Taliban Denied Entry for Female Journalists:
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 7 दिनों के भारत पर आए हैं. अफगानी मंत्री ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई, जिसमें महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं दी गई.
इस कार्यक्रम में कुल 20 पत्रकार शामिल हुए, लेकिन उनमें एक भी महिला रिपोर्टर मौजूद नहीं थी. इस पर कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी के अलावा अनेक पत्रकारों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से पूछा सवाल-
प्रियंका गांधी ने तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया और अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया. प्रियंका गांधी ने इस घटना को “भारत की सक्षम महिलाओं का अपमान” भी करार दिया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस का करना चाहिए था बहिष्कार-
वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि ऐसा होने पर पुरुष पत्रकारों को अपनी महिला सहकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार कर देना चाहिए था.
अपने पोस्ट में चिदंबरम ने लिखा, मुझे इस बात पर हैरानी है कि अफगानिस्तान के मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया. मेरे निजी विचार से, जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को शामिल नहीं किया गया है (या उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है) तो उन्हें बाहर चले जाना चाहिए था.
विदेश मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरण-
विदेश मंत्रालय (MEA)ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुत्ताकी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद कोई संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित नहीं की गई. केवल अफगानिस्तान ने अपने दूतावास परिसर में एक अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुत्ताकी ने भारत-अफगानिस्तान संबंधों, मानवीय सहायता, व्यापार मार्गों और सुरक्षा सहयोग सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर बात की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल चुनिंदा पुरुष पत्रकार और अफगान दूतावास के अधिकारी ही शामिल हुए.



