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Drinking Water: अक्सर लोग कहते हैं कि कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए. शायद ये सलाह आपको भी किसी ने दी होगी या फिर हो सकता है कि आप भी किसी को ये सलाह देते होंगे. इसके लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है. कई लोगों का माना है कि यह एक मिथक है . लेकिन आयुर्वेद में यह माना जाता है कि खड़े होकर पानी पीने से पाचन प्रक्रिया पर असर कर पड़ता है. यही नहीं योग प्रथाओं में भी यह मान्यता है कि खड़े होकर पानी पीने की प्रक्रिया से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. खड़े होकर पानी पीने से पेट में गैस बनती है, पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और शरीर में पानी का असंतुलन होता है.खड़े होकर पानी पीने से पेट में गैस बनती है, पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और शरीर में पानी का असंतुलन होता है इसलिए सलाह दी जाती है कि बैठकर धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए. आइए जानते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से और क्या होता है. - किडनी पर दबाव पड़ना एक्सपर्ट्स का कहना है कि खड़े होकर पानी पीने से किडनी पर दबाव पड़ता है जिससे किडनी की बीमारी बढ़ सकती है. इसलिए किडनी रोगी को आराम से बैठकर पानी पीना चाहिए. - जोड़ों की बीमारीएक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी को घुटने, कूल्हे या कमर में दर्द या जोड़ों की सूजन की समस्या है तो उन्हें खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए.खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे दर्द और जोड़ों का नुकसान बढ़ सकता है. इसलिए जोड़ों की बीमारी वाले लोगों को बैठकर आराम से पानी पीना चाहिए. बैठकर पानी पीने से जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा और जोड़ों को आराम मिलेगा.  - फेफड़ों को नुकसान करता हैखड़े होकर पानी पीने से फेफड़ों पर दबाव पड़ता है जिससे फेफड़े पूरी तरह से खुल नहीं पाते है. इससे श्वसन क्रिया प्रभावित होती है.  पेट में जमा पानी, फेफड़ों के निचले हिस्से पर दबाव डालता है जिससे फेफड़े सिकुड़ जाते हैं. - जोड़ों की बीमारीएक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी को घुटने, कूल्हे या कमर में दर्द या जोड़ों की सूजन की समस्या है तो उन्हें खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए.खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे दर्द और जोड़ों का नुकसान बढ़ सकता है. इसलिए जोड़ों की बीमारी वाले लोगों को बैठकर आराम से पानी पीना चाहिए. बैठकर पानी पीने से जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा और जोड़ों को आराम मिलेगा.  - पाचन पर प्रभाव  खड़े होकर पानी पीने से पेट में हवा भी जमा हो जाती है जो पाचन तंत्र के लिए हानिकारक होता है. यह एसिडिटी और कब्ज की समस्या पैदा करता है.    ...

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Onion Oil Benefits: सभी की इच्छा होती है कि उनके बाल स्वस्थ, मजबूत और खूबसूरत दिखें. चमकीले और काले बाल हर किसी को आकर्षित करते हैं. लेकिन प्रदूषण, खराब आहार और तनाव जैसे कारणों से हमारे बाल कमजोर और बेजान हो जाते हैं. ऐसे में प्याज के तेल को बालों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. प्याज में सल्फर, विटामिन-सी, फोलेट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. प्याज का तेल न सिर्फ आपके बालों की ग्रोथ को बड़ाता है बल्कि उन्हें गिरने से भी बचाता है. अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान है तो प्याज के तेल का इस्तेमाल कर सकते है.चलिए हम आपको बताते हैं कि आप भी घर पर आसानी से प्याज के तेल का उपयोग कैसे कर सकते हैं और अपने बालों को स्वस्थ और खूबसूरत कैसे बना सकते हैं.  प्याज के तेल कैसे तैयार करेंप्याज के तेल को बनाने के लिए, प्याज को बारीक चॉप करें और उसके साथ तेल (जैसे कि नारियल तेल या जैतून तेल) को एक कढ़ाई में मिलाएं. इसके बाद, इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकाएं, जब तक प्याज सुनहरा नहीं हो जाता.जब प्याज सुनहरा हो जाए, तो उसे ठंडा होने दें. इसके बाद, तेल को छलनी के माध्यम से अलग करें ताकि सिर्फ तेल बचे. इसके बाद तेल को बालों में लगाकर अपनी उंगलियों की मदद से धीरे-धीरे मालिश करें. यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा सकता है और बालों को मजबूती देने में मदद कर सकता है. बालों को सफेद होने से रोकेप्याज के तेल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं.जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोकते हैं. वहीं प्याज के एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों को जल्दी सफेद होने से भी बचा सकते हैं. डैंड्रफ से छुटकाराप्याज का तेल डैंड्रफ के लिए काफी फायदेमंद होता है. यह आपके स्कैल्प को साफ करता है. जिससे डैंड्रफ की समस्या कम होती है. रूखे बालों को नमी देता हैप्याज का तेल रूखे बालों को नमी देता है. ये बालों को स्ट्रांग और मुलायम बनाने में मदद करता है. इसके इस्तेमाल से आपके बालों की चमक बढ़ सकती है. स्कैल्प के ऑयली होने पर इसका कम इस्तेमाल करें. बालों को बढ़ाता हैप्याज के तेल में सल्फर मौजूद होता है जो बालों का विकास करता है. इसके अलावा जिन लोगों के बाल पतले हैं वे प्याज के तेल के उपयोग से पतले बालों को घना कर सकते हैं.  

