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Benefits of Bhutta: भुट्टा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. पूरी दुनिया में भुट्टा ऐसा अनाज है जो काफी ज्यादा पसंद किया जाता है. साथ ही इसके कई किस्मों से उगाया जाता है. यह स्वाद में लाजवाब और गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको इसके फायदे के बारे में बताएंगे.आयुर्वेद में भुट्टा खाने के कई फायदे गिनाए गए हैं. ये प्यास को शांत करने वाला होता है. अच्छी बात ये है कि एक ओर जहां बहुत सी चीजें पकने के बाद अपना पोषक गुण खो देती हैं वहीं भुट्टे का पोषण और बढ़ जाता है. भुट्टा कैरेटोनॉएड और विटामिन ए का अचछा स्त्रोत है. 1. पोषक तत्वों से भरपूर है भुट्टायह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है. इसमें बायोफ्लेवोनोइड्स और कैरोटीनॉयड सहित एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो स्वास्थ्य के खतरों को दूर रखने में मदद करते हैं. 2. कोलेस्ट्रॉल को कम करेविटामिन सी, बायोफ्लेविनोइड्स, कैरोटेनॉयड्स और फाइबर से भरपूर होने के कारण कॉर्न कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. यह आपकी धमनियों को ब्लॉक होने से भी रोकता है. यह बदले में आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करता है. 3. पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है मक्कामक्का आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत बढ़िया है. चारे की मदद से आपको मल त्यागने में आसानी होती है. साथ ही यह पेट से जुड़े सहायक उपकरण जैसे कि आदिम से भी राहत प्राप्त करने में मदद करता है. 4. हड्डियों एक लिए फायदेमंदक्या आप जानते हैं कि मकई जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम और लौह जैसे खनिजों में समृद्ध है? एनसीबीआई के अनुसार ये खनिज आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह आपको गठिया जैसी विभिन्न हड्डियों से संबंधित बीमारियों से भी बचाता है. 5. कब्ज को जड़ से भगाएकब्ज वास्तव में परेशान करने वाली स्थिति हो सकती है. हालांकि, भुट्टा खाने से आपको इस स्थिति से प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद मिल सकती है. मकई फाइबर से भरपूर होता है जो आपके कोलन में फंसे भोजन को साफ करने में मदद करता है.

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Benefits of Eating Green Onions: हरा प्याज एक ऐसी सब्जी है जो सर्दियों में हड्डियों और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है. सर्दियों में हरा प्याज खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. हरे प्याज में कई गुण और पोषक तत्व होते हैं जो सर्दियों के दौरान फायदेमंद माने जाते हैं. हरा प्याज विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और कई खनिजों से भरपूर होता है. इस में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, विटामिन C और कई खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. जो सभी इम्यूनिटी को मजबूत करके सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव करते हैं. बता दें कि हरी प्याज के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं. आंखों के लिए हरे प्याज के फायदेहरे प्याज में विटामिन-ए की अच्छी मात्रा में मौजूद होती है. आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विटामिन-ए मुख्य भूमिका निभा सकता है. यह अंधेरे में आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद कर सकता है.साथ ही आंखों के रेटिना में पिगमेंट (रंगद्रव्य) को बढ़ाने में मदद करते  है. गठिया के लिएगठिया की समस्या के लिए हरे प्याज का उपयोग फायदेमंद होता है. दरअसल, गठिया के प्रभाव को कम करने के लिए एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) गुण फायदेमंद होता है. वहीं, हरे प्याज की पत्तियों के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. इसलिए इसका उपयोग गठिया की समस्या में लाभ पहुंचाने का काम करते है.  पाचन संबंधी समस्या मेंहरे प्याज का उपयोग पाचन को सुधारने में फायदेमंद हो सकता है. दरअसल, एक रिसर्च में पाया गया कि हरे प्याज में पाचन क्षमता को बढ़ाने वाले और पाचन संबंधी विकारों को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं. ऐसे में, हम यह मान सकते हैं कि अच्छे पाचन के लिए हरे प्याज का सेवन किया जा सकता है. हड्डियों के लिए फायदेमंद सर्दियों का मौसम आते ही कई लोगों को हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है. ठंड और नमी के कारण जोड़ों में सूजन आ जाती है जिससे दर्द और अकड़न होती है. ऐसे में हरी प्याज खाना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. हरी प्याज में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सर्दियों में हड्डियों और ज...

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Orange Benefits In Winter Season: सर्दियों के मौसम में संतरा खाना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है. कुछ लोग संतरा खाने से डरते हैं. उन्हें लगता है कि ठंड के मौसम में संतरा खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी समेत कई दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि यह बात पूरी तरह गलत है. सर्दियों में आपको हेल्थ संबंधी परेशानियों से बचना है और इम्युनिटी को मजबूत रखनाा है तो हर रोज एक संतरा खाना चाहिए.संतरा में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनसे आप सर्दियों में फिट व तंदुरुस्त रह सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ठंड के मौसम में यह खट्टा फल आपको कई बीमारियों से बचा सकता है.आज हम आपको बताएंगे कि हर रोज संतरा खाने के होते हैं ये गजब के फायदे.  जानें संतरा खाने के फायदे1. स्ट्रांग इम्यूनिटीएक संतरे में लगभग 50 मिलीग्राम विटामिन C होता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है. इससे सर्दी, जुकाम और अन्य सीजनल फ्लू से बचाव करने में मदद मिलती है. विटामिन सी एक बहुत ही महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, जो व्हाइट ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद करता है.  2. आंखें रहती हैं हेल्दीबढ़ती उम्र के साथ नजर (Vision) कमजोर होने लगती है.अगर खान-पान को अच्छा रखा जाए, तो लंबे समय तक आंखों को हेल्दी रखा जा सकता है. संतरा को डाइट में शामिल किया जाए, तो उम्र मैक्यूलर डिजनरेशन नामक कंडीशन से बचा जा सकता है. मैक्यूलर डिजनरेशन की वजह से आंखी की रोशनी कम होने लगती है और अंधेपन की समस्या हो सकती है. 3. मेमोरी होती है तेज संतरे में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स मस्तिष्क को संज्ञानात्मक गिरावट (Cognitive Decline) से बचाने में भी मदद कर सकता है. इससे अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है.  4. हार्ट डिजीज का खतरा करे कमडच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया, जिसमें पता चला है कि जो लोग एक सप्ताह में चार से आठ गिलास संतरे का रस पीते हैं, उनमें स्ट्रोक का खतरा 24% कम हो जाता है. यहां तक कि सप्ताह में तीन बार एक गिलास संतरे का रस पीने से स्ट्रोक होने के जोखिम में 20% की कमी आई है....

