Strong Immunity Tips: इम्यूनिटी हमारी बॉडी का डिफेंस सिस्टम होती है. हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए हमारी इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है. इसके कमजोर होने की वजह से हम कई बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं. इसलिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है. आपकी इम्यूनिटी बैक्टीरिया, वायरस और विषाक्त पदार्थों से होने वाली बीमारियों के खिलाफ आपके शरीर का प्राकृतिक रक् कवच है. कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो इम्यूनिटी को कमजोर बनाती हैं. तो आइए उन चीजों के बारे में जान लीजिए, जिनसे जाने-अनजाने आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो रही है. - स्ट्रेसहमारी लाइफस्टाइल की वजह से स्ट्रेस हमारे जीवन का आम हिस्सा बन गया है. लेकिन, यह हमारे इम्यून सिस्टम के लिए काफी हानिकारक होता है. स्ट्रेस की वजह से हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बनता है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाते हैं. इसलिए अगर आप तनाव का शिकार है, तो इसे कम करने का तरीका सीखें और अगर समस्या गंभीर लग रही है, तो डॉक्टर या एक्सपर्ट की से मिलें. - फल-सब्जियां नहीं खाना फल और सब्जियां शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बनाने में मदद करती हैं. हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ का कहना है, 'एक या अधिक पोषक तत्वों की कमी वाली डाइट इम्यून सेल्स और एंटीबॉडीज के प्रोडक्शन को खराब कर देती है.' यह तो हर कोई जानता ही है फल-सब्जियां पोषक तत्वों का प्रमुख सोर्स होते हैं. - एक्सरसाइज न करना हममें से अधिकांश लोग सर्दियों के दौरान घर में आराम करने के अलावा कुछ नहीं करना चाहते लेकिन रिसर्च का मानना है कि अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है. वेबएमडी के अनुसार, रोजाना एरोबिक एक्सरसाइज आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है जिससे शरीर को कीटाणुओं से बेहतर बचाव करने में मदद मिलती है. - नींद की कमीसोते समय हमारी बॉडी दिनभर की थकावट से रिकवर करती है. लेकिन, नींद पूरी न होने की वजह से हमारा स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है और बॉडी बेहतर तरीके से रिकवर नहीं कर पाती. इस कारण से, तनाव और थकान मिलकर आपकी इम्यूनिटी को कमजोर बनाते हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स भी यही राय देते है कि रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लें. - विटामिन डी की कमी सर्दियों के मौसम में धूप से विटामिन डी प्राप्त करना कुछ मुश्किल हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं. सूरज की रोशनी के संपर्क में आना ही एकमात्र तरीका नहीं है जिससे आप विटामिन प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा आप सैल्मन, सार्डिन, हेरिंग और मैकेरल मछलियां, अंडे, रेड मीट आदि से भी विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं....
Women's Health Tips: सर्दियों में तिल का सेवन हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता हैं क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है. सर्दियों में लोग तिल के लड्डू, हलवा आदि बनाकर खाते हैं. इसमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, प्रोटीन, विटामिन ए, सी और सोडियम पाए जाते हैं. खासकर के महिलाओं को तिल का सेवन जरूर करना चाहिए. तिल में ओमेगा-3 पाया जाता है. ऐसे में महिलाओं को इसका सेवन जरूर करना चाहिए. इससे कई तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं इससे मिलने वाले फायदों के बारे में - अनियमित पीरियड्स की समस्या करे दूरबहुत सी महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या देखी जाती है. तिल का सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. तिल में फैटी एसिड पाए जाते हैं जिससे पीरियड्स रेगुलर होते हैं. हड्डियों को बनाए मजबूततिल में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसका सेवन करने से हड्डियों की सभी समस्याएं दूर होती है. इसका सेवन करने से शरीर की थकावट और कमजोरी भी दूर होती है. हार्मोन इंबैलेंस सुधारेतिल में विटामिन सी पाया जाता है जो शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को बढ़ाता है. तिल में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं. जिससे हार्मोन इंबैलेंस की समस्या को ठीक किया जा सकता है. एनर्जी बढ़ाएमहिलाएं दिनभर कोई ना कोई काम काम करती रहती हैं जिससे उनके शरीर में एनर्जी की कमी होने लगती है. ऐसे में तिल का सेवन रोजाना करने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है. यह लिविंग इंडिया द्वारा सांझा की गई एक सामान्य जानकारी है. यदि तिल खाने से अगर आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
Benefits of Dates in Winters: खजूर (Dates) को लेकर लोगों के मन में कई वहम होते है. खजूर इम्युनिटी को मजबूत बनाने के साथ-साथ पाचन शक्ति को भी बढ़ाती है. दिल को हेल्दी रखने के साथ-साथ हार्मोन को बैलेंस बनाने का काम भी खजूर करता है.रोजाना खाली पेट घी में खजूर भिगोकर खाएं इससे नैचुरल तरीके से मजबूती मिलेगी. खजूर और घी तो ऐसी चीजें हैं जो आप सर्दियों में रोजाना इस्तेमाल कर सकते हैं. यह एक गजब का कॉम्बो है जिससे आप स्वास्थ्य से जुड़ी सभी तरह की परेशानी से निजात पा सकते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक, खजूर का स्वाद मीठा होता है, लेकिन यह पाचन में थोड़ा हैवी होता है. हालांकि, पाचन के बाद भी इसका प्रभाव मधुर ही होता है. इसकी ठंडी प्रकृति होती है और यह बढ़े हुए वात और पित्त दोष को बैलेंस करने में मदद करता है.आइए जानें घी में भिगोए हुए खजूर खाने के क्या फायदे हैं. - हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता हैखजूर में पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है, जो रक्तचाप को कम करने और हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है. घी स्वस्थ वसा से भरपूर होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है.घी में भिगोए हुए खजूर आपके दिल के स्वास्थ्य को एक शक्तिशाली बढ़ावा दे सकते हैं. - इम्युनिटी को करता है मजबूतघी में भिगोए हुए खजूर पोषक तत्वों का एक पावरहाउस हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं. खजूर विटामिन ए और सी सहित एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन से भरपूर होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं. इसे साथ में खाने से इम्युनिटी बढ़ती है. जो आपकी शरीर को छोटे-मोटे इंफेक्शन से दूर रखती है. - एनर्जेटिक बने रहेंगेखजूर को प्राकृतिक शर्करा का एक समृद्ध स्रोत माना जाता है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है. दूसरी ओर, घी स्वस्थ वसा और ब्यूटिरिक एसिड का स्रोत है, जो निरंतर ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है. इस जादुई मिश्रण का सेवन करने से सहनशक्ति और सहनशक्ति में सुधार करने में मदद मिल सकती है, जिससे यह एथलीटों और फिटनेस उत्साही लोगों के बीच लोकप्रिय हो जाता है. - पाचन के लिए होता है अ...
