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Hair Care Tips: सर्दियों में सर्द हवाएं आपके बालों से नमी को छीन लेती हैं और बदले में डैंड्रफ, स्प्लिट एंड और ड्रायनेस जैसी समस्‍याएं पैदा कर देती हैं. बदलते मौसम में अपने बालों की आवश्यकता के अनुरूप उनकी देखभाल करने की हिदायत दी जाती है. जी हां, सर्दियों में सिर्फ आपकी स्‍किन पर ही नहीं बल्‍कि बालों पर भी बुरा असर पड़ता है. इन समस्याओं से कैसे पाएं छुटकारा ?बाजार में कई ऐसे शैंपू हैं, जो यह दावा करते हैं कि उनके इस्तेमाल से डैंड्रफ की समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन इन शैंपू में केमिकल की मात्रा अधिक होती है और इनके रेग्युलर इस्तेमाल से बाल बेजान हो जाते हैं, लिहाजा रूसी से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय को आजमाना ही फायदेमंद है. रेग्युलरी कंघी करें जब आप कंघी का इस्तेमाल करते हैं तो आपका स्कैल्प उत्तेजित होता है और उसमें ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे स्कैल्प में मौजूद नैचरल ऑइल का सीक्रिशन बढ़ता है. ऐसा करने से बाल और स्कैल्प दोनों हेल्दी रहते हैं और हेल्दी स्कैल्प पपड़ी और डैंड्रफ से फ्री रहता है. लिहाजा रेग्युलर बेसिस पर बालों में कंघी करते रहें. खूब सारा पानी पिएं सर्दी के मौसम में आमतौर पर पानी पीते ही ठंड महसूस होने लगती है, इसलिए ज्यादातर लोग सर्दी में पानी कम पीते हैं, लेकिन ऐसा करने से आपकी स्किन और बाल दोनों डिहाइड्रेट हो जाते हैं और इससे डैंड्रफ की समस्या बढ़ जाती है, लिहाजा सफिशंट पानी पीना बेहद जरूरी है. बालों को करवाती रहें ट्रिमअपने बालों को नियमित रूप से ट्रिम करना भी आवश्यक है, ताकि आपके बाल दो-मुंहे होने से बच जाएं। इन्हें रोकने का कोई जादुई तरीका नहीं है, बस स्थायी रूप से हटाने के लिए आपको इन्हें काटना ही पड़ेगा. बालों को कंडीशन करती रहेंसर्दियों में ड्राय स्‍कैल्‍प से छुटकारा पाने के लिए हाइड्रेटिंग और पौष्टिक शैंपू और कंडीशनर का उपयोग करें. बालों को ऑयली होने से बचाने के लिए अपने स्कैल्प से तीन या चार इंच की दूरी पर कंडीशनर लगाएं. पौष्टिक शैंपू और कंडीशनर आपके बालों को पोषण देने में मदद करेगा और ठंड हवाओं के कारण उन्‍हें रूखे होने से बचाएगा. रूखे बालों पर लगाएं तेलइन दिनों मार्केट में अलग-अलग किस्‍म के हेयर ऑयल उपलब्‍ध हैं, जो बालों की कंडीशन और उनके टाइप को आधार मानकर बनाए जाते हैं. सर्दियों में बालों की देखभाल करने के लिए सप्‍ताह में दो बार उनमें तेल से मालिश जरूर करें.  ...

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Benefits of Green Cardamom: हर घर की किचन में मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली छोटी इलायची सेहत से भरपूर है. इलायची का सेवन कई मायनों में आपके लिए फायदेमंद रहता है. अधिकतर लोग इलायची को स्वादिष्ट मसाले के रूप में ही प्रयोग करते हैं और इसके सेवन से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में अनजान रहते हैं.इसमें प्रभावशाली औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से इसका उपयोग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में भी किया जाता रहा है.आज हम आपको बताते हैं इलायची खाने से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से. दिल की धड़कन को सुधारती है दिल की धड़कन को सही रखने में छोटी इलायची का सेवन बहुत कारगर साबित होता है. इलायची में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम जैसे खनिज पदार्थ मौजूद हैं. इंसान के रक्त, शरीर में मौजूद तरल और ऊतकों का प्रमुख तत्व पोटेशियम है. इलायची के सेवन से पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा शरीर में बनी रहती है. दांतों के लिए भी लाभदायक इलायची में शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो दांतों की समस्याएं दूर रखने के अलावा सांसों की दुर्गंध से भी छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं. इलायची के तेल में मौजूद फाइटोकेमिकल सिनेओल एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक है जो सांसों की दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने और कैविटी और दांतों की सड़न को रोकने के लिए जाना जाता है. कब्ज से राहतपेट में कब्ज यानी बीमारियों को न्योता. इसलिए हर किसी की कोशिश रहती है कि उसे कब्ज की समस्या न हो. यदि आपको कब्ज है तो छोटी इलायची का सेवन या छोटी इलायची को पकाकर तैयार किए गए पानी का सेवन आपको फायदा पहुंचाएगा. यह आपकी पाचन क्रिया को दुरुस्त कर कब्ज से राहत देती है. निकोटीन छुड़ाने में भी लाभदायक प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में इलायची उन लोगों की भी मदद कर सकती है जो निकोटीन (तंबाकू में पाया जाने वाला खतरनाक केमिकल) छोड़ना चाहते हैं. दिन में 4 से 6 बार इलायची चबाने से निकोटीन की लालसा, बेचैनी, चिड़चिड़ापन और तंबाकू के सेवन की अधीरता कम हो जाती है. यह नींद की गुणवत्ता में भी सुधार करता है और अवसाद से बचाती है. मुंह की बदबू को दूर करेंछोटी इलायची स्वाद बढ़ाने के साथ ही माउथ फ्रेशनर का भी काम करती है. इसे खाने से मुंह की बदबू में राहत मिलती है. यदि आपके मुंह से तेज दुर्गंध आती है और लोग आपसे बात करने में संकोच करते हैं तो आप हर समय एक इलायची अपने मुंह में रख सकते हैं.