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Winter Tips for Elder People: सर्दियों का मौसम आ गया है. इस दौरान कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर पर बुजुर्गों को इस मौसम में ज्यादा खतरा रहता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में हर साल सर्दियों में 60 से अधिक उम्र वाले लोगों की मौतों का आंकड़ा बढ़ जाता है. इसका कारण यह है कि सर्दियों के मौसम मे बीमारियों के केस बढ़ जाते हैं. इस मौसम में तीन बीमारियों हार्ट अटैक, अस्थमा और ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है. हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के केस हाई बीपी के मरीजों में अधिक देखने को मिलते हैं. वहीं, अस्थमा वाले मरीजों की परेशानी भी बढ़ जाती है.इनसे बचने के लिए बुजुर्गों को स्पेशल केयर की जरूरत होती है. आज आपको बताएंगे कि सर्दियों में बुजुर्गों का ख्याल कैसे रखें. बुजुर्गों की सेहत का खास ख्याल रखेंहेल्थ एक्सपर्ट्स सर्दी के मौसम को लेकर सलाह देते हैं कि इस मौसम में बुजुर्गों की सेहत (Elderly People Health in Winter) का खास ख्याल रखना चाहिए. ठंड में सुबह के वक्त हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. इस मौसम में हार्ट की आर्टरीज में कम तापमान के चलते क्लॉट हो जाते हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक का जोखिम ज्यादा रहता है. इसलिए बुजुर्कों को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. घर से बाहर न जाने देंनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एजिंग की रिपोर्ट के मुताबिक सर्दियों में घर से बाहर का टेंपरेचर काफी कम हो जाता है, इसलिए बुजुर्गों लोगों को घर के अंदर ही रखना चाहिए. जरूरत होने पर पूरी सेफ्टी के साथ बाहर निकलने में ही भलाई है. अत्यधिक ठंड में ज्यादा देर तक बाहर रहना बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए उन्हें ज्यादा देर तक बाहर न रहने दें. प्रॉपर तरीके से गर्म कपड़े पहनाएंसर्दी से बचने के लिए बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनाने चाहिए. आप एक मोटे कपड़े के बजाय दो या तीन कपड़े पहनाकर सेफ्टी लेयर बना सकते हैं. इससे उन्हें सर्दी से राहत मिलेगी और बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा. ध्यान रखें कि बाहर जाते समय उन्हें कुछ एक्स्ट्रा कपड़े भी पहनाएं ताकि सर्दी से उनकी हेल्थ पर ज्यादा असर ना पड़े. कमरे को रखें गर्मसर्दी के मौसम में घर के अंदर का तापमान भी कम हो जाता है और इससे बुजुर्गों को परेशानियां हो सकती हैं. इससे बचने के लिए कमरे को गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए. कमरे का तापमान मेंटेन करने के लिए आप रूम हीटर का सावधानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. कमरे की खिड़...

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Benefits of Green Saunf: रसोई में इस्तेमाल होने वाले कई सारे मसाले खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही ये मसाले सेहत के लिए भी बेहद गुणकारी होते हैं. सौंफ इन्हीं मसालों में से एक है, जिसे कई लोग खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं आपने अक्सर यह देखा होगा कि होटल, रेस्टोरेंट्स या घर में लोग खाने के बाद सौंफ और मिश्री का सेवन करते हैं.ये मानसिक ही नहीं शारीरिक दिक्कतों के लिए भी कारगर है. पेट को ठंडक प्रदान करने में भी ये बहुत कारगर है. खाना खाने के बाद हर दिन यदि 30 ग्राम सौंफ खाया जाए तो इससे कोलेस्ट्राल की समस्या दूर होती हैं. - पाचन तंत्र करे दुरुस्तअगर आप अक्सर पेट से जुड़ी समस्याओं की वजह से परेशान रहते हैं, तो उसके लिए भी सोच और मिश्री का सेवन कर सकते हैं. एक चम्मच में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर खाने से एसिडिटी, गैस समेत पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है और पाचन तंत्र भी दुरुस्त होता है. - आंखों के लिए फायदेमंदअगर आप अपनी आंखों की रोशनी बढ़ाना चाहते हैं, तो उसके लिए और मिश्री का सेवन फायदेमंद होगा. दरअसल, इसके सेवन से आंखों की रोशनी तेज होती है. रोजाना एक चम्मच सौंफ में आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाने से या इसका पाउडर दूध के साथ लेने से आंखों से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती हैं. - इम्युनिटी बढ़ाएसौंफ और मिश्री खाने से इम्युनिटी बढ़ाने में भी काफी मदद मिलती है. दरअसल, सौंफ में मौजूद विटामिन सी प्राकृतिक रूप से शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है, तो वहीं मिश्री खाने से आपको फोरन एनर्जी मिलती है. ऐसे में सौंफ और मिश्री खाने से मन और शरीर शांत रहते हैं. - खांसी-जुखाम में गुणकारीअगर आप खांसी और गले की खराश की समस्या से परेशान हैं, तो सौंफ और मिश्री खा सकते हैं। इसके औषधीय गुण आपको सर्दी-जुखाम से राहत दिलाने में काफी मददगार साबित होंगे. - हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मददगारअगर आपका हीमोग्लोबिन कम है, तो आप सौंफ और मिश्री जरूर खाएं.इसके सेवन से शरीर में आयरन की कमी पूरी होती है. साथ ही यह हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के साथ ही शरीर में ब्लड फ्लो को भी सुधारता है. - मुंह की दुर्गंध दूर करेसौंफ और मिश्री आपकी ओरल हेल्थ के लिए भी काफी लाभकारी होते हैं. अगर आप अक्सर मुंह की दुर्गंध की समस्या से परेशान हैं, तो सौंफ और मिश्री के सेवन से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. यह दोनों बैक्टीरिया को दूर कर मुंह का पीएच लेवल बनाए रखने में मदद करते हैं....

