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Benefits Of Jaggery Tea: आमतौर पर हर घर में सुबह की शुरआत चाय के साथ होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चीनी की जगह अगर गुड़ वाली चाय पी जाए. चाय में का प्रयोग किया जाए तो कैसा रहेगा? चीनी की तुलना में गुड़ में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते  हैं. गुड़ की चाय पीने से आपका वजन कंट्रोल में रहता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है, ऊर्जा लेवल बढ़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है. नियमित रूप से गुड़ की चाय पीने से सेहत के कई तरह के लाभ मिलते है. पाचन तंत्र मजबूत गुड़ की चाय पाचन क्रिया को मजबूत करने में लाभदायक होती है. इसके नियमित सेवन से पाचन संबंधी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. गुड़ में पाए जाने वाले फ्रुक्टोज और फाइबर आसानी से पच जाते हैं और पेट को हल्का रखते हैं. यह एसिडिटी को कम करके पेट संबंधी जलन और अल्सर जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है. गुड़ में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक गुण आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया का विकास करते हैं. आयरन से भरपूरजिन लोगों के शरीर में खून की कमी होती है उन्हें गुड़ की चाय का सेवन करना चाहिए. क्योंकि गुड़ की चाय में भरपूर आयरन पाया जाता है जिसकी वजह से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ जाता है और खून की कमी दूर हो जाती है. एनीमिया से राहत एनीमिया एक ऐसी स्थिति होती है जब शरीर में रक्त की कमी हो जाती है. गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज और जिंक जैसे खनिज पाए जाते हैं. ये खनिज एनीमिया में कम होने वाले रक्त के घटकों की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं. गुड़ रक्त में हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने में भी सक्षम होता है.  इसके अलावा गुड़ की चाय एनीमिया के कारण होने वाली कमजोरी और थकान को दूर करने में मदद कर सकती है.  वजन कम करनें में सहायक अक्सर देखा जाता है कि लोग वजन घटाने के लिए कई तरह की चीजों का इस्तेमाल करते हैं. लोगों को ये भी सलाह दी जाती है कि चाय के सेवन से दूर रहें क्योंकि चाय में चीनी की वजह से फैट बढ़ता है. लेकिन बता दें कि गुड़ की चाय पीने की वजह से वजन कम होता है.

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Milk for depression: मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के मामले वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, कामकाज का तनाव,रिश्तों का तनाव हो या कंपटीशन का तनाव, इन सभी चीजों का असर सीधा मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. यही कारण है कि डॉक्टर फिजिकल फिटनेस के साथ साथ मेंटल फिटनेस पर भी फोकस करने की सलाह देते हैं. अगर  इसपर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह हृदय रोगों जैसी गंभीर समस्याओं का भी कारक हो सकती हैं. मेंटल फिटनेस की बात की जाए तो आप अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके डिप्रेशन और तनाव से छुटकारा पा सकते हैं. ऐसे में हाल ही में कराए गए कुछ अध्ययन कहते हैं कि डिप्रेशन और तनाव जैसी समस्याओं से बचना है तो डाइट में दूध को एड करने से फायदा मिलता है. चलिए जानते हैं कि दूध पीने से तनाव दूर होने का क्या कनेक्शन है. डिप्रेशन में दूध पीना कितना फायदेमंद  एक स्टडी में कहा गया है कि तनाव या डिप्रेशन को दूर रखने के लिए विटामिन डी युक्त डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन लाभ करता है. डेयरी प्रोडक्टस में पाए जाने वाले पोषक तत्व मेंटल डिसऑर्डर को दूर रखने में सहायक होते हैं. इसके साथ ही शरीर में विटामिन डी की कमी से मेंटल फिटनेस पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में अगर शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की खुराक दी जाए तो मेंटल इलनेस जैसे तनाव, डिप्रेशन, एंजाइटी आदि में लाभ मिलता है. देखा जाए तो दूध सीथा डिप्रेशन पर असर नहीं करता, लेकिन इसके अंदर पाया जाने वाला विटामिन डी डिप्रेशन के जोखिमों को दूर करने में मददगार साबित होता है. - गाजर खाने से भी होगा फायदा   हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि केवल दूध ही नहीं गाजर के सेवन से भी डिप्रेशन के लक्षणों में कमी आती है. गाजर में पाया जाने वाला बीटा कैरोटीन अवसाद में फायदा करता है और इससे मेंटल फिटनेस भी अच्छी होती है.  - कैफीन से दूर होता है स्ट्रेसकैफीन हमारे शरीर के लिए लाभकारी है या नुकसानदायक इसको लेकर लंबे समय से चर्चा होती रही है, हालांकि कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि यदि आप कम मात्रा में रोजाना इसका सेवन करते हैं तो यह कई प्रकार से हमारे लिए लाभकारी हो सकती है. कैफीन आपको थोड़े ही समय में उत्साहवर्धक महसूस करा सकती है. - हरी पत्तेदार सब्जियां भी करती हैं लाभ हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाने वाला फोलेट डिप्रेशन से बचाने में सहायक साबित होता है. इन सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व तनाव और मेंटल इलनेस को दूर करते हैं. इसलिए रोज डाइट में एक ना एक हरी और पत्तेदार सब्जी जरूर शामिल करनी चाहिए.   ...

