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Bakrid Eid ul Adha 2024: बकरीद आज, जानवर की कुर्बानी से पहले जानिए फर्ज-ए-कुर्बानी के नियम

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Bakrid Eid ul Adha 2024: देसभर में आज बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है. बकरीद को ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, जो कि इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे प्रमुख त्योहार है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, 12वें महीने की 10 तारीख को बकरीद का त्योहार मनाया जाता है. यह पर्व रमजान खत्म होने के 70 दिन बाद आता है. इस दिन इस्लाम धर्म के लोग मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और फिर जानवर की कुर्बानी देते हैं. इसे अल्लाह की राह में एक बड़ी इबादत समझा जाता है. 
बकरीद पर कुर्बानी (qurbani) का खास महत्व होता है. इसलिए इसे कुर्बानी का दिन भी कहा जाता है. इस दिन कुर्बानी देना शबाब माना गया है. इसलिए सभी मुसलमान घरों में इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. बकरीद पर जानवर की कुर्बानी देने वालों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए.

बकरीद पर न करें ये 5 गलतियां 

- अगर पशु पूरी तरह से स्वस्थ हो और उसकी उम्र एक वर्ष में कुछ दिन कम हो तो विशेष परिस्थितियों में कुर्बानी दी जा सकती है. वहीं बड़े पशु की कुर्बानी के लिए उसकी उम्र कम से कम 2 साल होनी चाहिए.

- इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, बकरीद पर जिस जानवर की कुर्बानी दी जाती है, उसकी उम्र कम नहीं होनी चाहिए. कमजोर, बीमार या अपंग जानवर की कुर्बानी नहीं दी जाती है. ध्यान रहे कि कुर्बानी के जानवर की आंख, कान, पांव और सींघ सही सलामत होने चाहिए. 

- बकरीद पर दी जाने वाली कुर्बानी गोश्त खाने की नियत से नहीं होनी चाहिए. इस्लाम के मुताबिक, कुर्बानी सिर्फ और सिर्फ सवाब की नियत से होनी चाहिए, स्वाद की नियत से नहीं.

- कुर्बानी के बाद जानवर का गोश्त ढककर रखें और इसके अवशेष गड्ढे में दबा दें. रक्त और अवशेष नाली में न बहाएं. गोश्त को तीन हिस्सों में बांटें. पहला हिस्सा रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को दें. दूसरा हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों में बांटें और तीसरा परिवार के लिए रखें. 

कैसे दी जाती है कुर्बानी
कुर्बानी देने से पहले नमाज (Namaz) अदा की जाती है. पशु और उसे जिबह करने वाले (कुर्बानी देने वाले) का मुंह किबला (मक्का में काबा, या ईश्वर के घर की ओर) की ओर होना चाहिए. कुर्बानी के बाद पशु को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. पहला हिस्सा घर वाले रखते हैं, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों में बांटा जाता है और तीसरा हिस्सा गरीब व जरूरतमंदों को दिया जाता है.

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