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Dry Caugh Tips: खांसी एक ऐसी समस्या है जिसे लोग बहुत हल्के में लेते हैं. ज्यादातर लोग तो डॉक्टर के पास जाने में भी संकोच करते हैं. सर्दियों के मौसम में खांसी की समस्या काफी आम होती है. अगर आपको तीन सप्ताह से अधिक समय से खांसी है और यह बंद नहीं हो रही है तो समझ जाइए कि यह सामान्य खांसी नहीं है. ऐसे में डॉक्टर को दिखाना काफी जरूरी होता है. खांसी के कई कारण हो सकते हैं जैसे एलर्जी, इंफेक्शन, स्मोकिंग आदि. ऐसे में अगर आपकी खांसी भी लंबे समय से ठीक होने का नाम नहां ले रही है तो इसका कारण जानना आपके लिए काफी जरूरी है. - इंफेक्शनइंफेक्शन की वजह से सर्दी-ज़ुकाम ठीक होने के बाद भी मरीज़ को बहुत दिनों तक खांसी की समस्या बनी रहती है. इस प्रकार की खांसी कई बार 2 महीनों तक बनी रह सकती है. जिसमें, श्वसन मार्गों में इरिटेशन होती है और आपको खांसी की समस्या हो सकती है. जिसे, ठीक होने में समय लग लगता है.  - अस्थमाश्वसन के दौरान, जिस हवा में हम सांस लेते हैं वह नाक, गले और फेफड़ों में जाती है. अस्थमा होने वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. इससे बलगम बनता है जिससे वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है जो आगे फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकता है. इसके कारण अस्थमा के मरीज को काफी खांसी आती है. अस्थमा में सूखी और गीली, दोनों प्रकार की खांसी आ सकती है. पर सूखी खांसी बहुत कॉमन है - गैस्ट्रोइसोफेजियल रीफ्लक्स रोग गैस्ट्रोइसोफेजियल  रीफ्लक्स रोग यानि GERD खांसी और एसिडिटी का एक आम कारण है. यह पेट के अम्ल और पाचन रसों के गले में चले जाने से होता है, जिससे लगातार खांसी और सीने में जलन की समस्या होती है. GERD में खाने के बाद, झुकते वक्त या लेटते समय अकसर खांसी और जलन शुरू हो जाती है. यह एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है. अगर ज्यादे दिन तक खांसी बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.  - एलर्जी कई लोगों को आस-पास के वातावरण से एलर्जी होती है, जैसे - धूल-कण, पशु-पक्षियों की बालों आदि से. कई बार एलर्जी से होने वाली खांसी कई हफ्तों तक रह सकती है. इसलिए एलर्जी टेस्ट करवाकर खांसी के कारणों का पता लगाना जरूरी हो जाता है. - फेफड़ों का कैंसरलंबे समय तक होने वाली खांसी का कारण फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है. फेफड़ों का कैंसर होने पर खांसते समय खून भी आ सकता है. लेकिन अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं या आपकी फैमिली में किसी को भी लंग कैंसर नहीं हुआ है तो आपकी खांसी का कुछ और कारण हो सकता है. वैसे तो स्मोकिंग, फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. लेकिन पैसिव स्मोकिंग और तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से भी लंग कैंसर के मामले में काफी देखने को मिल रहे हैं....

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Health tips: बच्चों की उम्र के हिसाब से हाइट न बढ़ना एक आम समस्या है. कई बार हम उतने लंबे नहीं बन पाते हैं जितना हमने बचपन में उम्मीद होती है. ऐसा होने का कारण केवल हमारे जेनेटिक ही नहीं बल्कि हमारे खान पान और शरीर में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण भी हो सकता है. कुछ विटामिन्स हमें बढ़ने में मदद करते है और अगर शरीर में इनकी कमी होगी तो हमारी हाइट प्रभावित हो सकती है और हम उतने नहीं बढ़ पाते हैं जितनी हमने उम्मीद की थी. आइए, समझते हैं इन दोनों विटामिन्स के बारे में डिटेल से और इनकी कमी को दूर करने के उपाय. विटामिन डीयह हमारी हड्डियों को बढ़ने और मजबूत बनाने के लिए आवश्यक होता है.कैल्शियम और फॉस्फोरस अब्जॉर्ब करने के लिए भी यह विटामिन जरूरी होता है.  इसे सूर्य की रोशनी से प्राप्त किया जा सकता है.  विटामिन सीविटामिन सी भी हड्डियों और दांतों को मजबूत करने में काफी लाभदायक माना जाता है. यह एक एंटी ऑक्सिडेंट होता है और इम्यून सिस्टम के लिए भी बढ़िया होता है.  विटामिन बी यह शरीर के विकास में मदद करता है और पाचन क्रिया में भी लाभदायक होता है. यह एक हेल्दी हार्ट और नर्वस सिस्टम के लिए भी जरूरी होता है. इसका स्रोत चावल, मूंग फली और सोयाबीन होते हैं.  कैल्शियमअगर हड्डियों के विकास और मजबूती की बात आए तो कैल्शियम सबसे आवश्यक विटामिन है इसके काफी अच्छे स्रोत दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट होते हैं. अगर आप डेयरी नहीं खाते हैं तो पालक, टर्निप ग्रीन आदि का सेवन कर सकते हैं.   

