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Relationship Tips: रिश्ते को निभाने के लिए प्यार के साथ-साथ समझ, विश्वास और कोशिश करते रहने की क्षमता भी होनी चाहिए. पार्टनर्स को एक दूसरे को समझने के साथ ही विश्वास करना होता है और रिश्ता निभाने के लिए अपनी अपनी कोशिशें जारी रखनी होती हैं. कई रिलेशनशिप में पार्टनर अधिक भावुक होते हैं. पार्टनर को पता ही नहीं होता कि उनका साथी किस बात पर नाराज हो जाएं, इसलिए उसकी भावनाओं और रिशते को संभालने की पूरी जिम्मेदारी एक के ऊपर आ जाती है. लेकिन कुछ आसान तरीकों से आप अपने अधिक इमोशनल पार्टनर को संभाल सकते हैं और रिश्ते को भी निभा सकते हैं. चलिए जानते हैं कि रिलेशनशिप में अधिक भावुक साथी को कैसे संभालते है.  पार्टनर की भावनाएं समझेंअगर आपका साथी भावुक है तो उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें. आपके किस व्यवहार पर उनका क्या रिएक्शन होता है? पार्टनर किन बातों पर भावुक हो सकता है? आराम से बैठकर इन बातों को समझने की कोशिश करें. उनकी भावुकता पर चिढ़ने के बजाए नरमता से बात करें. गुस्से पर नियंत्रण रखेंअक्सर भावुक पार्टनर के व्यवहार पर लोग इरेटेट होने लगते हैं. हो सकता है आप उनको उनका रोना या भावुक होना अच्छा न लग रहा हो लेकिन उन्हें शांत कराने के लिए चिल्लाना या गुस्सा करना काम नहीं आएगा. भावुक होने पर रोना उनके व्यवहार की प्रवृत्ति हो सकती है, जिसे वह चाह कर भी नहीं रोक पाते लेकिन आप नाराज होने के बजाए उनको संभाल सकते हैं. अगर प्यार से और आराम से बैठ कर समझाएंगे तो वह भी अपने भावुकता पर कंट्रोल कर पाएंगे. पार्टनर की बातों को सुनेंभावुक शख्स अगर आपसे कोई बात कह रहा है, तो उनकी बात को सुने और समझें. उनकी बातों को अहमियत दें. हो सकता है कि वह अपनी भावुकता में मन में दबी कई बातें आपसे कह दें और आपको उनकी नाराजगी की वजह पता चल जाए.  प्यार से सुधरेगी बिगड़ी बातरिश्ते में प्यार का सबस अहम रोल होता है. पार्टनर भावुक हो या गुस्से में हो, आप उन्हें प्यार से ट्रीट करेंगे तो वह भी आपकी आपके प्यार के सामने कमजोर पड़ जाएंगे. पार्टनर की पसंद न पसंद का ध्यान रखें. छोटी-छोटी चीजों से उन्हें खुश रखने का प्रयास करे.

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Magh Month 2024: पौष पूर्णिमा के बाद हिंदू कैलेंडर का 11वां महीना माघ शुरू हो जाएगा. माघ का महीना पहले माध का महीना कहलाता था "माध" जो श्री कृष्ण के  "माधव" स्वरूप से सम्बंधित है. माघ मास में किए गए कार्यों का फल कई जन्मों तक मिलता है. यही वजह है कि माघ महीने में श्रीकृष्ण, सूर्य देव की पूजा, गंगा स्नान, जरुरतमंदों को दान देने का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं माघ माह कब शुरू हो रहा है, क्या है इसका महत्व. माघ माह 2024 कब होगा शुरूमाघ महीना 26 जनवरी 2024 से शुरू हो रहा है. इसकी समाप्ति 24 फरवरी 2024 को माघ पूर्णिमा पर होगी. माघ महीने में प्रयागराज में संगम तट पर गंगा स्नान करने का विधान है, इससे कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है. लोग यहां एक माह तक कल्पवास करते हैं. माघ महीने के नियम- माघ में देर तक न सोए, रोजाना स्नान करें. तला भोजन न करें. बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोएं.- माघ माह में अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, कंबल, घी, गीता, गेहूं, जल का दान, सोना दान करने के समान माना गया है.- माघ माह में तिल का 6 तरीके उपयोग करना चाहिए. तिल से स्नान, सेवन, दान, उबटन लगाना, तिल से हवन, तिल का भोग लगाएं. पुराणों के अनुसार ऐसा करने पर आरोग्य, ऐश्वर्य, धन प्राप्त होता है.- माघ मास का संबंध श्रीकृष्ण के माधव स्वरुप से है, ऐसे में रोज कान्हा की पूजा करनी चाहिए. प्रतिदिन मधुराष्टक का पाठ करने से दोष समाप्त होते है. वहीं गीता पाठ करने से घर में सुख-शांति आती है.

