LIVE TV
. . .
Punjab Chandigarh National Entertainment Sports Other News Photo Gallery Video Gallery Web Stories International News Hindi News Health Technology Business
Health
fghjhkjk45600112

Winter health tips: सर्दी के मौसम में जुकाम एक सामान्य समस्या है जो आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होती है. देश के कई इलाकों में मौसम ठंडा हो गया है और मौसम ने भी करवंट बदलनी शुरू कर दी है. (Winter health tips) ऐसे में बदलते मौसम से इम्यूनिटी कम होगी जुकाम (सर्दी) के मरीज बढ़ जाएंगे. ऐसे में इन छोटी-बड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए घर की ही कुछ चीजें बेहद काम आती हैं. जिन चीजों का यहां जिक्र किया जा रहा है वे आयुर्वेदिक औषधि (Ayurvedic Medicine) की तरह काम करती हैं और खांसी-जुकाम पर तुरंत असर दिखाती हैं. यहां जानिए सर्दी, खांसी, जुकाम (Cold), बंद गले और गले की खराश में कौनसे आयुर्वेदिक नुस्खे इस्तेमाल किए जा सकते हैं. नीम का काढ़ानीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. 10-15 नीम के पत्तों को 1 कप पानी में उबालें और इसे दिन में दो बार पिएं. तुलसी और काली मिर्चतुलसी और काली मिर्च का सेवन जुकाम के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है. 5-6 तुलसी पत्तियां और 1/4 चम्मच काली मिर्च को एक कप गर्म पानी में उबालकर पिएं. यह मिश्रण इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और सर्दी के वायरस से लड़ता है. अदरक और शहदअदरक में प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी...

vghjuy711

Flax Seeds Benefits: अलसी को इंग्लिश में फ्लैक्स सीड कहते हैं जो गुणों का खजाना है. अलसी में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद फायेदमंद होते हैं (Benefits of flax seeds). यह एंटीफंगल गुणों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होती है. इसमें काफी मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो शरीर, स्किन और बालों के लिए बेहद अच्छा होता है. सुपरफूड मानी जाने वाले अलसी के बीज महिलाओं के बहुत फायदेमंद माने जाते हैं.  (Benefits of flax seeds)  स्किन के लिए है वरदानअलसी के बीज स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इसमें में विटामिन ई, मैग्नीशियम, और सॉल्यूबल फ़ाइबर होता है, जो त्वचा को डिटॉक्सीफाई करता है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर में हानिकारक फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं और एजिंग को धीमा करते हैं. इसलिए इसका सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. हार्ट को रखती है हेल्दीअलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. इससे शरीर को एक या दो नहीं बल्कि ढेरों फायदे मिलते है. ये हमारे हार्ट को हेल्दी रखने का काम करता है. इसके सेवन से बैड कोलेस्ट्रॉल को भी आसानी से बढ़ने से रोका जा सकता है. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी नियमित होने लगता है. अलसी को आप भूनकर या ...

bnhjui901122322

Dry fruits to avoid in diabetes: भारत समेत दुनियाभर में डायबिटीज ( diabetes) के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. डायबिटीज काफी हद तक हमारे खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है. अगर एक बार यह हो जाए तो पूरे जीवन में इसे खत्म नहीं किया जा सकता. इसका अभी कोई स्थाई इलाज नहीं है. इसे केवल सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल से नियंत्रित रखा जा सकता है.(Do not eat these dry fruits in diabetes) एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज होने पर खानपान में की गई छोटी सी लापरवाही भी ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है. अगर डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों का पता चल जाता है तो सही खान-पान और सावधानी रखकर डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है.(Dry fruits to avoid in diabetes) डायबिटीज में ऐसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करना चाहिए जिनका ग्लासेमिक इंडेक्स कम हो.  शुगर के मरीजों को अपने खाने पीने का ज्यादा रखना चाहिए जिससे उनका ब्लड शुगर लेवल ...

