Sawan 2024: सावन का महीना पूर्णतया भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दौरान सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव करते हैं. इसके लिए सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. साथ ही सोलह सोमवार के व्रत भी सावन महीने से शुरू किया जाता है. ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं जो सावन में छोड़ दी जाती हैं. लोगों को इस महीने में मांसाहार और प्याज-लहसुन त्यागकर सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है. यह सब त्यागने के अलावा शास्त्रों में सावन में साग, दही और कढ़ी त्यागने के लिए भी कहा जाता है. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं.
क्या है धार्मिक कारण?
सात्विक भोजन खाने से शुद्धता और आध्यात्मिकता बढ़ती है. सात्विक भोजन ताजा और हल्का होता है.
माना जाता है कि भगवान शिव को प्रकृति और प्राकृतिक चीजों से बहुत प्यार है. तभी उन पर भांग के पत्तों से लेकर बेल पत्र तक अर्पित किए जाते हैं. दूध और दही से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. ऐसे में पंडितों का कहना है कि हम जिन चीजों से भगवान शिव की आराधना करते हैं उन्हें फिर आहार के रूप में खाना गलत है. ऐसे में सावन में साग, दूध और दही का सेवन नहीं करना चाहिए.
क्या है वैज्ञानिक कारण?
सावन का महीना लगते हैं हल्की-हल्की बरसात शुरु हो जाती है, जिसकी वजह से पर्यावरण में जीव-जंतु, कीटाणु और विषाणुओं का प्रकोप भी बढ़ जाता है. हम सभी जानते हैं कि दही बैक्टीरिया से ही बनता है.
आयुर्वेद के अनुसार, तामसिक भोजन सुस्ती पैदा कर सकता है. इसके साथ ही दही खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी की भी समस्या हो सकती है. इस कारण भक्तों का आध्यात्मिक अभ्यास भी बाधित होता है.
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