Difference between real and fake Jaggery: सर्दियों में जुकाम, खांसी से बचने के लिए हर रोज गुड़ खाना फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, कुछ लोगों को असली और नकली गुड़ की पहचान नहीं होती है, जिसके चलते लोग मार्केट से नकली गुड़ खरीद लाते हैं. ऐसे में अगर आप भी सर्दियों में खूब गुड़ का सेवन करते हैं तो कुछ खास तरीकों से आप रियल और फेक जैगरी (Jaggery) की पहचान कर सकते हैं. कुछ लोग अनजाने में बाजार से नकली गुड़ ले आते हैं, जिसका सेवन सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. ऐसे में गुड़ खरीदने के कुछ टिप्स फॉलो करके आप असली और नकली गुड़ में आसानी से फर्क समझ सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि असली और नकली गुड़ की पहचान कैसे करें. रंग से पहचाने असली गुड़ की पहचान इसके रंग से की जाती है. असली गुड़ का रंग हल्का पीला या थोड़ा भूरा होता है. यह स्वच्छ और चमकदार होता है. इसमें किसी भी तरह के काले, सफेद या अन्य रंग के धब्बे नहीं होते. वहीं, नकली या मिलावटी गुड़ में सफेद रंग के छोटे-छोटे कण या धब्बे दिखाई देते हैं. इसका रंग असली गुड़ की तुलना में गहरा भूरा या काला भी हो सकता है. इसलिए रंग को ध्यान से देखकर असली और नकली गुड़ को आसानी से अलग किया जा सकता है. स्वाद से करें पहचान गुड़ का स्वाद बताता है कि वह असली है या नकली. असली गुड़ का स्वाद बहुत ही सुगंधित और स्वादिष्ट मीठा होता है. असली गुड़ में गन्ने की मीठी खुशबू स्पष्ट रूप से महसूस होती है. इसका स्वाद न बहुत ज्यादा मीठा और न ही बिल्कुल कड़वा होता. जबकि नकली या मिलावटी गुड़ कई बार बहुत अधिक मीठा या कड़वा स्वाद वाला होता है. ऐसे गुड़ से गन्ने की खुशबू नहीं आती. इसलिए स्वाद के आधार पर भी असली और नकली गुड़ में आसानी से फर्क किया जा सकता है. बता दें कि गुड़ को गैस पर गर्म कर के भी पहचाना जा सकता है.असली गुड़ की तरलता थोड़ी चिपचिपी और गाढ़ी होती है. यह आसानी से बह नहीं पाता. जबकि नकली या मिलावटी गुड़ बहुत पतला और पानी जैसा होता है और तरल होने पर आसानी से बह जाता है. ...
Heart Attack in Winters: सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.दरअसल ठंड के कारण खून की मांसपेशियां सुकड़ जाती हैं.जिस कारण ब्लड का बहाव धीमा पड़ जाता है, और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.और दिल का दौरा पड़ने से व्यक्ति की मौत हो जाती है.एक्सपर्ट्स के मुताबिक ठंड में हार्ट अटैक का खतरा 31 प्रतिशत तक ज्यादा बढ़ जाता है. रात में सोने पर शरीर का ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल कम होता है, जिसे सुबह शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम नॉर्मल करने में लगा रहता है. इस मौसम में इस काम को करने में दिल को नॉर्मल से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.आज युवाओं से लेकर बूढ़े यहां तक कि छोटे उम्र के बच्चे भी अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में हार्ट के प्रति सचेत होना और भी ज्यादा जरूरी है. लेकिन आधुनिक लाइफस्टाइल में हमारी कई ऐसी आदतें हैं.जिनकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ठंड में सुबह जल्दी वॉक न करें सर्दियों में हार्ट के पेशेंट को सुबह बहुत जल्दी नहीं उठना चाहिए. जल्दी उठने से नसें सिकुड़ी रहती हैं और ऐसे में तुरंत एक्सरसाइज या वॉक करने में परेशआनी हो सकती है. इसलिए हल्की धूप होने के बाद ही बाहर निकलें और हल्की एक्सरसाइज ही करें. शरीर को कपड़े से कवर रखें. ऑयली चीजों का सेवन न करें सर्दी के मौसम में लोग तला भुना ज्यादा खाया करते हैं. इससे बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है. जिससे हार्ट अटैक का रिस्क कई बढ़ सकता है. इसलिए ठंड में पराठे और ऑयली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए. मन लगाकर एक्सासाइज करेंहार्ट अटैक वाले पेशेंट रोज मन लगाकर आधा घंटे से लेकर 45 मिनट तक एक्सासाइज करें. हेल्दी डाइट लें,जो भी हरी सब्जियां या फ्रूट्स सीजनल होते हैं,उनका सेवन करें. साथ ही पर्याप्त नींद लें.जिससे से आप हार्ट अटैक से बचे रह सकते हैं. कम नमक खाएंहार्ट को हेल्दी रखने के लिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना चाहिए. सर्दियों में जितना हो सके कम नमक खाना चाहिए. दरअसल, शरीर में नमक पानी रोकने का काम करता है. हार्ट को इस लिक्विड को पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है. जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है. लिमिट में पानी पिएंठंड के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं, जो हार्ट के लिए फायदेमंद माना जाता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस मौसम में ज्यादा पानी पीने से हार्ट को ज्यादा लिक्विड पंप करना पड़ता है. जिससे दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है.