vgh55

Women's Pregnancy Testing Tips: कई महिलाएं प्रेग्नेंसी कंफर्म करने के लिए पीरियड मिस होने तक का इंतजार करती हैं. क्योंकि पीरियड मिस होना ही प्रेग्नेंसी का सबसे बड़ा संकेत माना जाता है. इसके बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट के जरिए प्रेग्नेंसी कंफर्म होती है. लेकिन प्रेग्नेंसी पता करने के लिए आपको पीरियड मिस होने तक का इंतजार करने की जरूरत नहीं है. जी हां, कंसीव करने के बाद महिला के शरीर में ऐसे कई लक्षण दिखाई देते हैं, जिनसे आप समझ सकती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं. आज इस लेख में हम आपको प्रेग्नेंसी के कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कंसीव करने के कुछ दिनों बाद ही शरीर में दिख जाते हैं.(Women's Pregnancy Testing Tips) पीरियड्स का रुकनासबसे पहला और आम लक्षण है पीरियड्स का रुकना. यदि आपका मासिक चक्र नियमित रहता है और अचानक बंद हो जाता है, तो यह प्रेग्नेंसी का संकेत हो सकता है. खासकर जब आपको समय पर पीरियड्स आते हैं. और इस बार देर हो रही है, तो संभावना है कि आप कंसीव कर चुकी हैं. स्तनों में बदलाव प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में स्तनों में सूजन, दर्द और भारीपन महसूस होता है. निप्पल्स भी अधिक संवेदनशील हो सकते हैं. ये लक्षण प्रेगनेंसी के कारण शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलावों की वजह से होते हैं.  उल्टी और मतली महसूस होनाकंसीव करने के बाद महिलाओं को सुबह उठते ही उल्टी और मतली जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. हालांकि, यह दिन में किसी भी समय हो सकता है. दरअसल, ऐसा हार्मोनल बदलावों के कारण होता है. अगर आपको भी ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो एक बार अपना प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाएं. मूड स्विंग्सप्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण आपके मूड में तेजी से बदलाव आ सकता है. कभी आपको बहुत खुशी महसूस होगी, तो कभी बिना किसी वजह के उदासी या चिड़चिड़ापन हो सकता है. ये भावनात्मक बदलाव प्रेगनेंसी के सामान्य लक्षण होते हैं. मॉर्निंग सिकनेससुबह के समय जी का मिचलाना या उल्टी जैसा महसूस होना, जिसे मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है, प्रेगनेंसी का आम लक्षण है. यह दिनभर कभी भी हो सकता है, लेकिन सुबह में ज्यादा होता है. अगर आपको ये लक्षण नजर आते हैं, तो यह संभावना हो सकती है कि आप प्रेग्नेंट हैं.

vgh5466

Womens Health Tips: महिलाएं अपनी बॉडी टाइप को ध्यान में रखकर कुछ भी पहनना पसंद करती हैं. लेकिन, जब बात आती है अंडरगार्मेंट्स, खासकर ब्रा के सेलेक्शन की तो उन्हें समझ नहीं आता है कि उनके लिए कौन सा फैबिक्र सही होगा. किस तरह का ब्रा पहनना आरामदायक हो सकता है. विभिन्न कारणों से, कुछ महिलाएं पूरे दिन ब्रा पहनना पसंद करती हैं, जिसमें रात को सोना भी शामिल है. कुछ लोग तर्क देते हैं कि पूरे दिन और रात ब्रा में रहने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाएगा. हालांकि, यह दावा वैज्ञानिक प्रमाणों का समर्थन नहीं करता है. तो ब्रा पहनकर सोने से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ते हैं, ब्रा पहनकर सोना सही है या नही, आइए जानते हैं. (Wearing bra at night is right or wrong)  ब्रा पहनकर सोना चाहिए?एक्सपर्ट्स के मुताबिक रात में ब्रा पहनकर सोने से कोई भी समस्या नहीं होती है. इससे संबंधित कोई रिसर्च भी सामने नहीं आई है और ना ही ये साबित हुआ है कि रात में ब्रा पहनकर सोने से कोई समस्या हो सकती है. रात में ब्रा पहनकर या उतारकर सोने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है या कोई अन्य बीमारी हो सकती है, ऐसे भी बिल्कुल साबित नहीं हुआ है. अगर आपको रात में सोते समय आराम महसूस नहीं होता है तो आप ब्रा न पहने. जिन महिलाओं का ब्रेस्ट हेवी होता है, वे अपने कंफर्ट के लिए रात में ब्रा पहनकर सो सकती हैं. क्यों पहननी चाहिए ब्रा?ब्रा पहनने से आपका पोश्चर और बॉडी इमेज सही रहता है. आपके अंदर अपनी बॉडी को लेकर कॉन्फिडेंस आता है. गुड फिटिंग ब्रा पहनने से ओवरऑल पर्सनैलिटी अच्छी लगती है. कोई भी ड्रेस सही तरीके से फिट नजर आती है. कैसे करें सही ब्रा का चुनाव?ब्रा खरीदते समय सबसे जरूरी है कि वह कंफर्टेबल हो. सही तरीके से फिट हो जाए. ब्रा ना तो बहुत टाइट हो और ना ही बहुत ज्यादा ढीली हो. कुछ महिला...

gh56466j9

Health news: डायबिटीज, वजन और हार्ट हेल्थ, ये तीनों कहीं ना कहीं आपस में संबंधित हैं, जिन्हें कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. कई रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज होने की पीछे की एक वजह मोटापा भी हो सकता है. मोटापे से हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी पैदा होती है. इससे आप पर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. सही डाइट आपको इन बीमारियों से बचा सकती है. आइए आपको 5 ऐसे फूड्स के बारे में बताते हैं जिनके सेवन से इन बीमारियों के खिलाफ लड़ा जा सकता है. ओट्सओट्स में मैंग्नीज,फॉस्फोरस, मैग्नेशियम, कॉपर, ऑयरन और जिंक पाया जाता है. इसमें बीटा-ग्लूकेन  नाम का सॉल्यूबल फाइबर होता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल  और शुगर लेवल को को कम  करता है. इसके सेवन से आपको खूब एनर्जी मिलेगी साथ ही वजन भी कंट्रोल में रहेगा. बादामबादाम में ठीक-ठाक मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जिसके चलते ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. ऐसे में हार्ट संबंधित बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. फाइबर का बढ़िया स्कोत होने के चलते यह वेट लॉस और डाय़बिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. पालक हरी पत्तियों वाली सब्जी में मौजूद फाइबर और पानी वेट लॉस में आपकी मदद करता है. साथ ही इसमें पाए जाने वाला नाइट्रेट नाम का कंपाउंड ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. हाई बीपी कंट्रोल रहने के चलते हार्ट की बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है.  रागीरागी मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स का एक अच्छा स्रोत है.रागी ट्राइग्लिसराइड्स, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी को कम करता है. रागी में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो मधुमेह और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं. इसमें मौजूद फाइबर वेट लॉस के लिए मददगार है. हरी मूंगआप अपनी डाइट में हरी मूंग को भी शामिल करें. यह बॉडी में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने का काम करेगा. इससे आप दिल की बीमारियों से बचे रहेंगे. ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के चलते इसका सेवन शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है. साथ ही इसमें मौजूद हाई फाइबर वेट लॉस में आपकी मदद करता है.