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मेष(Aries Horoscope)- मेहनत पर भरोसा बढ़ाएंगे. पेशेवर व्यस्तता बनी रहेगी. करियर कारोबार में सावधानी बरतेंगे. न्यायिक मामलों में धैर्य रखेंगे. वाणिज्यिक विषयों में जल्दबाजी न दिखाएं. आवश्यक जानकारी जुटाएंगे. विस्तार योजनाएं गति लेंगी.व्यक्तित्व प्रभावी बना रहेगा. प्राथमिकता सूची बनाकर कार्य करेंगे. वैदेशिक प्रयास गति लेंगे. रिश्तेदारों का समर्थन पाएंगे. निवेश बढ़ाएंगे. खर्च बढ़ा हुआ रहेगा. वृष(Taurus Horoscope)- चर्चा में प्रभावी रहेंगे. उद्योग व्यापार में शुभता बढ़ेगी. लाभ पर फोकस रखेंगे. पेशेवर गतिविधियों को पूरा करेंगे. साख प्रभाव बढ़त पर रहेगा. अपनों से सामंजस्य रखेंगे. सभी का भरोसा जीतेंगे. विभिन्न विषय पक्ष में रहेंगे. प्रबंधन संवरेगा. सोच बड़ी बनाए रखेंग लाभ और प्रभाव में वृद्धि होगी. आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी. करियर व्यापार को मजबूती मिलेगी. परिणामों से उत्साहित रहेंगे. मिथुन(Gemini Horoscope)- प्रबंधन प्रशासन के कार्यां में तेजी आएगी. कारोबारी यात्रा की संभावना रहेगी. पैतृक कार्यां में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. अनुभवियों से सलाह समर्थन पाएंगे. पद प्रतिष्ठा को बल मिलेगा. श्रेष्ठ कार्यां को आगे बढ़ाएंगे. सफलता प्रतिशत उूंचा रहेगा.गंभीर विषयों में रुचि रहेगी. सामंजस्य बढ़ाएंगे. बड़प्पन रखेंगे बड़़ों की मदद से परिणाम पाएंगे. मीटिंग्स में प्रभावी रहेंगे. करियर व्यापार लाभ में रहेंगे. कर्क(Cancer Horoscope)- चहुंओर सफलता का परचम बना रहेगा. परिस्थितियों में तेज सुधार होगा. अवरोध दूर होंगे. स्वास्थ्य सुधार पाएगा. लाभ प्रभाव बढ़त पर रहेंगे. संपर्क संवाद का लाभ उठाएंगे. सामाजिक आयोजनों में शामिल होंगे. घर परिवार में शुभता का संचार रहेगा. संबंध संवरेंगे. शारीरिक समस्याएं दूर होंगी. सुखद सूचना प्राप्त हो सकती है. लोककल्याण के कार्य करेंगे. पेशेवर पक्ष मजबूत होगा.  सिंह(Leo Horoscope)- नीति नियम अपनाएं. सजगता से आगे बढ़ेंगे. स्थिति समझकर आगे बढ़ने का प्रयास रहेगा. आवश्यक कार्या में धैर्य दिखाएंगे. कामकाज प्रभावित रह सकता है. अनुशासन व निरंतरता रखेंगे. स्मार्ट डिले की नीति अपनाएंगे. लापरवाही से बचेंगे. लेनदेन में सजग रहेंगे. व्यवस्था पर नियंत्रण बनाए रखें. स्वास्थ्य के मामले में ढिलाई न दिखाएं. जोखिमपूर्ण कार्य टालें. रुटीन संवारें. कन्या(Virgo Horoscope)- महत्वपूर्ण कार्यां को आगे बढ़ा सकेंगे. निर्माण से जुडे़ जन अच्छा करेंगे. नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. करीबियों का भरोसा जीतेंगे. नेतृत्व बल पाएगा. टीम भावना बनाए रखें. सबको जोड़ने में सफल होंगे. दाम्पत्य जीवन में मिठास बढ़ेगी. स्थायित्व बल पाएगा. भिम भवन के मामले बनेंगे. प्रयासों में तेजी लाएंगे. रुटीन बेहतर रखेंगे. व्यापार संवरेगा.  तुला(Libra Horoscope)-कामकाज में ढिलाई से बचें. पेशेवर चर्चाओं में धैर्य बढ़ाएं. लेनदेन में स्पष्ट रहें. उधार से बचें. कार्यगति अपेक्षा के अनुरूप रहेगी. आवश्यक विषयों में सजगता बनाए रखेंगे. बड़ी सोच रखेंगे. जिम्मेदारियों को निभाएंगे. अवसरों का लाभ उठाएंगे. रुटीन पर फोकस रखेंगे. बहस से बचें. व्यवस्था को मजबूती दें. प्रलोभन में न आएं. कर्मठता से काम लेंगे. प्रबंधन का सम्मान करेंगे. सेवा भावना को बल मिलेगा. नौकरीपेशा बेहतर प्रदर्शन करेंगे. वृश्चिक(Scorpio Horoscope)- शि़क्षा और प्रशिक्षण में रुचि बढ़ेगी. कामकाजी परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव लाएंगे. उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन करेंगे. परीक्षा प्रतियोगिता में प्रभावी रहेंगे. सभी प्रभावित होंगे. आत्मविश्वास बढ़ेगा. अवसरों का लाभ उठाने की सोच रखेंगे. स्वार...

