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Gangster Sukha Duneke Death News: कनाडा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि विन्निपेग में गैंगस्टर सुक्खा डुनेके की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस मामले ने सभी को हैरान कर दिया है. आपको बता दें कि गैंगस्टर सुक्खा दुनेके की मौत की खबर तब सामने आई है जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निझार की मौत को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. गौरतलब है कि गैंगस्टर सुक्खा दुनेके को एनआईए द्वारा जारी मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल किया गया था. यह भी बताया जा रहा है कि उस पर 18 से ज्यादा मामले दर्ज थे. यह भी बताया गया है कि गैंगस्टर 2017 में फर्जी पासपोर्ट बनवाकर पंजाब से कनाडा भाग गया था और ए श्रेणी का गैंगस्टर था. आपको बता दें कि खालिस्तानी हरदीप सिंह निझर के बाद कनाडा में यह दूसरी बड़ी घटना है. कौन था गैंगस्टर सुक्खा दुनेके?गौरतलब है कि श्रेणी 'ए' गैंगस्टर सुक्खा दुन्नेके अपराध की दुनिया में कदम रखने से पहले मोगा डीसी कार्यालय में काम करता था और पुलिस की मदद से उसने जाली दस्तावेजों पर पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त किया और 2017 में कनाडा भाग गया था। उस समय उनके खिलाफ 7 आपराधिक मामले लंबित थे और सभी मामले स्थानीय गिरोहों की गतिविधियों से संबंधित थे. सुक्खा दुन्नेके ने फरीदकोट जेल में भी लंबा समय बिताया और जमानत पर रिहा होने के बाद कनाडा भाग गए. दुनेके का नाम नंगल अंबिया हत्याकांड में भी आया था.मिली जानकारी के मुताबिक उस पर हथियार और शूटर मुहैया कराने का आरोप लगा है. यह भी कहा जाता है कि सुख दुनेके बंबीहा गैंग से जुड़ा हुआ था. कनाडा जाने के बाद, डुनेके ने भारत में अपने नेटवर्क का विस्तार करना शुरू कर दिया, जहां वह आतंकवादी अर्श दल्ला के करीब आया और राज्य में हथियारों की तस्करी शुरू कर दी. कनाडा भागने के बाद उसके खिलाफ हत्या के चार मामलों सहित 11 अन्य मामले दर्ज किए गए.इसके साथ ही उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर 18 हो गई.  

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India-Canada Relations: भारत और कनाडा के बीच चल रहे  उतार-चढ़ाव से हम सब वाकिफ है. इस बीच 18-19 सितंबर की दरम्यानी रात कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर आरोप लगा दिया कि उसने कनाडा की ज़मीन पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाई है.ट्रूडो के आरोपों पर कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलेवर ने कहा है कि उन्हें सभी तथ्यों के साथ सफाई देनी चाहिए. मीडिया को संबोधित करते हुए, पॉइलेवर ने कहा, "हमें सभी संभावित सबूत जानने की जरूरत है ताकि कनाडाई इस पर निर्णय ले सकें." पॉइलेवर की यह टिप्पणी तब आई जब मीडिया ने उनसे पूछा कि कनाडा द्वारा एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने के बाद और क्या किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने कोई तथ्य नहीं दिया है.उन्होंने एक बयान दिया है और मैं केवल इस बात पर जोर दूंगा कि उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से इससे ज्यादा कुछ नहीं बताया है. इसलिए हम और जानकारी देखना चाहते हैं." उन्होंने यह भी कहा कि अगर अधिक जानकारी नहीं दी गई तो आरोप झूठे या अविश्वसनीय लग सकते हैं. पॉइलिवर ने कहा, "हमारे पास ऐसे सबूत होने चाहिए जो प्रधानमंत्री को उस निष्कर्ष पर पहुंचने की अनुमति दें जो उन्होंने कल निकाला था" पॉइलेवर ने आगे कहा, "इस पर निर्णय लेने के लिए मुझे और सबूत देखने होंगे. मुझे यह दिलचस्प लगता है कि जब बीजिंग ने दो कनाडाई नागरिकों को बंधक बना लिया और उन्होंने (जस्टिन ट्रूडो) कुछ नहीं कहा और उन्होंने कुछ नहीं किया. बहुत दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने उस मामले में भी वही दृष्टिकोण अपनाया" बता दें कि निज्जर भारत में वांछित था और 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारा साहिब के बाहर पार्किंग क्षेत्र में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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India vs Canada on Hardeep Singh Nijjar murder: कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिक पवन कुमार रॉय को निष्कासित करने के बाद भारत सरकार ने भी बड़ी कार्रवाई की और इसके तहत कनाडाई राजनयिक ओलिवर सिल्वेस्ट्रे को हटा दिया गया है और उन्हें 5 दिनों के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया गया और भारत स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया. संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है. यह निर्णय भारत सरकार के आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है. कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत पर लगाया बड़ा आरोपकनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में संसद में कहा था कि कनाडा में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या में भारत सरकार शामिल हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में कनाडा की ओर से जांच की जा रही है. कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया हैकनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कहा कि कनाडा में भारतीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख को निष्कासित कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि, अगर यह सच साबित हुआ, तो यह हमारे सबसे बुनियादी नियम का उल्लंघन होगा कि देश एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दियाभारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कनाडाई सरकार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का बयान खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों की ओर से ध्यान हटाने की एक कोशिश मात्र है. कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों को आश्रय दिया जा रहा है.