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Benefits of Red Grapes: किडनी पेशेंट्स में डाइट को लेकर काफी बदलाव किए जाने की जरूरत होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि डाइट का ध्यान रखकर किडनी से जुड़ी समस्याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है. वैसे तो किडनी के मरीजों के लिए कई चीजों का सेवन फायदेमंद हो सकता है, लेकिन उनमें से एक नाम अंगूर है. किडनी से जुड़ी परेशानियों के लिए अंगूर कैसे लाभकारी है, इसके बारे में लेख में आगे विस्तार से जानेंगे.  किडनी के लिए फायदेमंद अंगूर एक ऐसा फल है जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक अमूमन सभी को पसंद होता है. सबसे खास बात यह है इसे खाने के लिए अन्य फलों की तरह मेहनत नहीं करनी पड़ती है. बस धोया और सीधा खा लिया. किडनी पेशेंट्स को खास तौर से लाल अंगूर का सेवन करने की सलाह दी जाती है. हेल्दी रहेगा दिलअगर आप भी अपने दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो लाल अंगूर आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स के तत्व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं और ये दिल से जुड़ी बीमारियों से भी दूर रखता है. इसलिए आप इसका सेवन कर सकते हैं. हड्डियों को मजबूती देता हैलाल अंगूर में रेस्वेराट्रॉल तत्व होता है, जो हड्डियों को मजबूत रखता है और साथ ही ये आपकी सेहत का भी ध्यान रखता है. लाल अंगूर के सेवन से आपकी हड्डियों को मजबूती मिलती है और हड्डियां से जुड़ी बीमारियों का दूर रखने में भी ये मदद करता है. विटामिन-सी और फ्लेवोनोइड्स से भरपूरअंगूर में विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स की उच्च मात्रा होती है, जो सूजन से लड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं.ये एंटीऑक्सीडेंट्स किडनी की बीमारी को बढ़ने से रोकने के साथ हृदय रोग, डायबिटीज व अन्य कई रोगों से सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं.  पोषक तत्वआपको बता दें कि 75 ग्राम लगभग आधा कप अंगूर में 1.5 मिलीग्राम सोडियम, 144 मिलीग्राम पोटेशियम, 14 मिलीग्राम फास्फोरस व 0.5 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है. किडनी पेशेंट्स अंगूर को कैसे खाएं- NCBI में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक,अंगूर के पाउडर का सेवन करने वालों में किडनी के पेशेंट्स के लिए अच्छा पाया गया है. डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए.- लाल अंगूर का सेवन स्नैक्स और सलाद की तरह कर सकते हैं.- अलग-अलग रेसिपी में लाल अंगूर का इस्तेमाल कर सकते हैं.  ...

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Till ke Laddu: सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही घरों में सेहत को ध्यान में रखते हुए कुछ न कुछ स्वीट डिशेस बनना शुरू हो जाती हैं. इसके अलावा अलग-अलग वैराइटीज़ के हलवे जैसे गाजर का हलवा, मूंग का हलवा भी काफी पसंद की जाने वाली स्वीट डिश होती हैं. सर्दियों में तिल की चीजें खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है.तिल एक पौष्‍टिक चीज है जिसे आप हर दिन अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. अगर आप अपने परिवार को सेहतमंद रखना चाहती हैं तो तिल और गुड़ के लड्डू जरूर बनाएं.इन्‍हें बनाना काफी आसान है और इन्‍हें ज्‍यादा मात्रा में बना कर स्‍टोर कर के कई दिनों तक खाया जा सकता है.तो चलिए जानते हैं तिल और गुड़ के लड्डू बनाने की आसान विधि-  तिल के लड्डू बनाने की सामग्री50 ग्राम तिल, ¼ कप मूंगफली, ¼ कप घिसा हुआ नारियल , ½ कप कद्दूकस किया हुआ गुड़ या 100 ग्राम गुड़ , 3 बड़ा चम्मच पानी, ¼ चम्मच इलायची पाउडर, हथेलियों को चिकना करने के लिए कुछ तेल तिल के लड्डू बनाने की विधि- एक कड़ाही या पैन गरम करें और उसमें 1/3 कप तिल डाल कर भून लें.पैन बहुत गर्म नहीं होना चाहिए। एक प्लेट में निकालें और अलग रखें.फिर 1/4 कप मूंगफली डालें। सूखी मूंगफली को धीमी आंच पर भूनें और प्‍लेट पर निकाल लें.फिर मूंगफली को ठंडा होने दें और मिक्‍सर में दरदरा पीस लें. उसी पैन में, 1/4 कप घिसा नारियल डालें.लगातार हिलाते रहे और नारियल को हल्का सुनहरा होने तक भूने। और एक प्‍लेट पर निकाल कर रख लें.नारियल और तिल में पीसी मूंगफली डालें। फिर इलायची पाउडर डालें और सभी चीजों को मिक्‍स कर के किनारे रख दें....