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Married Life Tips : शादी के बाद अपने रिश्ते को कैसे चलाना है, यह पूरी तरह पति-पत्नी पर निर्भर करता है. अक्सर शादी के बाद छोटी-छोटी बातों पर झगड़े शुरू हो जाते है. जिसके बाद अनबन बड़े झगड़े का रूप ले लेती हैं. एक तरफ जहां महिलाएं खुद को घर-परिवार में ढाल लेती हैं, तो वहीं पुरुष इन लक्षणों के साथ सहज होते जाते हैं, जिसके कारण वह चाहकर भी अच्छे पति नहीं बन पाते. ऐसे में हम आपको पुरुषों की उन आदतों के बारे में जिनकी वजह से वे अच्छे पति नहीं बन पाते हैं. पत्नी का सम्मान न करनाअपनी पत्नी के लिए अपशब्दों का उपयोग करना उसका अपमान करना होता है. इतना ही नहीं, अगर आपका यही व्यवहार दूसरों के सामने भी रहता है, तो समझ लीजिए कि आप अपने पार्टनर का जरा भी सम्मान नहीं करते हैं. अपने रिश्ते में प्यार और विश्वास बनाए रखने के लिए पार्टनर का सम्मान करना जरूरी है. बाहर रिश्ता बनानाएक शादीशुदा रिश्ता में तब दरार आने लगती है, जब पति अपनी पत्‍नी को छोड़ किसी दूसरी महिला के प्यार में पड़ता है. आपके पति की इस तरह की हरकतें, इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि अब उनकी शादी ज्‍यादा दिन तक नहीं चल सकती है. जब आप अपनी पत्नियों से मिलने वाली अंतरंगता कहीं और तलाश करना शुरू कर देते हैं या अपनी पत्नियों की तुलना किसी अन्य महिला से करते हैं, तो आप चाहकर भी कभी अच्छा पति नहीं बन सकते. बात करने का गलत लहजापति-पत्नी को एक-दूसरे की जरूरत होती है. दोनों का एक-दूसरे के बगैर रहना मुश्किल है. लेकिन बहुत बार देखा गया है है कि पति काम के तनाव के कारण अपनी पत्नी पर गुस्सा जाहिर कर देते हैं या उनसे ठीक तरीके से बात नहीं करते हैं, जोकि बहुत गलत है. पत्नी की बातों पर ध्यान न देनाआपका रिश्ता कैसा है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप एक-दूसरे से कितनी बात करते हैं. एक-दूसरे की बातों को कितना समझते हैं.लेकिन शादीशुदा रिश्तों में ऐसा कम ही हो पाता है. बहुत सी पत्नियों की शिकायत होती है कि उनके पति उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं. जब पति आपके लिए वक्त ही ना निकाले, तो नो डाउट किसी को भी परेशानी महसूस हो सकती है.  ...

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Paush Purnima 2024: पौष का महीना चल रहा है, पौष माह के शुक्ल पक्ष का आखिरी दिन पूर्णिमा कहलाएगा. साल 2024 में 12 पूर्णिमा के व्रत रखे जाएगे. मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से पूरे महीने की पूजा, पाठ, तप करने के समान फल प्राप्त होता है, मां लक्ष्मी सालभर मेहरबान रहती हैं.पौष महीने की पूर्णिमा मोक्ष देती है. आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा 2024 की डेट, स्नान-दान मुहूर्त और महत्व. पौष पूर्णिमा 2024 डेटनए साल की पहली पूर्णिमा में पौष पूर्णिमा 25 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी.  इस दिन प्रयागराज में माघ मेले का दूसरा स्नान किया जाएगा. पौष पूर्णिमा से त्रिवेणी संगम पर लोग एक माह तक कल्पवास करते हैं. पौष पूर्णिमा 2024 मुहूर्तपंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा तिथि 24 जनवरी 2024 को रात 09 बजकर 49 मिनट  से शुरू हो रही है. अगलते दिन यानी कि 25 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 23  मिनट पर पौष पूर्णिमा का समापन होगा. पौष पूर्णिमा पर घर में सत्यनारायण की कथा का विधान है. पौष पूर्णिमा का महत्वपौष का महीना सूर्य देव का महीना होता है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि होती है, ऐसे में सूर्य और चंद्रमा का यह संगम इंसान की सभी मनोकामना को पूरा करता है और उसके जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है. मान्यता है पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी साक्षात पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तजनों को सुख-समृद्धि और धन का आशीर्वाद देती हैं. इस दिन घर में विष्णु जी, लक्ष्मी जी और शिव जी की पूजा करना शुभ फल प्रदान करता है.

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Pongal 2024: उत्तर भारत में जब सूर्य उत्तराणय होते हैं तो पोंगल मनाया जाता है. ये त्योहार दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है.मकर संक्रांति और लोहड़ी की तरह पोंगल भी फसल और किसानों का त्योहार है. तमिलनाडु में नए साल की शुरुआत भी पोंगल के त्योहार से ही होती है. यह त्योहार चार दिन तक मनाया जाता है. इस साल पोंगल का त्योहार 15 जनवरी से लेकर 18 जनवरी तक मनाया जाएगा.  पोंगल का महत्व यह त्योहार तमिल महीने 'तइ' की पहली तारीख से शुरू होता है. इस त्योहार में इंद्र देव और सूर्य की उपासना की जाती है. पोंगल का त्योहार संपन्नता को समर्पित है. पोंगल में समृद्धि के लिए वर्षा, धूप और कृषि से संबंधित चीजों की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन किसान प्रकृति का आभार प्रकट करने के लिए इंद्र, सूर्य, गाय और बैलों की पूजा करते हैं. पोंगल का त्योहार 4 दिन का क्यों? पोंगल का त्योहार तमिलनाडु में पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के पहले दिन को 'भोगी पोंगल' कहते हैं, दूसरे दिन को 'सूर्य पोंगल', तीसरे दिन को 'मट्टू पोंगल' और चौथे दिन को 'कन्नम पोंगल' कहते हैं. पोंगल के हर दिन अलग-अलग परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन किया जाता है. कैसे मनाया जाता है पोंगल? -  पोंगल के पहले दिन लोग सुबह स्नादि के बाद नए वस्त्र पहनते हैं. - दूध, चावल, काजू और गुड़ की चीजों से पोंगल का प्रसाद बनाकर सूर्य देव को भोग लगाते हैं. पूजा के बाद लोग एक दूसरे को पोंगल की बधाई देते हैं. - किसान इस दिन अपनी बैलों को स्नान कराकर उन्हें सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं. - इस दिन घर में पड़ी पुरानी और खराब वस्तुओं की होली भी जलाई जाती है और नई वस्तुओं को घर लाया जाता है. पोंगल के पर्व से पहले अपने घरों को खासतौर पर सजाया जाता  हैं....