Winter Skin Care Tips: सर्दियों में हवा और ड्राई वातावरण की वजह से स्किन फटना शुरू हो जाती है और चेहरे व हाथ पैरों पर खिंचाव महसूस होने लगता है. जिस वजह से चेहरे का ग्लो धीरे-धीरे खोने लगता है. मौसम में बदलने के साथ ही स्किन के हिसाब से उसकी देखभाल में बदलाव की भी जरूरत होती है. इसलिए इस मौसम में अपनी त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए उसकी देखभाल करना आवश्यक है.आइए जानते है कि आप किस तरह अपने डेली स्किन केयर में बदलाव ला सकते हैं और ग्लोइंग व कोमल त्वचा को मेंटेन कर सकते हैं. विंटर स्किन केयर टिप्स- हेल्दी रखें त्वचाअगर आप अपनी स्किन को अंदर से हेल्दी रखेंगे तो इससे आपकी त्वचा नेचुरली खूबसूरत दिखेगी. इसके लिए आप अपने खानपान में बदलाव लाएं. बेहतर होगा कि विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर खाना खाएं और खूब पानी का सेवन करें. इससे आपकी त्वचा हेल्दी, ग्लो करती दिखेगी. - सीरम और नाईट मास्क से करें स्किन हाइड्रेटसर्दियों में त्वचा की देखभाल के लिए हाइड्रेशन बहुत महत्वपूर्ण है.अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए हाइड्रेटिंग सीरम, इमोलिएंट-रिच क्रीम और ओवर-नाईट मास्क का उपयोग करें। देख लें कि आपके हाइड्रेटिंग मास्क, सीरम और मॉइस्चराइजिंग जैल में एलोवेरा, नीम, बेरी का अर्क, गुलाब का अर्क, प्राकृतिक तेल, एडेलवीस का अर्क जैसे तत्व हों. - एक्स्ट्रा मॉइश्चराइजरहाइड्रेटेड त्वचा के लिए जरूरी है कि आप ...
Cold Wave Tips:ठंड का मौसम पूरे चरम पर है और लोग इसका लुत्फ उठा रहे हैं. लेकिन ये मत भूल जाइए कि सर्दियों में चलने वाली ठंडी हवाएं (Cold wave) सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं.मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले या आउटडोर में एक्सरसाइज करने वालों को ज्यादा ऐहतियात बतरनी ज़रूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसमें रक्त धमनियां संकुचित होने लग जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जो हार्ट से जुडी समस्याओं को बढ़ा देता है. जिस वजह से सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है. जानें शीतलहर से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं. 1. सांस से जुड़ी समस्याएंठंडी और बर्फीली हवाएं अस्थमा जैसी सांस की समस्याओं को ट्रिगर कर सकती है. इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और सांस के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ सकता है. इससे जुकाम की समस्या भी बढ़ सकती है. 2. हार्ट से जुड़ी समस्याएंसर्दियों में हार्ट पर प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट की गति बढ़ सकती है. शीतलहर दिल के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है. इससे स्ट्रोक या हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ सकता है. 3. ड्राई स्किनठंड के मौसम में त्वचा रूखी होना काफी आम स्किन प्रॉब्लम्स है. जिससे बचने के लिए स्किन को मॉश्चराइज रखना चाहिए. खासतौर से नहाने के बाद और ठंड के संपर्क में त्वचा को ना आने दें. इसलिए गर्म कपड़े पहनें. 4. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्दसर्दी के मौसम में गठिया की परेशानी काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ठंड हवाओं के संपर्क में आने से मांसपेशियों में अकड़न आ सकती है. इससे चलने में समस्या हो सकती है. इसलिए शीतलहर से बचकर रहना चाहिए. 5. इम्यून सिस्टम वीक होनाबहुत ज्यादा कोल्ड वेव के संपर्क में रहने से इम्यून सिस्ट कमजोर होने का खतरा रहता है. इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां आसानी से हो सकती हैं. वायरल, सर्दी, जुकाम का रिस्क भी कई गुना तक बढ़ सकता है. शीतलहर से बचने के उपाय- गरम कपड़ों को लेयर मे पहनकर रहें.- सर्दियों में खुद को बारिश में भीगने से बचाएं.- गरम पानी पिए, खाने में फल, सब्जियां खाएं साथ ही सूप लेते रहें.- गरम पानी पिए, खाने में फल, सब्जियां खाएं साथ ही सूप लेते रहें....
Pistachio Benefits: पिस्ता हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं. इस में विटामिन सी, विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. यह गर्म नेचर का ड्राई फ्रूट होता है, इसलिए यह सर्दियों में आपको अंदर से गर्म रखने में मदद करता है, साथ ही यह आपकी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है, इसलिए इसे सर्दियों का परफेक्ट स्नैक माना जाता है। आप इसे कई डिसेज में डालकर भी खा सकते हैं. आइए जानते हैं, सर्दियों में रोज पिस्ता खाने के फायदे. वजन कम करने में मददगारपिस्ता आपके पेट को काफी देर तक फुल रखता है, जिस वजह से आपको जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती और आप ओवरइट करने से बच जाते हैं. ओवरइटिंग न करने की वजह से आपका वजन नहीं बढ़ता और हाइपरटेंशन, डायबिटिज और कार्डियो वैस्कुलर डिजीज होने का जोखिम कम हो जाता है. दिल के लिए फायदेमंद पिस्ता में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण और फाइबर ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) की मात्रा को कम करने में सहायक होता है. साथ ही पिस्ते को रोजाना खाने से ब्लड में गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) की मात्रा बढ़ती है. जो हमारे हार्ट के लिए फायदेमंद होता है. इस प्रकार, पिस्ता से होने वाली गुड कोलेस्ट्रॉल स्तर की वृद्धि कई कार्डियोवैस्कुलर रोगों और हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकती है. स्किन के लिए फायदेमंद पिस्ता में पाए जाने वाले पोषक तत्व त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते है. पिस्ता में विटामिन E, एंटीऑक्सीडेंट्स और फैटी एसिड जैसे कई तत्व पाए जाते हैं जो हमारी त्वचा की देखभाल में मदद करते हैं. बालों के लिए फायदेमंदपिस्ता बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसकी कमी से बालों का झड़ना, डैंड्रफ, ड्राई होना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं. पिस्ता में बायोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो बालों को मजबूत बनाता है और मॉइस्चराइज करता है. इस वजह से बाल कम टूटते हैं और उनका रूखापन भी कम होता है....
