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National Cancer Awareness Day 2023 : ब्रैस्ट कैंसर से बचना है तो महिलाएं इन गाइडलाइन्स को करें फॉलो

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National Cancer Awareness Day 2023: कैंसर, वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारकों में से एक है. अकेले भारत में हर साल कई प्रकार के कैंसर के कारण आठ-नौ लाख लोगों की मौत हो जाती है. लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण कैंसर का जोखिम और भी बढ़ता जा रहा है. देश में कैंसर के बढ़ते जोखिमों को लेकर लोगों को अलर्ट करने और इससे बचाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल सात नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरेस डे मनाया जाता है.पूरी दुनिया में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे कॉमन कैंसर है, जिससे हर साल लाखों महिलाएं शिकार होती हैं.

क्या है ब्रेस्ट कैंसर?
स्तन कैंसर एक घातक स्थिति है, जो ब्रेस्ट टिशूज में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि और उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण होता है. यह आमतौर पर दूध पैदा करने वाली ग्रंथियों (लोब्यूल्स) की कोशिकाओं या उन नलिकाओं में शुरू होता है, जो दूध को निपल तक ले जाती हैं. धीरे-धीरे ये अनियंत्रित कोशिकाएं ट्यूमर का रूप धारण कर लेती हैं. स्तन कैंसर इन्वेसिव हो सकता है यानी यह आसपास के ऊतकों या शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है. स्तन कैंसर का मुख्य कारण कई बार अनुवांशिक, पर्यावरणीय, हार्मोनल और खराब जीवनशैली हो सकता है.

ब्रेस्ट कैंसर का कारण
डॉक्टरों के मुताबिक  स्तन कैंसर तब होता है जब ब्रेस्ट के कुछ टिश्यूज असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. ये कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ती है और जमा होती रहती है. जिससे एक गांठ या लिक्विड निकलने लगता है. कोशिकाएं आपके स्तन से होते हुए आपके लिम्फ नोड्स या आपके शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं जिसे (मेटास्टेसिस) कहते हैं. 

स्तन कैंसर अक्सर दूध बनाने वाली नलिकाओं (इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा) में कोशिकाओं से शुरू होता है. स्तन कैंसर लोब्यूल्स (इनवेसिव लोब्यूलर कार्सिनोमा) नामक ग्रंथि ऊतक या स्तन के भीतर अन्य कोशिकाओं या ऊतक में भी शुरू हो सकता है.

शोधकर्ताओं ने हार्मोनल, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों की पहचान की है जो स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि जिन लोगों में कोई जोखिम कारक नहीं है उनमें कैंसर क्यों विकसित होता है.

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज और बचाव के उपाय
आमतौर पर यदि लक्षणों को पहचानकर कैंसर डिटेक्ट हो जाए तो इसका इलाज डॉक्टर शुरू कर देते हैं. 
इलाज कैंसर किस स्टेज में पहुंच चुका है, इस पर भी निर्भर करता है. इसमें मुख्य रूप से रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी (Chemotherapy), सर्जरी, हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy), मेडिसिन के जरिए इलाज किया जाता है. 
यदि आप चाहती हैं कि आपको ब्रेस्ट कैंसर ना हो तो आप नियमित रूप से अपने स्तनों की जांच खुद से करें. इसके लिए आप ब्रेस्ट को छूकर चेक करें कि कहीं कोई गांठ तो नहीं. ऐसा नजर आए तो डॉक्टर से तुरंत मिलें. 
इसके अलावा, वजन कम करें, हेल्दी डाइट लें, शारीरिक रूप से एक्टिव रहें, जीवनशैली में बदलाव लाएं और रेगुलर एक्सरसाइज करें. ऐसा करके काफी हद तक ब्रेस्ट कैंसर से बचाव संभव है.

 

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