UAPA Case:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है. पन्नू पर आरोप है कि उसने इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने के लिए 11 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था. FIR 19 अगस्त को गृह मंत्रालय के निर्देश पर दर्ज की गई है. इसमें पन्नू पर भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने और सिख समुदाय में भारत, अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने और सिख समुदाय में भारत के खिलाफ असंतोष फैलाने के आरोप लगाए गए हैं.
15 अगस्त पर पीएम को तिरंगा फहराने से रोकने वाले को 11 करोड़ का के नाम का किया था एलान-
केंद्र सरकार ने कहा कि पन्नू की हरकतें भारत की संप्रभुता और अखंडता पर सीधी चोट हैं. अब NIA जांच करेगी कि इस साजिश में और कौन लोग शामिल हैं और नेटवर्क कहां-कहां फैला है? पन्नू ने 15 अगस्त पर पीएम को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने वाले को 11 करोड़ का इनाम देने का ऐलान किया था. 10 अगस्त 2025 को लाहौर प्रेस क्लब (पाकिस्तान) से “मीट द प्रेस” कार्यक्रम में वॉशिंगटन से वीडियो लिंक पर बयान दिया. पन्नू ने इसे जारी किया, जिसमें था दिल्ली बनेगा खालिस्तान नक्शा में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली को शामिल करके दिखाया गया था.
भारत के खिलाफ किया लड़ाई का ऐलान-
SFJ ने इसे शहीद जत्था बनाया और भारत के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया. पन्नू पर BNS 2023 की धारा 61(2) और UAPA की धारा 10 व 13 के तहत केस दर्ज किया गया है. फिलहाल अब NIA इस मामले की जांच करेगी कि इस साजिश में और कौन लोग शामिल हैं. इन नेटवर्क का तार कितना लंबा है.
लाहौर प्रेस क्लब में की प्रेस कॉन्फ्रेंस-
एफआईआर के मुताबिक, भारत सरकार को सूचना मिली थी कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 10 अगस्त को पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी.उसने वाशिंगटन से वीडियो लिंक के जरिए वहां के पत्रकारों से बात की. पन्ननू ने पंजाब की संप्रभुता को नकारा और खालिस्तान के गठन को लेकर बढ़ चढ़कर वकाल की.
सिख समुदाय के लोगों को भड़काने की कोशिश की-
गुरपतवंत सिंह पन्नू,’सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) का नेता है. इसे भारत की तरफ से पहले ही आतंकी घोषित किया जा चुका है. एनआईए का आरोप है इसने भारत की एकता और सुरक्षा के खिलाफ बहुत सारे काम किए हैं और उसमें शामिल रहा है.उसने सिख समुदाय के लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने के लिए कई तरीके अपनाए हैं. ऐसे में ये देश की सुरक्षा के खिलाफ बड़ा अपराध है.
पन्नू के खिलाफ 7वीं FIR-
पन्नू के खिलाफ एनआईए की यह सातवीं FIR है. केंद्र सरकार ने 10 जुलाई 2019 को सिख फॉर जस्टिस को UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था. इसके बाद 1 जुलाई 2020 को पन्नू को भी आतंकवादी घोषित कर दिया गया था. गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि ‘अपराध की गंभीरता, इसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने की आवश्यकता को देखते हुए इस मामले की जांच NIA से कराई जानी चाहिए.’
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