MiG-21 Decommissioning: 60 साल के बाद चंड़ीगढ़ में आज MiG-21 की आखरि उड़ान के साथ रिटायरमेंट, राजनाथ सिंह विदाई समारोह में होंगे शामिल

MiG-21 last flight Chandigarh: भारतीय वायुसेना में करीब 60 सालों तक सेवा देने के बाद मिग-21 आज शुक्रवार को रिटायर हो जाएंगे. जानकारी के मुताबिक…

MiG-21 last flight Chandigarh:

भारतीय वायुसेना में करीब 60 सालों तक सेवा देने के बाद मिग-21 आज शुक्रवार को रिटायर हो जाएंगे. जानकारी के मुताबिक मिग-21 का विदाई समारोह चंडीगढ़ में आयोजित होगा. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे. पाकिस्तान में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाला फाइटर जेट भारतीय वायुसेना से रिटायर होगा. ऐसे में भारतीय वायुसेना के लिए यादगार और भावुक पल है, मिग-21 फाइटर जेट आसमान में अपनी आखिरी उड़ान भर रहा है. साल 1963 से अपनी सेवाएं दे रहा मिग-21 अब रिटायर होने जा रहा. इस खास अवसर पर चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए हैं.एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मिग-21 बाइसन विमान की अंतिम उड़ान भरेंगे पायलटों में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी होंगी, जो मिग-21 उड़ाने वाली आखिरी महिला पायलट बनकर इतिहास रचेंगी. चंडीगढ़ में आयोजित भव्य समारोह में ये विमान असमान को अलविदा कह देंगे.

मिग-21 के डीकमीशनिंग समारोह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ’26 सितंबर को, मैं चंडीगढ़ में रहूंगा. मैं भारतीय वायुसेना के मिग-21 के डीकमीशनिंग समारोह में शामिल होऊंगा.इसके लिए उत्सुक हूं.’ सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए रक्षा मंत्री ने लिखा कि आज, 26 सितंबर को, मैं चंडीगढ़ में रहूंगा. भारतीय वायुसेना के मिग-21 के डीकमीशनिंग समारोह में भाग लूंगा. इसका बेसब्री से इंतजार है. छह दशकों तक सेवा देने के बाद, प्रतिष्ठित मिग-21 आज सेवानिवृत्त होने जा रहा है.

साल 1963 से 6 दशकों तक दि सेवाएं-

यह विमान भारत द्वारा लड़ाकू विमानों की नई पीढ़ी में प्रवेश करने के दौरान याद किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक 1963 में शामिल किए गए मिग-21 लगभग छह दशकों से लगातार सेवा दे रहे हैं और भारत की वायु शक्ति का आधार रहे हैं. चंडीगढ़ में स्थापित इसकी पहली स्क्वाड्रन, 28 स्क्वाड्रन, को भारत के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान के रूप में ‘फर्स्ट सुपरसोनिक्स’ उपनाम दिया गया था.

पाकिस्तान के नाक में ढ़ाका से लेकर किया था दम-

मिग-21 विमान ने कई अभियानों में अपनी व्यापक भूमिका निभाई है, जिनमें 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध भी शामिल है, जहां इसने अपनी युद्धक क्षमता साबित की. दशकों से, इसने लड़ाकू पायलटों की कई पीढ़ियों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से कई इसे चुनौतीपूर्ण और लाभप्रद मानते हैं. 1971 के युद्ध में, मिग-21 विमानों ने ढाका स्थित राज्यपाल के आवास पर हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करना पड़ा था. इस विमान ने 1971 में F-104 से लेकर 2019 में F-16 तक, दुश्मन के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराया है, जिससे यह भारतीय वायुसेना के इतिहास में सबसे अधिक युद्ध-परीक्षणित जेट विमानों में से एक बन गया है. ‘भारतीय वायुसेना की रीढ़’ के रूप में जाना जाने वाले मिग-21 को कारगिल युद्ध में भी शामिल किया गया था.

चंडीगढ़ एयर बेस पर फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन –

इससे पहले बुधवार को सेवानिवृत्ति समारोह से पहले चंडीगढ़ एयर बेस पर फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया. मिग-21 विमानों ने चंडीगढ़ एयरबेस के ऊपर से उड़ान भरते हुए अद्भुत हवाई करतब दिखाए. विमानों ने बादल और पैंथर फॉर्मेशन में उड़ान भरते हुए अपनी फुर्ती का प्रदर्शन किया और फिर हवा में ही एक जगुआर को रोक लिया. इस कार्यक्रम में एयर वॉरियर्स ड्रिल का प्रदर्शन, सूर्य किरण एरोबेटिक टीम का हवाई प्रदर्शन और आकाश गंगा टीम द्वारा पैरा-लैंडिंग भी प्रदर्शित की गई. फुल ड्रेस रिहर्सल के समापन पर एक औपचारिक वाटर-कैनन सलामी दी गई.

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