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Baisakhi 2024: आज देशभर में मनाई जा रही है बैसाखी, जानें इस दिन का महत्व और इतिहास

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Baisakhi 2024: बैसाखी का त्योहार हर साल 13 अप्रैल को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. बैसाखी का त्यौहार वैशाख माह में मनाया जाता है. हर वर्ष बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में करते हैं और इस साल यह पर्व 13 अप्रैल यानी आज मनाया जा रहा है. बैसाखी के त्योहार से पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में फसलों की कटाई शुरू हो जाती है.

बैसाखी का महत्व (Baisakhi Significance) 
सिख समुदाय में बैसाखी का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है. वे इस त्योहार को बेहद खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं. यह त्योहार पंजाबी नए साल की शुरुआत का प्रतीक है. बैसाखी फसल, नई शुरुआत और सिख समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है. इस महीने में राबी की फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है और उनकी कटाई भी शुरू हो जाती है. आज के दिन सिख पंथ के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने सन् 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी. तभी से बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है. 

भारत के राष्ट्रपति का ट्वीट
बैसाखी, विशु, बिशुब, बोहाग बिहू, पोइला बोसाख, वैसाखडी और पुतांडु के शुभ अवसर पर, मैं भारत और अन्य देशों में रहने वाले सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं  देती हूं.

अमित शाह का ट्वीट
देश की आजादी के आंदोलन में अतुलनीय योगदान देने वाले जलियांवाला बाग के वीर शहीदों को शत्-शत् नमन. जलियांवाला बाग ब्रिटिश शासन की क्रूरता और अमानवीयता का जीवंत प्रतीक है. इस त्रासदी ने देशवासियों के दिलों में क्रांति की छिपी ज्वाला को प्रज्वलित कर दिया और स्वतंत्रता आंदोलन को जनसंघर्ष में बदल दिया. जलियांवाला बाग के स्वाभिमानी लोगों का जीवन राष्ट्र के प्रथम त्याग और समर्पण की प्रेरणा का अक्षय स्रोत है.

इस दिन गुरुद्वारों में विशेष लंगर लगाया जाता है. गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन और सत्संग आयोजित किए जाते हैं. बैसाखी को बैसाखी या बैसाखी के नाम से भी जाना जाता है.

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