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Tea Side Effects: चाय पीना लगभग सभी लोगों को खूब पसंद होता है. बहुत ही कम ऐसे लोग हैं जिन्हें चाय पीना पसंद न हो. गम हो या खुशी बात चाय की चुस्कियां पर आकर रूक जाती है. सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए भी चाय बहुत ही जरूरी होती है.  हालांकि ज्यादा चाय पीना सेहत के लिए नुकसानदायक (Chai peene ke nuksan) हो सकता है. यह पाचन के लिए खराब (Drinking Too Much Tear Harmful For Health) होती है. अगर आप भी सुबह दोपहर और शाम को चाय की खूब चुस्कियां (Tea Side Effects) लेते हैं तो इससे होने वाले नुकसान को जान लें. ऐसे में आपको बहुत ज्यादा चाय पीने से बचना चाहिए। ज्यादा चाय पीन के साइड इफेक्ट्स 1. ज्यादा चाय पीने से बेचैनी और थकान की समस्या हो सकती है. चाय की पत्तियों में पाया जाने वाला कैफीन शरीर में बेचैनी और थकान को बढ़ाने का काम करता है.2. चाय पीने से जी मचला सकता है और उल्टी का भी मन करता है. ऐसे...

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Benefits of Eating Fish: डिप्रेशन दूर करने में ओमेगा-3 के सेवन से अवसाद की स्थिति में भी फायदा मिलता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर अवसाद से घिर जाती हैं, ऐसे में डॉक्टर उन्हें ओमेगा-3 की कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं लेकिन मछली का सेवन करते रहने से कैप्सूल लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.मछली में लो फैट होता है और बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन. ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाने के कारण भी मछली स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है. मछली में विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं इसलिए मछली का सेवन शरीर की कई जरूरतों को पूरा करता है. कैसर से बचाव जो लोग नियमित रूप से मछली का सेवन करते हैं उन्हें कैंसर होने का खतरा कम होता है. मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव करता है. इसे खाने से ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर से बचाव होता है. अगर आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं तो अपने आहार में मछली को इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा. दिल की सुरक्षा के लिए हार्ट पेशेंट्स के लिए मछली बहुत फायदेमंद है. इसमें पाए जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल और उसकी मांस-पेशि‍यों को मजबूत बनाता है. मछली में लो फैट होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने नहीं पाती है. मछलियों में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सुरक्षा में मदद करता है. दिमाग तेज करने के लिएअगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा तेज दिमाग वाला बने तो उसे आज से ही मछली खि‍लाना शुरू कर दीजिए. मछली में मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क को तेज करने का काम करते हैं. मछली में मौजूद फैटी एसिड दिमाग को तेज करता है और स्मरण शक्त‍ि बढ़ाता है.  नींद में सुधारकई लोगों को नींद न आने की समस्या होती है. मछली में मौजूद विटामिन डी नींद की गुणवत्ता को बेहतर करने के साथ डिप्रेशन से छुटकारा भी दिलाता है. इसके नियमित लेने से अच्छी और गहरी नींद आने में मदद मिलती है और चिंता भी दूर होती है. डिप्रेशन दूर करने में सहायक ओमेगा- 3 के सेवन से अवसाद की स्थिति में भी फायदा मिलता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर अवसाद से घिर जाती हैं, ऐसे में डॉक्टर उन्हें ओमेगा-3 की कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं लेकिन मछली का सेवन करते रहने से कैप्सूल लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी....

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Juices for Immunity: सर्दियों के मौसम में फिट रहने के लिए हेल्दी डाइट लेना बेहद जरूरी है. इसके लिए लोग कई तरह के हेल्दी फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करते हैं. जूस को भी हेल्दी ड्रिंक्स की लिस्ट में काउंट किया जाता है. एक स्ट्रॉन्ग इम्यून सिस्टम न केवल इंफेक्शन को दूर रखता है बल्कि आपके शरीर को आंतरिक शक्ति भी प्रदान करता है. प्राकृतिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कई तरीके हैं. सर्दियां हो या गर्मियां जूस हर सीजन में सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दियों में कौन सा जूस आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है और ये कैसे आपके इम्यूनिटी सिस्टम को दुरुस्त कर सकता है. चुकंदर-गाजर और अदरक का जूससर्दियों में चुकंदर, गाजर और अदरक का रस पीना बहुत फायदेमंद होता है. सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गर्मी मिलती है. इस जूस को आप एक्सरसाइज करने से पहले या बाद में पी सकते हैं. इस जूस में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं साथ ही इसमें आयरन, विटामिन ए और विटामिन सी भी पाया जाता है. ये जूस एनीमिया की समस्या को कम करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. टमाटर का रसटमाटर का जूस एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है. इसमें विटामिन सी और बीटा कैरोटीन होता है. टमाटर के रस में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है. ये कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कंट्रोल करने में भी मदद कर सकता है. टमाटर के रस में पोटेशियम भी होता है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है. ग्रीन जूसपत्तेदार सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और यह आपकी डेली डाइट का जरूरी हिस्सा होनी चाहिए. ये वजन घटाने में मदद कर सकती हैं. बेहतर इम्यूनिटी के लिए आप पालक और सलाद के साथ जूस तैयार कर सकते हैं. आप इस मिश्रण में थोड़ा सा आंवला भी मिला सकते हैं. ये स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ विटामिन सी भी बढ़ाएगा. गाजर- ग्रीन एप्पल और ऑरेंज जूसये जूस टेस्टी होने के साथ ही काफी हेल्दी भी होता है. इस जूस में एंटीऑक्सीडेंट समेत विटामिन सी और विटामि ए भी पाया जाता है. इस जूस को पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है. कीवी और स्ट्रॉबेरी का जूसकीवी और स्ट्रॉबेरी का मिश्रण स्वादिष्ट होता है जिसका आनंद आप रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ले सकते हैं. ये फल विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. पोषण से भरपूर इस जूस को तैयार करें और इसमें स्वाद के लिए थोड़ी काली मिर्च और नमक भी मिला सकते हैं.  

