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Navratri Mahanavami 2023: आज शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन है और नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा की 9वीं शक्ति माता सिद्धिदात्री की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है.माता दुर्गा का यह स्वरूप सिद्ध और मोक्ष देने वाला है इसलिए माता को मां सिद्धिदात्री कहा जाता है.नवमी के दिन अगर केवल इन्हीं की पूजा कर ली जाए तो व्यक्ति को सम्पूर्ण देवियों की पूजा का फल मिल सकता है. इस दिन कमल के पुष्प पर बैठी हुई देवी का ध्यान करना चाहिए. देवी को विभिन्न प्रकार के सुगन्धित पुष्प अर्पित करने चाहिए. नवमी के दिन देवी को शहद अर्पित करना चाहिए. इस दिन दुर्गा सप्तशती और कवच, कीलक और अर्गला का पाठ लाभकारी होता है.  नवमी तिथि और माता सिद्धिदात्री की महिमा नवमी तिथि नवरात्रि की सम्पूर्णता की तिथि है. इसलिए इस तिथि पर पूजा करना आवश्यक है. माता सिद्धिदात्री नवदुर्गा का सम्पूर्ण स्वरुप हैं. इनकी पूजा से सम्पूर्ण देवियों की पूजा का फल मिल जाता है. इस दिन नवरात्रि की सम्पूर्णता लिये हवन भी किया जाता है. इस दिन मध्य रात्रि में देवी की विशेष स्तुति करें. संभव हो तो कमल के पुष्प से देवी की आराधना करें.  कन्या पूजन की विधि महानवरात्रि पर कन्‍याओं को एक दिन पहले उनके घर जाकर निमंत्रण दें. महानवमी की सुबह गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं. अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह पर बिठाएं. सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं. कन्‍याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीष लें. कन्या पूजन का महत्वनवरात्रि की नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने का विधान है. कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या 9 होनी चाहिए अन्यथा दो कन्याओं के साथ भी पूजा कर सकते हैं. कन्याओं के साथ एक लांगूरा (बटुक भैरव) भी होना चाहिए. कन्याओं को घर पर आदर सत्कार के साथ बुलाकर उनके पैरों को जल या दूध से धुलकर कुमकुम व सिंदूर का टिका लगाएं और आशीर्वाद लें. फिर भोजन के लिए कन्या और लागूंरा को हलवा-चना, पूड़ी-सब्जी, फल आदि चीजें दें. भोजन कराने के बाद लाल चुनरी ओढाएं और सामर्थ्य के अनुसार दान दक्षिणा दें.कन्या पूजन करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर के सभी सदस्यों की उन्नति होती है. नवमी के दिन हवन का विधान नवमी के दिन नवरात्रि की पूर्णता के लिए हवन भी किया जाता है. नवमी के दिन पहले पूजा करें, फिर हवन करें. हवन सामग्री में जौ और काला तिल मिलाएं. इसके बाद कन्या पूजन करें. कन्या पूजन के बाद सम्पूर्ण भोजन का दान करें. ...

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मेष(Aries Horoscope)- नवीन शुरूआत कर सकते हैं. लक्ष्यों की प्राप्ति होगी. आर्थिक विषयों में सक्रियता रहेगी. प्रबंधकीय कार्यों को पूरा करेंगे. लाभ के अवसर बढेंगे.  यात्रा पर जा सकते हैं. विभिन्न गतिवधियों में रुचि रखेंगे सत्ता का साथ समर्थन पाएंगे.  इच्छित सूचनाएं प्राप्त होंगी. पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी.  पैतृक मामलों मे सुधार होगा. सबको साथ लेकर चलेंगे.  वृष(Taurus Horoscope)- किस्मत के सुनहरे पन्ने आपके लिए खुल सकते हैं. धर्म और आस्था की प्रबलता बनी रहेगी.  विविध परिणाम पक्ष में बनेंगे. पेशेवर मामले पक्ष में बनेंगे व्रत संकल्प पूरा करेंगे. सुविधा संसाधनों में वृद्धि होगी.आत्मविश्वास को बल मिलेगा.साहस पराक्रम बना रहेगा. कार्य अवरोध दूर होंगे. शुभ सूचनाएं प्राप्त होंगी. बंधु बांधवों से सहयोग प्राप्त होगा. हितलाभ बढ़त पर बना रहेगा.  मिथुन(Gemini Horoscope)- अप्रत्याशितता बढ़ी रह सकती है. विभिन्न कार्यों में अनुशासन रखें. आर्थिक लेनदेन में अनदेखी से बचें. जल्दबाजी में समझौते नहीं करें। समय प्रबंधन बढ़ाएं. धैर...

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Relationship Tips: सोशल मीडिया के इस जमाने में एक हेल्दी रिलेशनशिप को मेंटेन रखना बहुत मुश्किल हो गया है. कुछ गलतियों की वजह से आपके मौजूदा रिश्तों खासतौर पर, शादी जैसे नाजुक रिश्ते पर भी इसका  बुरा असर पड़ता है. आज हम आपको सोशल मीडिया से जुड़ी कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कहीं ना कहीं आपके रिश्तों को कमजोर कर रही हैं. इन गलतियों पर ध्यान देकर आप इन्हें सुधार सकते हैं. आइए जानते हैं इन गलतियों के बारे में-  सार्वजनिक तर्क (Public arguments) अपने आपसी झगड़ों को सोशल मीडिया पर सबके सामने लाना आपके रिश्ते के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इससे सिर्फ आपके रिश्ते की कड़वी सच्चाई समाज के सामने आएगी. साथ ही, आपसी झगड़ों को सोशल मीडिया पर शेयर करने से लोग आपको जज करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आपसी झगड़ों को अकेले में सुलझाएं ओवर शेयरिंग सोशल मीडिया पर पार्टनर की इजाजत के बिना लगातार अपने रिलेशनशिप, पर्सनल लाइफ के बारे में चीजें शेयर करने से आपके रिश्ते पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. हो सकता है कि आपको सोशल मीडिया पर यह सब शेयर करना पसंद हो लेकिन सामने वाले की पसंद और नापसंद भी मायने रखती है. जरूरी है कि आप अपने पार्टनर की प्राइवेसी का सम्मान करें. साथ ही, सीमा में रहकर ही कोई चीज सोशल मीडिया पर शेयर करें. ऑफलाइन बातचीत को अनदेखा करना  बहुत से लोग पार्टनर से साथ समय बिताने से ज्यादा सोशल मीडिया पर या फोन पर समय बिताते हैं. इससे आपके और पार्टनर के बीच धीरे-धीरे दूरी आने लगती है. जरूरी है कि आप सोशल मीडिया पर टाइम बिताने से ज्यादा पार्टनर के साथ बिताएं.  रिलेशनशिप की तुलना करना सोशल मीडिया पर कपल्स को देखकर अपने रिलेशनशिप की तुलना उनके साथ करना आपके रिलेशनशिप के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. कई बार सोशल मीडिया पर आप जो कुछ भी देखते हैं उसका सच्चाई से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं होता. आपको सिर्फ उस फोटो या पोस्ट का एक पहलू ही नजर आता है लेकिन दूसरे पहलू से हर कोई अनजान होता है.  फ्लर्ट करना सोशल मीडिया पर दूसरों के साथ फ्लर्ट करना और किसी और के पोस्ट पर रोमांटिक रुचि दिखाने से आपके रिलेशनशिप पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. इससे पार्टनर का आपके ऊपर से भरोसा खत्म हो सकता है. ऐसे में अपने रिश्ते को बचाने के लिए जरूरी है कि आप ऐसा कोई भी काम ना करें जिससे आपका रिलेशनशिप खराब हो सके.  ...

