LIVE TV
. . .
Punjab Chandigarh National Entertainment Sports Other News Photo Gallery Video Gallery Web Stories International News Hindi News Health Technology Business

Guru Nanak Dev Ji Prakash Parv:  श्री गुरु नानक देव जयंती को प्रकाश पर्व क्यों कहा जाता है? जानें महत्व

o85

Guru Nanak Dev Ji Prakash Parv: श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के साथ ही विश्व के धार्मिक इतिहास में एक अनोखा अध्याय शुरू हुआ. आपजी का जन्म 1469 ई. में राय भोई की तलवंडी (पाकिस्तान) में पिता मेहता कालूजी एवं माता तृप्ताजी के घर में हुआ था. श्री गुरु नानक देव जी के आगमन के साथ ही इस शहर को श्री ननकाना साहिब बनने का आशीर्वाद मिला.

श्री गुरु नानक देव जी का जीवन 
16 साल की उम्र में श्री गुरु नानक देव जी का विवाह गुरदासपुर की रहने वाली बीबी सुलखनी से हुआ और उनके दो पुत्र बाबा श्री चंद और बाबा लखमी चंद ने जनम लिया.  पुत्रों के जन्म के बाद, श्री गुरु नानक देव जी लंबी यात्राओं पर गए, इस दौरान भाई मर्दानाजी, लेहनाजी, भाई बाला और भाई रामदासजी उनके साथ थे. वर्ष 1521 तक उन्होंने यात्राएं कीं और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सभी को उपदेश दिया और इसी कारण से श्री गुरु नानक देव जी को एक महान समाज सुधारक भी माना जाता है. श्री गुरु नानक देव जी ने भारत, अफगानिस्तान और अरब में कई स्थानों की यात्रा की. 

गुरु साहिब विश्व के लिए एक प्रकाश थे
गुरु साहिब जी के प्रकाश से मानवता को मार्गदर्शन का अमृत मिला, जिससे धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में क्रांतिकारी लहर पैदा हुई. गुरु साहिब जी के जन्म से पहले समाज में अज्ञानता का अंधकार था. धर्मगुरुओं से प्रताड़ित लोग ऐसे आश्रय की तलाश में थे जहां से उन्हें जीवन का सही मार्ग मिल सके. इस पतन के समय जहां लोग अंधविश्वासों और पाखंडों में फंसे हुए थे, वहीं धर्म के नाम पर मानवता को बांटने की प्रवृत्ति भी बढ़ गई थी. श्री गुरु नानक देव जी के संसार में आगमन से मानवता को ठंडक महसूस हुई. 

In The Market