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Gajar Halwa Recipe: सर्दियां शुरू होते ही सबको गागर के हलवे का इंतज़ार रहता है.गर्मागर्म गाजर के हलवे की मिठास एक अलग ही मज़ा देती है. इतना ही नहीं पौष्टिकता के मामले में भी गाजर का हलवा किसी से कम नहीं हैं. कहा जाता है मुगलों ने इसे एक हलवे का रूप दिया और आज यह पूरे देश-दुनिया में एक मशहूर है. सर्दियों हों और घर में गाजर का हलवा ना बने ऐसा हो ही नहीं सकता. शादी पार्टी में भी गाजर के हलवे की एक अलग ही जगह होती है. आइए जानते हैं हलवाई स्टाइल गाजर का परफेक्ट हलवा बनाने की विधि गाजर का हलवा बनाने के लिए सामग्री (Gajar Halwa Ingredients)  गाजर – 1 किलो, मावा (खोया) – 1 कप, दूध – 2 कप, बादाम – 8-10, काजू – 8-10, पिस्ता – 8-10, किशमिश – 1 टेबलस्पून, इलायची पाउडर – 1 टी स्पून, देसी घी – 1/2 कप,  चीनी – 1 कप (स्वादानुसार) गाजर का हलवा बनाने की विधि- सबसे पहले हम पीलर की मदद से गाजर के छिल्कों को निकाल देंगे. छीलने के बाद इन्हें भोगने में पानी डालकर रख दें. अब एक एक करके हम गाजर को कद्दूकस कर लें. - इसके बाद गैस पर एक पैन को गर्म करेंगे. उसमें 3-4 केसर के धागे, 4-5 इलायची के दाने कूटकर डाल देंगे. ऊपर से आपको 1 किलो दूध डालकर चलाना है. इसमें चीनी, गाजर कुछ नहीं मिलाना है. बस इस चीनों को मिलाकर लो फ्लेम पर पकाएंगे. - अब ऊपर से कसी हुई गाजर को इस कुकर में डाल देंगे. करीबन 2-3 सीटी बाद कुकर खोल देना है. अब कुक़र का ढक्कन हटाने के बाद इसमें 1 कप दूध और मिलाकर इसे लगातार चलाते रहें, करीबन...

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Winter Diet: बदलते लाइफस्टाइल के साथ- साथ लोगों का खान-पान भी बदल गया है. पहले लोग घर पर बना स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन करते थे. लेकिन अब बाहर का जंक फूड ज्यादा खाया जाने लगा है जिसमें पोषक तत्वों की कमी होती है.ऐसे में कुछ खास सीड्स और नट्स जो आप अपनी डाइट में शामिल करके ठंड में सदियों से बच सकते हैं और शरीर के को सारा न्यूट्रिशन भी मिल जाएगा. आइए जानते हैं यहां. सूरजमुखी के बीजसूरजमुखी के बीज बहुत ही हेल्दी होता हैं जिन्हें सर्दियों के मौसम में डाइट में शामिल करना चाहिए. ये बीज काफी स्वादिष्ट होते हैं साथ ही इनमें विटामिन E, मैग्नीशियम, सेलेनियम और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. सूरजमुखी के बीज खाने से शरीर को विटामिन्स और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा मिलती है. कद्दू के बीजअगर आप इंफ्लामेशन, ब्लैडर, लिवर या आंत की समस्या से जूझ रहे हैं तो कद्दू के बीज खाना शुरू कर दें.  इन्हें डाइट में शामिल करने से इनसे जुड़ी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी और प्रोटीन, फाइबर समेत कई सारे पोषक तत्व भी मिल जाएंगे.  भांग के बीजभांग के बीजों में प्रोटीन, फैटी एसिड्स, फाइबर और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.भांग के बीज खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है, भूख नियंत्रित रहती है और वजन भी कम होता है. ये हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और तनाव कम करने में मदद करते हैं.  चिया सीड्सचिया सीड्स खाने से प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम मिलता है.यह वेट लॉस में काफी मदद करते हैं और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले सारे पोषक तत्व प्रदान करते हैं. तिलतिल शरीर को अंदर से गर्म करते हैं और ठंड के मौसम में इम्यूनिटी और एनर्जी को बढ़ाते हैं. इसके अलावा तिल प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होते हैं.सर्दियों में रोजाना तिल खाने से फायदा मिलता है. तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस और सेलेनियम जैसे अहम खनिज पाए जाते हैं.

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Homemade Chyawanprash Recipe: बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए च्यवनप्राश फायदेमंद होता है. च्यवनप्राश ऐसा आयुर्वेदिक हेल्थ टॉनिक है, जो इम्युनिटी बढ़ाने के साथ एनर्जेटिक और हेल्दी बनाए रखने में मददगार है. सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर सांस से जुड़ी परेशानी को दूर करने में भी च्यवनप्राश फायदेमंद माना जाता है. च्यवनप्राश बाजार में आसानी से मिल जाता है, लेकिन आज हम आपको बताएंगे घर पर च्यवनप्राश बनाने का आसान तरीका. सर्दियों में च्यवनप्राश के सेवन से इम्युनिटी मजबूत रहती है और सर्दी-खांसी का असर भी कम होता है. च्यवनप्राश बनाने के लिए चाहिए ये चीजें-आंवला- आधा किलो, किशमिश- 50 ग्राम, खजूर - 10, घी-100 ग्राम, हरी इलायची - 7 से 8,लौंग-5 ग्राम, काली मिर्च- 5 ग्राम,गुड़-आधा किलो,दालचीनी-एक  टुकड़ा,सोंठ- 10 ग्राम,जीरा- 1 चम्मच, चक्रफूल- 1,जायफल- 5 ग्राम, केसर-1 चुटकी च्यवनप्राश बनाने की पूरी विधि-- घर में च्यवनप्राश बनाने के लिए (Chyawanprash Recipe) सबसे पहले आंवले को धोकर कपड़े की पोटली में बांध लें. - एक बड़े भगोने में पानी भरकर तेज आंच पर रखें.- इसमें सारी जड़ी बूटियां और बंधे हुए आंवले की पोटली डालकर उबलने के लिए रख दें. - उबाल आने के बाद आंच धीमी कर दें और आंवलों के नरम होने तक उबलने दें. - आंवले नरम हो जाएं तो आंच बंद कर दें और आंवले और जड़ी बूटियों को इसी तरह भगोने में रातभर ढककर रख दें.- अगले दिन आंवलों का कलर बदल जाएगा. इनकी गुठलियां निकाल कर अलग कर लें. - जड़ी बूटियों को छान कर पानी स्टोर करके रख लें. - अब ग्राइंडर जार में आंवला और जड़ी बूटियों का पानी डालकर पेस्ट बना लें और छान लें. - मीडियम आंच पर लोहे की कड़ाही में तिल का तेल डालकर गर्म कर...

