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Mental Health: तनाव कम करना चाहते हैं तो ज़रूर करे ये काम, मेंटल हेल्थ होगी बेहतर

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मनुष्य का दिमाग कभी भी विचारों से मुक्त नहीं होता. हर समय हम कुछ न कुछ सोचते रहते हैं. हमारे अंदर विचारों का समंदर चलता रहता है. हमारा आंतरिक संवाद (खुद से बातें करना) हमारे विचारों, भावनाओं और कार्यों को आकार देता है. भले ही हम इस पर गंभीरता से विचार ना करें लेकिन जिस तरह से हम खुद से बात करते हैं, यह चीज हमारे आत्मविश्वास, निर्णय लेने और ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती है. 
इसलिए सकारात्मक आत्म-चर्चा यानी खुद से पॉजिटिव बात करना बेहद जरूरी है. यह जीवन में आपके व्यवहार को प्रभावित करता और दिमाग पर गहरा प्रभाव डालता है. यहां हम आपको सेल्फ टॉक के कुछ फायदे बता रहे हैं जिन्हें हर किसी को जानना चाहिए और इनका इस्तेमाल अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए.

सेल्फ टॉक के फायदे 
- सकारात्मक आत्म-चर्चा तनाव कम करने का एक शक्तिशाली उपकरण है. नकारात्मक विचारों को फिर से परिभाषित करके और रचनात्मक समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर व्यक्ति तनाव को अधिक प्रभावी ढंग से दूर कर सकता है जिससे इमोशनल बेनेफिट होता है. 

- चर्चा सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देती है. आपका आत्मविश्वास बढ़ाती है और आत्म-विश्वास को मजबूत करती है. जब चुनौतियों या अवसरों का सामना करना पड़ता है तो एक सहायक आंतरिक संवाद साहसिक कदम उठाने और आत्म-संदेह को दूर करने के लिए जरूरी प्रोत्साहन देता है.

- जब व्यक्ति सकारात्मक आंतरिक बातचीत में संलग्न होते हैं तो वे परिस्थितियों का निष्पक्ष रूप से आकलन करने और सूचित विकल्प चुनने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होते हैं जिससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में योगदान मिलता है. 

- सकारात्मक व्यवहार और रचनात्मक रवैये से सेल्फ टॉक लचीलापन के गुणों को विकसित करती है. यह व्यक्तियों को असफलताओं से उबरने, अनुभवों से सीखने और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रतिकूल परिस्थितियों को अपनाने में सक्षम बनाता है.

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