Benefits of Radish in Winters: सर्दियां आते ही लोग अपने खानपान और पहनावे में ऐसे बदलाव करते हैं, जो उन्हें अंदर से गर्म रखें. सर्दियों के मौसम में मूली खाना सेहत के लिए फायदेमंद है.मूली से कई तरह की चीजें बनाई जाती है. खाने के साथ सलाद के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. मूली (Radish Benefits) में विटामिन सी, फाइबर और कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं.आइए जानते हैं सर्दी के मौसम में मूली खाने के जबरदस्त फायदे. - दिल के लिए फयदेमंद मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है. इससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. - कब्ज भगाएमूली में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन को सुधारने में मदद करता है. इससे कब्ज की छुट्टी होती है. फाइबर सेहतमंद डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए भी अहम होता है. मूली के पत्ते का साग डाइजेशन को दुरुस्त रखता है. - इम्यूनिटी बेहतर बनाएमौसम में बदलाव का सबसे ज्यादा असर इम्यूनिटी पर पड़ता है. इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मूली काफी फायदेमंद होता है. इसके रोजाना सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और बीमारियां शरीर से दूर रहती हैं. - डायबिटीज कंट्रोल करेफाइबर के सेवन इंसुलिन का लेवल बैलेंड होता है. जिससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. चूंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एनर्जी मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने की शक्ति होती है. ऐसे में डायबिटीज पेशेंट को फाइबर युक्त आहार खाने की सलाह दी जाती है. - हड्डियां मजबूत बनाएमूली नींद को सुधारने का काम करती है. मूली के रोजाना सेवन से नींद न आने की समस्या दूर हो सकती है. वहीं, मूली में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसे खाने से हड्डियां मजबूत होती है और शरीर को ताकत मिलती है. - त्वचा के लिए गुणकारीसर्दियां आते ही अक्सर सर्द हवाएं हमारे...
Face Glowing Tips: स्किन को ग्लोइंग बनाए रखने के लिए एक तरफ जहां आपको नैचुरल चीजों की जरूरत होती है वहीं हेल्दी डाइट भी इसके लिए काफी जरूरी है. फल और उनके जूस (Fruits and Juice) ही सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं बल्कि इन फलों के छिलके (Peels) भी त्वचा के लिए बड़े काम के हो सकते हैं. फलों के छिलके फेंकने की बजाए इसे किसी ब्यूटी प्रोडक्ट (Beauty Product) में घर पर ही तब्दील कर सकते हैं. फलों के छिलकों में भी पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को चमकाने में मददगार साबित हो सकते हैं. आइए जानते हैं कौन से फलों के छिलके से आप अपने स्किन को निखार सकते हैं. इन फलों के छिलके आपके चेहरे की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा सकते हैं. इनके छिलके में ऐसे गुण होते हैं जो आपकी स्किन की समस्याओं को दूर करते हैं. आइए जानते हैं इन फलों के बारे में. - सेब सेब के छिलके में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो चेहरे की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं. सेब के छिलके में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं.इसके छिलके को पीसकर चेहरे पर फेस पैक की तरह लगाने से झुर्रियां और लकीरें कम होने लगती हैं. यह त्वचा को टाइट, ताजगी भरा और युवा बनाए रखने में मदद करता है. - पपीतापपीते का छिलका भी बहुत फायदेमंद माना है. पपीते में अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड होता है, इसलिए यह शुष्क त्वचा को नमी देता है. इसकी मदद से स्किन टोन को भी हल्का किया जा सकता है. अगर चेहरे पर टैनिंग हो गई है तो पपीते के छिलके को पीसकर उसमें नींबू का रस मिला लें. इसे चेहरे पर लगाकर कुछ समय बाद धो लें. ऐसा करने से चेहरे की मृत त्वचा के साथ-साथ टैनिंग भी खत्म हो जाएगी. - संतरासंतरे के छिलके का इस्तेमाल करने का सबसे आम तरीका है इसे धूप में सुखाना और उसे पीसना. सप्ताह में दो से तीन दिन इस्तेमाल करने के बाद इसका असर अपने आप देखने को मिलेगा. इसके छिलके ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की परेशानी भी दूर करते हैं. छिलके में क्लीजिंग, एंटी...
