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बेटियों ने उठाया मां का बोझ, निभाया बेटा होने का फर्ज

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Punjab News: बेटियों को अभिशाप समझकर फेंकने वालों को दो बेटियों ने आईना दिखाया. पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार बेटा ही माता-पिता की मौत को कंधा देता है, लेकिन फाजिल्का में एक बेहद भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बेटियों ने अपनी मां की माटी को कंधा दिया. जिसे देखकर हर कोई भावुक हो गया.

दरअसल, अमर कॉलोनी निवासी नरेश गिल्होत्रा ​​की पत्नी नीलम गिल्होत्रा ​​की पिछले शुक्रवार को मौत हो गई. मां की मौत के बाद उनकी दोनों बेटियों गौरी गिल्होत्रा ​​और आरती भठेजा ने मिलकर उनके बेटे होने का फर्ज निभाया. अंतिम संस्कार के दौरान बेटियों ने मां के अंतिम संस्कार से लेकर श्मशान में चिता को अग्नि देने तक का काम किया. यह देख मौके पर मौजूद सभी लोग भावुक हो गए.

दोनों बेटियां अपनी मां को कंधे पर बैठाकर श्मशान घाट तक गईं. वहां बेटियों ने अपनी दिवंगत मां नीलम गिल्होत्रा ​​का हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया और बेटी आरती भठेजा ने नम आंखों से अपनी मां का अंतिम संस्कार किया.

लोगों का कहना है कि आज बेटियों ने पुरानी मान्यताओं से आगे निकलकर बेटों का फर्ज निभाया है. दरअसल, जिसने भी बेटियों को मां की नाव को कंधा देते देखा उसकी आंखों में आंसू आ गए और हर कोई भावुक हो जा रहा था. दोनों बेटियों नीलम गिल्होत्रा ​​और आरती भठेजा ने साबित कर दिया है कि वे न केवल अपने माता-पिता की बेटियां हैं बल्कि बेटे के रूप में समाज में भी अपनी जिम्मेदारियां निभा सकती हैं.

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