LIVE TV
. . .
Punjab Chandigarh National Entertainment Sports Other News Photo Gallery Video Gallery Web Stories International News Hindi News Health Technology Business

Shardiya Navratri 2023: कन्या पूजन किस दिन करें ? जानें अष्टमी और नवमी की सही तारीख

k25

Navratri Kanya Pujan 2023: शारदीय नवरात्रि खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. 21 अक्टूबर को महासप्तमी, 22 अक्टूबर को महाअष्टमी और 23 अक्टूबर को महानवमी है. 24 अक्टूबर 2023 को विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा.
नवरात्रि का त्योहार कन्या पूजन के बिना अधूरा माना जाता है. कन्या पूजा में छोटी-छोटी बालिकाओं का पूजन और उन्हें भोजन कराने के बाद ही व्रत-पूजा संपन्न मानी जाती है. ये बालिकाएं देवी दुर्गा का स्वरूप होती है. जानें इस साल कन्या पूजन की डेट, मुहूर्त और महत्व.

अष्टमी या नवमी कन्या पूजा कब करें ? (Kanya Puja Kab Kare)
शास्त्रों के अनुसार वैसे तो नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने पर ही कन्या पूजन किया जाता है और उसके बाद ही व्रत पारण करते हैं लेकिन जो लोग अष्टमी पर अपनी कुलदेवी का पूजन करते हैं वह महाष्टमी पर कन्या पूजन कर सकते हैं. नवरात्रि में अष्टमी-नवमी दोनों दिन मुख्य माने गए हैं. कन्या पूजा करने से देवी दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं और अन्न-धन्य के भंडार भरती हैं.

अष्टमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त(Mahashtami kanya pujan 2023 Muhurat)
22 अक्तूबर को दुर्गा अष्टमी है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक है. ऐसे में आप 22 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से कन्या पूजन कर सकते हैं.

महानवमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त(MahaNavami kanya pujan 2023 Muhurat)
इस साल महानवमी 23 अक्तूबर को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शाम 05 बजकर 14 मिनट तक है. वहीं रवि योग पूरे दिन है. ऐसे में आप 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 27 मिनट के बाद से कन्या पूजन कभी भी कर सकते हैं.

कन्या पूजन विधि (Kanya pujan Vidhi)
- दुर्गाष्टमी या महानवमी, जिस दिन भी आप कन्या पूजन करना चाहते हैं उस दिन सबसे पहले मां दुर्गा की पूजा करें.
- कन्या पूजन के  दिन सम्मान पूर्वक 2-10 साल तक की 9 कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें. जब कन्या घर पर पधारती हैं, तो स्वागत करते हुए उनके चरण धोएं और उन्हें उचित स्थान पर बैठाएं. 
- इसके बाद कन्याओं के माथे पर अक्षत और कुमकुम लगाएं. चुनरी ओढ़ाएं. भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा या उपहार दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें विदा करें. 
- इसके बाद ही आप भोग का प्रसाद खाएं.

 

In The Market