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Raisins Benefits: ड्राईफ्रूट्स (Dry Fruits) का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. सभी ड्राईफ्रूट्स को सुपरफूड्स की श्रेणी में रखा गया है . ड्राईफ्रूट्स  शरीर में एनर्जी को बूस्ट करने में मदद करते हैं और इम्युनिटी को मजबूत करते हैं.अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर डाइटिशियन तक ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर खाने की सलाह देते हैं. किशमिश (Raisin) एक ऐसा ड्राईफ्रूट है जिसकी तासीर काफी गर्म होती है.आज हम आपको बताएंगे कि भिगोए हुए किसमिस खाने के क्या फायदे हैं. किसमिश में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर और आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं. कई हेल्थ एक्सपर्ट और डाइटिशियन के मुताबिक खाली पेट भिगोए हुए किसमिश खाने से शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए उन्हीं फायदो के बारे में बात करेंगे.  किसमिश खाने से शरीर को कई तरह से फायदा मिलता है: हड्डियों को मिलती है कैल्शियमकिसमिश में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है. अगर आप रोजाना एक महीने तक किसमिश भिगोकर खाएंगे तो इससे हड्डी को भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलेगा. हड्डियां मजबूत होती है. साथ ही साथ हड्डियों का दर्द भी कम होता है.  ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता हैअधिकतर लोगों का  ब्लड प्रेशर हाई रहता है. इन लोगों को सुबह के वक्त भिगी किशमिश का सेवन करना चाहिए. क्योंकि भिगी हुई किशमिश में पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है. जो कि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने काफी मदद करती है. खून की कमी को पूरा करना  किशमिश का खाली पेट सेवन करने से शरीर में खून की कमी पूरी होती है. अगर आप लोगों को हिमोग्लोबिन की कमी रहती है तो उन्हें सुबह उठकर किशमिश का सेवन करना चाहिए. इम्युनिटी बढ़ाती हैकिसमिश में कई तरह के मिनरल्स, विटामिंस और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं. जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है. अगर आप रोजाना भीगी हुई किसमिश खाएंगे तो आप कई तरह की बीमारियों से दूर रहेंगे. पाचन दुरुस्त होता है किशमिश में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसके सेवन से पाचन दुरुस्त रहता है. अगर सुबह के वक्त किशमिश का सेवन भिगोकर किया जाए तो पेट साफ रहता है और पेट से कब्ज से निजात मिलती है....

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Benefits of Kiwi: डेंगू बुखार को ब्रेकडाउन फीवर के रूप में भी जाना जाता है. डेंगू मादा 'एडीज' मच्छर के काटने से फैलता है. यह एक वायरल इंफेक्शन है. डेंगू में व्यक्ति को तेज बुखार के साथ-साथ स्किन पर लाल चकत्ते, जोड़ों और शरीर में दर्द भी होता है. डेंगू का फिलहाल अब तक कोई इलाज नहीं है लेकिन इनके लक्षणों को देखते हुए डॉक्टर दवा और डाइट में ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी खाने की सलाह देते हैं. डेंगू न केवल शरीर को कमजोर करता है बल्कि प्लेटलेट्स को भी कम कर देता है. इसका फिवर इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि यह आपको 6-7 दिनों में काफी ज्यादा कमजोर कर देता है. यदि आपको डेंगू का बुखार हो जाए तो ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक खाना खाएं ताकि कम से कम समय में जल्दी रिकवर हो जाए. डेंगू होने के बाद ढेर सारी फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए. डेंगू संक्रमित व्यक्ति लिए कीवी किसी चमत्कार से कम नहीं है. इसमें हाई विटामिन सी और भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. यह खाने में थोड़ा खट्टा होता है लेकिन पाचन के लिए अच्छा होता है . साथ ही ये काफी तेजी से प्लेटलेट्स को बढ़ाता है और इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाता  है.  डेंगू में कीवी खाने के 5 फायदे - इम्युनिटी को रखना है तो एकदम मजबूतकीवी एक ऐसा फल है जो हाई विटामिन सी से भरपूर है साथ ही यह इम्युनिटी के लिए काफी अच्छा है और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में भी मदद करता है. कीवी में हाई  एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. - पाचन के लिए  बेस्ट है कीवीकीवी में हाई लेवल का फाइबर होता है जो कब्ज और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्याओं से राहत दिलाता है. साथ ही पेट में होने वाली असुविधा से भी निजात दिलाता है.  - दिल के लिए अच्छा है कीवीकीवी दिल के लिए काफी अच्छा होता है. कीवी में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करता है. - फेफड़ों को हेल्दी रखना है तो कीवी खाएंइम्युनिटी विक होने के कारण कई डेंगू के मरीज को अस्थमा की बीमारी घेर लेती है. ऐसे में कीवी खाएंगे तो यह आपके फेफड़ों को हेल्दी रखने का काम करेगी. और ठीक से फंक्शन करने में मदद भी करेगी.  - आखों के रोशनी के लिए फायदेमंद कीवी में एंटीऑक्सीडेंट होता है. जो कैरोटीनॉयड और आयरन को बढ़ाता है. जिसकी वजह से आंख काफी ज्यादा हेल्दी रहते हैं. और रोशनी भी बढ़ती है.   ...

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White hair home remedies:  हमारे चेहरे की खूबसूरती में हमारे बाल बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं. घने, लंबे और काले बालों की चाहत हर किसी को होती है. हालांकि ,वर्तमान समय में सफेद बालों की समस्या काफी बड़ गई है. पहले सफेद बाल सिर्फ बुजुर्गों में ही देखने को मिलते थे, लेकिन अब यह समस्या युवाओं में भी नजर आने लगी है. बालों का सफेद होना कई कारणों से हो सकता है जैसे उम्र, खराब जीवनशैली, खान-पान की गलत आदतें, आनुवंशिकता या कोई चिकित्सीय स्थिति. कई बार केमिकल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से भी बाल सफेद होने लगते हैं. अगर आपके बाल भी सफेद होने लगे हैं तो आप महंगे और केमिकल प्रोडक्ट्स की जगह कुछ घरेलू और प्राकृतिक उपाय आजमा सकते हैं. आंवला, रीठा, शिकाकाई के फायदे - बालों का झड़ना रोकता है- यह बालों के विकास में सहायक है- बालों की नमी को बरकरार रखता है- डैंड्रफ की समस्या दूर हो जाती है- बालों को मजबूती देता है सफ़ेद बालों से छुटकारा पायेंआंवला, रीठा, शिकाकाई का प्रयोग इस प्रकार करें: सफेद बालों को काला करने के लिए आंवला, रीठा, शिकाकाई को मिलाकर हेयर मास्क तैयार किया जा सकता है. बस इन बिंदओं का पालन करें. - आंवला, रीठा, शिकाकाई के 5-6 टुकड़े लें और उन्हें रात भर पानी में भिगोकर रखें- इस मिश्रण को गैस में अच्छे से उबाल लें और फिर इसे गैस से उतारकर ठंडा होने के लिए रख दें.- ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को अच्छे से मिला लीजिए.- अब इस हेयर मास्क को अपने बालों पर लगाएं और 3-4 घंटे के लिए छोड़ दें। अपने बालों को सादे पानी से धो लें.- आप चाहें तो इस मिश्रण को शैंपू की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं. नोट- लीविंग इंडिया न्यूज़ इस लेख का समर्थन नहीं करता है. यह लेख केवल सामान्य स्रोतों से जुटाई गई जानकारी है. ...

