता है. ऐसे में इसका सेवन पीलिया के मरीज के लिए लाभकारी हो सकता है. मूली का जूसमूली का जूस हमारे सिस्टम से एक्सट्रा बिलीरुबिन को बाहर निकालने में मदद करता है. इसे बनाने के लिए एक बड़ी मूली को कद्दूकस करें और इसका रस निकाल लें या मूली के ताजे पत्तों को पानी में उबाल लें. फिर इसे एक साफ मलमल के कपड़े से छान लें. इस मूली के जूस का सेवन रोजाना 2 से 3 गिलास करें.  गाजर का जूसकिसी भी बीमारी में फलों और सब्जियों का जूस शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. अगर आपको पीलिया की शिकायत है तो गाजर और चुकंदर का जूस सेहत के लिए अच्छा होता है. गन्ने का जूसजब पीलिया से जल्दी ठीक होने की बात आती है तो गन्ने का जूस सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. इसका रोजाना दो बार सेवन करने से लिवर को मजबूत बनाने और इसकी एक्टिविटी को बहाल करने में मदद मिलती है. छाछ देसी ड्रिंक के तौर पर पहचानी जाने वाली छाछ गुणों के मामले में किसी से कम नहीं है. छाछ का सेवन बॉडी को हाइड्रेट करने के साथ ही लिवर के लिए भी लाभकारी होता है. रोजाना सुबह शाम छाछ पीने से पीलिया में फायदा होता है.

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Orange Juice Benefits: संतरे के जूस (Orange Juice) में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. इनमें विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, फाइबर, कैल्शियम मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है. जिनका सेवन करने से कई बीमारियां दूर होती है. सर्दियों में संतरे का जूस पीना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. इससे शरीर को कई लाभ होते हैं लेकिन इसका फायदा तभी मिलेगा, जब सही समय पर इसका सेवन किया जाए. आइए जानते हैं ठंड में संतरे का जूस कब पीना चाहिए और इसके क्या-क्या फायदे हैं. इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, फाइबर, कैल्शियम मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर का कई बीमारियों से बचाव कर सकते हैं त्वचा को हेल्दी रखेसर्दियों में संतरे का जूस पीने से त्वचा हेल्दी रहती है, और  त्वचा का ग्लो भी बढ़ता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से त्वचा को बचाते हैं. यह कील-मुंहासों, दाग-धब्बों और झुर्रियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. आंखों के लिए लाभकारीसर्दियों के मौसम में संतरे के जूस का सेवन आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन-ए भरपूर मात्रा में होता है, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. इसके नियमित सेवन आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद मिलती है.  दिल की सेहत के लिए फायदेमंद सर्दियों में ...

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Neem Oil Benefits: नीम के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है. इसका उपयोग बालों और त्वचा की सेहत के लिए किया जाता है. नीम तेल त्वचा को नमी बनाए रखता है और विटामिन ई की विशेषता से त्वचा को बुढ़ापे के लक्षणों से बचाता है. इसके अलावा नीम तेल को अस्थमा और एक्जिमा जैसी समस्याओं के इलाज में भी प्रयुक्त किया जा सकता है.यह चेहरे के दाग-धब्बों, पिंपल्स, मुंहासों और झाइयों को भी धीरे-धीरे गायब कर देता है.  अस्थमा में फायदेमंद अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए नीम के तेल की भाप लेने से काफी फायदेमंद होती है. यानी ये अस्थमा जैसी समस्याओं को कम करने में मददगार होते हैं. इसके अलावा, नीम तेल में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण भी अस्थमा के लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल करने में सक्षम होते हैं. ऐसे में नीम तेल की भाप लेने से अस्थमा के मरीजों को आराम मिल सकता है.  दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद नीम तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो दांतों और मसूड़ों की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. अगर आपको दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन, दांतों में प्लाक जमा होना या मुंह की बदबू जैसी समस्याएं हैं तो आप अपने टूथपेस्ट में नीम का तेल मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. नीम तेल के इस प्रयोग से दांतों और मसूड़ों की इन समस्याओं में राहत मिलेगी और दांत और मुंह की गंदगी भी साफ होगी. एक्जिमा में फायदेमंद एक्जिमा एक ऐसी त्वचा संबंधी बीमारी है जिसमें त्वचा पर खुजली और सूजन हो जाती है.एक्जिमा की समस्या वाले लोगों के लिए  नीम का तेल बहुत फायदेमंद होता  है. नीम के तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये गुण एक्जिमा वाले स्थानों पर लगाने से खुजली कम करते हैं और सूजन को कम करते हैं. ...