Christmas special Plum Cake: क्रिसमस का त्योहार आने वाला है और इसकी रौनक देखते ही बन रही है. बाजारों से लेकर लोगों के घरों तक इस जश्न की तैयारी हो रही है. क्रिसमस में एक चीज जो जरूरी होती है वो है केक. क्रिसमस केक खाने में जितना स्वादिष्ट और लजीज लगता है.कुछ लोग क्रिसमस सेलिब्रेट करने के लिए बाहर से केक ऑर्डर करते हैं तो कुछ घर में ही बड़े प्यार से क्रिसमस स्पेशल केक बनाते हैं. तो अगर इस क्रिसमस आप भी फ्रेंड्स और फैमिली के लिए क्रिसमस को और ज्यादा स्पेशल बनाना चाहते हैं तो घर पर बनाएं क्रिसमस स्पेशल प्लम केक. आज हम आपको इस स्पेशल क्रिसमस केक को परफेक्टली बनाने के कुछ टिप्स शेयर करेंगे जिससे आपके केक स्वादिष्ट और मजेदार बनेगा. प्लम केक बनाने की सामग्री (Plum Cake ingredients) 250 ग्राम मैदा, 150 ग्राम ब्राउन शुगर, 30 ग्राम बादाम, 30 ग्राम अखरोट, 1/4 कप दूध, 150 ग्राम अनसाल्टेड मक्खन, 1 चम्मच पिसी हुई दालचीनी100 ग्राम आलूबुखारा, 5 बूंद वेनिला एसेंस, 2 चम्मच बेकिंग पाउडर प्लम केक बनाने की विधि (Plum Cake Recipe) - एक बाउल में आटा और बेकिंग पाउडर को एक साथ मिलाएं. इसके बाद चीनी को अच्छे से मिक्स करने के लिए ब्राउन शुगर और मक्खन को एक साथ मिलाएं. - इसके बाद इसमें अंडे मिलाएं और झागदार होने तक फेंटते रहें. इसके बाद इसे आंटे में मिलाएं, ताकि एक बैटर में कोई गांठ न पड़े. बैटर में दूध और वेनिला एसेंस डालें और अच्छी तरह मिलाएं. अब इसमें दाल चीनी पाउडर डालें और मिलाएं। बैटर को 10 मिनट तक ऐसे ही रहने दें. - इस बीच, मेवे और प्लम को बारीक काट लें और बैटर में मिलाकर, अच्छी तरह फेंटें. अब ओवन को 180 डिग्री पर 15 मिनट के लिए प्रीहीट कर लें. बेकिंग ट्रे को बटर पेपर से बिछाएं और तेल या मक्खन से चिकना करें और थोड़ा आटा छिड़कर, इस पर बैटर डालें. - केक को 160 डिग्री सेल्सियस पर एक घंटे के लिए या 200 डिग्री सेल्सियस को 40 मिनट तक बेक करें. - बेकिंग ट्रे से केक को सावधानी से बाहर निकालें और ड्राई फ्रूट्स से गार्निश करें....
Hair Care Tips: सर्दियों में सर्द हवाएं आपके बालों से नमी को छीन लेती हैं और बदले में डैंड्रफ, स्प्लिट एंड और ड्रायनेस जैसी समस्याएं पैदा कर देती हैं. बदलते मौसम में अपने बालों की आवश्यकता के अनुरूप उनकी देखभाल करने की हिदायत दी जाती है. जी हां, सर्दियों में सिर्फ आपकी स्किन पर ही नहीं बल्कि बालों पर भी बुरा असर पड़ता है. इन समस्याओं से कैसे पाएं छुटकारा ?बाजार में कई ऐसे शैंपू हैं, जो यह दावा करते हैं कि उनके इस्तेमाल से डैंड्रफ की समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन इन शैंपू में केमिकल की मात्रा अधिक होती है और इनके रेग्युलर इस्तेमाल से बाल बेजान हो जाते हैं, लिहाजा रूसी से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय को आजमाना ही फायदेमंद है. रेग्युलरी कंघी करें जब आप कंघी का इस्तेमाल करते हैं तो आपका स्कैल्प उत्तेजित होता है और उसमें ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे स्कैल्प में मौजूद नैचरल ऑइल का सीक्रिशन बढ़ता है. ऐसा करने से बाल और स्कैल्प दोनों हेल्दी रहते हैं और हेल्दी स्कैल्प पपड़ी और डैंड्रफ से फ्री रहता है. लिहाजा रेग्युलर बेसिस पर बालों में कंघी करते रहें. खूब सारा पानी पिएं सर्दी के मौसम में आमतौर पर पानी पीते ही ठंड महसूस होने लगती है, इसलिए ज्यादातर लोग सर्दी में पानी कम पीते हैं, लेकिन ऐसा करने से आपकी स्किन और बाल दोनों डिहाइड्रेट हो जाते हैं और इससे डैंड्रफ की समस्या बढ़ जाती है, लिहाजा सफिशंट पानी पीना बेहद जरूरी है. बालों को करवाती रहें ट्रिमअपने बालों को नियमित रूप से ट्रिम करना भी आवश्यक है, ताकि आपके बाल दो-मुंहे होने से बच जाएं। इन्हें रोकने का कोई जादुई तरीका नहीं है, बस स्थायी रूप से हटाने के लिए आपको इन्हें काटना ही पड़ेगा. बालों को कंडीशन करती रहेंसर्दियों में ड्राय स्कैल्प से छुटकारा पाने के लिए हाइड्रेटिंग और पौष्टिक शैंपू और कंडीशनर का उपयोग करें. बालों को ऑयली होने से बचाने के लिए अपने स्कैल्प से तीन या चार इंच की दूरी पर कंडीशनर लगाएं. पौष्टिक शैंपू और कंडीशनर आपके बालों को पोषण देने में मदद करेगा और ठंड हवाओं के कारण उन्हें रूखे होने से बचाएगा. रूखे बालों पर लगाएं तेलइन दिनों मार्केट में अलग-अलग किस्म के हेयर ऑयल उपलब्ध हैं, जो बालों की कंडीशन और उनके टाइप को आधार मानकर बनाए जाते हैं. सर्दियों में बालों की देखभाल करने के लिए सप्ताह में दो बार उनमें तेल से मालिश जरूर करें. ...