vgy67o07

Sideeffects of Beer: बीयर को लोग बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं. अन्य ड्रिंक के मुकाबले लोग इसका सेवन करना ज्यादा पसंद करते हैं. गर्मी में लोग शराब के बदले बीयल पीना पसंद करते हैं. ताकि गर्मी से राहत मिले. भारी बारिश के बाद भी बाहर निकलते ही पसीने से लोग तर-बतर हो जाते हैं. दूसरी और कुछ लोगों का मानना है कि चिल्ड बीयर पीने से पेट पर चर्बी जमने लगती है. आइए जानें इसके पीछे कितनी सच्चाई है.  बीयर और शराब पीने से बढ़ता है वजन ?अल्कोहल पीने से फैट बर्न के प्रोसेस में दिक्कत आने लगती है. अल्कोहल आपके लिवर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट मेटाबोलाइज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन लिवर फैट में अल्कोहल मेटाबोलाइज करने में लग जाता है. इसके कारण फैट पेट में जमा होने लगता है. इन दोनों स्थितियों में बीयर और अल्कोहल काफी ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकती है.  एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीयर बेली या पेट में चर्बी के लिए कैलोरी जिम्मेदार होती है. यह कैलोरी किसी भी रूप में हो सकती है. अल्कोहल बीयर पीने से शरीर में कैलोरी जमा होने लगती है. कोई भी मीठी चीजें, जरूरत से ज्यादा खाना, गलत तरीके से खाना, जंक और प्रोसेस्ड फूड यह सबकुछ शरीर में कैलोरी बढ़ाती है. इसका सीधा मतलब है कि जरूरत से ज्यादा कैलोरी शरीर के लिए नुकसानदायक है. बेली फैट से कैसे पाएं छुटकारापेट पर जमी चर्बी से छुटकारा पाना है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में खास कंट्रोल करना होगा. इसके लिए सबसे पहले आपको एक्सरसाइज करनी होगी. खूब एक्सरसाइज करें. ढेर सारी सब्जियां और फल खाएं. कोशिश करें कि शराब और बीयर बिल्कुल न पिएं. 

vbyy6711ui

Idli recipe : इडली टेस्टी होने के साथ ही पौष्टिक भी होती है और इसे दोपहर के भोजन के लिए आसानी से तैयार  किया जा सकता है. इसमें कैलोरी भी कम होती है. ऐसे में आपके लिए इडली की  रेसिपीज लेकर आए हैं, जिन्हें घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है और ये आपके बच्चों को भी पसंद आएंगी.  सामग्री:चकोर टुकड़ों में कटी हुई इडली, बारीक कटी प्याज, बारीक कटे टमाटर, घी/मक्खन, काली सरसों के दाने, हल्दी पाउडर, पाव भाजी मसाला, अदरकनींबू/नींबू का रस, धनिए के पत्ते स्पाइसी तवा इडली बनाने की प्रक्रिया एक पैन में 2 चम्मच मक्खन या घी गर्म करें. सरसों के दाने डालें और उनके फूटने का इंतजार करें.अब इसमें बारीक कटा प्याज, ¼ चम्मच हल्दी पाउडर और ½ चम्मच कसा हुआ अदरक डालें.प्याज को सुनहरा होने तक भूनें.इसमें कटे हुए टमाटर डालें और उन्हें नरम होने तक भूनें.स्वाद के लिए ½ चम्मच पाव भाजी मसाला डालें. आवश्यकतानुसार नमक डालें.इडली के कटे हुए क्यूब्स को पैन में डालें.अच्छी तरह मिलाएं, ध्यान रखें कि इडली के टुकड़े टूटे नहीं. ध्यान रहे कि मसाला इडली के टुकड़ों पर अच्छी तरह से लिपट जाए.थोड़ी देर भूनने के बाद नींबू के रस और धनिये की पत्तियों से गार्निश करें.