Home Treatment for Fever: सर्दियों का मौसम में बुखार (Fever) एक आम समस्या है. सर्दियों में ठंडी हवा के कारण लोग अक्सर बीमार हो जाते हैं. बुखार, सर्दी, जुकाम और खांसी अक्सर लोगों को परेशान करती है. मौसम में बदलाव और टेंपरेचर गिरने से शरीर का तापमान बढ़ता है. बुखार किसी भी व्यक्ति के शरीर को तोड़कर रख देता है. वक्त रहते बुखार को कंट्रोल रखें. जब भी आपको बुखार आए तो आपको कुछ खास बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत है.हल्के बुखार से बिना दवाओं के जरिए राहत पाई जा सकती है लेकिन बुखार के साथ कंपकपी, बदन दर्द और उल्टी जैसे लक्षण भी हैं, तो डॉक्टर के पास जाना बेहतर रहता है.आइए आपको बताते हैं बुखार आने पर आपको खास किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है? बुखार आने पर करें ये काम 1. आराम करें संक्रमण से लड़ने में शरीर को बहुत ऊर्जा लगती है। शरीर का तापमान कम करने और जल्दी ठीक होने के लिए बुखार के मरीजों को जितना हो सके, उतना आराम करना चाहिए. 2. गुनगुने पानी से नहाएं बहुत से लोग बुखार होने पर ठंडे पानी से नहाने पर विचार करते हैं। हालांकि ऐसा करने से कंपकंपी बढ़ सकती है, जिससे शरीर का तापमान और भी ज्यादा बढ़ सकता है। तापमान कम करने के लिए आपको गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। नहाने से थकी हुई मांसपेशियों को शांत करने में मदद मिल सकती है। 3. एक्सरसाइज करेंबुखार के दौरान बिल्कुल भी एक्सरसाइज न करें. एक्सरसाइज करने से शरीर का टेंपरेचर हाई हो जाता है. जिसके कारण कई नुकसान भी हो सकते हैं. बुखार के दौरान शरीर कमजोर होने लगता है तो एक्सरसाइज करने से बचें. 4. हलके कपड़े पहने अक्सर लोग बुखार होने पर बहुत सारे मोटे कपड़े पहन लेते हैं, ऐसा करने से बुखार और ज्यादा बढ़ सकता है। बहुत अधिक या मोटे कपड़े पहनने से शरीर के खिलाफ गर्मी फंस सकती है, जिससे शरीर का तापमान और बढ़ सकता है. 5. गरारे करेंगरारे करने से गले की खराश और बुखार कम हो सकते हैं और अस्थायी राहत मिल सकती है। एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक घोलकर दिन में चार बार गरारे करें. इसके लिए पानी में शहद और सेब का सिरका मिला सकते हैं। दो कप गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच रास्पबेरी के पत्ते या नींबू का रस मिलाकर भी गरारे कर सकते हैं.
Herbs Controlling Thyroid: आजकल की जीवनशैली में बार-बार थकना और बेवजह वजन बड़ना आम बात नहीं है क्योंकि इसके पीछे थायराइड जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. थायराइड एक महत्वपूर्ण हार्मोनल ग्रंथि होती है और इसकी समस्याएं शरीर के कई तंतुओं को प्रभावित कर सकती हैं. यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है - हाइपरथायराइड और हाइपोथायराइड. इन स्थितियों में थायराइड ग्रंथि सही मात्रा में हार्मोन नहीं बना पा रही होती, जिससे शरीर को उचित समर्थन नहीं मिल पाता है. इन दोनों स्थितियों में थायराइड ग्रंथि उतना हार्मोन नहीं बना पाती जितना कि शरीर को चाहिए होता है.लेकिन कुछ डाइट में बदलाव और कुछ जड़ी-बूटियों की मदद से हम थायराइड की समस्या पर काबू पा सकते हैं. आइए जानते हैं यहां कौन सी वे जड़ी-बूटियां हैं.. 1. तुलसी तुलसी में ऐसे कई गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं. इसमें एंटी-फंगल और एंटी-इन्फ़्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. ये गुण थायरॉयड समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं.तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से या चबाकर खाने से थायरॉयड संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है. 2. काला जीराक्या आप जानते हैं कि काला जीरा थायराइड संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है? काले जीरे में मौजूद तत्व थायराइड हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं. अगर आपको थायराइड संबंधी समस्या है तो काले जीरे का उपयोग जरूर करें. चाय, सूप या सलाद के रूप में लें. यह आपको हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा. 3. अश्वगंधाअश्वगंधा में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमारे हार्मोन्स के संतुलन में सुधार कर सकते हैं. ये हार्मोन्स हमारे शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करते हैं. अश्वगंधा के चूर्ण को पानी में उबालकर पीने से हार्मोन संतुलन में सुधार हो सकता है. अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं. ...
Benefits Of Coriander Leaf: हिंदुसतनि रसोई में सब्जियों में हरा धनिया डालने की रवायत है. जिसके बिना सब्जी को अधूरा माना जाता है. धनिया न सिर्फ रेसेपीज का स्वाद बढ़ा देता है बल्कि उसके कई लाभ होते है. कुछ लोग इसे डायरेक्ट खाना भी पसंद करते हैं. ये न केवल देखने में खूबसूरत लगता है, बल्कि मानव शरीर के लिए भी बेहद लाभकारी है. काफी कम लोगों को पता होगा कि हरे धनिया (Coriander) के अंदर विटामिन ए, बी, सी, के, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम , सोडियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मिलते हैं. ये पोषक तत्व हमारे शरीर को फिट रखने के साथ ही हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करते हैं. यानी 5 रुपये में खरीदे गए धनिया के बारे में अगर यह कहा जाए कि आम के आम और गुठलियों के दाम तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. आइए आज हम धनिया के ऐसे ही 5 फायदों Benefits of Dhaniya के बारे में आपको बताते हैं.1. पाचन को ठीक रखेधनिया (Dhaniya) के सेवन से लोगों को पाचन तंत्र में गड़बड़ी और आंत की बीमारी से राहत मिलती है. इससे आपका पेट फिट रहता है और भूख भी अच्छी लगती है. 2. लिवर की बीमारी में फायदेमंदलिवर से जुड़ी समस्याओं के लिए धनिया (Dhaniya) बहुत फयदेमंद माना गया है. धनिया के पत्तों में पर्याप्त मात्रा में एल्कलॉइड और फ्लेवोनॉइड्स होते हैं. ये तत्व पित्त विकार और पीलिया जैसी लिवर की बीमारियों ठीक करने में मदद करते हैं. 3. ब्लड शुगर लेवल कम करेभोजन में धनिया (Dhaniya) के इस्तेमाल से ऐसे एंजाइम एक्टिव हो जाते हैं, जो बॉडी में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहयोग देते हैं. इससे शरीर में डायबिटीज कंट्रोल में रहती है और इंसान फिट महसूस करता है. 4. दिल की बीमारी से होता है बचाव धनिया का सेवन करने से गैर-जरूरी एक्सट्रा सोडियम पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है. जिससे शरीर अंदर से फिट रहता है. इसके सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. 5. बढ़ती है बॉडी की इम्यूनिटी पावर धनिया (Dhaniya) के अंदर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. वे फ्री रेडिकल से होने वाले सेल्यूलर डैमेज को रोकते हैं. धनिया के नियमित सेवन से शरीर की इम्यूनिटी पावर मजबूत होती है. ...