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Beer Bottle Expiry Date: बीयर या शराब पीने पहले लोग कई बातों का दयान नहीं रखते हैं. किसी भी पार्टी के लिए वाइन शॉप पर जाते हैं और बीयर की पेटी उठा लेते हैं. इसके बाद तुरंत घर पर आकर इसे पीने लगते हैं, लेकिन ऐसा करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. ये बीयर आपकी मौत का कारण बन सकता है. अगर आपने बीयर पर लिखी एक चीज को ठीक से नहीं देखा तो ये छोटी सी भूल आपको महंगी पड़ सकती है.  पुरानी बीयर हो सकती है खतरनाकदरअसल कई लोग बीयर पर बिना एक्सपायरी डेट देखे ही इसे पी लेते हैं. कई लोगों को इस बात की जानकारी तक नहीं होती है कि बीयर की बोतल पर भी एक्सपायरी डेट होती है. कुछ जगहों पर विक्रेता अपना स्टॉक खत्म करने के लिए पुरानी बीयर बेचते हैं, जिसे पीना आपकी सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है.एक्सपायरी डेट वाली बीयर से बेचने के लिए शराब विक्रेता कई आकर्षक ऑफर भी देते हैं. इसीलिए अगर आपको कम पैसों में या फिर एक के साथ एक फ्री बीयर मिल रही है तो इसकी एक्सपायरी डेट जरूर देखें, अगर बीयर एक्सपायर हो चुकी है तो उसे बिल्कुल न लें और इसकी शिकायत भी करें.  क्यों खराब हो जाती है बीयरदरअसल बीयर में अल्कोहल की मात्रा 4 से 8 प्रतिशत तक होती है. बाकी हिस्से में जौ और अन्य तरह का पानी होता है. ऐसे में शराब के मुकाबले ये जल्दी एक्सपायर हो जाती है. आमतौर पर बीयर 6 महीने में एक्सपायर हो जाती है. इसीलिए इसे 6 महीने के भीतर ही पी लेना चाहिए. अगर आपने बीयर खोल दी है तो उसे तुरंत पी लें, क्योंकि कुछ ही घंटों के बाद इसका टेस्ट बिगड़ जाएगा. साथ ही खुली बीयर में बैक्टीरिया आदि का खतरा भी हो सकता है. इसीलिए आगे जब भी पार्टी करें तो इन बातों का जरूर खयाल रखें   बियर पीने के फायदे 1. रक्त शर्करा के स्तर में सुधार हो सकता है2.  भरपूर मात्रा में बी विटामिन3. मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है4. खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक    बियर पीने के नुकसान 1. शरीर में जमा होने लगता है फैट2. किडनी खराब कर सकती है बीयर3. शरीर में पोषक तत्वों की कमी कर सकती है बीयर4. अनिद्रा का शिकार बना सकती है बीयर...

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Glowing Skin Face Pack: दालचीनी न सिर्फ खाने में स्वाद बढ़ाती है बल्कि स्किन केयर के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है. दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं. जहां चाय में दालचीनी का उपयोग करके हम अपने थकान दूर कर सकती है. वहीं, दालचीनी से चेहरे की थकन और उदासी दूर कर पर चमक पैदा कर सकती है. सिर्फ 2 चम्मच दालचीनी पाउडर को थोड़े से नींबू के रस के साथ मिलाकर फेस पैक बनाकर लगाने से त्वचा में खूबसूरती आती है. इसका नियमित प्रयोग डलनेस, सूजन और मुहांसों से छुटकारा दिलाता है. अगर आप चमकदार और सुंदर चेहरा चाहते हैं तो तो दालचीनी का प्रयोग कर सकते हैं.  कैसे करें दालचीनी का प्रयोग  - दालचीनी और शहद पैक: दालचीनी पाउडर और शहद को मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें और इसे अपने चेहरे पर लगाएं. 15-20 मिनट के बाद धो दें. यह पैक त्वचा को निखार और चमकदार बनाता है.- दालचीनी का फेस स्क्रब: दालचीनी पाउडर को थोड़ी सी दही के साथ मिलाकर एक स्क्रब बना लें. इसे त्वचा पर गोलाई से मसाज करें और फिर धो लें. यह - त्वचा की खोलने में मदद करता है और चमकदार बनाता है.दालचीनी और आयल मास्क: दालचीनी पाउडर को थोड़े से तेल के साथ मिलाकर फेस पर लगाएं. इसे अच्छी तरह से मसाज करें और फिर धो लें. यह त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाता है दालचीनी स्किन के लिए फायदेमंद जानें कैसे - गंदगी और धूल-मिट्टी को हटाने के लिए: दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो त्वचा की गंदगी, धूल, और मिट्टी को हटाने में मदद करता है.  - चमकदार त्वचा के लिए: दालचीनी में त्वचा की रोशनी को बढ़ाने और त्वचा को चमकदार बनाने वाले गुण होते हैं. - झाइयों के खिलाफ: दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा के झाइयों और दाग-धब्बों को कम कर सकते हैं. - एंटीएजिंग गुण: दालचीनी में एंटीएजिंग गुण होते हैं जो त्वचा की उम्र के निशानों को कम करने में मदद करता हैहैं और त्वचा को मुलायम बना सकते हैं. - एक्जिमा और चर्म रोगों के इलाज में: दालचीनी में त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने में मदद करने वाले गुण होते हैं, जिस...