023

Sawan 2024: सावन का महीना पूर्णतया भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दौरान सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव करते हैं. इसके लिए सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. साथ ही सोलह सोमवार के  व्रत भी सावन महीने से शुरू किया जाता है. ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं जो सावन में छोड़ दी जाती हैं. लोगों को इस महीने में मांसाहार और प्याज-लहसुन त्यागकर सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है. यह सब त्यागने के अलावा शास्त्रों में सावन में साग, दही और कढ़ी त्यागने के लिए भी कहा जाता है. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं. क्या है धार्मिक कारण?सात्विक भोजन खाने से शुद्धता और आध्यात्मिकता बढ़ती है. सात्विक भोजन ताजा और हल्का होता है. माना जाता है कि भगवान शिव को प्रकृति और प्राकृतिक चीजों से बहुत प्यार है. तभी उन पर भांग के पत्तों से लेकर बेल पत्र तक अर्पित किए जाते हैं. दूध और दही से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. ऐसे में पंडितों का कहना है कि हम जिन चीजों से भगवान शिव की आराधना करते हैं उन्हें फिर आहार के रूप में खाना गलत है. ऐसे में सावन में साग, दूध और दही का सेवन नहीं करना चाहिए. क्या है वैज्ञानिक कारण?सावन का महीना लगते हैं हल्की-हल्की बरसात शुरु हो जाती है, जिसकी वजह से पर्यावरण में जीव-जंतु, कीटाणु और विषाणुओं का प्रकोप भी बढ़ जाता है. हम सभी जानते हैं कि दही बैक्टीरिया से ही बनता है. आयुर्वेद के अनुसार, तामसिक भोजन सुस्ती पैदा कर सकता है. इसके साथ ही दही खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी की भी समस्या हो सकती है. इस कारण भक्तों का आध्यात्मिक अभ्यास भी बाधित होता है.

dgwher2611

Sawan Fasting: सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है. यह महीना 22 जुलाई सोमवार से शुरू हुआ है जो रक्षाबंधन तक चलेगा. इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे. कई लोग इस महीने में सिर्फ सोमवार को फास्ट करते हैं तो कई लोग पूरे 1 महीने. व्रत रखने (Sawan fasting tips)से शरीर डिटॉक्सीफाई हो जाता है. सावन के व्रत के दौरान कुछ लोग दिन भर बस पानी पीकर रहते हैं तो वहीं कुछ फलाहार पर. अगर आप फलाहार करते हैं या शाम को एक बार फलाहारी भोजन खाते हैं तो आपको ऐसी चीजों को खाने में शामिल करना चाहिए जिससे न सिर्फ आपका पेट भरे बल्कि एनर्जी भी मिले. चाहिए आपको कुछ पारंपरिक फलाहारी डिशेज के बारे में बताते हैं जिन्हें आप सोमवार व्रत में बना सकते हैं. आलू जीराअगली डिश जिसे आप ट्राई कर सकते हैं वह है आलू जीरा, यह एक सिंपल लेकिन टेस्टी डिश है जिसे आमतौर पर हर घर में सावन व्रत के दौरान बनाया जाता है. कटे हुए आलू को मसालों के साथ तड़का लगाया जाता है और फिर नरम होने तक पकाया जाता है और आखिर में कटी हुई धनिया पत्ती से सजाया जाता है. आलू जीरा, कुट्टू की पूरी या समा चावल के साथ भी खाया जा सकता है. खिचड़ी या रोटीउपवास के दौरान चावल और गेहूं जैसे रोजमर्रा के अनाज का सेवन नहीं किया जाता लेकिन अन्य अनाज जैसे कि कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, राजगिरा आटा, समई के आटे का सेवन करें. इनकी पूड़ी, पकौड़े, वड़े या हलवे की बजाय खिचड़ी या रोटी बनाकर खाएं. और उनमें मौजूद कार्ब से लंबे समय तक एनर्जी मिलेगी. फलाहारी कढ़ीसावन व्रत के दौरान, फलाहारी कढ़ी दही, सिंघाड़े के आटे और जीरा, अदरक और हरी मिर्च जैसे मसालों के साथ बनाई जाती है. इसे अक्सर ताजे धनिया पत्तों से गार्निश कर सर्व करें. आप इसे कुट्टू की पूरी या समा चावल के साथ खा सकते हैं. दूध और डेयरी वाली चीजें प्रोटीन और कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए दूध और डेयरी से बनी चीजें खा सकते हैं. इसके लिए डाइट में दूध और डेयरी जैसे दही, छाछ और पनीर और घी जैसी चीजें को शामिल कर सकते हैं.

