Saudi-Pakistan Military Pact: सऊदी-PAK का रक्षा समझौता: एक पर हमला, दोनों पर हमला माना जाएगा, भारत सरकार ने भी दी प्रतिक्रिया

Saudi-Pakistan Strategic Defense Agreement: पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक अहम रक्षा समझौता हुआ. इस समझौते के मुताबिक, दोनों देशों में से किसी…

Saudi-Pakistan Strategic Defense Agreement:

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक अहम रक्षा समझौता हुआ. इस समझौते के मुताबिक, दोनों देशों में से किसी एक पर हमला होता है तो ये दूसरे देश पर भी हमला माना जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सऊदी अबर की यात्रा की है और वहां प्रिंस सलमान से मुलाकात की है. इसी दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस पर भारत सरकार का बयान भी सामने आया है.

दोनों देशों के अपने-अपने ड़र

इस समझौते के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या इजरायल के हमले से डरा सऊदी अरब ने पाकिस्तान की परमाणु छतरी (सुरक्षा) पाने के लिए इस पर हस्ताक्षर किए हैं. वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने कहा, ‘यह एक व्यापक रक्षा समझौता है, जिसमें सभी सैन्य साधन शामिल हैं. पाकिस्तान ने कहा कि यह समझौता ‘दोनों देशों की अपनी सुरक्षा बढ़ाने और क्षेत्र में सुरक्षा एवं शांति स्थापित करने की साझा प्रतिबद्धता को दिखाता है.

राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध- भारत सरकार

सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- “हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं. सरकार को पता था कि यह घटनाक्रम, जो दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालिक व्यवस्था को औपचारिक रूप देता है, विचाराधीन था. हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस घटनाक्रम के प्रभावों का अध्ययन करेंगे. सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका के मजूबूत सैन्य साझेदार-

कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात, ये सभी अमेरिका के मजूबूत सैन्य साझेदार हैं और इनकी जमीन पर अमेरिकी सैन्य अड्डे हैं. कतर में अल-उदैद बेस तो क्षेत्र में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है. खाड़ी देश लंबे समय से अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिका पर निर्भर रहे हैं और हाल ही में सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजरायली हमलों को लेकर वॉशिंगटन के समर्थन से सतर्क रहे हैं.

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी रहे मौजूद-

कतर एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी है और हमास और इजरायल के बीच मध्यस्थता करता रहा है. इस समझौते पर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रियाद में हस्ताक्षर किए.

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी इस मौके पर मौजूद थे. इस समझौते के पीछे पाकिस्तान का अपना डर भी है. इसी साल मई में पाकिस्तान का भारत के साथ घातक हवाई युद्ध हुआ था, जिसने दोनों प्रतिद्वंद्वियों को परमाणु संघर्ष के कगार पर ला दिया था. बीते जून महीने में पाकिस्तान के पड़ोसी ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी और इजरायली हमलों ने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है. इजरायल की भारत से नजदीकी भी पाकिस्तान के लिए बड़ी मुश्किल है.

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