Gajar ka halwa without sugar: सर्दियों में सबको गाजर का हलवा खाना पसंद होता है. ये बहुत ही टेस्टी होता है और पूरी सर्दी लोग इसे बनाकर रखते हैं और खाते हैं. आज हम बिना चीनी के गाजर का हलवा बनाने की बात करेंगे. सुन ने में अजीब लग रहा होगा कि बिना चीनी के ये हलवा कैसे बनाया जा सकता है. खास बात ये है कि डायबिटीज और कुछ बीमार लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं क्योंकि चीनी वाले हलवे की तुलना इसे बनाना और खाना आसान है. आईए जानते हैं डायबिटीज के मरीज कैसे इस हलवे का लुफ्त उठा सकते है. कैसे बनाएं गाजर का हलवा (Gajar ka halwa without sugar recipe)चीनी के अलावा भी आप गाजर का हलवा आराम से बना सकते हैं. आपको चीनी की जगह खजूर लेना है और दूध में मिलाकर इसे पीस कर रख लेना है. तो, आइए जानते हैं इस रेसिपी के बारे में विस्तार से. - गाजर का हलवा बनाने के लिए पहले तो गाजर को कद्दूस कर लें- इसके बाद अलग से दूध लें और फिर इसमें खजूर को काटकर मिला लें- अब एक कड़ाही लें और इसमें घी डाल लें- थोड़ी देर बाद इसमें कद्दूकस किया हुई गाजर डाल लें- फिर इसको अच्छी तरह से भूनकर पका लें- इसमें ऊपर से खजूर वाला दूध डालकर पका लें- जितनी जरूरत हो उतना दूध डालते रहें और पकाएं- अब इस में इलायची पाउडर और ड्राई फ्रूट्स मिलाएं- फिर सबको अच्छी तरह पकाएं ...
Home remedies to prevent fingers in Cold: जनवरी में कड़ाके की सर्दी पड़ती है जिस वजह से हाथ पैर सुन्न हो जाते हैं. कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके हाथ पैरों में सूजन आ जाती है और लाल हो जाते हैं. सर्द हवाओं का असर पूरे शरीर पर होता है, लेकिन हाथ पैर खुले रहते हैं तो सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. कई बार ठंड से हाथ- पैरों की उंगलियों में सूजन आ जाती है. इतना ही नहीं ठंड की वजह से कई बार असहनीय दर्द के साथ तेज खुजली भी होती है. सूजी हुई लाल उंगलियों को ठीक करने के लिए हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं. इन सूजी हुई उंगलियों को ठीक करने के लिए आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए कुछ घरेलू उपाय बताएंगे. क्या है ठंड में उंगलियां सूजने का कारण?ठंडी हवा के कारण शरीर का नस सिकुड़ने लगता है. जिसका सबसे ज्यादा असर ब्लड सर्कलेशन पर पड़ता है. हाथ-पैर में ब्लड क्लॉट होने लगता है. ऐसी स्थिति में उंगलियां लाल होने लगती है. और सूजन आने लगते हैं. यह सूजन एक वक्त के बाद इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि उंगलियां नीली और लाल पड़ने लगती है. ठंड से सूज जाएं उंगलिया सबसे पहले ये काम करना है- सूजी हुई उंगलियां को गुनगुने पानी में नमक डालकर रखें. - आधी बाल्टी में 2 चम्मच नमक डालकर मिलाकर रख लें. इसमें पैर और हाथ को 10 मिनट तक डुबोकर रख दें.इससे खतरनाक इंफेक्शन दूर होगा और सूजन भी कम हो जाएगी. - गुनगुने पानी से सिकाई करने से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है. इससे खून जमता नहीं है और पैरों के दर्द में आराम मिलता है. लहसुन का तेल लगाएं पैर-हाथ में ज्यादा सूजन है तो लहसुन के तेल का इस्तेमाल करें.हल्का गर्म लहसुन का तेल सूजन वाले एरिया में लगाए. इससे दर्द कम हो जाता है. साथ उस जगह पर जहां सूजन है वहां 4-5 कली लहसुन की डाल दें और उस गर्म करके मसाज करें. उससे उंगलियों में सूजन से छुटकारा मिला जाएगा. लहसुन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो सूजन के असर को कम कर देते हैं....