ffrt451

Bottle gourd Juice benefits: हरी सब्जियों को पोषक तत्वों और विटामिन का पावरहाउस कहा जाता हैं. लौकी एक ऐसी अद्भुत हरी सब्जी है, जिसका जूस पीने से 3 महीने के अंदर आपकी सेहत में काफी बदलाव और सुधार आ सकता है. जूस पीने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. ये आपको सफेद बालों और झुर्रियों से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है. इतना ही नहीं लौंकी के जूस के फायदे यहां तक सीमित नहीं है बल्कि लौंकी सेहत को और भी कई कमाल के स्वास्थ्य लाभ देती है. यहां हम बता रहे हैं रोज सुबह खाली पेट लौंकी का जूस पीने के कुछ गजब के फायदों के बारे में. लौंकी का जूस पीने के फायदे (Benefits of drinking bottle gourd juice)वजन कम करने में मददगारलौकी के जूस में कैलोरी और फैट कम होती है, जो इसे वजन कम करने के लिए एक प्रभावी ड्रिंक बनाती है. इसके अलावा इसमें फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होता है जो आपको लंबे समय तक भरा रखता है और भूख लगने से बचाता है. इसमें विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन ए, आयरन, पोटेशियम और मैंगनीज जैसे जरूरी विटामिन और खनिज भी शामिल हैं. हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देता है90 दिनों तक खाली पेट लौकी का जूस पीने से आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो सकता है. सब्जी में ज्यादा घुलनशील डायटरी फाइबर होता है, जो आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रख सकता है. त्वचा और बालों के फायदेये सिर्फ सेहत ही नहीं बल्कि स्किन समस्याओं से भी निपटने में भी मदद कर सकता है. लौकी का जूस प्राकृतिक क्लींजर के रूप में काम करता है और शरीर से टॉक्सिटी को दूर कर सकता है. पेट की समस्याओं को ठीक कर सकता हैलौकी का जूस कब्ज में मददगार साबित हो सकता है और दस्त का भी इलाज कर सकता है. 98 प्रतिशत पानी और फाइबर के कारण ये आपके पाचन तंत्र को साफ करता है और मल त्याग को आसान बनाता है.

ff56qd

Skin Care Tips for Monsoon: बारिश के दिनों में कई बार ह्यूमिडिटी की वजह से हमारे चेहरे पर मुंहासे निकल आते हैं. सके साथ ही इस मौसम में स्किन ज्यादा सीबम का प्रोडक्शन करती है, जिसकी वजह से स्किन बहुत ज्यादा ऑयली और चिपचिप रहती है. इस वजह से भी पिंपल्स की समस्या बार-बार होती रहती है.अगर आप भी बरसात के इन दिनों में होने वाले इस तरह की समस्या से परेशान हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप मुंहासों से छुटकारा पा सकते हैं. तो चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.(Skin Care Tips for Monsoon) ज्यादा से ज्यादा पानी पीएंअगर आप बारिश के मौसम में मुंहासों से परेशान हैं तो इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने का रूटीन बना लें. अगर बॉडी के अंदर हाइड्रेट रहेगी तो त्वचा हेल्थी बनी रहेगी. पानी स्किन की समस्या के अलावा कई और समस्याओं में भी फायदा पहुंचाता है. गर्मी के मौसम में वैसे भी पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. चेहरे को मॉइस्चराइज रखेबारिश के मौसम में अक्सर कुछ लोगों की त्वचा ऑयली हो जाती है. ऐसे में उन्हें लगता है कि उन्हें मॉइस्चराइज़र की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है मौसम चाहे जो भी हो अपने चेहरे को मॉइस्चराइज़ करना बेहद जरूरी है. इससे आपकी त्वचा में नमी बनी रहेगी और मुंहासों से छुटकारा मिल जाएगा. नीम का पेस्ट बनाकर लगाएंमुहांसों की समस्या को दूर करने के लिए नीम भी बहुत फायद...

xfwe2311

Periods at early age: पीरियड्स महिलाओं के जीवन का अहम हिस्सा माने जाते हैं. लड़कियों को पीरियड्स आना एक आम बात है, लेकिन अगर यह प्रक्रिया छोटी उम्र में शुरू हो जाए तो चिंता का विषय बन जाता है. पुराने जमाने में जहां पीरियड्स 11 से 15 वर्ष की उम्र में शुरू होते थे, वहीं आजकल कई लड़कियों को उनका पहला पीरियड महज 9 साल की छोटी सी उम्र में ही आ जाता है. यह आगे चलकर लड़कियों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और आज कल के माता-पिता को क्या करना चाहिए.     कम उम्र में पीरियड्स होने के कई कारण हो सकते हैं:- आहार और पोषणजब बच्चे ज्यादा जंक फूड और उच्च कैलोरी वाला खाना खाते हैं, तो उनके शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है. यह असंतुलन बच्चों के शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकता है और उनके पीरियड्स जल्दी शुरू हो सकते हैं. स्वस्थ और संतुलित आहार बच्चों के सही विकास के लिए बहुत जरूरी है. - जेनेटिक कारणयदि परिवार में किसी महिला को जल्दी पीरियड्स आए हैं, तो यह बच्चियों में भी जल्दी पीरियड्स आने की संभावना हो सकती है. माता, दादी या नानी या नजदीकी रिश्तेदारों के अनुभवों का असर बच्चों पर भी पड़ सकता है. यह एक सामान्य कारण है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है - मोटापाअर्ली प्यूबर्टी से बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. बच्चियों में कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने का एक मुख्य कारण बचपन का मोटापा है. मोटापे की वजह से शरीर में इंसुलिन और एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है. एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में शारीरिक बदलावों के लिए जिम्मेदार होता है. - स्वास्थ्य समस्याएंअगर किसी बच्ची को कम उम्र में पीरियड्स हो रहा है, तो माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें बच्ची के साथ प्यार और समझदारी से बात करनी चाहिए. सही आहार देना, जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कराना, और उन्हें शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. अगर कोई समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. इस दौरान, बच्ची को सहानुभूति और समर्थन की भी जरूरत होती है. - वातावरणीय हार्मोनकुछ ,हॉर्मोन जैसे बिसफेनॉल ए (BPA) और फाइटोएस्ट्रोजेन हमारे आसपास की चीजों में पाए जाते हैं, जैसे प्लास्टिक की बोतलें और खाने के डिब्बे. ये रसायन शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिससे बच्चियों में जल्दी पीरियड्स आने की संभावना बढ़ जाती है. इन रसायनों से बचने के लिए हमें प्लास्टिक के बजाय स्टील या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए....