Benefits of Green Cardamom: हर घर की किचन में मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली छोटी इलायची सेहत से भरपूर है. इलायची का सेवन कई मायनों में आपके लिए फायदेमंद रहता है. अधिकतर लोग इलायची को स्वादिष्ट मसाले के रूप में ही प्रयोग करते हैं और इसके सेवन से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में अनजान रहते हैं.इसमें प्रभावशाली औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से इसका उपयोग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में भी किया जाता रहा है.आज हम आपको बताते हैं इलायची खाने से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से. दिल की धड़कन को सुधारती है दिल की धड़कन को सही रखने में छोटी इलायची का सेवन बहुत कारगर साबित होता है. इलायची में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम जैसे खनिज पदार्थ मौजूद हैं. इंसान के रक्त, शरीर में मौजूद तरल और ऊतकों का प्रमुख तत्व पोटेशियम है. इलायची के सेवन से पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा शरीर में बनी रहती है. दांतों के लिए भी लाभदायक इलायची में शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो दांतों की समस्याएं दूर रखने के अलावा सांसों की दुर्गंध से भी छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं. इलायची के तेल में मौजूद फाइटोकेमिकल सिनेओल एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक है जो सांसों की दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने और कैविटी और दांतों की सड़न को रोकने के लिए जाना जाता है. कब्ज से राहतपेट में कब्ज यानी बीमारियों को न्योता. इसलिए हर किसी की कोशिश रहती है कि उसे कब्ज की समस्या न हो. यदि आपको कब्ज है तो छोटी इलायची का सेवन या छोटी इलायची को पकाकर तैयार किए गए पानी का सेवन आपको फायदा पहुंचाएगा. यह आपकी पाचन क्रिया को दुरुस्त कर कब्ज से राहत देती है. निकोटीन छुड़ाने में भी लाभदायक प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में इलायची उन लोगों की भी मदद कर सकती है जो निकोटीन (तंबाकू में पाया जाने वाला खतरनाक केमिकल) छोड़ना चाहते हैं. दिन में 4 से 6 बार इलायची चबाने से निकोटीन की लालसा, बेचैनी, चिड़चिड़ापन और तंबाकू के सेवन की अधीरता कम हो जाती है. यह नींद की गुणवत्ता में भी सुधार करता है और अवसाद से बचाती है. मुंह की बदबू को दूर करेंछोटी इलायची स्वाद बढ़ाने के साथ ही माउथ फ्रेशनर का भी काम करती है. इसे खाने से मुंह की बदबू में राहत मिलती है. यदि आपके मुंह से तेज दुर्गंध आती है और लोग आपसे बात करने में संकोच करते हैं तो आप हर समय एक इलायची अपने मुंह में रख सकते हैं.
Tea Side Effects: चाय पीना लगभग सभी लोगों को खूब पसंद होता है. बहुत ही कम ऐसे लोग हैं जिन्हें चाय पीना पसंद न हो. गम हो या खुशी बात चाय की चुस्कियां पर आकर रूक जाती है. सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए भी चाय बहुत ही जरूरी होती है. हालांकि ज्यादा चाय पीना सेहत के लिए नुकसानदायक (Chai peene ke nuksan) हो सकता है. यह पाचन के लिए खराब (Drinking Too Much Tear Harmful For Health) होती है. अगर आप भी सुबह दोपहर और शाम को चाय की खूब चुस्कियां (Tea Side Effects) लेते हैं तो इससे होने वाले नुकसान को जान लें. ऐसे में आपको बहुत ज्यादा चाय पीने से बचना चाहिए। ज्यादा चाय पीन के साइड इफेक्ट्स 1. ज्यादा चाय पीने से बेचैनी और थकान की समस्या हो सकती है. चाय की पत्तियों में पाया जाने वाला कैफीन शरीर में बेचैनी और थकान को बढ़ाने का काम करता है.2. चाय पीने से जी मचला सकता है और उल्टी का भी मन करता है. ऐसे...
