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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नराता का आज पहला दिन,घटस्थापना के लिए बस इतनी देर का शुभ मुहूर्त

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Chaitra Navratri 2024: चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि यानी आज से नौ दिवसीय नवरात्रि शुरु है. इसी दिन से कालयुक्त नामक नया विक्रम संवत 2081 भी शुरू हो रहा है.ये 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित हैं. इस दौरान व्रत और देवी मां की पूजा के साथ कलश स्थापना की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. (Chaitra Navratri 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. घटस्थापना का मुहूर्त आज सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. अगर आप इस मुहूर्त में घटस्थापना न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना भी कर सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त आज सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर आज दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.

चैत्र नवरात्रि क्यों मनाते हैं?
इतिहास के अनुसार एक बार रम्भासुर के पुत्र महिषासुर ने अपनी कठोर तपस्या से भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न किया और उनसे अमरता का वरदान मांगा. ब्रह्म देव ने कहा कि जो भी जन्म लेता है, उसकी मृत्यु निश्चित है. आप अमरता के अलावा कुछ भी मांग सकते हैं. बहुत सोचने के बाद महिषासुर ने ब्रह्म देव से कहा कि वह केवल किसी स्त्री के हाथों ही मारा जा सकता है. वह स्त्री को कमजोर और असहाय समझता था इसलिए उसने यह वरदान मांगा ताकि कोई स्त्री उसे मार न सके और वह अमर हो जाए.

महिषासुर ने तीनों लोगों को बंदी बना लिया. देवता, ऋषि, गंधर्व, मनुष्य सभी उससे त्रस्त थे. तब सभी देवताओं ने आदिशक्ति मां जगदंबा का आह्वान किया. वह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को प्रकट हुईं और प्रतिपदा से नवमी तक उन्होंने एक-एक करके अपने 9 रूप प्रकट किए. तब सभी देवताओं ने उन देवियों को अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र और कवच से सुसज्जित किया. माता रानी के नौ रूपों को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है. नवदुर्गा का उद्भव चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक होता है, इसलिए चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में नवदुर्गा की पूजा की जाती है.

चैत्र नवरात्रि में कैसे करें पूजा? (Chaitra Navratri 2024 Puja Vidhi)
 नवरात्रि में पूरे नौ दिन सुबह-शाम दोनों समय पूजा करें. दोनों समय मंत्र का जाप करें और आरती भी करें. अपनी जरूरत के अनुसार किसी एक मंत्र का नौ दिन जाप करें. नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना सबसे उत्तम रहेगा. हर दिन अलग-अलग प्रसाद अर्पित करें या दो दो लौंग रोज अर्पित करें.

इस बार क्या है देवी का वाहन? (Chaitra Navratri 2024 Devi Ki Sawari) 
हर बार देवी का आगमन किसी विशेष वाहन पर होता है. इससे आने वाले समय के बारे में अनुमान लगाया जाता है. इस बार देवी का आगमन घोड़े पर हो रहा है. यह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं का प्रतीक है. लोगों के जीवन में व्यर्थ के विवाद और दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं हैं.

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