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Banana For Diabetes: डायबिटीज होने पर खानपान का खास ख्याल रखना पड़ता है. जरा सी भी लापरवाही बरतने से शुगर लेवल हाई हो सकता है. अक्सर डायबिटीज रोगियों को समझ नहीं आता कि उन्हें फल और सब्जियों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. जिन में से केला एक ऐसा फल है जिसे डायबिटीज के मरीजों को खाने के बारे में काफी सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए. केले में पोटेशियम, विटामिन C और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.  लेकिन केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. केले में प्रोटीन और फाइबर बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, इसे कभी-कभी खाने में कोई हर्ज नहीं है. इसके अलावा एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, केले का प्रयोग डायबिटीज के इलाज के लिए पारंपरिक दवा के रूप में भी किया जा सकता है.  जानें केले के अन्य फायदे  - केले में पोषक तत्वकेले में फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन सी, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, एनर्जी, फ्रुक्टोज शुगर भरपूर मात्रा में होते हैं. ये सभी डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी होता हैं, यदि स्नैक्स के तौर पर लिए जाएं तो, खाने के साथ केला नुकसानदायक हो सकता है. - डेंटल हेल्थकेला का सेवन आपके दांतों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से उपस्थित फाइबर और कैल्शियम दांतों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं.  - मानसिक स्वास्थ्यकेला में ट्राइप्टोफान, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है, पाया जाता है. यह आपके मूड को बेहतर बना सकता है और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है.  - डायबिटीज में खाएं कच्चा केलाकच्चा केला भी डायबिटीज के मरीज किसी भी फॉर्म में खा सकते हैं. यह नुकसानदायक नहीं होता है. सब्जी, भरता बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है. - स्किन केयरकेले का मास्क बनाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं....

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Benefits of Anjeer: अंजीर जो मीडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया का एक मीठा और रसभरा स्वादिष्ट फल है.यह एक प्रकार का फल है जिसे आप ताजा, सुखाकर या पकाकर भी खा  सकते हैं. यह फल पोषण से भरपूर है इसका इस्तेमाल आप तरह-तरह की रेसिपी बनाने में भी कर सकते हो . इसमें पाए जाने वाले मलाईदार गुद्दे चबाने में काफी अच्छा होता है.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंजीर काफी मीठा होता है. इसे आप ताजा या सूखा  भी खा सकते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर और चीनी होता है जो आपके वजन को कंट्रोल में रखती  है. अंजीर के गजब  फायदे:  पाचन और दिल की बीमारी सभी के लिए है फायदेमंद अंजीर सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसके खाने के कई फायदे हैं. बिजली, ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल करना, वजन कंट्रोल में रखना और बहुत कुछ. इसकी पोषण संबंधी समृद्धि को एंटीऑक्सिडेंट, पोषण संबंधी फाइबर, पोषक तत्वों और आयरन के बीच बैलेंस बनाने के लिए यह फल सबसे अच्छा है. यह पूरे शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है. आप वजन घटाने के लिए अंजीर को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो इसकी हर्बल मिठास और इसमें पाए जाने वाले गुण आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है. यह प्रकृति की तरफ से दिया गया सबसे शानदार फल है. - पाचन को आसान बनाता है अंजीर में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. जो आपके कॉन्सटीपेशन को ठीक करने के लिए काफी अच्छा है. साथ ही साथ यह कब्ज को ठीक करने के साथ आंत के लिए बहुत अच्छा होता है.  - एंटीऑक्सीडेंट से भरपूरअंजीर एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने और शरीर में हा...

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Blueberry Lemon Sorbet recipe: कुछ मीठा और स्वादिष्ट खाने का मन करे  तो यह स्वीट डिश आपको बहुत अच्छा लगेगा. इसे आप आसानी से घर पर बना सकते हैं.यह शरबत  रेसिपी बिल्कुल लाजवाब है और सभी को इसका आनंद आएगा. नींबू के रस, ब्लूबेरी, और शहद  से बनी यह आकर्षक मिठाई रेसिपी भोजन के अंत में आपकी पसंदीदा मिठाई बनेगी . नींबू और बेरी के स्वाद का मिश्रण इस व्यंजन को बहुत अनोखा और पसंदीदा बनाता है. इस फ्रोज़न मिठाई को किटी पार्टियों और गेट-टुगेदर में परोसा जा सकता है, और आपके मेहमान इसकी अधिक मांग करेंगे. इस स्वादिष्ट मिठाई की रेसिपी को ताजे फलों के कटोरे के साथ परोसें और स्वादिष्ट स्वादों की दुनिया में शामिल हों. शरबत रेसिपी बनाने की रेसिपी - इस स्वादिष्ट शरबत रेसिपी को तैयार करने के लिए एक मिक्सर ब्लेंडर लें और उसमें ब्लूबेरी, नींबू का छिलका, नींबू का रस, नमक, शहद और पानी मिलाएं. - सभी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर बारीक प्यूरी बना लें. - मिश्रण को एक कंटेनर में डालें और लगभग एक घंटे के लिए फ्रीजर में जमा दें या जब तक मिश्रण सख्त न हो जाए. - शरबत को बाहर निकालें और इसे कमरे के तापमान में कम से कम 10 मिनट तक रखें और परोसें. पुदीने की पत्तियों से सजाएं और आनंद लें.  ...