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मेष(Aries Horoscope)- आर्थिक निर्णय लेने में सहज रहेंग. तैयारी और अनुभव के साथ आगे बढ़ेंगे. अच्छे वाणिज्यिक लाभ की संभावना बनी रहेगी. व्यावसायिक उन्नति के अवसर बढ़ेंगे. आय के एक से अधिक स्त्रोत रहेंगे. मामलों की अनदेखी व लापरवाही से बचेंगे.करियर व्यापार में सकारात्मक परिणाम बनेंगे. लक्ष्य पर फोकस बढ़ाएंगे. रुके हुए मामलों में गति बनाएंगे.   वृष(Taurus Horoscope)- करियर कारोबार से संबंधित जिम्मेदारों से नजदीकी बढ़ाएंगे. कार्यों में गति आएगी. लक्ष्यों को पूरा करेंगे. सभी के प्रति सहयोग का भाव रखेंगे. धैर्य धर्म से काम लेंगे. लोगों को जोड़ने में सफल होंगे. प्रतिस्पर्धा का भाव रहेगा. मित्र सहयोगी होंगे. प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप रहेगा. करियर कारोबार के मामले सधेंगे.  मिथुन(Gemini Horoscope)- भाग्यकारक समय बना हुआ है. हितलाभ में वृद्धि बनी रहेगी. उल्लेखनीय प्रदर्शन करेंगे. चहुंओर शुभता का संचार रहेगा. व्यापार व्यवसाय बेहतर रहेंगे.  मित्रों और सहकर्मियों का साथ पाएंगे. लक्ष्य तेजी से पूरे होंगे. इच्छित कार्य बनेंगे. प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. लेनदेन में सहजता बढ़ाएंगे. यात्रा संभव है. अच्छे समय का अधिकाधिक लाभ उठाएंगे.  कर्क(Cancer Horoscope)- अपनों को साथ लेकर आगे बढ़ते रहने का समय है. सूझबूझ और सजगता से आवश्यक कार्य बनेंगे. धैर्य धर्म का पालन बनाए रखेंगे. विभिन्न क्षेत्रों में अप्रत्याशित परिणाम बन सकते हैं.विभिन्न कार्यों में सूझबूझ दिखाएं. चर्चाएं पक्ष में रहेंगी. बड़प्पन बनाए रखेंगे. खानपान और सेंहत देखें.पेशेवर रिश्ते संवरेंगे. करियर मजबूत रहेगा.  सिंह(Leo Horoscope)- महत्वपूर्ण मामलों में सरलता से आगे बढ़ेंगे. निजी विषयों में सक्रियता बढ़ाएंगे. उद्योग व्यापार अच्छा रहेगा. वचन के पक्के रहेंगे. नेतृत्व क्षमता का विकास होगा. सीख सलाह का लाभ उठाएंगे. संपर्क बेहतर रहेगा. फोकस बढ़ाएंगे. मित्रों का साथ सहयोग बना रहेगा. शुभ सूचनाओं से उत्साहित रहेंगे. जल्दबाजी में निर्णय लेने से ब...

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Marriage Tips: शादी को लेकर अक्सर एक बात कही जाती है कि जो शादी करे वह पछताए और जो न करे वह भी पछताए.यदि आप अपने साथी के साथ खुशहाल जीवन बिता रहे हैं, तो आपको हमेशा रिश्ते को और मजबूत करने के लिए प्रयास करना चाहिए. यहां कुछ बातें हैं जो कपल्स को हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए. ऐसे में हम आज आपको शादी से जुड़ी कुछ खास टिप्स बताने जा रहे है. जिसे जानकर आप काफी गंभीरतापूर्वक शादी का फैसला ले पाएंगे.यहां कुछ बातें हैं जो कपल्स को हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए. - रिश्ते में एक दूसरे के अवगुणों को स्वीकार करने की कला होनी चाहिए. जिन्हें हम अपने जीवन में चाहते हैं, उन्हें उसी रूप में स्वीकार करना सीखना चाहिए और उन्हें बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए.  - अपने साथी के साथ अच्छे से बाते करना सीखें. रिश्ते को बेहतर तरीके से चलाने के लिए स्पष्टता आवश्यक है. रिश्ते में साथी के साथ झगड़ा करने से कभी भी हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. इसलिए, सीमाओं के भीतर रहकर अपने असहमतियों को शानदार तरीके से बोलना आना सीखें. - यदि आप साथ रह रहे हैं तो दोनों को आपस में बराबर के काम बांट लेने चाहिए. जैसे कि एक व्यक्ति घरेलू काम करेगा और दूसरा बाहरी काम करेगा. हर विषय पर एक दुसरे से  खुलकर बातचीत करें.  - रिश्ते में हमेशा शारीरिक संबंध को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि कभी-कभी इसकी कमी के कारण रिश्ता उबाऊ हो सकता है. आप अपने व्यस्त जीवन में कितने ही व्यस्त क्यों ना हों, हफ्ते में कुछ समय निकालना चाहिए. ...