Winter Running Benefits: विंटर सीजन में किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने के लिए खुद को तैयार करना ही एक बहुत बड़ा टास्क है. लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी फिजिकल हेल्थ को लेकर इतने ज्यादा एक्टिव रहते हैं कि उन्हें सर्दी या गर्मी से कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन सर्दियों के मौसम में रनिंग या एक्सरसाइज करते समय कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. रनिंग या वर्कआउट करते समय अगर आपके शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द आदि हो रहा है तो आपको इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही जरूरी है कि सर्दियों के मौसम में कोई भी भारी भरकम एक्सरसाइज करने से पहले फिटनेस एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें. तो अगर आप भी सर्दियों में सुबह-सुबह रनिंग या वर्कआउट करते हैं तो जरूरी है कि कुछ बातों का ख्याल रखें. आइए जानते हैं इनके बारे में. - लेयरिंग करें ठंडे मौसम में एक्सरसाइज करते समय जरूरी है कि आप अच्छे और डेर सारे कपड़े पहने. जरूरी है कि आप लेयरिंग इस तरह से करें कि आपका शरीर गर्म रहे. जरूरी है कि आप अंदर मॉइश्चर को सोखने वाला कपड़ा पहनें. इसके साथ ही बाहर से वॉटरप्रूफ या विंड प्रूफ जैकेट पहनें. - हाथ-पैरों को कवर करें ठंड के मौसम में रनिंग या एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखें कि हाथों में ग्लव्स और पैरों में थर्मल जुराब और जूते जरूर पहनें , ताकि आपके हाथ-पैर गर्म रहें. इसके साथ ही कानों को ढकने के लिए टोपी जरूर पहनें. - वॉर्म-अप जरूर करें रनिंग या कोई भी हैवी एक्सरसाइज करने से पहले जरूरी है कि आप कुछ देर वॉर्म-अप करें. ठंडे तापमान में शरीर की मसल्स टाइट हो जाती हैं जिससे स्ट्रेन और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि आप वॉर्म-अप करें जिससे आपका हार्ट और बॉडी एक्टिव पोजीशन में आ जाए. - हाइड्रेटेड रहेंखुद को हाइड्रेट रखना काफी जरूरी है. ठंडे मौसम में सांस लेने की वजह से आपकी बॉडी डिहाईड्रेट हो सकती है, ऐसे में रनिंग से एक घंटा पहले या एक घंटे बाद पानी पिएं. - पोस्ट-वर्कआउट रिकवरीदौड़ने के बाद, जकड़न और चोटों से बचने के लिए एक्सरसाइज के बाद की रिकवरी को प्राथमिकता दें. इसके लिए स्ट्रेच करें और मांसपेशियों के तनाव को कम करने के लिए फोम रोलर्स या रिकवरी टूल का उपयोग करें....
Best Fruits for Diabetes: डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है और इसे सिर्फ कंट्रोल करके ही स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है. शुगर की बीमारी को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट लेना जरूरी है. ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज के मरीजों को फल नहीं खाने चाहिए क्योंकि उनमें शुगर की मात्रा होती है. लेकिन यह धारणा गलत है. डॉक्टरों के मुताबिक फल विटामिन, मिनरल्स और फाइबर का सबसे बढ़िया स्रोत हैं. कुछ फलों में शुगर की मात्रा भी अधिक होती है लेकिन फिर भी डायबिटीज के मरीज लिमिट में कुछ फलों का सेवन कर सकते हैं. 1. आम आम सबका मनपसंद फल है जिसे देखकर ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. लेकिन डायबिटीज रोगियों को इसका सेवन करते वक्त डर लगता है. हालांकि आहार विशेषज्ञों का कहना है कि आम की एक सर्विंग (3/4 कप) आपकी दैनिक फाइबर जरूरत का 7% प्रदान करती है. 2. एवोकाडो एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज होने से हृदय रोग का खतरा दोगुना हो जाता है. एवोकाडो एक ऐसा फल है जो वास्तव में काफी हेल्थ बेनेफिट्स दे सकता है. अधिकांश अन्य फलों के विपरीत एवोकाडो में ना के बराबर चीनी होती है और यह आपके ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया को प्रभावित नहीं करती है. 3. केला मधुमेह रोगियों के लिए केला भी खराब माना जाने वाला फल है लेकिन कच्चे हरे केले प्रतिरोधी स्टार्च का एक अच्छा स्रोत हैं. एक फाइबर जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और इंसुलिन प्रतिरोध से लड़ने के लिए पाया गया है. इसलिए डायबिटीज की बीमारी में केले का सेवन किया जा सकता है. 4. चेरीएक कप चेरी में 52 कैलोरी और 12.6 ग्राम कार्ब्स होते हैं। ये फल सूजन कम करता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा अधिक होती है और यह हार्ट डिजीज, कैंसर और अन्य बीमारियों से लड़ने में सहायक है. 5. संतरे संतरा विटामिन सी की उच्च मात्रा के लिए जाना जाता है लेकिन एक मध्यम आकार के संतरे में लगभग तीन ग्राम फाइबर होता है. फाइबर आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है और वजन और ग्लूकोज प्रबंधन में सहायता कर सकता है.
Benefits Of Consuming Honey In Winters: सर्दियों में शहद शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. शहद की तासीर गर्म होती है. जिस कारण सर्दियों में इसे खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है और मौसमी बीमारियों से भी शरीर का बचाव होता हैं. सर्दियों में शहद खाने से शरीर हेल्दी रहता है और इम्यूनिटी भी मजबूत होती है. शहद खाने से पेट संबंधी परेशानी भी आसानी से दूर होती हैं. शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं सर्दियों में शहद खाने के फायदों के बारे में. पोषक तत्वों से भरपूरशहद अमीनो एसिड, खनिज और विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह इसे आपके आहार में एक बढ़िया अतिरिक्त बनाता है, खासकर यदि आप अपने समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना चाहते हैं. पाचन में है फायदेमंदशहद न केवल प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बल्कि पाचन में सहायता के लिए भी अच्छा है. इसमें ऐसे एंजाइम होते हैं जो भोजन को तोड़ने और पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं. ये एंजाइम आंत में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देने में भी मदद करते हैं, जो स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए आवश्यक है. इम्युनिटी को करता है मजबूतशहद में एंटीऑक्सिडेंट, एंजाइम और विटामिन की उच्च सांद्रता होती है जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करती है. इसमें सूजनरोधी गुण भी होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करते हैं, जिससे यह सामान्य सर्दी, खांसी और एलर्जी के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक उपचार बन जाता है. त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार आपने फेस मास्क और अन्य सौंदर्य उत्पादों में शहद का उपयोग करने के बारे में सुना होगा। शाहद कोई अपवाद नहीं है; यह त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार लाने में अपने लाभों के लिए जाना जाता है. इस सुपरफूड शहद में जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो मुँहासे, दाग-धब्बे और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं. शहद खाने का सही तरीकावैसे, तो दिन में कभी भी शहद को खाया जा सकता है. लेकिन अगर आप रोज खाली पेट एक चम्मच शहद को खाते है या पानी में डालकर पीते हैं, तो ये शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. सर्दियों में शहद का सेवन कई बीमारियों को दूर करता है. लेकिन ध्यान रखें अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या हैं, तो डॉक्टर से पूछ कर ही शहद खाएं.
