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Seasonal Affective Disorder: बदलते मौसम के साथ हो सकता है सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर, जानें इसके लक्षण

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Seasonal Affective Disorder: इन दिनों बदलते मौसम के साथ लोगों को कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो रही हैं. बदलती जीवनशैली का असर लोगों की मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर भी देखने को मिल रहा है. इसे सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal Affective Disorder) कहा जाता है. कुछ लोग इसे विंटर डिप्रेशन भी कहते हैं. सर्दी की शुरुआत में इसके केस बढ़ने शुरू होते हैं.  अक्टूबर का महीना शुरू हो चुका है, इसलिए अब सावधान होने का समय आ गया है. इन दिनों व्यवहार और मानसिक सेहत में भी बदलाव देखने को मिलते हैं. बहुत से लोग निराश और उदासी के शिकार हो जाते हैं.अगर आप भी यह सुनकर चौंक गए हैं, तो आपको बता दें कि यह पूरी तरह सच है.आइए जानते हैं इस डिसऑर्डर के बारे में.

सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर क्या होता है
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (एसएडी) एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो मौसम में बदलाव से जुड़ा हुआ है. एसएडी हर साल लगभग एक ही समय पर शुरू और समाप्त होता है. ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण पतझड़ में शुरू होते हैं और सर्दियों के महीनों तक जारी रहते हैं, जिससे आपकी एनर्जी कम हो जाती है और आपको मूड स्विंग्स होने लगते हैं.बारिश से ठंड तक जब तापमान में गिरावट आने लगती है तब इस तरह के लक्षण नजर आते हैं. पूरी सर्दियां ऐसा ही बना रहता है और फिर गर्मी का मौसम आते ही सबकुछ सामान्य हो जाता है. पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है.

सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण
- एनर्जी कम होना
- हमेशा सुस्ती महसूस होना
- सोने में परेशानी होना
- भूख कम या ज्यादा लगना
- वजन में बदलाव होना
- मन में आत्महत्या का विचार आना
- लोगों से अलग रहना
- बेचैनी महसूस होना 
- चिंता, गुस्सा और व्यवहार में बदलाव

सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर से बचाव और इलाज
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर यानी एसएडी को रोकने का कोई तरीका नहीं है. हालांकि, कुछ तरीकों से इसके लक्षणों को गंभीर होने से पहले ही रोका जा सकता है. इन तरीकों में निम्न शामिल हैं-
1. सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर के लेवल के अनुसार उसका इलाज होता है. टिपिकल ट्रीटमेंट एंटी डिप्रेसेंट दवाईयों, लाइट थेरेपी, विटामिन डी और काउंसिलिंग से इलाज.
2. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, सही चीजें ही खाएं, 
3. फिजिकल एक्टिव रहें, सूर्य की रोशनी में कुछ समय बिताएं, वजन को मेंटेन रखें.
4. शराब-सिगरेट से दूरी बनाएं.

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