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Dry Fruits Benefits: ड्राई फ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.यही वजह है कि डॉक्टर से लेकर हेल्थ एक्सपर्ट तक खाली पेट ड्राई फ्रूट्स और सीड्स खाने की अक्सर सलाह देते हैं. कई लोग हैं भी जो खाली पेट किशमिश, अखरोट ड्राई फ्रूट्स,काजू, और पिस्ता एंड सीड्स खाते हैं. ड्राई फ्रूट्स में कई सारे पोषक तत्व होते हैं. काजू, बादाम, पिस्ता, और अखरोट के चमत्कारी फायदे है.इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि क्या बादाम और पिस्ता साथ में खाने से शरीर को क्या फायदे होते हैं.  बादाम और पिस्ता साथ में खाने के फायदे1.पाचन-तंत्र के लिए है अच्छाआजकल लोगों की इम्युनिटी कमजोर होने के साथ-साथ पाचन तंत्र भी ठीक नहीं है. इसी वजह से अपच, गैस और कब्ज की शिकायत होती है. ऐसे में अगर आप रोजाना खाली पेट बादाम और पिस्ता खाएंगे तो काफी ज्यादा फायदा पहुंचता है. क्योंकि बादामा और पिस्ता दोनों में फाइबर होता है. जो पाचन को मजबूत बनाता है. और कब्ज से भी मुक्ति दिलाता है.  2. हार्ट को रखता है हेल्दीरोजाना बादाम और पिस्ता साथ में खाने से हार्ट को हेल्दी रखता है. पिस्ता में पोटैशियम होता है. जो हार्ट के लिए काफी अच्छा होता है. वहीं बादाम में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जो हार्ट को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाता है. दिल की बीमारी से बचाव करता है.  3. मसल्स गेन के लिए है फायदेमंंदजो लोग काफी दुबले-पतले हैं वह पिस्ता और बादाम साथ में खाएं कुछ दिनों में ही उनका वजन बढ़ जाएगा. साथ में खाने से शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. क्योंकि दोनों में अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है. जो मसल्स गेन में मदद करती है. खाली पेट बादाम और पिस्ता खाने से शरीर को काफी ज्यादा फायदा होता है.  4. हीमोग्लोबिन बढ़ाएजिन लोगों को हीमोग्लोबिन की कमी होती है. वह भी अगर रोजाना खाली पेट बादाम और पिस्ता खाएं तो उन्हें काफी ज्यादा फायदा पहुंचता है. हीमोग्लोबिन बढ़ता है और एनीमिया के लक्षण भी दूर होते हैं. 5. हड्डी होता है मजबूतखाली पेट पिस्ता और बादाम खाने से हड्डी मजबूत होता है. इसलिए रोजाना इसे खाली पेट खाना चाहिए.   ...

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Anjeer Benefits For Skin: मन ही मन हर कोई हर कोई यही चाहता है कि उसका चेहरा खूबसूरत हो.चेहरे पर ऐसा ग्लो हो जो उन्हें भीड़ में भी अलग बनाए।इसके लिए आपको स्किन की सेहत के साथ ही आपको अपनी डाइट का भी इसके लिए भरपूर ख्याल रखना होता है.आपको इन चीजों का भी ख्याल रखना होता है कि कौन सी चीजें आपकी स्किन के लिए अच्छी हैं और कौन सी नहीं।अगर आप घर बैठे-बैठे अपने चेहरे को चमकाना चाहते हैं तो अंजीर से बेहतर कोई चीज़ नहीं है. अंजीर चेहरे पर निखार लाता है और ओवलऑल हेल्थ को बेहतर बनाता है. यह मार्केट में आसानी से मिल जाता है. अंजीर में विटामिन A, C, K, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो त्वचा को अंदर तक पोषण देकर अर्ली एजिंग से बचाने का काम करते हैं. तो चलिए जानते हैं अंजीर के फायदे और चेहरे पर इसके इस्तेमाल का तरीका. त्वचा के लिए अंजीर के फायदे 1. झुर्रियों पर रोक अंजीर में ऐसे पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते हैं जो सीबम उत्पादन और त्वचा मेलेनिन को बैलेंस रखने के साथ एपिडर्मल पानी के नुकसान को रोकने का काम करते हैं. इससे हाइड्रेशन बढ़ता है और त्वचा की झुर्रियां खत्म हो जाती हैं. अंजीर का मास्क लगाने से कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और झुर्रियों का नामोनिशान मिट जाता है. 2. चेहरा होगा तरोताजाअजीर में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. अंजीर खाने या चेहरे पर लगाने से काफी फायदा मिलता है. इसके इस्तेमाल से चेहरा तरोताजा और चमकदार बनता है. उसकी खूबसूरती बढ़ जाती है. 3. एक्ने करे कंट्रोल अंजीर का रस या अंजीर बेस्ड स्किन केयर प्रोडक्ट मुंहासे को कंट्रोल करने का काम करते हैं. अंजीर में सूजन को कम करने और मुंहासों को खत्म करने वाले गुण पाए जाते हैं. इससे त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं. 4.स्किन पिगमेंटेशन की छुट्टीअंजीर खाने से विटामिन सी भरपूर मात्रा में शरीर में पहुंचता है, जिससे दाग, धब्बे और निशान के साथ हाइपरपिग्मेंटेशन कम हो सकता है. इससे चेहरा चमकदार बनता है. अंजीर का नियमित तौर पर सेवन चेहरे की खूबसूरती को बढ़ा सकता है. निखार के लिए अंजीर और नींबू के रस का मास्क बनाकर करें इस्तेमाल  - अंजीर और...

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Raw Turmeric Health Benefits: कच्ची हल्दी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती हैं.कच्ची हल्दी का इस्तेमाल शरीर से जुड़ी कई समस्याओं में बतौर घरेलू उपाय के रूप में किया जाता है.कच्ची हल्दी एक ऐसा सुपरफूड है, जिसमें कई पोषक तत्व और औषधीय गुण पाए जाते हैं. कच्ची हल्दी का सेवन नियमित रूप से करने से स्वास्थ्य को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. यह शरीर के कई रोगों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है. कच्ची हल्दी पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है, इम्यूनिटी बढ़ाती है और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होती है. आइए जानते हैं कच्ची हल्दी खाने के और कई फायदे. 1. ब्लड प्यूरीफाई के लिएकच्ची हल्दी का उपयोग खून को साफ करने के लिए भी किया जा सकता है. दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि हल्दी में ब्लड प्यूरीफायर यानी रक्त को साफ करने के गुण पाए जाते हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं कि ब्लड को प्यूरीफाई करने के लिए कच्ची हल्दी का उपयोग किया जाता  है. 2. पाचन शक्ति को मजबूत करनाकच्ची हल्दी में फाइबर होता है जो आंतों की गतिविधि को बढ़ाकर पाचन प्रक्रिया को तेज करता है. यह पेट के एसिड का स्राव बढ़ाती है जिससे भोजन पचने में आसानी होती है. कच्ची हल्दी में 'जिंजरॉल' नामक यौगिक होता है जो पाचन शक्ति को बढ़ाता है. यह पेट में गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करती है.  3. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूरकच्ची हल्दी में करक्यूमिन नामक यौगिक होता है, जो एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में कार्य करता है. यह सूजन को कम करती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है.कच्ची हल्दी में ओमेगा 3 फैटी एसिड भी होते हैं जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. यह जोड़ों के दर्द और मोच जैसी स्थितियों में राहत देता है. 4. एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणकच्ची हल्दी बेनिफिट्स में संक्रमण से बचाव भी शामिल है. बताया जाता है कि हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण प्रदर्शित करता है, जो बैक्टीरियाओं से बचाने में सहायक होता  है. 5. कैंसर में फायदेमंद कच्ची हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं. कच्ची हल्दी मुंह, आंत, जिगर और ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में फायदेमंद होता है. कच्ची हल्दी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कैंसर से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है.  ...

