Vijay Rally Stampede:
तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की पार्टी टीवीके की रैली में भगदड़ मचने से 40 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए. विजय की पार्टी टीवीके ने सीबीआई जांच की मांग की है वहीं बीजेपी ने डीएमके सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. पुलिस ने टीवीके नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
विजय ने मृतकों के परिवार को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इस हादसे को लेकर विजय भी काफी दुखी हैं, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर दुख व्यक्त किया. घटना में मारे गए लोगों में ज्यादतर बच्चे व महिलाएं हैं. तमिलनाडू के सीएम ने घटना से ग्रसित लोगों को मुआवजे का एलान कर जांच कमेटी गठित की है.
मृतकों को 10 लाख रुपये, घायलों को 1 लाख रुपये का मुआवजा -CM एमके स्टालिन
तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने हादसे के तुरंत बाद रात में ही हाईलेवल मीटिंग ली. मुख्यमंत्री स्टालिन ने घटना के बाद हॉस्पिटल पहुंचकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों से मुलाकात की है. हमारे राज्य के इतिहास में किसी राजनीतिक दल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान कभी नहीं गई है. भविष्य में भी ऐसी त्रासदी कभी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ऐलान किया कि मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. घायलों को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया, जो पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
स्वतंत्र जांच की मांग, टीवीके ने मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया-
करूर रैली में हुई भगदड़ के बाद विजय के प्रमुख सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. वहीं, पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) ने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. टीवीके का आरोप है कि इस घटना के पीछे एक गहरी साजिश हो सकती है. राज्य द्वारा नियुक्त न्यायिक आयोग ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है.
विजय ने किया ट्विट-
रैली में हुई भगदड़ पर विजय ने ट्विट किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मेरा मन टूट गया है. मैं असहनीय, ना बताई जा सकने वाली पीड़ा और दुख से छटपटा रहा हूं. इस बात को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. करूर में अपनी जान गंवाने वाले अपने भाइयों और बहनों के परिवारों के लिए मैं अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करता हूं. मैं अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
कैसे हुआ पूरा हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो विजय की रैली शुरू होने से पहले ही भारी भीड़ जमा हो गई थी. इसके बाद भी खुद विजय कई घंटे की देरी के बाद रैली को संबोधित करने पहुंचे थे.
इसी दौरान लोग मंच के पास आने लगे. इसके अलावा लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. धक्का-मुक्की के कारण कई लोग बेहोश हो गए. इसी कारण भगदड़ मच गई. विजय की इस रैली को लेकर प्रशासन को 30 हजार लोगों के आने का अनुमान था, हालांकि इस कार्यक्रम के अनुमान से ज्यादा भीड़ जमा हो गई. इसके कारण हालत संभाले नहीं जा सके.
10,000 लोगों की उम्मीद थी, लेकिन 27,000 लोग जमा हो गए- DGP
तमिलनाडु के प्रभारी DGP जी. वेंकटरमण ने कहा, “रैली की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटनी शुरू हो गई थी. जब विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे, तब तक भीड़ बिना भोजन और पानी के घंटों से इंतज़ार कर रही थी. डीजीपी ने बताया कि इस रैली में 10,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन इस कार्यक्रम लगभग 27,000 लोग जमा हो गए. इसके साथ ही पूरे कार्यक्रम में 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.
आरोप प्रत्यारोपो का सिलसिला शुरु-
विजय की पार्टी टीवीके की तरफ़ से किसी ने अब तक यह नहीं बताया कि चूक क्यों हुई. लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ कार्यकर्ता आरोप लगा रहे हैं कि वहां सुरक्षा के इंतज़ाम पर्याप्त नहीं थे. वहीं कुछ का कहना है कि विजय ने जिस जगह के लिए गुज़ारिश की थी उन्हें वहां के लिए इजाज़त नहीं दी गई. साथ ही उनके वहां पहुंचते ही बिजली काट दी गई. हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है.
अधिकारियों का कहना है कि टीवीके की सहमति के बाद ही उन्हें वेलुचामिपुरम में सभा करने की इजाज़त दी गई थी. बिजली विभाग के एक अधिकारी ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि कुछ लोग बिजली के तारों के पास के पेड़ों पर चढ़ गए थे, इसलिए अस्थायी रूप से बिजली सप्लाई काट दी गई थी. पुलिस ने उन लोगों को पेड़ों से उतारा जिसके बाद बिजली सप्लाई फिर बहाल कर दी गई थी. उनका कहना है कि ये सब विजय के वहां पहुंचने से पहले हुआ था.
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