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Benefits Of Carrot Juice: गाजर और गाजर का जूस दोनों ही सेहत के लिए टॉनिक की तरह होते हैं. सर्दी के मौसम में इसका सेवन फायदेमद होता है. गाजर का जूस काफी पौष्टिक होता है. इसमें बीटा-कैरोटीन, विटामिन A, K, C, B6, E, फाइबर, पोटैशियम, मैंगनीज और कॉपर समेत कई तत्व पाए जाते हैं. इस जूस (Carrot Juice Benefits) के सेवन से आंखों से लेकर दिल तक की सेहत दुरुस्त रहती है. बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए स्ट्रॉन्ग एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है और कई त...

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Fenugreek and Fennel Water: बढ़ता वजन अक्सर ही परेशानी का सबब बन जाता है. वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज या डाइटिंग भी की जाती है लेकिन दोनों के लिए ही एक्स्ट्रा स्ट्रगल करना पड़ता है. जिसके लिए बहुत से लोगों के पास समय नहीं होता है. लेकिन, कोशिश यही रहती है कि किसी ना किसी तरह वजन कम होने लगे. रोज सुबह अगर आपने इस एक पानी को पीना शुरू कर दें तो आपका वजन बहुत आसानी से कम हो सकता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं मेथी और सौंफ के पानी (Fenugreek and Fennel Water) की. इन दो मसालों से बना पानी शरीर के लिए कई रूपों में फायदेमंद हैं. यहां आपको बताया जाएगा इससे जुड़े बढ़े फायदे और इस पानी को बनाने की तरीका.  पाचन तंत्रमेथी और सौंफ का पानी पाचन तंत्र (Digestive System) के लिए रामबाण होता है. ये पेट साफ रखता है और पाचन की प्रक्रिया को सरल बनाता है. इसे पीने से कब्ज, एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी समस्या से जल्दी राहत मिल सकती है. वेट लॉस में असरदारनियमित रूप से मेथी सौंफ पानी पीने से वजन कम (Weight Loss) करने में मदद मिल सकती है. ये वेट लॉस की प्रक्रिया को और भी अधिक सरल बना देती है. अधिक बेहतर रिजल्ट के लिए आप इसके बीज को चबाकर भी खा सकते हैं. इम्यूनिटी बूस्टरमेथी और सौंफ दोनों में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) की भारी मात्रा होती हैं. इसलिए ये एक अच्छे इम्यूनिटी बूस्टर (Immunity Booster) के रूप में काम करते हैं. मेथी सौंफ पानी पीने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. डिटॉक्सररोज सुबह उठकर खाली पेट सौंफ और मेथी के पानी को पीने से शरीर अच्छी तरह डिटॉक्स (Detox) हो जाता है. सभी प्रकार का कचड़ा धिरे-धिरे शरीर से बाहर निकल जाता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस पानी को 15 दिनों से ज्यादा समय तक लगातार ना पिएं....

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Periods at Early Age: आमतौर पर लड़कियों को 12 से 16 साल की उम्र के बीच पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं. 10 से 15 वर्ष की आयु के बीच किसी भी समय मासिक धर्म आना सही माना जाता है. हालांकि, हर लड़की के शरीर का अपना शेड्यूल होता है. लेकिन, एक स्टडी में हैरान कर देने वाली खुलासा हुआ, कि जिन लड़कियों को 10 साल से कम उम्र में पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं, उनमें आगे चलकर डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. रिसर्चर्स ने 1999 से 2018 के बीच 20 से 65 वर्ष की उम्र की 17,300 से अधिक लड़कियों और महिलाओं के डेटा पर खोज की। इसके बाद उन्हें मासिक धर्म  शुरू होने की उम्र के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी में उन्हे बांटा गया, जिसमें 10 से 15 और उससे ज्यादा उम्र की लड़कियां थीं। रिसर्च में पाया गया की लड़कियों को कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने से 65 साल की उम्र से पहले स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। खासकर उन महिलाओं में जिन्हें 10 साल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू हो जाते हैं. 10 साल की उम्र से पहले पीरियड्स आना खतरनाक- रिसर्च में पाया गया है कि जिन महिलाओं को 10 वर्ष या उससे कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो गए थे, उनमें टाइप टू डायबिटीज का जोखिम 32 प्रतिशत, 11 वर्ष की आयु में आने पर 14 प्रतिशत और 12 की उम्र वाली लड़कियों को 29 प्रतिशत अधिक जोखिम पाया गया था.- स्टडी में  यह भी पाया गया  कि डायबिटीज वाली वो महिलाएं जिन्हें पीरियड्स पहले आए थे, उनमें स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया था लेकिन ओवरऑल कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा नहीं था. - जिन महिलाओं को 10 साल या उससे कम उम्र में पीरियड्स शुरू हुए थे, उन डायबिटीज वाली महिलाओं में स्ट्रोक का जोखिम लगभग तीन गुना अधिक था....

