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FASTag उपयोगकर्ताओं के लिए बड़ी खबर , नहीं होगी वॉलेट से बैलेंस खत्म होने की दिक्कत, RBI ने किया बदलाव

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FASTag News: कई वाहन मालिक अक्सर अपने FASTag वॉलेट को रिचार्ज को लेकर परेशान रहते हैं. कई बार वह इससे रिचार्ज करना भूल जाते हैं जिस वजह से उन्हें दोगुना टोल चुकाना पड़ता है. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि अब देश का केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को ई-मेंडेट फ्रेमवर्क को मोडिफाइड करते हुए फास्टैग में ऑटो पूर्ति के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड यानी एनसीएमसी की मंजूरी दे दी है.

अब जैसे ही FASTAG बैलेंस निर्धारित सीमा से कम होगा, ग्राहक के बैंक खाते से ऑटोमेटिक पैसा वॉलेट में आ जाएगा. यह भारतीय रिजर्व बैंक FASTag और NCMC को  ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में शामिल करने से यह संभव हुआ है. 

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को इन दोनों को ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में शामिल करने की घोषणा की. इसका मतलब है कि अब FASTag और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड यूजर्स को इन दोनों पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में बार-बार पैसे जमा करने की झंझट से छुटकारा मिल जाएगा.

RBI ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि FASTAG और NCMC के तहत भुगतान के लिए कोई निश्चित समय नहीं है. भुगतान की आवश्यकता किसी भी समय हो सकती है, इसलिए पैसा बिना किसी विशिष्ट समय सीमा के खाते में जमा किया जाएगा. जब इन पेमेंट इंट्रूमेंट्स में बैलेंस तय लिमिट से कम हो जाएगा, तो ग्राहक के खाते से ऑटोमेटिक रूप से पैसे कटकर इन वॉलेट्स में जुड़ जाएंगे. इसके लिए यूजर को बार-बार मैन्युअली पैसा जोड़ने की ज़रूरत नहीं होगी.

क्‍या है ई-मेंडेट फ्रेमवर्क (e-Mandate Framework)
ई-मैंडेट ढांचे (e-Mandate Framework), के तहत ग्राहक के खाते से पैसे निकालने से कम से कम 24 घंटे पहले इसकी सूचना देने की आवश्यकता होती है.ई-मैंडेट’ यानी भुगतान के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से मंजूरी के तहत अभी दैनिक, साप्ताहिक, मासिक आदि जैसे निश्चित अवधि वाली सुविधाओं के लिए निश्चित समय पर ग्राहक के खाते से भुगतान स्वयं हो जाता है. इस मैकेनिज्म के लिए यूजर को एक बार ई-मैंडेट के जरिए पैसे डेबिट करने की परमिशन देनी होती है.

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