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Twin Pregnancy Symptoms: प्रेग्नेंसी एक  महिला के लिए सबसे खुशी वाला पल होता है. प्रेगनेंसी शुरू होते ही महिला के शरीर में हार्मोन बनने और शारीरिक बदलाव आने लगते हैं. ये बदलाव गर्भावस्‍था के शुरुआती संकेत हो सकते हैं. कई बार महिला प्रेग्नेंट होती है लेकिन उसे बिल्कुल भी पता नहीं चल पाता कि वह जुड़वा बच्चों की मां बनने वाली है. ऐसी महिलाएं एक बच्चा समझकर उसी हिसाब से खानपान पर फोकस करती हैं. जिसका सीधा असर डिलीवरी के दौरान पड़ता है. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जिससे आप आसानी से समझ पाएंगे कि कहीं आप भी तो जुड़वा बच्चों की मां नहीं बनने वाली हैं. - मॉर्निग सिकनेसप्रेगनेंसी में एचसीजी हार्मोन के बढ़ने की वजह से मॉर्निंग सिकनेस होती ही है लेकिन एक से ज्‍यादा बच्‍चे होने पर मतली और उल्‍टी अधिक हो सकती है.अत्‍यधिक मॉर्निंग सिकनेस को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहा जाता है. इसमें महिला को उल्‍टी और मतली इतनी ज्‍यादा होती है कि उसे नस के जरिए फलूइड देना पड़ सकता है. प्रेगनेंसी के 14वें हफ्ते के बाद भी मतली और उल्‍टी महसूस होना जुड़वां बच्‍चे होने का संकेत हो सकता है. - मां का वजनअगर पेट में जुड़वा बच्चे हैं तो उस महिला का वजन नॉर्मल से ज्यादा होता है. एक औसत नॉर्मल वजन 25 पाउंड होता है. जबकि जुड़वा बच्चों के पेट में होने पर यह 30 से 35 पाउंड तक हो जाता है. दो बच्चे, ज्यादा एमनियोटिक द्रव और दो प्लासंटा की वजह से वजन बढ़ सकता है. - बच्चों की दिल की धड़कनप्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की दिल की धड़कन सुनना सबसे खुशनुमा और प्यारा अनुभव होता है. डिलीवरी से पहले आप डॉपलर मैथैड से बच्चों के दिल की धड़कन सुन सकती हैं. प्रेग्नेंसी के 9वें सप्ताह से दोनों बच्चों की धड़कने अलग-अलग सुन सकती हैं.हालांकि, यह थोड़ा मुश्किल है. - बेबी बंपजाहिर सी बात है कि गर्भ में एक के मुकाबले दो बच्‍चे होने पर बेबी बंप बड़ा होगा.अगर आपका बेबी बंप बड़ा लग रहा है तो हो सकता है कि आपके जुड़वां बच्‍चे हों. वैसे हर महिला का बेबी बंप उनके कद, वजन, आहार और बॉडी टाइप पर निर्भर करता है. - अधिक भूख लगन...

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Healthy foods: जवान रहने के लिए महिलाओं और पुरुषों को इन चीजों का सेवन करना चाहिए.जिससे वे हमेशा जवान बने रह सकें.  कुछ लड़कियां मास्टर डिग्री कर रही हैं, कुछ नौकरी कर रही हैं, कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं.ऐसे में इधर-उधर भागदौड़ के कारण कई लड़कियों का रोजमर्रा का काम काफी मुश्किल हो जाता है.दरअसल, इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, इसलिए लड़कियों को अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जो उन्हें स्वस्थ रखें, हार्मोनल संतुलन बनाए रखें, ऊर्जावान रहें और कैंप और कैंप में जाएं. मूड स्विंग से भी बचाएं. युवा बने रहने के लिए पुरुषों और महिलाओं को इन तत्वों पर अधिक ध्यान देना चाहिए.  - कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैंमहिलाओं में मांसपेशियों की तुलना में वसा कोशिकाएं अधिक होती हैं, जिससे उनका वजन तेजी से बढ़ता है. अगर लड़कियां शुरू से ही शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगी तो उनके शरीर की चर्बी इतनी तेजी से नहीं बढ़ेगी.इसलिए शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने और व्यायाम के लिए ताकत देने के लिए कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए. जटिल कार्बोहाइड्रेट में साबुत अनाज, जई, साबुत गेहूं पास्ता शामिल हैं.  - प्रोटीन शरीर में मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन सबसे फायदेमंद होता है.इसके अलावा प्रोटीन बालों और नाखूनों के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है.  इसलिए लड़कियों को भी प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए. प्रोटीन खाने से हड्डियों की ताकत बढ़ती है और शरीर में ताकत भी बढ़ती है.प्रोटीन की मात्रा प्राप्त करने के लिए आप अंडे, पनीर, चिकन, दाल, सोया चंक्स आदि का सेवन कर सकते हैं.  - आयरन पीरियड्स के कारण लड़कियों में आयरन की कमी अधिक होती है, इसलिए उन्हें आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए.चुकंदर, आंवला, पालक, अनार आदि का सेवन करना चाहिए. . - फाइबरफाइबर पाचन में सुधार करता है और कहा जाता है कि यह खराब पाचन के कारण होने वाली सभी बीमारियों में से आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है.देखा गया है कि कई लोग हरी सब्जियां या सलाद खाने से बचते हैं. लेकिन अगर आप अपनी सेहत को बरकरार रखना चाहते हैं तो आपको हरी सब्जियां जरूर खानी चाहिए. इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो लड़कियों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है. ...

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Benefits of Flaxseeds: अलसी को फ्लैक्स सीड्स के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन समय से ही यह अनगिनत स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है. अलसी के छोटे-छोटे बीज स्वास्थ्य लाभों का भंडार है. अलसी को 'सोने के बीज' भी कहा जाता है,क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए सोने से भी कीमती हैं. अलसी को इसके हल्के, पौष्टिक स्वाद और कुरकुरेपन के कारण एक बहुमुखी घटक के रूप में जाना जाता है. अलसी हर रूप में हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान है. इसकी सही खुराक और नियमित सेवन से जुड़े अद्भुत फायदों को जानना हर किसी के लिए जरूरी है. अलसी के बीजों में  कई बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की क्षमता है, आइए अलसी खाने के फायदे  के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं.  - हृदय रोग के लिए फायदेमंदअलसी के बीज हृदय के लिए वरदान हैं. इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं और हृदय रोगों का खतरा कम करते हैं.  - विटामिन ई से भरपूरअलसी में मौजूद कई पोषक तत्वों और खनिजों में विटामिन ई एक है। यह विटामिन रक्तचाप के स्तर को कम करने और अल्जाइमर रोग और हृदय रोग जैसी कुछ बीमारियों के जोखिम को कम करने में वास्तव में लाभकारी हो सकता है। यह मूत्र में सोडियम उत्सर्जन को बढ़ाकर रक्तचाप को कम करता है।  - कैंसर से लड़ने में मददअलसी में अच्छी मात्रा में लिग्नांस होते हैं जो पौधे के घटक होते हैं जो कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं. यह भी दिलचस्प है कि अलसी में किसी भी अन्य खाने योग्य पौधे की तुलना में 75 से 800 गुना अधिक लिग्नांस होता है.कुछ अध्ययनों में, अलसी का सेवन स्तन कैंसर के खतरे को कम करने से संबंधित है, विशेष रूप से पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए. टेस्ट-ट्यूब और जानवरों के अध्ययन में यह भी दिखाया गया है कि अलसी त्वचा, रक्त, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर को रोकती है. - ड...