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Benefits of Flax Seeds: फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीज सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.यह ओमेगा-3 फैटी एसिड,आहार फाइबर और मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों पाए जाते है.आयुर्वेद में भी अलसी के कई फायदों के बारे में बताया गया है.इसका उपयोग आमतौर पर पोषण संबंधी पूरक के रूप में या स्मूदी, बेक किए गए सामान और अनाज में एक घटक के रूप में किया जाता है. अलसी के बीज के लाभों को अपने आहार में शामिल करने के लिए अलसी पाउडर एक सुविधाजनक तरीका है. रोजाना अलसी का पाउडर खाने से शरीर को कई तरह के फायदेमंद मिलते हैं. आइए जानते हैं इन फायदों के बारे में विस्तार से-  हेल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवलअलसी पाउडर में मौजूद घुलनशील फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है. जिससे हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा कम होता है. स्वस्थ त्वचा को बढ़ावा देता हैअलसी पाउडर में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट त्वचा को पोषण देने, सूखापन, सूजन और उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने में मदद करते हैं। वजन प्रबंधन में सहायकअलसी पाउडर में फाइबर, स्वस्थ वसा और प्रोटीन का संयोजन तृप्ति को बढ़ावा देने, भूख को नियंत्रित करने और वजन घटाने के प्रयासों का समर्थन करने में मदद करता है. हड्डियों के लिए फायदेमंद अलसी के पाउडर में जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद साबित होता है. अलसी का पाउडर रोजाना खाने से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है. हार्मोन संतुलन का समर्थन करता हैअलसी के पाउडर में लिग्नांस नामक प्राकृतिक पौधे के यौगिक होते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन के लक्षण कम होते हैं.

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Benefits of walnuts: सर्दियां शुरु हो गई हैं. ऐसे में मौसम खराब होने की वजह से सर्दी, जुकाम जैसी बीमारियां होने लगती है इसलिए आपको अपने सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. अगर आप सर्दियों में अपने स्वास्थ का ध्यान रखना चाहते हैं तो अखरोट खाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. अखरोट एक बहुत ही पौष्टिक यानी पोषक तत्वों से भरपूर ड्राई फ्रूट्स है. इसमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और कई जरूरी चीजें पाई जाती हैं जो हमारे शरीर के लिए अच्छे होते हैं.इसके लिए रात में सोने से पहले अखरोट को भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इसे खा लें. तो आइए जानते है अखरोट खाने के फायदे. कब और कितनी मात्रा में खाएं अखरोटएक दिन में सुबह खाली पेट 1-2 अखरोट खाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. आपकी इम्यूमिटी कमजोर है तो आप एक दिन में सिर्फ एक ही अखरोट का सेवन कर सकते है. अखरोट खाने का सबसे अच्छा तरीका है एक अखरोट को रात भर भिगोकर छोड़ दे. भिगोए हुए अखरोट कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं. - दिल और दिमाग के लिए फायदेमंदसुबह खाली पेट भीगे हुए अखरोट खाने से सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. यह दिल और दिमाग दोनों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. इससे शरीर का गंदा कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है. अखरोट खाने से ब्लड सेल्स ठीक से काम करते हैं. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी काफी अच्छा रहता है. - वजन करें कंट्रोलबढ़ता वजन आत के दौर में एक बड़ी समस्या है. वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है जंक फूड लोग अपनी डाइट में तली-भुनी चीजें खाना काफी पसंद करते है जिसकी वजह से उनका वजन बढ़ जाता है. ऐसे में वजन कम करने में अखरोट अहम भूमिका निभा सकता है. ये बॉडी के आपकी बॉडी से एक्स्ट्रा फैट कम करने में मदद करता है. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो वजन को कंट्रोल रखने में मदद करता है. - स्किन के लिए फायदेमंदअखरोट खाने से त्वचा में नमी बनी रहती है जिससे वह सूखने से बचती है. इसलिए अगर आप अपनी त्वचा को मुलायम और कोमल बनाए रखना चाहते हैं तो रोजाना अखरोट खाएं. यह आपको एक खूबसूरत और स्वस्थ त्वचा देगा. बढ़ती उम्र के साथ हमारी त्वचा पर झुर्रियां आना आम बात है. लेकिन अखरोट खाने से यह झुर्रियां कम हो सकती हैं.   

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Lip care tips in winters: सर्दियों का मौसम अपने साथ कई परेशानियों को लेकर आता है. सर्दियों में ठंडी हवा स्किन को ड्राई बनाने के साथ डार्क भी करने का काम करती है.इसके चलते होंठ फटने या चटकने लगते हैं. धीरे-धीरे इनमें दर्द और खून भी आने लगता है. ऐसे में जरूरी है कि इनका खास ध्यान रखा जाए. आप चाहें तो घर पर ही कुछ आसान उपाय करके इस परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं. इन घरेलू नुस्खों की मदद से आप न केवल होंठों की परेशानी को दूर करेंगे, बल्कि खूबसूरत भी बना पाएंगे. आइए जानते हैं फटे होंठों से निजात पाने के आसान उपाय. - रोजाना रात को सोने से पहले होठों पर बादाम का तेल लगाना फायदेमंद होता है. बादाम के तेल में मौजूद विटामिन ई के गुण फटे होंठों को ठीक करने में कारगर हैं. साथ ही यह नई त्वचा कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है जिससे होंठ मुलायम हो जाते हैं. - अगर होंठ फटे नहीं हैं और सिर्फ सूखे हैं तो नींबू के रस का उपयोग किया जा सकता है. नींबू के रस में चीनी के टुकड़े या शहद मिलाकर होठों की मसाज करने से असर दिखता है. इस रस को 5 मिनट तक होठों पर मलने के बाद होठों को पानी से साफ कर लें और उन पर लिप बाम लगा लें. - एक चम्मच कॉफी में नारियल का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें. इस मिश्रण को बहुत अधिक पतला करने से बचें.इसे होंठों पर लगाकर हल्के हाथों से रगड़ें और फिर धो लें. फटे होठों की समस्या से राहत मिलेगी. - चुकंदर के रस और शहद को मिलाकर एक बेहतरीन लिप मास्क बनाया जा सकता है. इस लिप मास्क को होठों पर लगाकर 15 मिनट तक रखें और फिर धो लें.चुकंदर के इस्तेमाल से होठों को प्राकृतिक गुलाबी रंग भी मिलता है जो देखने में बहुत खूबसूरत लगता है.