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Shardiye Navratri 2023: नवरात्रि के दो दिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं- अष्टमी और नवमी. आज शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. इस दिन माता महागौरी की उपासना की जाती है. बहुत सारे लोग विशेष उपवास भी रखते हैं. इसके अलावा, इस दिन कन्या पूजन का भी प्रावधान है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर उपासना से विवाह का वरदान मिलता है. आइए आपको महागौरी की पूजन विधि और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त बताते हैं.  अष्टमी पर कन्या पूजन का महत्व नवरात्रि केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है. यह नारी शक्ति के और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है. इसलिए नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है. वैसे तो नवरात्रि में हर दिन कन्याओं के पूजा की परंपरा है, लेकिन अष्टमी और नवमी को अवश्य ही इनकी पूजा की जाती है. इसमें 2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की कन्या की पूजा का विधान किया गया है. कन्या पूजन की विधि नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर कन्‍याओं को उनके घर जाकर निमंत्रण दें. गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं. अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह पर बिठाएं. सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं. इसके बाद कन्‍याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीष लें. महागौरी की पूजा विधि महाअष्टमी पर घी का दीपक लगाकर देवी महागौरी का आह्वान करेंअब मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करेंइस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं। नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएंअंत में मां महागौरी की आरती करें...

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मेष(Aries Horoscope)- प्रबंधन में सफलता बनी रहेगी. हितलाभ का प्रतिशत बढ़त पर रहेगा. प्रबंधन के कार्यों में शामिल रहेंगे. सभी का सहयोग बनाए रखेंगे. करियर कारोबार अच्छा रहेगा. जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएंगे. संपर्क संवाद बढ़ाएंगे. बड़प्पन से काम लेंगे. धैर्य धर्म का पालन बनाए रहेंगे. तैयारी एवं कौशल के साथ आगे बढ़ेंगे. शुभ सूचनाएं मिल सकती हैं. निसंकोच आगे बढ़ेंगे. इच्छित सफलताएं बनी रहेंगी.  वृष(Taurus Horoscope)- भाग्य पक्ष को बल मिलेगा. आर्थिक एवं धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि होगी. लंबी दूरी की यात्रा संभव है. उच्च शिक्षा में दखल बढ़ाएंगे. आस्था और भक्तिभाव बनाए रखेंगे. धनधान्य और समृद्धि को बल मिलेगा. संबंधियों से तालमेल रहेगा. स्वास्थ्य बेहतर होगा. जोखिमपूर्ण कार्यों से बचेंगे. अनुशासन रखेंगे. बड़प्पन रखेंगे. प्रतिस्पर्धा में अच्छा करेंगे. संपर्कों का लाभ उठाएंगे. धर्म कार्यों में रुचि लेंगे. करीबियों पर भरोसा रखेंगे. मिथुन(Gemini Horoscope)- परिवार का साथ विश्वास बनाए रखें. सहयोग की भावना रखें. रुटीन पर फोकस बढ़ाएं. तैयारी पर ध्यान दें. भेंटवार्ता के लिए समय लें. चर्चा संवाद में सजग रहेंगे. आवश्यक कार्य में ढिलाई से बचेंगे. कामकाजी सफलता रहेगी. ठगों और अपरिचितों से दूर रहें. व्यवस्था के प्रयासों में सतर्क रहेंगे. वाणी व्यवहार सरल रहेगा. अनुशासन बनाए रखेंगे. धैर्य से कार्य करेंगे.  कर्क(Cancer Horoscope)- साझा मामलों में प्रभावी रहेंगे. उद्योग कार्यों में सक्रियता आएगी. भूमि भवन के विषयों ं में गति आएगी. विभिन्न प्रयास संवरेंगे. करीबी सतर्कता बढ़ाएंगे. चहुंओर सुधार बना रहेगा. बड़ी सोच बनाए रखेंगे. संकोच हटेगा. खानपान सात्विक रखेंगे. साझा कार्यों में तेजी दिखाएंगे. करीबी उपलब्धि पाने में सफल सकते हैं. व्यवस्था पर जोर देंगे. जोखिम के कार्यों को टालेंगे. विपक्ष को अवसर नहीं देंगे.  सिंह(Leo Horoscope)-  विपक्षियों को पीछे हटाने में सफल होंगे. कर्मठता और सेवाभाव पर जोर रहेगा. कला कौशल से जगह बनाए रखेंगे. उत्साह से कार्य करेंगे. तर्क बहस से बचेंगे. आवश्यक कार्यों में स्पष्टता लाएंगे. स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे. पेशेवर प्रदर्शन में आगे रहेंगे. सहयोगियों और समकक्षों की बात सुनेंगे. जिम्मेदारों का सहयोग मिलेगा. लक्ष्य पर फोकस बढ़ाएंगे. लेनदेन में सावधान रहें. स्वास्थ्यगत अवरोधों पर ध्यान दें.  कन्या(Virgo Horoscope)- कला कौशल के उम्दा प्रदर्शन से सभी प्रभावित होंगे. लक्ष्य के प्रति ...