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India vs Canada News: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में संसद में एक बयान दिया, जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि कनाडा में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या में भारत सरकार शामिल हो सकती है और कनाडा फिलहाल इस मामले की जांच कर रहा है. इस बीच, भारतीय राजनयिक पवन कुमार रॉय को भी कनाडा ने निष्कासित कर दिया और कहा कि आगे की जांच जारी है. ऐसे में भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ''कनाडा के आरोप बेतुके हैं''भारत ने कहा, "हमने कनाडा के प्रधानमंत्री और उनके विदेश मंत्री के बयान को उनकी संसद में देखा और खारिज कर दिया है. कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप निराधार और निराधार हैं।" इसी तरह के आरोप प्रेरित हैं. कनाडा के प्रधान मंत्री द्वारा हमारे प्रधान मंत्री के खिलाफ बयान दिए गए थे, जिन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था." उन्होंने कहा कि "हम कानून के शासन के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता के साथ एक लोकतांत्रिक राजनीति हैं.इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में शरण मिली हुई है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं." इस मामले में कनाडाई सरकार की उदासीनता लंबे समय से और निरंतर चिंता का विषय रही है." बयान में कहा गया है कि "कनाडाई राजनीतिक हस्तियों का ऐसे तत्वों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करना गहरी चिंता का विषय बना हुआ है. कनाडा में हत्या, मानव तस्करी और संगठित अपराध सहित कई अवैध गतिविधियों को जगह देना कोई नई बात नहीं है." भारत सरकार इसके साथ है.” बयान में निष्कर्ष निकाला गया, "हम कनाडा सरकार से अपनी धरती से सक्रिय सभी भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ तत्काल और प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं."  

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London Money Laundering Case: अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी में शामिल 11 भारतीयों समेत 16 दोषियों को लंदन में सजा सुनाई गई है.11 भारतीयों में 2 महिलाएं भी शामिल हैं. दरअसल, इंग्लैंड की नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) की जांच में पता चला है कि 2017 से 2019 के बीच दुबई और यूएई की कई यात्राओं के जरिए ब्रिटेन से करीब 70 मिलियन पाउंड (720 करोड़ रुपये) की तस्करी की थी. आपको बता दें कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी किसी न किसी रूप में भारतीय बताए जा रहे हैं. इनमें से कुछ ने थोड़े  समय पहले भारत छोड़ दिया और कुछ ने छोटे देशों में जाकर शरण ली. कूरियर से वसूले गए डेढ़ लाख पाउंडएनसीए अधिकारियों का मानना ​​है कि यह पैसा नशीली दवाओं की बिक्री और यातना और संगठित आव्रजन अपराध से उत्पन्न हुआ था. एजेंसी ने एक ब्रिटिश कूरियर से करीब डेढ़ लाख पाउंड जब्त किए थे. जांच के बाद इन आरोपियों की पहचान सामने आ गई. एनसीए अधिकारियों ने 2019 में टायर ले जाने वाली एक वैन के पीछे पांच बच्चों और एक गर्भवती महिला सहित 17 प्रवासियों को ब्रिटेन में तस्करी करने की ओसीजी सदस्यों द्वारा एक साजिश का भी खुलासा किया. वैन को हुक ऑफ हॉलैंड में नौका पर पहुंचने से पहले, एनसीए के साथ काम कर रही डच पुलिस ने रोक दिया था. कई हफ्तों की रेकी के बाद गिरफ्तारी हुईअधिकारियों ने हफ्तों की निगरानी, ​​संचार और उड़ान डेटा विश्लेषण के बाद नवंबर 2019 में गिरफ्तारियां कीं. पश्चिमी लंदन के हाउंस्लो से गिरोह के सरगना चरण सिंह  को सुबह की छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। जांचकर्ता यह साबित करने में सफल रहे कि सिंह पहले संयुक्त अरब अमीरात का निवासी था.आरोपी अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को दुबई जाने की व्यवस्था करता था. जिनसे वह पैसों का लेनदेन करता था. बैंक खाते के सत्यापन के दौरान पैसे के लेनदेन का खुलासामिली जानकारी के मुताबिक, जब एजेंसी ने आरोपी का अकाउंट चेक किया तो पता चला कि पैसे कहां गए और कब भेजे गए. इससे पता चला कि अकेले 2017 के दौरान सिंह और उसके कोरियर द्वारा दुबई की कम से कम 58 यात्राएं की गईं. इसके बाद और गिरफ्तारियां हुईं और जनवरी 2023 से शुरू होने वाले क्रॉयडन क्राउन कोर्ट में दो मुकदमों में 16 लोगों पर आरोप लगाए गए और उन पर मुकदमा चलाया गया. अप्रैल में समाप्त हुए पहले मुकदमे में सिंह सहित छह लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया गया था. क्रॉयडन क्राउन कोर्ट में सजा पर तीन दिवसीय सुनवाई शुक्रवार को समाप्त हो गई. जिसमें चरण सिंह को साढ़े 12 वर्ष की कैद हुई। उनके दाहिने हाथ वलजीत सिंह को 11 साल की सजा, भरोसेमंद लेफ्टिनेंट सवांदर सिंह ढल को मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 10 साल और लोगों की तस्करी के लिए अतिरिक्त पांच साल की सजा मिली. 90 से ज्यादा आरोपों के तहत हुई कार्रवाईएनसीए के वरिष्ठ जांच अधिकारी क्रिस हिल ने कहा- चरण सिंह ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लाखों पाउंड ब्रिटेन से बाहर लिए थे.एनसीए ने उनकी गतिविधियों की लंबी और जटिल जांच की। 2 साल की अवधि में हम मनी लॉन्ड्रिंग और संगठित आव्रजन अपराध में उनकी संलिप्तता का सबूत देने में सक्षम हुए. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई. नेक्सस जल्द ही बंद हो जाएगा. आरोपियों के खिलाफ 90 से ज्यादा आरोपों के तहत कार्रवाई की गई.

