World Asthma Day 2024: इस साल विश्व अस्थमा दिवस 7 मई को दुनिया भर में मनाया जा रहा है. हर साल ये (World Asthma Day 2024) मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है. इस दिन की शुरुआत 1993 में ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा के नेतृत्व में स्वास्थ्य देखभाल संगठनों द्वारा विश्व स्तर पर अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी.
अस्थमा क्या है?
अस्थमा फेफड़ों से संबंधित एक बीमारी है.दुनियाभर में करीब 24 करोड़ लोग अस्थमा से पीडित हैं। वहीं भारत की बात की जाए तो करीब 2 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं. इस रोग में श्वसन तंत्र में सूजन के कारण सांस लेने में कठिनाई होती है. आमतौर पर जब हम सांस लेते हैं तो ऑक्सीजन मुंह या नाक के जरिए फेफड़ों तक पहुंचती है. फेफड़ों में छोटे वायुमार्ग इस ऑक्सीजन को रक्तप्रवाह में पहुंचाते हैं, लेकिन अस्थमा के रोगियों में, वायुमार्ग की परत सूज जाती है और बलगम से भर जाती है, जिससे उनके लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं कभी-कभी हवा की मात्रा भी कम हो जाती है.
अस्थमा के कारण
बढ़ता प्रदूषण अस्थमा का सबसे बड़ा कारण है. धूल और धुएं के कारण बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. इसके साथ ही सर्दी, फ्लू और मौसम में बदलाव भी इसका कारण बनता है.यह परागकणों और अन्य चीजों से होने वाली एलर्जी के कारण भी हो सकता है.कई बार इसका कारण अनुवांशिक होता है यानी अगर परिवार में किसी को यह बीमारी है तो इसके होने का खतरा ज्यादा हो सकता है.
देश में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें फेफड़ों की इस बीमारी से पीड़ित होने पर सांस लेने में परेशानी होती है.अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसे जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से दुनिया भर में यह दिन मनाया जाता है. इसका उद्देश्य दुनिया भर में अस्थमा शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में सुधार करना भी है.
अस्थमा के मरीज करें ये प्राणायाम
गौमुखासन: इस आसन को करने से अस्थमा के मरीजों को आराम मिलता है. इससे आपकी मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिसके साथ ही आपके फेफड़े हेल्दी रहते हैं.
भस्त्रिका: इस प्राणायाम को करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक ढंग से होता है जिससे अस्थमा और डायबिटीज के साथ-साथ कई बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा.
भुजंगासन: भुजंगासन भी अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है. इस आसन को करने से फेफड़ों में खिंचाव आता है. साथ ही फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचती है.
मकरासन: मकरासन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में बेहद कारागार है. इस आसन से कमर और घुटनों के दर्द में आराम मिलता है. साथ ही ब्लड प्रेशर और वजन कम करने में भी यह आसान कारगर है.
सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार करने से सिर्फ अस्थमा ही कंट्रोल नहीं होता है बल्कि आपकी पूरी बॉडी फिट रहती है.
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