Madagascar Gen-Z Revolution:
अफ्रीका के मेडागास्कर में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल का अंत आखिरकार तख्तापलट से हुआ. यहां के राष्ट्रपति एंड्री रोजाएलिना अपदस्थ होने के बाद देश छोड़कर भाग गए हैं. सेना के बागडोर संभालने के बाद कर्नल माइकल रैंड्रियनिरीना ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ली.
संयुक्त राष्ट्र ने इस सैन्य कब्जे की कड़ी निंदा की है. इस मौके पर सैन्य अधिकारियों, सरकारी प्रतिनिधियों और विदेशी राजनयिकों ने भाग लिया.
कैसे हुआ सत्ता परिवर्तन?
पिछले तीन हफ्तों से युवाओं के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन चल रहे थे. प्रदर्शनकारियों की मुख्य शिकायतें थीं, पानी और बिजली की कमी, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार. इसी माहौल में कर्नल रैंड्रियनिरीना ने राष्ट्रपति एंड्री राजोएलीना के खिलाफ बगावत कर दी और उनके समर्थक सैनिकों को पीछे धकेलते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया.
देश छोड़कर राष्ट्रपति भागे, संसद ने हटाया-
इस दौरान राष्ट्रपति राजोएलीना देश छोड़कर भाग गए. रिपोर्टों के अनुसार, वे एक फ्रांसीसी सैन्य विमान से निकले. संसद ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया. इसके बाद संवैधानिक न्यायालय ने सेना के कर्नल को राष्ट्रपति बनने का न्योता दिया.
नई व्यवस्था- दो साल तक सेना की हुकूमत-
कर्नल रैंड्रियनिरीना ने कहा है कि देश को अब एक सैन्य परिषद चलाएगी और 18 महीने से दो साल बाद चुनाव कराए जाएंगे. उन्होंने दावा किया, ‘अब हम देश को फिर से गौरव दिलाएंगे, असुरक्षा से लड़ेंगे और जनता की समस्याएं हल करेंगे.
तख्तापलट की यूएन ने की आलोचना-
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह सत्ता परिवर्तन असंवैधानिक है और ‘संवैधानिक व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए. अफ्रीकी संघ ने भी इस कदम को पूरी तरह खारिज कर दिया है और मेडागास्कर की सदस्यता निलंबित कर दी है.