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Britain News: भारत में आए दिन  कुत्ते के काटने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसके बावजूद कोई हल नहीं निकाला जा सका है, कोर्ट से लेकर शासन प्रशासन तक इस समस्या का कोई समादन नहीं ढूंढ पाया है.देश के कई इलाकों में कुत्तों का आतंक इतना ज्यादा फैला हुआ है कि आए दिन कुत्ते बच्चों पर हमला कर उन्हें लहूलुहान कर देते हैं. लेकिन ब्रिटेन ने कुत्तों के बढ़ते आतंक के मद्देनजर बड़ा फैसला लिया है.अमेरिका की एक खास ब्रीड के कुत्तों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक खतरनाक नस्ल के कुत्ते पर प्रतिबंध लगा दिया है. हाल ही में देश में कुत्तों के हमलों की बढ़ रही घटनाओं के बाद अमेरिकन एक्सएल बुली नस्ल के कुत्तों पर बैन लगा दिया है. सुनक ने कहा कि अमेरिकन एक्सएल बुली डॉग्स हमारे समाज के लिए खतरा हैं, विशेष रूप से बच्चों के लिए.  खुद पीएम सुनक ने की पुष्टिइस दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक ने हाल  ही में देश में कुत्तों के हमलों की कुछ वीडियो भी शेयर की. उन्होंने ये वीडियो शेयर कर कहा कि बीते दिनों एक्सएल बुली कुत्ते से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं. यह कुत्तों में दिखाई देने वाला एक तरह का बिहेवियर है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ब्रिटेन के पीएम सुनक ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी सरकार इस तरह के हमलों को रोकने के तरीके ढूंढ निकालने पर काम कर रही है. सुनक ने कहा कि हाल ही में हुए हमलों के पीछे की नस्ल को कानूनी रूप से परिभाषित करने के लिए काम करने का आदेश दिया गया है ताकि इसे प्रतिबंधित किया जा सके. सुनक ने कहा कि हम लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करने की कोशिश कर रहे हैं. It’s clear the American XL Bully dog is a danger to our communities.I’ve ordered urgent work to define and ban this breed so we can end these violent attacks and keep people safe. pic.twitter.com/Qlxwme2UPQ — Rishi Sunak (@RishiSunak) September 15, 2023 एक्सएल बुली के बढ़ गए थे हमले बता दें कि इसी हफ्ते स्टैफर्डशार में एक्सएल बुली नस्ल के एक कुत्ते ने एक शख्स पर हमला कर दिया था जिससे उस शख्स की मौत हो गई थी. इससे पहले 11 साल की एक बच्ची पर भी कुत्ते ने हमला कर दिया था. अमेरिकन एक्सएल बुली डॉग्स भारी कदकाठी के लिए दुनियाभर में पहचाने जाते हैं. यह एक तरह से अमेरिकन पिटबुल टेरियर्स और अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर्स की क्रॉसब्रीड है....

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Libya News:  तूफान डेनियल के कारण आई इस भारी बाढ़ ने पूर्वी लीबिया के कई शहरों को तबाह कर दिया है. अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 10 हजार से ज्यादा लोग लापता हैं. सबसे ज्यादा नुकसान डर्ना शहर में हुआ है. अकेले यहां 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि कई लोग बाढ़ में बह गए हैं. भूमध्य सागर से आए तूफ़ान डेनियल ने लीबिया में जो तबाही मचाई है, उसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाए. लीबिया में भयानक बाढ़ ने हजारों लोगों की जान ले ली. अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 10 हजार से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. कब्रिस्तानों में लाशों के ढेर लगे हैं. पहली बात तो यह कि यह देश पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है, साथ ही इस तूफान ने देश में और ज्यादा तबाही मचाई है. बताया जा रहा है कि निकट भविष्य में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. डर्ना शहर का एक चौथाई हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में डेर्ना शहर में बाढ़ में गाड़ियां और इमारतें बहती दिख रही हैं. इस बाढ़ में पूरा मुहल्ला बह गया. बाढ़ ने तोड़ दिया तटबंध बता दें कि करीब एक लाख की आबादी वाले इस शहर का ज्यादातर इलाका बाढ़ से प्रभावित है.  