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Coffee For Weight Loss: आज हर कोई अपनी फिटनेस का पूरा दयान रखता  है. खुद को फिट रखने के लिए लोग सही खानपान और वर्कआउट पर फोकस कर रहे हैं. हालांकि, बावजूद इसके मोटापा लोगों के लिए समस्या बना हुआ है. लोग वजन (Weight Loss) कम करने के लिए तरह-तरह की कोशिश करते हैं. हालांकि वजन कम करना काफी चुनौतीपूर्ण है. आजकल वजन कम करने में कॉफी का भी अहम रोल माना जाता है. कुछ लोग ब्लैक कॉफी और कुछ लोग मिल्क कॉफी पीकर वजन कम करने का प्रयास करते हैं. हालांकि, वेट लॉस के लिए दोनों ब्लैक और मिल्क कॉफी में कौन सा ज्यादा बेहतर है, ये हम आपको बताएंगे... ब्लैक कॉफी का रोलब्लैक कॉफी से मेटाबोलिज्म बूस्ट होता है. वजन कम करने में इसकी अहम भूमिका मानी जाती है. ब्लैक कॉफी में जो कैफीन होता है, वह मेटाबोलिज्म को अस्थायी गति देने का काम करता है, जिससे कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न हो सकती है. ब्लैक कॉफी भूख कम करने का भी काम करता है. हालांकि, इसे काफी बैलेंस रखने की जरूरत होती है.  मिल्क कॉफी का रोलमलाईदार और टेस्टी मिल्क कॉफी भी वजन घटाने में मदद कर सकती है. मिल्क कॉफी में कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसलिए यह ब्लैक कॉफी की तुलना में ज्यादा अच्छा ऑप्शन माना जाता है. कैलोरी की मात्रा कंट्रोल करने के लिे कम फैट वाले या बिना मलाई वाली दूध की ही कॉफी पीनी चाहिए. हालांकि, ज्यादा कैलोरी के चलते मिल्क कॉफी ब्लैक कॉफी की तरह मेटाबोलिज्म नहीं बढ़ा पाती है. बावजूद इसे अपनी डाइट में बैलेंस्ड ही रखना चाहिए. वजन कम करने में कौन सी कॉफी बेस्ट?अब बात जब ब्लैक और मिल्क दोनों ही कॉफी वजन घटाने में मदद करती हैं तो दोनों में ज्यादा कारगर कौन हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वजन कम करने के लिए आप अपने हिसाब से किसी भी कॉफी को पी सकते हैं. हालांकि, यह भी जरूरी नहीं कि ब्लैक कॉफी या मिल्क कॉफी से ही वेट लॉस होगा. इसके साथ ही सही डाइट और एक्सरसाइज से वजन कम करने में मदद मिलेगी....

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Karela Bitterness Remove Tips: करेले का स्वाद भले ही कड़वा हो लेकिन करेला हमारे सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. करेला स्वास्थ्य के लिए किसी किसी वरदान से कम नहीं है.इसे नेचुरल ब्लड प्यूरीफायर भी माना जाता है. करेला शरीर के हर ऑर्गन को फिट रखने में  मदद करता है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, आयरन आदि जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर, वजन, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के साथ खून साफ करने में मदद करता है.हालांकि, इसका स्वाद कड़वा होने के चलते बहुत से लोग इसे खाने से बचते हैं. कई लोग इसकी कड़वाहट के चलते इसे खाना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में मास्टर शेफ संजीव कुमार ने हाल ही में करेले के कड़वापन को दूर करने के कुछ आसान तरीके बताए हैं.जिनकी मदद से आप भी केले की कड़वाहट दूर कर सब्जी बनाकर या किसी दूसरे तरीके से अपनी डाइट में शामिल कर खुद को सेहतमंद बना सकते हैं. 1. कुछ देर नमक मिलाकर रखेंकरेले का कड़वापन कम करने के लिए करेले को काटकर उस पर नमक छिड़क दें. करीब 15-20 मिनट बाद करेले से निकले पानी को फेंक दें. इससे उसका तीखापन काफी कुछ कम हो गया होगा. 2. तलने से पहले करेले को शहद या चीनी के पानी में डालेंकरेले को तलने से पहले किसी बर्तन में पानी में जरूरत के मुताबिक शहद या चीनी डालकर करेला डाल दें. इसके बाद करेले को तलकर खाने से उसका तीखापन शहद या चीनी की वजह से कम हो गया होगा. 3. सौंफ का करे यूज जब भी आप करेले की सब्जी बनाएं तो उसमें प्याज, सौंफ या मूंगफली का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में जरूर करें। ये सभी चीजें करेले के कड़वेपन को दूर करने में मदद करती हैं. 4. करेले को नारियल पानी से मैरीनेट करेंनारियल का पानी यानी कि रस का इस्तेमाल करके भी करेले का कड़वापन कम किया जा सकता है. नारियल पानी में करेला मैरीनेट करें और फिर इसे 15-20 मिनट के लिए उसी में छोड़ दें. इसके कुछ देर बाद उसे अच्छी तरह से धो लें और फिर इस्तेमाल करें. इससे करेले का तीखापन कम पता चलेगा. करेला खाने के फायदे - खून को प्यूरीफाई करता है करेलाकरेले को एक बेहतरीन ब्लड प्यूरीफायर के तौर पर माना जाता है. इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि खून को साफ करने में मदद करता है. साथ ही, इसमें एंटी ऑक्सीडेंट तत्व भी पाए जाते हैं कि जो कि हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. -  डायबिटीज के लिए रामबाणकरेले में मौजूद केरेंटीन  एलिमेंट शरीर की ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है. साथ ही, करेले में पोलीपेपटाइड (polypeptide) भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो कि इंसुलिन की तरह शरीर की बढ़ी हुई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है. ...

