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कृषि अपशिष्ट को अपशिष्ट में बदलेगी हरित हाइड्रोजन नीति: अमन अरोड़ा

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Punjab News: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने  कहा कि पंजाब को देश भर में हरित और स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के लिए पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पीईडीए) द्वारा तैयार की गई हरित हाइड्रोजन नीति से कृषि अपशिष्टों को खत्म किया जाएगा. 

हरित हाइड्रोजन नीति के मसौदे पर यहां सी.आई.आई. में आयोजित आधे दिन के ओपन-हाउस सत्र की अध्यक्षता करते हुए इसके अलावा, हाइड्रोजन उत्पादन की नवीन उत्पादन क्षमताओं जैसे बायोमास गैसीकरण, भाप मीथेन सुधार, अपशिष्ट जल का इलेक्ट्रोलिसिस, हाइड्रोजन ईंधन मिश्रण आदि विकसित किया जाना है.

मुख्यमंत्री  के रूप में यह पहल बायोमास से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए प्रौद्योगिकियों की खोज का मार्ग प्रशस्त करेगी. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य को हरित ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है.
पंजाब मुख्य रूप से बायोमास से हरित हाइड्रोजन उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो भविष्य में शून्य-कार्बन संक्रमण के लिए एक आकर्षक विकल्प है क्योंकि राज्य सालाना 20 मिलियन टन पुआल का उत्पादन करता है.
हरित हाइड्रोजन के महत्व और इसके उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए पेडा के अध्यक्ष श्री एच.एस. हंसपाल ने कहा कि इस नीति के माध्यम से न केवल लक्ष्य निर्धारित होते हैं, बल्कि यह राज्य के टिकाऊ भविष्य के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.

पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ. अमरपाल सिंह ने कहा कि पंजाब भविष्य में हरित ऊर्जा के उत्पादन में योगदान देने में देश का अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है, जो न केवल समृद्धि लाएगा बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा. उन्होंने राज्य की हरित हाइड्रोजन नीति के तहत प्रदान किए जाने वाले विभिन्न प्रोत्साहनों के बारे में भी जानकारी दी.

संचालक श्री एम.पी. सिंह ने पेडा की विभिन्न पहलों को साझा किया जो राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पराली को लाभकारी ईंधन/ऊर्जा में परिवर्तित करने की रणनीति पर आधारित हैं.
इंटरडिसिप्लिनरी सेंटर फॉर एनर्जी एंड रिसर्च, आईआईएससी, बेंगलुरु के अध्यक्ष प्रो. डॉ. एस. दासप्पा और महानिदेशक राष्ट्रीय जैव-ऊर्जा संस्थान, एमएनआरई, भारत सरकार डॉ. जी. श्रीधर ने हरित और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पेडा द्वारा की गई पहल की भी सराहना की.
डॉ. एस. दासप्पा ने बायोमास से हाइड्रोजन का उत्पादन करने की नवीनतम तकनीक पर एक प्रस्तुति दी. पेडा के श्री रोहित कुमार ने पंजाब राज्य के लिए ड्राफ्ट ग्रीन हाइड्रोजन नीति की मुख्य विशेषताओं पर एक प्रस्तुति भी दी.

इस सत्र में एनएलटी, एचएमईएल, एचपीसीएल, गेल, इंडियन ऑयल, एनएफएल, वर्धमान, स्पोर्टकिंग, एचएमई.एल., नाहर ग्रुप और उद्योग संघों, परामर्श फर्मों, शैक्षणिक संस्थानों, ऊर्जा लेखा परीक्षकों/प्रबंधकों सहित उद्योग प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया.

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