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International News: अमेरिका के सिएटल शहर में एक भारतीय छात्रा की पुलिस पैट्रोल कार से टक्कर लगने पर मौत हो गई. इसके बाद एक्सीडेंट की जांच के लिए आए पुलिस ऑफिसर ने उसकी मौत का मजाक उड़ाया. इस मामले की अभी जांच की जा रही है. घटना की जांच के लिए आए पुलिस ऑफिसर की कार का एक वीडियो और ऑडियो वायरल हो रहा है. इसमें वो कह रहा है कि भारतीय छात्रा की जिंदगी की लिमिटेड वैल्यू थी.एक चेक लिखने से काम बन जाएगा. बता दें की  सैन फ्रैंसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट ने इस घटना की निंदा करते हुए तुरंत जांच और कार्रवाई की मांग की है. बॉडीकैम में  बातें हुई रिकॉर्ड पुलिस ऑफिसर जब छात्रा की मौत का मजाक उड़ा रहा था तो उसका बॉडीकैम यानी उसके शरीर पर लगा कैमरा ऑन था. जिस वजह से सारी बातें रिकॉर्ड हो गईं. वो अपनी कार में बैठकर ये कहता सुनाई दे रहा है कि लड़की एक्सीडेंट के बाद 40 फीट तक नहीं उछली थी. पर वो मर चुकी है.इसके बाद पुलिस वाला ठहाके लगाकर हंसता है और फिर कहता है कि वो एक रेगुलर इंसान थी.11 हजार डॉलर का चेक लिखने से काम बन जाएगा. पुलिस ऑफिसर फिर हंसते हुए कहता है कि वो सिर्फ 26 साल की थी.  उसकी लिमिटेड वैल्यू थी.  8 महीने बाद हुआ खुलासाआपको बता दें कि जाह्नवी की मौत जनवरी के महीने में हुई थी. सिएटल पुलिस ने बताया कि उसकी मौत का मजाक उड़ाए जाने का खुलासा इस महीने हुआ जब उनके किसी कर्मचारी ने रूटीन चेक के लिए बॉडीकैम से रिकॉर्ड किए गए ऑडियो सुने.जाह्नवी पर किए कमेंट्स कर्मचारी को आपत्तिजनक लगे और उसने अपने सीनियर्स से इसकी शिकायत की. अब  मामले की जांच जारी  है. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने छात्रा को CPR भी दिया था. आंध्र प्रदेश की रहने वाली जाह्नवी कमडुला इस साल दिसंबर में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाली थीं. आरोपी पुलिस वाले ने रखा अपना पक्ष कहा - मेरे बातों को गलत संदर्भ में पेश किया गया है जाह्नवी की मौत का मजाक उड़ाने वाले पुलिस ऑफिसर का नाम डेनियल ऑडेरेर बताया जा रहा है. उसने खुद पर लगे आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है. उसने कहा है कि वो सिर्फ शहर के अटॉर्नी की नकल कर रहा था. जो ऐसे मामलों में सजा सुनाने के दौरान ढिलाई बरतते हैं. वहीं, कम्युनिटी पुलिस कमिशन ने इस मामले की आलोचना की और इसे दिल टूटने वाली घटना बताया....

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International News: भारत सरकार ने विदेश में बैठे देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले खालिस्तानी समर्थकों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा  इंग्लैंड में भारतीय दूतावास पर हमला करने वाले 19 खालिस्तानियों की पहचान कर ली गई  है.19 मार्च को इंग्लैंड में 45 खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावास पर हमला किया था. बता दें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास को टारगेट करने वाले 4 खालिस्तानी समर्थकों की भी पहचान की है. NIA ने इन सभी पहचान में आए खालिस्तानियों का इमिग्रेशन विभाग से लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करवाने की कवायद शुरू कर दी है.  कनाडा जाएगी NIA की टीमकनाडा में लगातार खालिस्तानियों की भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. यहां पर खालिस्तानी समर्थक बार-बार भारतीय दूतावास के अधिकारियों को आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए दोषी करार देते हुए उनके पोस्टर जारी कर रहे हैं.यहां तक कि बौखलाहट में भारतीय दूतावास पर हमला भी किया था. इन सभी खालिस्तानी गतिविधियों की जांच के लिए NIA की टीम अगले महीने कनाडा जाएगी. इससे पहले NIA की टीम इंग्लैंड और अमेरिका में भारतीय दूतावासों पर हुए हमलों की जांच के लिए गई थी.वहां पर हमला करने वाले खालिस्तान समर्थकों की पहचान के बाद अब कनाडा में हमला बोलने वाले खालिस्तान समर्थकों की पहचान करेगी. इनकी भी पहचान होने के बाद इमिग्रेशन विभाग से NIA लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करवाएगी.  NIA ने पहचान के लिए जारी की 5 वीडियोइंग्लैंड में भारतीय दूतावास पर हमले के बाद NIA ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत केस दर्ज किया था. इसके बाद NIA की टीम इंग्लैंड में जांच के लिए और सबूत जुटाने के लिए गई थी. वहां से लौटने के बाद NIA ने भारतीय दूतावास हमले की 5 वीडियो हमलावरों की पहचान के लिए जारी की थी.  ...

