Doctors on Strike: कोलकाता की घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शनिवार को देशभर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में 24 घंटे की हड़ताल की घोषणा की है. इस दौरान मरीजों की ओपीडी और ऑपरेशन नहीं होंगे. हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी.
IMA के आह्वान पर शनिवार को मोहाली के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की ओपीडी बंद रहेगी. IMA ने कहा है कि कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुए जघन्य अपराध और अस्पताल में हुई बर्बरता के विरोध में देशभर के डॉक्टर शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे.
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. वे मृत महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने जैसी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. आईएमए में 3.30 लाख से अधिक डॉक्टर सदस्य हैं.
इस दौरान सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी ऑपरेशन बंद रहेंगे. आईएमए ने 15 अगस्त को हड़ताल की जानकारी दी थी. एसोसिएशन ने कहा कि हड़ताल के दौरान ओपीडी काम नहीं करेगी. आपातकालीन स्थिति को छोड़कर कोई भी सर्जरी नहीं की जाएगी.
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ऑन-ड्यूटी स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन जारी है.
कोलकाता की घटना के बाद आईएमए ने सरकार से देश में डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने समेत 5 मांगें की हैं. पढ़ें एसोसिएशन की मांगें-
- आईएमए ने कहा कि कोलकाता बलात्कार-हत्या पीड़िता 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट पर थी। आराम करने की कोई जगह न होने पर वह सेमिनार हॉल में चली गई. अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए सुरक्षित स्थानों और आराम क्षेत्रों की कमी को तुरंत दूर किया जाना चाहिए.
- कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले की पेशेवर जांच तय समय के भीतर की जानी चाहिए और पीड़िता को न्याय दिया जाना चाहिए. दोषियों की पहचान कर कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
- जिस प्रकार से पीड़िता पर अत्याचार किया गया उसके अनुरूप पीड़ित परिवार को पर्याप्त एवं सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए.
- डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए एक नीति बनाई जानी चाहिए. महामारी रोग अधिनियम 1897 में 2023 में किए गए संशोधनों को 2019 के प्रस्तावित अस्पताल सुरक्षा विधेयक में शामिल करते हुए एक केंद्रीय कानून बनाएं. आईएमए का मानना है कि इससे 25 राज्यों में मौजूदा कानून मजबूत होंगे. आईएमए ने यह भी सुझाव दिया है कि इस स्थिति में कोविड-19 महामारी के दौरान लागू किए गए अध्यादेश के समान ही एक अध्यादेश उचित होगा.
- सभी अस्पतालों में हवाई अड्डों के समान सुरक्षा प्रोटोकॉल होने चाहिए. अस्पतालों को पर्याप्त सुरक्षा सुविधाओं के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए. सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
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