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Karonda Benefits: करौंदा जिसका वानस्पतिक नाम Carissa carandas है.यह आपके सेहत के लिए बहुत लाभदायक है. इसमें विटामिन C और आयरन जैसे अनमोल पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हैं. इसे कई लोग क्रेनबेरी समझ लेते हैं लेकिन करौंदा क्रेनबेरी से काफी अलग है. करौंदा आपकी प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि पाचन और त्वचा को निखारने में मदद भी करता है. इसके फायदे जानकर आप भी अगली बार जब भी बाजार जाएं, करौंदा जरूर खरीदे. जानें इसके कई फायदे... स्किन इन्फेक्शन से बचाव करौंदे के जूस में एंटी फंगल और एंटी ऑक्ससिडेंट के साथ ही एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते है.जो फंगल इन्फेक्शन और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचने में मदद करते हैं.   पाचन में सुधारकरौंदा विटामिन C, आयरन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर है. ये तत्व पाचन प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हैं और अम्लीयता को नियंत्रित करते हैं. इसके अलावा, करौंदा में डाइटरी फाइबर भी होता है, जो मल को मुलायम बनाए रखता है और कब्ज समस्या को दूर करता है. करौंदा न केवल एक स्वादिष्ट फल है, बल्कि यह पाचन क्रिया को सुधारने में भी सहायक है, जिससे आपको सेहतमंद और ताजगी महसूस होती है.  ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद करौंदा के फल में विटामिन C, आयरन और अन्य उपयुक्त पोषक तत्व होते हैं, जो हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. यह फल उच्च रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को भी रोकता है.  डायबिटीज के लिए फायदेमंद कच्चे करौंदे का  एक्सट्रैक्ट ब्लड शुगर का लेवल कम करने में मदद करता है.जिस वजह से डायबिटीज की बीमारी कम होने का रिस्क होता है. बुखार से राहत करौंदा के पत्तों और फलों का काढ़ा बनाया जाता है जिसमें शरीर को ठंडा करने की क्षमता होती है, और इससे बुखार में आराम मिलता है.  वजन कम करने में असरदार करौंदा फल में डाइटरी फाइबर होता है, जो पाचन को सुधारता है और आपको लंबे समय तक पूर्ण अहसास कराता है, जिससे आप अधिक खाना खाने से बचते हैं. यह भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे आपकी कलोरी की सेवन मात्रा कम हो सकती है.   ...

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Broccoli Benefits:  सांस संबंधी बीमारियां आज के समय में बहुत आम हो गई हैं. प्रदूषण, धूम्रपान, की वजह  से अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, खांसी, सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं लोगों को परेशान करती हैं. ऐसे में, कुछ ऐसे फूड्स खाना बेहद जरूरी  है जो हमारे फेफड़ों को स्वस्थ रखें और हमें इन तकलीफों से छुटकारा दिला सके. इन सब बीमारियों से छुटकारा दिलवाने में ब्रोकोली को सबसे पहले नंबर पर है.ब्रोकोली को 'सुपरफूड' कहा जाता है. ब्रोकोली में कई ऐसे गुण और पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं. खासकर, ब्रोकोली सांस संबंधी समस्याओं जैसे कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी-जुकाम आदि से राहत प्रदान करने में बहुत ही प्रभावी साबित होता है.  - सांस प्रणाली को सुधारता है ब्रोकोली में भरपूर मात्रा में विटामिन C होता है जो सांस के मार्गो की प्रतिरक्षा को बढ़ाता है. ब्रोकोली के एंटीऑक्सीडेंट फेफड़ों को सूजन और नुकसान से बचाते हैं. इस में फाइबर होता है जो फेफड़ों को साफ करता हैं और श्लेष्मा को पतला करता हैं. ब्रोकोली में सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं जो फेफड़ों के लिए लाभदायक होते हैं.  - वायु प्रदूषण के हानिकारक तत्वों को रोकता हैवायु प्रदूषण आज एक गंभीर समस्या बन चुका है और यह हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रहा है. विशेषकर, वायु प्रदूषण से हमारे फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है.ऐसे में, ब्रोकोली जैसी सब्जियां वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाव करने में मदद कर सकती हैं.ब्रोकोली में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो फेफड़ों की कोशिकाओं को वायु प्रदूषण के कारण होने वाले नुकसान से बचाते हैं.  - डेली  एक या दो ब्रोकोली खाएं   उबली हुई ब्रोकोली खाने से सांस से जुड़ी समस्याएं  दूर होती  है.उबली हुई ब्रोकोली में पोषक तत्वों...