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Libya Floods News: उत्‍तरी अफ्रीका के  देश लीबिया को भारी तूफान और सैलाब ने तबाह- बरबाद कर दिया है. लीबिया इस वक्‍त भयंकर बाढ़ की चपेट में है. समुद्री तूफान डैनियल के उत्‍पात के बाद दो बांध टूटने से लीबिया के शहर डर्ना में हालत बद से बदतर हो चुके हैं. मिली जानकारी के मुताबिक लीबिया में आई बाढ़ के चलते दो हजार से ज्‍यादा लोगों के मरने की आशंका है. करीब पांच से छह हजार लोगों के लापता होने की सूचना है. बांध टूटने से करीब 330 लाख क्यूबिक मीटर पानी शहर के अंदर घुस गया, जिसने यह तबाही मची. सरकार की तरफ से डर्ना को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ओथमान अब्दुलजलील ने इस आपदा के बारे में सऊदी अरब के न्‍यूज चैनल अल-अरबिया को कहा था कि डर्ना में बाढ़ से 27 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा कि लोग सोमवार सुबह सो रहे थे. इसी बीच तेज गति से आया पानी उनके घरों में घुस गया. पानी का स्‍तर 10 फीट ऊंचा था. पूर्वी लीबिया की संसद में इस घटना के बाद तीन दिन का मौन रखा गया है. लीबिया के रेड क्रिसेंट सहायता समूह के प्रमुख ने बताया कि वह शहर में अपने लोगों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार, बाढ़ के कारण दर्जनों लोगों के लापता होने की सूचना है. पूर्वी लीबिया के कई शहरों में हजारों घर और अन्य संपत्तियां नष्ट हो गई हैं साथ ही डेरना में बिजली या संचार सेवा भी ठप हो गई है.  तीन दिन का शोक पूर्वी लीबिया सरकार के प्रधानमंत्री ओसामा हमाद ने सोमवार को तीन दिन के शोक की घोषणा की और देश भर में झंडे आधे झुकाने का आदेश दिया.उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शनिवार को ही आपात स्थिति घोषित कर दी थी.तूफान से पहले एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद कर दिया गया था.   ...

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G-20 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन और कनाडा में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों का मुद्दा उठाया.  मिली जानकारी के मुताबिक, द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने दोनों देशों में बढ़ते खालिस्तानी समर्थकों और भारत के खिलाफ साजिशों पर चिंता जताई. भारत ने ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो से खालिस्तानी गतिविधियों को रोकने और भारत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बंद करने की भी मांग की है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही ब्रिटिश पीएम सुनक ने खालिस्तानियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए एक अलग फंड का गठन किया है. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी पीएम मोदी की बात सुनी लेकिन वह इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में नजर आए. वहीं ऋषि सुनक ने भारत को खालिस्तानियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. खालिस्तानी आतंकियों और 'विदेशी हस्तक्षेप' पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का कहना है, "दोनों मुद्दे उनके सामने आए हैं. पिछले कुछ सालों के दौरान मैंने इन दोनों मुद्दों पर पीएम मोदी से कई बार चर्चा की है." उन्होंने कहा कि कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्राथमिकता देता है. अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे. यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हम हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा तैयार हैं. मुझे लगता है कि यह एक सामुदायिक मुद्दा है. यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों के कार्य पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. इसके विपरीत हमने कानून के शासन का सम्मान करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और हमने विदेशी हस्तक्षेप के बारे में भी बात की. 

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India-Europe EconomicCorridor: भारत की राजधानी में हुई G20 समिट को एक ऐतिहासिक डील के लिए याद किया जाएगा. यह डील भारत, यूरोप और मिडिल ईस्ट यानी खाड़ी देशों के बीच हुई है.इसे भारत, यूरोप, मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर डील कहा गया है.एक ऐसा कॉरिडोर जो भारत को महाशक्ति बना सकता है और चीन (China) की चमक फीकी कर सकता है.G-20 सम्मेलन के पहले दिन भारत ने इस नए कॉरिडोर के निर्माण का ऐलान किया. बड़ी बात ये है कि इस प्रोजेक्ट में मिडल ईस्ट और यूरोपीय देशों के अलावा अमेरिका भी अहम पार्टनर है. कॉरिडोर में भारत का होगा अहम रोलजी-20 से एक तस्वीर सामने आई है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. उनकी बायीं तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बैठे हैं और दाईं ओर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलाजीज अल साउद हैं. वहीं, इन नेताओं के पीछे लगे पोस्टर पर 'पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट एंड इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर'लिखा है. दिल्ली में शनिवार को G-20 सम्मेलन के दौरान इस अहम कॉरिडोर का ऐलान हुआ है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बता दिया कि कूटनीति और कारोबार की दुनिया में आने वाला समय भारत का है और चीन के लिए आगे की राह अब आसान नहीं होने वाली है. पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले समय में भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम होगा. यह पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को सस्टेनेबल दिशा प्रदान करेगा. भारत को क्या फायदा होगा - चीन लगातार पश्चिम एशिया में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है. चीन की अगुआई में हाल ही में सऊदी अरब और ईरान के बीच समझौता हुआ उसने अमेरिका के साथ-साथ भारत को भी चौंका दिया.इस समझौते से पश्चिमी एशिया भारत के हित  में प्रभावित हो सकते हैं. -प्रोजेक्ट के तहत अगर गल्फ और अरब के बीच के रेलवे नेटवर्क को समुद्री मार्ग से दक्षिण एशिया से जोड़ा जाता है तो इससे भारत तक तेजी और कम लागत में तेल और गैस पहुंचेगी. इस कनेक्टिविटी से खाड़ी देशों में रहने वाले भारत के 80 लाख लोगों को भी फायदा होगा. दूसरी अहम बात ये होगी कि इससे भारत की रेलवे सेक्टर में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डर के तौर पर ब्रांडिंग होगी. -सरकार को लगता है कि भारत का अपने पश्चिम के पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी पर पाकिस्तान की वजह से असर पड़ा है. इससे उनके साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए कई ओवरलैंड रूट बंद हो गए हैं. इस चुनौती से निपटने में अब ये डील भारत के रेलवे प्रोजेक्ट में मदद...