Benefits of Eating Fish: डिप्रेशन दूर करने में ओमेगा-3 के सेवन से अवसाद की स्थिति में भी फायदा मिलता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर अवसाद से घिर जाती हैं, ऐसे में डॉक्टर उन्हें ओमेगा-3 की कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं लेकिन मछली का सेवन करते रहने से कैप्सूल लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.मछली में लो फैट होता है और बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन. ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाने के कारण भी मछली स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है. मछली में विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं इसलिए मछली का सेवन शरीर की कई जरूरतों को पूरा करता है. कैसर से बचाव जो लोग नियमित रूप से मछली का सेवन करते हैं उन्हें कैंसर होने का खतरा कम होता है. मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव करता है. इसे खाने से ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर से बचाव होता है. अगर आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं तो अपने आहार में मछली को इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा. दिल की सुरक्षा के लिए हार्ट पेशेंट्स के लिए मछली बहुत फायदेमंद है. इसमें पाए जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल और उसकी मांस-पेशियों को मजबूत बनाता है. मछली में लो फैट होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने नहीं पाती है. मछलियों में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सुरक्षा में मदद करता है. दिमाग तेज करने के लिएअगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा तेज दिमाग वाला बने तो उसे आज से ही मछली खिलाना शुरू कर दीजिए. मछली में मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क को तेज करने का काम करते हैं. मछली में मौजूद फैटी एसिड दिमाग को तेज करता है और स्मरण शक्ति बढ़ाता है. नींद में सुधारकई लोगों को नींद न आने की समस्या होती है. मछली में मौजूद विटामिन डी नींद की गुणवत्ता को बेहतर करने के साथ डिप्रेशन से छुटकारा भी दिलाता है. इसके नियमित लेने से अच्छी और गहरी नींद आने में मदद मिलती है और चिंता भी दूर होती है. डिप्रेशन दूर करने में सहायक ओमेगा- 3 के सेवन से अवसाद की स्थिति में भी फायदा मिलता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर अवसाद से घिर जाती हैं, ऐसे में डॉक्टर उन्हें ओमेगा-3 की कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं लेकिन मछली का सेवन करते रहने से कैप्सूल लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी....
Juices for Immunity: सर्दियों के मौसम में फिट रहने के लिए हेल्दी डाइट लेना बेहद जरूरी है. इसके लिए लोग कई तरह के हेल्दी फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करते हैं. जूस को भी हेल्दी ड्रिंक्स की लिस्ट में काउंट किया जाता है. एक स्ट्रॉन्ग इम्यून सिस्टम न केवल इंफेक्शन को दूर रखता है बल्कि आपके शरीर को आंतरिक शक्ति भी प्रदान करता है. प्राकृतिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कई तरीके हैं. सर्दियां हो या गर्मियां जूस हर सीजन में सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दियों में कौन सा जूस आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है और ये कैसे आपके इम्यूनिटी सिस्टम को दुरुस्त कर सकता है. चुकंदर-गाजर और अदरक का जूससर्दियों में चुकंदर, गाजर और अदरक का रस पीना बहुत फायदेमंद होता है. सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गर्मी मिलती है. इस जूस को आप एक्सरसाइज करने से पहले या बाद में पी सकते हैं. इस जूस में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं साथ ही इसमें आयरन, विटामिन ए और विटामिन सी भी पाया जाता है. ये जूस एनीमिया की समस्या को कम करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. टमाटर का रसटमाटर का जूस एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है. इसमें विटामिन सी और बीटा कैरोटीन होता है. टमाटर के रस में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है. ये कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कंट्रोल करने में भी मदद कर सकता है. टमाटर के रस में पोटेशियम भी होता है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है. ग्रीन जूसपत्तेदार सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और यह आपकी डेली डाइट का जरूरी हिस्सा होनी चाहिए. ये वजन घटाने में मदद कर सकती हैं. बेहतर इम्यूनिटी के लिए आप पालक और सलाद के साथ जूस तैयार कर सकते हैं. आप इस मिश्रण में थोड़ा सा आंवला भी मिला सकते हैं. ये स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ विटामिन सी भी बढ़ाएगा. गाजर- ग्रीन एप्पल और ऑरेंज जूसये जूस टेस्टी होने के साथ ही काफी हेल्दी भी होता है. इस जूस में एंटीऑक्सीडेंट समेत विटामिन सी और विटामि ए भी पाया जाता है. इस जूस को पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है. कीवी और स्ट्रॉबेरी का जूसकीवी और स्ट्रॉबेरी का मिश्रण स्वादिष्ट होता है जिसका आनंद आप रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ले सकते हैं. ये फल विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. पोषण से भरपूर इस जूस को तैयार करें और इसमें स्वाद के लिए थोड़ी काली मिर्च और नमक भी मिला सकते हैं.
Benefits Of Carrot Juice: गाजर और गाजर का जूस दोनों ही सेहत के लिए टॉनिक की तरह होते हैं. सर्दी के मौसम में इसका सेवन फायदेमद होता है. गाजर का जूस काफी पौष्टिक होता है. इसमें बीटा-कैरोटीन, विटामिन A, K, C, B6, E, फाइबर, पोटैशियम, मैंगनीज और कॉपर समेत कई तत्व पाए जाते हैं. इस जूस (Carrot Juice Benefits) के सेवन से आंखों से लेकर दिल तक की सेहत दुरुस्त रहती है. बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए स्ट्रॉन्ग एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है और कई त...
