Trump India China Ukraine War:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में अपने संबोधन किया. इस दौरान उन्होंने फिर भारत और चीन खिलाफ यूक्रेन युद्ध को फंड करने के आरोप लागाए. लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बचाव करते हुए ट्रंप के दावों की पोल खोल दी है. जेलेंस्की ने यूरोप से भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की अपील की, न कि दूरी बनाने की. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में यह कूटनीतिक टकराव खुलकर सामने आया. इसके साथ ट्रंप ने यूएन को भी लपेटे में लिया.
चीन और भारत युद्ध के मुख्य वित्तपोषक-
ट्रंप ने दावा किया कि रूसी तेल की खरीद जारी रखकर दोनों देश इस युद्ध के ‘प्राथमिक वित्तपोषक’ बने हुए हैं. ट्रंप यहीं नहीं रुके, NATO को भी लपेटते हुए कहा, नाटो देशों ने भी रूसी ऊर्जा और उसके उत्पादों पर ज्यादा रोक नहीं लगाई है,यह शर्मनाक है. ट्रंप ने यूएनजीए की एक घंटे से ज्यादा लंबे भाषण में रूस-युक्रेन युद्ध पर अपनी बात रखते हुए कहा, चीन और भारत रूसी तेल खरीदकर इस युद्ध के मुख्य वित्तपोषक हैं. लेकिन, नाटो देशों ने भी रूसी ऊर्जा और रूसी ऊर्जा उत्पादों पर ज्यादा रोक नहीं लगाई है,जैसा कि आप जानते हैं, मुझे लगभग दो हफ्ते पहले पता चला और मैं इससे खुश नहीं था.
चीन-भारत युक्रेन युद्ध का फाइनेंसर-ट्रंप
ट्रंप ने अपने भाषण में आगे कहा, ऐसा करके ये देश अपने ही खिलाफ युद्ध को वित्तपोषित कर रहे हैं। किसने इसके बारे में सुना है? अगर रूस युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता है, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है. यूरोपीय देशों को, आप सभी जो अभी यहां एकत्रित हैं, हमारे साथ मिलकर सही कदम उठाने होंगे.
NATO को लपेटा और अपनी तारिफ की-
ट्रंप ने नाटो सहयोगी यूरोपीय देशों को भी आड़े हाथों लिया है. अपनी पीठ थपथपाते हुए ट्रंप ने अपने भाषण के जरिए अमेरिका की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था, सीमाएं, सैन्य शक्ति, मित्रता और राष्ट्रीय भावना पर जोर दिया. ट्रंप ने इसे “गोल्डन एज ऑफ अमेरिका” बताया और कहा कि उन्होंने सात युद्धों को रोकने में सफलता पाई है. उन्होंने यह भी कहा कि “काश यह काम संयुक्त राष्ट्र करता, लेकिन मुझे करना पड़ा.
हमें भारतीयों से पीछे नहीं हटना चाहिए’- जेलेंस्की
जेलेंस्की ने भारत को अलग-थलग करने को गलती बताते हुए यूरोप से नई दिल्ली के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की वकालत की. उन्होंने कहा, हमें भारतीयों से पीछे नहीं हटना चाहिए. इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तनाव कम करने की कोशिश की.
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