Winter Tips: जनवरी की शुरूआत से ही हर दिन के साथ ठंड बढ़ती जा रही हैं. मौसम में होने वाला बदलाव अक्सर हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है. इस मौसम के दौरान सर्दी, जुकाम और फलू जैसी समस्याएं हो रही हैं. इन सभी परेशानियों से निपटने के लिए जरूरी है कि आप अपने शरीर और इम्युनिटी को स्ट्रॉग बनाएं.ठंड के मौसम में गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन फायदेमंद होता है. क्योंकि ठंड का मौसम आते ही कई लोगों को बीमारियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ठंड से बचने के लिए रसोई में इस्तेमाल होने वाले गर्म मसालों का सेवन करने से शरीर गर्म रहता है और यह कई बीमारियों से भी बचाता है. यहां आज हमने ऐसे ही कुछ मसालों की लिस्ट तैयार की हैं जिनका सेवन आपको इस ठंड के मौसम में करना चाहिए! दालचीनी (Cinnamon Sticks) दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा दालचीनी दिल के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. दालचीनी आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने में भी मदद करती हैं. लौंग (Cloves) लौंग की तासीर गर्म होती है. इसलिए सर्दियों में लौंग का सेवन करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. सर्दियों के मौसम में लौंग वाली चाय और सब्जियां में डालकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके सेवन से हमारा शरीर गर्म रहता है और हमें लौंग के सभी पोषक तत्वों का लाभ भी मिलता है. तेज पत्ता (Bay Leaf) तेज पत्ते में कैल्शियम, आयरन, विटामिन A, C और E भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये सभी पोषक तत्व सर्दियों में हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं. तेज पत्ते की गर्म तासीर इम्यूनिटी बढ़ाने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक होती है. यह कफ-खांसी, सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं को दूर रखता है. इलाइची (Cardamom)इलाइची का उपयोग आमतौर पर स्वीट डिशेज और करीज में स्वाद और सुंगध बढ़ाने के लिए करते आए हैं. यह छोटी और बड़ी इलाइची के रूप में उपब्लध होती हैं जो हरे और काले रंग में हैं. यह एंटी ऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स से लोड होती हैं और यह दोनों ही इम्युनिटी को बढ़ाने के अच्छी मानी जाती हैं. काली मिर्च (Black Pepper)काली मिर्च की तीखी और कड़वी स्वाद होती है. यह एक ऐसा मसाला है जिसका प्रयोग सर्दियों के मौसम में काफी फायदेमंद होता है. काली मिर्च में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करते हैं. साथ ही, काली मिर्च का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी-जुकाम, खांसी-जुकाम जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. ...
Difference between real and fake Jaggery: सर्दियों में जुकाम, खांसी से बचने के लिए हर रोज गुड़ खाना फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, कुछ लोगों को असली और नकली गुड़ की पहचान नहीं होती है, जिसके चलते लोग मार्केट से नकली गुड़ खरीद लाते हैं. ऐसे में अगर आप भी सर्दियों में खूब गुड़ का सेवन करते हैं तो कुछ खास तरीकों से आप रियल और फेक जैगरी (Jaggery) की पहचान कर सकते हैं. कुछ लोग अनजाने में बाजार से नकली गुड़ ले आते हैं, जिसका सेवन सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. ऐसे में गुड़ खरीदने के कुछ टिप्स फॉलो करके आप असली और नकली गुड़ में आसानी से फर्क समझ सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि असली और नकली गुड़ की पहचान कैसे करें. रंग से पहचाने असली गुड़ की पहचान इसके रंग से की जाती है. असली गुड़ का रंग हल्का पीला या थोड़ा भूरा होता है. यह स्वच्छ और चमकदार होता है. इसमें किसी भी तरह के काले, सफेद या अन्य रंग के धब्बे नहीं होते. वहीं, नकली या मिलावटी गुड़ में सफेद रंग के छोटे-छोटे कण या धब्बे दिखाई देते हैं. इसका रंग असली गुड़ की तुलना में गहरा भूरा या काला भी हो सकता है. इसलिए रंग को ध्यान से देखकर असली और नकली गुड़ को आसानी से अलग किया जा सकता है. स्वाद से करें पहचान गुड़ का स्वाद बताता है कि वह असली है या नकली. असली गुड़ का स्वाद बहुत ही सुगंधित और स्वादिष्ट मीठा होता है. असली गुड़ में गन्ने की मीठी खुशबू स्पष्ट रूप से महसूस होती है. इसका स्वाद न बहुत ज्यादा मीठा और न ही बिल्कुल कड़वा होता. जबकि नकली या मिलावटी गुड़ कई बार बहुत अधिक मीठा या कड़वा स्वाद वाला होता है. ऐसे गुड़ से गन्ने की खुशबू नहीं आती. इसलिए स्वाद के आधार पर भी असली और नकली गुड़ में आसानी से फर्क किया जा सकता है. बता दें कि गुड़ को गैस पर गर्म कर के भी पहचाना जा सकता है.असली गुड़ की तरलता थोड़ी चिपचिपी और गाढ़ी होती है. यह आसानी से बह नहीं पाता. जबकि नकली या मिलावटी गुड़ बहुत पतला और पानी जैसा होता है और तरल होने पर आसानी से बह जाता है. ...
