Prayagraj Weather: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पिछले 24 घंटों में यमुना का जलस्तर 1 मीटर 10 सेंटीमीटर बढ़ा है, जो चिंताजनक है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है, हालांकि अभी भी जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 6 मीटर नीचे है.
प्रयागराज शहर तीन तरफ से गंगा और यमुना नदियों से घिरा है, और संगम क्षेत्र में दोनों नदियों का पानी टकराता है. जब गंगा का जलस्तर बढ़ता है, तो यमुना का उफान रुक जाता है, जिससे दोनों नदियों का पानी तराई क्षेत्र की ओर उल्टा दिशा में फैलने लगता है. इससे शहर के कई मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश का सीधा असर दोनों नदियों पर पड़ता है.
यमुना नदी का बढ़ा जलस्तर
पिछले 24 घंटे में गंगा-यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी ने संगम क्षेत्र को घेर चुका है. संगम क्षेत्र से पानी बांध की तरफ बढ़ना शुरू हो रहा है. करीब एक सप्ताह से लगातार दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. प्रयागराज के संगम क्षेत्र में संगम नोज को गंगा यमुना नदी के बढ़ते पानी ने घेर लिया है. अब दोनों नदियों का बढ़ता जलस्तर धीरे-धीरे कछार क्षेत्र को घेर रहा है. संगम क्षेत्र में वीआईपी घाट की सीढ़ियों तक वहीं यमुना का बढ़ता जल स्तर अरैल की तरफ घाट के ऊपर बने बैठकों सीढ़ियों तक पानी पहुंच चुका है.
महाकुंभ 2025 में संगम के स्नान घाट डूब चुके हैं, और दुकानदार, कर्मकांडी और तीर्थ पुरोहित अपने सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए उन्हें खतरे का आभास हो चुका है, और वे तेजी से अपने सामानों को लेकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं.
खतरे के निशान पर
बता दें कि दोनों नदियों का जलस्तर अभी खतरे के निशान 84.734 मीटर से लगभग 6 मीटर नीचे है. प्रशासनिक आंकड़े के अनुसार मंगलवार की सुबह 8 बजे तक फाफामऊ में गंगा नदी के जलस्तर 78.27 मीटर और छतनाग में 76.36 मीटर दर्ज किया गया।फाफामऊ में गंगा के जलस्तर में कम वृद्धि हुई, लेकिन छतनार में वृद्धि बहुत तेजी से दर्ज की गई है. वहीं यमुना नदी का जल स्तर 77.02 मीटर दर्ज किया गया है.
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