US-Pakistan Defense Agreement:
पाकिस्तान की चापलुसी से खुश होकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ने पाकस्तान को बड़ा तोहफा दिया है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को अमेरिका से AIM-120 एडवांस मीडियम रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान और अमेरिका में काफी करीबी दिखाई देने लगी थी.
अमेरिका ने पाकिस्तान वायु सेना को इन ताकतवर मिलाइलों की बिक्रि को मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के युद्ध मंत्रालय (DoW) की ओर से हाल ही में नोटिफाई किए गए हथियारों के एग्रीमेंट में AIM-120 AMRAAM के खरीदारों में पाकिस्तान का भी नाम शामिल है. ये बेहद एडवांस मिसाइल मानी जाती हैं और हवा से हवा में दुश्मन के विमान को मार गिराने सक्षम हैं.
डिफेंस डील की वैल्यू पहुंची 2.51 बिलियन डॉलर-
अमेरिकी रक्षा विभाग के हालिया अनुबंध के अनुसार, रेथियॉन कंपनी को 41.6 मिलियन डॉलर का एक्स्ट्रा ऑर्डर दिया गया. इन मिसाइलों के सी8 और डी3 वर्जन के लिए ये ऑर्डर दिया गया है. इस डील की कुल वैल्यू अब 2.51 बिलियन डॉलर के करीब है. इस डील के साल 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पाकिस्तान को कितनी मिसाइलें मिलेंगी. पाकिस्तानी एयरफोर्स के एफ-16 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने में ये काफी मदद करेगा. पाक के पास पहले से भी पुरानी सी3 वर्तन की 500 से अधिक मिसाइलें हैं, जो 2010 में एफ-16 के साथ खरीदी गई थीं.
भारत के लिए भी बढ़ सकता है खतरा-
पाकिस्तान की अमेरिका के साथ ये डिफेंस डील भारत के लिए चुनौती साबित हो सकती है. एआईएम-120 मिसाइलें एफ-16 पर लगेंगी. ये 100 किलोमीटर दूर से भारतीय विमानों को टारगेट कर सकती हैं. साल 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान ने इसी तरह की मिसाइल से भारत के Mig-21 को मार गिराया था. इस दौरान अभिनंदन पकड़े गए थे. अब माना जा रहा है कि नई मिसाइलें पाकिस्तानी एयरफोर्स को और मजबूत बनाएंगी.
क्या है इस मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं?
रेंज: 160 से 180 किलोमीटर तक, लॉन्च प्लेटफॉर्म पर निर्भर करता है. स्पीड: मैक 4 यानी आवाज की गति से लगभग चार गुना तेज है. गाइडेंस: एक्टिव रडार होमिंग सिस्टम, जो सटीक लक्ष्य साधने में मदद करता है. क्षमता: एक साथ कई हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. यह मिसाइल F-15, F-16, F/A-18, F-22, Eurofighter Typhoon, Gripen, Tornado और F-35 जैसे विमानों में उपयोगी है. इसके अलावा, इसे NASAMS National Advanced Surface-to-Air Missile System) जैसी जमीनी एयर डिफेंस सिस्टम में भी इस्तेमाल किया जाता है, जो अमेरिका, नॉर्वे, पोलैंड और यूक्रेन ने अपनाई है.