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Dussehra 2023:हिंदू धर्म में दशहरा यानी विजयादशमी के पर्व का विशेष महत्व होता है. पूरे भारत में इस पर्व को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर माता सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था. तभी से हर साल दशहरा यानी विजयादशमी के दिन लोग रावण के पुतले का दहन करके बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मनाते हैं.इस दिन अस्त्र-शस्त्र का पूजन और रावण दहन के बाद बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.  दशहरा 2023 तिथिपंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्तूबर को शाम 05 बजकर 44 मिनट से होगी। अगले दिन इसका समापन 24 अक्तूबर को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर होगा. उदया तिथि 24 अक्तूबर को प्राप्त हो रही है, इसलिए दशहरा का त्योहार 24 अक्तूबर को मनाया जाएगा. दशहरा पर हुआ था रावण का अंतइस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं. इस दिन जगह-जगह रावण दहन किया जाता है. कहा जाता है कि रावण के पुतले को जला हर इंसान अपने अंदर के अहंकार, क्रोध का नाश करता है. इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि रावण का वध करने कुछ दिन पहले भगवान राम ने आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की और फिर उनसे आशीर्वाद मिलने के बाद दशमी को रावण का अंत कर दिया.  दशहरा 2023 पर दो शुभ योग ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं. इस दिन रवि योग सुबह 06:27 मिनट से दोपहर 03:38 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शाम 6:38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 06:28 मिनट तक यह योग रहेगा. वहीं, दशहरा पर वृद्धि योग दोपहर 03:40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा. दशहरा की पूजा विधि और महत्वविजयादशमी यानी दशहरा के दिन सुबह जल्दी स्नान करके प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की पूजा करें.फिर भगवान को धूप और दीप दिखाकर पूजा करें और इन गोलों को जला दें.मान्यता है कि रावण के 10 सिर की तरह ये गोले अहंकार, लोभ, लालच का प्रतीक होते हैं.अपने अंदर से इन बुराइयों को खत्म करने की भावना के साथ ये गोले जलाए जाते हैं.

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Choti Diwali 2023 Date: हिंदू धर्म में दिवाली के पर्व का खास महत्व होता है. दीपोत्सव का यह पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है.दीपावली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका अगला दिन रुप चौदस (छोटी दिवाली) का होता है. इस दिन पूरा देश दीये को रोशनी से जगमगा उठता है.हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार माना जाता है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और सुख-समृद्धि के देवता भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है. दीपोत्सव का यह पर्व पूरे पांच दिनों तक चलता है. ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल छोटी दिवाली की डेट, मुहूर्त और महत्व.  छोटी दिवाली 2023 डेट कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू - 11 नवंबर 2023, दोपहर 01.57 कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त - 12 नवंबर 2023, दोपहर 02.44 छोटी दिवाली- 12 नवंबर 2023बड़ी दिवाली - 12 नवंबर 2023छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली में अंतरशास्त्रों के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को छोटी दिवाली के दिन श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था, यही वजह है इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है और कार्तिक अमावस्या पर यानि बड़ी दिवाली पर माता लक्ष्मी रात्रि में धरती पर आती हैं इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए दीप जलाकर उनकी विधि वत पूजा की जाती है. कहते हैं इस दिन श्रीराम वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे. अमावस्या होने से चारों ओर अंधेरा था ऐसे में भगवान राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीपक जलाए थे. छोटी दिवाली महत्व छोटी दिवाली पर अभ्यंग स्नान से तन-मन की शुद्धि होती है. इस दिन लोग सूर्योदय से पूर्व  शरीर पर तिल का तेल लगाते हैं और फिर उबटन से साफ करते हैं. ऐसा माना जाता है कि स्नान करने के बाद विष्णु मंदिर या कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन अवश्य करना चाहिए. इससे पाप कटता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है. जो व्यक्ति इस दिन यम के नाम दीप जलाता है उसे मृत्योपरांत नरक नहीं भोगना पड़ता है. दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि1.दिवाली पर शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा विधि पूर्वक...

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Narak Chaturdashi 2023: पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. नरक की यातना और पाप कर्मों के बुरे प्रभाव से बचने के लिए एवं स्वर्ग में सुख और वैभव की कामना तथा स्वर्ग में अपने लिए स्थान पाने के लिए नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत बहुत ही फलदायी होता है. दिवाली की तैयारियां शुरु हो चुकी है. नरक चतुर्दशी का त्योहार दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और श्रीकृष्ण की आराधना की जाती हैं और यम के नाम संध्या काल में दीपल जलाएं जाते हैं. कहते हैं नरक चतुर्दशी पर दीप जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता. जानते हैं इस साल नरक चतुर्दशी की डेट, मुहूर्त और महत्व. नरक चतुर्दशी 2023 डेट और मुहूर्त (Narak Chaturdashi 2023 Date & Muhurat)कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इस साल नरक चतुर्दशी 12 नवंबर 2023 को है. इसे छोटी दिवाली, रूप चौदस,नरक चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस बार नरक चतुर्दशी बहुत खास है क्योंकि इसी दिन दिवाली भी मनाई जाएगी.पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर इसका समापन होगा. नरक चतुर्थी के दिन रूप निखारा जाता है, जिसके लिए सुबह शुभ मुहूर्त में स्नान की परंपरा है. नरक चतुर्दशी महत्व (Narak Chaturdashi Significance)पौराणिक कथा के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से नरकासुर का संहार किया था. नरकासुर का वध कर श्रीकृष्ण ने देवताओं की रक्षा की थी इसलिए इस दिन कान्हा की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन संध्याकाल में यमराज के निमित्त दीपदान करने से मृत्यु का भय नहीं सताता और नरक से मुक्ति मिलती है. साल 2023 में नरक चतुर्दशी और बड़ी दिवाली एक ही दिन है ऐसे में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की पूजा से धन-सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होगी. नरक चतुर्दशी पर यम के नाम दीप (Narak Chaturdashi Yam Deep)नरक चतुर्दशी पर संध्या काल में मुख्य द्वार पर दीपक लगाएं. इस दिन खासकर यमराज के निमित्त आटे का चौमुखी दीपक बनाकर तेल का दिया जलाया जाता है. मान्यता है इससे यमलोक में यमराज की यातनाएं नहीं सेहनी पड़ती....

