Palestine: ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता दी, नेतन्याहू ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

Two State Solution Israel Palestine: ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दे दी. फ्रांस…

Two State Solution Israel Palestine:

ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दे दी. फ्रांस भी जल्द ही ऐसा करने वाला है. भारत-चीन समेत दुनिया के 140 से ज्यादा देश फिलिस्तीन को देश की मान्यता दे चुके हैं. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे इनकार कर चुके हैं. फिलिस्तीन को मान्यता देने पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. फ्रांस ने 13 सिंतबर को संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान और दो-देश (टू-स्टेट) योजना का समर्थन किया गया था.

2 राज्य समाधान के लिए यूनाइटेड किंगडम औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता – स्टॉर्मर

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टॉर्मर ने कहा, आज फिलिस्तीनियों और इजरायलियों के लिए शांति की आशा को पुनर्जीवित करने और 2 राज्य समाधान के लिए यूनाइटेड किंगडम औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है. ब्रिटिश PM स्टारमर ने कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ते हिंसा के बीच हम शांति बनाए रखने और दो देशों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं. इसका मतलब है कि एक सुरक्षित इजराइल के साथ-साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीन भी होना चाहिए. जुलाई में ब्रिटेन ने कहा था कि अगर इजराइल ने हमास से युद्ध नहीं रोका तो ब्रिटेन फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता देगा.

कनाडा, फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला G7 देश

कनाडा फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के तौर मान्यता देने वाला पहला G7 देश बना है. कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने उम्मीद जताई कि इजराइल और फिलिस्तीन दोनों को शांतिपूर्ण भविष्य मिलेगा.

ऑस्ट्रेलियाई PM एंथनी अल्बानीज ने कहा कि फिलिस्तीन को राज्य की मान्यता देना कनाडा और ब्रिटेन के साथ मिलकर किया गया कदम है. यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है ताकि दो अलग-अलग देशों का समाधान मिल सके.  ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ऑस्ट्रेलिया औपचारिक रूप से स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन राष्ट्र को मान्यता देता है. ऐसा करके ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन के लोगों की अपने स्वयं के राष्ट्र की वैध और लंबे समय से चली आ रही आकांक्षाओं को मान्यता देता है.

ऑस्ट्रेलिया ने भी दी मान्यता

ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से फलस्तीन राज्य को मान्यता दे दी है. यह फैसला गाजा युद्ध और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच आया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले ऑस्ट्रेलिया का यह एलान पश्चिम एशिया की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है.

नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया-

फिलिस्तीन को मान्यता देने पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ऐसा हो नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीनी राष्ट्र नहीं होगा. नेतन्याहू ने कहा, कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा. हमारी भूमि के मध्य में आतंकवादी राज्य स्थापित करने के नवीनतम प्रयास का जवाब अमेरिका से लौटने के बाद दिया जाएगा. नेतन्याहू ने आरोप लगाया कि फिलिस्तीन को मान्यता देकर वे आतंकवाद को भारी इनाम दे रहे हैं और ऐसा न होने देने का अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘7 अक्टूबर के भयावह नरसंहार के बाद जो नेता फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दे रहे हैं, उनके लिए मेरा एक स्पष्ट संदेश है.

संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश हो चुका-

फ्रांस ने 13 सिंतबर को संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान और दो-देश (टू-स्टेट) योजना का समर्थन किया गया था. प्रस्ताव को भारत समेत 142 देशों ने समर्थन दिया. 10 देशों ने विरोध में वोट दिया और 12 देश मतदान से दूर रहे. अमेरिका, अर्जेंटीना, हंगरी, इजराइल, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, पैराग्वे और टोंगा ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. UN के 193 में से 147 देश फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं. ब्रिटेन की मुस्लिम काउंसिल ने प्रधानमंत्री के इस कदम का स्वागत किया, लेकिन आग्रह किया कि मान्यता के साथ ठोस कार्रवाई भी होनी चाहिए.

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