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Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा जाता है मां दुर्गा का 'ब्रह्मचारिणी' रूप , जानें कथा,पूजा विधि और महत्व

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Navratri 2nd Day 2023: प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से ही नवरात्रि पर्व प्रारंभ होता है. नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में भक्त पूरे विधि-विधान से देवी मां की पूजा करते हैं और व्रत भी रखते है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में देवी मां हर भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं.आज नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती  हैं.

नवदुर्गा ग्रंथ के अनुसार, यहां ’ब्रह्म’ का अर्थ है तप. अर्थात ये तप करनेवाली देवी हैं. नारद जी के कहने पर इन्होंने कई हज़ार वर्षो तक भगवान शिव के लिए तपस्या की थी. तपोमय आचरण करने के फलस्वरूप इनका नाम हो गया ’ब्रह्मचारिणी’. 
आईए जानते हैं  देवी ब्रह्मचारिणी  की पूजा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें और पूजा विधि

मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि
मां दुर्गा का दूसरा रूप मां ब्रह्मचारिणी को सिद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है. इस दिन पूजा के दौरान हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए पूजा के दौरान पीले या सफेद रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें. मां को रोली, अक्षत, चंदन आदि चीजें अर्पित करें. मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें खांड और पंचामृत भी अर्पित कर सकते हैं. माता को गुड़हल और कमल के फूल प्रिय हैं.

 मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप?
देवी का स्वरूप अति रमणीय और भव्य है. माता के एक हाथ में कमण्डल और एक में जप करने हेतु माला होती है. माता का यह तपोमय रूप सबको अनेक फल देनेवाला है. इनकी उपासना से व्यक्ति के जीवन में सद्गुणों की वृद्धि है. वह मां के आशीर्वाद से कर्तव्य पथ से कभी नहीं हटता. वह प्रत्येक काम में सफलता प्राप्त करता है. इस दिन तपस्वी का मन स्वाधिष्ठान में स्थित रहता है. 

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