Interim PM Nepal:
नेपाल में चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच अब स्थिति धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. काठमांडू की सड़कें धीरे-धीरे सामान्य होती दिख रही हैं. प्रदर्शनकारियों ने सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और राजनीतिक नेताओं को जवाबदेह ठहराए जाने की मांग की थी. इन प्रदर्शनों के बाद अब नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. कार्की को लेकर लोगों में काफी आशा की भावना बढ़ी है.
हिंसा में मारे गए लोग शहीद सरकार देंगी 10 लाख –
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद सुशीला कार्की ने कहा, “8 सितंबर की घटना में मारे गए सभी लोगों को शहीद घोषित किया गया है और उन्हें दस-दस लाख रुपये दिए जाएंगे. घायलों का खर्च सरकार उठाएगी और उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा. शवों को काठमांडू से दूसरे जिलों में भेजने की व्यवस्था सरकार करेगी. सरकार उन्हें कुछ मुआवजा देने के उपायों पर काम करेगी. यह आसान ऋण या किसी अन्य उपाय के माध्यम से हो सकता है.
प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद कार्की ने अपने पहले संबोधन में कहा, तोड़फोड़ की घटना में शामिल लोगों की जांच होगी. मेरा दल और मैं सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं. हम छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे और नई संसद के चुने जाने के बाद जिम्मेदारी सौंप देंगे. जनता के सहयोग के बिना हम सफल नहीं होंगे.
सुशीला कार्की की योजनाएं
सुशीला कार्की ने अपने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से ही अपने सलाहकारों और Gen Z आंदोलन के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श शुरू कर दिया है. वह एक छोटी और सुधार-उन्मुख कैबिनेट बनाने की योजना बना रही हैं, जिसमें अधिकतम 15 मंत्री होंगे.
कार्की उनकी ईमानदारी और स्वतंत्रता के लिए जाना जाता है, जो उन्हें इस पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है. सुशीला कार्की अपने वादों को पूरा करने में कितनी सफल होती हैं और नेपाल में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में उनकी क्या भूमिका होगी. उनकी नियुक्ति से नेपाल के लोगों में नई उम्मीद की किरण जगी है.
नेपाल की राजनीति अस्थिरता के बाद संसद भंग और सड़कों पर भड़की हिंसा के बीच देश की सुशीला कार्की ने रविवार को अंतरिम प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला. कार्की ने साफ कहा कि उनकी सरकार केवल संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है न कि सत्ता में लंबे समय तक टिके रहने के लिए. प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद कार्की ने अपने पहले संबोधन में Gen-Z को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि नेपाल में हाल में हुए हिंसक प्रदर्शन की जांच कराई जाएगी.