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पंजाबी सिंगर गुरदास मान आज मना रहे हैं अपना 67वां जन्मदिन, सिंगर होने के साथ-साथ मार्शल आर्ट में भी एक्सपर्ट

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Gurdas Maan 67th birthday: पंजाबी सिंगर गुरदास मान किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनकी गायन प्रतिभा न केवल पंजाबी बल्कि हिंदी सिनेमा में भी देखी गई है. बता दें कि गुरदास मान आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस खास मौके पर इंडस्ट्री के कई सितारे और फैंस कलाकार को बधाई दे रहे हैं. आज हम आपको गुरदास मान से जुड़ी कुछ ऐसी बातों से रूबरू कराने जा रहे हैं जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे.

- पंजाबी गायक गुरदास मान का जन्म 4 जनवरी 1957 को पंजाब के मुक्तसर साहिब के गिद्दड़बाहा में हुआ था. 2010 में, यूके के वॉल्वरहैम्प्टन विश्वविद्यालय ने कलाकार को उनके गायन के लिए विश्व संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया था. उनकी इस उपलब्धि से न सिर्फउनके  परिवार बल्कि पूरे पंजाब में भी उनके प्रति प्यार और सम्मान बड़ गया था .

- गुरदास मान की प्रगति यहीं नहीं रुकी, बल्कि इसके बाद उन्हें पंजाबी यूनिवर्सिटी ऑफ पटियाला के 36वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की उपाधि से सम्मानित किया गया। मान साब का 1980 का गाना 'दिल दा मावर है' सुपरहिट हुआ, इस गाने से उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान मिली, उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी.

मार्शल आर्ट में भी महारत हासिल किया 
आप शायद इस बात से वाकिफ नहीं होंगे कि गुरदास मान गायकी के क्षेत्र में सक्रिय हैं, लेकिन उन्हें मार्शल आर्ट में भी महारत हासिल है.कलाकार ने जूडो में ब्लैक बेल्ट भी जीता है। गायक को सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है.

वर्कफ्रंट की बात करें तो गुरदास मान हमेशा अपने गानों से समाज को कोई न कोई संदेश देते रहते हैं. विदेश में भी लाखों लोग उनके गीत के दीवाने है.'कि बनूं दुनिया दा' गीत में उन्होंने आधुनिकता की धारा में बहते युवाओं की बात की. उनका हर गाना समाज की असल जिंदगी को पर्दे पर पेश करता है.

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