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Benefits of Curd: दही स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है और दही का सेवन भारत के लगभग हर घर में किया जाता है. भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में दही को मिट्टी के बर्तनों में जमाने की बहुत ही पुरानी परंपरा  है. मिट्टी के बर्तनों में जमा दही अपनी विशिष्ट गंध और स्वाद के लिए जाना जाता है. मिट्टी में मौजूद खनिज तत्व दही को एक स्वाद देता है. लेकिन अब यह परंपरा  धीरे -धीरे खत्म होती जा रही है. यह दही खानें में जीतना ज्यादा लजीज होता है उतना ही फायदेमंद भी, आइए जानते हें मिट्टी के बर्तनों में जमे दही के फायदे... - स्वादमिट्टी के बर्तनों में जमे दही का स्वाद अनूठा होता है, और इसमें मिट्टी की गंध का प्रभाव होता है, जिससे दही का स्वाद बहुत ही अच्छा होता है. मिट्टी हमेशा ठंडी रहती है जिससे दही काफी देर तक ठंडा और कसावट वाला बना रहता है. - एल्कलाइनमिट्टी में स्वाभाविक रूप से पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम जैसे एल्कलाइन तत्व पाए जाते हैं. जब दही को मिट्टी के बर्तन में जमाया जाता है, तो ये एल्कलाइन तत्व मिट्टी से दही में ट्रांसफर हो जाते हैं.ये एल्कलाइन तत्व शरीर के pH लेवल को बैलेंस करने में मदद करते हैं और कई तरह के रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं.  - मिनरलमिट्टी में आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं. जब हम दही को मिट्टी के बर्तनों में जमाते हैं, तो ये खनिज मिट्टी से दही में स्थानांतरित हो जाते हैं.इससे दही में आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं. - प्रोबायोटिकमिट्टी में कई प्रकार के प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पाए जाते हैं. जब हम दही को मिट्टी के बर्तन में जमाते हैं, तो ये प्रोबायोटिक्स मिट्टी से दही में स्थानांतरित हो जाते हैं.प्रोबायोटिक्स हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. दही को अपनी डाइट में शामिल करने के फायदे 1. ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है दहीदही में मौजूद मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम हाई ब्लड प्रेशर को कम करते है। दही हाइपरटेंशन को कम करती है और कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित करती है.हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए आपको दही का सेवन जरूर करना चाहिए. 2.इम्यूनिटी बढ़ाता है दहीदही के सेवन से इम्युनिटी को बढ़ाया जा सकता है.दही के अच्छे बैक्टीरिया गट हेल्थ के लिए काफी अच्छे है और संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को भीशरीर से दूर रखते है. 3.फाइनलाइन और रिंकल को भी कम करता हैएजिंग से साथ फाइनलाइन और रिंकल जैसी समस्या बहुत आम है. लेकिन कई लोगों में यह समस्या काफी पहले आनी शुरू हो जाती है. दही का इस्तेमाल स्किन की इलास्टिसिटी को बढ़ाता है. जिस वजह से स्किन की मांसपेशियां टाइट होती है, फाइनलाइन और रिंकल को कम करती है.  ...

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Dengue : डेंगू एक खतरनाक बीमारी है. डेंगू एक आम तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से होता है. अगर वही मच्छर एक इंसान से किसी दूसरे इंसान को काट ले तो दूसरा भी डेंगू की चपेट में आ सकता है. देशभर में इस वक्त डेंगू का कहर बढ़ता  रहा है. अस्पताल के बाहर डेंगू के मरीजों की लाइन लगी है. डॉक्टर भी डेंगू के मच्छर से सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं. दरअसल, डेंगू बुखार को आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है. बुखार आने पर मरीज की हड्डियों में तेज दर्द होता है. अगर सही समय पर इलाज न मिल पाए तो डेंगू खतरनाक हो सकता है. कैसे  फैलता है डेंगू?डेंगू को लेकर बहुत से लोगों के मन में कई सवाल होते हैं. ऐसे में डेंगू को लेकर कुछ भ्रांतिया भी हैं. कुछ लोगों को लगता है कि डेंगू छींकने और हाथ मिलाने से भी हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है. डेंगू सिर्फ एडीज नाम के मच्छर के काटने से ही फैलता है. ये मच्छर साफ पानी में ही पैदा होता है. डेंगू के मच्छर दिन के वक्त ही काटते हैं. डेंगू के मरीज के लिए सही डाइटडेंगू वायरस से पीड़ित व्यक्ति को अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए. लिक्विड डाइट लें और फलों के जूस का जरुर पीएं. मरीजों को अधिक तला, भुना या फिर जंक फ़ूड नहीं खाना चाहिए. ऐसी डाइट लें जिसमें सभी प्रकार के प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स हों. डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां 1. अपने घर के सभी खिड़की- दरवाजे बंद रखे जिससे मच्छर घर में न घुस पाएं.2. किसी भी बर्तन में पानी को ज्यादा समय तक न रखें, नहीं मच्छर पनपने लगते  हैं, पानी को नियमित रुप से बदल कर रखें3. बारिश के मौसम में पूरी बांहों के कपड़े पहनें.5. मच्छरदानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं

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Drinking Water: अक्सर लोग कहते हैं कि कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए. शायद ये सलाह आपको भी किसी ने दी होगी या फिर हो सकता है कि आप भी किसी को ये सलाह देते होंगे. इसके लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है. कई लोगों का माना है कि यह एक मिथक है . लेकिन आयुर्वेद में यह माना जाता है कि खड़े होकर पानी पीने से पाचन प्रक्रिया पर असर कर पड़ता है. यही नहीं योग प्रथाओं में भी यह मान्यता है कि खड़े होकर पानी पीने की प्रक्रिया से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. खड़े होकर पानी पीने से पेट में गैस बनती है, पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और शरीर में पानी का असंतुलन होता है.खड़े होकर पानी पीने से पेट में गैस बनती है, पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और शरीर में पानी का असंतुलन होता है इसलिए सलाह दी जाती है कि बैठकर धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए. आइए जानते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से और क्या होता है. - किडनी पर दबाव पड़ना एक्सपर्ट्स का कहना है कि खड़े होकर पानी पीने से किडनी पर दबाव पड़ता है जिससे किडनी की बीमारी बढ़ सकती है. इसलिए किडनी रोगी को आराम से बैठकर पानी पीना चाहिए. - जोड़ों की बीमारीएक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी को घुटने, कूल्हे या कमर में दर्द या जोड़ों की सूजन की समस्या है तो उन्हें खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए.खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे दर्द और जोड़ों का नुकसान बढ़ सकता है. इसलिए जोड़ों की बीमारी वाले लोगों को बैठकर आराम से पानी पीना चाहिए. बैठकर पानी पीने से जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा और जोड़ों को आराम मिलेगा.  - फेफड़ों को नुकसान करता हैखड़े होकर पानी पीने से फेफड़ों पर दबाव पड़ता है जिससे फेफड़े पूरी तरह से खुल नहीं पाते है. इससे श्वसन क्रिया प्रभावित होती है.  पेट में जमा पानी, फेफड़ों के निचले हिस्से पर दबाव डालता है जिससे फेफड़े सिकुड़ जाते हैं. - जोड़ों की बीमारीएक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी को घुटने, कूल्हे या कमर में दर्द या जोड़ों की सूजन की समस्या है तो उन्हें खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए.खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे दर्द और जोड़ों का नुकसान बढ़ सकता है. इसलिए जोड़ों की बीमारी वाले लोगों को बैठकर आराम से पानी पीना चाहिए. बैठकर पानी पीने से जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा और जोड़ों को आराम मिलेगा.  - पाचन पर प्रभाव  खड़े होकर पानी पीने से पेट में हवा भी जमा हो जाती है जो पाचन तंत्र के लिए हानिकारक होता है. यह एसिडिटी और कब्ज की समस्या पैदा करता है.    ...

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Onion Oil Benefits: सभी की इच्छा होती है कि उनके बाल स्वस्थ, मजबूत और खूबसूरत दिखें. चमकीले और काले बाल हर किसी को आकर्षित करते हैं. लेकिन प्रदूषण, खराब आहार और तनाव जैसे कारणों से हमारे बाल कमजोर और बेजान हो जाते हैं. ऐसे में प्याज के तेल को बालों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. प्याज में सल्फर, विटामिन-सी, फोलेट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. प्याज का तेल न सिर्फ आपके बालों की ग्रोथ को बड़ाता है बल्कि उन्हें गिरने से भी बचाता है. अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान है तो प्याज के तेल का इस्तेमाल कर सकते है.चलिए हम आपको बताते हैं कि आप भी घर पर आसानी से प्याज के तेल का उपयोग कैसे कर सकते हैं और अपने बालों को स्वस्थ और खूबसूरत कैसे बना सकते हैं.  प्याज के तेल कैसे तैयार करेंप्याज के तेल को बनाने के लिए, प्याज को बारीक चॉप करें और उसके साथ तेल (जैसे कि नारियल तेल या जैतून तेल) को एक कढ़ाई में मिलाएं. इसके बाद, इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकाएं, जब तक प्याज सुनहरा नहीं हो जाता.जब प्याज सुनहरा हो जाए, तो उसे ठंडा होने दें. इसके बाद, तेल को छलनी के माध्यम से अलग करें ताकि सिर्फ तेल बचे. इसके बाद तेल को बालों में लगाकर अपनी उंगलियों की मदद से धीरे-धीरे मालिश करें. यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा सकता है और बालों को मजबूती देने में मदद कर सकता है. बालों को सफेद होने से रोकेप्याज के तेल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं.जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोकते हैं. वहीं प्याज के एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों को जल्दी सफेद होने से भी बचा सकते हैं. डैंड्रफ से छुटकाराप्याज का तेल डैंड्रफ के लिए काफी फायदेमंद होता है. यह आपके स्कैल्प को साफ करता है. जिससे डैंड्रफ की समस्या कम होती है. रूखे बालों को नमी देता हैप्याज का तेल रूखे बालों को नमी देता है. ये बालों को स्ट्रांग और मुलायम बनाने में मदद करता है. इसके इस्तेमाल से आपके बालों की चमक बढ़ सकती है. स्कैल्प के ऑयली होने पर इसका कम इस्तेमाल करें. बालों को बढ़ाता हैप्याज के तेल में सल्फर मौजूद होता है जो बालों का विकास करता है. इसके अलावा जिन लोगों के बाल पतले हैं वे प्याज के तेल के उपयोग से पतले बालों को घना कर सकते हैं.  

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Raisins Benefits: ड्राईफ्रूट्स (Dry Fruits) का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. सभी ड्राईफ्रूट्स को सुपरफूड्स की श्रेणी में रखा गया है . ड्राईफ्रूट्स  शरीर में एनर्जी को बूस्ट करने में मदद करते हैं और इम्युनिटी को मजबूत करते हैं.अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर डाइटिशियन तक ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर खाने की सलाह देते हैं. किशमिश (Raisin) एक ऐसा ड्राईफ्रूट है जिसकी तासीर काफी गर्म होती है.आज हम आपको बताएंगे कि भिगोए हुए किसमिस खाने के क्या फायदे हैं. किसमिश में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर और आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं. कई हेल्थ एक्सपर्ट और डाइटिशियन के मुताबिक खाली पेट भिगोए हुए किसमिश खाने से शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए उन्हीं फायदो के बारे में बात करेंगे.  किसमिश खाने से शरीर को कई तरह से फायदा मिलता है: हड्डियों को मिलती है कैल्शियमकिसमिश में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है. अगर आप रोजाना एक महीने तक किसमिश भिगोकर खाएंगे तो इससे हड्डी को भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलेगा. हड्डियां मजबूत होती है. साथ ही साथ हड्डियों का दर्द भी कम होता है.  ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता हैअधिकतर लोगों का  ब्लड प्रेशर हाई रहता है. इन लोगों को सुबह के वक्त भिगी किशमिश का सेवन करना चाहिए. क्योंकि भिगी हुई किशमिश में पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है. जो कि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने काफी मदद करती है. खून की कमी को पूरा करना  किशमिश का खाली पेट सेवन करने से शरीर में खून की कमी पूरी होती है. अगर आप लोगों को हिमोग्लोबिन की कमी रहती है तो उन्हें सुबह उठकर किशमिश का सेवन करना चाहिए. इम्युनिटी बढ़ाती हैकिसमिश में कई तरह के मिनरल्स, विटामिंस और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं. जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है. अगर आप रोजाना भीगी हुई किसमिश खाएंगे तो आप कई तरह की बीमारियों से दूर रहेंगे. पाचन दुरुस्त होता है किशमिश में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसके सेवन से पाचन दुरुस्त रहता है. अगर सुबह के वक्त किशमिश का सेवन भिगोकर किया जाए तो पेट साफ रहता है और पेट से कब्ज से निजात मिलती है....