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Health benefits of Gajak: सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में आपको कई तरह की गजक आसानी से देखने को मिल जाती है. ठंड में धूप सेंकते हुए या खाने के बाद गजक खाने का अलग ही मजा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गजक स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत को भी कई गजब के फायदे प्रदान करती है? गजक में कैल्शियम भी होता है जो हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद है. ज्यादातर लोग स्वाद के लिए इसके खाते हैं यह खाने खास्ता और टेस्टी होता है लेकिन गजक सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. तो आइए जानते हैं सर्दियों में गजक खाने के फायदे. एनर्जी बढ़ाएतिल और गुड़ दोनों की ही तासीर गर्म होती है इसलिए तिल और गुड़ से बनी गजक आपके शरीर को गर्म रखती है. इससे आपके शरीर में एनर्जी और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है जिससे आप मौसमी बीमारियों के चपेट में आने से बचे रहते हैं.  ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोलगजक में मौजूद तिल एक ऐसी सामग्री है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक होती है. तिल में सिसामोलिन नामक तत्व पाया जाता है.यह एक प्राकृतिक वसा अम्ल होता है जो धमनियों को आराम देता है और रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है.  ग्लोइंग स्किन गजक में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये स्किन की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाते हैं. साथ ही यह झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम करने में भी मदद करते हैं.इसके अलावा, गजक में जिंक और सेलेनियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं जो स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाए रखते हैं. रोजाना गजक खाने से स्किन में चमक आती है. हड्डियों को मजबूत बनाएतिल और गुड़ दोनों में ही कैल्शियम की अच्छी मात्रा मौजूद होती है इसलिए गजक के सेवन से आपके शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होती है.गजक के सेवन से आपके दांत और हड्डियां मजबूत बनी रहती है. पाचन को बेहतर रखेगजक में फाइबर की भी अच्छी मात्रा मौजूद होती है इसलिए इसके सेवन से आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे- गैस, एसीडिटी और कब्ज से छुटकारा मिलाता है. इसके साथ ही इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी मजबूत बना रहता है जिससे आपको वजन घटाने में भी मदद मिलती है.

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Custard Apple Benefits: ठंड में लोग जल्दी बीमार पड़ते हैं. इसकी एक मुख्य वजह कमजोर इम्यूनिटी यानी की शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति का कम होना है.ठंडे वातावरण में वायरस लंबे समय तक जिंदा रहते हैं.ऐसे में जरूरी हो जाता है कि बॉडी को मौसम के अनुकूल बनाने के लिए दूरुस्त किया जाए. ऐसा करने के लिए पोष्टिक आहार से बेहतर दूसरा कोई और उपाय नहीं होता है. ​हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता हैNIH में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक कंपाउंड्स, कायूरेनोइक एसिड और विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, कस्टर्ड ऐप्पल हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसके साथ ही इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व रक्त वाहिकाओं के फैलाव में सहायता करती है, जो रक्तचाप पर कंट्रोल बनाए रखने में मदद करती है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करती है. कैंसर में फायदेमंद कैंसर एक भयानक बीमारी है जिससे बचाव के लिए हमें अपनी रोजाना आदतों और खानपान में सुधार लाना चाहिए. शरीफा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाली कोशिकाओं की क्षति को रोकते हैं, जो कि कैंसर के विकास को रोकने में सहायक होता है. कैंसर के मरीजों के लिए शरीफा खाना बहुत ही लाभदायक है.  ​मूड को बूस्ट करने में मदद करता हैयह फल विटामिन बी6 का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो मूड को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.रक्त में विटामिन बी 6 के अपर्याप्त स्तर और अवसाद आपस में संबंधित होते हैं. इसलिए, फल में विटामिन बी6 की भरपूर मात्रा अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करने की क्षमता रखती है. त्वचा के लिए अच्छा है सीताफलएंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत, कस्टर्ड सेब त्वचा को मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करता है और उम्र बढ़ने जैसी त्वचा से संबंधित कई मुद्दों को रोकता है. यह सीबम के उत्पादन को कम करने में भी मदद करता है, जिससे मुंहासे और पिंपल्स जैसी त्वचा की समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है. आंखों के स्वास्थ्य में सुधारस्वस्थ आंखों के लिए विटामिन सी और राइबोफ्लेविन दो सबसे आवश्यक पोषक तत्व हैं. कस्टर्ड ऐप्पल में मौजूद ये एंटीऑक्सीडेंट पोषक तत्व मुक्त कणों से लड़ने में मदद करने की क्षमता रखते हैं, जिससे कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है. कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सिडेंट, ल्यूटिन, ऑक्सीडेटिव क्षति से आंखों की सुरक्षा में भी योगदान देता है. 