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Dehydration in Winters: सर्दियों में हम सभी लोग अक्सर पानी का सेवन कम कर देते हैं. कम पानी पीने से हम लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक परेशानी देती है शुष्क त्वचा. हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि सही मात्रा में पानी पीने से हमें शुष्क त्वचा की परेशानी नहीं होगी. चलिए हम आपको बताते हैं बॉडी में पानी की कमी होने से आपको सेहत से जुड़ी कौन सी परेशनियां हो सकती हैं. इस मौसम में कम पानी पीने से शरीर को होंगे ये नुकसान- ड्राई स्किनइस मौसम में लोगों का स्किन बहुत ज़्यादा ड्राई होता है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह कम पाने पीन है. कम पानी पीने सेत्वचा का रूखापन परेशान करता है. इसलिए दिन में कम से कम 5 से 7 गिलास पानी ज़रूर पिएं.  - कब्ज की परेशानीजहां बॉडी में पानी की मात्रा कम हुई वहीं पेट से जुड़ी बीमारियां आप पर हावी हो जाती हैं. पानी की मात्रा कम होने से आपको कब्ज की परेशानी हो सकती है.  दरअसल, खाना अच्छी तरह पांच जाए इसलिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की ज़रूरत होती है.अगर शरीर में पानी की मात्रा कम हुई तो खनन नहीं पांच पाएगा.  जिस वजह से से कब्ज की समस्या पैदा हो जाएगी.  - किडनी पर पड़ता है असरकम पानी पीने से किडनी स्टोन का डर भी बढ़ जाता है. किडनी को ढंग से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है.  जब शरीर में पानी ही कम होगा तो  किडनी पूरी ताकत से काम करेगी जिससे यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन या ट्रैक में जलन की शिकायत हो सकती है.  - कमजोरी महसूस होनाअगर आप इस मौसम में कम पानी पे रहे हैं तो इससे आपके शरीर में पानी की कमी हो जाएगी।पानी की कमी से बॉडी बहुत ज़्यादा कमजोर होने लगती है. दरअसल, कम पानी पीने से शरीर में खून को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. जिस वजह से आपको हमेशा थकान और कमजोरी लगती है. एक दिन में इतना पानी  का सेवन अनिवार्यवैसे तो हर किसी को लगभग 8 से 10 ग्लास पानी पीना जरूरी है, ताकि बॉडी और स्किन हेल्दी बनी रहे. लेकिन बॉडी में पानी की जरूरत उम्र, जेंडर, फिजिकल एक्टिविटी और प्रेग्नेंसी में अलग-अलग होती है. उसके अनुसार अगर शरीर को पानी नहीं मिला तो दूसरी परेशानियां होने लगती हैं. सर्दियों में सिर्फ नॉर्मल पानी ही नहीं, बल्कि गुनगुना पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है.  ...

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How to Increase Hemoglobin: अच्छी हेल्थ और फिटनेस के लिए जरूरी है कि हमारे शरीर के सभी अंग ठीक प्रकार से काम करें. यह तभी संभव है जब शरीर में खून की पर्याप्त मात्रा हो और उसका सर्कुलेशन सभी अंगों तक ठीक प्रकार से हो. खून की कमी होने से शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर पर भी असर पड़ता है. सामान्य तौर पर हीमोग्लोबिन का स्तर खून में तभी कम होता है जब शरीर में प्रोटीन, विटामिन और खनिज की पूर्ति कमजोर होने लगती है. - टमाटर खाएंसलाद के लिए टमाटर सबसे बेहतर होता है. सब्जियों में भी आप टमाटर को मिलाकर खा सकते हैं. इसे खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी आसानी से पूरी होती है. टमाटर में विटामिन ई, विटामिन बी6, फॉस्फोरस और कॉपर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं.  - किशमिश और खजूरकिशमिश और खजूर में भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर और विटामिन ए पाया जाता. अगर आप इन ड्राइ फ्रूट्स को अपने डेली रूटीन लाइफ में शामिल करते हैं तो इससे आयरन की कमी पूरी होगी. - चुकंदर शरीर में होने वाली खून की कमी को दूर करने के लिए आप चुकंदर खा सकते हैं. इसमें मौजूद आयरन रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाते हैं. चुकंदर की तासीर ठंडी होती है. इसे सर्दी-गर्मी कभी भी खाया जा सकता है. आप चाहें तो सलाद में चुकंदर घिसकर खा सकते हैं. इसके साथ ही अंजीर भी शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी होता है.  - हर रोज खाएं एक सेब हेल्थ एक्सपर्ट अच्छी हेल्थ के लिए रोजाना एक सेब खाने की सलाह देते हैं. सेब हमारे ब्लड में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. कितना होना चाहिए बॉडी का हीमोग्लोबिन?आपको बता दें पुरुषों और महिलाओं के लिए हीमोग्लोबीन का स्तर अलग-अलग होता है. पुरुषों में 13.5 से 17. 5 ग्राम हीमोग्लोबीन का स्तर होना चाहिए. वहीं महिलाओं के शरीर में 12.0 से 15. 5 ग्राम हीमोग्लोबिन होना चाहिए. अगर किसी भी शरीर में इससे कम हीमोग्लोबिन होता है तो बीमारियों का कारण बन सकता है. हालांकि डाइट में सुधार से हीमोग्लोबिन को मेंटेन किया जा सकता है.   ...