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Shardiya Navratri day 7th: आज नवरात्रि का सातवां दिन है और इस दिन देवी दुर्गा की सातवीं शक्ति माता कालरात्रि की पूजा की जाती है. माता कालरात्रि को शुभंकरी, महायोगीश्वरी और महायोगिनी के नाम से भी जाना जाता है. माता कालरात्रि की विधिवत पूजा और व्रत करने से माता अपने भक्तों को सभी बुरी शक्तियों और काल से बचाती हैं, अर्थात माता की पूजा करने से भक्तों को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. माता का स्वरूप मां दुर्गा को कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज को मारने के लिए लेना पड़ा था. देवी कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है. इनके श्वास से आग निकलती है. गले में विद्युत की चमक वाली माला है. मां के केश बड़े और बिखरे हुए हैं. देवी कालरात्रि के तीन नेत्र ब्रह्माण्ड की तरह विशाल व गोल हैं, जिनमें से बिजली की भांति किरणें निकलती रहती हैं. मां के चार हाथ हैं, जिनमें एक हाथ में खडग अर्थात तलवार, दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरे हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा वरमुद्रा में है.मां का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों का नाश करने के लिए है.  पूजा विधिशारदीय नवरात्रि के सातवें दिन ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः स्नान करें. स्नान के बाद माता के सामने घी का दीपक जलाएं.  उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित करें. मां कालरात्रि की पूजा में मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल, अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ नैवेद्य आदि का अर्पण किया जाता है.इस दिन गुड़ का विशेष महत्व बताया गया है. मां कालरात्रि को गुड़ या उससे बने पकवान का भोग लगाएं. पूजा समाप्त होने के बाद माता के मंत्रों का जाप कर उनकी आरती करें. साथ ही दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.  सिद्दियों की रातपुराणों में देवी कालरात्रि को शनि ग्रह और रात्रि का अधिपति कहा गया है. मां की पूजा करने से शनि के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं. सप्तमी की रात को सिद्धियों की रात कहा जाता है और इस दिन तांत्रिक देवी की विशेष पूजा की जाती है.  ...

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मेष(Aries Horoscope)-  कला कौशल और योग्यता से प्रयास बेहतर बनाए रहेंगे. दीर्घकालिक योजनाएं आगे बढ़ाएंगे. बंधु बांधवों से सहयोग रहेगा. परिस्थिति में तेज सुधार के संकेत रहेंगे. कार्य अवरोध दूर होंगे. धार्मिक गतिविधियों से प्रमुखता जुड़ सकते हैं. साहस पराक्रम बना रहेगा. शुभ सूचनाएं प्राप्त होंगी.संसाधनों में वृद्धि होगी. लाभ की प्रबलता बनी रहेगी. आस्था अध्यात्म को बल मिलेगा.  वृष(Taurus Horoscope)- परिस्थितियां प्रभावित बनी रह सकती हैं. धैर्य धर्म का पालन बनाए रखें. शारीरिक संकेतों पर ध्यान दें. स्वास्थ्य की अनदेखी से बचें. जल्दबाजी में समझौते नहीं करें. आपसी समन्वय बनाए रखेंगे. विनम्र बने रहेंगे. संतुलिग ढंग से आगे बढ़ेंगे. भावनाओं पर नियंत्रण बढ़ाएं. अनजानं पर भरोसा न करें. स्वजनों परिजनों कीसीख सलाह बनाए रखें.  मिथुन(Gemini Horoscope)- व्यक्तिगत विषय संतुलित बने रहेंगे. योजनागत लक्ष्यों को शीघ पूरा करने की सोच रखेंगे. बड़े प्रयास गति पाएंगे. विविध परिस्थितियां सकारात्मक रहेंगी. प्रियजनों से करीबी बढ़ेगी. श्रेष्ठ जनों से भेंट होगी. स्वास्थ्य संकेतों के प्रति सजग रहेंगे. व्यवस्था को बल मिलेगा. विभिन्न विषयों को लेकर स्पष्टता बढ़ेगी. दाम्पत्य में विश्वास बढ़ेगा. साझीदारी में सफलता मिलेगी.  कर्क(Cancer Horoscope)- आत्मविश्वास और मेहनत से परिणाम पक्ष में बनाए रखेंगे. शाम से समय अधिक सकारात्मक होगा. करीबियों पर भरोसा बढ़ेगा. आवश्यक कार्यों में गति बनाए रखेंगे.सफेदपोष ठगों से बचाव रखेंगे. लिखापढ़ी के कार्यों में अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगे. नौकरीपेशा व सेवाक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेंगे. संबंधों को मजबूती मिलेगी. जल्दबाजी में कार्य न करें. सिंह(Leo Horoscope)- मन के मामलों में ऊर्जा उत्साह बना रहेगा. बौद्धिकता बल पाएगी. स्मार्ट वर्किंग बढ़ाएंगे. विभिन्न क्षेत्रों में लाभ की संभावना रहेगी. अध्ययन अध्यापन संवरेगा. मित्रों का सहयोग मिलेगा. कला कौशल से जगह बनाएंगे. आवश्यक कार्य समय से पूरे करेंगे. सामंजस्यता का प्रयास रखेंगे. परीक्षा प्रतियोगिता में शामिल होंगे. समाज के श्रेष्ठ जनों से प्रभावित होंगे. ...