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Makki Ki Roti: ठंड में बाजरा और मक्का के आटे से बनी रोटी खाने से शरीर गर्म रहता है और पाचन भी अच्छा रहता है। सर्दियों में आपको ये रोटी अपनी डाइट में जरूर शामिल करनी चाहिए. हालांकि बाजरा और मक्का की रोटी बनाने में काफी मुश्किल आती है. बाजरा के आटे की रोटी बनाते बनाते या तो टूट जाती है या फिर बेलने में मुश्किल आती है. आज हम आपको बड़ी सिंपल ट्रिक से मक्के की रोटी बनाना बता रहे हैं. इस तरह आप घर पर बिना फटे और टूटे मक्के की रोटी बना सकते हैं.  मक्के की रोटी बनाने के लिए सामग्री (Ingredients for Makki Ki Roti) 2 कप मक्के का आटा, 1/2 कप गेहूं का आटा, 2- 3 टेबल स्पून कटा हरा धनिया , 2 टेबल स्पून घी, 1/2 छोटी चम्मच अजवाइन, 1 छोटी चम्मच तेल, नमक स्वादानुसार  मक्के की रोटी बनाने की रेसिपी (Corn Flour Roti Recipe)- किसी बड़े बर्तन में मक्की का आटा और गेहूं का आटा छान लें.- अब आटे में बारीक कटा हरा धनिया, अजवायन, नमक और तेल डाल दें.- आटे को सूखा ही अच्छी तरह से मिक्स कर लें. - अब हल्के गुनगुने पानी से नरम आटा गूंथ कर तैयार कर लें.- आटे को बाइन्ड करने के बाद 5 मिनट तक मसलते रहें.- लोई पर थोड़ा सा आटा लगाकर उंगलियों और हथेलियों से इसे थोड़ा बड़ा कर लें.- आपको रोटी को हल्के हाथ से मोटा बेलना है. अब रोटी को उठाकर थोड़ा हाथ से बड़ा करते हुए अतिरिक्त सूखा आटा झाड़ दें और तवा पर डाल दें.- इस बीच दूसरी रोटी भी तैयार कर लें. तवे पर पड़ी रोटी को हल्का सिकने के बाद पलट दें. - रोटी को दूसरी तरफ से हल्क...

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Benefits of Bhutta: भुट्टा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. पूरी दुनिया में भुट्टा ऐसा अनाज है जो काफी ज्यादा पसंद किया जाता है. साथ ही इसके कई किस्मों से उगाया जाता है. यह स्वाद में लाजवाब और गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको इसके फायदे के बारे में बताएंगे.आयुर्वेद में भुट्टा खाने के कई फायदे गिनाए गए हैं. ये प्यास को शांत करने वाला होता है. अच्छी बात ये है कि एक ओर जहां बहुत सी चीजें पकने के बाद अपना पोषक गुण खो देती हैं वहीं भुट्टे का पोषण और बढ़ जाता है. भुट्टा कैरेटोनॉएड और विटामिन ए का अचछा स्त्रोत है. 1. पोषक तत्वों से भरपूर है भुट्टायह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है. इसमें बायोफ्लेवोनोइड्स और कैरोटीनॉयड सहित एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो स्वास्थ्य के खतरों को दूर रखने में मदद करते हैं. 2. कोलेस्ट्रॉल को कम करेविटामिन सी, बायोफ्लेविनोइड्स, कैरोटेनॉयड्स और फाइबर से भरपूर होने के कारण कॉर्न कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. यह आपकी धमनियों को ब्लॉक होने से भी रोकता है. यह बदले में आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करता है. 3. पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है मक्कामक्का आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत बढ़िया है. चारे की मदद से आपको मल त्यागने में आसानी होती है. साथ ही यह पेट से जुड़े सहायक उपकरण जैसे कि आदिम से भी राहत प्राप्त करने में मदद करता है. 4. हड्डियों एक लिए फायदेमंदक्या आप जानते हैं कि मकई जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम और लौह जैसे खनिजों में समृद्ध है? एनसीबीआई के अनुसार ये खनिज आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह आपको गठिया जैसी विभिन्न हड्डियों से संबंधित बीमारियों से भी बचाता है. 5. कब्ज को जड़ से भगाएकब्ज वास्तव में परेशान करने वाली स्थिति हो सकती है. हालांकि, भुट्टा खाने से आपको इस स्थिति से प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद मिल सकती है. मकई फाइबर से भरपूर होता है जो आपके कोलन में फंसे भोजन को साफ करने में मदद करता है.

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Benefits of Eating Green Onions: हरा प्याज एक ऐसी सब्जी है जो सर्दियों में हड्डियों और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है. सर्दियों में हरा प्याज खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. हरे प्याज में कई गुण और पोषक तत्व होते हैं जो सर्दियों के दौरान फायदेमंद माने जाते हैं. हरा प्याज विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और कई खनिजों से भरपूर होता है. इस में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, विटामिन C और कई खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. जो सभी इम्यूनिटी को मजबूत करके सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव करते हैं. बता दें कि हरी प्याज के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं. आंखों के लिए हरे प्याज के फायदेहरे प्याज में विटामिन-ए की अच्छी मात्रा में मौजूद होती है. आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विटामिन-ए मुख्य भूमिका निभा सकता है. यह अंधेरे में आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद कर सकता है.साथ ही आंखों के रेटिना में पिगमेंट (रंगद्रव्य) को बढ़ाने में मदद करते  है. गठिया के लिएगठिया की समस्या के लिए हरे प्याज का उपयोग फायदेमंद होता है. दरअसल, गठिया के प्रभाव को कम करने के लिए एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) गुण फायदेमंद होता है. वहीं, हरे प्याज की पत्तियों के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. इसलिए इसका उपयोग गठिया की समस्या में लाभ पहुंचाने का काम करते है.  पाचन संबंधी समस्या मेंहरे प्याज का उपयोग पाचन को सुधारने में फायदेमंद हो सकता है. दरअसल, एक रिसर्च में पाया गया कि हरे प्याज में पाचन क्षमता को बढ़ाने वाले और पाचन संबंधी विकारों को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं. ऐसे में, हम यह मान सकते हैं कि अच्छे पाचन के लिए हरे प्याज का सेवन किया जा सकता है. हड्डियों के लिए फायदेमंद सर्दियों का मौसम आते ही कई लोगों को हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है. ठंड और नमी के कारण जोड़ों में सूजन आ जाती है जिससे दर्द और अकड़न होती है. ऐसे में हरी प्याज खाना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. हरी प्याज में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सर्दियों में हड्डियों और ज...