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Benefits of Kiwi: डेंगू बुखार को ब्रेकडाउन फीवर के रूप में भी जाना जाता है. डेंगू मादा 'एडीज' मच्छर के काटने से फैलता है. यह एक वायरल इंफेक्शन है. डेंगू में व्यक्ति को तेज बुखार के साथ-साथ स्किन पर लाल चकत्ते, जोड़ों और शरीर में दर्द भी होता है. डेंगू का फिलहाल अब तक कोई इलाज नहीं है लेकिन इनके लक्षणों को देखते हुए डॉक्टर दवा और डाइट में ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी खाने की सलाह देते हैं. डेंगू न केवल शरीर को कमजोर करता है बल्कि प्लेटलेट्स को भी कम कर देता है. इसका फिवर इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि यह आपको 6-7 दिनों में काफी ज्यादा कमजोर कर देता है. यदि आपको डेंगू का बुखार हो जाए तो ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक खाना खाएं ताकि कम से कम समय में जल्दी रिकवर हो जाए. डेंगू होने के बाद ढेर सारी फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए. डेंगू संक्रमित व्यक्ति लिए कीवी किसी चमत्कार से कम नहीं है. इसमें हाई विटामिन सी और भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. यह खाने में थोड़ा खट्टा होता है लेकिन पाचन के लिए अच्छा होता है . साथ ही ये काफी तेजी से प्लेटलेट्स को बढ़ाता है और इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाता  है.  डेंगू में कीवी खाने के 5 फायदे - इम्युनिटी को रखना है तो एकदम मजबूतकीवी एक ऐसा फल है जो हाई विटामिन सी से भरपूर है साथ ही यह इम्युनिटी के लिए काफी अच्छा है और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में भी मदद करता है. कीवी में हाई  एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. - पाचन के लिए  बेस्ट है कीवीकीवी में हाई लेवल का फाइबर होता है जो कब्ज और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्याओं से राहत दिलाता है. साथ ही पेट में होने वाली असुविधा से भी निजात दिलाता है.  - दिल के लिए अच्छा है कीवीकीवी दिल के लिए काफी अच्छा होता है. कीवी में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करता है. - फेफड़ों को हेल्दी रखना है तो कीवी खाएंइम्युनिटी विक होने के कारण कई डेंगू के मरीज को अस्थमा की बीमारी घेर लेती है. ऐसे में कीवी खाएंगे तो यह आपके फेफड़ों को हेल्दी रखने का काम करेगी. और ठीक से फंक्शन करने में मदद भी करेगी.  - आखों के रोशनी के लिए फायदेमंद कीवी में एंटीऑक्सीडेंट होता है. जो कैरोटीनॉयड और आयरन को बढ़ाता है. जिसकी वजह से आंख काफी ज्यादा हेल्दी रहते हैं. और रोशनी भी बढ़ती है.   ...

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White hair home remedies:  हमारे चेहरे की खूबसूरती में हमारे बाल बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं. घने, लंबे और काले बालों की चाहत हर किसी को होती है. हालांकि ,वर्तमान समय में सफेद बालों की समस्या काफी बड़ गई है. पहले सफेद बाल सिर्फ बुजुर्गों में ही देखने को मिलते थे, लेकिन अब यह समस्या युवाओं में भी नजर आने लगी है. बालों का सफेद होना कई कारणों से हो सकता है जैसे उम्र, खराब जीवनशैली, खान-पान की गलत आदतें, आनुवंशिकता या कोई चिकित्सीय स्थिति. कई बार केमिकल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से भी बाल सफेद होने लगते हैं. अगर आपके बाल भी सफेद होने लगे हैं तो आप महंगे और केमिकल प्रोडक्ट्स की जगह कुछ घरेलू और प्राकृतिक उपाय आजमा सकते हैं. आंवला, रीठा, शिकाकाई के फायदे - बालों का झड़ना रोकता है- यह बालों के विकास में सहायक है- बालों की नमी को बरकरार रखता है- डैंड्रफ की समस्या दूर हो जाती है- बालों को मजबूती देता है सफ़ेद बालों से छुटकारा पायेंआंवला, रीठा, शिकाकाई का प्रयोग इस प्रकार करें: सफेद बालों को काला करने के लिए आंवला, रीठा, शिकाकाई को मिलाकर हेयर मास्क तैयार किया जा सकता है. बस इन बिंदओं का पालन करें. - आंवला, रीठा, शिकाकाई के 5-6 टुकड़े लें और उन्हें रात भर पानी में भिगोकर रखें- इस मिश्रण को गैस में अच्छे से उबाल लें और फिर इसे गैस से उतारकर ठंडा होने के लिए रख दें.- ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को अच्छे से मिला लीजिए.- अब इस हेयर मास्क को अपने बालों पर लगाएं और 3-4 घंटे के लिए छोड़ दें। अपने बालों को सादे पानी से धो लें.- आप चाहें तो इस मिश्रण को शैंपू की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं. नोट- लीविंग इंडिया न्यूज़ इस लेख का समर्थन नहीं करता है. यह लेख केवल सामान्य स्रोतों से जुटाई गई जानकारी है. ...