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Makar Sankranti 2024: इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. इस बार की मकर संक्रांति बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन सालों बाद कुछ दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है जिससे कुछ राशियों के अच्छे दिन शुरू होंगे. मकर संक्रांति का दिन सूर्य की पूजा के लिए विशेष होता है. ऐसे में इस दिन विशेष राशियों का भाग्य सूर्य की तरह चमक उठेगा. इस दिन 77 वर्षों के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है जिससे कुछ राशियों के अच्छे दिन शुरू होंगे. आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति के दिन किन राशियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा.  मकर संक्रांति 2024 से इन राशियों को लाभ (Makar Sankranti 2024 Lucky Rashiyan)  सिंह राशि- मकर संक्रांति पर सूर्य का उत्तरायण आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. ये योग करियर में आपको सफलता के साथ संपन्नता भी प्रदान करेगे. नौकरी करने वाले लोगों के कार्य में वृद्धि होगी, नई जिम्मेदारियां मिलेंगी जो लंबे समय तक शुभ परिणाम दे सकती हैं. व्यापार में बढ़ोत्तरी के प्रबल योग है. वैवाहिक जीवन में खुशियां लौटेंगी और लव पार्टनर से रिश्ते मधुर होंगे.  मेष राशि- मकर संक्रांति पर सूर्य मेष राशि के 10वें भाव में प्रवेश करेंगे.ऐसे में मकर संक्रांति पर बन रहे शुभ संयोग का आपको धन और प्रतिष्ठा में लाभ देगा. कार्यक्षेत्र में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा. उन्नति में आ रही बाधाएं दूर होंगी. सैलेरी में वृद्धि के संकेत हैं. बिजनेस में पार्टनरशिप के काम में कामयाबी मिलेगी.  मीन राशि- मीन राशि वालों के लिए मकर संक्रांति बहुत लाभदायी रहेगी. लंबे समय से व्यापार को लेकर चल रही डील फाइनल हो सकती है. लव लाइफ भी पहले से और बेहतर होगी. वर्कप्‍लेस पर बहुत ही बेहतरीन माहौल रहेगा, लोग आपके काम की तारीफ करेंगे. नौकरी के संबंध में अच्‍छा प्रस्‍ताव मिल सकता है....

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Shiv Puran: शिव पुराण 18 पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान शिव की लीलाओं और कथाओं का वर्णन मिलता है. इस पुराण में शिव जी की महिमा को कथाओं के रूप में बताया गया है.ऐसे में यदि आप शिव पुराण का पाठ करते हैं तो इससे आपको अनगिनत लाभ मिल सकते हैं, लेकिन इसके कुछ जरूरी नियमों को भी जानना जरूरी है.शिव पुराण में शिवजी के रूपों, लीलाओं और कथाओं का वर्णन किया गया है. कथाओं के माध्यम से इसमें शिवजी की महिमा का उल्लेख किया गया है. धार्मिक मान्यता है कि, जो व्यक्ति शिव पुराण की कथा को पढ़ता या सुनता है उसके समस्त दुख दूर होते हैं परिवार पर शिवजी का आशीर्वाद बना रहता है. शिव पुराण का पाठ करने के कई लाभ होने के साथ ही इसके कुछ जरूरी नियम भी है, जिसे जानना जरूरी है. शिव पुराण के लाभ (Benefits of Shiv Purana)- संतानहीन लोगों को संतान प्राप्ति के लिए शिव पुराण की कथा जरूर पढ़नी चाहिए.- ऐसे साधक जो गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं, उन्हें भी इसका पाठ करना चाहिए या श्रवण करना चाहिए.- शिव पुराण की कथा पढ़ने या सुनने से साधक को शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है.- शिव पुराण में ऐसा कहा गया है कि, शिव पुराण को महज सुनने मात्र से ही व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. ध्यान रखें ये जरूरी नियम(Rules of Shiv Purana)- शिव पुराण की कथा कई दिनों तक चलती है. ऐसे में दिन के जितने समय आप कथा का श्रवण कर रहे हैं उस समय तक निराहार रहना चाहिए. - साथ ही पाठ का संकल्प लेने वाले व्यक्ति को पाठ पूरा होने तक एक समय ही भोजन करना चाहिए. - इस बात का ध्यान रखें कि भोजन सात्विक होना चाहिए.  - जितने दिनों तक शिव पुराण की कथा श्रवण कर रहे हों उतने समय तक बासी भोजन, मसूर की दाल, गाजर, हींग, लहसुन, प्याज, सेम, मांस और शराब आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए....

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Ram Navami 2024: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है. साल 2024 में 17 अप्रैल को राम नवमी है. शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का अवतरण हुआ था. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्री राम की पूजा करने से व्यक्ति विशेष के जीवन में व्याप्त दुख और संकट हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं. साथ ही प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइए, राम नवमी की पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं. राम नवमी 2024 डेट (Ram Navami 2024 Date)नए साल में राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन चैत्र नवरात्रि का समापन भी होता है. इस दिन मंदिरों में राम जी के बाल रूप का भव्य अभिषेक और श्रृंगार होता है और घरों में राम जी के जन्मोत्सव पर राम भजन गाए जाते हैं. राम नवमी 2024 मुहूर्त (Ram Navami 2024 Muhurat)पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी. राम नवमी पर भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था. राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 11.08 - दोपहर 01:36अवधि - 2 घंटे 28 मिनटरवि योग - पूरे दिन राम नवमी महत्व (Ram Navami Significance)श्रीराम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं. राम नवमी पर भगवान राम की पूजा करने से यश और वैभव की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख समृद्धि हमेशा रहती है. मान्यता है कि राम नवमी के दिन शुभ मुहूर्त में किए गए काम सिद्ध हो जाते हैं. इस दिन घर में रामायण का पाठ या राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से ग्रहों की अशुभता से राहत मिलती है. राम नवमी की पूजा विधि (Ram Navami Puja Vidhi)- राम नवमी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान के बाद भगवान राम की पूजा अर्चना करें. - मंत्र का 108 बार जाप करें. घर की छत पर ध्वजा लगाएं और फिर घर में सुंदरकांड का पाठ करें.- भगवान को पीले रंग के फूल, वस्त्र, चंदन आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं, भोग में तुलसी पत्र डालकर प्रसाद अर्पित करें. श्रीराम  और श्रीरामचरितमानस की पूजा करें.- राम नवमी पर नवरात्रि का समापन होता है ऐसे में इस दिन हवन करना न भूलें. परिवार सहित सभी देवी-देवताओं के निमित्त हवन कुंड में आहुति दें फिर अंत में आरती करें....