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Orange Benefits In Winter Season: सर्दियों के मौसम में संतरा खाना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है. कुछ लोग संतरा खाने से डरते हैं. उन्हें लगता है कि ठंड के मौसम में संतरा खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी समेत कई दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि यह बात पूरी तरह गलत है. सर्दियों में आपको हेल्थ संबंधी परेशानियों से बचना है और इम्युनिटी को मजबूत रखनाा है तो हर रोज एक संतरा खाना चाहिए.संतरा में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनसे आप सर्दियों में फिट व तंदुरुस्त रह सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ठंड के मौसम में यह खट्टा फल आपको कई बीमारियों से बचा सकता है.आज हम आपको बताएंगे कि हर रोज संतरा खाने के होते हैं ये गजब के फायदे.  जानें संतरा खाने के फायदे1. स्ट्रांग इम्यूनिटीएक संतरे में लगभग 50 मिलीग्राम विटामिन C होता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है. इससे सर्दी, जुकाम और अन्य सीजनल फ्लू से बचाव करने में मदद मिलती है. विटामिन सी एक बहुत ही महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, जो व्हाइट ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद करता है.  2. आंखें रहती हैं हेल्दीबढ़ती उम्र के साथ नजर (Vision) कमजोर होने लगती है.अगर खान-पान को अच्छा रखा जाए, तो लंबे समय तक आंखों को हेल्दी रखा जा सकता है. संतरा को डाइट में शामिल किया जाए, तो उम्र मैक्यूलर डिजनरेशन नामक कंडीशन से बचा जा सकता है. मैक्यूलर डिजनरेशन की वजह से आंखी की रोशनी कम होने लगती है और अंधेपन की समस्या हो सकती है. 3. मेमोरी होती है तेज संतरे में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स मस्तिष्क को संज्ञानात्मक गिरावट (Cognitive Decline) से बचाने में भी मदद कर सकता है. इससे अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है.  4. हार्ट डिजीज का खतरा करे कमडच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया, जिसमें पता चला है कि जो लोग एक सप्ताह में चार से आठ गिलास संतरे का रस पीते हैं, उनमें स्ट्रोक का खतरा 24% कम हो जाता है. यहां तक कि सप्ताह में तीन बार एक गिलास संतरे का रस पीने से स्ट्रोक होने के जोखिम में 20% की कमी आई है....

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Winter Tips for Elder People: सर्दियों का मौसम आ गया है. इस दौरान कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर पर बुजुर्गों को इस मौसम में ज्यादा खतरा रहता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में हर साल सर्दियों में 60 से अधिक उम्र वाले लोगों की मौतों का आंकड़ा बढ़ जाता है. इसका कारण यह है कि सर्दियों के मौसम मे बीमारियों के केस बढ़ जाते हैं. इस मौसम में तीन बीमारियों हार्ट अटैक, अस्थमा और ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है. हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के केस हाई बीपी के मरीजों में अधिक देखने को मिलते हैं. वहीं, अस्थमा वाले मरीजों की परेशानी भी बढ़ जाती है.इनसे बचने के लिए बुजुर्गों को स्पेशल केयर की जरूरत होती है. आज आपको बताएंगे कि सर्दियों में बुजुर्गों का ख्याल कैसे रखें. बुजुर्गों की सेहत का खास ख्याल रखेंहेल्थ एक्सपर्ट्स सर्दी के मौसम को लेकर सलाह देते हैं कि इस मौसम में बुजुर्गों की सेहत (Elderly People Health in Winter) का खास ख्याल रखना चाहिए. ठंड में सुबह के वक्त हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. इस मौसम में हार्ट की आर्टरीज में कम तापमान के चलते क्लॉट हो जाते हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक का जोखिम ज्यादा रहता है. इसलिए बुजुर्कों को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. घर से बाहर न जाने देंनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एजिंग की रिपोर्ट के मुताबिक सर्दियों में घर से बाहर का टेंपरेचर काफी कम हो जाता है, इसलिए बुजुर्गों लोगों को घर के अंदर ही रखना चाहिए. जरूरत होने पर पूरी सेफ्टी के साथ बाहर निकलने में ही भलाई है. अत्यधिक ठंड में ज्यादा देर तक बाहर रहना बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए उन्हें ज्यादा देर तक बाहर न रहने दें. प्रॉपर तरीके से गर्म कपड़े पहनाएंसर्दी से बचने के लिए बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनाने चाहिए. आप एक मोटे कपड़े के बजाय दो या तीन कपड़े पहनाकर सेफ्टी लेयर बना सकते हैं. इससे उन्हें सर्दी से राहत मिलेगी और बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा. ध्यान रखें कि बाहर जाते समय उन्हें कुछ एक्स्ट्रा कपड़े भी पहनाएं ताकि सर्दी से उनकी हेल्थ पर ज्यादा असर ना पड़े. कमरे को रखें गर्मसर्दी के मौसम में घर के अंदर का तापमान भी कम हो जाता है और इससे बुजुर्गों को परेशानियां हो सकती हैं. इससे बचने के लिए कमरे को गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए. कमरे का तापमान मेंटेन करने के लिए आप रूम हीटर का सावधानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. कमरे की खिड़...

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Benefits of Green Saunf: रसोई में इस्तेमाल होने वाले कई सारे मसाले खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही ये मसाले सेहत के लिए भी बेहद गुणकारी होते हैं. सौंफ इन्हीं मसालों में से एक है, जिसे कई लोग खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं आपने अक्सर यह देखा होगा कि होटल, रेस्टोरेंट्स या घर में लोग खाने के बाद सौंफ और मिश्री का सेवन करते हैं.ये मानसिक ही नहीं शारीरिक दिक्कतों के लिए भी कारगर है. पेट को ठंडक प्रदान करने में भी ये बहुत कारगर है. खाना खाने के बाद हर दिन यदि 30 ग्राम सौंफ खाया जाए तो इससे कोलेस्ट्राल की समस्या दूर होती हैं. - पाचन तंत्र करे दुरुस्तअगर आप अक्सर पेट से जुड़ी समस्याओं की वजह से परेशान रहते हैं, तो उसके लिए भी सोच और मिश्री का सेवन कर सकते हैं. एक चम्मच में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर खाने से एसिडिटी, गैस समेत पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है और पाचन तंत्र भी दुरुस्त होता है. - आंखों के लिए फायदेमंदअगर आप अपनी आंखों की रोशनी बढ़ाना चाहते हैं, तो उसके लिए और मिश्री का सेवन फायदेमंद होगा. दरअसल, इसके सेवन से आंखों की रोशनी तेज होती है. रोजाना एक चम्मच सौंफ में आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाने से या इसका पाउडर दूध के साथ लेने से आंखों से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती हैं. - इम्युनिटी बढ़ाएसौंफ और मिश्री खाने से इम्युनिटी बढ़ाने में भी काफी मदद मिलती है. दरअसल, सौंफ में मौजूद विटामिन सी प्राकृतिक रूप से शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है, तो वहीं मिश्री खाने से आपको फोरन एनर्जी मिलती है. ऐसे में सौंफ और मिश्री खाने से मन और शरीर शांत रहते हैं. - खांसी-जुखाम में गुणकारीअगर आप खांसी और गले की खराश की समस्या से परेशान हैं, तो सौंफ और मिश्री खा सकते हैं। इसके औषधीय गुण आपको सर्दी-जुखाम से राहत दिलाने में काफी मददगार साबित होंगे. - हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मददगारअगर आपका हीमोग्लोबिन कम है, तो आप सौंफ और मिश्री जरूर खाएं.इसके सेवन से शरीर में आयरन की कमी पूरी होती है. साथ ही यह हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के साथ ही शरीर में ब्लड फ्लो को भी सुधारता है. - मुंह की दुर्गंध दूर करेसौंफ और मिश्री आपकी ओरल हेल्थ के लिए भी काफी लाभकारी होते हैं. अगर आप अक्सर मुंह की दुर्गंध की समस्या से परेशान हैं, तो सौंफ और मिश्री के सेवन से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. यह दोनों बैक्टीरिया को दूर कर मुंह का पीएच लेवल बनाए रखने में मदद करते हैं....

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Dry Caugh Tips: खांसी एक ऐसी समस्या है जिसे लोग बहुत हल्के में लेते हैं. ज्यादातर लोग तो डॉक्टर के पास जाने में भी संकोच करते हैं. सर्दियों के मौसम में खांसी की समस्या काफी आम होती है. अगर आपको तीन सप्ताह से अधिक समय से खांसी है और यह बंद नहीं हो रही है तो समझ जाइए कि यह सामान्य खांसी नहीं है. ऐसे में डॉक्टर को दिखाना काफी जरूरी होता है. खांसी के कई कारण हो सकते हैं जैसे एलर्जी, इंफेक्शन, स्मोकिंग आदि. ऐसे में अगर आपकी खांसी भी लंबे समय से ठीक होने का नाम नहां ले रही है तो इसका कारण जानना आपके लिए काफी जरूरी है. - इंफेक्शनइंफेक्शन की वजह से सर्दी-ज़ुकाम ठीक होने के बाद भी मरीज़ को बहुत दिनों तक खांसी की समस्या बनी रहती है. इस प्रकार की खांसी कई बार 2 महीनों तक बनी रह सकती है. जिसमें, श्वसन मार्गों में इरिटेशन होती है और आपको खांसी की समस्या हो सकती है. जिसे, ठीक होने में समय लग लगता है.  - अस्थमाश्वसन के दौरान, जिस हवा में हम सांस लेते हैं वह नाक, गले और फेफड़ों में जाती है. अस्थमा होने वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. इससे बलगम बनता है जिससे वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है जो आगे फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकता है. इसके कारण अस्थमा के मरीज को काफी खांसी आती है. अस्थमा में सूखी और गीली, दोनों प्रकार की खांसी आ सकती है. पर सूखी खांसी बहुत कॉमन है - गैस्ट्रोइसोफेजियल रीफ्लक्स रोग गैस्ट्रोइसोफेजियल  रीफ्लक्स रोग यानि GERD खांसी और एसिडिटी का एक आम कारण है. यह पेट के अम्ल और पाचन रसों के गले में चले जाने से होता है, जिससे लगातार खांसी और सीने में जलन की समस्या होती है. GERD में खाने के बाद, झुकते वक्त या लेटते समय अकसर खांसी और जलन शुरू हो जाती है. यह एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है. अगर ज्यादे दिन तक खांसी बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.  - एलर्जी कई लोगों को आस-पास के वातावरण से एलर्जी होती है, जैसे - धूल-कण, पशु-पक्षियों की बालों आदि से. कई बार एलर्जी से होने वाली खांसी कई हफ्तों तक रह सकती है. इसलिए एलर्जी टेस्ट करवाकर खांसी के कारणों का पता लगाना जरूरी हो जाता है. - फेफड़ों का कैंसरलंबे समय तक होने वाली खांसी का कारण फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है. फेफड़ों का कैंसर होने पर खांसते समय खून भी आ सकता है. लेकिन अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं या आपकी फैमिली में किसी को भी लंग कैंसर नहीं हुआ है तो आपकी खांसी का कुछ और कारण हो सकता है. वैसे तो स्मोकिंग, फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. लेकिन पैसिव स्मोकिंग और तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से भी लंग कैंसर के मामले में काफी देखने को मिल रहे हैं....