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America Green Card: अमेरिका में  लाखों भारतीय आज भी ग्रीन कार्ड के मिलने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में इन दिनों एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए 10.5 लाख से अधिक भारतीय कतार में हैं और उनमें से चार लाख की अमेरिका में स्थायी निवास के बहुचर्चित कानूनी दस्तावेज मिलने से पहले ही मौत हो सकती है. ऐसा इसलिए है  क्योंकि ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि प्रशासन के पास बैकलॉग अधिक हो गया है. बताया जा रहा है कि 11 लाख से ज्यादा आवेदन अभी पेंडिंग हैं.  लंबित आवेदनों में 63% भारतीय हैंबता दें कि ग्रीन कार्ड या स्थायी निवासी कार्ड अमेरिकी अप्रवासियों को देश में स्थायी निवास प्रदान करने के लिए जारी किया जाने वाला एक दस्तावेज है. अमेरिका स्थित थिंक टैंक कैटो इंस्टीट्यूट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि देश में लंबित कुल 18 लाख रोजगार-आधारित ग्रीन-कार्ड आवेदनों में से 63% भारतीय हैं. यह बैकलॉग फैमिली स्पॉन्सर्ड सिस्टम प्रणाली से 83 लाख लंबित आवेदनों को जोड़ता है.  बैकलॉग खत्म करने में लगेंगे 134 साल भारत आने वाले नए आवेदकों के लिए बैकलॉग को पूरा करने में 134 साल से अधिक का समय लगेगा, जो "आजीवन कारावास" के समान है। "लगभग 424,000 रोजगार-प्रायोजित आवेदक इंतजार करते-करते मर जाएंगे, और उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक भारतीय होंगे। यह देखते हुए कि वर्तमान में सभी नए नियोक्ता-प्रायोजित आवेदकों में से आधे भारतीय हैं, सभी नए प्रायोजित अप्रवासियों में से लगभग आधे ग्रीन होंगे। पहले मर जाएंगे उन्हें कार्ड मिलते हैं। नवीनतम गानों के लिए, केवल JioSaavn.com पर जबकि अमेरिका STEM भूमिकाओं के लिए बड़ी संख्या में भारतीयों और चीनियों को रोजगार देता है, किसी भी देश द्वारा सालाना केवल सात प्रतिशत रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड दिए जाते हैं., जो भारतीयों को सबसे पीछे रखता है. एक महत्वपूर्ण नुकसान, जिनके पास आधे से अधिक अमेरिकी व्यवसायों के पास उन्नत डिग्री वाले श्रमिकों का बैकलॉग है, जिनमें अत्यधिक कुशल एसटीईएम पेशेवर और यूएस-शिक्षित स्नातक शामिल हैं.  ...

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China: आईफोन को लेकर चीन सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. चीनी सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों और सरकारी एजेंसियों को आधिकारिक काम के लिए Apple iPhone का उपयोग बंद करने का आदेश दिया है. उन्हें Apple के साथ-साथ विदेशी ब्रांड्स के इस्तेमाल पर भी रोक है. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने हाल के सप्ताहों में वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा है कि उन्होंने अपने कर्मचारियों को काम के लिए कार्यक्रम से पहले एप्पल के आईफोन और विदेशी कंपनियों के डिवाइस इंस्टॉल करने का आदेश दिया है. इस इवेंट में आईफोन फोन की अगली सीरीज लॉन्च होनी है. इसके अलावा चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के कारण चीन में काम करने वाली विदेशी कंपनियां चिंतित हो सकती हैं. इसी तनाव को ध्यान में रखते हुए एप्पल ने भारत में अपना प्रोडक्शन बढ़ा दिया है. धीरे-धीरे एप्पल खुद को चीन से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि चीन की ओर से ऐसा फैसला लिया गया है. डेटा सुरक्षा को लेकर चीन सतर्कवॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में एप्पल के अलावा अन्य फोन निर्माताओं का नाम नहीं लिया गया है. Apple और चीन के राज्य परिषद सूचना कार्यालय ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है. चीन हाल के वर्षों में डेटा सुरक्षा को लेकर बहुत सतर्क हो गया है और उसने कंपनियों के लिए नए कानून और नियम लागू किए हैं. मई में, चीनी सरकार ने राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए कहा. ताकि अमेरिका तकनीक के मामले में प्रतिस्पर्धा कर सके. दोनों तरफ से हमले हो रहे हैंदोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की असली वजह चिप उद्योग पर चीन के एकाधिकार को खत्म करने और चिप में इस्तेमाल होने वाले घटकों को चीन तक पहुंचने से रोकने की अमेरिका की कोशिशें हैं. दूसरी ओर, चीन ने अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग और चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी समेत कई महत्वपूर्ण अमेरिकी कंपनियों के शिपमेंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. पिछले हफ्ते अमेरिका ने एक संकेत दिया थापिछले हफ्ते चीन की यात्रा के दौरान, अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों ने उनसे शिकायत की थी कि चीन "निवेश योग्य" हो गया है. उन्होंने इशारों में कहा कि चीन में अमेरिकी कंपनियों को दंडित किया जा रहा है. छापेमारी की जा रही है और कई अन्य ऑपरेशन भी चलाए जा रहे हैं. जिसके कारण दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश में व्यापार करना बहुत जोखिम भरा हो गया है. चीन द्वारा लगाया गया प्रतिबंध अमेरिका द्वारा चीनी स्मार्टफोन निर्माता Huawei और चीन के छोटे वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर लगाए गए प्रतिबंध के समान है. चीन एप्पल के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और कंपनी अपने कुल राजस्व का पांचवां हिस्सा वहीं से अर्जित करती है.