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Winter Diet: पपीता (Papaya) में पाया जाने वाले विटामिन्स त्वचा  और आंखों के लिए फायदेमंद होते  है. पपीते शरीर में खून बनाने, हार्ट और मांसपेशियों के लिए भी सहायक होता है. वैसे तो पपीता खाने के कई स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits Of Papaya) हैं लेकिन  सर्दियों में कुछ लोगों के लिए पपीता खाना नुकसानदायक हो सकता है. अपने इन्हीं गुणों के चलते पपीता कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को नियंत्रित करने में काफी असरदार है, लेकिन सर्दियों में इसके सेवन कई तरह की बीमारियों में और अवस्थाओं में खतरनाक हो सकता है. कई लोग पपीते को वजन घटाने (Weight Loss) के लिए भी खाते हैं ले...

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Garlic Benefits: सर्दियां में लहसुन की सिर्फ 2 कली फायदेमंद होती है. लहसुन स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है. लहसुन को एक औषधी की तरह भी इस्तेमाल किया जाता  है, जो फ्लू, सर्दी, जुकाम, खांसी से बचाने का काम करता है. लहसुन (Garlic Benefits) का रोजाना सेवन दिल, दिमाग और मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करता है. जिससे हार्ट की बीमारियों का खतरा भी कम होता ह, डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है और शरीर की इम्यूनिटी   बढ़ती है. आइए जानते हैं लहसुन खाने का क्या तरीका है. - लहसुन में फास्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और कॉपर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होने से लहसुन ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है. सर्दियों में खाने में लहसुन को शामिल कर सकते हैं या लहसुन की चटनी बनाकर सेवन कर सकते हैं. - आप  लहसुन की चाय भी बनाकर पी सकतें है . इसके लिए एक कप पानी लेकर एक कली लहसुन को कूटकर उसमें डाल दें. इसके बाद आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाएं. पानी को करीब दो मिनट के लिए उबालकर आंच बंद करके छान लें. एक छोटा चम्मच शहद और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर सेवन करें. चाय के साथ लहसुन के सेवन से सभी तरह के पौष्टिक तत्व मिल सकते हैं. - कच्चा लहसुन खाने से धमनियों की रुकावट दूर हो जाती  है. लहसुन में एलिसिक पाया जाता है, जो खून को पतला करता है, जिससे हार्ट से ब्लड फ्लो आसानी से हो जाता है. यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है. इससे हार्ट सेहतमंद रहता है. सुबह खाली पेट एक गिलास पानी के साथ कच्चा लहसुन लेने से काफी फायदा होता है. - लहसुन की चटनी खाने से फ्लू, सर्दी, बुखार, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं  दूर होती  हैं. लहसुन खाने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है. इसमें फ्लेवोनॉयड और एलिसिन तत्व पाए जाते हैं, जो थायराइड को कम करते हैं. ...

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Walnut Benefits: अखरोट में कई तरह के पोषक तत्व जैसे- विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर और हेल्दी फैट पाए जाते हैं जो ब्रेन को तेज करते हैं. इसके साथ ही यह कई मेमोरी पावर को बूस्ट करता है. साथ ही थायराइड जैसी समस्याओं को भी दूर करने में प्रभावी हो सकता है. अगर नियमित रूप से अखरोट का सेवन किया जाए, तो यह कई बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है. यह याददाश्त बढ़ाने से लेकर दिल को हेल्दी रखने तक में फायदेमंद होता है.सर्दियों में भीगे हुए अखरोट का सेवन करना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है. तो आइए, जानते हैं सर्दियों में भीगे हुए अखरोट खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं. दिल को रखे स्वस्थसर्दियों में अखरोट का सेवन हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है.भीगे हुए अखरोट खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है. इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है. कैंसर का खतरा करे कमअखरोट का सेवन करने से कैंसर से बचाव किया जा सकता है. इससे प्रोस्टेट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है. अखरोट में पाई जाने वाली पॉलिफेनॉल इलागिटैनिन्स पाया जाता है जो कैंसर से सुरक्षित रखने में आपकी मदद करता है.  हड्डियों को करे मजबूतरोजाना भीखे अखरोट का सेवन करने से हड्डियों और दांतों की मजबूती को बढ़ाई जा सकती है. इसमें मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड हड्डियों की मजबूती को बढ़ा सकते हैं.  ब्लड शुगर कंट्रोल रखेसर्दियों में भीगे हुए अखरोट का सेवन करने से डायबिटीज की समस्या में लाभ हो सकता है. इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है. नियमित रूप से इसका सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम हो सकता है.

