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आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सुभाष चंद्र बोस के योगदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी - CM भगवंत मान

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CM Bhagwant Mann News : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने महान क्रांतिकारी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम ने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि मैं उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं.... भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के मन में देशभक्ति की भावना जगाता रहेगा.

सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को बंगाल राज्य के कटक शहर में हुआ था। 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में जलने के बाद ताइवान के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. उनके पिता का नाम जानकी नाथ बोस और माता का नाम प्रभी दत्त बोस था. 14 बच्चों में से 9वें नंबर पर थे सुभाष चंद्र बोस. जनवरी 1902 में, उन्हें कटक के प्रोटेस्टेंट यूरोपियन स्कूल में भर्ती कराया गया.

बोस को असाधारण नेतृत्व कौशल और करिश्माई वक्तृत्व के साथ सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है. उनके प्रसिद्ध नारे हैं 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा', 'जय हिंद' और 'दिल्ली चलो'. उन्होंने आजाद हिन्द फौज का गठन किया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान दिया.

इसके बाद उन्होंने स्कॉट चर्च कॉलेज (कलकत्ता विश्वविद्यालय) में दाखिला लिया और 1918 में बीए ऑनर्स फिलॉसफी से उत्तीर्ण हुए। उच्च शिक्षा के लिए वे 1919 में इंग्लैंड चले गए. वहां उन्होंने 8 महीने के अंदर ही इंडियन सिविल सर्विस (ICS) की परीक्षा पास कर ली.

आज़ादी के बाद इसका नाम बदलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) कर दिया गया. आईसीएस परीक्षा में वे चौथे स्थान पर आए. उन्होंने अपने बड़े भाई शरत चंद्र बोस को लिखा कि वह अंग्रेजों के लिए काम नहीं करना चाहते.

 सुभाष चंद्र बोस ने 'स्वराज' समाचार पत्र शुरू किया और बंगाल राज्य कांग्रेस कमेटी को बढ़ावा देना शुरू किया. उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता.

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