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India-China Relations: चीन ने भारत की G20 प्रेसिडेंसी का समर्थन कर  भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को  स्थिर बताया है. दरअसल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत नहीं आ रहे हैं. उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग डेलीगेशन के साथ शामिल होंगे. बैठक से पहले मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा- हमने हमेशा समिट के लिए भारत की मेजबानी का स्वागत किया है. हम सभी सदस्यों के साथ मिलकर इसे कामयाब बनाने के लिए काम करने को तैयार हैं.भारत और चीन के रिश्ते स्थिर हैं और हमने लगातार अलग-अलग स्तर पर बातचीत जारी रखी है. रूस-चीन के राष्ट्रपति के न आने से भारत का लेना-देना नहींG20 समिट में चीन और रूस के राष्ट्रपति के न शामिल होने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- ये उनका फैसला है. इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा पहले भी हुआ है, जब राष्ट्राध्यक्ष बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. भारत और चीन के बीच बढ़ा तनावभारत और चीन के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से तनाव जारी है. इसी बीच अगस्त में ब्रिक्स समिट के दौरान PM मोदी और जिनपिंग ने बातचीत की थी. तब दोनों नेताओं के बीच रिश्ते सुधारने और लद्दाख पर सैनिकों को कम करने को लेकर सहमति भी हुई  थी. अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपना बतायाहालांकि, इसके कुछ ही दिन बाद 29 अगस्त को चीन ने एक मैप जारी कर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया था. इसके अलावा उन्होंने ताइवान और साउथ-चाइना सी को भी अपने क्षेत्र में दिखाया.  जिस के बाद चीन ने एक्स (पहले ट्विटर)  नया मैप पोस्ट किया था.मैप पर चीन ने कहा था- हमारे नक्शे का 2023 एडिशन जारी करना सामान्य प्रक्रिया है. यह मैप चीन की संप्रुभता और अखं...

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G20 Summit 2023:  जी-20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को दिल्ली में हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए दुनिया के अलग-अलग देशों से कई शीर्ष नेता हिस्सा लेने वाले हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी 7 सितंबर को दिल्ली पहुंच रहे हैं. वह 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद बिडेन पहली बार भारत दौरे पर आ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में हिस्सा लेने के लिए भारत आएंगे.इससे जुड़ी आधिकारिक जानकारी व्हाइट हाउस ने शनिवार को सार्वजनिक की. व्हाइट हाउस के मुताबिक, जो बिडेन गुरुवार, 7 सितंबर से भारत का दौरा करेंगे.अमेरिकी राष्ट्रपति 8 सितंबर को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. उनके साथ-साथ जो बाइडेन जी-20 समूह के नेतृत्व की भी सराहना करेंगे. जो बाइडेन रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर भी चर्चा करेंगे. वह यूक्रेन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को भी कम करेंगे और गरीबी से बेहतर ढंग से लड़ने के लिए विश्व बैंक सहित बहुपक्षीय विकास बैंकों की क्षमता बढ़ाने सहित वैश्विक चुनौतियों का समाधान करेंगे. नई दिल्ली में राष्ट्रपति जो बाइडेन जी20 के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना भी करेंगे.

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Islamabad News: पाकिस्तान में महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 14.91 रुपये प्रति लीटर और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) की कीमत में 18.44 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने आधी रात के बाद सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, ''पेट्रोल की कीमत अब 305.36 रुपये प्रति लीटर और एचएसडी 311.84 रुपये प्रति लीटर है. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 290.45 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 305.36 रुपये प्रति लीटर हो गई है. इसके अलावा जो डीजल 293.40 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था उसकी कीमत 18.44 रुपये बढ़कर 311.84 रुपये प्रति लीटर हो गई है. गौरतलब है कि पाकिस्तान में पहली बार पेट्रोल-डीजल की कीमत 300 रुपये के पार पहुंच गई है. पाकिस्तान का रुपया भी दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है. एक डॉलर वर्तमान में 306 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है.