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Navratri Kanya Pujan 2023: शारदीय नवरात्रि खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. 21 अक्टूबर को महासप्तमी, 22 अक्टूबर को महाअष्टमी और 23 अक्टूबर को महानवमी है. 24 अक्टूबर 2023 को विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा.नवरात्रि का त्योहार कन्या पूजन के बिना अधूरा माना जाता है. कन्या पूजा में छोटी-छोटी बालिकाओं का पूजन और उन्हें भोजन कराने के बाद ही व्रत-पूजा संपन्न मानी जाती है. ये बालिकाएं देवी दुर्गा का स्वरूप होती है. जानें इस साल कन्या पूजन की डेट, मुहूर्त और महत्व. अष्टमी या नवमी कन्या पूजा कब करें ? (Kanya Puja Kab Kare)शास्त्रों के अनुसार वैसे तो नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने पर ही कन्या पूजन किया जाता है और उसके बाद ही व्रत पारण करते हैं लेकिन जो लोग अष्टमी पर अपनी कुलदेवी का पूजन करते हैं वह महाष्टमी पर कन्या पूजन कर सकते हैं. नवरात्रि में अष्टमी-नवमी दोनों दिन मुख्य माने गए हैं. कन्या पूजा करने से देवी दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं और अन्न-धन्य के भंडार भरती हैं. अष्टमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त(Mahashtami kanya pujan 2023 Muhurat)22 अक्तूबर को दुर्गा अष्टमी है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक है. ऐसे में आप 22 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से कन्या पूजन कर सकते हैं. महानवमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त(MahaNavami kanya pujan 2023 Muhurat)इस साल महानवमी 23 अक्तूबर को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शाम 05 बजकर 14 मिनट तक है. वहीं रवि योग पूरे दिन है. ऐसे में आप 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 27 मिनट के बाद से कन्या पूजन कभी भी कर सकते हैं. कन्या पूजन विधि (Kanya pujan Vidhi)- दुर्गाष्टमी या महानवमी, जिस दिन भी आप कन्या पूजन करना चाहते हैं उस दिन सबसे पहले मां दुर्गा की पूजा करें.- कन्या पूजन के  दिन सम्मान पूर्वक 2-10 साल तक की 9 कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें. जब कन्या घर पर पधारती हैं, तो स्वागत करते हुए उनके चरण धोएं और उन्हें उचित स्थान पर बैठाएं. - इसके बाद कन्याओं के माथे पर अक्षत और कुमकुम लगाएं. चुनरी ओढ़ाएं. भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा या उपहार द...

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Navratri Sixth Day: . इन दिनों मां दुर्गा का महापर्व शारदीय नवरात्रि  चल रहे है. आज नवरात्रि के छठवें दिन देवी मां के कात्यायनी स्वरूप की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है.  ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने के कारण देवी मां को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है. मां दुर्गा का ये स्वरूप अत्यन्त ही दिव्य हैं. इनका रंग सोने के समान चमकीला है, तो इनकी चार भुजाओं में से ऊपरी बायें हाथ में तलवार और नीचले बायें हाथ में कमल का फूल है. जबकि इनका ऊपर वाला दायां हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे का दायां हाथ वरदमुद्रा में है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार मां कात्यायनी की उपासना से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या डर नहीं रहता है और उसे किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता है.मां कात्यायनी का  दिव्य और भव्य स्वरुप की हैं. इनकी चार भुजाओं में से दाहिने तरफ का ऊपरवाला हाथ अभय मुद्रा में और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में स्थित है. बाएं हाथ में ऊपर कर हाथ में तलवार और निचले हाथ में कमल है. इनका भी वाहन सिंह है. छठे दिन साधक के मन आज्ञा चक्र में स्थित होता है. उसमें अनंत शक्तियों का संचार होता है. वह अब माता का दिव्य रूप देख सकता है. भक्त को सारे सुख प्राप्त होते हैं. दुख दारिद्र्य और पापों का नाश हो जाता है. मां कात्यायनी का ब्रजमंडल अधिष्ठात्री रूप भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने कालिन्दी यमुना के तट पर मां कात्यायनी की पूजा की थी. इसलिए देवी मां को ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी पूजा जाता है.देवी मां की उपासना उन लोगों के लिए बेहद ही लाभकारी है, जो बहुत समय से अपने लिये या अपने बच्चों के लिये शादी का रिश्ता ढूंढ रहे हैं. लेकिन उन्हें कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिल पा रहा है. अगर आप भी इस तरह की समस्याओं से परेशान हैं, तो आज मां कात्यायनी की उपासना करके आपको लाभ जरूर उठाना चाहिए. मां कात्यायनी की पूजा विधिधार्मिक ग्रंथों के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए जो विधि-विधान बताए गएं हैं. सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नान करें और उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें. उसके बाद आप पूजा करने का संकल्प लें. अपने पूजा घर में मां की चौकी बनाएं और इसके बाद मां कात्यायनी की प्रतिमा को वहां विराजित करें.  इसके बाद आप पूजा घर में गंगा जल लेकर चारों और छिड़काव कर दें. देवी मां को पीले रंग प्रिय हैं, तो पूजा में विशेष रूप से आप उनको पीले पुष्प चढ़ाएं, मां को धूप,अक्षत, पान, सुपारी,रोली और कुमकुम आदि वस्तुएं श्रद्धा से भेंट करें। उसके बाद मां कात्यायनी की आरती करें और उनकी प्रतिमा के सामने उन्हें दंडवत प्रणाम करें.  इस विधि से पूजा करें और मां की असीम कृपा पाएं. ...

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मेष(Aries Horoscope)- भाग्य की मदद से श्रेष्ठ कार्यों को गति मिलेगी.चहुंओर अनुकूलता से लाभ और व्यापार बढ़ेगा. शि़क्षा में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. धार्मिक व मनोरंजक गतिविधियां बढ़ेंगी. व्यापार को गति मिलेगी. विभिन्न मामले पक्ष में रहेंगे. मेलजोल बढ़ाने पर जोर देंगे. सौदे समझौतों में सक्रियता आएगी. बड़ों का साथ समर्थन पाएंगे. विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर करेंगे. आस्था और विश्वास बढ़ेंगे.  वृष(Taurus Horoscope)- शारीरिक संकेतों पर ध्यान दें. स्वास्थ्य से समझौता न करें. जिद और भावनात्मक दबाव से बचें. योजनानुसार आगे बढ़ने की सोच रखें. सहज गति से आगे बढ़ते रहेंगे. धैर्यपूर्वक आगे बढ़ते रहेंगे. व्यवस्था और अनुशासन पर जोर रखेंगे.आवश्यक कार्यों की सूची बनाएं. स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें. जिम्मेदारियों को निभाएंगे. मिथुन(Gemini Horoscope)- सभी का आदर सम्मान रखेंगे. जिम्मेदारों से समय लेकर भेंट को जाएंगे. परिवार में शुभता का संचार रहेगा.व्यवस्था बेहतर बनाएंगे. भूमि भवन के मामलों में तेजी बनी रहेगी. लक्ष्य पर फोकस बढ़ाएंगे. उद्योग व्यापार में प्रभावी रहेंगे. महत्वपूर्ण वार्ताओं में सहज रहेंगे. नेतृत्व क्षमता बल पाएगी. दाम्पत्य में सुख सौख्य बना रहेगा.  कर्क(Cancer Horoscope)- मेहनत और लगन से परिणाम बेहतर बनाए रखेंगे. सहकर्मियों में सामंजस्य बढ़ेगा. लेनदेन पर फोकस बढ़ाएं.तार्किकता से काम लेंगे. प्रबंधन पर ध्यान देंगे. कार्यक्षेत्र में जगह बनाए रखेंगे. विपक्षियों पर अंकुश बढ़ाएं. आर्थिक पक्ष सामान्य रहेगा. अनुशासन बढ़ाएंगे. सेवा व्यवसाय से जुड़े संबंधों में बेहतर रहेंगे.  नीति नियमों पर अमल बढ़ाएंगे.  सिंह(Leo Horoscope)- पारिवारिक मामलों में धैर्य व धर्माचरण बनाए रखें. कार्य व्यापार में प्रभाव रहेगा. व्यक्तिगत सफलताओं को बढ़ावा मिलेगा. घर मेंअनुकूलता बनी रहेगी. विभिन्न मोर्चां पर सक्रियता बनाए रहेंगे.अवसरों का लाभ उठाएंगे. संकोच दूर होगा. प्रमुख कार्य गति लेंगे. प्रियजनों से शुभ समाचार मिलेंगे. स्वजनों के संग भ्रमण मनोरंजन पर जाएंगे. कन्या(Virgo Horoscope)- पारिवारिक विषयों को समय देंगे. व्यक्...