Heart Attack in Winters: सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.दरअसल ठंड के कारण खून की मांसपेशियां सुकड़ जाती हैं.जिस कारण ब्लड का बहाव धीमा पड़ जाता है, और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.और दिल का दौरा पड़ने से व्यक्ति की मौत हो जाती है.एक्सपर्ट्स के मुताबिक ठंड में हार्ट अटैक का खतरा 31 प्रतिशत तक ज्यादा बढ़ जाता है. रात में सोने पर शरीर का ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल कम होता है, जिसे सुबह शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम नॉर्मल करने में लगा रहता है. इस मौसम में इस काम को करने में दिल को नॉर्मल से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.आज युवाओं से लेकर बूढ़े यहां तक कि छोटे उम्र के बच्चे भी अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में हार्ट के प्रति सचेत होना और भी ज्यादा जरूरी है. लेकिन आधुनिक लाइफस्टाइल में हमारी कई ऐसी आदतें हैं.जिनकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ठंड में सुबह जल्दी वॉक न करें सर्दियों में हार्ट के पेशेंट को सुबह बहुत जल्दी नहीं उठना चाहिए. जल्दी उठने से नसें सिकुड़ी रहती हैं और ऐसे में तुरंत एक्सरसाइज या वॉक करने में परेशआनी हो सकती है. इसलिए हल्की धूप होने के बाद ही बाहर निकलें और हल्की एक्सरसाइज ही करें. शरीर को कपड़े से कवर रखें. ऑयली चीजों का सेवन न करें सर्दी के मौसम में लोग तला भुना ज्यादा खाया करते हैं. इससे बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है. जिससे हार्ट अटैक का रिस्क कई बढ़ सकता है. इसलिए ठंड में पराठे और ऑयली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए. मन लगाकर एक्सासाइज करेंहार्ट अटैक वाले पेशेंट रोज मन लगाकर आधा घंटे से लेकर 45 मिनट तक एक्सासाइज करें. हेल्दी डाइट लें,जो भी हरी सब्जियां या फ्रूट्स सीजनल होते हैं,उनका सेवन करें. साथ ही पर्याप्त नींद लें.जिससे से आप हार्ट अटैक से बचे रह सकते हैं. कम नमक खाएंहार्ट को हेल्दी रखने के लिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना चाहिए. सर्दियों में जितना हो सके कम नमक खाना चाहिए. दरअसल, शरीर में नमक पानी रोकने का काम करता है. हार्ट को इस लिक्विड को पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है. जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है. लिमिट में पानी पिएंठंड के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं, जो हार्ट के लिए फायदेमंद माना जाता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस मौसम में ज्यादा पानी पीने से हार्ट को ज्यादा लिक्विड पंप करना पड़ता है. जिससे दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है.
Winter Skin Care Tips: सर्दियों में हवा और ड्राई वातावरण की वजह से स्किन फटना शुरू हो जाती है और चेहरे व हाथ पैरों पर खिंचाव महसूस होने लगता है. जिस वजह से चेहरे का ग्लो धीरे-धीरे खोने लगता है. मौसम में बदलने के साथ ही स्किन के हिसाब से उसकी देखभाल में बदलाव की भी जरूरत होती है. इसलिए इस मौसम में अपनी त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए उसकी देखभाल करना आवश्यक है.आइए जानते है कि आप किस तरह अपने डेली स्किन केयर में बदलाव ला सकते हैं और ग्लोइंग व कोमल त्वचा को मेंटेन कर सकते हैं. विंटर स्किन केयर टिप्स- हेल्दी रखें त्वचाअगर आप अपनी स्किन को अंदर से हेल्दी रखेंगे तो इससे आपकी त्वचा नेचुरली खूबसूरत दिखेगी. इसके लिए आप अपने खानपान में बदलाव लाएं. बेहतर होगा कि विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर खाना खाएं और खूब पानी का सेवन करें. इससे आपकी त्वचा हेल्दी, ग्लो करती दिखेगी. - सीरम और नाईट मास्क से करें स्किन हाइड्रेटसर्दियों में त्वचा की देखभाल के लिए हाइड्रेशन बहुत महत्वपूर्ण है.अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए हाइड्रेटिंग सीरम, इमोलिएंट-रिच क्रीम और ओवर-नाईट मास्क का उपयोग करें। देख लें कि आपके हाइड्रेटिंग मास्क, सीरम और मॉइस्चराइजिंग जैल में एलोवेरा, नीम, बेरी का अर्क, गुलाब का अर्क, प्राकृतिक तेल, एडेलवीस का अर्क जैसे तत्व हों. - एक्स्ट्रा मॉइश्चराइजरहाइड्रेटेड त्वचा के लिए जरूरी है कि आप ...
Cold Wave Tips:ठंड का मौसम पूरे चरम पर है और लोग इसका लुत्फ उठा रहे हैं. लेकिन ये मत भूल जाइए कि सर्दियों में चलने वाली ठंडी हवाएं (Cold wave) सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं.मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले या आउटडोर में एक्सरसाइज करने वालों को ज्यादा ऐहतियात बतरनी ज़रूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसमें रक्त धमनियां संकुचित होने लग जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जो हार्ट से जुडी समस्याओं को बढ़ा देता है. जिस वजह से सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है. जानें शीतलहर से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं. 1. सांस से जुड़ी समस्याएंठंडी और बर्फीली हवाएं अस्थमा जैसी सांस की समस्याओं को ट्रिगर कर सकती है. इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और सांस के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ सकता है. इससे जुकाम की समस्या भी बढ़ सकती है. 2. हार्ट से जुड़ी समस्याएंसर्दियों में हार्ट पर प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट की गति बढ़ सकती है. शीतलहर दिल के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है. इससे स्ट्रोक या हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ सकता है. 3. ड्राई स्किनठंड के मौसम में त्वचा रूखी होना काफी आम स्किन प्रॉब्लम्स है. जिससे बचने के लिए स्किन को मॉश्चराइज रखना चाहिए. खासतौर से नहाने के बाद और ठंड के संपर्क में त्वचा को ना आने दें. इसलिए गर्म कपड़े पहनें. 4. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्दसर्दी के मौसम में गठिया की परेशानी काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ठंड हवाओं के संपर्क में आने से मांसपेशियों में अकड़न आ सकती है. इससे चलने में समस्या हो सकती है. इसलिए शीतलहर से बचकर रहना चाहिए. 5. इम्यून सिस्टम वीक होनाबहुत ज्यादा कोल्ड वेव के संपर्क में रहने से इम्यून सिस्ट कमजोर होने का खतरा रहता है. इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां आसानी से हो सकती हैं. वायरल, सर्दी, जुकाम का रिस्क भी कई गुना तक बढ़ सकता है. शीतलहर से बचने के उपाय- गरम कपड़ों को लेयर मे पहनकर रहें.- सर्दियों में खुद को बारिश में भीगने से बचाएं.- गरम पानी पिए, खाने में फल, सब्जियां खाएं साथ ही सूप लेते रहें.- गरम पानी पिए, खाने में फल, सब्जियां खाएं साथ ही सूप लेते रहें....