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Beer Bottle Expiry Date: बीयर या शराब पीने पहले लोग कई बातों का दयान नहीं रखते हैं. किसी भी पार्टी के लिए वाइन शॉप पर जाते हैं और बीयर की पेटी उठा लेते हैं. इसके बाद तुरंत घर पर आकर इसे पीने लगते हैं, लेकिन ऐसा करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. ये बीयर आपकी मौत का कारण बन सकता है. अगर आपने बीयर पर लिखी एक चीज को ठीक से नहीं देखा तो ये छोटी सी भूल आपको महंगी पड़ सकती है.  पुरानी बीयर हो सकती है खतरनाकदरअसल कई लोग बीयर पर बिना एक्सपायरी डेट देखे ही इसे पी लेते हैं. कई लोगों को इस बात की जानकारी तक नहीं होती है कि बीयर की बोतल पर भी एक्सपायरी डेट होती है. कुछ जगहों पर विक्रेता अपना स्टॉक खत्म करने के लिए पुरानी बीयर बेचते हैं, जिसे पीना आपकी सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है.एक्सपायरी डेट वाली बीयर से बेचने के लिए शराब विक्रेता कई आकर्षक ऑफर भी देते हैं. इसीलिए अगर आपको कम पैसों में या फिर एक के साथ एक फ्री बीयर मिल रही है तो इसकी एक्सपायरी डेट जरूर देखें, अगर बीयर एक्सपायर हो चुकी है तो उसे बिल्कुल न लें और इसकी शिकायत भी करें.  क्यों खराब हो जाती है बीयरदरअसल बीयर में अल्कोहल की मात्रा 4 से 8 प्रतिशत तक होती है. बाकी हिस्से में जौ और अन्य तरह का पानी होता है. ऐसे में शराब के मुकाबले ये जल्दी एक्सपायर हो जाती है. आमतौर पर बीयर 6 महीने में एक्सपायर हो जाती है. इसीलिए इसे 6 महीने के भीतर ही पी लेना चाहिए. अगर आपने बीयर खोल दी है तो उसे तुरंत पी लें, क्योंकि कुछ ही घंटों के बाद इसका टेस्ट बिगड़ जाएगा. साथ ही खुली बीयर में बैक्टीरिया आदि का खतरा भी हो सकता है. इसीलिए आगे जब भी पार्टी करें तो इन बातों का जरूर खयाल रखें   बियर पीने के फायदे 1. रक्त शर्करा के स्तर में सुधार हो सकता है2.  भरपूर मात्रा में बी विटामिन3. मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है4. खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक    बियर पीने के नुकसान 1. शरीर में जमा होने लगता है फैट2. किडनी खराब कर सकती है बीयर3. शरीर में पोषक तत्वों की कमी कर सकती है बीयर4. अनिद्रा का शिकार बना सकती है बीयर...

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Glowing Skin Face Pack: दालचीनी न सिर्फ खाने में स्वाद बढ़ाती है बल्कि स्किन केयर के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है. दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं. जहां चाय में दालचीनी का उपयोग करके हम अपने थकान दूर कर सकती है. वहीं, दालचीनी से चेहरे की थकन और उदासी दूर कर पर चमक पैदा कर सकती है. सिर्फ 2 चम्मच दालचीनी पाउडर को थोड़े से नींबू के रस के साथ मिलाकर फेस पैक बनाकर लगाने से त्वचा में खूबसूरती आती है. इसका नियमित प्रयोग डलनेस, सूजन और मुहांसों से छुटकारा दिलाता है. अगर आप चमकदार और सुंदर चेहरा चाहते हैं तो तो दालचीनी का प्रयोग कर सकते हैं.  कैसे करें दालचीनी का प्रयोग  - दालचीनी और शहद पैक: दालचीनी पाउडर और शहद को मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें और इसे अपने चेहरे पर लगाएं. 15-20 मिनट के बाद धो दें. यह पैक त्वचा को निखार और चमकदार बनाता है.- दालचीनी का फेस स्क्रब: दालचीनी पाउडर को थोड़ी सी दही के साथ मिलाकर एक स्क्रब बना लें. इसे त्वचा पर गोलाई से मसाज करें और फिर धो लें. यह - त्वचा की खोलने में मदद करता है और चमकदार बनाता है.दालचीनी और आयल मास्क: दालचीनी पाउडर को थोड़े से तेल के साथ मिलाकर फेस पर लगाएं. इसे अच्छी तरह से मसाज करें और फिर धो लें. यह त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाता है दालचीनी स्किन के लिए फायदेमंद जानें कैसे - गंदगी और धूल-मिट्टी को हटाने के लिए: दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो त्वचा की गंदगी, धूल, और मिट्टी को हटाने में मदद करता है.  - चमकदार त्वचा के लिए: दालचीनी में त्वचा की रोशनी को बढ़ाने और त्वचा को चमकदार बनाने वाले गुण होते हैं. - झाइयों के खिलाफ: दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा के झाइयों और दाग-धब्बों को कम कर सकते हैं. - एंटीएजिंग गुण: दालचीनी में एंटीएजिंग गुण होते हैं जो त्वचा की उम्र के निशानों को कम करने में मदद करता हैहैं और त्वचा को मुलायम बना सकते हैं. - एक्जिमा और चर्म रोगों के इलाज में: दालचीनी में त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने में मदद करने वाले गुण होते हैं, जिस...

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Banana For Diabetes: डायबिटीज होने पर खानपान का खास ख्याल रखना पड़ता है. जरा सी भी लापरवाही बरतने से शुगर लेवल हाई हो सकता है. अक्सर डायबिटीज रोगियों को समझ नहीं आता कि उन्हें फल और सब्जियों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. जिन में से केला एक ऐसा फल है जिसे डायबिटीज के मरीजों को खाने के बारे में काफी सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए. केले में पोटेशियम, विटामिन C और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.  लेकिन केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. केले में प्रोटीन और फाइबर बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, इसे कभी-कभी खाने में कोई हर्ज नहीं है. इसके अलावा एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, केले का प्रयोग डायबिटीज के इलाज के लिए पारंपरिक दवा के रूप में भी किया जा सकता है.  जानें केले के अन्य फायदे  - केले में पोषक तत्वकेले में फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन सी, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, एनर्जी, फ्रुक्टोज शुगर भरपूर मात्रा में होते हैं. ये सभी डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी होता हैं, यदि स्नैक्स के तौर पर लिए जाएं तो, खाने के साथ केला नुकसानदायक हो सकता है. - डेंटल हेल्थकेला का सेवन आपके दांतों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से उपस्थित फाइबर और कैल्शियम दांतों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं.  - मानसिक स्वास्थ्यकेला में ट्राइप्टोफान, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है, पाया जाता है. यह आपके मूड को बेहतर बना सकता है और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है.  - डायबिटीज में खाएं कच्चा केलाकच्चा केला भी डायबिटीज के मरीज किसी भी फॉर्म में खा सकते हैं. यह नुकसानदायक नहीं होता है. सब्जी, भरता बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है. - स्किन केयरकेले का मास्क बनाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं....