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Makhana benefits: डायबिटीज को लेकर अक्सर एक बात कही जाती है कि यह खराब लाइफस्टाइल और खानपान की देन होती है. यह एक ऐसी बीमारी है कि अगर इसे कंट्रोल में नहीं रखा गया तो कब ये अपना गंभीर रूप ले लें इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. इसे कंट्रोल में रखना है तो इसके मरीज को अपनी लाइफस्टाइल और डाइट को हमेशा सही रखना होगा. अगर ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना है तो दो बातों का अक्सर ध्यान रखें. डायबिटीज के मरीज के लिए वरदानआप जो भी खाएं वह ग्लाइसेमिक इंडेक्स, हाई फाइबर और रफेज से भरपूर हो. ऐसा इसलिए क्योंकि फाइबर शुगर को सोखने का काम करता है और मेटाबोलिक रेट बढ़ाकर इसे पचाने में मदद करता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स से भरपूर फूड्स आपके पेंनक्रियाज के फंक्शन को बेहतर बनाता है. साथ ही इंसुलिन के प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है. इन दोनों के फंक्शन को बेहतर बनाने के लिए मखाना सब गुणों से भरपूर है.  डायबिटीज में मखाना खाना होता है फायदेमंदमखाना ग्लाइसेमिक इंडेक्स से भरपूर होता है. वह शरीर में बैलेंस बनाने का काम करता है. यह शुगर को शरीर में कंट्रोल करने का काम करता है. इन सब के अलावा इसका फाइबर शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करता है. शरीर में ज्यादा शुगर जमा होने से रोकता है. ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है. फिर वह पेट की गड़बड़ी को भी कम करता है. डायबिटीज में कब्ज की दिक्कत अक्सर हो जाती है वह इससे निजात दिलाता है. मखाने में मैग्नीशियम काफी होती है. इसलिए यह शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने में और ब्लड शुगर बेहतर करने में काफी ज्यादा मदद करता है. साथ ही साथ दिल की बीमारी से रोकता है. डायबिटीज में कब खाएं मखाना - डायबिटीज में मखाने को कई तरह से खा सकते हैं. आप इसे नाश्ते में दूध में भिगोकर खाएं. इसे आप स्नैक्स की तरह शाम के वक्त या खिचड़ी में भी खा सकते हैं.  - डायबिटीज में कितना मखाना खाना है फायदेमंद - डायबिटीज के मरीजों को हर दिन 2-3 मुट्ठी यानि 30 ग्राम मखाना खाना चाहिए यह आपके शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है. साथ ही यह डायबिटीज को कंट्रोल में रखता है. 

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Rabbies Symptoms: दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. वहां पर कुत्ते के काटने की वजह से हुए रेबीज बीमारी से एक 14 साल के बच्चे की मौत हो गई.समय पर इलाज नहीं हुआ और रेबीज का इन्फेक्शन बढ़ता चला गया. काटने के कुछ दिनों बाद ही बच्चे में अजीबो-गरीब लक्षण भी नजर आने लगे. वह हवा और पानी से भी डर रहा था. जब तक घरवालों ने डॉक्टर को दिखाया देर हो चुकी थी. रेबीज का अगर समय से इलाज न हो तो यह खतरनाक रूप ले लेती है.एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर साल रेबीज की वजह से 18 से 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है. भारत में रेबीज के लगभग 30-60% मामले एवं मौतों में 15 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं, क्योंकि बच्चों में काटने के निशान को अक्सर पहचाना मुश्किल हो जाता है. क्या कहता है रिसर्चएक रिसर्च के मुताबिक इन 6 सालों में देश में कुत्ते के काटने के केसेस बढ़े हैं. अगर इसका इलाज शुरुआत में ही नहीं किया जाएगा. या एंटी रेबीज इंजेक्शन टाइम पर न दिया जाएगा तो बहुत ही जल्दी में रेबीज मरीज के खून तक पहुंच जाता है. जिन कुत्तों को टाइम पर वैक्सीनेशन नहीं पड़ता है वह काफी खतरनाक हो जाते हैं. और उनसे रेबीज फैलने के चांसेस बढ़ जाते हैं. रेबीज का सबसे पहला लक्षण  देश के कई फेमस डॉक्टर के मुताबित अगर किसी रेबीज संक्रमित कुत्ते ने किसी इंसान को काट लिया है तो कुछ दिनों पर मरीज में जानवरों की तरह लक्षण दिखाई देने लगते हैं. सबसे बड़ा लक्षण होता है कि मरीज को पानी से डर लगने लगता है. इसे हाइड्रोफोबिया कहते हैं. इसमें मरीज पानी से दूर भागने लगता है. कुछ लोग पानी कम या बिल्कुल भी नहीं पीते हैं. पानी देखते ही गुस्सा होने लगता है. पानी को छूने से डरता है. इन सब के अलावा बेवजह गुस्सा, चिड़चिड़ाहट , बुखार और उल्टियां होने लगता है.  क्‍या कुत्‍ते की तरह हरकत करने लगता है मरीजडॉक्टर से अक्सर ऐसा पूछा जाता है कि क्या सच में किसी इंसान को रेबीज हुआ है तो वह कुत्ते या किसी जानवर की तरह हरकत करने लगता है. इसमें कितना सच है? क्या जानवर के काटने के बाद मरीज में रेबीज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. - डॉक्टर बताते हैं कि जब रेबीज का वायरस इंसान के खून में जाता है तो उसे इरिटेशन  होने लगती  है. - सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. - मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होने लगती है. कभी-कभी जो मरीज की देखभाल करने आता है वह ऐसी हरकत करता है कि उससे डरकर भागने लगता है. - पानी से बहुत डरने लगता है. यह तो सच है कि रेबीज होने के बाद मरीज की हरकत काफी ज्यादा बदल जाती है. इस बीमारी को  मरीज के ब्रेन तक पहुंचने में वक्त नहीं लगाता है. वह अलग तरीके से चिल्लाता या रोता है. इस बीमारी का खतरनाक असर ब्रेन पर होता है जिसके कारण मरीजा का बिहेवियर को कुत्ता से जोड़कर देखा जाता है. ...

