Budget Session 2024: आज सोमवार से बज़ट सत्र भी शुरू हो गया है. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने कल पेश होने वाले आम बजट के फोकस एरिया के बारे में हिंट भी दे दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने कल यानी 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट (Budget 2024) पेश करने की तैयारी पूरी कर ली है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि, कल हम एक मजबूत बज़ट पेश करेंगे. जो साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में पेश करने पर केंद्रित होगा. कल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बज़ट को पेश करेंगी. इस बीच देश के ऑटो सेक्टर को भी आम बजट से काफी उम्मीदे हैं.
इस बार क्या हैं उम्मीदें
इस बार भी ऑटो सेक्टर को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए चलाई जाने वाली केंद्र की फॉस्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) स्कीम के अगले चरण की उम्मीदे हैं. बता दें कि, FAME-2 को लॉन्च किया गया जिसकी समय सीमा बीते 31 मार्च को समाप्त हो गई. इस दौरान देश की सरकार चुनाव में जाने वाली थी तो एक अस्थाई स्कीम के तौर पर 4 महीनों के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशनल स्कीम (EMPS) को लॉन्च किया गया, जिसकी मियाद जुलाई में समाप्त होने वाली है. अब ऐसे में FAME स्कीम के तीसरे चरण 'FAME-3' के लॉन्च होने की उम्मीद है.
FAME 3 पर हैं निगाहें
नए बज़ट में सरकार द्वारा नई FAME-3 स्कीम को रोल-आउट किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार FAME के इस तीसरे चरण में 10,000 करोड़ रुपये का ऑउटले दिया जा सकता है. जो कि देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के साथ-साथ सरकारी बसों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. हालांकि, अभी इस योजना में इलेक्ट्रिक कारों को शामिल नहीं किया गया है. चूकिं FAME-3 बिल्कुल नई स्कीम होगी तो इसके लिए वाहन निर्माता कंपनियों को फिर से अप्लाई करना होगा. इसके अलावा ये स्कीम 2 साल की अवधि के लिए लॉन्च की जा सकती है. गौरतलब हो कि, FAME-2 स्कीम 5 साल तक चला था.
हाइब्रिड वाहनों पर जीएसटी में कटौती
भारत में हाइब्रिड वाहनों पर लगने वाले जीएसटी में कटौती की मांग लंबे समय से की जा रही है. इतना ही नहीं, 1200 सीसी से ज्यादा और 4000 मिमी लंबाई वाले वाहनों पर 15 प्रतिशत सेस (Cess) लगाया जाता है.
बता दें कि भारत में हाब्रिड वाहनों पर अधिकतम 43% टैक्स लगता है. जबकि ICE इंजन (पेट्रोल-डीजल) वाले वाहनों पर 48% टैक्स लगता है.ऐसे में जनता को उम्मीद है, हाब्रिड वाहनों को लेकर सरकार कोई बड़ा फैसला करेगी.
GST के दायरे में आए पेट्रोल-डीजल
पिछले कुछ सालों में देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है. देश के कुछ शहरों में कीमतों ने शतक का आंकड़ा भी छुआ है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से हो रही है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का असर आमजन और वाहनों की बिक्री पर भी पड़ते हुए देखा गया है. ऐसे में इंडस्ट्री को उम्मीद है कि, इस बार के बज़ट में पेट्रोल-डीजल को भी जीएसटी (GST) के दायरे में लाया जाए जिससे इसकी कीमत को कम किया जा सके.
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