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Winter Headache: सर्दियों में सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. इस मौसम में सिरदर्द और सिर में भारीपन की परेशानी भी काफी बढ़ जाती है. कई बार सुबह-सुबह ही इस दर्द (Winter Headache) से बिस्तर ही नहीं छोड़ने का मन करता है. इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग पेनकिलर खा लेते हैं या बाम वगैरस का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हर बार ये आरामदायक हो ऐसा जरूरी नहीं है. ऐसे में कुछ घरेलू उपाय (Headache Home Remedies) सिरदर्द से छुटकारा दिला सकता है. सबसे अच्छी बात कि इन चीजों के साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं.  सिरदर्द से छुटकारा दिलाने वाले घरेलू उपाय 1. कॉफीसर्द भरे मौसम में सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए गर्म चीजों का सेवन करना फायदेमंद होता है. कैफीन या किसी गर्म चीजों को लेने से स्ट्रेस कम होता है और सिरदर्द से छुटकारा मिलता है. रिसर्च के मुताबिक, कैफीन मूड के लिए अच्छा होता है. यह दिमाग को अलर्ट करने और रक्त कोशिकाएं को रिलैक्स करने का काम करता है. इससे सिरदर्द से आराम मिलता है. 2. अदरक का काढ़ा सर्दी के मौसम में सिरदर्द से परेशान हो गए हैं तो अदरक का काढ़ा जबरदस्त असरदार हो सकता है. इससे शरीर को गर्मी तो मिलती ही है, दर्द से राहत भी मिल जाती है. अदरक का काढ़ा पीने से शरीर की जलन भी कम होती है. इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और कई फायदे होते हैं.  3.गर्म तेल से मालिशठंडी से अगर सिरदर्द हो रहा है तो हल्के गर्म तेल से सिर की मालिश करें. इससे सिरदर्द से राहत मिलती है. सरसों का तेज ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. इससे दर्द से जल्दी राहत मिल जाती है और मसल्स को भी आराम मिलता है.  4. बॉडी को रेस्ट देंशरीर को आराम देकर भी सिरदर्द की समस्या को दूर कर सकते हैं. सर्दियों में सिरदर्द होने पर गर्म कपड़े पहने और जितना हो सके बॉडी को आराम करने दें. क्योंकि कई बार नींद पूरी न होने पर भी सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.5. योगासनसिरदर्द की समस्या को दूर करने में कुछ योगासन काम आ सकते हैं. योग और गर्दन-कंधों की हल्की एक्सरसाइज से हेडेक से छुटकारा पा सकते हैं. एक्सपर्ट्स भी बताते हैं कि योग से सिरदर्द और तनाव को दूर भगाने में मदद मिलती है. ...

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Women's Health: पीरियड्स के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग्स होना लाजमी है. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं चिड़चिड़ी होती क्यों हैं? दरअसल, पीरियड्स के दौरान शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं. इन्हीं हॉर्मोनल बदलावों के कारण महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. आइए जानते हैं कि पीरियड्स में महिलाओं का मूड स्विंग क्यों होता है और इसे कंट्रोल करने के आसान तरीके क्या हैं? पीरियड्स शुरू होते ही महिलाओं के हॉर्मोन असंतुलित होने लगते हैं. जिसके फलस्वरूप, महिलाओं में oestrogen और progesterone हॉर्मोन कम होने लगते है. ये हॉर्मोन कम होने से महिलाओं में सेरोटोनिन हॉर्मोन का उत्पादन भी कम हो जाता है. आपको बता दें कि सेरोटोनिन को हैप्पी हॉर्मोन कहा जाता है, जो आपके मूड को कंट्रोल करता है और इसके कम होने से चिंता, गुस्सा, उदासी, चिड़चिड़ापन आदि लक्षण दिखने लगते हैं. गुस्सा आने के और भी कारणमहिलाओं को पीरियड्स के दौरान गुस्सा ज्यादा क्यों आता है, इसके कई कारण हैं. पहला कारण यह है कि इस दौरान हार्मोनों में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे मूड बदलाव होता है. दूसरा, पेट में दर्द और क्रैम्प्स की वजह से शारीरिक तकलीफ होती है जो गुस्से का कारण बनती है. तीसरा कारण यह है कि सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने में असहजता महसूस होती है. चौथा कारण नींद न आना है. इन सभी कारणों से पीरियड्स में गुस्सा ज्यादा आता है.   मूड स्विंग कंट्रोल करने के टिप्स Tips to control mood swings: अगर महिलाएं पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग को कंट्रोल करना चाहती हैं, तो निम्नलिखित टिप्स को अपना सकती हैं. - मूड स्विंग को कंट्रोल करने के लिए सही डाइट लें. महिलाओं के लिए डाइट में प्रोटीन, फाइबर, पानी आदि चीजों को ट्रैक करना चाहिए.- पर्याप्त नींद लेने से भी महिलाएं हैप्पी हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ा सकती हैं.- एक्सरसाइज करने से हैप्पी हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. जिससे पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग कम होगा.- पीरियड्स के दौरान भावनात्मक सपोर्ट बहुत जरूरी है. इससे महिलाओं में चिड़चिड़ापन कम हो सकता है....

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Egg Benefits in Winters: सर्दियों में हमें अपनी डाइट में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है. इस मौसम में हमारा शरीर अतिरिक्त ऊर्जा और गर्माहट की मांग करता है. ऐसे में अंडे एक ऐसा सुपरफूड है जो हमारे शरीर को ठंड से बचाने में मदद कर सकता है.अंडे में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है, इसके अलावा मिनरल्स और हेल्दी फैट भी अंडे में पर्याप्त मात्रा में होते हैं.अंडे में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है और यही कारण है कि अंडे के पीले भाग का कम सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे, लेकिन क्या आप जानते हैं रोजाना कितने अंडे खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है?  एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में रोजाना 1 से 2 अंडे खाने चाहिए. एक अंडा लगभग 70 कैलोरीज प्रदान करता है जो शरीर को गर्म रखने के लिए पर्याप्त होता है. इसके अलावा अंडे में विटामिन A, D, E, K भी होते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं. सर्दियों में अंडे खाने के फायदे  1. सर्दी और खांसी में अंडे का करें सेवन सर्दियों में इम्यून सिस्टम काफी ज्यादा कमजोर हो जाता है. यही वजह है कि लोग आसानी से सर्दी, खांसी और जुकाम के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में अंडे में मौजूद प्रोटीन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ शरीरिक ताकत भी बढ़ाने का काम करता है.  2. दिमाग तेज होता है अंडे में विटामिन B12, B6, फॉलिक एसिड और जिंक जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो दिमाग का स्वास्थ्य रखने में मदद करते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग तेज और निरोगी बना रहे तो रोजाना एक अंडे का सेवन जरूर करें. 3. आयरन की कमी को दूर करता है अंडाअंडे में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. एक बड़े आकार का अंडा लगभग 0.6 mg आयरन होता है यह वयस्कों की रोजाना आयरन की आवश्यकता का लगभग 6 प्रतिशत हिस्सा है. अंडे खा कर हम अपने शरीर को पर्याप्त आयरन की आपूर्ति कर सकते हैं.  4. हड्डियों की मजबूती अंडा हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन D और जिंक होता है, जो ओस्टियोजेनिक बायोएक्टिव एलिंमेंट होते हैं. ये ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे तत्वों को बढ़ाता है. हड्डियों को अंदर से हेल्दी रखता है. इस तरह अंडा सर्दियों में हड्डियों की परेशानियों जैसे- जोड़ों के दर्द या फिर गठिया से बचाने में काफी मददगार है. 5. सर्दियों में झड़ रहे बाल तो खाएं अंडा अंडा प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स है. ये बालों को झड़ने से रोकने में काफी मदद करता है. सर्दियों में बालों के झड़ने की समस्या बहुत बढ़ जाती है. ऐसे में अंडे का सेवन इस समस्या को दूर...