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Indian Airforce News: भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर 4 सितंबर से 11 दिवसीय मेगा अभ्यास का आयोजन कर रही है. इसमें सभी प्रमुख फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान, लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मध्य हवा में ईंधन भरने वाले और अन्य महत्वपूर्ण हवाई संपत्तियां शामिल होंगी. आपको बता दें कि 'त्रिशूल' नाम से भारतीय वायुसेना का यह अभ्यास भारत और चीन की सेनाओं के बीच तीन साल से अधिक समय से चले आ रहे संघर्ष और पाकिस्तान के साथ जारी तनावपूर्ण संबंधों के बीच हो रहा है. बताया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना की पश्चिमी कमान द्वारा 4-14 सितंबर तक आयोजित किए जा रहे इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य अपने बल की लड़ाकू क्षमता की पहचान करना और विभिन्न परिचालन मापदंडों का मूल्यांकन करना है. यह भी बताया जा रहा है कि यह हाल के दिनों में भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित किए जाने वाले सबसे बड़े अभ्यासों में से एक होगा एक सूत्र ने कहा कि इस दौरान अभ्यास के लिए पश्चिमी वायु कमान की सभी प्रमुख संपत्तियों के साथ-साथ अन्य कमांड की संपत्तियों को भी तैनात किया जाएगा. इतना ही नहीं, सूत्रों ने यह भी बताया कि जो लड़ाकू विमान इस अभ्यास का हिस्सा होंगे उनमें राफेल, Su-30 MKI, जगुआर, मिराज-2000, मिग-29 और मिग-21 बाइसन शामिल होंगे. इसके साथ ही युद्धाभ्यास के लिए हमलावर हेलीकॉप्टर, मध्य हवा में ईंधन भरने वाले, AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमान और परिवहन बेड़े को भी तैनात किया जाएगा. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह अभ्यास बड़े पैमाने पर लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में फ्रंटलाइन बेस को कवर करेगा....

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India-China Border Conflict: अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने वाले  चीन ने नया  नक्शा जारी कर एक बार फिर अपने गलत इरादे जगजाहिर कर दिए हैं. इस बीच वह लाइन ऑफ एक्चुअल (LAC) कंट्रोल के पूर्व में अक्साई चिन क्षेत्र में सुरंगें बना रहा है. इसी के साथ सैनिकों और हथियारों के शेल्टर के तौर पर घाटी से लगती पहाड़ी में कई बंकर और शाफ्ट तैयार किए जा रहे हैं.ये निर्माण कार्य उत्तरी लद्दाख में डेपसांग मैदानों से 60 किलोमीटर की दूरी पर देखे गए हैं. जो की LAC के पूर्व में अक्साई चिन में स्थित है. भारतीय सेना के खौफ से अंडरग्राउंड हो रहा चीनएक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की ओर से हवाई हमले, एयरस्ट्राइक और दूर तक वार करने वाली तोपों से अपने सैनिकों और हथियारों को बचाने की कोशिश में चीन ऐसा कर रहा है. उनका मानना है कि इन क्षेत्रों में अंडरग्राउंड सुविधाओं का विकास करके चीनी रणनीतिकारों का लक्ष्य अक्साई चिन में भारतीय वायु सेना के लिए चुनौती बढ़ाना है. तस्वीरों में नजर आई मशीनरीआपको बता दें कि 18 अगस्त की तस्वीरों में घाटी के किनारे 4 नए बंकर बनाए जाने की पहचान की गई है. इसके अलावा, इनमें पहाड़ी पर तीन स्थानों पर सुरंग  बनाई जा रही हैं. यहां विभिन्न स्थानों पर भारी मशीनरी भी देखी गई. घाटी के बीचों-बीच एक सड़क को चौड़ी करने के भी तस्वीरें सामने आई हैं.   बंकरों को अतिरिक्त सुरक्षा देने के लिए आस-पास की मिट्टी को ऊपर उठाया गया और बाहर जाने और प्रेवश करने वाले स्थानों को कंटीले जैसे डिजाइन में तब्दील कर दिया गया है. इसके पीछे का मकसद सैनिकों और हथियारों को सीधे हमले से प्रोटेक्ट करना है.  गलवन घाटी की घटना के बाद सड़क निर्माण में तेजी साल 2020 में गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद से भारत लद्दाख क्षेत्र में रोड और सुरंगों के निर्माण और उच्च ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्रों के आधुनिकीकरण में तेजी लाया है.आपको बता दें कि एलएसी के पास संवेदनशील दौलत बेग ओल्डी (DBO) और लेह को जोड़ने वाली डारबक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (DSDBO) सड़क का काम पूरा कर लिया गया है. इसके बनने से डीबीओ में तैनात सैनिक  बेस सड़क मार्ग के जरिए भी यह रास्ता तय कर सकते हैं क्योंकि अब सड़क मार्ग के जरिए दो दिन का यह रास्ता 6 घंटे में कवर कर लिया जाएगा. वैसे भारतीय सेना डीबीओ के लिए एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया करती थी. इस रोड़ पर नई सुरंग बनाने का काम भी चल रहा है....

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Islamabad News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सोमवार (28 अगस्त) को कोर्ट से बड़ी राहत मिली। पाकिस्तान की एक अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष के खिलाफ हत्या के एक मामले को खारिज कर दिया है. इमरान खान के वकील लतीफ खोसा ने पहले ट्विटर पर इस खबर की जानकारी दी है और उनका कहना है कि इमरान खान के खिलाफ हत्या का मामला खारिज कर दिया गया है. بریکنگ نیوز:عمران خان کے خلاف کوئٹہ والی FIR خارج کردی گئی ۔ — Advocate Latif Khosa (@Adv_Latif_Khosa) August 28, 2023...