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Makar Sankranti 2024 Date: मकर संक्रान्ति हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है. यह पर्व पूरे भारत में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है जब भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रान्ति को मनाया जाता है. यह त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 14 जनवरी को मनाया जाता है पर कभी-कभी यह त्योहार 15 जनवरी को भी पड़ता है. सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. मकर संक्रांति शुभ संयोग (Makar Sankranti 2024 Shubh Sanyog) 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर 77 सालों के बाद वरीयान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है. इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान रहेंगे. वरीयान योग.- 15 जनवरी को यह योग प्रात: 2 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा रवि योग- 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा सोमवार- पांच साल बाद मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में सूर्य संग शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा. मकर संक्रांति पूजन विधि (Makar Sankranti 2024 Pujan Vidhi) - इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. - श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. - - -भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का - -दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है. मकर संक्रांति के दिन करें ये खास उपाय (Makar Sankranti 2024 Upay)  - मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य देव को चढ़ाए जाने वाले जल में तिल अवश्य डालें. ऐसा करने से ...

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Swami Vivekananda Jayanti 2024: आज 12 जनवरी को भारत के महान आध्यात्मिक गुरु और सबसे बड़े युवा आइकन स्वामी विवेकानन्द की जयंती है. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. स्वामी विवेकानंद श्रीरामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. विवेकानंद बहुत कम उम्र में ही संन्यासी बन गए थे. स्वामी विवेकानंद ने 19वीं शताब्दी के अंत में विश्व मंच पर हिंदू धर्म को एक मजबूत पहचान दिलाई थी. स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जिन्हें नरेन के नाम से भी जाना जाता है. बहुत कम उम्र में ही उनका झुकाव अध्यात्म की तरफ हो गया था. स्वामी विवेकानंद आज भी करोड़ों युवाओं की प्रेरणा हैं. इनके विचारों में जीवन जीने की कला और कामयाब होने के सूत्र छिपे हैं. आइए जानते हैं कि स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक विचारों के बारे में.  - जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं हैं, बल्कि जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है. -  जिस समय जिस काम का संकल्प करो, उस काम को उसी समय पूरा करो, वरना लोग आप पर विश्वास नहीं करेंगे. - खुद को कभी कमजोर न समझो, क्योंकि ये सबसे बड़ा पाप है.- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते. - जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी. - लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो...

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Healthy Relation Tips: रिश्ते न तो एक दिन में बनते हैं और न ही एक दिन में खत्म होते हैं. यदि हम किसी के साथ लंबे समय से रिश्ते में है और  लगातार लापरवाही बरत रहे हैं, एक दूसरे को अनदेखा कर रहे हैं तो इस से  आपके रिश्ते में  दूरी आ सकती है. किसी भी रिश्ते में एक बार दूरी आ जाए तो फिर सब कुछ पहले जैसा नहीं रहता. अगर आप अपने संबंध में विश्वास और प्रेम को वापस लाना चाहते हैं. आज हम आपको बताएंगे की आपको क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए.आइए जानते हैं ऐसे कुछ सरल उपायों को अपनाकर जिनसे आप अपने रिश्ता को पुनः पहले की तरह मिठास भरा बना सकते हैं. अपने संबंध में विश्वास और प्रेम को वापस लाने के लिए अपनाएं ये टिप्स - जब आप अपने पार्टनर से बात कर रहे हैं, तो पूरी ईमानदारी के साथ करें. इस बातचीत के दौरान, अपने पार्टनर को अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने का एक मौका दें.- यदि आप दोनों के बीच कभी कुछ ऐसा हुआ है जिसे लेकर आपके रिश्ते में दूरी आ गई है तो इसे साथी से छुपाने की कोशिश कभी न करें। बल्कि अपनी इस गलती को पूरे मनोयोग से स्वीकार करें और भरोसा दिलाएं कि आगे ऐसा कभी नहीं होगा.- यदि आपका साथी आपकी किसी बात से आहत हुआ है तो आपको उनसे बिना कुछ सोचे माफी मांगनी चाहिए. जितना जल्दी आप अपनी गलती को लेकर माफी मांगते हैं आप उतना ही रिश्ते को बचाने में जल्दी सफल हो जाएंगे.- यदि आपने किसी का विश्वास तोड़ा है तो उसे आपके ऊपर भरोसा करने में थोड़ा समय लग सकता है। इसलिए आपको अपने प्रयास को निरंतर बनाए रखना जरूरी है...

