Shimla: शिमला में सीपीआईएम का अधिवेशन: केंद्र की नीतियों के खिलाफ एकजुटता का आह्वान, किसान-मजदूर आंदोलन को समर्थन

CPI(M) Shimla Convention: हिमाचल प्रदेश की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) की राज्य कमेटी ने शनिवार को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में एक राज्य स्तरीय अधिवेशन…

CPI(M) Shimla Convention:

हिमाचल प्रदेश की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) की राज्य कमेटी ने शनिवार को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में एक राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया. इस अधिवेशन का उद्देश्य आगामी 26-नवंबर-2025 और 19-जनवरी-2026 को होने वाले मजदूर-किसान आंदोलनों को सफल बनाना था. अधिवेशन में प्रदेश भर से लगभग
200 से अधिक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया

मोदी सरकार की तीखी आलोचना-

वक्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार की कॉर्पोरेट और सांप्रदायिक नीतियों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इन नीतियों ने देश में अमीरी और गरीबी की खाई को और गहरा कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूरी तरह से पूंजीपतियों के हितों की रक्षा में जुटी है और मजदूरों-किसानों के अधिकारों को लगातार कुचला जा रहा है. नेताओं ने कहा कि वर्ष 2020 में लागू किए गए कृषि कानूनों और मजदूर विरोधी चार लेबर कोड से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार केवल कॉर्पोरेट घरानों के मुनाफे को बढ़ाने में लगी है. सीपीआईएम नेताओं का कहना था कि ये लेबर कोड मजदूरों को “बंधुआ मजदूरी और गुलामी” की ओर धकेलने वाले हैं.

प्रदेश की स्थिति पर जताई चिंता-

नेताओं ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों की बेदखली, मुआवजे की समस्याएं और मजदूरों के शोषण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में योजना कर्मियों, ठेका और आउटसोर्स कर्मचारियों को केवल 4,000 से 12,000 मासिक वेतन मिल रहा है, जो उनके श्रम के साथ अन्याय है. पार्टी नेताओं ने कहा कि देश के पांच सबसे बड़े पूंजीपति अब देश की कुल 20% संपत्ति पर काबिज हैं, जबकि देश की आधी आबादी के पास केवल 3% संपत्ति बची है. इसे पूंजीपतियों, राजनेताओं और नौकरशाही के गठजोड़ का परिणाम बताया गया.

केंन्द सरकार कर रही भटकाने की कोशिश-

अधिवेशन में यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार अपनी नीतियों से जनता का ध्यान असली मुद्दों- महंगाई, बेरोजगारी और असमानता- से भटकाने की कोशिश कर रही है, जिससे देश की एकता और अखंडता को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. सीपीआईएम ने इस अवसर पर सभी जनसंगठनों, मजदूर-किसान यूनियनों और प्रगतिशील ताकतों से अपील की कि वे एकजुट होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ व्यापक मोर्चाबंदी करें.

राज्य सचिव सहित ये नेता रहे शामिल-

अधिवेशन की अध्यक्षता राज्य सचिव संजय चौहान ने की. सीपीआईएम ने मजदूरों और किसानों के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा करते हुए, प्रदेश के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से इन आंदोलनों को जन आंदोलन के रूप में सफल बनाने का आह्वान किया. बैठक को पार्टी के नेता राकेश सिंघा, प्रेम गौतम, विजेंद्र मेहरा, कुशाल भारद्वाज, डॉ. कुलदीप सिंह तंवर, भूपेंद्र सिंह, गीता राम, राजेंद्र ठाकुर, मोहित वर्मा, जोगिंद्र कुमार, अशोक कटोच और नरेंद्र विरुद्ध ने संबोधित किया.

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