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Fasting Tips: सनातन धर्म में व्रत यानि  उपवास को बहुत ही खास महत्व दिया जाता है. धार्मिक महत्व के साथ-साथ व्रत और उपवास से सेहत सम्बंधित बहुत सारे फायदे हैं. उपवास करने से शरीर पूरी तरह डिटॉक्सिफाई हो जाता है औऱ वजन कंट्रोल करने के लिहाज से भी समय समय पर उपवास को काफी इफेक्टिव कहा गया है. लेकिन अगर आप पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को ढेर सारा खाना खाते हैं तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं. दरअसल पूरा दिन भूखा रहने के बाद एकाएक कुछ चीजों को खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसका सेहत पर बुरा असर हो सकता है. चलिए जानते हैं कि व्रत खोलते समय किन चीजों से परहेज करना चाहिए.  व्रत खोलने के बाद क्या खाएं   व्रत खोल रहे हैं तो पहले शरीर में पानी की कमी दूर करने के लिए एक गिलास पानी पीना चाहिए. इसके बाद दही, जूस, नारियल पानी या शिकंजी पी सकते हैं. जिससे आपका शरीर हाइड्रेट होगा और शरीर में एनर्जी आएगी. व्रत के दौरान भूखे रहने पर आपके शरीर में ताकत और एनर्जी की कमी हो सकती है. इसलिए व्रत खोलते समय आपको प्रोटीन युक्त भोजन करना चाहिए. इसके लिए आपको अंकुरित भोजन औऱ पनीर से बनी हल्की चीजों को खाने में शामिल करना चाहिए. व्रत खोलते समय इन चीजों को खाने से बचना चाहिए  - पूरा दिन व्रत करने के बाद आपको सबसे पहले चटपटे खाने से परहेज करना चाहिए. इस दौरान पेट खाली होता है और इस दौरान चटपटा या मसालेदार भोजन खाने से आपको पेट में दर्द, अपच, गैस की दिक्कत हो सकती है.  - यूं तो शुगर के मरीजों को व्रत आदि करने से परहेज करने की सलाह दी जाती है लेकिन फिर भी अगर ऐसे लोग व्रत करते हैं तो व्रत खोलते समय ज्यादा भारी भोजन करने से परहेज करें. अगर आप पूरे दिन भूखे रहकर एकदम से भारी भोजन करेंगे तो आपका शुगर का स्तर बिगड़ सकता है.  - कुछ लोग व्रत खोलते समय शाम को चाय और कॉफी पी लेते हैं. ये आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. पूरा दिन भोजन ना करने के बाद अगर आप शाम को चाय या कॉफी पिएंगे तो ना केवल आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर होगा बल्कि आपको एसिडिटी की परेशानी भी हो सकती है. ...

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Arjuna Bark Benefits: हृदय रोग के मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. दिन भर दिन हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हार्ट रोग  और स्ट्रोक से बचाव के लिए अर्जुन की छाल का इस्तेमाल कर सकतें है. जो की एक आयुर्वेदिक औषधी है और इसका उपयोग शरीर की कई परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है. आयुर्वेद में मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल काढ़े के रूप में किया जाता है. यह इंफेक्शन, संक्रमण, गले की खराश, सर्दी-जुकाम जैसी परेशानियों को दूर करने में भी मदद करता है. इसके अलावा अर्जुन की छाल से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं. आइए आज यहां जानते हैं कि अर्जुन की छाल का उपयोग किन-किन बिमारियों में होता है.  .ब्लड प्रेशर अर्जुन की खाल  ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है, और इसका प्राकृतिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है. अर्जुन की खाल में विशेष रूप से टैनिन, फ्लावोनॉयड्स, और अर्जुनोलिक एसिड जैसे औषधीय गुण होते हैं जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है. जिससे उच्च ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्याओं को कम किया जा सकता है. .हृदय के लिए स्वास्थ्यअर्जुन की छाल के सेवन से ह्रदय रोगों से बचाव और उनके इलाज में बहुत फायदा मिलता है. अर्जुन की छाल में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो हृदय की धमनियों को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. ये धमनियों को साफ और लचीला बनाए रखने में मदद करता है. अर्जुन की छाल में पाए जाने वाले फाइबर खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं, जो हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है. इसके साथ ही यह रक्तचाप को कम करने में मदद करता है जो कि हृदय रोगों के लिए फायदेमंद है.  .मधुमेह को रखे कंट्रोल मधुमेह वाले लोगों के लिए रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है और दालचीनी और अर्जुन की छाल का सेवन इसे प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इन प्राकृतिक उत्पादों में ऐसे गुण होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं, और उनमें समग्र रूप से मधुमेह के लक्षणों में सुधार करने की क्षमता भी होती है. .गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं अर्जुन की छाल पेट संबंधित समस्याओं को भी दूर करती है, जैसे कि पेट की गैस, एसिडिटी, और पेट की समस्याएं. अर्जुन की छाल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फ्री रेडिकल्स के खिलाफ लड़ते हैं और शरीर को रोगों से बचाने में मदद करता है.  .जोड़ों के दर्द यह छाल जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करती है और जोड़ों की स्वास्थ्य को सुधार सकती है. अर्जुन की छाल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है. ...

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Amla Juice Benefits: आयुर्वेद में आमले के जूस को महत्वपूर्ण माना गया है. आमला  खाने से शरीर से कई बीमारियां तो दूर होती ही हैं साथ ही यह त्वचा और बालों दोनों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली ओषिदी है.आवश्यक पोषक तत्वों, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर, आमले का रस आपकी सुंदरता के लिए कई लाभ प्रदान करता है.चलिए जानते हैं आमला खाने के कई सारे फायदे. .यौन शक्ति में वृद्धिआमले का जूस पीने से आपकी यौन शक्ति बढ़ती है. अगर आपका वीर्य पतला है तो इसका रस पीने से यह गाढ़ा हो जाएगा. .विटामिन सी से भरपूरआमले का रस विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, जो कोलेजन उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है.यह प्रोटीन त्वचा की लोच बनाए रखने में मदद करता है, झुर्रियों और दाग-धब्बों को कम करता है. .मुहावासों को कम करने में सहायक मुहावासों आमले के जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण मुँहासे और फुंसियों को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे आपकी त्वचा साफ़ और अच्छी दिखती है. .प्राकृतिक त्वचा शोधकआंवले का रस एक बेहतरीन प्राकृतिक शोधक के रूप में काम करता है, जो त्वचा से गंदगी और अशुद्धियों को दूर करता है. यह छिद्रों को खोलता है, महावासें  और ब्लैकहेड्स को रोकने में मदद करता है. .पिग्मेंटेशन को कम करने में सहायक आंवले के रस का नियमित सेवन रंजकता और दाग-धब्बों को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे आपकी त्वचा की रंगत में निखार आता है.यह काले धब्बों को कम करने में भी मदद करता है. नोट- यह लेख लीविंग इंडिया द्वारा समर्थित नहीं है.यह केवल सामान्य जानकारी है.