Bihar Election 2025 Politics:
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आज यानी सोमवार को आइआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने सभी के खिलाफ भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) घोटाले से संबंधित एक मामले में भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं.
तीनों के खिलाफ चलेगा ट्रायल-
विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने इस मामले में सोमवार को यह आदेश पारित किया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि लालू यादव, जो 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे, ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए निजी कंपनी सुजाता होटल्स को रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटलों के पट्टे के लिए अनुचित तरीके से ठेके दिए. IRCTC से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में राउज ऐवन्यू कोर्ट ने तीनों के खिलाफ आरोप तय किए हैं और अब तीनों के खिलाफ ट्रायल चलेगा.
सरकारी पद का दुरुपयोग-
कोर्ट ने लालू यादव को आरोपों के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए जमीन का हक पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को दिया. लालू यादव की जानकारी में सब कुछ हुआ और साजिश रचने में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी बराबर शामिल हुए हैं. वहीं कोर्ट ने लालू यादव से सवाल पूछा कि क्या वे आरोपों को सही मानते हैं या नहीं तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं दोषी नहीं हूं, मैंने कुछ नहीं किया.
क्या है IRCTC होटल घोटाला?
लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान IRCTC के 2 होटल के रखरखाव का कॉट्रैक्ट एक फर्म को देने में गड़बड़ी की गई थी. CBI ने इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ धोखाधड़ी करने, आपराधिक साजिश रचने और करप्शन के आरोप लगाए हैं. वहीं तीनो की ओर से दलील दी गई है कि CBI के पास इस केस में मुकदमा चलाने के लिए सबूत नहीं है, लेकिन तीनों के खिलाफ आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा है कि लालू यादव ने पद का दुरुपयोग करके सरकारी टेंडर की प्रक्रिया में दखल दिया और टेंडर में बदलाव किया.
क्या है लैंड फॉर जॉब केस?
जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में भी आज लालू, राबड़ी, तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट आदेश सुना सकती है. CBI का केस है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004-2009 के बीच) बिहार के लोगो को मुंबई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर में ग्रुप डी पोस्ट के लिए नौकरी दी गई. इसकी एवज में नौकरी पाने वाले लोगों ने लालू प्रसाद यादव के परिजनों और परिजनों के स्वामित्व वाली कंपनी के नाम अपनी जमीन ट्रांसफर की थी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की जांच कर रहे हैं.
खबरों के लिए जुड़े रहिए LIVING INDIA NEWS के साथ 24/7 LIVE