Fenugreek and Fennel Water: बढ़ता वजन अक्सर ही परेशानी का सबब बन जाता है. वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज या डाइटिंग भी की जाती है लेकिन दोनों के लिए ही एक्स्ट्रा स्ट्रगल करना पड़ता है. जिसके लिए बहुत से लोगों के पास समय नहीं होता है. लेकिन, कोशिश यही रहती है कि किसी ना किसी तरह वजन कम होने लगे. रोज सुबह अगर आपने इस एक पानी को पीना शुरू कर दें तो आपका वजन बहुत आसानी से कम हो सकता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं मेथी और सौंफ के पानी (Fenugreek and Fennel Water) की. इन दो मसालों से बना पानी शरीर के लिए कई रूपों में फायदेमंद हैं. यहां आपको बताया जाएगा इससे जुड़े बढ़े फायदे और इस पानी को बनाने की तरीका. पाचन तंत्रमेथी और सौंफ का पानी पाचन तंत्र (Digestive System) के लिए रामबाण होता है. ये पेट साफ रखता है और पाचन की प्रक्रिया को सरल बनाता है. इसे पीने से कब्ज, एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी समस्या से जल्दी राहत मिल सकती है. वेट लॉस में असरदारनियमित रूप से मेथी सौंफ पानी पीने से वजन कम (Weight Loss) करने में मदद मिल सकती है. ये वेट लॉस की प्रक्रिया को और भी अधिक सरल बना देती है. अधिक बेहतर रिजल्ट के लिए आप इसके बीज को चबाकर भी खा सकते हैं. इम्यूनिटी बूस्टरमेथी और सौंफ दोनों में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) की भारी मात्रा होती हैं. इसलिए ये एक अच्छे इम्यूनिटी बूस्टर (Immunity Booster) के रूप में काम करते हैं. मेथी सौंफ पानी पीने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. डिटॉक्सररोज सुबह उठकर खाली पेट सौंफ और मेथी के पानी को पीने से शरीर अच्छी तरह डिटॉक्स (Detox) हो जाता है. सभी प्रकार का कचड़ा धिरे-धिरे शरीर से बाहर निकल जाता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस पानी को 15 दिनों से ज्यादा समय तक लगातार ना पिएं....
Periods at Early Age: आमतौर पर लड़कियों को 12 से 16 साल की उम्र के बीच पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं. 10 से 15 वर्ष की आयु के बीच किसी भी समय मासिक धर्म आना सही माना जाता है. हालांकि, हर लड़की के शरीर का अपना शेड्यूल होता है. लेकिन, एक स्टडी में हैरान कर देने वाली खुलासा हुआ, कि जिन लड़कियों को 10 साल से कम उम्र में पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं, उनमें आगे चलकर डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. रिसर्चर्स ने 1999 से 2018 के बीच 20 से 65 वर्ष की उम्र की 17,300 से अधिक लड़कियों और महिलाओं के डेटा पर खोज की। इसके बाद उन्हें मासिक धर्म शुरू होने की उम्र के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी में उन्हे बांटा गया, जिसमें 10 से 15 और उससे ज्यादा उम्र की लड़कियां थीं। रिसर्च में पाया गया की लड़कियों को कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने से 65 साल की उम्र से पहले स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। खासकर उन महिलाओं में जिन्हें 10 साल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू हो जाते हैं. 10 साल की उम्र से पहले पीरियड्स आना खतरनाक- रिसर्च में पाया गया है कि जिन महिलाओं को 10 वर्ष या उससे कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो गए थे, उनमें टाइप टू डायबिटीज का जोखिम 32 प्रतिशत, 11 वर्ष की आयु में आने पर 14 प्रतिशत और 12 की उम्र वाली लड़कियों को 29 प्रतिशत अधिक जोखिम पाया गया था.- स्टडी में यह भी पाया गया कि डायबिटीज वाली वो महिलाएं जिन्हें पीरियड्स पहले आए थे, उनमें स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया था लेकिन ओवरऑल कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा नहीं था. - जिन महिलाओं को 10 साल या उससे कम उम्र में पीरियड्स शुरू हुए थे, उन डायबिटीज वाली महिलाओं में स्ट्रोक का जोखिम लगभग तीन गुना अधिक था....
Benefits of Flax Seeds: फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीज सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.यह ओमेगा-3 फैटी एसिड,आहार फाइबर और मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों पाए जाते है.आयुर्वेद में भी अलसी के कई फायदों के बारे में बताया गया है.इसका उपयोग आमतौर पर पोषण संबंधी पूरक के रूप में या स्मूदी, बेक किए गए सामान और अनाज में एक घटक के रूप में किया जाता है. अलसी के बीज के लाभों को अपने आहार में शामिल करने के लिए अलसी पाउडर एक सुविधाजनक तरीका है. रोजाना अलसी का पाउडर खाने से शरीर को कई तरह के फायदेमंद मिलते हैं. आइए जानते हैं इन फायदों के बारे में विस्तार से- हेल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवलअलसी पाउडर में मौजूद घुलनशील फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है. जिससे हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा कम होता है. स्वस्थ त्वचा को बढ़ावा देता हैअलसी पाउडर में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट त्वचा को पोषण देने, सूखापन, सूजन और उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने में मदद करते हैं। वजन प्रबंधन में सहायकअलसी पाउडर में फाइबर, स्वस्थ वसा और प्रोटीन का संयोजन तृप्ति को बढ़ावा देने, भूख को नियंत्रित करने और वजन घटाने के प्रयासों का समर्थन करने में मदद करता है. हड्डियों के लिए फायदेमंद अलसी के पाउडर में जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद साबित होता है. अलसी का पाउडर रोजाना खाने से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है. हार्मोन संतुलन का समर्थन करता हैअलसी के पाउडर में लिग्नांस नामक प्राकृतिक पौधे के यौगिक होते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन के लक्षण कम होते हैं.