ewhre2311ttq

Health news: ज्यादातर लोगों को गोलगप्पे खाना बहुत पसंद होते है और वो गोलगप्पे का पानी भी बड़े चाव से पीते हैं. लेकिन  आपको बता दें कि गोलगप्पा सेहत पर बेहद खतरनाक असर छोड़ सकता है. गोलगप्पे में इस्तेमाल किया जाने वाला कृत्रिम रंग कई भयानक बीमारियों को न्यौता देता है. रोडामाइन बी का उपयोग जीभ के स्वाद के लिए किया जाता हैगोलगप्पे और अन्य फास्ट फूड को आकर्षक बनाने के लिए इसमें रोडामाइन-बी का उपयोग किया जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक खाने को अधिक आकर्षक और स्वादिष्ट बनाने के लिए कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. इनका अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है. खासकर उन लोगों के लिए जो अक्सर बाहर खाना खाते हैं. बड़ सकता है अस्थमा और कैंसर का खतराऐसी चीजें खाने से अस्थमा हो सकता है. खाद्य उत्पादों में कृत्रिम रंगों का प्रयोग किया जाता है. इनमें कैंसरकारी तत्व होते हैं. इससे कैंसर का खतरा हो सकता है. हालांकि गोलगप्पे बनाने के लिए हरा रंग धनिया और पुदीने का इस्तेमाल करके तैयार करना चाहिए. लेकिन इसकी जगह रासायनिक रंग मिलाए जाते हैं. कर्नाटक सरकार ने रोडामाइन बी पर प्रतिबंध लगाया थायह सच है कि रोडामाइन-बी में खतरनाक तत्व पाए जाने के बाद कर्नाटक सरकार ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था. कर्नाटक सरकार की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, उनके खाद्य सुरक्षा विभाग ने पिछले पांच महीनों में हजारों नमूनों का परीक्षण किया है, उनमें गोलगप्पों के 260 नमूने भी शामिल हैं.

vb12dd

Health tips: ज्यादातर लोग स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार में सूखे मेवों को शामिल करते हैं. इनमें भरपूर मात्रा में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कई स्वास्थ्य लाभ देते हैं, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे ड्राई फ्रूट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके सेवन से डायबिटीज के मरीजों को नुकसान हो सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ड्राई फ्रूट्स जो डायबिटीज में पहुंचाते हैं नुकसान- अंजीर अंजीर भले ही फाइबर से भरपूर मेवा हो, लेकिन ये काफी मीठा होता है जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है. एक कप अंजीर में करीब 29 ग्राम चीनी होती है, जो डायबिटीज के मरीज का ब्लड शुगर हाई कर सकती है. किशमिश शुगर के मरीज को किशमिश नहीं खानी चाहिए. किशमिश काफी मीठी होती है जिसे खाने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में किशमिश का सेवन मधुमेह में हानिकारक माना जाता है. खजूर डायबिटीज में खजूर खाने से पूरी तरह परहेज करना चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ब्लड शुगर कंट्रोल होने पर और जमकर फिजिकल एक्टिवटी करने पर आप कभी मिठास के लिए थोड़ा बहुत खजूर खा सकते हैं. शुगर में कौन से ड्राई फ्रूट खाने चाहिए?अखरोट डायबिटीज के मरीज को डाइट में अखरोट जरूर शामिल करने चाहिए. अखरोट में विटामिन ई होता है और कैलोरी बहुत कम होती है. अखरोट खाने से टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है. बादाम हेल्थ एक्सपर्ट डायबिटीज में बादाम खाने की सलाह देते हैं. मधुमेह के रोगियों के लिए बादाम सबसे अच्छा ड्राई फ्रूट है। बादाम खाने से शरीर इंसुलिन पैदा करने के लिए ट्रिगर होता है और ब्लड शुगर लेवल कम होता है. काजू डायबिटीज में काजू भी सीमित मात्रा में खा सकते हैं. हेल्थ लाइन के मुताबिक काजू खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. काजू हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हार्ट की बीमारियों के खतरे को भी कम करता है.