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Love Marriage tips: भारत में लव मैरिज को आज भी सपोर्ट नहीं किया जाता है. जब बात शादी की आती है तो माता-पिता इस मामले में बच्चों के फैसलों पर भरोसा नहीं करते हैं. भारत में ऐसा माना जाता है कि शादी सिर्फ दो लोगों के बीच में नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच में होती है. ऐसे में लव मैरिज करने के लिए कपल्स को अपने घर वालों को मनाना पड़ता है और उसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है. कुछ पेरेंट्स लव मैरिज के लिए आसानी से राजी हो जाते हैं और बच्चों की खुशी का हिस्सा बन जाते हैं वहीं कुछ माता-पिता लव मैरिज के लिए बिल्कुल नहीं मानते और बच्चों को उनकी पसंद के लिए टोकते हैं. आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि लव मैरिज के लिए अपने परिवार वालों को कैसे मनाएं. परिवारों वालों को संकेत दें अगर आप किसी से बेहद प्यार करते हैं और उसके साथ शादी करना चाहते हैं तो ऐसे में आप घर पर थोड़े से संकेत देना शुरू करें और कुछ ऐसी गतिविधियों को अपनाएं जिससे माता-पितो को लगे कि आप शादी के लिए तैयार हैं. ऐसा करने से घरवाले आपके  द्वारा दिए संकेत समझ जाएंगे और खुद ही आपसे इस विषय पर चर्चा करेंगे. पेरेंट्स में से किसी एक का कॉन्फिडेंस जीतेंअब जब बातचीत शुरू हो गई है, तो निर्णय लें और देखें कि आपके पेरेंट्स में से कौन उस चीज की ओर झुक रहा है जो आप चाहते हैं. हां, अगर दोनों हो सकते हैं तो इससे बेहतर कुछ नहीं है, लेकिन अगर नहीं, तो आपको कम से कम एक पेरेंट को विश्वास में लेना होगा और फिर अपने पार्टनर को उनसे मिलवाना होगा. धैर्य से काम लेंऐसी परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना बेहद जरूरी है. जल्दबाजी से काम खराब हो सकता है. अगर आप नकारात्मक माहौल में शादी की बात करेंगे तो हो सकता है कि बात बनने की जगह बिगड़ जाए. ऐसे में खुशी वाले माहौल में ही अपने लव मैरिज की बात करें और अगर पार्टनर को जल्दबाजी में परिवार वालों को सामने ना लाएं. एक बार दोनों को जरूर मिलवाएंअपने पेरेंट्स से कहें कि वे एक बार आपके पार्टनर से मुलाकात जरूर करें. किसी भी तरीके से अपने पेरेंट्स को मनाकर उस जगह लेकर जाएं जहां आपका पार्टनर पहले से मौजूद हो. कोशिश करें कि आपका पार्टनर पहले ही मीटिंग स्थल पर पहुंच जाए. उसके बाद खुद अपने पार्टनर को ये फैसला लेने दें कि आपकी पंसद कैसी है. रिश्तेदारों की मदद सभी रिश्तेदार लव मैरिज के खिलाफ नहीं होते हैं. उनकी मदद लें, खासतौर पर उन लोगों की जो आपके अपने पेरेंट्स से बड़े हैं जिनका वे सम्मान करते हैं. यह दादा-दादी या बड़े चाचा-चाची भी हो सकते हैं. यदि किस्मत आपके साथ है, तो वे आपके पेरेंट्स को मनाने में सफल होंगे

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First Bihu Of The Year: उत्तरी  पूर्व राज्यों में बिहू एक बड़ा पर्व माना जाता  है. आसम का यह सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. 16  जनवरी को लोग साल का पहला यानी माघ बिहू मनाएंगे. जिसे लोग भगोली या माघ बिहू (First Bihu Of The Year) के नाम से जानते हैं. यह पर्व साल में तीन बार मनाया जाता है. माघ बिहू पर्व अग्नि देव को समर्पित है. फसल से जुड़ा ये त्योहार भारत के अन्य राज्यों में मकर संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल माघ बिहू 2024 की डेट, महत्व. मा...

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Lohri 2024 Date: मकर संक्रांति की ही तरह लोहड़ी भी उत्तर भारत का प्रमुख पर्व है. यह त्योहार खासतौर पर पंजाब, दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रहने वाले पंजाबी हिन्दु मनाते हैं. लोहड़ी के दिन रात को आग जलाई जाती है और उस आग के चारों ओर परिक्रमा की जाती है. परिक्रमा करते समय आग में तिल,गुड़,गजक,रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई जाती हैं. लोहड़ी किसानों के लिए भी  ख़ास होती  है क्योंकि  लोहड़ी के पावन पर्व पर नई फसल को काटा जाता है. कटी हुई फसल को सबसे पहले अग्नि यानि लोहड़ी की आग में अर्पित किया जाता है. आइए जानते हैं इस साल लोहड़ी की तिथि,शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी ख़ास मान्यताएं. लोहड़ी की तिथिइस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को पड़ रही है. लोहड़ी  मकर संक्रांति एक दिन पहले मनाई जाती है. यानी इस वर्ष लोहड़ी 14 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन रवि योग समेत कई बेहद शुभ योग बन रहे हैं. इन योगों में लोहड़ी मनाने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. लोहड़ी से जुड़ी मान्यताएं - इस त्योहार के पीछे धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं। मान्यता है कि लोहड़ी पर आग जलाने को लेकर मान्यता है कि यह आग राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में जलाई जाती है.- कई लोगों का मानना है कि लोहड़ी का नाम संत कबीर की पत्नी लोई के नाम पर पड़ा. पंजाब के कुछ ग्रामीण इलाकों में इसे लोई भी कहा जाता है. लोह का अर्थ होता है लोहा. - इसे त्योहार से जोड़ने के पीछे बताया जाता है कि फसल कटने के बाद उससे मिले अनाज की रोटियां लोहे के तवे पर सेंकी जाती हैं. इस तरह फसल के उत्सव के रूप में मनाई जाने वाली लोहड़ी का नाम लोहे से पड़ा.- पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि लोहड़ी होलिका की बहन थीं. लोहड़ी अच्छी प्रवृत्ति वाली थीं। इसलिए उनकी पूजा होती है और उन्हीं के नाम पर त्योहार मनाया जाता है. अपने खास को इन मैसेज के जरिए दें शुभकामनाएं- पॉपकॉर्न की खुशबु, मूंगफली रेबड़ी की बहार. लोहड़ी का त्योहार और अपनों का प्यार, थोड़ी सी मस्ती, थोडा प्यार, कुछ दिन पहले से आपको मुबारक हो. लोहड़ी का त्यौहार!  - लोहड़ी का प्रकाश, आप की ज़िंदगी को प्रकाशमय कर दें. जैसे जैसे लोहड़ी की आग तेज हो, वैसे वैसे ही आपके दुखों का अंत हो. हैप्पी-लोहड़ी 2024! - मूंगफली दी खुशबू ते गुड़ दी मिठास, मक्की दी रोटी ते सरसों दा साग, दिल दी खुशी ते आपनों दा प्यार, मुबारक होवे तुहानूं लोहड़ी दा ये त्योहार. आप सभी को लोहड़ी की लख लख बधाईयां....