Benefits of walnuts: सर्दियां शुरु हो गई हैं. ऐसे में मौसम खराब होने की वजह से सर्दी, जुकाम जैसी बीमारियां होने लगती है इसलिए आपको अपने सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. अगर आप सर्दियों में अपने स्वास्थ का ध्यान रखना चाहते हैं तो अखरोट खाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. अखरोट एक बहुत ही पौष्टिक यानी पोषक तत्वों से भरपूर ड्राई फ्रूट्स है. इसमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और कई जरूरी चीजें पाई जाती हैं जो हमारे शरीर के लिए अच्छे होते हैं.इसके लिए रात में सोने से पहले अखरोट को भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इसे खा लें. तो आइए जानते है अखरोट खाने के फायदे. कब और कितनी मात्रा में खाएं अखरोटएक दिन में सुबह खाली पेट 1-2 अखरोट खाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. आपकी इम्यूमिटी कमजोर है तो आप एक दिन में सिर्फ एक ही अखरोट का सेवन कर सकते है. अखरोट खाने का सबसे अच्छा तरीका है एक अखरोट को रात भर भिगोकर छोड़ दे. भिगोए हुए अखरोट कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं. - दिल और दिमाग के लिए फायदेमंदसुबह खाली पेट भीगे हुए अखरोट खाने से सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. यह दिल और दिमाग दोनों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. इससे शरीर का गंदा कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है. अखरोट खाने से ब्लड सेल्स ठीक से काम करते हैं. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी काफी अच्छा रहता है. - वजन करें कंट्रोलबढ़ता वजन आत के दौर में एक बड़ी समस्या है. वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है जंक फूड लोग अपनी डाइट में तली-भुनी चीजें खाना काफी पसंद करते है जिसकी वजह से उनका वजन बढ़ जाता है. ऐसे में वजन कम करने में अखरोट अहम भूमिका निभा सकता है. ये बॉडी के आपकी बॉडी से एक्स्ट्रा फैट कम करने में मदद करता है. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो वजन को कंट्रोल रखने में मदद करता है. - स्किन के लिए फायदेमंदअखरोट खाने से त्वचा में नमी बनी रहती है जिससे वह सूखने से बचती है. इसलिए अगर आप अपनी त्वचा को मुलायम और कोमल बनाए रखना चाहते हैं तो रोजाना अखरोट खाएं. यह आपको एक खूबसूरत और स्वस्थ त्वचा देगा. बढ़ती उम्र के साथ हमारी त्वचा पर झुर्रियां आना आम बात है. लेकिन अखरोट खाने से यह झुर्रियां कम हो सकती हैं.
Lip care tips in winters: सर्दियों का मौसम अपने साथ कई परेशानियों को लेकर आता है. सर्दियों में ठंडी हवा स्किन को ड्राई बनाने के साथ डार्क भी करने का काम करती है.इसके चलते होंठ फटने या चटकने लगते हैं. धीरे-धीरे इनमें दर्द और खून भी आने लगता है. ऐसे में जरूरी है कि इनका खास ध्यान रखा जाए. आप चाहें तो घर पर ही कुछ आसान उपाय करके इस परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं. इन घरेलू नुस्खों की मदद से आप न केवल होंठों की परेशानी को दूर करेंगे, बल्कि खूबसूरत भी बना पाएंगे. आइए जानते हैं फटे होंठों से निजात पाने के आसान उपाय. - रोजाना रात को सोने से पहले होठों पर बादाम का तेल लगाना फायदेमंद होता है. बादाम के तेल में मौजूद विटामिन ई के गुण फटे होंठों को ठीक करने में कारगर हैं. साथ ही यह नई त्वचा कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है जिससे होंठ मुलायम हो जाते हैं. - अगर होंठ फटे नहीं हैं और सिर्फ सूखे हैं तो नींबू के रस का उपयोग किया जा सकता है. नींबू के रस में चीनी के टुकड़े या शहद मिलाकर होठों की मसाज करने से असर दिखता है. इस रस को 5 मिनट तक होठों पर मलने के बाद होठों को पानी से साफ कर लें और उन पर लिप बाम लगा लें. - एक चम्मच कॉफी में नारियल का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें. इस मिश्रण को बहुत अधिक पतला करने से बचें.इसे होंठों पर लगाकर हल्के हाथों से रगड़ें और फिर धो लें. फटे होठों की समस्या से राहत मिलेगी. - चुकंदर के रस और शहद को मिलाकर एक बेहतरीन लिप मास्क बनाया जा सकता है. इस लिप मास्क को होठों पर लगाकर 15 मिनट तक रखें और फिर धो लें.चुकंदर के इस्तेमाल से होठों को प्राकृतिक गुलाबी रंग भी मिलता है जो देखने में बहुत खूबसूरत लगता है.
Health benefits of Gajak: सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में आपको कई तरह की गजक आसानी से देखने को मिल जाती है. ठंड में धूप सेंकते हुए या खाने के बाद गजक खाने का अलग ही मजा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गजक स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत को भी कई गजब के फायदे प्रदान करती है? गजक में कैल्शियम भी होता है जो हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद है. ज्यादातर लोग स्वाद के लिए इसके खाते हैं यह खाने खास्ता और टेस्टी होता है लेकिन गजक सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. तो आइए जानते हैं सर्दियों में गजक खाने के फायदे. एनर्जी बढ़ाएतिल और गुड़ दोनों की ही तासीर गर्म होती है इसलिए तिल और गुड़ से बनी गजक आपके शरीर को गर्म रखती है. इससे आपके शरीर में एनर्जी और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है जिससे आप मौसमी बीमारियों के चपेट में आने से बचे रहते हैं. ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोलगजक में मौजूद तिल एक ऐसी सामग्री है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक होती है. तिल में सिसामोलिन नामक तत्व पाया जाता है.यह एक प्राकृतिक वसा अम्ल होता है जो धमनियों को आराम देता है और रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है. ग्लोइंग स्किन गजक में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये स्किन की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाते हैं. साथ ही यह झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम करने में भी मदद करते हैं.इसके अलावा, गजक में जिंक और सेलेनियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं जो स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाए रखते हैं. रोजाना गजक खाने से स्किन में चमक आती है. हड्डियों को मजबूत बनाएतिल और गुड़ दोनों में ही कैल्शियम की अच्छी मात्रा मौजूद होती है इसलिए गजक के सेवन से आपके शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होती है.गजक के सेवन से आपके दांत और हड्डियां मजबूत बनी रहती है. पाचन को बेहतर रखेगजक में फाइबर की भी अच्छी मात्रा मौजूद होती है इसलिए इसके सेवन से आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे- गैस, एसीडिटी और कब्ज से छुटकारा मिलाता है. इसके साथ ही इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी मजबूत बना रहता है जिससे आपको वजन घटाने में भी मदद मिलती है.