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Benefits of Anjeer: अंजीर जो मीडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया का एक मीठा और रसभरा स्वादिष्ट फल है.यह एक प्रकार का फल है जिसे आप ताजा, सुखाकर या पकाकर भी खा  सकते हैं. यह फल पोषण से भरपूर है इसका इस्तेमाल आप तरह-तरह की रेसिपी बनाने में भी कर सकते हो . इसमें पाए जाने वाले मलाईदार गुद्दे चबाने में काफी अच्छा होता है.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंजीर काफी मीठा होता है. इसे आप ताजा या सूखा  भी खा सकते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर और चीनी होता है जो आपके वजन को कंट्रोल में रखती  है. अंजीर के गजब  फायदे:  पाचन और दिल की बीमारी सभी के लिए है फायदेमंद अंजीर सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसके खाने के कई फायदे हैं. बिजली, ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल करना, वजन कंट्रोल में रखना और बहुत कुछ. इसकी पोषण संबंधी समृद्धि को एंटीऑक्सिडेंट, पोषण संबंधी फाइबर, पोषक तत्वों और आयरन के बीच बैलेंस बनाने के लिए यह फल सबसे अच्छा है. यह पूरे शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है. आप वजन घटाने के लिए अंजीर को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो इसकी हर्बल मिठास और इसमें पाए जाने वाले गुण आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है. यह प्रकृति की तरफ से दिया गया सबसे शानदार फल है. - पाचन को आसान बनाता है अंजीर में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. जो आपके कॉन्सटीपेशन को ठीक करने के लिए काफी अच्छा है. साथ ही साथ यह कब्ज को ठीक करने के साथ आंत के लिए बहुत अच्छा होता है.  - एंटीऑक्सीडेंट से भरपूरअंजीर एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने और शरीर में हा...

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Blueberry Lemon Sorbet recipe: कुछ मीठा और स्वादिष्ट खाने का मन करे  तो यह स्वीट डिश आपको बहुत अच्छा लगेगा. इसे आप आसानी से घर पर बना सकते हैं.यह शरबत  रेसिपी बिल्कुल लाजवाब है और सभी को इसका आनंद आएगा. नींबू के रस, ब्लूबेरी, और शहद  से बनी यह आकर्षक मिठाई रेसिपी भोजन के अंत में आपकी पसंदीदा मिठाई बनेगी . नींबू और बेरी के स्वाद का मिश्रण इस व्यंजन को बहुत अनोखा और पसंदीदा बनाता है. इस फ्रोज़न मिठाई को किटी पार्टियों और गेट-टुगेदर में परोसा जा सकता है, और आपके मेहमान इसकी अधिक मांग करेंगे. इस स्वादिष्ट मिठाई की रेसिपी को ताजे फलों के कटोरे के साथ परोसें और स्वादिष्ट स्वादों की दुनिया में शामिल हों. शरबत रेसिपी बनाने की रेसिपी - इस स्वादिष्ट शरबत रेसिपी को तैयार करने के लिए एक मिक्सर ब्लेंडर लें और उसमें ब्लूबेरी, नींबू का छिलका, नींबू का रस, नमक, शहद और पानी मिलाएं. - सभी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर बारीक प्यूरी बना लें. - मिश्रण को एक कंटेनर में डालें और लगभग एक घंटे के लिए फ्रीजर में जमा दें या जब तक मिश्रण सख्त न हो जाए. - शरबत को बाहर निकालें और इसे कमरे के तापमान में कम से कम 10 मिनट तक रखें और परोसें. पुदीने की पत्तियों से सजाएं और आनंद लें.  ...

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Twin Pregnancy Symptoms: प्रेग्नेंसी एक  महिला के लिए सबसे खुशी वाला पल होता है. प्रेगनेंसी शुरू होते ही महिला के शरीर में हार्मोन बनने और शारीरिक बदलाव आने लगते हैं. ये बदलाव गर्भावस्‍था के शुरुआती संकेत हो सकते हैं. कई बार महिला प्रेग्नेंट होती है लेकिन उसे बिल्कुल भी पता नहीं चल पाता कि वह जुड़वा बच्चों की मां बनने वाली है. ऐसी महिलाएं एक बच्चा समझकर उसी हिसाब से खानपान पर फोकस करती हैं. जिसका सीधा असर डिलीवरी के दौरान पड़ता है. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जिससे आप आसानी से समझ पाएंगे कि कहीं आप भी तो जुड़वा बच्चों की मां नहीं बनने वाली हैं. - मॉर्निग सिकनेसप्रेगनेंसी में एचसीजी हार्मोन के बढ़ने की वजह से मॉर्निंग सिकनेस होती ही है लेकिन एक से ज्‍यादा बच्‍चे होने पर मतली और उल्‍टी अधिक हो सकती है.अत्‍यधिक मॉर्निंग सिकनेस को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहा जाता है. इसमें महिला को उल्‍टी और मतली इतनी ज्‍यादा होती है कि उसे नस के जरिए फलूइड देना पड़ सकता है. प्रेगनेंसी के 14वें हफ्ते के बाद भी मतली और उल्‍टी महसूस होना जुड़वां बच्‍चे होने का संकेत हो सकता है. - मां का वजनअगर पेट में जुड़वा बच्चे हैं तो उस महिला का वजन नॉर्मल से ज्यादा होता है. एक औसत नॉर्मल वजन 25 पाउंड होता है. जबकि जुड़वा बच्चों के पेट में होने पर यह 30 से 35 पाउंड तक हो जाता है. दो बच्चे, ज्यादा एमनियोटिक द्रव और दो प्लासंटा की वजह से वजन बढ़ सकता है. - बच्चों की दिल की धड़कनप्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की दिल की धड़कन सुनना सबसे खुशनुमा और प्यारा अनुभव होता है. डिलीवरी से पहले आप डॉपलर मैथैड से बच्चों के दिल की धड़कन सुन सकती हैं. प्रेग्नेंसी के 9वें सप्ताह से दोनों बच्चों की धड़कने अलग-अलग सुन सकती हैं.हालांकि, यह थोड़ा मुश्किल है. - बेबी बंपजाहिर सी बात है कि गर्भ में एक के मुकाबले दो बच्‍चे होने पर बेबी बंप बड़ा होगा.अगर आपका बेबी बंप बड़ा लग रहा है तो हो सकता है कि आपके जुड़वां बच्‍चे हों. वैसे हर महिला का बेबी बंप उनके कद, वजन, आहार और बॉडी टाइप पर निर्भर करता है. - अधिक भूख लगन...