Pistachio Benefits: पिस्ता हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं. इस में विटामिन सी, विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. यह गर्म नेचर का ड्राई फ्रूट होता है, इसलिए यह सर्दियों में आपको अंदर से गर्म रखने में मदद करता है, साथ ही यह आपकी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है, इसलिए इसे सर्दियों का परफेक्ट स्नैक माना जाता है। आप इसे कई डिसेज में डालकर भी खा सकते हैं. आइए जानते हैं, सर्दियों में रोज पिस्ता खाने के फायदे. वजन कम करने में मददगारपिस्ता आपके पेट को काफी देर तक फुल रखता है, जिस वजह से आपको जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती और आप ओवरइट करने से बच जाते हैं. ओवरइटिंग न करने की वजह से आपका वजन नहीं बढ़ता और हाइपरटेंशन, डायबिटिज और कार्डियो वैस्कुलर डिजीज होने का जोखिम कम हो जाता है. दिल के लिए फायदेमंद पिस्ता में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण और फाइबर ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) की मात्रा को कम करने में सहायक होता है. साथ ही पिस्ते को रोजाना खाने से ब्लड में गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) की मात्रा बढ़ती है. जो हमारे हार्ट के लिए फायदेमंद होता है. इस प्रकार, पिस्ता से होने वाली गुड कोलेस्ट्रॉल स्तर की वृद्धि कई कार्डियोवैस्कुलर रोगों और हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकती है. स्किन के लिए फायदेमंद पिस्ता में पाए जाने वाले पोषक तत्व त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते है. पिस्ता में विटामिन E, एंटीऑक्सीडेंट्स और फैटी एसिड जैसे कई तत्व पाए जाते हैं जो हमारी त्वचा की देखभाल में मदद करते हैं. बालों के लिए फायदेमंदपिस्ता बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसकी कमी से बालों का झड़ना, डैंड्रफ, ड्राई होना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं. पिस्ता में बायोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो बालों को मजबूत बनाता है और मॉइस्चराइज करता है. इस वजह से बाल कम टूटते हैं और उनका रूखापन भी कम होता है....
Christmas special Plum Cake: क्रिसमस का त्योहार आने वाला है और इसकी रौनक देखते ही बन रही है. बाजारों से लेकर लोगों के घरों तक इस जश्न की तैयारी हो रही है. क्रिसमस में एक चीज जो जरूरी होती है वो है केक. क्रिसमस केक खाने में जितना स्वादिष्ट और लजीज लगता है.कुछ लोग क्रिसमस सेलिब्रेट करने के लिए बाहर से केक ऑर्डर करते हैं तो कुछ घर में ही बड़े प्यार से क्रिसमस स्पेशल केक बनाते हैं. तो अगर इस क्रिसमस आप भी फ्रेंड्स और फैमिली के लिए क्रिसमस को और ज्यादा स्पेशल बनाना चाहते हैं तो घर पर बनाएं क्रिसमस स्पेशल प्लम केक. आज हम आपको इस स्पेशल क्रिसमस केक को परफेक्टली बनाने के कुछ टिप्स शेयर करेंगे जिससे आपके केक स्वादिष्ट और मजेदार बनेगा. प्लम केक बनाने की सामग्री (Plum Cake ingredients) 250 ग्राम मैदा, 150 ग्राम ब्राउन शुगर, 30 ग्राम बादाम, 30 ग्राम अखरोट, 1/4 कप दूध, 150 ग्राम अनसाल्टेड मक्खन, 1 चम्मच पिसी हुई दालचीनी100 ग्राम आलूबुखारा, 5 बूंद वेनिला एसेंस, 2 चम्मच बेकिंग पाउडर प्लम केक बनाने की विधि (Plum Cake Recipe) - एक बाउल में आटा और बेकिंग पाउडर को एक साथ मिलाएं. इसके बाद चीनी को अच्छे से मिक्स करने के लिए ब्राउन शुगर और मक्खन को एक साथ मिलाएं. - इसके बाद इसमें अंडे मिलाएं और झागदार होने तक फेंटते रहें. इसके बाद इसे आंटे में मिलाएं, ताकि एक बैटर में कोई गांठ न पड़े. बैटर में दूध और वेनिला एसेंस डालें और अच्छी तरह मिलाएं. अब इसमें दाल चीनी पाउडर डालें और मिलाएं। बैटर को 10 मिनट तक ऐसे ही रहने दें. - इस बीच, मेवे और प्लम को बारीक काट लें और बैटर में मिलाकर, अच्छी तरह फेंटें. अब ओवन को 180 डिग्री पर 15 मिनट के लिए प्रीहीट कर लें. बेकिंग ट्रे को बटर पेपर से बिछाएं और तेल या मक्खन से चिकना करें और थोड़ा आटा छिड़कर, इस पर बैटर डालें. - केक को 160 डिग्री सेल्सियस पर एक घंटे के लिए या 200 डिग्री सेल्सियस को 40 मिनट तक बेक करें. - बेकिंग ट्रे से केक को सावधानी से बाहर निकालें और ड्राई फ्रूट्स से गार्निश करें....
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