Custard Apple Benefits: ठंड में लोग जल्दी बीमार पड़ते हैं. इसकी एक मुख्य वजह कमजोर इम्यूनिटी यानी की शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति का कम होना है.ठंडे वातावरण में वायरस लंबे समय तक जिंदा रहते हैं.ऐसे में जरूरी हो जाता है कि बॉडी को मौसम के अनुकूल बनाने के लिए दूरुस्त किया जाए. ऐसा करने के लिए पोष्टिक आहार से बेहतर दूसरा कोई और उपाय नहीं होता है. हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता हैNIH में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक कंपाउंड्स, कायूरेनोइक एसिड और विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, कस्टर्ड ऐप्पल हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसके साथ ही इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व रक्त वाहिकाओं के फैलाव में सहायता करती है, जो रक्तचाप पर कंट्रोल बनाए रखने में मदद करती है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करती है. कैंसर में फायदेमंद कैंसर एक भयानक बीमारी है जिससे बचाव के लिए हमें अपनी रोजाना आदतों और खानपान में सुधार लाना चाहिए. शरीफा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाली कोशिकाओं की क्षति को रोकते हैं, जो कि कैंसर के विकास को रोकने में सहायक होता है. कैंसर के मरीजों के लिए शरीफा खाना बहुत ही लाभदायक है. मूड को बूस्ट करने में मदद करता हैयह फल विटामिन बी6 का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो मूड को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.रक्त में विटामिन बी 6 के अपर्याप्त स्तर और अवसाद आपस में संबंधित होते हैं. इसलिए, फल में विटामिन बी6 की भरपूर मात्रा अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करने की क्षमता रखती है. त्वचा के लिए अच्छा है सीताफलएंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत, कस्टर्ड सेब त्वचा को मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करता है और उम्र बढ़ने जैसी त्वचा से संबंधित कई मुद्दों को रोकता है. यह सीबम के उत्पादन को कम करने में भी मदद करता है, जिससे मुंहासे और पिंपल्स जैसी त्वचा की समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है. आंखों के स्वास्थ्य में सुधारस्वस्थ आंखों के लिए विटामिन सी और राइबोफ्लेविन दो सबसे आवश्यक पोषक तत्व हैं. कस्टर्ड ऐप्पल में मौजूद ये एंटीऑक्सीडेंट पोषक तत्व मुक्त कणों से लड़ने में मदद करने की क्षमता रखते हैं, जिससे कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है. कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सिडेंट, ल्यूटिन, ऑक्सीडेटिव क्षति से आंखों की सुरक्षा में भी योगदान देता है.
Makki Ki Roti: ठंड में बाजरा और मक्का के आटे से बनी रोटी खाने से शरीर गर्म रहता है और पाचन भी अच्छा रहता है। सर्दियों में आपको ये रोटी अपनी डाइट में जरूर शामिल करनी चाहिए. हालांकि बाजरा और मक्का की रोटी बनाने में काफी मुश्किल आती है. बाजरा के आटे की रोटी बनाते बनाते या तो टूट जाती है या फिर बेलने में मुश्किल आती है. आज हम आपको बड़ी सिंपल ट्रिक से मक्के की रोटी बनाना बता रहे हैं. इस तरह आप घर पर बिना फटे और टूटे मक्के की रोटी बना सकते हैं. मक्के की रोटी बनाने के लिए सामग्री (Ingredients for Makki Ki Roti) 2 कप मक्के का आटा, 1/2 कप गेहूं का आटा, 2- 3 टेबल स्पून कटा हरा धनिया , 2 टेबल स्पून घी, 1/2 छोटी चम्मच अजवाइन, 1 छोटी चम्मच तेल, नमक स्वादानुसार मक्के की रोटी बनाने की रेसिपी (Corn Flour Roti Recipe)- किसी बड़े बर्तन में मक्की का आटा और गेहूं का आटा छान लें.- अब आटे में बारीक कटा हरा धनिया, अजवायन, नमक और तेल डाल दें.- आटे को सूखा ही अच्छी तरह से मिक्स कर लें. - अब हल्के गुनगुने पानी से नरम आटा गूंथ कर तैयार कर लें.- आटे को बाइन्ड करने के बाद 5 मिनट तक मसलते रहें.- लोई पर थोड़ा सा आटा लगाकर उंगलियों और हथेलियों से इसे थोड़ा बड़ा कर लें.- आपको रोटी को हल्के हाथ से मोटा बेलना है. अब रोटी को उठाकर थोड़ा हाथ से बड़ा करते हुए अतिरिक्त सूखा आटा झाड़ दें और तवा पर डाल दें.- इस बीच दूसरी रोटी भी तैयार कर लें. तवे पर पड़ी रोटी को हल्का सिकने के बाद पलट दें. - रोटी को दूसरी तरफ से हल्क...
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