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Dhanteras 2023: धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? जानें इस दिन बर्तन खीरदने का कारण

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Dhanteras 2023: दिवाली का पांच दिवसीय त्योहार धनतेरस के दिन से शुरू होता है. धनतेरस का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है.माना जाता है कि इसी दिन आयुर्वेद के भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था.चूंकि भगवान धन्वंतरि का जन्म त्रयोदशी के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन को धनत्रयोदशी और धनतेरस जैसे नामों से जाना जाता है. 

इस साल धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ देवी लक्ष्मी और कुबेर की भी पूजा की जाती है. लोग बर्तन, सोना-चांदी, झाडू आदि भी खरीदते हैं. आइए आपको बताते हैं इस दिन से जुड़ी खास बातें. 

भगवान धन्वंतरि को नारायण का अवतार माना जाता है. मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि का जन्म समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ था. सृष्टि में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि के अवतार में जन्म लिया था. दो दिन बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं.  इसलिए धनतेरस के दो दिन बाद लक्ष्मी पूजन का त्योहार दिवाली मनाया जाता है.धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति को निरोगी काया मिलती है और परिवार से दुख और दरिद्रता भी दूर होती है. 

जहाज खरीदने का कारण
कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए तो उनके हाथ में पीतल का कलश था.  यह दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का दिन है, इसलिए लोग उनकी कृपा पाने के लिए इस दिन पीतल के बर्तन खरीदते थे, लेकिन समय के साथ पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल बंद हो गया और स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाने लगा. यूं तो आज भी लोग बर्तन खरीदने की परंपरा को निभाते हैं लेकिन ज्यादातर स्टील के बर्तन ही खरीदते हैं. 

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