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Paush Amavasya 2024: पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या कहते हैं. साल 2024 में पौष माह की अमावस्या 11 जनवरी यानि आज है.  हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दान-स्नान का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने परिवारी जनों को आशीर्वाद देते हैं. वहीं स्नान-दान और पूजा पाठ इसके अगले दिन किया जाता है. इस दिन को लेकर कहा जाता है कि नकारात्मक शक्तियों की ताकत बढ़ जाती है. पौष माह में पड़ने वाली इस अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी की खास तौर पर पूजा की जाती है. पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त (Paush Amavasya 2024 Shubh Muhurat) इस बार पौष अमावस्या 11 जनवरी, गुरुवार यानी आज है. अमावस्या तिथि इस बार 10 जनवरी को रात 8 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो जाएगी और तिथि का समापन 11 जनवरी को शाम 5 बजकर 26 मिनट पर होगा. इस दोष के लिए करें पूजायदि  किसी की कुंडली में काल सर्प दोष है तो अमावस्या के दिन इसके निवारण का सबसे कारगर उपाय है. कुंडली में कालसर्प जैसे दोष के होने पर इससे मुक्ति के लिए भी इस दिन विशेष उपाय किए जाते हैं. अमावस्या के दिन किसी मंदिर में जाकर चांदी से बने नाग नागिन के जोड़े की पूजा करें. यहा जोड़ा आपको बाजार से खरीदकर लाना होगा. पूजा करने के बाद इन्हें किसी नदी या बहते जल में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से राहु की वजह से बनने वाले काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाएगी. पौष अमावस्या पूजन विधि (Paush Amavasya Pujan Vidhi) - अमावस्या के दिन पितरों को शांत करने के लिए श्राद्ध कर्म, स्नान, दान-पुण्य और पितृ तर्...

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Vinayak Chaturthi 2024: इस वर्ष की पहली विनायक चतुर्थी पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को है. इस विनायक चतुर्थी के दिन रवि योग बन रहा है. उस दिन आपको गणेश पूजा के लिए 2 घंटे से अधिक का मुहूर्त प्राप्त होगा. हालांकि इस दिन चंद्रमा की पूजा नहीं करते हैं और न ही रात के समय में अर्घ्य देते हैं. मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखकर बप्पा की विधिवत पूजा करने से जातक के सारे कष्ट कट जाते हैं, बुध, राहु-केतु के दोष से मुक्ति मिलती है. विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करने चाहिए. मान्यता है कि विनायक चतुर्थी को चंद्र दर्शन करने से कलंक लगता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि नए साल की पहली विनायक चतुर्थी कब है?  नए साल की पहली विनायक चतुर्थी कब ?वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 14 जनवरी रविवार को सुबह 07 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ होगी. इस तिथि की समाप्ति 15 जनवरी सोमवार को प्रात: 04 बजकर 59 मिनट पर होगी. नए साल की पहली विनायक चतुर्थी 14 जनवरी को है क्योंकि 15 जनवरी को सूर्योदय पूर्व ही चतुर्थी तिथि का समापन हो जा रहा है. विनायक चतुर्थी 2024 पूजा मुहूर्त14 जनवरी को पहली विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 27 मिनट से दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक है. इस समय में आपको गणेश जी की पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए. रवि योग में होगी विनायक चतुर्थी पूजानए साल की पहली विनायक चतुर्थी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है. रवि योग सुबह 10 बजकर 22 मिनट से प्रारंभ हो रहा है और यह 15 जनवरी को प्रात: 07 बजकर 15 मिनट तक मान्य रहेगा. रवि योग में दोष नष्ट होते हैं और कार्य में सफलता प्राप्त होती है. उस दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:09 पीएम से दोपहर 12:51 पीएम तक है. विनायक चतुर्थी पूजा विधि- विनायक चतुर्थी को शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित करें. फिर गणपति महाराज का जल से अभिषेक करें. - उनको अक्षत्, फूल, चंदन, वस्त्र, जनेऊ, फल, मिठाई, धूप, दीप आदि अर्पित करें.- गणेश जी के मस्तक पर दूर्वा अर्पित करें. - उसके बाद मोदक या फिर लड्डू का भोग लगाएं. - इस दौरान आपको ओम गं गणपतये नमो नम: मंत्र का जाप करना चाहिए. - जाप करना के बाद विनायक चतुर्थी व्रत कथा पढ़े. फिर गणेश जी की आरती करें....

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Makar Sankranti 2024: हर वर्ष सूर्य के मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाती है. इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष शास्त्र  के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल और महापुण्यकाल में स्नान-दान बेहद फलदायी माना जाता हैं इस बार पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी 2024 को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगां वहीं महापुण्य काल दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजे तक रहेगा. मकर संक्रांति पर भूलकर भी न करें ये काम- मकर संक्रांति के दिन भूल कर भी नशा न करें. इससे नकारात्मक ऊर्जा हावी होती है.- घर के अंदर या बाहर किसी पेड़ की कटाई-छंटाई भी नहीं करें.- इस दिन किसी गरीब को घर से खाली हाथ नहीं लौटाएं.- इस दिन बिना स्नान किए अन्न नहीं ग्रहण करना चाहिए. मकर संक्रांति के दिन करें ये काम- इस दिन तर्पण करने से घर में पितृदोष दूर होता है,साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है.- यदि संभव ना हो तो इस दिन घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और घर में भी छिड़काव करें.- इस दिन काले तिल, गुड़ की चीजों का दान करने से शनिदेव और सूर्यदेव का आर्शीवाद दिलाता है.- नमक का दान आने वाले संकटों से भी बचाएगा.- घी का दान भाग्य में वृद्धि सफलता दिलाता है....