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Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है और इन्हें सूर्य मंडल की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि मां कूष्मांडा (मां कूष्मांडा) के स्वरूप की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है. आइए जानते हैं कि देवी कूष्मांडा की पूजा कैसे करनी चाहिए, उनका मंत्र क्या है और उन्हें क्या चढ़ाना चाहिए? नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा देवी की पूजा करने के लिए सुबह सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान देवी मां को पीला चंदन, कुमकुम, मूली और अक्षत चढ़ाएं और ऊं बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जाप करते हुए देवी मां को पान का पत्ता चढ़ाएं. नवदुर्गा ग्रंथ (एक प्रतिष्ठित प्रकाशन) के अनुसार इनकी आठ भुजाएं हैं, जिनमें इन्होंने कमण्डल, धनुष–बाण, कमल अमृत कलश चक्र और गदा धारण कर रखा है. इन अष्टभुजा माता के आठवें हाथ में सिद्धियों और निधियों की जप माला है और इनकी सवारी भी सिंह है.  ये स्रुष्टि का निर्माण करनेवाली देवी हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब किसी भी वस्तु का अस्तित्व नहीं था तब कूष्मांडा देवी ने अपनी हंसी से इस सृष्टि का निर्माण किया था.मां कुष्मांडा सिंह की सवारी करती हैं. देवी को प्रसन्न करने के लिए आप सफेद कद्दू की बलि भी  दे सकते हैं. इसके साथ ही देवी को मालपुआ और दही के हलवे का भोग लगाएं. इस प्रकार आप देवी कुष्मांडा की कृपा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. देवी कुष्मांडा की पूजा और आराधना से आरोग्य की प्राप्ति होती है.देवी अपने भक्तों को हर संकट और विपत्ति से दूर कर सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं.साथ ही जो लोग देवी कुष्मांडा की पूजा करते हैं उनके लिए माता कुष्मांडा मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी आसान बना देती हैं.    

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मेष(Aries Horoscope)- परस्पर सूझबूझ से कार्य करें. बड़ों के सानिध्य पर जोर दें. स्वास्थ्य संकेतों के प्रति लापरवाही न दिखाएं. नए संबंधों में सहज दूरी बनाए रखें. महत्वपूर्ण कार्यां में धैर्य दिखाएं. सामंजस्यता बनाए रखें. परिजनों से सीख सलाह रखेंगे. पूर्व मामले उभर सकते हैं. चालाक लोगों के प्रभाव में आने से बचें. स्वास्थ्य की सजगता बढ़ाएंगे. भावुकता पर नियंत्रण बढ़ाएं. नीति नियम बनाए रखेंगे.  वृष(Taurus Horoscope)- प्रबंधकीय प्रयासों में तेजी बनाए रहेंगे.साझा कार्यां और अनुबंधों में सक्रियता दिखाएंगे. निसंकोच आगे बढ़ें. संबंध भुनाएं. विनम्रता बढ़ाएंगे. मित्र संबंधो में घनिष्ठता बढ़ेगी. आवश्यक कार्यां पर जोर देंगे. घर परिवार से करीबी बढ़ेगी.स्थायित्व को बल मिलेगा. फोकस और सहकार बढ़ाएं.धनधान्य में बढ़त रहेगी. बड़प्पन बनाए रखेंगे. मिथुन(Gemini Horoscope)- पेशेवरता व अनुशासन बढाएंगे. रुटीन बेहतर रखेंगे. सेवा कार्यां में गति बनी रहेगी. कामकाज में प्रलोभन से बचेंगे. मेहनत के मामले संवरेंगे. सबसे बनाकर चलें. विपक्ष की सक्रियता बनी रहेगी. सावधानी से आगे बढ़ें. बजट के अनुसार आगे बढ़ेंगे. लेनदेन में स्पष्टता बढ़ाएं.प्रस्तावों को समर्थन मिलेगा. नीति नियमों में सजगता बनाए रहेंगे. कर्क(Cancer Horoscope)- बुद्धिबल और सक्रियता से सभी प्रभावित होंगे. कार्यां को तेजी से पूरा करेंगे. कला कौशल में बेहतर होंगे. बौद्धिक प्रखरता बल पाएगी. सफलता का प्रतिशत अच्छा रहेगा. विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर रहेंगे. सभी प्रभावित होंगे. व्यक्तिगत विषयों में अच्छा करेंगे. मेल मुलाकात में सहज रहेंगे. विभिन्न परिस्थितियों पर नियंत्रण रखेंगे. कार्य विस्तार की योजनाएं आकार लेंगी.  सिंह(Leo Horoscope)- निजी जीवन में रुचि बढ़ाएंगे. घर परिवार से करीबी बढ़ेगी. परिजनों से सीख सलाह बनाए रखें. रहन सहन प्रभावी रहेगा. व्यवहार में सहजता सजगता लाएं. उमंग उत्साह बना रहेगा. स्वार्थ संकीर्णता का त्याग करें. भौतिक वस्तुओं पर फोकस रहेगा. रिश्तों पर जोर रखेंगे.पेशेवर अच्छा करेंगे. भावुकता नहीं दिखाएं.भवन वाहन की खरीदी में रुचि लेंगे. कन्या(Virgo Horoscope)- प्रभावशाली वक्त बना हुआ है. साहस पराक्रम ...

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Shardiye Navratri 2023 3rd Day: आदिशक्ति की उपासना का हर दिन विशेष है. देवी मां के नौ रूप 9 वरदान की तरह हैं. ग्रहों का संकट, जीवन की बाधाएं और मानसिक परेशानियां देवी के आशीर्वाद से फौरन दूर हो जाती हैं. आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है . देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत शांतिदायक और कल्याणकारी है. इनके माथे पर घड़ी के आकार का चंद्रमा है, इसलिए देवी का नाम चंद्रघंटा है. नवरात्रि के तीसरे दिन का महत्व नवरात्रि का तीसरा दिन साहस और आत्मविश्वास पाने का है. इस दिन हर तरह के भय से मुक्ति भी मिल सकती है. इस दिन माता चन्द्रघण्टा की पूजा की जाती है. जिन लोगों की कुंडली में मंगल कमजोर होता है, उनके लिए माता चंद्रघंटा की पूजा विशेष होती है. नवरात्रि के तीसरे दिन विशेष साधना से व्यक्ति निर्भय हो जाता है.  मां चंद्रघंटा की महिमामां चंद्रघंटा के माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. इनके दसों हाथों में अस्त्र शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. इनकी पूजा करने वाला व्यक्ति पराक्रमी और निर्भय हो जाता है. ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है. इनकी आराधना से स्वभाव में भी विनम्रता आती है. मां चंद्रघंटा की पूजा विधि नवरात्रि के तीसरे दिन लाल वस्त्र धारण करके मां चंद्रघंटा की उपासना करना उत्तम होता है. मां को लाल फूल, रक्त चंदन और लाल चुनरी समर्पित करना चाहिए. नवरात्रि के तीसरे दिन मणिपुर चक्र पर "रं" अक्षर का जाप करने से मणिपुर चक्र मजबूत होता है. अगर इस दिन की पूजा से कुछ अद्भुत सिद्धियों जैसी अनुभूति होती है तो उस पर ध्यान न देकर आगे साधना करते रहना चाहिए. नौ दिनों तक चलने वाला यह उत्सव 24 अक्टूबर यानी दशहरे के दिन समाप्त होगा. शारदीय नवरात्रों  को सबसे बड़े नवरात्रों में से एक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी के इस रूप की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और इससे न केवल इस लोक में बल्कि उसके बाद भी परम कल्याण होता है. इनकी पूजा करने से मन को अत्यंत सूक्ष्म ध्वनि सुनाई देती है, जिससे मन को बहुत शांति मिलती है.चूंकि उनका रंग सोने के समान चमकीला है और वह आसुरी शक्तियों को नष्ट करने के लिए सदैव तत्पर रहती हैं, इसलिए जो उनकी पूजा करता है उसे असाधारण शक्ति का भी अनुभव होता है. मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध का प्रयोग लाभकारी माना जाता है.    

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मेष(Aries Horoscope)- आर्थिक विषयों में धैर्य रखें. परिवार के लोगों और समकक्षों का सहयोग मिलेगा. बड़ों का सानिध्य पाएंगे. स्वजनों की सहायता उत्साहित रखेगी. करियर कारोबार में पेशेवरता बनाए रखेंगे. आकस्मिकता बनी रह सकती है. कामकाज पर फोकस बढ़़ाएं. संकोच का भाव रखेंगे.स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगे. तैयारी से आगे बढ़ेंगे.  वृष(Taurus Horoscope)- समय सुधार पर बना हुआ रहेगा. योजनाओं में गति बनाए रखेंगे. औद्योगिक मामले संवरेंगे. दैहिक संकेतों पर ध्यान देंगे. नियमों की अनदेखी से बचें. व्यवस्था पर बल बना रहेगा. लक्ष्य के प्रति समर्पित रहेंगे. स्थायित्व को बल मिलेगा. कार्यों में सक्रियता लाएंगे. मित्र संबंधों में सफलता मिलेगी. मिथुन(Gemini Horoscope)- महत्वपूर्ण गतिविधियों में तेजी दिखाएं. कामकाज पर ध्यान दें. मेहनत से जगह बनाएं. प्रलोभन में न आएं. करियर व्यापार सामान्य बना रहेगा. अनुभवियों की सुनेंगे. स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगे. अकारण हस्तक्षेप से बचें. आस्था विश्वास बनाए रहेंगे. साझीदारी के प्रयास बल पाएंगे. सतर्कता और सजगता से आगे बढ़ें. बड़प्पन से काम लें.  कर्क(Cancer Horoscope)- समय सुधार पर बना हुआ है. लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें. संतान से शुभ समाचार संभव है. मित्रवर्ग अच्छा करेगा. जीत पर जोर रखेंगे. लाभ के अवसर रहेंगे.अफवाह से बचेंगे. बौद्धिक प्रयास बेहतर होंगे.करीबियों के साथ मिलेगा. भ्रमण मनोरंजन पर जाएंगे. नीति नियमों का पालन करेंगे. जरूरी सूचना प्राप्त हो सकती है. सिंह(Leo Horoscope)- सामाजिक प्रयासों में गति बनाए रखेंगे. जरूरी कार्य लंच तक कर लेने का प्रयास रखें. परिवार से करीबी बढ़ाएंगे. निजी मामले पक्ष में बनेंगे. परंपराएं निभाएं. भवन वाहन के मामले हल होंगे. धैर्य धर्म का पालन रखें. रक्त संबंधों को मजबूती मिलेगी. संबंधों में सकारात्मक बढ़ेगी.अपनों को आद...

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Navratri 2nd Day 2023: प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से ही नवरात्रि पर्व प्रारंभ होता है. नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में भक्त पूरे विधि-विधान से देवी मां की पूजा करते हैं और व्रत भी रखते है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में देवी मां हर भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं.आज नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती  हैं. नवदुर्गा ग्रंथ के अनुसार, यहां ’ब्रह्म’ का अर्थ है तप. अर्थात ये तप करनेवाली देवी हैं. नारद जी के कहने पर इन्होंने कई हज़ार वर्षो तक भगवान शिव के लिए तपस्या की थी. तपोमय आचरण करने के फलस्वरूप इनका नाम हो गया ’ब्रह्मचारिणी’. आईए जानते हैं  देवी ब्रह्मचारिणी  की पूजा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें और पूजा विधि मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधिमां दुर्गा का दूसरा रूप मां ब्रह्मचारिणी को सिद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है. इस दिन पूजा के दौरान हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए पूजा के दौरान पीले या सफेद रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें. मां को रोली, अक्षत, चंदन आदि चीजें अर्पित करें. मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें खांड और पंचामृत भी अर्पित कर सकते हैं. माता को गुड़हल और कमल के फूल प्रिय हैं.  मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप?देवी का स्वरूप अति रमणीय और भव्य है. माता के एक हाथ में कमण्डल और एक में जप करने हेतु माला होती है. माता का यह तपोमय रूप सबको अनेक फल देनेवाला है. इनकी उपासना से व्यक्ति के जीवन में सद्गुणों की वृद्धि है. वह मां के आशीर्वाद से कर्तव्य पथ से कभी नहीं हटता. वह प्रत्येक काम में सफलता प...

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मेष(Aries Horoscope)- साझा व्यवसाय में बेहतर निर्णय ले सकेंगे. नेतृत्व क्षमता बल पाएगी. औद्योगिक प्रयासों में गति आएगी. व्यवस्था मजबूत होगी. सूझबूझ से बनाए रखेंगे. संबंधों का लाभ उठाएंगे. अपनों के साथ सुखद समय बिताएंगे. खानपान में सात्विकता रखेंगे. लक्ष्य साधने में सफल होंगे. भूमि भवन के कार्यां को तेजी से पूरा करेंगे. करियर कारोबार में तेजी रखेंगे.  वृष(Taurus Horoscope)- कार्यक्षेत्र में मेहनत से सफलता के संकेत हैं. सूझबूझ और सजगता से काम लेंगे. प्रबंधन में अनुकूलता रहेगी. सेवाभावना मेहनत से जगह बनाए्रंगे. करियर कारोबार में बेहतर प्रदर्शन बनाए रखेंगे. कार्य व्यापार में जिम्मेदारी बढ़ाइ्र जा सकती है. सभी से तालमेल रहेगा. श्रमशीलता बनाए रहेंगे. नौकरी के प्रयास गति लेंगे. व्यापार में अपेक्षित सफलता संभव है. मिथुन(Gemini Horoscope)- इच्छित प्रयास फलित होंगे. लक्ष्य पर फोकस बनाए रहेंगे. बुद्धिबल से सफलता पाएंगे. आर्थिक मामलों में विश्वास बढ़ेगा. अध्ययन अध्यापन में रुचि बनी रहेगी. शै़क्षक गतिविधियां बढ़ेंगी. सजगता एवं सतर्कता बढ़ाएंगे. महत्वपूर्ण मामले पक्ष में बनेंगे. संस्कार परंपराओं में गति आएगी. साझेदारी के मामले पक्ष में बनेंगे.  कर्क(Cancer Horoscope)- भ्रम भटकाव से बचें. परिवार के लोगों से तालमेल बनाए रखें. घर परिवार से करीबी बढ़ेगी. सुख सौख्य में वृद्धि बनी रहेगी. व्यक्तिगत मामले पक्ष में बनेंगे. कार्य व्यवसाय में गति रहेगी. निजी जीवन में रुचि बढ़ेगी. प्रबंधन प्रशासन पक्ष बेहतर रहेगा. पेशेवरता रखेंगे. अनुशासन बढ़ाएंगे. भवन वाहन के मामलों में तेजी आएगी. यात्रा की संभावना है.  सिंह(Leo Horoscope)- आत्मविश्वास बल पाएगा. आर्थिक वाणिज्यिक मजबूती रहेगी. चहुंओर का वातावरण अनुकूल होगा. स्वार्थ संकीर्णता का त्याग करेंगे. उूर्जा और विश्वास से भरे रहेंगे. निसंकोच आगे बढ़ते रहें. संबंधियों से करीबी रहेगी. संपर्क संवाद में रुचि लेंगे. व्यापार व्यवसाय में सफलता पाएंगे. महत्वपूर्ण बात रख पाएंगे. साहस पराक्रम बना रहेगा.  कन्या(Virgo Horoscope)-  कुल कुटुम्ब में अनुकूलन रहेगा. संबंधों में सुधार और श्...

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Shardiya Navratri 2023: मां दुर्गा के नौ दिवसीय त्योहार नवरात्रि आज, 15 अक्टूबर, रविवार से शुरू हो रहा है, और इनका समापन 24 अक्टूबर 2023 को होगा. शास्त्रों में माना जाता है कि जब नवरात्रि के दौरान देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं तो भारी बारिश होने की संभावना होती है.  नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों को समर्पित हैं. पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. माता शैलपुत्री हिमालय राज्य की पुत्री हैं. पर्वतराज हिमालय के यहां उत्पन्न होने के कारण यह देवी शैलपुत्री कहलाईं.पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू होता है, जो इस माह की नवमी तिथि को समाप्त होता है. इस साल शारदीय कथा रविवार 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है. नराते की अष्टमी 22 अक्टूबर और नौमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी. नौ दिनों तक चलने वाला यह उत्सव 24 अक्टूबर यानी दशहरे के दिन समाप्त होगा. शारदी नरातों को सबसे बड़े नरातों में से एक माना जाता है. शारदीय कथा के पहले दिन घटस्थापना की जाती है जिसका एक मुहूर्त होता है. वर्ष में 4 बार नैरात आते हैं- माघ, चेत, आषाढ़ और अस्सु महीने. अस्सू के नरातों को शारदिया नरातों के नाम से जाना जाता है. नराते के वातावरण से नकारात्मकता का अंत होता है. शारदीय कथाएं मन में उत्साह और आनंद को बढ़ाती हैं. संसार की सारी शक्ति स्त्री या स्त्री रूप में ही है, इसलिए कथा में माँ की ही पूजा की जाती है और माँ को शक्ति का रूप कहा जाता है, इसलिए इसे शक्ति कथा भी कहा जाता है. इस दौरान मां की उपासना के लिए जगराता, गरबा, पूजा, पाठ, मंत्र जाप, भजन किए जाते हैं. शारदीय नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है. देवी के आगमन पर लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं भेजते हैं. हम आपके लिए इस साल नवरात्रि की कुछ चुनिंदा शुभकामनाएं लेकर आए हैं जो आप माता रानी के भक्तों को भेजकर उन्हें नवरात्रि की बधाई दे सकते हैं.