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Snoring Home Remedies: रात  में सोते समय खर्राटे लेने की समस्‍या इन दिनों इतनी सामान्‍य होती जा रही है कि अब इसे समस्‍या समझना ही छोड़ दिया गया है. हालांकि, खर्राटे लेने वाला इंसान के लिए यह उतनी समस्‍या (Health Problem) वाली बात नहीं लगती लेकिन जो भी उसके आसपास सोता है उसकी नींद खराब हो जाती है. तेज खर्राटे कभी-कभी किसी गंभीर समस्या का भी संकेत देते हैं. आइए जानते हैं कि खर्राटे क्यों आते हैं और इन्हें आसान तरीकों से कैसे दूर किया जा सकता है. खर्राटे की समस्या का कारणखर्राटे की समस्या होन...

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Room Heater Side Effects: ठंड के सीजन की शुरुआत हो चुकी है. ठंड के प्रभाव से बचने के लिए कई लोगों ने रूम हीटर का उपयोग करना शुरू कर दिया है. रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों को बरतना जरूरी है. अगर आप रूम हीटर को चलाते समय ये सावधानियां नहीं बरतते है.तो ऐसे में जानलेवा हादसा भी हो सकता है. बीते सालों में रूम हीटर से जुड़े हादसे के कई मामले सामने निकलकर आए हैं. ऐसे में अगर आप भी इस ठंड के सीजन में रूम हीटर का इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो कुछ बातों को जरूर जान लेना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से -  - सर्दियों के सीजन में कई लोग रजाई और कंबल के पास रूम हीटर को रखना पसंद करते हैं. आपको यह गलती भूलकर भी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से उनमें आग लग सकती है.इससे एक बड़ा हादसा हो सकता है. - रूम हीटर से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस सेहत के लिए खतरनाक होती है. यही कारण है कि लंबे समय तक रूम हीटर के इस्तेमाल से बचना चाहिए. - सर्दियों के सीजन में अगर आप रूम हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में आपको उसे स्विच बोर्ड पर ओवरलोडिंग होने से रोकना चाहिए. ओवरलोड होने से रूम हीटर के फटने की संभावना रहती है. - ज्यादा रूम हीटर चलाने से आंखें भी प्रभावित होती हैं. इससे आंखों में ड्राईनेस की समस्या हो सकती है और इरिटेशन फील हो सकता है. ऐसा होने पर हीटर तुरंत बंद कर दें. - अगर आप रूम हीटर का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में उसके पास भूलकर भी पेपर, लकड़ी या कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं रखना चाहिए. अगर आप इन चीजों को रूम हीटर के पास रखते हैं. ऐसे में उनमें आग लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है.  ...

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Benefits of Coconut Water: नारियल पानी (Coconut Water) पोषक तत्व से भरपूर होता है. नारियल पानी पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे इल्केट्रोलाइट्स का एक नैचुरल सोर्स हैं. इसे रोजाना पीने से शरीर में पानी की कमी पूरी होती है.स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. यह एक प्राकृतिक और ताजा पेय है, जो पोटेशियम जैसे आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर है, जो इसे हाइड्रेटेड रखने में अहम भूमिका निभाता है.लेकिन क्या आपने कभी सोचा अगर आप रोजाना पानी पीते हैं तो शरीर पर क्या असर पड़ेगा.आइए जानें नारियल पानी पीने के फायदे. क्या है नारियल पानी पीने का सही समयनारियल पानी का सेवन आप कभी भी कर सकते हैं. इसे आप दिन के समय या रात में भी पी सकते हैं. लेकिन कुछ खास समय पर पीने से इसके फायदे डबल हो जाते हैं. इलेक्ट्रोलाइट्स का पावरहाउसनारियल पानी में भारी मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद होते हैं. यह एनर्जी ड्रिंक के रूप में भी एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है, क्योंकि नारियल पानी में औसत एनर्जी ड्रिंक की तुलना में अधिक मात्रा में पोटेशियम होता है. कैल्शियम और मैग्नीशियम में उच्चनारियल पानी में कैल्शियम और मैग्नीशियम उच्च मात्रा में होता है.कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है. मैग्नीशियम हड्डियों को सही ढंग से कार्य करने में सहायता करता है. कैलोरी में कमयह सोडा, जूस और अन्य पेय की तुलना में हाइड्रेटेड रहने का एक स्वस्थ विकल्प है, जिनमें आमतौर पर कैलोरी अधिक होती है. नारियल पानी की वजह से हाइड्रेटेड रहने की ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने और पाचन को आसान बनाने में मदद मिलती है.