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Benefits of Pomegranate: फलों के जूस का सेवन करने से स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं. अनार का जूस हेल्थ के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. अनार में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बीमारियों से शरीर की रक्षा करते हैं. अनार के जूस में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, विटामिन सी, पोटैशियम, फॉस्फोरस जैसे कई पोषक तत्व होते हैं. आइए आज हम आपको अनार का जूस पीने के फायदे बताते हैं. त्वचा में निखार के लिएअनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की कई समस्याओं जैसे-जलन, सूजन और खुजली को कम करता है. इसका जूस पीने से चेहरे पर ग्लो आता है और त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बे कम होने लगते हैं. यह त्वचा के कोलेजेन को बूस्ट कर, त्वचा के लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है. पाचन में सहायकअनार का रस आपके पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और पाचन संबंधी समस्याओं, जैसे कि सूजन आंत्र रोग का इलाज करने में मदद कर सकता है. अनार में मौजूद यौगिक आपकी आंत के लिए अच्छे बैक्टीरिया को प्रोत्साहित कर सकते हैं और पाचन तंत्र में जलन की समस्या को कम कर सकते हैं. हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता हैअनार का रस स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी स्वास्थ्य स्थितियों के विकास के जोखिम को रोक सकता है. अनार दिल से संबंधित सीने में दर्द में सुधार कर सकते हैं और पट्टिका के विकास को रोक सकते हैं और नतीजतन दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है. वजन घटाने में मददगारअनार पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, ये सभी आपको मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और फैट बर्न करने में मदद करते हैं. यह आपकी भूख को दबा कर आपको लंबे समय तक भरा हुआ भी महसूस करवाते हैं. कोशिश करें इसे अपने मीठे पेय पदार्थों से बदलें क्योंकि उससे आपका तेजी से वजन बढ़ सकता है. इम्युनिटी बूस्ट करता है अनार के जूस में भरपूर मात्रा में विटामिन C मौजूद होता है. यह इम्युनिटी को बूस्ट करता है. इसके रोजाना सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. एनीमिया से ग्रसित लोगों को रोजाना अनार का जूस पीना चाहिए. यह उनके लिए रामबाण इलाज है

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Strong Immunity Tips: इम्यूनिटी हमारी बॉडी का डिफेंस सिस्टम होती है. हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए हमारी इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है. इसके कमजोर होने की वजह से हम कई बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते  हैं. इसलिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है. आपकी इम्यूनिटी बैक्टीरिया, वायरस और विषाक्त पदार्थों से होने वाली बीमारियों के खिलाफ आपके शरीर का प्राकृतिक रक् कवच है. कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो इम्यूनिटी को कमजोर बनाती हैं. तो आइए उन चीजों के बारे में जान लीजिए, जिनसे जाने-अनजाने आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो रही है. - स्ट्रेसहमारी लाइफस्टाइल की वजह से स्ट्रेस हमारे जीवन का आम हिस्सा बन गया है. लेकिन, यह हमारे इम्यून सिस्टम के लिए काफी हानिकारक होता है. स्ट्रेस की वजह से हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बनता है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाते हैं. इसलिए अगर आप तनाव का शिकार है, तो इसे कम करने का तरीका सीखें और अगर समस्या गंभीर लग रही है, तो डॉक्टर या एक्सपर्ट की से मिलें. - फल-सब्जियां नहीं खाना फल और सब्जियां शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बनाने में मदद करती हैं. हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ का कहना है, 'एक या अधिक पोषक तत्वों की कमी वाली डाइट इम्यून सेल्स और एंटीबॉडीज के प्रोडक्शन को खराब कर देती है.' यह तो हर कोई जानता ही है फल-सब्जियां पोषक तत्वों का प्रमुख सोर्स होते हैं. - एक्सरसाइज न करना हममें से अधिकांश लोग सर्दियों के दौरान घर में आराम करने के अलावा कुछ नहीं करना चाहते लेकिन रिसर्च का मानना है कि अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है. वेबएमडी के अनुसार, रोजाना एरोबिक एक्सरसाइज आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है जिससे शरीर को कीटाणुओं से बेहतर बचाव करने में मदद मिलती है. - नींद की कमीसोते समय हमारी बॉडी दिनभर की थकावट से रिकवर करती है. लेकिन, नींद पूरी न होने की वजह से हमारा स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है और बॉडी बेहतर तरीके से रिकवर नहीं कर पाती. इस कारण से, तनाव और थकान मिलकर आपकी इम्यूनिटी को कमजोर बनाते हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स भी यही राय देते है कि रोजाना  7-8 घंटे की नींद जरूर लें.  - विटामिन डी की कमी सर्दियों के मौसम में धूप से विटामिन डी प्राप्त करना कुछ मुश्किल हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं. सूरज की रोशनी के संपर्क में आना ही एकमात्र तरीका नहीं है जिससे आप विटामिन प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा आप सैल्मन, सार्डिन, हेरिंग और मैकेरल मछलियां, अंडे, रेड मीट आदि से भी विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं....