Health tips: बच्चों की उम्र के हिसाब से हाइट न बढ़ना एक आम समस्या है. कई बार हम उतने लंबे नहीं बन पाते हैं जितना हमने बचपन में उम्मीद होती है. ऐसा होने का कारण केवल हमारे जेनेटिक ही नहीं बल्कि हमारे खान पान और शरीर में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण भी हो सकता है. कुछ विटामिन्स हमें बढ़ने में मदद करते है और अगर शरीर में इनकी कमी होगी तो हमारी हाइट प्रभावित हो सकती है और हम उतने नहीं बढ़ पाते हैं जितनी हमने उम्मीद की थी. आइए, समझते हैं इन दोनों विटामिन्स के बारे में डिटेल से और इनकी कमी को दूर करने के उपाय. विटामिन डीयह हमारी हड्डियों को बढ़ने और मजबूत बनाने के लिए आवश्यक होता है.कैल्शियम और फॉस्फोरस अब्जॉर्ब करने के लिए भी यह विटामिन जरूरी होता है. इसे सूर्य की रोशनी से प्राप्त किया जा सकता है. विटामिन सीविटामिन सी भी हड्डियों और दांतों को मजबूत करने में काफी लाभदायक माना जाता है. यह एक एंटी ऑक्सिडेंट होता है और इम्यून सिस्टम के लिए भी बढ़िया होता है. विटामिन बी यह शरीर के विकास में मदद करता है और पाचन क्रिया में भी लाभदायक होता है. यह एक हेल्दी हार्ट और नर्वस सिस्टम के लिए भी जरूरी होता है. इसका स्रोत चावल, मूंग फली और सोयाबीन होते हैं. कैल्शियमअगर हड्डियों के विकास और मजबूती की बात आए तो कैल्शियम सबसे आवश्यक विटामिन है इसके काफी अच्छे स्रोत दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट होते हैं. अगर आप डेयरी नहीं खाते हैं तो पालक, टर्निप ग्रीन आदि का सेवन कर सकते हैं.
Benefits of Red Grapes: किडनी पेशेंट्स में डाइट को लेकर काफी बदलाव किए जाने की जरूरत होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि डाइट का ध्यान रखकर किडनी से जुड़ी समस्याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है. वैसे तो किडनी के मरीजों के लिए कई चीजों का सेवन फायदेमंद हो सकता है, लेकिन उनमें से एक नाम अंगूर है. किडनी से जुड़ी परेशानियों के लिए अंगूर कैसे लाभकारी है, इसके बारे में लेख में आगे विस्तार से जानेंगे. किडनी के लिए फायदेमंद अंगूर एक ऐसा फल है जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक अमूमन सभी को पसंद होता है. सबसे खास बात यह है इसे खाने के लिए अन्य फलों की तरह मेहनत नहीं करनी पड़ती है. बस धोया और सीधा खा लिया. किडनी पेशेंट्स को खास तौर से लाल अंगूर का सेवन करने की सलाह दी जाती है. हेल्दी रहेगा दिलअगर आप भी अपने दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो लाल अंगूर आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स के तत्व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं और ये दिल से जुड़ी बीमारियों से भी दूर रखता है. इसलिए आप इसका सेवन कर सकते हैं. हड्डियों को मजबूती देता हैलाल अंगूर में रेस्वेराट्रॉल तत्व होता है, जो हड्डियों को मजबूत रखता है और साथ ही ये आपकी सेहत का भी ध्यान रखता है. लाल अंगूर के सेवन से आपकी हड्डियों को मजबूती मिलती है और हड्डियां से जुड़ी बीमारियों का दूर रखने में भी ये मदद करता है. विटामिन-सी और फ्लेवोनोइड्स से भरपूरअंगूर में विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स की उच्च मात्रा होती है, जो सूजन से लड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं.ये एंटीऑक्सीडेंट्स किडनी की बीमारी को बढ़ने से रोकने के साथ हृदय रोग, डायबिटीज व अन्य कई रोगों से सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं. पोषक तत्वआपको बता दें कि 75 ग्राम लगभग आधा कप अंगूर में 1.5 मिलीग्राम सोडियम, 144 मिलीग्राम पोटेशियम, 14 मिलीग्राम फास्फोरस व 0.5 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है. किडनी पेशेंट्स अंगूर को कैसे खाएं- NCBI में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक,अंगूर के पाउडर का सेवन करने वालों में किडनी के पेशेंट्स के लिए अच्छा पाया गया है. डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए.- लाल अंगूर का सेवन स्नैक्स और सलाद की तरह कर सकते हैं.- अलग-अलग रेसिपी में लाल अंगूर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ...
Till ke Laddu: सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही घरों में सेहत को ध्यान में रखते हुए कुछ न कुछ स्वीट डिशेस बनना शुरू हो जाती हैं. इसके अलावा अलग-अलग वैराइटीज़ के हलवे जैसे गाजर का हलवा, मूंग का हलवा भी काफी पसंद की जाने वाली स्वीट डिश होती हैं. सर्दियों में तिल की चीजें खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है.तिल एक पौष्टिक चीज है जिसे आप हर दिन अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. अगर आप अपने परिवार को सेहतमंद रखना चाहती हैं तो तिल और गुड़ के लड्डू जरूर बनाएं.इन्हें बनाना काफी आसान है और इन्हें ज्यादा मात्रा में बना कर स्टोर कर के कई दिनों तक खाया जा सकता है.तो चलिए जानते हैं तिल और गुड़ के लड्डू बनाने की आसान विधि- तिल के लड्डू बनाने की सामग्री50 ग्राम तिल, ¼ कप मूंगफली, ¼ कप घिसा हुआ नारियल , ½ कप कद्दूकस किया हुआ गुड़ या 100 ग्राम गुड़ , 3 बड़ा चम्मच पानी, ¼ चम्मच इलायची पाउडर, हथेलियों को चिकना करने के लिए कुछ तेल तिल के लड्डू बनाने की विधि- एक कड़ाही या पैन गरम करें और उसमें 1/3 कप तिल डाल कर भून लें.पैन बहुत गर्म नहीं होना चाहिए। एक प्लेट में निकालें और अलग रखें.फिर 1/4 कप मूंगफली डालें। सूखी मूंगफली को धीमी आंच पर भूनें और प्लेट पर निकाल लें.फिर मूंगफली को ठंडा होने दें और मिक्सर में दरदरा पीस लें. उसी पैन में, 1/4 कप घिसा नारियल डालें.लगातार हिलाते रहे और नारियल को हल्का सुनहरा होने तक भूने। और एक प्लेट पर निकाल कर रख लें.नारियल और तिल में पीसी मूंगफली डालें। फिर इलायची पाउडर डालें और सभी चीजों को मिक्स कर के किनारे रख दें....
Gajar Halwa Recipe: सर्दियां शुरू होते ही सबको गागर के हलवे का इंतज़ार रहता है.गर्मागर्म गाजर के हलवे की मिठास एक अलग ही मज़ा देती है. इतना ही नहीं पौष्टिकता के मामले में भी गाजर का हलवा किसी से कम नहीं हैं. कहा जाता है मुगलों ने इसे एक हलवे का रूप दिया और आज यह पूरे देश-दुनिया में एक मशहूर है. सर्दियों हों और घर में गाजर का हलवा ना बने ऐसा हो ही नहीं सकता. शादी पार्टी में भी गाजर के हलवे की एक अलग ही जगह होती है. आइए जानते हैं हलवाई स्टाइल गाजर का परफेक्ट हलवा बनाने की विधि गाजर का हलवा बनाने के लिए सामग्री (Gajar Halwa Ingredients) गाजर – 1 किलो, मावा (खोया) – 1 कप, दूध – 2 कप, बादाम – 8-10, काजू – 8-10, पिस्ता – 8-10, किशमिश – 1 टेबलस्पून, इलायची पाउडर – 1 टी स्पून, देसी घी – 1/2 कप, चीनी – 1 कप (स्वादानुसार) गाजर का हलवा बनाने की विधि- सबसे पहले हम पीलर की मदद से गाजर के छिल्कों को निकाल देंगे. छीलने के बाद इन्हें भोगने में पानी डालकर रख दें. अब एक एक करके हम गाजर को कद्दूकस कर लें. - इसके बाद गैस पर एक पैन को गर्म करेंगे. उसमें 3-4 केसर के धागे, 4-5 इलायची के दाने कूटकर डाल देंगे. ऊपर से आपको 1 किलो दूध डालकर चलाना है. इसमें चीनी, गाजर कुछ नहीं मिलाना है. बस इस चीनों को मिलाकर लो फ्लेम पर पकाएंगे. - अब ऊपर से कसी हुई गाजर को इस कुकर में डाल देंगे. करीबन 2-3 सीटी बाद कुकर खोल देना है. अब कुक़र का ढक्कन हटाने के बाद इसमें 1 कप दूध और मिलाकर इसे लगातार चलाते रहें, करीबन...
Winter Diet: बदलते लाइफस्टाइल के साथ- साथ लोगों का खान-पान भी बदल गया है. पहले लोग घर पर बना स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन करते थे. लेकिन अब बाहर का जंक फूड ज्यादा खाया जाने लगा है जिसमें पोषक तत्वों की कमी होती है.ऐसे में कुछ खास सीड्स और नट्स जो आप अपनी डाइट में शामिल करके ठंड में सदियों से बच सकते हैं और शरीर के को सारा न्यूट्रिशन भी मिल जाएगा. आइए जानते हैं यहां. सूरजमुखी के बीजसूरजमुखी के बीज बहुत ही हेल्दी होता हैं जिन्हें सर्दियों के मौसम में डाइट में शामिल करना चाहिए. ये बीज काफी स्वादिष्ट होते हैं साथ ही इनमें विटामिन E, मैग्नीशियम, सेलेनियम और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. सूरजमुखी के बीज खाने से शरीर को विटामिन्स और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा मिलती है. कद्दू के बीजअगर आप इंफ्लामेशन, ब्लैडर, लिवर या आंत की समस्या से जूझ रहे हैं तो कद्दू के बीज खाना शुरू कर दें. इन्हें डाइट में शामिल करने से इनसे जुड़ी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी और प्रोटीन, फाइबर समेत कई सारे पोषक तत्व भी मिल जाएंगे. भांग के बीजभांग के बीजों में प्रोटीन, फैटी एसिड्स, फाइबर और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.भांग के बीज खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है, भूख नियंत्रित रहती है और वजन भी कम होता है. ये हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और तनाव कम करने में मदद करते हैं. चिया सीड्सचिया सीड्स खाने से प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम मिलता है.यह वेट लॉस में काफी मदद करते हैं और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले सारे पोषक तत्व प्रदान करते हैं. तिलतिल शरीर को अंदर से गर्म करते हैं और ठंड के मौसम में इम्यूनिटी और एनर्जी को बढ़ाते हैं. इसके अलावा तिल प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होते हैं.सर्दियों में रोजाना तिल खाने से फायदा मिलता है. तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस और सेलेनियम जैसे अहम खनिज पाए जाते हैं.
Homemade Chyawanprash Recipe: बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए च्यवनप्राश फायदेमंद होता है. च्यवनप्राश ऐसा आयुर्वेदिक हेल्थ टॉनिक है, जो इम्युनिटी बढ़ाने के साथ एनर्जेटिक और हेल्दी बनाए रखने में मददगार है. सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर सांस से जुड़ी परेशानी को दूर करने में भी च्यवनप्राश फायदेमंद माना जाता है. च्यवनप्राश बाजार में आसानी से मिल जाता है, लेकिन आज हम आपको बताएंगे घर पर च्यवनप्राश बनाने का आसान तरीका. सर्दियों में च्यवनप्राश के सेवन से इम्युनिटी मजबूत रहती है और सर्दी-खांसी का असर भी कम होता है. च्यवनप्राश बनाने के लिए चाहिए ये चीजें-आंवला- आधा किलो, किशमिश- 50 ग्राम, खजूर - 10, घी-100 ग्राम, हरी इलायची - 7 से 8,लौंग-5 ग्राम, काली मिर्च- 5 ग्राम,गुड़-आधा किलो,दालचीनी-एक टुकड़ा,सोंठ- 10 ग्राम,जीरा- 1 चम्मच, चक्रफूल- 1,जायफल- 5 ग्राम, केसर-1 चुटकी च्यवनप्राश बनाने की पूरी विधि-- घर में च्यवनप्राश बनाने के लिए (Chyawanprash Recipe) सबसे पहले आंवले को धोकर कपड़े की पोटली में बांध लें. - एक बड़े भगोने में पानी भरकर तेज आंच पर रखें.- इसमें सारी जड़ी बूटियां और बंधे हुए आंवले की पोटली डालकर उबलने के लिए रख दें. - उबाल आने के बाद आंच धीमी कर दें और आंवलों के नरम होने तक उबलने दें. - आंवले नरम हो जाएं तो आंच बंद कर दें और आंवले और जड़ी बूटियों को इसी तरह भगोने में रातभर ढककर रख दें.- अगले दिन आंवलों का कलर बदल जाएगा. इनकी गुठलियां निकाल कर अलग कर लें. - जड़ी बूटियों को छान कर पानी स्टोर करके रख लें. - अब ग्राइंडर जार में आंवला और जड़ी बूटियों का पानी डालकर पेस्ट बना लें और छान लें. - मीडियम आंच पर लोहे की कड़ाही में तिल का तेल डालकर गर्म कर...
Dehydration in Winters: सर्दियों में हम सभी लोग अक्सर पानी का सेवन कम कर देते हैं. कम पानी पीने से हम लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक परेशानी देती है शुष्क त्वचा. हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि सही मात्रा में पानी पीने से हमें शुष्क त्वचा की परेशानी नहीं होगी. चलिए हम आपको बताते हैं बॉडी में पानी की कमी होने से आपको सेहत से जुड़ी कौन सी परेशनियां हो सकती हैं. इस मौसम में कम पानी पीने से शरीर को होंगे ये नुकसान- ड्राई स्किनइस मौसम में लोगों का स्किन बहुत ज़्यादा ड्राई होता है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह कम पाने पीन है. कम पानी पीने सेत्वचा का रूखापन परेशान करता है. इसलिए दिन में कम से कम 5 से 7 गिलास पानी ज़रूर पिएं. - कब्ज की परेशानीजहां बॉडी में पानी की मात्रा कम हुई वहीं पेट से जुड़ी बीमारियां आप पर हावी हो जाती हैं. पानी की मात्रा कम होने से आपको कब्ज की परेशानी हो सकती है. दरअसल, खाना अच्छी तरह पांच जाए इसलिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की ज़रूरत होती है.अगर शरीर में पानी की मात्रा कम हुई तो खनन नहीं पांच पाएगा. जिस वजह से से कब्ज की समस्या पैदा हो जाएगी. - किडनी पर पड़ता है असरकम पानी पीने से किडनी स्टोन का डर भी बढ़ जाता है. किडनी को ढंग से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है. जब शरीर में पानी ही कम होगा तो किडनी पूरी ताकत से काम करेगी जिससे यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन या ट्रैक में जलन की शिकायत हो सकती है. - कमजोरी महसूस होनाअगर आप इस मौसम में कम पानी पे रहे हैं तो इससे आपके शरीर में पानी की कमी हो जाएगी।पानी की कमी से बॉडी बहुत ज़्यादा कमजोर होने लगती है. दरअसल, कम पानी पीने से शरीर में खून को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. जिस वजह से आपको हमेशा थकान और कमजोरी लगती है. एक दिन में इतना पानी का सेवन अनिवार्यवैसे तो हर किसी को लगभग 8 से 10 ग्लास पानी पीना जरूरी है, ताकि बॉडी और स्किन हेल्दी बनी रहे. लेकिन बॉडी में पानी की जरूरत उम्र, जेंडर, फिजिकल एक्टिविटी और प्रेग्नेंसी में अलग-अलग होती है. उसके अनुसार अगर शरीर को पानी नहीं मिला तो दूसरी परेशानियां होने लगती हैं. सर्दियों में सिर्फ नॉर्मल पानी ही नहीं, बल्कि गुनगुना पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है. ...
How to Increase Hemoglobin: अच्छी हेल्थ और फिटनेस के लिए जरूरी है कि हमारे शरीर के सभी अंग ठीक प्रकार से काम करें. यह तभी संभव है जब शरीर में खून की पर्याप्त मात्रा हो और उसका सर्कुलेशन सभी अंगों तक ठीक प्रकार से हो. खून की कमी होने से शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर पर भी असर पड़ता है. सामान्य तौर पर हीमोग्लोबिन का स्तर खून में तभी कम होता है जब शरीर में प्रोटीन, विटामिन और खनिज की पूर्ति कमजोर होने लगती है. - टमाटर खाएंसलाद के लिए टमाटर सबसे बेहतर होता है. सब्जियों में भी आप टमाटर को मिलाकर खा सकते हैं. इसे खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी आसानी से पूरी होती है. टमाटर में विटामिन ई, विटामिन बी6, फॉस्फोरस और कॉपर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. - किशमिश और खजूरकिशमिश और खजूर में भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर और विटामिन ए पाया जाता. अगर आप इन ड्राइ फ्रूट्स को अपने डेली रूटीन लाइफ में शामिल करते हैं तो इससे आयरन की कमी पूरी होगी. - चुकंदर शरीर में होने वाली खून की कमी को दूर करने के लिए आप चुकंदर खा सकते हैं. इसमें मौजूद आयरन रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाते हैं. चुकंदर की तासीर ठंडी होती है. इसे सर्दी-गर्मी कभी भी खाया जा सकता है. आप चाहें तो सलाद में चुकंदर घिसकर खा सकते हैं. इसके साथ ही अंजीर भी शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी होता है. - हर रोज खाएं एक सेब हेल्थ एक्सपर्ट अच्छी हेल्थ के लिए रोजाना एक सेब खाने की सलाह देते हैं. सेब हमारे ब्लड में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. कितना होना चाहिए बॉडी का हीमोग्लोबिन?आपको बता दें पुरुषों और महिलाओं के लिए हीमोग्लोबीन का स्तर अलग-अलग होता है. पुरुषों में 13.5 से 17. 5 ग्राम हीमोग्लोबीन का स्तर होना चाहिए. वहीं महिलाओं के शरीर में 12.0 से 15. 5 ग्राम हीमोग्लोबिन होना चाहिए. अगर किसी भी शरीर में इससे कम हीमोग्लोबिन होता है तो बीमारियों का कारण बन सकता है. हालांकि डाइट में सुधार से हीमोग्लोबिन को मेंटेन किया जा सकता है. ...
Winter Headache: सर्दियों में सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. इस मौसम में सिरदर्द और सिर में भारीपन की परेशानी भी काफी बढ़ जाती है. कई बार सुबह-सुबह ही इस दर्द (Winter Headache) से बिस्तर ही नहीं छोड़ने का मन करता है. इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग पेनकिलर खा लेते हैं या बाम वगैरस का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हर बार ये आरामदायक हो ऐसा जरूरी नहीं है. ऐसे में कुछ घरेलू उपाय (Headache Home Remedies) सिरदर्द से छुटकारा दिला सकता है. सबसे अच्छी बात कि इन चीजों के साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं. सिरदर्द से छुटकारा दिलाने वाले घरेलू उपाय 1. कॉफीसर्द भरे मौसम में सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए गर्म चीजों का सेवन करना फायदेमंद होता है. कैफीन या किसी गर्म चीजों को लेने से स्ट्रेस कम होता है और सिरदर्द से छुटकारा मिलता है. रिसर्च के मुताबिक, कैफीन मूड के लिए अच्छा होता है. यह दिमाग को अलर्ट करने और रक्त कोशिकाएं को रिलैक्स करने का काम करता है. इससे सिरदर्द से आराम मिलता है. 2. अदरक का काढ़ा सर्दी के मौसम में सिरदर्द से परेशान हो गए हैं तो अदरक का काढ़ा जबरदस्त असरदार हो सकता है. इससे शरीर को गर्मी तो मिलती ही है, दर्द से राहत भी मिल जाती है. अदरक का काढ़ा पीने से शरीर की जलन भी कम होती है. इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और कई फायदे होते हैं. 3.गर्म तेल से मालिशठंडी से अगर सिरदर्द हो रहा है तो हल्के गर्म तेल से सिर की मालिश करें. इससे सिरदर्द से राहत मिलती है. सरसों का तेज ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. इससे दर्द से जल्दी राहत मिल जाती है और मसल्स को भी आराम मिलता है. 4. बॉडी को रेस्ट देंशरीर को आराम देकर भी सिरदर्द की समस्या को दूर कर सकते हैं. सर्दियों में सिरदर्द होने पर गर्म कपड़े पहने और जितना हो सके बॉडी को आराम करने दें. क्योंकि कई बार नींद पूरी न होने पर भी सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.5. योगासनसिरदर्द की समस्या को दूर करने में कुछ योगासन काम आ सकते हैं. योग और गर्दन-कंधों की हल्की एक्सरसाइज से हेडेक से छुटकारा पा सकते हैं. एक्सपर्ट्स भी बताते हैं कि योग से सिरदर्द और तनाव को दूर भगाने में मदद मिलती है. ...
Women's Health: पीरियड्स के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग्स होना लाजमी है. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं चिड़चिड़ी होती क्यों हैं? दरअसल, पीरियड्स के दौरान शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं. इन्हीं हॉर्मोनल बदलावों के कारण महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. आइए जानते हैं कि पीरियड्स में महिलाओं का मूड स्विंग क्यों होता है और इसे कंट्रोल करने के आसान तरीके क्या हैं? पीरियड्स शुरू होते ही महिलाओं के हॉर्मोन असंतुलित होने लगते हैं. जिसके फलस्वरूप, महिलाओं में oestrogen और progesterone हॉर्मोन कम होने लगते है. ये हॉर्मोन कम होने से महिलाओं में सेरोटोनिन हॉर्मोन का उत्पादन भी कम हो जाता है. आपको बता दें कि सेरोटोनिन को हैप्पी हॉर्मोन कहा जाता है, जो आपके मूड को कंट्रोल करता है और इसके कम होने से चिंता, गुस्सा, उदासी, चिड़चिड़ापन आदि लक्षण दिखने लगते हैं. गुस्सा आने के और भी कारणमहिलाओं को पीरियड्स के दौरान गुस्सा ज्यादा क्यों आता है, इसके कई कारण हैं. पहला कारण यह है कि इस दौरान हार्मोनों में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे मूड बदलाव होता है. दूसरा, पेट में दर्द और क्रैम्प्स की वजह से शारीरिक तकलीफ होती है जो गुस्से का कारण बनती है. तीसरा कारण यह है कि सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने में असहजता महसूस होती है. चौथा कारण नींद न आना है. इन सभी कारणों से पीरियड्स में गुस्सा ज्यादा आता है. मूड स्विंग कंट्रोल करने के टिप्स Tips to control mood swings: अगर महिलाएं पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग को कंट्रोल करना चाहती हैं, तो निम्नलिखित टिप्स को अपना सकती हैं. - मूड स्विंग को कंट्रोल करने के लिए सही डाइट लें. महिलाओं के लिए डाइट में प्रोटीन, फाइबर, पानी आदि चीजों को ट्रैक करना चाहिए.- पर्याप्त नींद लेने से भी महिलाएं हैप्पी हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ा सकती हैं.- एक्सरसाइज करने से हैप्पी हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. जिससे पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग कम होगा.- पीरियड्स के दौरान भावनात्मक सपोर्ट बहुत जरूरी है. इससे महिलाओं में चिड़चिड़ापन कम हो सकता है....
Egg Benefits in Winters: सर्दियों में हमें अपनी डाइट में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है. इस मौसम में हमारा शरीर अतिरिक्त ऊर्जा और गर्माहट की मांग करता है. ऐसे में अंडे एक ऐसा सुपरफूड है जो हमारे शरीर को ठंड से बचाने में मदद कर सकता है.अंडे में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है, इसके अलावा मिनरल्स और हेल्दी फैट भी अंडे में पर्याप्त मात्रा में होते हैं.अंडे में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है और यही कारण है कि अंडे के पीले भाग का कम सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे, लेकिन क्या आप जानते हैं रोजाना कितने अंडे खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है? एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में रोजाना 1 से 2 अंडे खाने चाहिए. एक अंडा लगभग 70 कैलोरीज प्रदान करता है जो शरीर को गर्म रखने के लिए पर्याप्त होता है. इसके अलावा अंडे में विटामिन A, D, E, K भी होते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं. सर्दियों में अंडे खाने के फायदे 1. सर्दी और खांसी में अंडे का करें सेवन सर्दियों में इम्यून सिस्टम काफी ज्यादा कमजोर हो जाता है. यही वजह है कि लोग आसानी से सर्दी, खांसी और जुकाम के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में अंडे में मौजूद प्रोटीन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ शरीरिक ताकत भी बढ़ाने का काम करता है. 2. दिमाग तेज होता है अंडे में विटामिन B12, B6, फॉलिक एसिड और जिंक जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो दिमाग का स्वास्थ्य रखने में मदद करते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग तेज और निरोगी बना रहे तो रोजाना एक अंडे का सेवन जरूर करें. 3. आयरन की कमी को दूर करता है अंडाअंडे में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. एक बड़े आकार का अंडा लगभग 0.6 mg आयरन होता है यह वयस्कों की रोजाना आयरन की आवश्यकता का लगभग 6 प्रतिशत हिस्सा है. अंडे खा कर हम अपने शरीर को पर्याप्त आयरन की आपूर्ति कर सकते हैं. 4. हड्डियों की मजबूती अंडा हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन D और जिंक होता है, जो ओस्टियोजेनिक बायोएक्टिव एलिंमेंट होते हैं. ये ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे तत्वों को बढ़ाता है. हड्डियों को अंदर से हेल्दी रखता है. इस तरह अंडा सर्दियों में हड्डियों की परेशानियों जैसे- जोड़ों के दर्द या फिर गठिया से बचाने में काफी मददगार है. 5. सर्दियों में झड़ रहे बाल तो खाएं अंडा अंडा प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स है. ये बालों को झड़ने से रोकने में काफी मदद करता है. सर्दियों में बालों के झड़ने की समस्या बहुत बढ़ जाती है. ऐसे में अंडे का सेवन इस समस्या को दूर...
Snoring Home Remedies: रात में सोते समय खर्राटे लेने की समस्या इन दिनों इतनी सामान्य होती जा रही है कि अब इसे समस्या समझना ही छोड़ दिया गया है. हालांकि, खर्राटे लेने वाला इंसान के लिए यह उतनी समस्या (Health Problem) वाली बात नहीं लगती लेकिन जो भी उसके आसपास सोता है उसकी नींद खराब हो जाती है. तेज खर्राटे कभी-कभी किसी गंभीर समस्या का भी संकेत देते हैं. आइए जानते हैं कि खर्राटे क्यों आते हैं और इन्हें आसान तरीकों से कैसे दूर किया जा सकता है. खर्राटे की समस्या का कारणखर्राटे की समस्या होन...
Room Heater Side Effects: ठंड के सीजन की शुरुआत हो चुकी है. ठंड के प्रभाव से बचने के लिए कई लोगों ने रूम हीटर का उपयोग करना शुरू कर दिया है. रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों को बरतना जरूरी है. अगर आप रूम हीटर को चलाते समय ये सावधानियां नहीं बरतते है.तो ऐसे में जानलेवा हादसा भी हो सकता है. बीते सालों में रूम हीटर से जुड़े हादसे के कई मामले सामने निकलकर आए हैं. ऐसे में अगर आप भी इस ठंड के सीजन में रूम हीटर का इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो कुछ बातों को जरूर जान लेना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से - - सर्दियों के सीजन में कई लोग रजाई और कंबल के पास रूम हीटर को रखना पसंद करते हैं. आपको यह गलती भूलकर भी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से उनमें आग लग सकती है.इससे एक बड़ा हादसा हो सकता है. - रूम हीटर से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस सेहत के लिए खतरनाक होती है. यही कारण है कि लंबे समय तक रूम हीटर के इस्तेमाल से बचना चाहिए. - सर्दियों के सीजन में अगर आप रूम हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में आपको उसे स्विच बोर्ड पर ओवरलोडिंग होने से रोकना चाहिए. ओवरलोड होने से रूम हीटर के फटने की संभावना रहती है. - ज्यादा रूम हीटर चलाने से आंखें भी प्रभावित होती हैं. इससे आंखों में ड्राईनेस की समस्या हो सकती है और इरिटेशन फील हो सकता है. ऐसा होने पर हीटर तुरंत बंद कर दें. - अगर आप रूम हीटर का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में उसके पास भूलकर भी पेपर, लकड़ी या कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं रखना चाहिए. अगर आप इन चीजों को रूम हीटर के पास रखते हैं. ऐसे में उनमें आग लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है. ...
Benefits of Coconut Water: नारियल पानी (Coconut Water) पोषक तत्व से भरपूर होता है. नारियल पानी पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे इल्केट्रोलाइट्स का एक नैचुरल सोर्स हैं. इसे रोजाना पीने से शरीर में पानी की कमी पूरी होती है.स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. यह एक प्राकृतिक और ताजा पेय है, जो पोटेशियम जैसे आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर है, जो इसे हाइड्रेटेड रखने में अहम भूमिका निभाता है.लेकिन क्या आपने कभी सोचा अगर आप रोजाना पानी पीते हैं तो शरीर पर क्या असर पड़ेगा.आइए जानें नारियल पानी पीने के फायदे. क्या है नारियल पानी पीने का सही समयनारियल पानी का सेवन आप कभी भी कर सकते हैं. इसे आप दिन के समय या रात में भी पी सकते हैं. लेकिन कुछ खास समय पर पीने से इसके फायदे डबल हो जाते हैं. इलेक्ट्रोलाइट्स का पावरहाउसनारियल पानी में भारी मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद होते हैं. यह एनर्जी ड्रिंक के रूप में भी एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है, क्योंकि नारियल पानी में औसत एनर्जी ड्रिंक की तुलना में अधिक मात्रा में पोटेशियम होता है. कैल्शियम और मैग्नीशियम में उच्चनारियल पानी में कैल्शियम और मैग्नीशियम उच्च मात्रा में होता है.कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है. मैग्नीशियम हड्डियों को सही ढंग से कार्य करने में सहायता करता है. कैलोरी में कमयह सोडा, जूस और अन्य पेय की तुलना में हाइड्रेटेड रहने का एक स्वस्थ विकल्प है, जिनमें आमतौर पर कैलोरी अधिक होती है. नारियल पानी की वजह से हाइड्रेटेड रहने की ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने और पाचन को आसान बनाने में मदद मिलती है.
Cold During Pregnancy: अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी सर्दी से परेशान हैं तो सबसे पहले आप ये जान लीजिए कि सामान्य सर्दी से आपके बच्चे को कोई खतरा नहीं है और घरेलु उपाय से आप इसे ठीक भी कर सकते हैं. लेकिन अगर प्रेग्नेंसी के पहले महीनों में अगर महिला को सर्दी के साथ तेज बुखार भी आता है तो इससे बच्चे पर प्रभाव हो सकता है.उसे जन्मजात विकार हो सकता है. इसके अलावा प्रेग्नेंट महिला को अगर सांस से जुड़ा इंफेक्शन हो जाता है तो इससे भी बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है. प्रेग्नेंसी में सर्दी और जुकाम का असर कई बार बच्चे पर भी पड़ सकता है. प्रेग्नेंसी के पहले महीनों में अगर किसी महिला को काफी तेज बुखार आता है तो इससे बच्चे में जन्मजात विकार होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा महिला को अगर सांस से संबंधित इंफेक्शन होता है तो इससे भी होने वाले बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है. - आराम है जरूरीअगर आपको सर्दी, जुकाम या बुखार हो रहा है तो जरूरी है कि आप ज्यादा काम ना करें और आराम करें. इस दौरान आपकी बॉडी को रेस्ट मिलना काफी ज्यादा जरूरी होता है. - गर्म पानी में शहद मिलाकर पीएंगर्म पानी में शहद मिलाकर पीने से सर्दी कंट्रोल हो सकती है. शहद की तासीर गर्म होती है और इसमें कई पोषक तत्व भी होते हैं. इसमें आप नींबू भी मिला सकते हैं. - हाइड्रेट रहें ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करें. अगर आपको पानी पीने का मन नहीं है तो जूस आदि चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें. पानी पीने से आपके गले में दर्द नहीं होगा. - गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें ये सबसे असरदार घरेलु उपाय है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अगर गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें तो जल्दी सर्दी और खांसी कंट्रोल हो जाती है. आप दिन में तीन बार गरारे जरूर करें. - स्टीम लेंइस दौरान स्टीम लेने से भी काफी मदद मिलती हैं. स्टीम लेने से छाती में जमा बलगम आसानी से निकल जाता है. स्टीम लेते समय गर्म पानी के बर्तन से थोड़ी दूरी बनाकर रखें....
Haldi Side Effects: शरीर में इम्यूनीटि बढ़ाने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर और ताकतवर चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है. कोरोनाकाल में लोगों में इम्यूनीटि बढ़ाने के लिए काढ़ा, हल्दी जैसी चीजों का लोगों ने खूब सेवन किया था, जिससे की शरीर को वायरस से लड़ने की ताकत मिल सके और संक्रमण से बच सके. लोग तबीयत खराब होने या खांसी, जुखाम, बुखार या बदन दर्द होने या फिर चोट लगने पर हल्दी वाला दूध पीते हैं. 1. हल्दी पेट के लिए भी बहुत हानिकारक मानी जाती है. अगर आप अपने खाने में अधिक मात्रा में हल्दी का इस्तेमाल करते हैं तो इससे पेट में दर्द और ऐंठन की समस्या हो सकती है. 2. पथरी के मरीजों के लिए हल्दी बहुत हानिकारक होती है। इसमें मौजूद ऑक्सालेट किडनी में पथरी होने का खतरा बढ़ा सकता है, इसलिए पथरी के मरीजों को हल्दी का सेवन कम से कम करना चाहिए या इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. 3. एक लिमिट से ज्यादा हल्दी का सेवन करने से उल्टी और लूज मोशन की समस्या हो सकती है, जिससे तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है. हल्दी का ज्यादा सेवन शरीर में पाचन की परेशानी हो सकती है, जिससे उल्दी और दस्त हो सकते हैं. इसके चलते आप बहुत बीमार हो सकते हो. 4. इसके ज्यादा सेवन या ज्यादा इस्तेमाल करने से पेट की समस्या, उल्दी, दस्त के साथ गुर्दे में पथरी होने के चांसेस बढ़ सकते हैं.हल्दी में ऑक्सलेट कैल्शियम पदार्थ होता है, जो शरी में घुलता नहीं है बल्कि जमता चला जाता है, जिससे पथरी की समस्या उत्पन्न हो सकती है. 5. कभी-कभी हल्दी एलर्जी का कारण बन सकती है. इसमें मौजूद कुछ यौगिक एलर्जी का कारण बन सकते हैं. कुछ लोगों को त्वचा पर हल्दी लगाने से दाने, दाने, खुजली आदि की समस्या हो जाती है.
Benefits of Curry leaves: खानपान में कुछ फूड्स को शामिल करना और कुछ को हटाना भी लाभकारी साबित होता है. करी पत्ते (Curry Leaves) शरीर पर एक नहीं बल्कि कई तरह से सकारात्मक असर दिखाते हैं जिस चलते इन पत्तों को डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है. पोषक तत्वों से भरपूर करी पत्ता रोजाना खाने से शरीर को काफी ज्यादा फायदा मिलता है. एक रिसर्च के मुताबिक करी पत्ते को उनके एंटीऑक्सिडेंट, एंटीडायबिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीट्यूमर गुणों के कारण दुनिया भर में आयुर्वेदिक चिकित्सा में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. रोजाना करी पत्ता खाने से कई सारे फायदे मिलते हैं. - वजन घटाने में असरदार अगर आप उन लोगों में से हैं जो वजन घटाने (Weight Loss) की कोशिश में लगे हैं तो करी पत्तों का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. करी पत्ते खाने पाचन बेहतर करते हैं, डिटॉक्सिफिकेशन और कॉलेस्ट्रोल लेवल कम करने में भी फायदा देते हैं. - एंटीऑक्सीडेंट गुणकरी पत्ता अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने में मदद करता है. एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. - पाचन स्वास्थ्यकरी पत्ते का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन में सहायता के लिए किया जाता रहा है. इनमें हल्के रेचक गुण होते हैं और यह अपच और मतली के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं. - मॉर्निंग सिकनेस होती है दूर सुबह के समय बहुत से लोगों को मॉर्निंग सिकनेस होती है. मॉर्निंग सिकनेस में सुबह के समय उल्टी (Vomiting) जैसा भी महसूस होता है और जी मिचलाने लगता है. ऐसे में करी पत्ते...
Dry Ginger Health Benefits: सर्दियों के मौसम में वायरल संक्रमण और सर्दी से बचना चाहते हैं, तो किचन में मौजूद सोंठ (Dry Ginger Benefits) का इस्तेमाल करें. असल में सूखी अदरक को सोंठ कहते हैं. जैसे अदरक को सेहत के लिए गुणकारी माना जाता है. ठीक उसी प्रकार सोंठ भी सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है. सोंठ (Sonth For Winter) की तासीर गर्म होती है. इसलिए इसे सर्दियों के मौसम में अधिक फायदेमंद माना जाता है. सोंठ में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, सोडियम, विटामिन ए और सी, जिंक, फोलेट एसिड, फैटी एसिड के गुण पाए जाते हैं. सोंठ को दूध और चाय में इस्तेमाल कर इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है. - सोंठ में एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटीबायोटिक तत्व पाए जाते हैं. सोंठ और दूध के सेवन से इम्यूनिटी को मजबूत बन...
Ginger Benefits in Winter: सर्दियों में सर्दी-जुकाम के अलावा भी कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जिसकी चपेट में हम तुरंत आ जाते हैं. ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम पौष्टिक आहार का सेवन करते हैं और खुद को सर्दी से बचाने के लिए मोटे कपड़े भी पहनते हैं.इस मौसम में कई ऐसी चीजें होती हैं, जो सर्दियों में शरीर को सर्दी से बचाकर स्वस्थ रखती हैं. इन्हीं में से एक चीज है अदरक. सोडियम, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, पोटैशियम, विटामिन बी, सी, फोलेट, जिंक और मैग्नीशियम जैसे गुणों वाला अदरक (Ginger Benefits in Winter) सर्दियों में कई बीमारियों से बचा सकता है.ऐसे में सर्दियों में अदरक के सेवन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है. तो चलिए जानते हैं ये किस बीमारी में राहत देने का काम करता है. सर्दियों में अदरक के क्या-क्या फायदे- सर्दी-खांसी से राहतआयुर्वेद में अदरक को बेहद गुणकारी माना गया है. सर्दियों में अदरक के सेवन से सर्दी-खांसी में राहत मिल सकती है. इसके लिए अदरक वाली चाय, अदरक वाला काढ़ा पीना फायदेमंद माना जाता है. इससे ठंड नहीं लगती है और शरीर इंफेक्शन से बच सकता है. - इम्यून सिस्टम मजबूत होता हैसर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम (Immune System) मजबूत होता है. इससे शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है और स्वस्थ रहता है. ऐसे में इस मौसम मे...
Benefits of Triphala: सर्दी, खांसी, बुखार और पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हम अक्सर दवाइयों का सहारा लेते हैं. शरीर के रोगों का अगर आयुर्वेदिक उपचार किया जाए तो इससे रोग जड़ से खत्म तो होता ही है साथ इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता. त्रिफला ऐसे ही तीन हर्ब्स को मिलाकर बना है जो शरीर को निरोग बनाने में मदद करते हैं.त्रिफला को रोजाना खाने से सेहत को कई तरह के लाभ मिल सकते हैं? त्रिफला में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों की भरमार होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं.आइए जानते हैं इसके फायदे के बारे में: - इम्यूनिटी को बढ़ता है त्रिफले में कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने का काम करते हैं. यह श्वेत रक्त कोशिकाओं, एंटीबॉडीज और टी-सेल्स की गिनती बढ़ाकर हमारा रोग प्रतिरोधक ढांचा मजबूत बनाता है. इस तरह रोजान त्रिफला लेने से हमें संक्रमण व बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है. - वजन कम करता है त्रिफले में मौजूद कुछ तत्व शरीर के फैट को कम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं, साथ ही यह भूख कम करके वजन बढ़ने पर अंकुश लगाता है. इस प्रकार त्रिफले को रोजाना खाने से वजन को काबू में रखा जा सकता है और कम किया भी जा सकता है. - आंखों के लिए फायदेमंद तीन प्रकार के विशेष औषधीय गुणों वाले फल और जड़ी बूटी से तैयार होने के कारण त्रिफला का सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. दरअसल, इसमें पौष्टिक तत्व मिनरल्स मौजूद होते हैं. - सर्दी-खांसी में राहत सर्दियों के मौसम में सर्दी-खांसी एक आम समस्या है जो हमें परेशान करती रहती है. त्रिफला एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसे हमारी रसोई में बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इससे सर्दी-खांसी की वजह से गले में खराश, नाक बंद होना, सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याएं से राहत मिलता है. - बाल और त्वचा के लिए फायदेमंद त्रिफले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं. यह त्वचा के रंग और टोन में सुधार करता है. वहीं बालों के लिए भी त्रिफला बहुत ही लाभदायक है. यह बालों को मजबूत बनाता है, झड़ने रुकता है और चमक भी बढ़ाता है....
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