nsry38u001

Benefits of Haldi water: हल्दी रसोई में आसानी से पाए जाने वाला मसाला है. खाने में हल्दी न सिर्फ रंग और स्वाद बढ़ाती है बल्कि हल्दी खाने से कई बीमारियों को भी दूर किया जा सकता है. हल्दी(Benefits of Haldi water) में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं जो आपकी ओरल हेल्थ को बेहतर बनाते हैं. हल्दी का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है. इसके अलावा पेट से जुड़ी कई बीमारियों में हल्दी असरदार काम करती है. अगर आप रोज सुबह खाली पेट 1 चुटकी हल्दी का सेवन करते हैं तो इससे मोटापा कम करने में फायदा मिलता है. एक तरह से कह सकते हैं मसालों में हल्दी सेहत के लिए खजाना है. जानिए कैसे करें सुबह हल्दी का सेवन. डायबिटीजहल्दी में मुख्य घटक करक्यूमिन, ब्लड शुगर के लेवल और डायबिटीज जैसी बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है. आप हल्दी वाले पानी के सेवन डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं. इम्यूनिटीसुबह हल्दी वाला पानी पीने से इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है. मजबूत इम्यूनिटी शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मददगार है. मोटापामोटापा कम करने के लिए सुबह खाली पेट हल्दी वाले पानी का सेवन कर सकते हैं. आप हल्दी वाली चाय का भी सेवन कर सकते हैं. सर्दी-जुकामहल्दी फ्लू और सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों में मददगार है. अगर आप मौसमी बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं तो आप इस ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं. पाचनसुबह हल्दी वाला पानी पीने से पाचन को बेहतर रखने में मदद मिल सकती है. गर्मियों के मौसम में पाचन से जुड़ी समस्या काफी देखी जाती है. किस तरीके करें खाली पेट हल्दी का इस्तेमाल सुबह हल्दी का इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सुबह उठने के बाद खाली पेट 1 गिलास पानी पिएं. इसमें हल्दी डालकर पी लें. इसके लिए आप चाहें तो रात को पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर सुबह गर्म करके पी लें. या फिर जब आप सुबह पानी पिएं तो उसमें एक चुटकी हल्दी डालकर गर्म करें और इस पानी को पी लें. पानी पीते समय अगर आप मलासन की स्थिति में बैठें तो यह और भी बेहतर है. हल्दी वाले पानी को मुंह में धीरे-धीरे घुमाते हुए पीना चाहिए. इसके बाद कुछ देर तक कुछ और न खाएं....

ewi834u1

Drinks to reduce belly fat: बहुत सारे लोग बेली फैट की समस्या से परेशान हैं. बैली फैट घटाना आज के दौर में लोगों का सबसे बड़ा मिशन बन चुका है. पेट पर जमा एक्स्ट्रा चर्बी ना केवल सेहत के लिए खराब है बल्कि ये देखने में भी बुरी लगती है और इससे पर्सनेलिटी (Personality) पर भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में लोग इसे कम करने के लिए तरह तरह की कोशिश करते हैं. अगर आप भी बाहर निकला हुआ पेट अंदर करना चाहते हैं तो फिटनेस कोच (Fitness Coach) की सुझाई गई इस ट्रिक की मदद ले सकते हैं. मेथी दाना का पानी फाइबर से भरपूर मेथीदाना बेली फैट को कम करने में बहुत मदद करता है. इसे एक चम्मच मेथी दाना को रात-भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें और अगली सुबह इस पानी को खाली पेट पी लें. आप रोजाना इस पानी का सेवन कर सकते हैं.  नींबू का रस नींबू का रस मेटाबॉलिज्म को बेहतर करता है जिससे शरीर फैट पिघलाता है और पेट की चर्बी पर तेजी से असर दिखाता है. रोजाना सुबह खाली पेट हल्के गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर आधा चम्मच शहद डालें और फिर इसका सेवन करें. अजवाइन का पानी अजवायन विटामिन और मिनरल्स समेत ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करते हैं. ऐसे में रोजाना सुबह और शाम अजवाइन का पानी आपके लिए काफी असरदार हो सकता है. इसके लिए आप एक चम्मच अजवाइन के दाने को दो कप पानी में डालकर उबाल लें. इस पानी को तब तक उबालें जब तक यह घटकर आधा न रह जाए.अब इस पानी को सुबह खाली पेट एक महीने तक पिएं. आप पाएंगे कि धीरे-धीरे आपका बेली फैट कम हो रहा है....

zbngh6j

Hair care tips in Monsoons: बारिश का मौसम सुहाना होने के साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है. इस सीजन में तेजी से हेयरफॉल और स्किन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं(hair care tips). चिपचिपे मौसम और बढ़ती उमस के कारण पसीना सूखने का नाम नहीं लेता है. जिससे तेजी से बाल झड़ने लगते हैं. बारिश के मौसम में भीगने और सही देखभाल नहीं करने से भी हेयरफॉल की समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में जरूरी है कि सीजन के हिसाब से अपने हेयर केयर रुटीन में भी कुछ बदलाव जरूर करें. बारिश के मौसम में बालों को झड़ने से रोकने के लिए आपको नियमित रूप से ऑयलिंग करना और बालों को साफ रखना जरूरी है. चलिए जानते है बारिश में बालों को टूटने से कैसे बचाएं? नारियल तेल का इस्तेमालबालों को अच्छी तरह ड्रायर से सुखाने के बाद नारियल या सरसों का तेल ले और उसमें थोड़ा नींबू का रस मिलाकर अपने बालों की जड़ों में अच्छी तरह लगाकर मसाज करें. इसे आप अपने बालों में 1 घंटे से 3 घंटे तक लगाकर रख सकते हैं. हेयर कंडीशनर का करें इस्तेमालबरसात के मौसम में आप शैंपू करने के बाद हेयर कंडीशनर का भी इस्तेमाल भी कर सकते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं, तो रूखे और बेजान बाल सिल्की और सॉफ्ट नजर आएंगे. ध्यान रहे आप हफ्ते में एक से दो बार हेयर कंडीशनर का इस्तेमाल कर सकते हैं.  गुनगुने पानी का इस्तेमालअगर आप बारिश की वजह से भीग जाते हैं और घर आकर शैंपू से बाल धोते हैं, तो आपको गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे बारिश की वजह से होने वाले डैमेज बाल फिर से वैसे हो जाते हैं जैसे आपके बाल पहले थे.इसलिए आप गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें. स्कैल्प को सूखा रखेंमानसून में चिपचिपे स्कैल्प की वजह से हेयरफॉल की समस्या बढ़ सकती है. बारिश के मौसम में खासतौर से ख्याल रखें कि आपका स्कैल्प सूखा रहे. नमी के कारण बाल टूटते हैं और रूसी या फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए बालों को हमेशा सूखा ही रखें

