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Punjab News: 47 के विभाजन के बिछड़े हुए भाई-बहन श्री करतापुर साहिब में मिले; 76 साल बाद एक-दूसरे को देखकर भावुक

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Cousins Reunion news: भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बीच बिछड़े करीब 80 साल के भाई-बहन 76 साल बाद ऐतिहासिक गलियारे में मिलकर बेहद भावुक हो गए. मोहम्मद इस्माइल और उनकी चचेरी बहन सुरिंदर कौर लंबे समय के बाद एक-दूसरे से मिलते हैं और भावुक हो जाते हैं. दोनों का भावुक मिलन देखकर मौके पर मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए.

इस दौरान करतारपुर साहिब प्रशासन ने दोनों को मिठाई और लंगर दिया. बंटवारे से पहले दोनों परिवार जालंधर के शाहकोट शहर में रहते थे. दंगों के दौरान दोनों अलग हो गए थे. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद मुहम्मद इस्माइल लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर पंजाब के साहीवाल जिले में रहने लगे.

जबकि उनकी चचेरी बहन सुरिंदर कौर जालंधर की रहने वाली हैं. बंटवारे से पहले दोनों परिवार जालंधर के शाहकोट शहर में रहते थे. बंटवारे के दौरान हुए दंगों ने उन्हें अलग कर दिया था. एक पाकिस्तानी पंजाबी यूट्यूब चैनल ने इस्माइल की कहानी सोशल मीडिया पर पोस्ट की, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के सरदार मिशन सिंह ने उनसे संपर्क किया.

सरदार मिशन सिंह ने मोहम्मद इस्माइल को उसकी चचेरी बहन सुरिंदर कौर का फोन नंबर दिया, जो भारत में लापता थी. दोनों ने एक-दूसरे से फोन पर बात की, जिसके बाद उनकी मुलाकात का रास्ता साफ हो गया. दोनों ने करतारपुर कॉरिडोर पर मिलने का फैसला किया. दोनों अपने-अपने शहर से मिलने के लिए रविवार को करतारपुर कॉरिडोर पहुंचे थे.

76 साल बाद मिले दोनों भाई एक दूसरे को देखकर भावुक हो गए. गले मिलते ही दोनों के मुंह से खुशी के आंसू निकल पड़े. इस दौरान मौके पर मौजूद सभी लोगों की आंखें भी नम हो गईं. इसके साथ ही बहन सुरिंदर कौर के परिवार वालों ने इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान भी किए.

गौरतलब है कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब प्रांत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है. भारतीय सिख तीर्थयात्री चार किलोमीटर लंबे गलियारे तक पहुंच सकते हैं. इसके साथ ही बिना वीजा के भी दरबार साहिब का दौरा किया जा सकता है. दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनाने के लिए यह गलियारा खोला गया है. जिसके माध्यम से विभाजन के समय बिछड़े हुए कई परिवार एक-दूसरे से मिल चुके हैं.

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