zdrt56jk

Benefits of Jackfruit: प्रेगनेंसी यानी गर्भावस्था के दौरान डाइट का विशेष ख्याल रखना चाहिए. गर्भावस्था मे महिला का शरीर कई तरह के परिवर्तनों से गुजरता है ऐसे में शरीर को हेल्दी रखने के लिए स्वस्थ और संतुलित खानपान की जरूरत होती है. गर्भवती महिला को चिकित्सक भी पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान महिला के गर्भ में पल रहे शिशु की अच्छी सेहत के लिए भी खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. कई बार प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं कुछ ऐसी चीजों का सेवन कर लेती हैं जिसकी वजह से उनके तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है.  हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि प्रेगनेंसी में कटहल(benefits ogf jackfruit) खाया जा सकता है लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह पर और कम ही मात्रा में खाना चाहिए. चलिए यहां जानते हैं कि  प्रेगनेंसी में आप कितना और किस तरह कटहल खा सकते हैं. बीपी कंट्रोल में रहता हैगर्भवती महिला के बीपी के स्तर में वृद्धि भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप विभिन्न जटिलताएं हो सकती हैं. हालांकि, कटहल जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है. थकान से लड़ने में मददकारगर्भावस्था एक महिला के लिए बहुत थकाने वाली हो सकती है. यदि आप गर्भवती हैं, तो आपको आलस या थकान महसूस हो सकती है क्योंकि आपके शरीर की सारी एनर्जी बच्‍चे के विकास में लग रही होती है.लेकिन कटहल जैसे स्वस्थ फल और सब्जियां खाने से आपको ऊर्जा मिल सकती है और थकान से बचा जा सकता है. शिशु के विकास में फायदेमंदकटहल से कैल्शियम, जिंक, आयरन, बीटा-कैरोटीन आदि मिलता है. ये खनिज पदार्थ शिशु के विकास में सहायक हो सकते हैं. यह विटामिन ए और विटामिन सी और फोलेट, आयरन जैसे विटामिनों से भी भरपूर होती है. ये सभी पोषक तत्‍व शिशु के आवश्‍यक अंगों को बनाने में मदद करते हैं....

kjdlu3w3r

Workout Tips: रोज सुबह वर्कआउट करने से शरीर तंदुरुस्त रहता है और बीमारियां दूर होती हैं. लेकिन वर्कआउट करने के बाद और वर्कआउट करने से पहले कुछ लोग अक्सर एसी गलतियां कर बैठते हैं जिसका खामियाजा उन्हे बाद में भुगतना पड़ता है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वर्कआउट से ठीक पहले किस तरह के काम को करने से बचना (things should never do before workout)चाहिए. वर्कआउट से ठीक पहले हैवी मील करने से आपको गैस्ट्रिक समस्या हो सकती है और उनींदापन भी हो सकता है. जिससे आप इंजरी के भी शिकार हो सकते है. इसलिए वर्कआउट करने से पहले भारी भोजन कभी नहीं करना चाहिए. वर्कआउट (Workout Tips)से पहले ज्यादा कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए. कुछ लोग चाय कॉफी पीने के बाद वर्कआउट करने जाते हैं जो गलत है. अगर आप ज्यादा कैफीन पीने के बाद वर्कआउट करेंगे तो आपका हार्ट रेट बढ़ जाएगा और डिहाइड्रेशन भी हो सकती है. अगर आप बिना वार्मअप किए वर्कआउट करेंगे तो आपके मसल्स में चोट लग सकती है. इसलिए वर्कआउट से पहले थोड़ी देर का वार्मअप जरूर करना चाहिए. इससे आपकी परफॉरमेंस में सुधार होगा और बॉडी को ताकत मिलेगी. बिना पानी पिए भी वर्कआउट नहीं करना चाहिए. पानी पीने के तुरंत बाद वर्कआउट ना करें लेकिन पानी पीने के आधे घंटे बाद वर्कआउट करना चाहिए. इससे आपका शरीर पानी की कमी का शिकार भी नहीं होगा.